Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

  • About Me
  • Blog
  • Contact
  • Home
  • Blog
  • Articles
    • Poems
    • Stories
  • Blogging
    • Blogging Tips
  • Cartoons
  • Audios
  • Videos
  • Kids n Teens
  • Contact
You are here: Home / Archives for Articles

May 16, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

क्या आपने चिडिया के लिए पानी रखा – पशु पक्षी मित्र हैं हमारे

डर के आगे ही जीत है - डर दूर करने के तरीका ये भी

क्या आपने चिडिया के लिए पानी रखा – पशु पक्षी मित्र हैं हमारे .. कल एक मैसेज आया हुआ था कि इस बार गर्मी बहुत ज्यादा पड रही है आप अपने घर की छत पर या दीवार पर मिट्टी का पानी से भरा बर्तन जरुर रखें ..पक्षियों को पानी पिलाना सबसे बड़ा पुण्यकार्य है.

क्या आपने चिडिया के लिए पानी रखा – पशु पक्षी मित्र हैं हमारे

आप किसी पक्षी की जान बचा सकते हैं … मुझे याद आया कि कल जब मैं घर लौट रही थी तो एक महिला अपना घर का फर्श धो रही थी और पानी इतना ज्यादा बिखरा हुआ था कि दो dogs जमीन से पानी पी रहे थे सच बहुत दुख हुआ कि काश ये पानी किसी पक्षी के लिए या पौधे में दिया जाता तो कितना अच्छा होता …

मैं सोच ही रही थी कि तभी बाहर  door bell हुई … बाहर गई तो दो बच्चे खडे हुए थे बोले कि आपने जो पानी भर कर बर्तन रखा है उस पर चिडिया आ रही है उसकी एक फोटो क्लिक कर लें …

मैने कहा ठीक है और मैं वहीं खडी हो गई … देखा जैसे ही चिडिया आई..  आहट सुनकर वो उड गई … फिर आई फिर उड गई … मैं चिडिया के एंगल से सोचने लगी कि बेचारी कितनी प्यासी होगी और हम विलियन का काम ही कर रहे हैं कि पानी ही नही पीने ने दे रहे …

मैने उन्हें बुलाया और कहा कि प्लीज आप फोटो मत लो चिडिया को पानी पीने दो और मैं नेट से जितनी फोटो कहो दे दूंगी … उन्होने अपना नम्बर दिया और चले गए … अब वो चिडिया आराम से पानी भी पी रही थी और अपने पंख भी डुबो रही थी …

चिडिया को पानी पीने देना भी पुण्य का काम है … जरुर कीजिए … पक्षियों को पानी पिलाना सबसे बड़ा पुण्यकार्य है उन्होंने कहा कि पक्षी बेजुबान होते है

Subscribe to my channel for more  videos:
https://monicagupta.info/subscribe-youtube-channel

पक्षियों को पानी , पक्षियों को दाना डालने, पक्षियों के लिए पानी, पक्षी बचाओ ,  क्या आपने पक्षियों के लिए मिट्‌टी के बर्तन में पानी रखा , पक्षियों को पानी पिलाना पुण्य

 

 

May 15, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

कमजोर दिल वाले न पढें

कमजोर दिल वाले न पढें

कमजोर दिल वाले न पढें – एक खबर आपको विचलित कर सकती है.  कृपया मजबूत दिल वाले ही पढें … संवेदनहीन होता प्रशासन.एक खबर पढी कि यूपी के देवरिया में पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम के हमले में शहीद हुए प्रेम सागर के घर परिजनों को सांत्वना देने वहां के सीएम पहुंचें…

कमजोर दिल वाले न पढें

प्रशासन ने , मंत्री जी के स्वागत में शहीद के घर के एक कमरे में एयर कंडीशनर, सोफे, कालीन बिछा दिया लेकिन मिलने के बाद जैसे ही मुख्य मंत्री योगी जी वहां से निकले, प्रशासन आनन फानन लगाया सारा सामान ले गया …

बहुत दुख हुआ ऐसे में बस एक ही बात याद आई
जहां बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार नें शहीद हुए जवानों को 1.08 करोड रुपये दिए वहीं हमारा प्रशासन इतना संवेदनहीन कैसे हो गया … बेहतर ये होता कि वो कुछ सामान न भिजवाते … और अगर भिजवा दिया था तो आदर मान के तौर पर वहां रहने ही दिया जाता.

