Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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October 17, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

Importance of Education for Teens – बच्चों के लिए पढ़ाई का महत्व – Why Study is Important for Teens

Monica Gupta

Importance of Education for Teens – बच्चों के लिए पढ़ाई का महत्व – Why Study is Important for Teens आज मेरी बात Teens से…क्या वाकई पढ़ाई जरुरी होती है ?? पढ़ाई की महत्ता..

Importance of Education for Teens – बच्चों के लिए पढ़ाई का महत्व

जब पढ़ाई की बात आती है हमें नींद आनी शुरु हो जाती है या भूख लगनी शुरु हो जाती है पर जब मोबाइल करते हैं या फेसबुक करते हैं तो नींद भाग जाती है … भूख भी भाग जाती है …

 

क्या वाकई पढ़ाई बहुत बोरिंग होती है… क्या इसका कोई फायदा नही…

बताईए … क्या सोच रहे हैं … ??  चलिए मान लीजिए आपको पढ़ाई अच्छी नही लगती … और एक दिन आप सुबह उठते हो और आपके पेरेंटस कुछ नही कहते … आप पढ़ाई करो , स्कूल जाओ … आप अपनी मर्जी के मालिक हो … दो दिन चार दिन खूब धूमते हो खूब मस्ती करते हो … और फिर धीरे धीरे बोर होने लगते हो …

कोई आपको वेल्यू नही देता … आपके दोस्तों ने भी बात करना बंद कर दिया .. आपके छोटे भाई बहन अपनी कोई प्रोब्लम लेकर नही आते … क्योकि आपको आता ही नही कुछ … अब घर के काम के लिए आप रह गए हो … जरा सब्जी ले आओ , जरा ये कर दो जरा वो कर दो … अब क्या चल रहा है मन में पढ़ाई की याद आ रही है ना …

इसकी वेल्यू पता लग रही है ना… तो वेल्यू तो है ही

जहां तक मेरा विचार है .1 % भी पढ़ाई का नुकसान नही है … पढ़ाई के तो बहुत फायदे ही फायदे हैं

चलिए मैं बताती हूं आपको 7 बातें…

1 विद्यां ददाति विनयं

विद्यां से विनय आता है और विनय से योग्यता और योग्यता से धन, धन से धर्म, और धर्म से सुख प्राप्त होता है …

देखिए एक काम किया और कितनी सारी चीजे होती चली गईं   Make us human हमें अच्छा इंसान बनाती है पढ़ाई … शिक्षा हमें इंसान बनाती है… आमतौर पर जो लोग चोरी चकारी करते हैं वो आपने देखा होगा कि अनपढ ही होते हैं

2. Confident बनाती है पढ़ाई हमें

पढ़ाई हमें confident बनाती है कि अगर हम पढे लिखे हैं तो हम बात करने में झिझकते नही … हमे इतना ज्ञान होता है हम बात कर सके… discussion कर सकें … अगर पढे लिखे नही होंगें तो जहां कुछ लोग बात कर रहे होंगें हम चुप खडे पढना नही आता बैंक गए हैं कह रहे हैं भाई ये भर दो क्या लिखा है बता दो ..

3.पढ़ाई हमें आत्मनिर्भर भी बनाती है…

अगर हमे अच्छी शिक्षा ली है तो हम कुछ भी करने के लिए तैयार हैं हम अपना काम भी शुरु कर सकते हैं.. किसी को देखने की किसी पर निर्भर रहने की जरुरत नही…

4 हमारी जिंदगी में खुशी लाती है

बिना पढ़ाई के शिक्षा के जीवन बेकार है.  अगर अच्छी तरह पढ़ाई करेंगें तो अच्छी नौकरी मिलेगी. हमारी समाज में इज्जत बनेगी .. नही तो कोई नही पूछेगा …

5 Turns your dreams into reality – पढ़ाई हमारे सपनो को सच बनाती है

… जब हम पढते हैं तो हमारे मन मे कुछ न कुछ जरुर होता है चाहे हम हीरो बनना चाहें , टीचर बनना चाहे, पुलिस आफिर डाक्टर  कुछ बनना चाहे तो पढाई से ही बना जा सकता है कि हम ये बनें वो बनें और अगर हमने दिल लगा कर पढ़ाई की तो यकीनन हम कुछ न कुछ जरुर पा सकते हैं इसलिए हमारे सपनो को पूरा करने में मदद करती है हमारी शिक्षा..

