Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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June 22, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

मेरे मन की बात ये है

 जिंदगी जिंदादिली का नाम है

मेरे मन की बात ये है … कोई मन की बात कहता या सुनता है तो जहन में मोदी जी का नाम आना स्वाभाविक है. कल योग  दिवस के दौरान बरसात हुई तो मोदी जी ने कहा कि योग के फायदे तो जानता हूं पर योग मैट का फायदा आज पता चला कि बारिश आ जाए तो छ्तरी बन सकता है … सुनकर हंसी आ गई … वाकई …

मेरे मन की बात ये है

लगातार हो रही बारिश को लेकर भी पीएम नरेंद्र मोदी ने चुटकी ली कि बारिश आ जाए तो योग मैट का कैसे प्रयोग हो लोगों ने बता दिया है. 

वैसे एक बात तो माननी पडेगी कि मोदी जी निसंदेह अन्य नेताओ से अलग है… उसका कारण ये है कि नेताओ ने प्रोजेक्ट तो बडे बडे चलाए पर जमीनी स्तर पर खुद उतर कर काम नही किया वहीं मोदी जी ने न सिर्फ स्वच्छता अभियान के दौरान झाडू पकडी वही सेहत को लेकर भी जागरुक बनाने का भरसक प्रयास किया …

जिसका जीता जागता उदाहरण है योग दिवस … वो अलग बात है कि लोगो में जगरुकता किसी भी क्षेत्र में नही आ रही … पता नही वो सचेत नही है या सोच ये है कि हम तो किसी अन्य पार्टी से हैं तो हम किसलिए उनका समर्थन करें …

पर कार्य तो किया है चाहे वो नोट बंदी का हो, लाल बत्ती कल्चर का बंद करना  हो  , स्वच्छता का मामला हो या सेहत से जुडा … !!बेशक बहुत बातें नापसंद भी हैं … !! पर पर पर …

जिस नेता की जो बात अच्छी लगे उसका समर्थन जरुर करना चाहिए क्योकि ऐसा करने से हमारा देश आगे बढता है और हमारा नाम होता है !! चाहे वो केजरीवाल जी हों, राहुल बाबा हों या कोई अन्य नेता …

June 22, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

माता पिता के लड़ाई-झगड़ा का बच्चों पर असर – एक कहानी

 Art of Public Speaking in Hindi

माता पिता के लड़ाई-झगड़ा का बच्चों पर असर – एक कहानी –  पेरेंट्स का लड़ाई-झगड़ा जब होता है , माता पिता में जब झग़डा होता है तो वो भूल जाते हैं कि मासूम बच्चे पर इसका कितना असर पडेगा .. जबकि अपने अहम को दूर रख कर बच्चों के भविष्य के बारे में सोचना चाहिए.

माता पिता के लड़ाई-झगड़ा का बच्चों पर असर – एक कहानी

थोडी देर पहले मैं नेट पर कुछ सर्च कर रही थी तभी ध्यान गया एक वीडियो पर… वीडियो में 6 साल की बच्ची अपनी मम्मी को बोल रही थी कि आप और पापा दोस्त बन कर किसलिए नही रहते … मिल कर रहो … अच्छा लगेगा … और ये मत सोचना कि इसमे मेरा फायदा है पर आप दोनो मिल कर रहो …

मैं वीडियो देख रही थी और मुझे अपनी लिखी कहानी याद आ गई बहुत समय पहले लिखी थी …

एक कहानी

कहानी दस साल की एक लडकी मणि की है वो क्लास में अचानक पिछ्डने लगती है … टीचर बहुत अच्छी होती हैं वो एक दिन उसे कॉमन रुम मे बुलाती हैं और उससे से सारा पूछती है …. मणि बताती है कि पापा मम्मी बहुत लडाई करते हैं सारा समय झगडते ही रहते हैं अब तो ये बात करने लगे हैं कि मैं किससे साथ रहूंगी … इसलिए … मैं दोनो के साथ रहना चाह्ती हूं …

