Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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November 23, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

How to be Happy in Married Life – पति पत्नी खुश कैसे रहें – Husband Wife Relationship Tips in Hindi

How to be Happy in Married Life

How to be Happy in Married Life – पति पत्नी खुश कैसे रहें – Husband Wife Relationship Tips in Hindi – कल एक कपल मिला.. उन्होनें हाल ही मे शादी की 50 वीं सालगिरह मनाई. बातो बातों में जब पूछा कि क्या आपकी लड़ाई झगड़ा होता था तो उन्होने बताया कि लड़ाई झगड़ा तो होता था और आज भी होता है होनी चाहिए इससे प्यार बढता है…

How to be Happy in Married Life – पति पत्नी खुश कैसे रहें – Husband Wife Relationship Tips in Hindi

मैंने सोचा कि क्यू न उनके अनुभव से फायदा उठाया जाए.. और बोला कि हैप्पी मैरिड लाईफ की कुछ टिप्स दीजिए..  तो उन्होने 50 साल के अनुभव से कुछ सदाबहार टिप्स बताई. जिसे हम आज भी एपलाई करके खुश और सुखी रह सकते हैं….

 

 

1.  झग़डा पकड कर नही बैठना

आमतौर पर जब झगड़ा होता है तो हम उसे पकड कर बैठ जाते हैं छोटी छोटी बातें पकड कर बैठ जाते हैं और वो बात का बतगंड बन जाती हैं. 1महीने बाद भी याद करते हैं कि हां हमारा इस बात पर झगड़ा हुआ था… या फिर अपने परिवार मे बता देते हैं कि इस बात पर झगड़ा हुआ … इन्होने ये कहा … तो बात बढ़ जाती है इसलिए घर का झगड़ा घर की चारदीवारी में ही रहना चाहिए और बात बढ़ाने की बजाय खत्म करने की कोशिश करनी चाहिए.. हमारी बात हमेशा आई गई हो जाती है……

2. टाईम मैंनेजमैंट

किसी प्रोग्राम में जाना है कितने बजे जाना है तो समय से तैयार रहना. आमतौर ज्यादातर लेडीज बहुत समय लगाती हैं कुछ परिवार में पति बहुत समय लगाते हैं.. इससे पति लोगो को बहुत गुस्सा आता है अगर पहले से ही समय फिक्स किया हो तो कि इस समय हम बाहर कार में होंगें तो झगडे का कोई सवाल ही नही रह जाता..

3.  एक दूसरे के पेरेंट्स को परिवार को रिस्पेक्ट

आमतौर पर पति बोलेगें तुम्हारी मम्मी ने किया तुम्हारे पापा ने ऐसा किया… शादी को 30 साल भी हो जाएगें फिर भी मेरे तुम्हारे ही रहता है .. जबकि इन रिश्तों को सही मान रिस्पेक्ट देनी बहुत जरुरी है.. इन रिश्तों में अगर अपनापन हो तो मेरा तेरा न हो तो रिश्ता खूबसूरत हो जाता है..

4 . विश्वास

सबसे ज्यादा तनाव का करण बनता है शक.. और अगर ये मन में एक बार आ गया तो… कोशिश यही रहनी चाहिए कि एक दूसरे से कुछ न छिपाएं.. जहां छिपाया वहीं शक पैदा हो जाता है और इसका अंजाम कभी अच्छा नही होता.. इसलिए पहली बात तो हो ही नही और अगर आ गया तो बजाय इधर उधर के आमने सामने बैठ कर क्लीयर कर लेना चाहिए…

5.  बच्चों की देखभाल

बच्चों की देखभाल का जिम्मा सिर्फ मम्मी का नही दोनों का है और मम्मी पापा दोनो को ज्यादा से ज्यादा समय को देना चाहिए.. कही धूमने की बात हो तो अक्सर पति यही कहते हैं तुम ले जाना … जबकि दोनो को बराबर समय देना चाहिए.. और अगर फिर भी बिजी हैं तो इतना तो कर सकते हैं कि आफिस का काम घर पर न लाए बच्चे के साथ आराम से डिनर करें. टीवी देखे या खेलें पर समय जरुर लगाएं.

6.  देखा देखी न करें

हमारे घर ऐसा होता था या मेरी सहेली के घर ऐसा होता है तो हमें भी वैसा ही करना चाहिए ये सही नही है… अपने घर परिवार को अपने हिसाब से हैंडल करना चाहिए.. हमेशा अपने हिसाब से चलना चाहिए !!हमारे परिवार के लिए क्या सही क्या गलत है इस बात का ख्याल रखना चाहिए..