6  कोई बुदू नही बना सकता

Education produces good citizens  – अच्छे नागरिक बनते हैं शिक्षा से

चलिए मैं आपको एक बात बताती हूं.. कुछ समय पहले हमारे घर काम करने वाली लेट आई जब पूछा तो बोली कि तबियत ठीक नही थी दवाई लेने गई थी फिर उसने मुझे दवाई दिखाई जब मैंनें दवाई देखी तो वो दवाई पुरानी थी यानि एक्पायरी .. मैंने उसे बोला कि तुरंत दवा बदल कर लाओ और दुकानदार को भी गुस्सा करना … वो बेचारी चुपचाप किसलिए चली गई [पता है .. क्योकि वो अनपढ थी और दुकान दार ने उसका फायदा उठाया.

ऐसे ही एक बार और हुआ कि स्कीम थी … एक के साथ एक फ्री पर उसे पता ही नही था … बाद मे बताया तब दुबारा दुकान पर गई …

तो हुआ न नुकसान अनपढ होने का कोई भी बुदू बना सकता

7. दुनिया को अच्छी और रहने लायक जगह बनाती है पढ़ाई

मान लीजिए आप ऐसी जगह रहते हैं जहां सारे अनपढ लोग है … न नहाना , न खाने का तरीका न बात करने का सलीका.. ये इस वजह से है कि वो सब अनपढ हैं … कोई नियन नही कोई कानून नही है वहां .. वहीं आप ऐसी जगह रहते हैं जहां सब पढे लिखे समझदार लोग है आराम से बात करते हैं … तो कौन सी जगह रहने लायक हुई .. वही जहां सब पढे लिखें है… मिलजुल कर प्यार से रहते हैं

तो पढ़ाई को बनाईए अपना पैशन  

और भी जाने कितने फायदे हैं हमें जिंदगी में कुछ न कुछ तो जरुर एचीव करना है … है ना … अगर वाकई करना है तो जुट जाईए पढाई में और कुछ बन कर दिखाईए और दूसरों को Educate करें   पढाई की महत्ता को दूसरों के साथ भी शेयर कीजिए उन्हें समझाईए …

Importance of Education for Teens – बच्चों के लिए पढ़ाई का महत्व

October 16, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

Do Good to Others – अच्छाई की राह पर चलें – Inspirational Story

Do Good to Others

Do Good to Others – अच्छाई की राह पर चलें – Inspirational Story  – Do Good and Good will Come Back to You –  आजकल हम बहुत नेगेटिव होते जा रहे हैं ना किसी का अच्छा सोचना,  न किसी का अच्छा करना और क्या आपके मन में भी यही बात आ रही होगी कि ?? किसलिए करें अच्छाई या भलाई ? सभी तो बुरा काम कर रहे हैं… तो हमें अच्छाई के रास्ते पर चल कर क्या मिलेगा..

Do Good to Others – अच्छाई की राह पर चलें – Inspirational Story

मिलता है बहुत कुछ मिलता है चलिए अपनी बात समझाने के लिए मैं एक कहानी सुनाती हूं जोकि मैंनें नेट पर ही पढी थी..

कहानी कुछ इस तरह है

 

एक गांव में एक गुरु अपने शिष्यों को कुछ साल तक शिक्षा देते हैं और जब उसनी शिक्षा समाप्त होने वाली होती है तो वो अलग अलग टास्क देते है और एक आखिरी यानि फाईनल टास्क या परीक्षा होती है कि एक गुफा के अंदर जाना.

सभी को नंगे पैर अंदर जाना होता है सब स्टूडेंटस अंदर जाते हैं बहुत अंधेरी गुफा होती है..

कुछ को जल्दी थी कि ये आखिरी टास्क है फिर घर जाएगें … इसलिए जल्दी जल्दी चल रहे थे गुफा को पार कर रहे थे…

उनमे एक शिष्य था .. जब वो चल रहा था तो उसे कुछ कंकड पैरों में चुभे ..