मुझे पापा मम्मी दोनो चाहिए … इस बात के दो तीन दिन बाद अचानक मणि की स्कूल में तबियत खराब हो जाती है उसे डाक्टर के के जाया जाता है मम्मी पापा भागे भागे आते हं डाक्टर  बताते हैं कि बहुत ज्यादा तनाव में है इसे प्यार दीजिए नही तो कुछ भी हो सकता है …

 

मणि बिल्कुल गुमसुम सी हो जाती है … न कुछ खाना न पीना … एकदम चुप्प पापा मम्मी दोनो उसे ऐसे देख घबरा जाते हैं और मिलकर ध्यान देने लगते हैं और कोशिश ये करते हैं कि उसके सामने झगडा न करें …

एक बार डाक्टर की सलाह पर तीनो हिल स्टेशन पर भी जाते हैं … और धीरे धीरे मणि की सेहत में सुधार होने लगता … एक महीने बाद आज मणि फिर स्कूल जा रही है और मम्मी पापा दोनो छोडने जाते हैं …

बाहर मणि की क्लास टीचर मिल जाती हैं और वो उसे अंदर ले जाती हैं … अब मणि और उसकी टीचर क्लास रुम में न जाकर कॉमन रुम में जा रहे थे और वहां बैठे थे डाक्टर अंकल … डाक्टर अंकल यानि क्लास टीचर के husband .. मणि डाक्टर अंकल को देखते ही thanks  बोलती गले लग जाती है …

Doctor uncle कहते हैं कि भई एक्टिंग में  मैं खुद को हीरो समझता था पर तुम तो सबसे बडी हीरोईन निकली… तीनों ठहाका लगा कर हंसते हैं …

असल में, जब मणि क्लास टीचर को सारी बात बताती है तो टीचर और उनके डाक्टर पति मणि के साथ मिलकर एक ट्रिक चलते हैं … मणि की तबियत खराब नही हुई होती .. ये सब मिलवाने के लिए एक स्कीम होती है … और बेटी को खोने के डर से वो झगडा खत्म कर मिल जाते हैं.

अब टीचर कहती हैं कि हमें बता देना चाहिए  मम्मी पापा को पर मणि कहती है कि नही अगर पता चल गया और वो वापिस से झगडे तो … !!

पर मम्मी पापा को भी पता चल जाता है असल में जब वो मणि को स्कूल छोड कर जा रहे होते हैं तो मम्मी देखती हैं कि मणि का लंच तो कार में ही रह गया … वो दोनो जाते हैं और कॉमन रुम मे जा रहे होते हैं कि टीचर और मणि की आवाज सुनकर रुक जाते हैं …

उन्हें जब सच्चाई पता चलती है तो बहुत दुख होता है और मन ही मन सकंल्प करते हैं कि न तो मणि को महसूस होने देंगें की हमे सच्चाई पता चल गई और न कभी आपस में लडेंगें … तीनों हमेश प्यार  से रहेंगें और मणी से बिन मिले वापिस लौट जाते हैं … एक अच्छी शुरुआत के लिए …

बच्चे के बेहतर भविष्य के लिए मम्मी पापा को लडना नही चाहिए और मिल बैठ कर हल निकाल लेना चाहिए … जैसे मणि ने किया जैसे इस वीडियो में दस साल की लडकी ने अपील की … तो पेरेंटस को भी सोचना चाहिए .