7 . प्यार सबसे पहली प्राथमिकता – पसंद ना पसंद का ख्याल रखना

प्यार करना , केयर करना पसंद ना पसंद का ख्याल रखना सबसे पहली  प्राथमिकता होनी चाहिए, एक दूसरे की फीलिंग का सम्मान करना आना चाहिए take for granted महत्व नहीं समझना, मान कर चलना. घर मे बिन अपूछे मेहमान बुला लिए. देर रात तक ड्रिंक लिए जा रहे हैं अरत को 12 बजे खा भी गर्म ही चाहिए… ऐसा नही होना चाहिए.. या फोन आएगा आज पार्टी में जाना है तैयार रहना,  पत्नी टीवी देख रही हैं और बिना पूछे चैनल बदल देना..

तो ये थी कुछ बातें जो उन्होनें बताई.. आप बताईए कि क्या सोचते हैं?? क्या ये पुरानी बाते आज के समय मे भी मान्य हैं ?? इनका ख्याल रख कर क्या सुखी रहा जा सकता है..

पति पत्नी खुश कैसे रहें –

 

November 22, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

Importance of Focus for Success – सफल कैसे हों – Use Power of Focus – सफलता का मंत्र

Importance of Focus for Success

Importance of Focus for Success – सफल कैसे हों – Use Power of Focus – सफलता का मंत्र – सफल होने के लिए Focus जरुरी – इतनी शिद्दत से मैंने तुम्हे पाने की कोशिश की हैं, की हर ज़र्रे ने मुझे तुमसे मिलाने की साजिश की हैं. बहुत अच्छा है न ये डायलॉग.. बस बोलने में अच्छा लगता है.. शिद्दत शब्द… अगर हम इसकी गहराई समझ जाएं तो हम भी सफल हो सकते हैं…

Importance of Focus for Success – सफल कैसे हों – Use Power of Focus

जिंदगी में हम सभी सफल तो होना चाह्ते हैं पर सफल होने के लिए गोल पर फोक्स नही रख पाते… तो सफलता कैसे मिलेगी… इसलिए फोकस रखना बहुत जरुरी है शिद्दत से जुटना होगा वैसे एक वो एक डायलॉग है ना कि

 

इतनी शिद्दत से मैंने तुम्हे पाने की कोशिश की हैं, की हर ज़र्रे ने मुझे तुमसे मिलाने की साजिश की हैं. बहुत अच्छा है न ये डायलॉग.. बस बोलने में अच्छा लगता है.. शिद्दत शब्द… अगर हम इसकी गहराई समझ जाएं तो हम भी सफल हो सकते हैं…

चलिए अपनी बात को बताने के लिए एक कहानी सुनाती हूं..

एक बार महान संत सुकरात से उनके एक शिष्य ने कहा कि गुरूजी, मैं जीवन में बहुत सफल होना चाहता हूँ,

मुझे कुछ ऐसी शिक्षा दीजिये जिससे में जिस भी लक्ष्य को चाहूं उसे हासिल कर सकूं। सुकरात ने यह सुनकर शिष्य से कहा “ठीक है, तुम कल सुबह झील के किनारे आ जाना, जहाँ में हर रोज़ नहाने के लिए जाता हूँ, में तुम्हे लक्ष्य हांसिल करने का अचूक मन्त्र बताऊंगा।

सुकरात की यह बात सुनकर शिष्य खुश हो गया, और अगले दिन ठीक समय से पहले ही झील पर सुकरात के आने का इंतज़ार करने लगा।जब सुकरात आये तो उन्होंने शिष्य को थोडा गहरे पानी में चलने को कहा, जब शिष्य और सुकरात दोनों गहरे पानी में पहुँच गए तो उन्होंने शिष्य को झील के पानी में डुबकी लगाने को कहा

शिष्य ने ऐसा ही किया! लेकिन जब उसने पानी के अन्दर डुबकी लगायी तो सुकरात ने उसका सर जोर से पकड़ लिया और उसे पानी से बाहर नहीं निकलने दिया!!! शिष्य बाहर निकलने के लिए छटपटाने लगा!!! क्यों की सुकरात उस समय ताकतवर थे,

शिष्य बहुत जोर लगाने पर भी उनकी पकड़ से नहीं छूट पाया! पानी के अन्दर उसका चेहरा नीला पड़ने लगा, तब उसने आखिरी बार, अपनी पूरी ताक़त लगा दी और पानी से बाहर सर निकालने में कामयाब हो गया दोनों किनारे पर पहुचे! शिष्य बहुत घबरा गया था, जब उसकी हालत कुछ ठीक हुई तो सुकरात ने पूछा कि कुछ समझ आया??