 

अक्षय कुमार ने नक्सली हमले में शहीद हुए जवानों के परिजनों को दिए 1.08 करोड़ रुपये

अभिनेता अक्षय कुमार ने छत्तीसगढ़ के सुकमा में 11 मार्च को हुए नक्सली हमले में शहीद हुए CRPF के 12 जवानों के परिवार को 1 करोड़ 8 लाख रुपए देने का ऐलान किया है। सीआरपीएफ के द्वारा प्रेस रिलीज जारी कर इस बात की सूचना दी गई कि अक्षय ने हर शहीद के परिवार को 9-9 लाख रुपये की मदद की है। read more at jantakareporter.com

 

 

May 15, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

स्मार्ट पेरेंटस कैसे बन सकते हैं – बच्चों को समझाए नही समझें

इंसान और भगवान

स्मार्ट पेरेंटस कैसे बन सकते हैं – बच्चों को समझाए नही समझें – पेरेंटिंग टिप्स इन हिंदी –  परवरिश की जिम्मेदारी  बच्चों को कैसे समझाए.  पेरेंटिंग जब बच्चों की केयर के बारे में पूछते हैं तो मैं एक ही बात कहती हूं कि  घर पर हम कांच  के बर्तन की सम्भाल कैसे करते हैं … बहुत ध्यान से सम्भाल कर … है ना … बस वैसी ही देखभाल बच्चों की करनी चाहिए  हैंडल विद केयर …

स्मार्ट पेरेंटस कैसे बन सकते हैं – बच्चों को समझाए नही समझें

याद कीजिए जब पहली बार आपको पता चला था  कि आप मां बनने वाली हैं कितना खुश  हुई थी आप कितने सपने संजोए थे और अब आप बच्चे की शरारत भी बर्दाशत नही कर पाती पिटाई कर देती है जबकि बच्चों को सम्झाने का काम बहुत आराम से भी कर सकते हैं … तो क्या करें कि कैसे लालन पालन करें कि बच्चे खुश रहें … बहुत सारी बातें हैं पर मैं कुछ एक ही बताऊंगी

पहला तो ये कि बच्चों की भी सुनें … आमतौर पर उनकी बातें सुनते नही अपने आफिस के काम पर मोबाइल पर ही बीजी रहते हैं और अगर गृहणी हैं तो टीवी सीरियल की वजह से भी बच्चे कई बार पिट जाते हैं  जबकि उनकी बातें सुननी चाहिए.

अगर बच्चे ने गलत काम किया तो हम झापड़ मारने में आगे रहते हैं पर अगर अच्छा काम किया तो प्रशंसा भी तो करनी चाहिए …

कई बार फैले हुए  कमरे को भी relish करना  चाहिए … मान लीजिए बच्चे ने कमरा फैलाया तो हम देखते ही गुस्सा करेंगें नाराज होंगें … कभी कभी ऐसा मत कीजिए … फैला हुआ कमरा देखिए और कहिए … अरे बाप रे … इतना गंदा कमरा … इसे ठीक करने के लिए एनर्जी चाहिए  … कुछ देर बैठ कर आईसक्रीम खाते हैं कार्टून देखते हैं फिर मिलकर ठीक करेंगें … फिर देखिए बच्चा आपके साथ मिलकर कितनी मदद करेगा …

 

 

हम बच्चों के दोस्तों को भी कभी सही नही कहते .जबकि दोस्तों को भी सराहिए

…बच्चे को  responsibility दीजिए उन पर विश्वास कीजिए टाईम टेबल बना लीजिए और उसी हिसाब से बच्चे को चलने को कहिए

Help, advice, opinions बच्चों की लीजिए  मान लीजिए बच्चे के दोस्त का बर्थ डे है वो game  देना चाहता है और आप घर पर पडा कोई पुराना decoration piece निकालना चाहते हैं … ऐसे में तो बच्चे का mood off  होगा ही … आप वो gift  अपने दोस्त के जन्मदिन पर ही दीजिए

