Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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August 25, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

भारी स्कूल बैग – बच्चों ने की प्रैस कांफ्रैंस

भारी स्कूल बैग – बच्चों ने की प्रैस कांफ्रैंस

स्कूली बच्चे और बस्ता बहुत भारी, Heavy School bags , कमर दर्द झेलते  मासूम बच्चे.. आखिर कब तक ??

Press Conference अक्सर हम राजनीति से जुडे अलग अलग मुद्दों पर press conference देखते रहते हैं पर आज एक ऐसी खबर पढी और हैरान रह गई कि ऐसा भी होता है.

असल में  खबर महाराष्ट्र की है. जहां 2 स्कूली छात्र हर रोज भारी बस्ते को लेकर परेशान हो गए और इसी सिलसिले मे उन्होनें  एक पत्रकार सम्मेलन आयोजित किया … इतना ही नही उन्होने  छात्रों को इस समस्या के समाधान के लिए कुछ अन्य विकल्प भी सुझाए गए और साथ ही साथ यह भी कहा है कि अगर जल्दी सुनावई नही होगी तो वो भूख हडताल पर बैठ जाएगें.

school-bag-cartoon-by-monica-gupta

 

Fed up with heavy school bags, students hold Press meet

“We carry a minimum of 16 books for 8 subjects daily and sometimes their number increases to 18 or 20, depending upon the subjects for which the classes would be held for the day.

Chandrapur (Mah): Burdened with heavy school bags, two seventh grade boys held a press conference here to highlight the plight of students who carry a load of 5-7 kg on their shoulders daily to attend classes. Media persons at the local Press Club were taken aback on Monday when the duo from local Vidya Niketan School, walked in and expressed their desire to hold a conference on the daily hardships they face due to the burdensome bags. read more at eenaduindia.com

 

भारी स्कूल बस्ते से परेशान 2 छात्राओं ने किया ये काम, जिससे सुनकर सब अचंभे में… – Samachar Jagat

स्कूल के भारी बस्ते के बोझ से लदे सातवीं कक्षा के 2 छात्रों ने पांच-सात किमी से अपने कंधों पर भारी बस्ता लटकाकर पढऩे के लिए आने वाले छात्रों की दुर्दशा बयान करने के लिए यहां एक पत्रकार सम्मेलन आयोजित किया है। स्थानीय प्रेस क्लब में जुटे पत्रकार कल उस समय अचंभे में read more at samacharjagat.com

वैसे आपके इस बारे में क्या विचार हैं क्योकि आप भी इस दर्द से जरुर गुजरे होंगें …

March 19, 2016 By Monica Gupta 1 Comment

रोचक बाल कहानी – जब पापा ने बनाए मटर के चावल

रोचक बाल कहानी – जब पापा ने बनाए मटर के चावल

रोचक बाल कहानी – जब पापा ने बनाए मटर के चावल

हमेशा ही मम्मी और रसोई का नाता रहा है. मैने आज तक पापा को रसोई से पानी का गिलास खुद लेकर पीते नही देखा. पापा सरकारी अफसर हैं इसलिए दफ्तर के साथ साथ घर पर भी खूब रौब चलता है. ओह क्षमा करें. असल में, बात बताने के चक्कर मैं यही बताना भूल गई कि मैं हू मणि. सातवीं क्लास मे पढती हूं और छोटे से शहर मे रहती हूं.

हां तो मैं बता रही थी कि मम्मी सारा दिन घर पर ही रहती हैं. दिन हो या रात सारा समय काम ही काम… हाँ भाई… नौकरों से काम लेना कोई आसान काम है क्या, हाँ… अरे भई आप तो कुछ समझते ही नही है अब जब पापा सरकारी दफ्तर में काम करते हैं तो नौकर चाकर भी होंगें न हमारे घर पर …हां तो मैं क्या बता रही थी .. मैं बता रही थी कि पिछ्ले कुछ दिनो से पापा खाने में कोई ना कोई नुक्स निकाल रहे थे. इसीलिए मम्मी ने रसोइए की छुट्टी कर के रसोई की कमान खुद सम्भाल ली थी.

पर पापा को इसमे भी तसल्ली नही हुई. नुक्स निकालने का काम तो चलता ही रहा और साथ मे एक बात और जुड गई कि मेरी माता जी खाना ऐसे बनाती थी मेरी माता जी खाना वैसे बनाती.ये सुनकर मम्मी को कभी कभार गुस्सा आ जाता जो अक्सर मेरे ऊपर ही निकलता. ह हा हा !!  खैर समय  ऐसे ही प्यार और लडाई झगडे में बीतता रहा.

peas rice photo

शनिवार को पापा यह कह कर सोए कि कि वो कल सुबह नाश्ते मे बासी परांठा और आलू मैथी ही खाएगे. मुझे पता है कि मम्मी ने बहुत दिल से बनाया. पर वो भी पापा को पसंद नही आया.