वो बोला कि क्या समझ… मैं तो मरने ही वाला था… जिस समय मैंने तुम्हें डुबाया क्या सोच रहे थे .. तो वो बोला सोचना क्या मैं तो बाहर निकलने की सोच रहा था कि किस तरह से बाहर निकलूं… और क्या चल रहा था.. किसी और के बारे में कुछ सोच रहे थे तो वो बोला मेरा तो ध्यान बस यही था किस तरह से बाहर मुंह निकालूं पानी से… और सास लूं

गुरु जी ने कहा कि बस यही बात समझा रहा हूं कि जिस तरह से तुम पानी से बाहर आने और सांस लेने के लिए छटपटा रहे थे, उस वक़्ततुमने अपनी सारी शक्ति इस लक्ष्य को पाने में लगा दी,

ठीक उसी प्रकार, जीवन में तुम कोई लक्ष्य तब तक नहीं हांसिल कर सकते, जब तक तुम उसे पाने के लिए बहुत बेताब न हो, और अपनी सारी शक्तियां उसे पाने में ना लगा दो…

वजह .. जिंदा रहना था और लक्ष्य था पानी से बाहर निकलना

तेजी,  कठोरता,  सख्ती , बल , तीव्रता…  फोकस  Use Power of Focus

यही जीवन में सफल होने का मंत्र है । फोकस जितना स्ट्रांग हो उतना अच्छा नही तो वजह खोजनी पडेगी…

असंभव कुछ भी नहीं है. तुम जो भी काम कर रहे हो, अपना दिमाग पूरी तरह से बस उसी एक काम में लगा दो.

और फोक्स जितना स्ट्रांग होगा सफलता भी उतनी ही शानदार मिलेगी…..

Importance of Focus for Success – सफल कैसे हों – Use Power of Focus – सफलता का मंत्र

November 21, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

Mother deserves highest Love and Respect – माँ होती है सबसे ज्यादा प्यार और सम्मान की हकदार

Mother deserves highest Love and Respect

Mother deserves highest Love and Respect – माँ होती है सबसे ज्यादा प्यार और सम्मान की हकदार – Manushi Chhillar – Miss World 2017 …. और विश्व सुंदरी हैं भारत की मानुषी छिल्लर 2017.. जब ये खबर हैडलाईन बनी तो बहुत गर्व भी और खुशी भी बहुत हुई कि हमारा देश भी किसी से कम नही चाहे खेल का मैदान हो या अंतरिक्ष में जाने की बात हो या सुंदरता का खिताब हो…

Mother deserves highest Love and Respect – माँ होती है सबसे ज्यादा प्यार और सम्मान की हकदार

वैसे मानुषी की एक और बात ने सभी का दिल जीत लिया और वो है प्रतियोगिता के दौरान … कोश्चन रांऊड में उनका एक जवाब…  उनसे जब पूछा गया कि किस प्रोफेशन को सबसे ज्यादा सैलरी मिलनी चाहिए और क्यों. उन्होनें कहा मां को…  सबसे ज्यादा इज्जत मिलनी चाहिए और जहां तक सैलरी की बात है तो इसका मतलब रुपयों से नहीं बल्कि सम्मान और प्यार से है…. बहुत केयरिंग होती हैं और उसके बदले वो यही चाहती है कि उसे बस प्यार और आदर मिले और कुछ नही..

मां की खासयियत होती ही यही है कि वो अपने लिए कुछ नही चाहती न अपना ख्याल रखती है… उसके लिए सब कुछ उसका घर परिवार ही होता है…  और हम for granted ले लेते हैं..