कोशिश ये कीजिए कि एक बार् तो लंच नही तो डिनर एक साथ मिल बैठ कर कीजिए और उस समय कोई फोन नही कोई टीवी नही बस बच्चें , आप और बातें … बातें तो बहुत हैं  पर पहले इस पर अम्ल करना शुरु कर दीजिए … बदलाव साफ दिखेगा …

पेरेंटिंग टिप्स , पेरेंटिंग टिप्स इन हिंदी , परवरिश की जिम्मेदारी , बच्चों को कैसे समझाए , बच्चों की परवरिश कैसे करें , परवरिश की जिम्मेदारी ,  स्मार्ट पेरेंटिंग , स्मार्ट पेरेंटस कैसे बनें,

Subscribe to my channel for more videos:
https://monicagupta.info/subscribe-youtube-channel

स्मार्ट पेरेंटस कैसे बन सकते हैं – बच्चों को समझाए नही समझें

 

May 13, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

अनूप उपाध्याय – कॉमेडी की दुनिया का अनूठा अध्याय

अनूप उपाध्याय - कॉमेडी की दुनिया का अनूठा अध्याय

अनूप उपाध्याय – कॉमेडी की दुनिया का अनूठा अध्याय. आज अनूप उपाध्याय किसी परिचय के मोहताज नही …  एक ऐसी शख्सियत जिसे देखते ही चेहरे पर मुस्कान आ जाती है और जब अलग अलग किरदार में देखते हैं तो हंसी के मारे लोटपोट हो जाने को मन करता है … अपनी गम्भीर मुद्रा बना कर भी दर्शकों को गुदगुदाने में शत प्रतिशत सफल कलाकार हैं अनूप उपाध्याय. चाहे FIR हो, लापता गंज हो, भाभी जी घर पर हैं हो , May I Come In Madam  हो कोई भी किरदार हो  ऐसा लगता ही नही कि अनूप जी अभिनय कर रहे हैं ऐसा लगता है मानो वो हमेशा से ही इसी किरदार में हैं … और यकीनन  यही एक अच्छे कलाकार की पहचान है.

अनूप उपाध्याय – कॉमेडी की दुनिया का अनूठा अध्याय

टीवी इंडस्ट्री में अपने सीरियस और कॉमेडी किरदार से दर्शकों के बीच खास पहचान बनाने वाले अभिनेता अनूप उपाध्याय हैं 

 

अनूप उपाध्याय – कॉमेडी की दुनिया का अनूठा अध्याय-

इन्हीं बातो से प्रभावित होकर मन किया कि कैसे भी करके इस कलाकार से बात की जाए और जाना जाए उनके इस सफर के बारें में  और आखिरकार टीवी की दुनिया से जुडे कुछ जाने माने कलाकारों की मदद से कुछ ऐसा मौका मिला कि अनूप जी से बात हो ही गई हुई …

तो आईए आज जानते हैं ऐसे ही एक बेहद शालीन, सुलझे हुए, और अपने काम में तल्लीनता से जुटे समर्पित अनूप उपाध्याय जी के बारे में …

अनूप जी से जब बात करने का समय लिया तो उन्होनें अपनी व्यस्त शूटिंग से कुछ पल निकाले और शुरु हुआ बातों का सिलसिला…

आजकल  May I Come In Madam सीरियल अपने चरम पर है तो मैने सबसे पहले यही पूछा कि क्या मैं छेदी जी से बात कर रही हूं या फिर चश्मा पहने हुए कम्पनी के बॉस से … इस पर वो हंसते हुए कहने लगे कि फिलहाल आप बात कर रहीं है अनूप उपाध्याय से …

हंसी मजाक के साथ शुरु हुआ हमारी बातों का सिलसिला …  21 मई को यूपी के जिला एटा के गांव गंजडुण्वारा में अनूप जी का जन्म हुआ. गंजडुण्वारा  नाम सुनकर यकीन आपको भी कुछ याद आया होगा … ये नाम रेडियो पर गीत माला में फरमाईशी प्रोग्राम में बहुत सुनने में आया करता था …

अनूप जी ने भी हामी भरी कि हमारा गांव गंजडुण्वारा इस मामले में बहुत अव्वल रहा … आमतौर पर बहुत गांव ऐसे होते हैं जिनके नाम ही नही सुने होते … पर गंजडुण्वारा  अपवाद है.