उसी समय पापा ने एलान कर दिया कि वो दोपहर को खुद ही मटर के चावल बनाएगे. मम्मी के चेहरे पर अजीब सी परेशानी  और मैं हैरान. पापा और खाना. मुझे समझ नही आ रहा था.
दोपहर के एक बजे मम्मी ने जबरदस्ती टीवी पर क्रिकट मैच देखते हुए पापा को उठाया कि भूख लग रही है.खाना बनाओ. मैच बहुत मजेदार चल रहा था.  पापा अनमने भाव से उठे. मम्मी ने चावल पहले ही भीगो दिए थे इस पर पापा ने गुस्सा किया माता जी तो पहले कभी नही भिगोते थे. अब तो खराब ही बनेंगें … फिर पापा ने कूकर माँगा. मम्मी के कहने पर कि पतीले मे ज्यादा खिले- खिले बनेगें पर पापा तो पापा ठहरे. जो बोल दिया सो बोल दिया. वैसे आप यह मत समझना कि मैं मम्मी की चमची हूँ. मैं सच बात का ही साथ देती हूँ.फिर पापा ने देसी घी लिया और खूब सारा उसमे डाल दिया ताकि मटर अच्छी तरह भुन जाए इतने में मैच मे छ्क्का लगा जल्दी जल्दी मैच देखने के चक्कर मे उन्होंने मसाला भी अंदाजे से  डाल दिया.

मैं और मम्मी चुपचाप पापा का काम देखते रहे. मम्मी तो चुपचाप गर्दन हिलाती रही और मै वँहा स्लैब पर बैठी पापा का लाईव टेलिकास्ट देख रही थी. सच. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. उधर पापा ने मैच देखने के चक्कर मे मटर मे भी नुक्स निकालने शुरु  कर दिए कि मटर तो मीठी है ही नही चावल कैसे अच्छा बनेगा. मैच मे फिर एक खिलाडी आउट हो गया. तभी दरवाजे पर घंटी बजी.मम्मी बाहर जाने को हुए तो पापा ने मना कर दिया कि पहले मसाला भुनने दो फिर जाना.मै उतर के जाने को हुई तो मुझे भी डाटं पड गई कि बार बार आने जाने से उनका ध्यान हट रहा है. तभी फिर एक खिलाडी आउट हो गया. बाहर फिर से घटीं बजी. उधर पापा से कूकर का ढ्क्कन बन्द ही नही हो रहा था. पापा बोले कि कूकर ही खराब है. मम्मी ने गर्दन मटकाते अगले ही पल उसे बन्द कर दिया. इस पर भी पापा बोलने से नही चूके कि उफ आज कल के ये बरतन और मम्मी के पल्लू से  हाथ पोंछ कर बैठक मे चले गए. दुबारा घंटी बजने पर मैं बाहर भागी.

अरे!!!  सामने दादी खडी थीं. उन्होने बताया कि शहर आने का एकदम से प्रोग्राम  बना और वो आ गई. सुबह ही मटर के चावल बनाए थे तो वो भी ले आई.  दादी ने पानी पीया ही था कि कूकर की सीटी भी बज गई. पापा ने एलान कर दिया था कि कूकर वो ही खोलेगे. दादी की मौजूदगी मे उसे खोला गया.पर….  पर …यह समझ ही नही आ रहा था कि यह चावल है या खिचडी. मटर के चावलों का पूरी तरह से हलवा बन चुका था.

पापा मैच देखते हुए धनिए की चटनी के साथ मजे से दादी वाले चावल खा रहे थे और हम. हम मटर वाली खिचडी. नाक मुहं बना कर. इसी बीच मे भारत मैच जीत गया.पर पापा खुश होकर बोले कि रात को वो आलू की परौठी बना कर खिलाएगे.यह सुनते ही मैं और मम्मी कान पर हाथ रख कर जोर से चिल्लाए. नही…. अब और नही. यह सब देख कर दादी ठहाका लगा कर हँस दी और वो किस्सा सुनाने लगी जब मेरे दादा जी ने पहली और शायद आखिरी बार गुड के चावल बनाए थे ..

 

कैसी लगी कहानी जरुर बताईएगा  🙄

Photo by pelican

December 23, 2015 By Monica Gupta Leave a Comment

शरारती बच्चे, छुट्टियां और घर परिवार

didi by monica gupta

दीदी की चिठ्ठी, दैनिक नवज्योति, जयपुर से हर रविवार प्रकाशित होने वाला नियमित स्तम्भ …इसमे दीदी यानि मैं अलग अलग बातें करके नन्हें बच्चों का मनोंरंजन करती और मनोरंजन के साथ अक्सर सीख भी छिपी होती ….