पेरेंट्स का लड़ाई-झगड़ा

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माता पिता के लड़ाई-झगड़ा का बच्चों पर असर – एक कहानी

A 6 year old girl give her mom a wake up calls a lesson of life after her parents been divorced – YouTube

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June 21, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

व्यक्तित्व आकर्षक बनाता है सुनने का कौशल

जीवन में माता पिता का महत्व

व्यक्तित्व आकर्षक बनाता है  सुनने का कौशल – Hamara vyaktitva akarshak banata hai  sunne ka kaushal. क्या आप present है … Class room में जब mam attendance  लेती है तो बोलती हैं कि क्या आप present हैं … रोल नम्बर लेती हैं और हम बोलते हैं Yes mam , पर असल में, क्या हम वाकई में present होते हैं मान लीजिए क्लास चल रही है और student बैठे हैं पर mam जो बोल रही है हमारा ध्यान कही और है … सिवाय उस subject के … कहीं और है … नतीजा क्या होगा … बताने की जरुरत नही

 व्यक्तित्व आकर्षक बनाता है सुनने का कौशल

इसलिए हम जहां हैं वहां न सिर्फ तन से बल्कि मन से भी present होना ही पडेगा … तब मानी जाएगी असली सुनने की कला..

वैसे हमारा facial expressions चेहरे के हाव भाव  या  body language सिग्लन दे देती है कि क्या हम वाकई में वहां हैं बाते सुन रहें हैं या नही …

किसी की बात सुनना किसी गिफ्ट से कम नही है … ये खासियत बहुत कम लोगो मे होती हैं और ऐसे लोग बात ध्यान से सुनते हैं वो अपने रिश्ते अच्छे बना पाते हैं, किसी की कोई problem हल कर पाते हैं

कैसे  develop किया जाए ये skill … हम भी अच्छे श्रोता बनना चाहते हैं

Face the speaker and maintain eye contact.

आमतौर पर लडनें हो जाती है जब हम किसी से बात कर रहे हो और वो मोबाईल कर रहा हो … या ध्यान कहीं ओर हो …  कितना गुस्सा आता है कि मैं बात कर रही हूं और तुम काम कर रहे हो … मेरी आखों में देखो …!!

Be attentive  stare नही करना … eye contact का मतलब ये नही कि अपलक देखते ही रहो … इसका मतलब यह अहसास करवाना होता है कि आप बात सुन रहे हैं … इसी बीच में गर्दन भी हिलानी होती है और मुंह से बोलना भी होता है ताकि लगे कि आप बात सुन रहे हो ..

Listen without judging….  पहले पूरी बात सुन लीजिए कई बार बिन पूरी बात सुने हम बीच में ही अपना फैसला सुना देते हैं … अरे भई सुन लीजिए कि अगला क्या कहना चाह रहा है … तसल्ल्ली से सुनिए और फिर विचार दीजिए …

न  interrupt करना है और न अपने विचारों को impose करना अगर कोई बात कर रहा है और आपका मन भटकने लगे तो immediately refocus कर लीजिए.

I’m more important than you are.

What I have to say is more interesting, accurate or relevant.

I don’t really care what you think.I don’t have time for your opinion.

concentrate करना है तब भी जब आप बोर हो रहे हों

ये हैं कुछ खासियत अगर हम इन्हें अपना लेगें तो लोग भी हमें अपना  लेंगें और हमारी परवाह भी करेंगें …

 

be present

give attention

apply or direct yourself

pay attention remain ready to serve

सुनने की कला, सुनना कौशल, सुनने  का महत्व , सुनना क्या है., हमारा व्यक्तित्व आकर्षक बनाता है –  सुनने का कौशल, सुनने का महत्व पर ध्यान देना बहुत जरुरी है . स्मार्ट बनने का तरीका ये भी है

सुनना ही है even if it bores you. If your thoughts start to wander, immediately force yourself to refocus.