बात आगे बढाते हुए अनूप जी ने बताया कि उनके पिता रेलवे में गार्ड थे. मां गृहणी थी.  वो अपने 3 भाई और 2 बहनों  में  सबसे छोटे और लाडले रहे. बचपन में ज्यादा शरारती नही थे पर सोचते बहुत थे और जब फिल्में देखी तो एक्टिंग अपनी ओर आकर्षित करती चली गई और अपना शौक पूरा किया स्कूल में छोटे मोटे नाटकों में हिस्सा लेकर…

बचपन की यादें

बचपन की याद में झांकते हुए अनूप जी ने बताया कि बचपन में एक बार और शायद आखिरी बार घर के मंदिर से एक रुपये का सिक्का चुराया .. उसकी खूब सारी टॉफी भी खरीदी और सोच इस बात की थी कि इतना सामान खरीदा है इसे रखूं कहां ..और घर आकर इस समस्या का समाधान भी मिल गया …

असल में, चोरी करते हुए भाई ने देख लिया था और घर आकर जो मम्मी ने पिटाई की,  जो मम्मी ने पिटाई की … वो एक ऐसा सबक मिला जो जिंदगी भर नही भूलेगा … उनका कहना है कि मां जितना प्यार करती हैं उतनी सख्ती भी जरुरी होती है क्योकि अगर उस दिन पिटाई नही हुई होती तो शायद वो उस दिन के बाद भी पैसे चुराते रहते …फिर कुछ पल वो चुप हो गए..

कैसे शुरु हुआ सफर एक्टिंग का

फिर बात चली एक्टिंग की.. उन्होनें बताया कि  क्लास 5 से एक्टिंग करनी शुरु कर दी थी.. घर पर छोटा होने का ये फायदा मिला कि कोई रोक टोक नही थी सब कहते कर लो जो करना चाह्ते हो … पर एक ही शर्त थी कि पढाई पूरी करनी है … पढाई बीच में नही छोडनी और उन्होनें भी बहुत अदब से उनकी बात मानी और  B.Sc. पूरी की …

 

घर पर सब सोचते कि डाक्टर  बन जाएगा पर जिस दिन आखिरी पेपर था उसी दिन पेपर देकर घर वालो को टाटा बाय बाय बोला और एक्टिंग के लिए दिल्ली रवाना हो गए …

बेशक,  दिल्ली से पहले लखनऊ का नाम सुझाया पर वहां जाकर दिल्ली श्री राम सैंटर का पता चला … फिर सफर शुरु हुआ दिल्ली का…  सफर,  वाकई आसान नही था … पर खुद पर पूरा विश्वास था कि कुछ बनने आया हूं और बनना ही है …

मंडी  हाउस में हबीब तनवीर साहब से मुलाकात हुई.   हबीब साहब लोकप्रिय हिन्दी नाटककार, एक थिएटर निर्देशक, कवि थे और उन दिनों “ देख रहें हैं नैन “ नाटक की तैयारी चल रही थी और यही से हुई सफर की शुरुआत … उन्हें राजा के बेटे का रोल मिला.

उस नाटक में नंदिता ठाकुर, आशीष विद्यार्थी भी थे और इस नाटक का मंचन  लंदन, इंगलैंड , स्काटलैंड,  में भी हुआ..