शरारती बच्चे, छुट्टियां और घर परिवार

हैल्लो नन्हे दोस्तो,

कैसे हो! क्या हो रहा है? इतना शोर शराबा !!अरे बाप रे !!! धमाचौकडी!! पता है कल नन्हे नोनू ने इतनी जोर से तकिया उछाला कि वो पंखे पर ही अटक गया. गोलू इतनी जोर से छ्लांग लगता है बिस्तरे से जमीन पर कि पूछो ही मत और पता है नन्ही नैना को तो मिट्टी खाने का बहाना चाहिए जब भी मौका मिला बस बाहर पहुचं जाती है. मैने प्यारी सी मणि से पूछा कि आप क्या कर सकती हो तो पता है वो मुझे तोतली आवाज मे क्या बोली. इसने कहा… दीदी, मैं छब तुछ् तल छ्कती हूं. आप दोलो मै वही तलूदी. मैने उसे कहा अच्छा अपनी जीभ बाहर निकाल कर अपनी नाक पर लगा कर दिखाओ. उसने बहुत कोशिश की पर वो नही कर पाई. फिर उसने कहा कि दीदी तुछ दूसली बात बताओ. मैने उसे एक कागज दिया और कहा कि इसे बराबर करके मोड कर दिखाओ आप सात बार से ज्यादा फोल्ड नही कर पाओगे. मेरी बात सुनकर वहां, नोनू और मणि की मम्मी भी आ गई. मणि की मम्मी ने कहा कि ये तो जरा भी मुश्किल नही वो तो इस कागज को दस बार भी मोड सकती है. खैर, मणि ने पहले कोशिश की .असल मे 5 बार मोडते मोडते कागज इतना मोटा हो रहा था कि और नही मोडा जा रहा था. सातवीं बार ही इतना मुश्किल हो गया था उसे मोडना. मणि की मम्मी और कागज ले आई पर कितना भी बडा कागज ले लो वो 7 बार से ज्यादा हम नही मोड सकते.नोनू ने भी बहुत कोशिश की पर सब बेकार. घर मे एक अजीब सी चुप्प्पी छा गई थी. मणि की मम्मी खुश हो गई और बोली कि ऐसी बाते अच्छी है क्योकि कम से कम बच्चे चुपचाप तो लगे रहते है अपने काम मे.काम से मुझे याद आया कि मुझे भी एक बहुत जरुरी काम है पर जाते जाते एक बात आप सभी से जरुर कहूगी कि “हम सब कहते हैं कि कुछ पाने के लिए कुछ खोना पडता है पर सच्चाई यह है कि कुछ पाने के लिए कुछ करना पडता है”.आप करिए और देखिए सफलता आपके साथ साथ होगी.

शुभकामनाओ सहित

आपकी दीदी

मोनिका गुप्ता

December 17, 2015 By Monica Gupta Leave a Comment

Audio- Kids story by Monica Gupta

Audio- Kids story by Monica Gupta

Monica Gupta

Audio- Kids story by Monica Gupta

https://monicagupta.info/wp-content/uploads/2015/12/story-fruits-by-monica-gupta.wav

 

बच्चों का कहानी की दुनिया में एक बार फिर स्वागत है. आज की कहानी है प्यारी मणि  अरे नही .. प्यारी मणि नही ये बेचारी मणि है या फिर ये  बेचारी मणि  है … खैर , ऐसा करते हैं कि  पहले आप कहानी सुनिए फिर आप ही बताईए कि मैं प्यारी मणि हूं या बेचारी मणि … वैसे कहानी मे जामुन, अंगूर और अमरुद  के साथ साथ पपीता भी है … कुल मिला कर ताजा ताजा कहानी है मणि और फल सब्जी 🙂

Audio- Kids story by Monica Gupta

 

December 16, 2015 By Monica Gupta Leave a Comment

Audio kid stories – Chocolate

Audio kid stories – Chocolate

बाल कहानी चाकलेट की बेटी

मोनिका गुप्ता

https://monicagupta.info/wp-content/uploads/2015/12/story-chocolate-monica-gupta.wav

 

Audio kid stories – Chocolate

आज आपको सुनाते हैं बच्चों की कहानी चाकलेट की बेटी

इसमें छोटी सी मणि को चाकलेट का बहुत शौक है पर एक दिन ऐसा क्या हो जाता है कि वो खुद ही चाकलेट खाने से मना कर देती है और बोलती है कि वो चाकलेट नही दाल रोटी खाएगी

जानने के लिए आपको सुननी पडेगी कहानी चाकलेट की बेटी

Audio kid stories – Chocolate 🙂

 

December 16, 2015 By Monica Gupta Leave a Comment

Audio Storytelling- kids story -Princess

Audio Storytelling- kids story -Princess

 

बाल कहानी  मैं हूं राजकुमारी मणि

https://monicagupta.info/wp-content/uploads/2015/12/story-Mani-by-monica-gupta.wav

मैं हूं राजकुमारी मणि

मुझे बच्चों की कहानियां लिखने का बेहद शौक रहा है. बच्चों की कहानियां लिख कर खुद भी मन बच्चा ही बन जाता है. आज आप सुनिए मेरी लिखी बाल कहानी मैं हूं राजकुमारी मणि और जरुर बताना कि कहानी कैसी लगी.

Audio Storytelling- kids story -Princess मैं हूं मणि -मोनिका गुप्ता

 

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