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Hamara vyaktitva akarshak banata hai  sunne ka kaushal

व्यक्तित्व आकर्षक बनाता है सुनने का कौशल

June 20, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

ये हौसला कैसे झुके – आत्मविश्वास  कमजोर न  करें

जीवन में माता पिता का महत्व

ये हौसला कैसे झुके – आत्मविश्वास  कमजोर न  करें- yeh hausla kaise jhuke  – मनोबल मजबूत  रखतेे हुए हमेंं आगे  बढना होगा .  मोटिवेशनल विचार . बहुत बार ऐसा होता है हम मेहनत करते जाते हैं … करते जाते हैं पर कोई न हमारी तरफ ध्यान देता और और न हमें प्रोत्साहित करता … तो क्या करना चाहिए ??? … मेहनत छोड देनी चाहिए … नही … बल्कि …  हमें अपना मनोबल बनाए रखना  चाहिए और बस अपने लक्ष्य की ओर जुटे रहना चाहिए … बस … चाहे  कोई प्रशंसा करे या न करें पर यकीन मानिए जब हम सफल होंगें तो सब हमारे पीछे हो जाएगें  …

ये हौसला कैसे झुके – आत्मविश्वास  कमजोर न  करें

ये बात हाल ही मैंने महसूस की देखी और एक सबक मिला.

हुआ ये … भारत पाकिस्तान का क्रिकेट फाईनल मैच था …मैंने पढा था कि भारत पाक फाईनल मैच 100 करोड लोग देखेंगें यानि दुनिया का हर आठवाँ व्यक्ति मैच देखेगा .और मीडिया भी पूरे दिन यही कवरेज दिखा रहा था कि भारत पाक मैच है … और मैच शुरु हुआ और जब भारत ने खेलना शुरु किया और आऊट होते चले गए …

तो अचानक मीडिया ने वहां से ध्यान हटाकर एक दूसरी खबर पर कर लिया वो खबर हॉकी की थी ये मैच भी लंदन में ही हो रहा था पर जानकारी ही नही थी क्योकि प्रमुखता क्रिकेट को ही दी हुई थी … पता लगा कि लंदन में खेले जा रहे

वर्ल्ड हॉकी लीग सेमीफ़ाइनल टूर्नामेंट में भारत ने पाकिस्तान को 7-1 से हरा दिया. … वहां भारत पूरी तरह से पाकिस्तान पर हावी था … और वो मैच जीत गया …

सबक ये मिला कि हॉकी की खबर को जरा भी प्रमुखता नही दी गई … वो भी भारत पाकिस्तान का था … किसी को इतने इम्पोर्टेंट मैच की जानकारी भी नही थी … पर इस बात से खिलाडियों को कोई फर्क नही पडा … तो क्या खिलाडियों ने खेलना छोड दिया कि हमें प्रमुखता नही दे रहे तो हम अच्छा खेले या बुरा क्या फर्क पडता है …

जीत पर फर्क इतना जबरदस्त पडा कि पूरा मीडिया हॉकी की खबर पर चला गया और देखते ही देखते हॉकी की खबर ब्रेकिंग न्यूज बन गई …और सभी चैनल पर न्यूज पेपर पर यही सुर्खियां रही …  इसीलिए मैं कह रही हूं कि बस कोई कुछ कहे न के बस जुटे रहना चाहिए …

 

 

इसी खबर के दौरान मैंने सुना एक और नाम किदांम्बी श्रीकांत …अब बताईए कि किदांम्बी श्रीकांत का नाम सुना है हाल ही में दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी ने इंडोनेशियन ओपन खिताब जीत लिया है.

ऐसे और भी बहुत सारे नाम हैं जो अचानक उभर कर आए हैं और हैड लाईन बन गए … मैदान कोई भी हो … चाहे खेल का या कोई भी जरुरत बस इसी बात की है कि बस जुटे रहिए… क्या पता एक दिना आपका नाम सुर्खियों में हो …

मेहनत इतनी खामोशी से करो कि सफलता शोर मचा दे …

कैंसर से जंग में जीत गई जिंदगी – आत्मविश्वास पर सच्ची कहानी – Motivational Videos – YouTube