जिससे उसे चलने में बहुत दिक्कत हुई …

उसने सोचा कि इन कंकरों पत्थर को उठा लेता हूं ताकि गुरु जी जब किसी और को भेजे तो उन्हें न चुभे ..

तो वो उस अंधेरी गुफा में कंकड उठा कर अपनी जेब में भर लिए एक दो उसकी देखा देखी ककंड उठाए पर बस ज्यादा नही उठाए और बाहर निकल गए..

बाहर जब आए तो गुरु जी खडे थे.. गुरु जी ने उससे पूछा कि क्या हुआ देर कैसे लग गई वो बोला कि रास्ते में कंकड बहुत थे ..

सोचा किसी दूसरे के पांव में न चुभ जाए इसलिए अपनी जेब में भर लिए और जेब से निकाल कर दिखाने लगा …

जैसे ही दिखाया तो उसने क्या देखा कि जिसे वो कंकड समझ रहा था वो हीरे थे। जिन्होंने कम उठाये वो पछताए कि ज्यादा क्यों नहीं उठाए…

जिन्होंने नहीं उठाए वो और भी ज्यादा पछताए..  जिसने भला सोचा और ज्यादा कंकड उठाए उसे सबसे ज्यादा फल मिला… तो इसलिए भलाई के काम करते रहना चाहिए…

वैसे वो कहते भी है ना कि

मैं “किसी से” बेहतर करुं क्या फर्क पड़ता है..
मै “किसी का” बेहतर करूं बहुत फर्क पड़ता है..!!

#इंसान की #अच्छाई पर सब #खामोश रहते हैं चर्चा अगर उसकी #बुराई पर हो तो #गूँगे भी बोल पड़ते हैं..!

अच्छाई अगर वह अपने में नहीं तो कही भी नहीं…

बुराई की खासियत हैं कि वो कभी हार नहीं मानती और अच्छाई की एक ही खासियत हैं कि वो कभी हारती नहीं….

 

एक प्रेरक कहानी – कर भला तो हो भला – Do Good to Others – अच्छाई की राह पर चलें – Inspirational Story – Do Good and Good will Come Back to You – Motivational Videos in Hindi – अच्छे काम करते रहना चाहिए

October 15, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

Role of Father in Parenting – बच्चों की परवरिश में पिता की भूमिका – बापू सेहत के लिए तू तो

Role of Father in Parenting

Role of Father in Parenting – बच्चों की परवरिश में पिता की भूमिका – बापू सेहत के लिए तू तो … बापू सेहत के लिए तू तो लाभदायक हैजब भी पेरेंटिंग की बात होती है हमारे जहन में सिर्फ मदर्स ही आती है पर पापा लोग का भी बहुत बडा रोल होता है बेशक,  उनका समय बच्चों के साथ ज्यादा नही निकलता पर ये बात भी सच है कि बच्चे उनके पास आकर उनसे बात करके ज्यादा खुश, satisfied महसूस करते संतुष्ट करते  हैं..बच्चों की जिंदगी में पापा का बहुत बडा Influence  प्रभाव होता  है…

 

कैसे मैं आपको 7 बातें बताती हूं कि कैसे…

Role of Father in Parenting – बच्चों की परवरिश में पिता की भूमिका –

1. पापा Encourage करते है Healthy Risks लेने के लिए

पापा बोल्ड होते हैं इसलिए बच्चों को उत्साहित करते हैं कि चलो आगे आओ … मान लीजिए स्वीमिंग है … या साईकिल चलाना है या स्कूटी चलानी है मम्मी तो घबरा जाएगी पर पापा बच्चों को मोटिवेट करते हैं कि हां हां  चलाओ … चलो शाबाश … क्या है बच्चों को दब्बू बना रही हो … और बच्चे खुश !!