उसके बाद “आगरा बाजार” में भी उन्होनें काम किया जिसमें अय्याश लडका बनें जो कोठे पर जाता है और पुलिस उसके पीछे लगी है …

अनूप जी अपनी सारी बातें कुछ इस तरह से बता रहे थे मानों ये सब मेरे सामने ही चलचित्र के समान हो रहीं  हो … शायद एक कलाकार की ये खासयित या विशेषता भी होती है …

दिल्ली टू मुम्बई का सफर

समय बीता और फिर शुरु हुआ दिल्ली टू मुम्बई का सफर. बात सन 1997 की है उन दिनों “शांति” सीरियल आया करता था मंदिरा बेदी का.  उसमें उन्हें उनके पिता कामेश महादेवन ( जब वो जवान थे ) का रोल मिला था  बेशक, शुरु में थियेटर से धारावाहिक  में आना अलग ही अनुभव था पर धीरे धीरे वो इसमें भी रमते गए पर थियेटर नही छोडा … जब भी मौका मिला थियेटर किया.

जहां तक शूटिंग की बात है हर दिन, हर शूटिंग अपने में एक नया अनुभव है… सभी कलाकार मिलकर खूब मौज मस्ती करते हैं या ये कहिए कि हमारी पिकनिक हो जाती है. कहते हुए उन्होनें अपनी चिर परिचित हंसी बिखेर दी.

मेरा एक प्रश्न ये भी था कि कई बार हम मेहनत तो करते हैं पर उतनी पहचान नही मिल पाती ऐसे में क्या करना चाहिए ..

उन्होनें अपनी गम्भीर मुद्रा में बताया कि बस अपना काम करते रहिए … उम्मीद नही रखिए … जो भी करना है दिल से करिए बस … उन्होनें बताया कि मजाक उनका भी बनता था जब वो छोटे शहर में थे और कहते थे कि मुम्बई जाऊंगा… पर उन्होनें सभी बातों को अनसुना कर दिया और आज एक मुकाम पर हैं … !!

संदेश 

बात करते करते समय बहुत हो गया था … इसलिए बस आखिरी बात पूछी कि जो युवा इस क्षेत्र में आना चाहते हैं उन्हें का मैसेज देना चाहते हैं. उन्होनें बताया कि अगर अपने पर, अपनी कला पर, योग्यता पर पूरा विश्वास है तो जरुर आईए.  ये एक रण भूमि है और इसमें अस्त्र शस्त्र से लेस होकर ही आना जरुरी है और धैर्य भी बहुत जरुरी है क्योंकि परिश्रम भी बहुत है और  संघर्ष भी .  इसे भी एक तरह का व्यवसाय ही समझना चाहिए  इसलिए इसे गम्भीरता से लेना चाहिए …

अपने Fans के लिए 

अपने प्रशंसकों  के लिए उन्होनें कहा कि “अपने फैंस से हाथ जोडकर कहना चाहता हूं कि बहुत शुक्रगुजार हूं कि आप इतना प्यार देते आएं हैं आगे भी ऐसे ही प्यार करते रहिए, सराहते रहिए और कोशिश रहेगी कि आप की उम्मीदों पर खरा उतरता रहूं…  और भरपूर मंनोरंजन करता रहूं”   … इस बीच उनका शूटिंग से बुलावा  भी आ गया …

और हमें हंसानें, गुदगुदाने के लिए वो एक बार फिर अपने रण क्षेत्र में अस्त्र शस्त्र से सुसज्जित हो गए… और तमाम दर्शकों की तरफ से शुभकामनाएं देते हुए मैंने उनसे विदा ली और मन में एक ही बात आ रही थी

देखो तो ख्वाब है जिंदगी

पढो तो किताब है जिंदगी

सुनो तो ज्ञान  है जिंदगी

पर हंसते रहो तो आसान है जिंदगी …

May I Come In Madam? – Monica Gupta

May I Come In Madam?  आज मिर्चा सोमा राठौड   हास्य धारावाहिकों की दुनिया में अपने  अलग अंदाज और वजनदार भूमिका लिए  अपनी  अलग पहचान बना चुकी है . लापता गंज, भाभी घर पर है या May I Come In Madam ? मे अपने अभिनय से सभी को गुदगुदा रही है. आमतौर पर महिलाएं अपना … Read more…

(तस्वीर गूगल से साभार)

May 12, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

क्या खबर का असर होता है – नेता की सेल्फी

क्या खबर का असर होता है

क्या खबर का असर होता है – नेता की सेल्फी – kya khabar ka asar hota hai  क्या वाकई खबर असर डालती हैं बेशक खबरों का विशाल संसार हैं पर कुछ खबरें खबरदार भी कर जाती हैं खबर असर डालती है…