 

इसी बारे में एक प्रसंग याद आ रहा है कि बहुत पहले पढा था कि भगवान स्त्री की रचना कर रहे थे तब उन्हें काफी समय लग गया। छठा दिन हो गए और स्त्री की रचना अभी अधूरी थी। इसलिए देवदूत ने पूछा – भगवान, आप इसमें इतना समय क्यों ले रहे हो? भगवान ने जवाब दिया-

क्या तुमने इसके सारे गुण खासियत देखी हैं, जो इसकी रचना के लिए जरूरी हैं। यह हर प्रकार की परिस्थितियों को संभाल सकती है।

यह एकसाथ अपने सभी बच्चों को संभाल सकती है एवं खुश रख सकती है।  अपने प्यार से घुटनों की खरोंच से लेकर टूटे दिल के घाव भी भर सकती है। 18 घंटे काम भी कर सकती है। देवदूत हैरान रह गया अच्छा ?? और आश्चर्य से पूछा

देवदूत ने नजदीक जाकर स्त्री को हाथ लगाया और कहा- भगवान यह तो बहुत नाजुक है। भगवान ने कहा- हां, यह बाहर से बहुत ही नाजुक है, मगर इसे अंदर से बहुत मजबूत बनाया है। इसमें हर परिस्थितियों का संभालने की ताकत है। यह कोमल है पर कमजोर नहीं है। देवदूत ने पूछा- क्या यह सोच भी सकती है? भगवान ने कहा- यह सोच भी सकती है और मजबूत होकर मुकाबला भी कर सकती है।

देवदूत ने नजदीक जाकर स्त्री के गालों को हाथ लगाया और बोला- भगवान ये तो गीले हैं। लगता है इसमें से कुछ बह रहा है। भगवान बोले- यह इसके आंसू हैं। देवदूत- आंसू किसलिए? भगवान बोले- यह भी इसकी ताकत है। आंसू इसको फरियाद करने, प्यार जताने एवं अपना अकेलापन दूर करने का तरीका है।देवदूत- भगवान आपकी रचना अद्भुत है। भगवान बोले- यह स्त्रीरूपी रचना अद्भुत है। यही हर पुरुष की ताकत है, जो उसे प्रोत्साहित करती है। वे सभी को खुश देखकर खुश रहती हैं, हर परिस्थिति में हंसती रहती हैं। उसे जो चाहिए, वह लड़कर भी ले सकती है।

मगर हर परिस्थितियों से समझौता करना भी जानती है।

देवदूत- भगवान आपकी रचना संपूर्ण है। भगवान बोले- ना, अभी इसमें एक त्रुटि है। यह अपनी महत्ता भूल जाती है। घर पर किए काम को कभी पैसे से नही तोलती… उसे चाहिए तो बस प्यार और सम्मान और वो हमे देना चाहिए… हम देते ही नही… हुक्म भी चलाते हैं बत्तमीजी से भी बोल जाते हैं… आप बताईए क्या सोचते हैं..

माँ होती है सबसे ज्यादा प्यार और सम्मान की हकदार

November 20, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

What Type of Parents are You – कैसे parents हैं आप – Smart Parenting Tips in Hindi – मोनिका गुप्ता

What Type of Parents are You -

What Type of Parents are You – कैसे parents हैं आप – Smart Parenting Tips in Hindi – Difference Between Parents and  Extra ordinary means Smart Parents – अक्सर हम सभी पेरेंट्स  खुद को बहुत केयरिंग समझते हैं पर क्या वाकई में होते हैं ??  कहीं ऐसा तो नही बच्चे को फायदा पहुचाने के चक्कर में हम नुकसान कर रहे हो..

What Type of Parents are You – कैसे parents हैं आप

8 बातो से जानते है कि हम  Parents हैै या  Smart Parents यानि साधारण पेरेंट्स है या असाधारण  पेरेंट्स

 

1.   Parents

हमेशा बच्चों के साथ रहते हैं. कभी बच्चे को अकेला नही छोडते

Smart Parents

बजाय हमेशा साथ रहने के बच्चों को थोडी freedom देते हैं ताकि कुछ confidence आए  independently कुछ सीख सकें

2.   Parents

बात बात पर टोकते हैं ये सही नही… इसे ऐसे नही करते. ये गलत है..