2 पापा के साथ ज्यादा सेफ होते हैं

मान लीजिए कही ट्रिप पर जा रहे हैं और रास्ते में कार खराब हो गई तो बच्चे चिंता नही करते कि कोई बात नही पापा है ना … वहीं अगर मम्मी हो तो मम्मी तो खुद ही घबरा कर फोन करने लगती है … तो बच्चे पापा के साथ खुद को ज्यादा सेफ फील करते हैं…

3 पापा अच्छे जोड़ीदार होते हैं  Playmate, दोस्त होते हैं और टीचर होते हैं

पापा पार्टनर की तरह होते है जब भी बाहर खेलने की बात होती है तो बच्चे यही चाहते हैं पापा उन्ही के पार्टनर बने… क्योकि उन्हें विश्वास होता है कि पापा बहुत स्ट्रांग हैं और पापा की टीम ही जीतेगी.. कुछ समझ नही आ रहा हो तो पापा के पास ही भागते हैं …

4. Health के लिए भी Benefit होता है  – बापू सेहत के लिए तू तो लाभदायक है

पापा के साथ खाना खाते हैं हैल्थ के लिए फायदेमंद होता है.. दो बातें

और कई बार ऐसा भी होता है कि मम्मी बच्चों को खाने के लिए बोलती है पर बच्चे नही खाते और पापा जब बोलते हैं एक ही बार में खा लेते हैं पापा का डर भी होता है कि नही खाया तो पापा गुस्सा हो जाएगें …

अकसर मम्मी बच्चों का बहुत ख्याल रखती हैं और खूब खिलाती है और काम भी नही करने देती … बार बार किचन के चक्कर लगा रही है बच्चों को खाना सर्व कर रही है … वहीं अगर पापा वहां होते हैं तो बच्चों को बोलेगे की चलो जाओ मम्मी की हैल्प करवाओ… मम्मी को भी गुस्सा करेगें की बच्चों को काम नही करने देती बिगाड रही हो … काम करने दो …

5. बहुत केयरिंग होते हैं – दिल कोमल पर दिखाते स्ट्रांग हैं

मदर्स बहुत इमोश्नल होती है… बात बात पर रो देती हैं पर पापा लोग बहुत स्ट्रांग होते हैं और किसी भी बात को जल्दी से रिएक्ट नही करते … वैसे दिल तो बहुत कोमल ही होता है… मेरी एक जानकार की बेटी होस्टल में पढने चली गई .. तो पापा उसे फोन करते कहते हैं कि बेटा फोन करते रहा करो तुम्हारी मम्मी को बहुत इंतजार रहती है तुम्हारे फोन की … जबकि इंतजार उन्हें खुद को रहती है पर कैसे बोल दें … स्ट्रांग़ भी तो है ना …

6. Father As A Role Model – my daddy strongest

बच्चों के लिए पापा किसी रोल मॉडल से कम नही होते … my daddy strongest . कहते हुए बच्चे कितना इतराते हैं.. बेटी तो पापा की लाडली होती ही है … वो अपनी सारी बात अपने पापा से मनवा लेती हैं… बच्चों को पापा पर पूरा विश्वास होता है किसी दोस्त के साथ खटपट हुई हो या कोई और बात … बोलते हैं कि पापा को बता दूंगा फिर देखना … तो पापा पर पूरा विश्वास होता है

7. परिवार का ख्याल रखते हैं

स पिता यस्तु पोषक:
अर्थात पिता वही है जो पोषक है। पालने वाले होते हैं

बच्चों के लिए पापा घर पर बहुत सारे रोल अदा करते हैं सबसे पहले तो सारी डिमांड पूरी उन्ही से होती है … मम्मी से कुछ कहें तो यही सुनने को मिलता है पापा से पूछ कर बताऊंगी यानि मम्मी सारे निर्णय नही ले सकती इसलिए पापा की अहम भूमिका होती है..  …

तो देखा पापा कितना रोल अदा करते हैं..

एक लडकी कहती है

मुझे पापा से ज्यादा शाम अच्छी लगती हैं, क्योंकि पापा तो सिर्फ खिलोने लाते हैं,

लेकिन शाम….शाम तो पापा को घर लाती हैं… 

Role of Father in Parenting – बच्चों की परवरिश में पिता की भूमिका –

October 14, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

Problems faced by Women in India – जिंदगी का कड़वा सच – Problems को कैसे Face करें – महिलाएं कृपया ध्यान दें

महिलाएं कृपया ध्यान दें

Problems faced by Women in India – जिंदगी का कड़वा सच – Problems को कैसे Face करें – महिलाएं कृपया ध्यान दें – Motivational Videos in Hindi – Monica Gupta – How to Solve a Problem. Problem का हल कैसे निकालें.