क्या खबर का असर होता है – नेता की सेल्फी

कल राजस्थान की एक न्यूज देखी कुछ कच्चे घरों में आग लग गई। आग में सभी घर पूरी तरह जल गए और सामान भी खाक हो गया।

इस बीच एक नेता ने धधकते घरों के सामने खड़े हुए और सेल्फी ली। और उन्होने फोटो को फेसबुक पर पोस्ट कर अपनी संवेदनशीलता जताने की कोशिश की, लोगों को बुरा लगा कि ये समय सेल्फी का नही मदद करने का है … एक ने लिखा कि “सेल्फी के साथ एक-दो बाल्टी पानी डाल देते तो आग जल्दी बुझ जाती।”

बेशक बाद में वो सोशल मीडिया पर सफाई देते रहे कि

“सेल्फी नहीं है, मौके पर पहुंचकर अधिकारियों को जल्द से जल्द आने के लिए फोटो खींचकर भेजा था। फोटो में मेरा होना इसीलिए जरूरी था, जिससे उनको लगे कि मैं मौके पर मौजूद हूं।”

– “अगर मैं अधिकारियो को फोन करके बोलता कि आग लग गई है तो शायद वे कोताही भी बरत सकते थे। मैंने तुरंत एक्शन लेने के लिए ये फोटो भेजा। मैं मौके पर हूं, आप भी तुरंत मौके पर पहुंचें।”

एक कहानी –

मैने खबर पढी और चिडिया की कहानी याद आ गई इसी बारे में एक कहानी याद आई … एक चिडिया की मुझे याद आई चिड़िया से जंगल की आग देखी न गई। उसका घौंसला भी था … अचानक वो घोंसले से बाहर आई और कुछ दूर एक छोटे से तालाब पर पहुंची, वहां से उसने अपनी चोंच में दो बूंद पानी लिया, और लाकर उसे जंगल के ऊपर छिड़क दिया। इसके बाद वो फिर तालाब पर गई, दो बूंद पानी लाई और उसे जंगल पर छिड़क दिया ।

तभी सामने वाले पेड़ पर कौए  ने उसकी तरफ देखा और बोला तुझे क्या लगता था, कि तेरी चोंच में पानी लाने से जंगल की आग बुझ जाएगी। तू क्यूं इतनी मेहनत कर रही थी। चिड़िया ने जवाब दिया। मैं भी जानती हूं कि मेरे चोंच में पानी लाने से जंगल की आग नहीं बुझने वाली। लेकिन कल जब इस जंगल का इतिहास लिखा जाएगा, तो मेरा नाम आग बुझाने वाले में लिखा जाएगा

अब जैसे इस आग की खबर लिखी गई तो नेता का नाम आ गया ना कि इन्होनें कुछ नही किया … कितना अच्छा होता कि  लोग सेल्फी लेते कि ये हैं हमारे नेता और लोगो की मदद खुद करने आगे आएं हैं..सीख चिडिया से लेनी चाहिए और प्रयास करते रहना चाहिए …

आदमी की असली पहचान तभी होती है जब वो मुसीबत में मदद करे…

Subscribe to my channel for more  videos:
https://monicagupta.info/subscribe-youtube-channel

क्या खबर का असर होता है – नेता की सेल्फी

 

खबर का असर, khabar asara Daalatee hai, खबर असर डालती है… खबरों का विशाल, खबर का असर, क्या वाकई जिंदगी में खबर असर डालती हैं , नेता की सेल्फी, खबर की खबर, खबरदार खबर,

May 11, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

Importance of Mothers in Life – जीवन में माँ का महत्व

Importance of Mothers in Life

Importance of Mothers in Life – उसको नही देखा हमने मगर .. पर उसकी जरुरत क्या होगी … ए मां तेरी सूरत से अलग … कल एक जानकार के घर गई तो उसके बच्चे घर घर खेल रहे थे … एक बेटी मम्मी की चुन्नी की साडी बना रखी थी और मम्मी की हाई हील पहन रखी थी lipstick, हाथ में mobile और पर्स लटका हुआ था और उसका छोटा भाई उसका बेटा बना हुआ था और डांट रही थी कि सारा दिन खेलते रहते हो पढाई का नामोशिना नही पता नही क्या करोगे बडा होकर … मुझे हंसी आ गई क्योकि एक्टिंग बहुत ही अच्छी कर रही थी..