कैंसर से जंग में जीत गई जिंदगी – आत्मविश्वास पर सच्ची कहानी – Motivational & Personal Development Videos in Hindi by Monica Gupta… http://www.monicagupta.i… कैंसर से जंग में जीत गई जिंदगी – आत्मविश्वास पर सच्ची कहानी – Motivational Videos – YouTube

 

 

ये हौसला कैसे झुके, ये आरजू कैसे रुके ? मंजिल मुश्किल तो क्या,. धुंधला साहिल तो क्या. तनहा ये दिल तो क्या हो.. राह पे काँटे बिखरे अगर. उसपे तो फिर भी चलना ही है. .शाम छुपा ले, सूरज मगर. रात को इक दिन ढलना ही है. रुत ये टल जाएगी, हिम्मत रंग लाएगी

सुबह फिर आएगी हो….

ये हौसला कैसे झुके, ये आरजू कैसे रुके

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मनोबल मजबूत , आत्मविश्वास क्या है , मनोबल, आत्मविश्वास  कमजोर न  करें, हौसला, हौसला हो बुलंद , मोटिवेशनल विचार ,

June 19, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

व्यायाम के लाभ बहुत हैं – शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम जरुरी है

जीवन में माता पिता का महत्व

व्यायाम के लाभ बहुत हैं  – शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम जरुरी है – vayayam ke labh abhut hai. Benefits of Exercise . तन जितना घूमे उतना स्वस्थ रहता है . Exercise  कैसा topic  है ?? अच्छा या बोरिंग !! जो लोग नियमित exercise  करते हैं अपने शरीर पर ध्यान देते हैं उनके लिए अच्छा और जो लोग अपने शरीर का ख्याल नही रखते उनके लिए बोरिंग …पर अगर देखा जाए तो कुल मिलाकर topic  अच्छा है और व्यायाम करना भी अच्छा है  तो जो लोग पसंद नही करते उन्हें कैसे समझाया जाए ??

व्यायाम के लाभ बहुत हैं – शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम जरुरी है

मेरे विचार से उन्हें कुछ ऐसे उदाहरण बताएं जाएं जिन्होने इसके मह्त्व को नही समझा और अब बहुत दुखी हैं और चाहते हैं कि दूसरे समझे ताकि उन्हें दर्द न उठाना  पडे  और

या फिर इसके होने वाले फायदे बताए जाए तो भी कुछ अवेयरनेस लाई जा सकती है … जैसा कि कुछ बातें उन्हें बताई जा सकती है कि  हमारा मानसिक तनाव कम होता है .

Benefits of Exercise

Reduce stress आजकल हम तनाव में बहुत रहते हैं चाहे आफिस हो या घर … अगर नियमित कसरत करेंगें तो तनाव जरुर कम होगा … शरीर रिलेक्स हो जाता है

 

 

व्यायाम करने से शरीर से पसीना बहुत आता है विषैले  तत्व बाहर निकलते हैं और त्वचा में चमक आ जाती है …

शरीर जब भागता दौडता है तो हम थक जाते हैं और फिर नींद अच्छी आती है..

हम क्रिएटिव हो जाते हैं अगर व्यायाम नही करेंगें तो सुस्त और निढाल से रहेंगें पर व्यायाम के बाद हमारे  शरीर में एक ताकत सी बनी रहती है और हम क्रिएटिव हो जाते हैं खाली बैठने काम मन ही नही करता और शरीर में एनर्जी आती है …

बॉडी की शेप बन जाती है नियमित कसरत करने से … जो शरीर बैडोल हो जाता है वो सही पोजीशन में आ जाता है … हमारा शरीर देखने में आकर्षक लगने लगता है…

बीमारी जल्दी से नही लगती … बहुत बीमारियां तो कसरत करने से पास ही नही आती

सहनशक्ति का बढ़ना

हममे एक नया आत्मविश्वास आने लगता है …

Social area सर्किल  बढता है …

मूड में सुधार आना शुरु हो जाता है क्योकि जब शरीर एक्टिंव रहेगा हलका फुल्का रहेग अतो मूड अपने आप सही रहेगा …  हम खुश रहेंगें  …