Problems faced by Women in India – जिंदगी का कड़वा सच

जिंदगी का कडवा सच ये भी है कि लाईफ है तो उसमें प्रोब्लमस भी होगी ही… ऐसा तो कोई भी नही दुनिया में जिसे कोई प्रोब्लम न हो … आती ही है प्रोब्लोमस तो जब प्रोब्लम आए तो हमें उसे पकड कर बैठे रहना चाहिए … निराश हो जाना चाहिए…. मायूस हो जाना चाहिए या इससे निकलने की कोशिश करनी चाहिए… आप बताईए कि क्या करना चाहिए… यकीनन बाहर ही निकलने की कोशिश करनी चाहिए

यही कहना है ना आपका

समस्याओं से कभी दूर नही भागे  जिंदगी में Problem को तो फेस करना ही चाहिए नही तो वो और बडी और भयानक होती जाएगी

तो इससे बाहर कैसे निकलें. मान लीजिए मैं किसी ऐसी परेशानी में हूं इसका कोई हल नही समझ आ रहा … तो क्या करें.. ??

सबसे पहले पहचानिए कि क्या कोई समस्या है ??  Identify the issues सबसे पहले तो अपने आप से पूछिए कि क्या ये प्रोब्लम है ?? और जवाब आता है कि हां ये बहुत बडी प्रोब्लम है..

क्या इसका हल बातचीत है… अगर वो भी नही सब करके देख लिया तो

Accept it. इसे Accept  करिए कि है और अब तैयार हो जाईए इसका सामना करने को … देखिए जिसकी वजह से तनाव है पहले तो उससे बात कीजिए पर लगता है कि कोई फायदा नही… तो क्या करें…

अब सोचना बंद करें… अब पहले प्रोब्लम है फिर मान लिया और

जरा सोचिए कि सोच कर क्या फायदा हुआ… चलिए अगर सोचने से फायदा होता है हम सब भी मिलकर सोचगे और सोचते ही रहेंगें इसी चक्कर में खाना पीना भी छोड देंगें

अपने ऊपर कोई बीमारी भी लगा लेंगें

घर पर बुरी तरह से तनाव का वातवरण हो जाएगा

तो है कोई फायदा … तो सोचना बंद करें

अगर सोचना है तो ये सोचिए कि इस तरह की Problem आपके साथ ही नही बहुतों के साथ हैं और भी हैं लोग… आप अकेले नहीं परेशानियों का पहाड़ आपके सिर पर नही है..

जरुरत इस बात की है कि हम डील कैसे करते हैं सामना कैसे करते हैं

Change Your Language About The Problem From Negative To Positive अब आपने क्या करना है कि पॉजीटिव सोचना है… मन में जो बुरे ख्याल आ रहे हैं उन्हें झटक कर अपने आप को किसी न किसी बात में व्यस्त रखना है…

इसके लिए जरुरी है खुद को स्वस्थ रहना और स्वस्थ रहने के लिए आप वॉक पर भी जा सकते हैं … या मेडीटेशन भी कर सकते हैं

ऐसे समय में Positive किताबे पढना या ऐसे ही दोस्तों की संगत मे रहना बहुत जरुरी है…

मनोबल बनाए रखना है…

हर किसी का जीवन परफेक्ट नहीं होता…

अगर हमने परेशानी को परेशानी नही समझा तो वो ज्यादा समय तक नही रहेगी इसलिए उसे भाव ही मत दो ..

और मस्त रहो. जो बात खुशी देती है वो करना सीखो.