Smart Parents

गलती करने देते हैं क्योकि वो जानते है कि बच्चा जब तक गलती नही करेगा वो सीखेगा भी नही

3.   Parents

हमेशा जताते रहते हैं कि हमें तुम्हारा कितना ख्याल रखते हैं ये सब तुम्हारे लिए ही कर रहे हैं…

Smart Parents

बात बात पर जताते नही ख्याल रखते हैं

4. Parents

हमेशा एक टीचर की तरह बर्ताव करते हैं और बच्चो को पढाई करते वक्त खुद ही जवाब लिख देते हैं

Smart Parents

हमेशा बच्चों से दोस्ताना व्यावहार रखते हैं और बच्चों को खुद करने के लिए उत्साहित करते हैं

5.   Parents

बात बात पर बच्चों को दूसरों का उदाहारण देते हैं कि इसने ऐसा किया उसने वैसा किया

Smart Parents

बजाय तुलना करने के बच्चे खुद किसी बात का उदाहरण बनें इस बात के लिए मोटिवेट करते हैं

6. Parents

प्रोब्लम में बच्चे के साथ खडे रहते हैं

Smart Parents

वो प्रोब्लम हुई किसलिए जानने की कोशिश करते हैं

  1.  Parents

अच्छा बनने की कोशिश करते हैं

Smart Parents

नेचूरल बने रहने की कोशिश करते हैं जैसे हैं वैसे ही रहते हैं

8.   Parents

हमेशा ये कहना कि तुम्हें नही आता .. तुमसे नही हो सकता

Smart Parents

तुम कर सकते हो.. एक बार फिर कोशिश करो..

  1.  Parents

पूरा फोकस पढ़ाई पढ़ाई और पढ़ाई पर ही रहता है

Smart Parents

पढ़ाई के साथ साथ साथ co curricular activities में भी बच्चे का फोकस रहे ऐसी सोच रखते हैं

Parent हैै या  Smart Parents

November 18, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

Let Kids Learn from their Mistakes – क्या करें जब बच्चे गलती करें – बच्चों को गलतियों से सीखने दें

Let Kids Learn from their Mistakes

Let Kids Learn from their Mistakes -क्या करें जब बच्चे गलती करें – बच्चों को गलतियों से सीखने दें – Mistakes Improve Children’s Learning – Everyone makes mistakes and children are no exception  क्या करें जब बच्चा गलती करे… तो जवाब होगा. गुस्सा करना, पिटाई करना और क्या … पर उसे गलती करने दीजिए.. तभी तो सीखेगा..   बच्चे को गलती करने दीजिए… learn and grow with your mistakes – let your child make mistakes and learn…

Let Kids Learn from their Mistakes – क्या करें जब बच्चे गलती करें – बच्चों को गलतियों से सीखने दें

बच्चों को गलती करने दीजिए तभी तो सबक सीखेंगें …  . कोई भी व्यक्ति परफेक्ट नहीं होता फिर चाहे वो बड़ा हो या छोटा, आदमी हो या औरत हर कोई गलतियां कर ही बैठता है. गलतियों से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है इसलिए गलती करते रहना चाहिए…

 

पर बच्चा जब गलती करे तो हम उसे गुस्सा होते हैं ये किसलिए किया क्यो किया… ऐसा नही करना चाहिए था जबकि बच्चे को भी गलती करने देना चाहिए..

गलती करेंगे तभी समझेंगे उस बात की महत्ता.. गलती करने से Self-confidence आता है, difficult situations से कैसे निकला जाता है ये समझ आता है responsibility  की भावना आती है जोकि मारने से तो बिल्कुल समझ नही आएगी जरुरत होती है खुद महसूस करने की … समझ नही आएगी पर जब तक उसे खुद रिएलाईज नही करेंगे .., तब तक समझ नही आएगी…  तभी तो स्ट्रांग बनेगें

फैला हुआ कमरा

जैसे मान लीजिए एक बच्चा है उसका कमरा फैला हुआ है.. आप रोज समझाते हैं कमरा मत फैलाओ … कई बार तो पिटाई भी कर देते हैं और ठीक भी कर देते हैं.. एक बार गुस्सा भी मत करिए और कमरा भी ठीक मत करिए..

एक समय ऐसा आएगा जब न उसे टाई मिलेगी न जुराब… न कॉपी … स्कूल के लिए देर हो रही होगी. बस मिस हो जाएगी… तो खुद परेशान हो जाएगें और खुद ही समझ आ जाएगी कि कमरा साफ रखना किसलिए जरुरी है.. पर मारना बहुत नाराज हो जाना ये भी सही नही है…  और उस समय कि चल मैं तुझे कार में छोड आती हूं क्लास न मिस हो जाए तो बच्चा नही सीखेगा.. इसे कमरा साफ करने की महत्ता नही पता चलेगी… responsibल कैसे बनेगा..