जीवन के कई साल बढ़ जाते हैं

Inspire others दूसरों के लिए एक उदाहरण भी बन सकते हैं…

घरेलू कामकाज और महिलाएं – व्यायाम का महत्व – Monica Gupta

घरेलू कामकाज और महिलाएं – व्यायाम का महत्व – gharelu kaamkaj aur mahilaye – घर का काम household work करने का मतलब व्यायाम होता है frozen shoulder stiffness, घरेलू कामकाज और महिलाएं – व्यायाम का महत्व – Monica Gupta

 

तन जितना घूमे इतना स्वस्थ और मन जितना स्थिर रहे उतना स्वस्थ रहता है

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व्यायाम के लाभ , Benefits of Exercise .

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शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम जरुरी है

व्यायाम के लाभ बहुत हैं – शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम जरुरी है

June 18, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

रिश्ता प्यार का – बच्चों की कहानी

जीवन में माता पिता का महत्व

रिश्ता प्यार का – rishta pyar ka –  पापा ऐसे ही होते हैं दिखावा करते है कि बहुत गुस्से वाले हैं पर अंदर से देखें तो दिल मम्मी से भी ज्यादा कोमल होते हैं  बहुत समय पहले एक कहानी लिखी थी बच्चों की … लेकिन ,असल में,  कही न कही हम सब की जिंदगी से जुडी है …

रिश्ता प्यार का – बच्चों की कहानी

ये कहानी है एक लडकी की जिसका नाम है मणि वो 3 क्लास मे है और उनका परिवार साधारण है .. एक शाम पापा स्कूटर पर मार्किट जा रहे होते हैं तो वो मचल जाती है कि वो भी पापा के साथ जाएगी और पापा ले जाते हैं मार्किट जाते हैं

तो वो देखती है कि एक आदमी अंगूर बेच रहा है … वो कहती है कि पापा खाने हैं पापा  गुस्सा करते हैं कि नही गला खराब हो जाएगा …

आगे जाते हैं हरे हरे कच्चे कच्चे अमरुद वाला बैठा होता है … पापा खाने हैं … नही… पेट दर्द हो जाएगा ..

 

 

आगे जाते हैं तो आम वाला होता है … पापा खाने है … अरे नही बहुत गर्मी करेगें … और वो भी मना …

और पापा ने लिया बडा सा पपीता और बोला कि इसे खाया करो … सब्जी मे लिया घीया तोरी, कद्दू,  पालक,  शिमला मिर्च और फिर वो घर लौट रहे थे..

उसी रात मणि की तबियत कुछ ठीक नही थी और उसे बुखार हो गया. पापा ठहरे पापा … बुखार देख कर दिल पसीज गया और अंगूर, आम, अंगूर खूब सारे फल मणि के लिए ले आए …

अब मणि की तबियत खराब थी इसलिए कुछ खाने का मन नही करा …

और वो फल बेचारे ऐसे ही रखे रखे सूख गए … अब इस बात को चार पाच दिन हो गए और अब वो कुछ अच्छा  महसूस कर रही थी … पापा इसे अपने साथ मार्किट ले गए …

रास्ते में फिर अंगूर दिखे … बोली पापा खाने हैं … पापा बोले अरे अभी तो तबियत खराब से उठी हो …

आगे गए तो अमरूद वाला था … बोली पापा अमरुद खाने हैं पापा बोले अरे ले कर तो आया था …

तुमने खाए ही नही … आगे गए तो आम वाला बैठा था … पापा बोले अब आम के लिए मत कहना बहुत गर्म करते हैं …

और फिर पपीता घीया तोरी, शिमला मिर्च, कद्दू लिए वो घर लौट रहे थे …

तो ये थी कहानी सारे पापा लोग ऐसे ही होते हैं….

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