पति बहुत शराब पीते हैं 

असल में, ये बात मैं इसलिए कह रही हूं कि पिछ्ले कुछ समय से एक कॉमन प्रोब्लम पर लेडीज के मैसेज आ रहे है और वो है पति का शराब पीना … जिसकी वजह से वो बहुत तनाव में हैं … ये बात मैं उन्ही को कहना चाह रही हूं पहले आप बात कीजिए अगर नही मानते तो ठीक है .. बस स्वीकार कर लीजिए … कि जब छूटेगी  तब छूटेगी …भाव ही मत दीजिए … शो मत कीजिए न नाराजगी न कुछ बस मार्मल बन कर रहिए …  अपनी सेहत किसलिए खराब करनी … बच्चों के साथ व्यस्त रहिए कुछ क्रिएटिव कीजिए, अपने अंदर छिपी कला को बाहर लाईए और उसी में मस्त रहिए… उधर ध्यान ही न ही दीजिए…

बस एक बात करनी हैं कि उम्मीद रखें इसी पर दुनिया कायम है

एक न एक दिन समय जरुर बदलेगा… पर तनाव में रहकर अपनी सेहत खराब करना जरा भी समझदारी नही…

October 12, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

How to Make Your Parents Feel Proud of You – बच्चे क्या करें कि Parents Proud करें – #TipsForTeens

Monica Gupta

How to Make Your Parents Feel Proud of You – बच्चे क्या करें कि Parents Proud करें – #TipsForTeens– आज मेरी बात बच्चों से है…..बच्चे ऐसा क्या करें कि मम्मी पापा को गर्व हो…

यकीनन आप बच्चे सोच रहे होंगें कि अरे गर्व … गर्व तो बहुत दूर की बात है पेरेंट्स तो खुश भी नही होते.. पर ऐसी बात नही है इसलिए ऐसी सोच को मन से निकाल दीजिए…

बच्चे क्या करें कि Parents Proud करें

और जरा सोचिए कि आपके पैरेंटस कितना ख्याल रखते हैं… मम्मी पढाई पर ध्यान देती है. पढाई के पीछे अपनी नौकरी भी छोड दी है …  वहीं पापा भी कई बार ओवर टाईम करते हैं इसलिए हम बच्चों को भी तो कुछ ऐसा काम करना चाहिए कि उन्हें हम पर गर्व हो… वो कहें कि .. “I’m proud of you, मुझे तुम पर गर्व है..

 

 

अगर आप ये सोचते हो कि आपको मोबाईल नही करने देते

आप को खेल कर आने में देर हो जाती है तो गुस्सा करते हैं या

जहां भी आप जाते हैं बार बार फोन करते रहते हैं

ये सब इसलिए करते हैं कि आपको प्यार करते हैं … आपका ख्याल है उन्हें…. दिखाने में बहुत गुस्से वाले होते हैं पेरेंट्स पर उनका इतना छोटा सा दिल होता है और बच्चों की छोटी छोटी सी बातें उन्हें बहुत खुशी दे जाती है और वो गर्व करने लगते हैं और अपने आप को बहुत भाग्यशाली मानने लगते हैं… तो अब बात ये आती है कि ऐसा क्या काम करें … !!

मैं ज्यादा नही बस 7 बाते बताऊंगी कि किन बातो से पेरेंट्स आप पर गर्व कर सकते हैं …

Do well in school

मम्मी पापा का एक ही ख्याल रहता है कि बच्चा अच्छे से पढाई करें तो हमे करनी चाहिए … ध्यान लगा कर करनी चाहिए इससे पेरेंट्स बहुत गर्व महसूस करते हैं कठिन परिश्रम कीजिए .. मान लीजिए आपके क्लास में अच्छे नम्बर आते हैं और टीचर से जब पेरेंट्स मिलने आते हैं और जब टीचर बोलती हैं कि आपका बच्चा  बहुत अच्छा कर रहा है … तो उनकी आखों में देखिएगा कितना गर्व होता है और आखें भी छलछला जाती है… पर सिर्फ पढ़ाई मे ही आगे रहें ऐसा नही हैं और भी बहुत सारे ऐसे काम हैं जिनसे हम अपने पेरेंट्स को गर्व महसूस करवा सकते हैं.

Touch the Core– परिवार की दिल से केयर करना

अपने मम्मी पापा का ख्याल रखना उनकी केयर करना… मान लीजिए उनकी तबियत ठीक नही तो उनकी मदद करवाना… सिर दर्द है तो सिर दबाना… उनका जन्मदिन है या शादी की सालगिरह है तो कोई सरप्राईज देना.. hand-made cards, flowers, bouquet  देना … या अपने हाथ से कुछ बनाना या उन्हें बाहर धूमने भेज देना … फैमली फोटो देना उनके साथ मिल बैठ कर बात करना उनके लिए बहुत मायने रखती है.