Importance of Mothers in Life

थोडी देर में लंच भी लग गया और लंच करने के बाद आईस्क्रीम सर्व की तो बच्चो को बहुत पसंद आई उन्होने दो बार फरमाईश कर दी और मेरी सहेली ने तुरंत अपने हिस्से की आईस्क्रीम भी उन्हें दे दी और जब मैने उसकी तरफ देख तो खो खो खांसी करती हुई बोली आज गला कुछ ठीक नही …

Importance of Mothers in Life

मुझे याद आई अपनी बचपन की एक बात जब मम्मी अपना खाना हमें दिया करती थी तो मैं हमेशा सोचती जब मैं बडी हो जाऊंगी मम्मी बन जाऊंगी तो मैं अपनी आईस्क्रीम या राजमा चावल जो मेरे फेवरेट थे किसी को नही दूंगी … फ्रिज में छिपा कर रख दूंगी या किचन में … पर मम्मी बनने के बाद … बताने की जरुरत नही …

सभी को पता है … ऐसी ही होती हैं मम्मियां… बच्चों ने खाया तो ऑटोमैटिक है मां का पेट खुद ब खुद भर गया …

एक गाना है उसको नही देखा हमने मगर .. पर उसकी जरुरत क्या होगी … ए मां तेरी सूरत से अलग …

 

Importance of Mothers in Life

 

मां का दिल ऐसा ही होता है - मदर्स डे पर एक अनुभवमां का दिल ऐसा ही होता है - मदर्स डे पर एक अनुभव

                                      मां का दिल ऐसा ही होता है –
Subscribe to my channel for more  videos:
https://monicagupta.info/subscribe-youtube-channel
  • « Previous Page
  • 1
  • …
  • 82
  • 83
  • 84
  • 85
  • 86
  • …
  • 252
  • Next Page »

Stay Connected

  • Facebook
  • Instagram
  • Pinterest
  • Twitter
  • YouTube

Categories

छोटे बच्चों की सारी जिद मान लेना सही नही

Blogging Tips in Hindi

Blogging Tips in Hindi Blogging यानि आज के समय में अपनी feeling अपने experience, अपने thoughts को शेयर करने के साथ साथ Source of Income का सबसे सशक्त माध्यम है  जिसे आज लोग अपना करियर बनाने में गर्व का अनुभव करने लगे हैं कि मैं हूं ब्लागर. बहुत लोग ऐसे हैं जो लम्बें समय से […]

GST बोले तो

GST बोले तो

GST बोले तो –  चाहे मीडिया हो या समाचार पत्र जीएसटी की खबरे ही खबरें सुनाई देती हैं पर हर कोई कंफ्यूज है कि आखिर होगा क्या  ?  क्या ये सही कदम है या  देशवासी दुखी ही रहें …  GST बोले तो Goods and Service Tax.  The full form of GST is Goods and Services Tax. […]

डर के आगे ही जीत है - डर दूर करने के तरीका ये भी

सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन

सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन – Social Networking Sites aur Blog Writing –  Blog kya hai .कहां लिखें और अपना लिखा publish कैसे करे ? आप जानना चाहते हैं कि लिखने का शौक है लिखतें हैं पर पता नही उसे कहां पब्लिश करें … तो जहां तक पब्लिश करने की बात है तो सोशल मीडिया जिंदाबाद […]

  • Home
  • Blog
  • Articles
  • Cartoons
  • Audios
  • Videos
  • Poems
  • Stories
  • Kids n Teens
  • Contact
  • Privacy Policy
  • Terms of Use
  • Disclaimer
  • Anti Spam Policy
  • Copyright Act Notice

© Copyright 2024-25 · Monica gupta · All Rights Reserved