खेलते हुए गिरना

बच्चे खेलते हैं तो चोट भी लगेगी, कपडे गंदे भी होंगें.. तो क्या आप इस वजह से खेलने ही नही देंगें कि नही खेलना चोट लग जाएगी.. कपडे खराब हो जाएगें बल्कि इसी बहाने उन्हें बोल्ड बनाना चाहिए कि गिर गए तो कोई बात नही खेलो.. कपडे तो धुल ही जाएगें… इसी बहाने आप फर्स्ट एड का भी बता सकते हैं कैसे दवाई लगती है कैसे बैडडेड लगाई जाती है.. बोल्ड

फेल हो जाने दीजिए..

हम हमेशा उम्मीद रखते हैं कि बच्चा क्लास सबसे ज्यादा नम्बर आएं… बच्चे के अगर कम नम्बर आए तो हम मारते हैं गुस्सा करते हैं .. आने दीजिए बच्चे के कम नम्बर… बहुत कुछ सीखने को मिलेगा.. पता चलेगा कि जिंदगी में उतार चढाव आते रहते हैं… पर उसमे तनाव नही बना कर उससे सीखना है..  गुस्सा करेगें तो एक तरह के भय मे जीने लगेगा .. झूठ भी बोलना शुरु कर देगा… खुद साईन करके ले जाएगा कि घर से मार पडेगी… जिंदगी का सच

भूल जाने दीजिए ..

टिफिन रख लिया, कॉपी रख ली ?? ये सारा काम मम्मी का होता है… कभी कभी स्कूल में टिफिन ले जाना भूल गया, कभी अपनी कॉपी ले जाना भूल गया… तभी उसे उसकी महत्ता पता चलेगी.. सब बच्चे खा रहे होंगें या क्लास में टीचर गुस्सा करेगी कि कॉपी किसलिए नही लाए… तभी सीखेगा

Confidence आएगा..

खुद करेगें सबक लेगें तो दूसरो के लिए प्रेरणा बन जाएगें कि मैं दूध नही पीता था ग्रीन वेजिटेबल नही खाता था …  इसलिए स्ट्रांग नही हूं खानी चाहिए, कमरा साफ रखना चाहिए.. तो करने दीजिए बच्चों को गलतियां…

मीठी याद होती हैं कुछ गलतियां

कई बार हमारे बोलने का विषय ही यही होता है चाहे हमारे बचपन की बातें हो या बच्चे के बचपन की… पता एक बार जब ये छोटा था तो क्या हुआ था… इसने क्या शरारत की थी… कितना अच्छा लगता है बताना एक मीठी याद ही तो होती है तो करने दीजिए कोई मासूम गलती…

Let Kids Learn from their Mistakes – क्या करें जब बच्चे गलती करें – बच्चों को गलतियों से सीखने दें

November 16, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

छेड़छाड़ करना मना है

Monica Gupta

छेड़छाड़ करना मना है.. रानी पद्मावती पर जंग जारी है.. मेरे विचार से अगर हम कोई फिल्म किसी ऐतिहासिक पात्र को लेकर बनाते हैं तो उसके साथ छेड़छाड़ न करें तो ज्यादा ठीक होगा.. उसे ठीक वैसा ही रखें जैसा अभी तक वो हमारे जहन में हैं या हमने उसे पढ़ा है  और अगर बनाना ही है तो उस पात्र को कोई दूसरा नाम लेकर फिल्म बनाए ताकि किसी की भावनाएं आहत ही न हो..

छेड़छाड़ करना मना है

वैसे फिल्में ही नही आजकल  तो टीवी सीरियल में पौराणिक कथाओं को लेकर भी बहुत छेड़छाड़ देखने को मिल रही है..

कई बार तो कुछ बातें गले से नीचे नही उतरती… इसका कोई फायदा नही वो इसलिए भी कि जो उनके प्रति हमारा सम्मान है वो कम या खत्म भी हो सकता है या वो मजाक का कारण भी बन सकते हैं … तो छेड़छाड़ होनी ही नही चाहिए.. जो दिखाना है सही दिखाईए !!

आजकल सोशल मीडिया जितना प्रभावशाली हो रहा है अगर उसमे कोई अच्छा संकेत जाए तो अच्छा है अन्यथा नाम खराब होते ज्यादा समय नही लगता…  पहले समय में किसी को पता ही नही चलता था कुछ भी किए जाओ पर आज नेट की भूमिका बहुत सशक्त हो गई है.. इसलिए जो  भी करें सोच समझ कर ..

और वैसे भी हमारी संस्कृति ही तो हमारी विरासत है… इसे बनाए रखना हमारा फर्ज है..

छेड़छाड़ करना मना है

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