Be Responsible

अगर हम Responsible यानि जिम्मेदार बनेगें तो उनका विश्वास बना  रहेगा और हमारी तरफ से चिंता भी नही रहेगी… ईमानदार रहिए और पापा मम्मी का दिल जीत लीजिए. इसके लिए सबसे ज्यादा जरुरी है सच बोलना और ईमानदार रहना … ऐसी कोई बात न करना जिससे उन्हें दुख पहुंचें. घर के काम की कुछ responsibility अगर हम अपने ऊपर ले लेगें तो यकीनन उन्हे खुशी होगी और वो जरुर बोलेंगें  कि हमारा बच्चा समझदार हो गया है that your parents will feel proud of you.

कुछ न कुछ सहयोग करें –  Be Co-operative – Be kind 

अगर हमारी मदद करने वाली नेचर होगी तो उन्हें इस बात का भी गर्व होगा.. किसी बच्चे को पढाना , किसी पड़ोसी की मदद करना, बातें होती बहुत छोटी छोटी हैं पर असर बहुत बडा डालती हैं इसलिए कुछ न कुछ अच्छा काम करना चाहिए ताकि माता पिता गर्व महसूस करें…  किसी की मदद…  Perform small acts of kindness every day.

Be Obedient –  Stay Calm  – Don’t Argue with them

एक अच्छे आज्ञाकारी बच्चे बनें. कई बार हम बहस करने लगते हैं और ऊंची ऊंची बोलने लगते हैं तो इसे न करें अपने भाई बहन के साथ भी बहुत प्यार से रहें… हमेशा लडाई झगडा करते हैं तो ये गुस्से का कारण बनता है इसलिए … ठंडा ठंडा कूल कूल रहें…  Listen to what they say & smile.  Never speak rudely to your parents. Do not criticize their opinion. Make them feel good instead of frustrated.

Do Right Things

नकल मारना , नियम न मारना, स्कूल बंक करना … अच्छी बातें करें कई बार हम कुछ गलत संगत में आकर नशा करने लगते हैं या कुछ ऐसा काम करते हैं जो सही नही हैं इससे माता पिता की आखें नीची हो जाती हैं और अगर आप इन सब बातो से ऊपर उठ जाएगें तो उन्हें आप पर गर्व ही होगा …

बुजुर्गों का आदर करना  Respect Elders 

आमतौर पर हम अपने दोस्तों के चक्कर में बड़े बुजुर्गों का आदर करना भूल जाते हैं ना उनके पास बैठते हैं न बात करते हैं .. जबकि उनके पास बैठ कर उनके अनुभवो से सीखेंगें तो बहुत कुछ जानने को मिलेगा … इससे माता पिता भी खुश होगें.. जब बडे बुजुर्ग आशीर्वाद देते हैं तो ये बहुत गर्व की बात होती है….

October 10, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

बच्चों में संस्कार – माता पिता की भूमिका – Teach Indian Culture to Children – Parenting Tips In Hindi

Monica Gupta

बच्चों में संस्कार – माता पिता की भूमिका – Teach Indian Culture to Children – Parenting Tips In Hindi – हम अक्सर कहते हैं कि बच्चों को संस्कार सिखलाने चाहिए .. क्या हम ये बात सिर्फ कहते ही हैं या कोई उदाहरण भी बनते हैं…

बच्चों में संस्कार – माता पिता की भूमिका – Teach Indian Culture to Children

मेरी एक जानकार कुछ दिनों के लिए विदेश जा रही थी जब मैं उसके घर मिलने गई तो वो पैकिंग कर रही थी और घर पर थोडा तनाव चल रहा था. उसके घर वाले नाराज हो रहे थे साड़ी मत ले कर जाओ वहां सभी जींस पहनते हैं आप भी जींस खरीद लो … पर उसने साफ साफ मना कर दिया बोली साड़ी ही पहनूंगी… ज्यादा हुआ तो चूडीदार और कुर्ता ले जाती हूं पर जींस नही ..

 

 

कभी पहनी ही नही तो अब किसलिए… ये हमारा कल्चर है … यकीन मानिए … मैं अपनी सहेली के साथ थी.. उनका आठ साल का बेटा वही बैठा था और वो बोलने लगा … इंडिया इंडिया …. चेयर करने लगा और मम्मी से लिपट गया. .. सच मानिए मुझे बहुत अच्छा लगा. ये होते है प्रैक्टिकल संस्कार.. जीता जागता उदाहरण…

बच्चों को सिखाएं – Indian Culture – भारतीय संस्कृति – My Country – India

ये बातें देख कर बच्चा अपना संस्कृति, कल्चर न सीखे हो ही नही सकता… इसमे माता पिता की भूमिका अहम होती है. हमारी पहचान ही हमारे संस्कारों से है और हमें उसे नही छोडना चाहिए.. बात सिर्फ हमारे देश की नही बल्कि विदेश में भी पेरेंटस अपने बच्चों को संस्कार देते हैं. मेरे बहुत जानकार हैं जो विदेश में जाकर बस गए हैं पर बच्चों को संस्कार जरुर भारतीय दिए हुए हैं.

एक मेरी सहेली हैं पुष्प अत्री जोकि 18  साल से न्यूयार्क अपनी फैमली अपने हसबैंड और दो बच्चों नील औए सोनिका के साथ रहती हैं… घर पर हिंदी में ही बात करते हैं.. असल में, उनका इंडिया चक्कर लगता रहता है तो वो ये चाहती हैं कि बच्चे जब इंडिया आएं तो अपनी मातृभाषा न भूलें..

उन्होनें बताया कि विदेश में भी बहुत भारतीय रहते हैं और समय समय पर त्योहार सेलीब्रेट करते रहते हैं. कुछ समय पहले न्यूयार्क में जब इंडिया डे मनाया गया तो वो भी परेड का हिस्सा बनें और बहुत गर्व महसूस हो रहा था.

उन्होनें  ये भी  बताया कि घर पर रामायण, महाभारत की डीवीडी रखी हैं और समय समय पर जरुर देखते हैं हनुमान चालीसा तो बच्चों को लर्न ही है और वहां तो मंदिर या गुरुद्वारों में हिंदी क्लासेस भी लगती हैं…

उनकी देखा देखी एक सहेली निशा जोकि मिशिगन  Michigan रहती हैं वो भी अपने बच्चों को हिंदी में बोलने के लिए प्रोत्साहित कर रहीं हैं.

मुझे भी याद आई एक फिल्म कभी खुशी कभी गम जब काजोल का बेटा जन गन मन गाता है स्कूल में…. तो पूरे हॉल में कितनी तालियां बजी थी…

और ये तो खैर एक दो ही उदाहरण हैं ऐसे न जाने कितने उदाहरण हैं जो विदेश में रहते हुए भी बच्चों को भारतीय संस्कारों के साथ ही बढा कर रहे हैं…

कितने विदेशी बच्चे हैं जो संस्कृत में इतनी खूबसूरती से श्लोक बोलते हैं कि हैरानी होती है. जब विदेशी हमारे कल्चर को इतना पसंद करते हैं तो हमें तो अपना कल्चर आगे लाना ही चाहिए … और हम तो संस्कृत हो या संस्कृति सभी भूलते जा रहे हैं .. तो हमें भी बढ़ावा देना चाहिए और हमारे त्योहार एक बहुत अच्छा उदाहारण बनते हैं…

पैर छूने को ओल्ड फैशन माना जाता है और हैलो हाय का पाठ पढाना ज्यादा सही समझते हैं. इंगलिश बोलनी नही आती तो शर्म महसूस करते हैं जबकि कोई बच्चा विदेश से आए और पैर छुए तो हम कितने प्रभावित हो जाते हैं कि भई ये देखो अपना कल्चर नही भूला…

अगर मन में इच्छा है देश के प्रति प्यार है तो विदेश में भी हम अपने बच्चों को संस्कार दे सकते हैं और इच्छा नही है तो इंडिया में रहते हुए भी बहाने निकल आएगें…

वैसे आप बताईए कि आप क्या सोचते हैं ?

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