Monica Gupta

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November 29, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

Viral News India- Viral News ka Sach

दूसरों की मदद करना अच्छा – एक प्रेरक कहानी

Viral News India- Viral News ka Sach – वायरल होती खबर हमें भले ही रोचक लगे अच्छी लगे पर अगर उसे फार्वर्ड करना हो तो सोच समझ कर और पूरी तरह बात की तह तक जा कर रही करना चाहिए …     पहाड़ चढ़ने का एक उसूल है.. झुक कर चलिए .. दौडे नही .. ज़िंदगी भी बस इतना ही मांगती है

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Viral News India- Viral News ka Sach

आज में टापिक सर्च कर रही थी कि क्या बोला जाए … तो अचानक एक खबर पर नजर गई जोकि खबर तो थी पर खबर नही थी … नही समझ आया ना … मुझे भी नही आया … यानि वो बेसिर पैर की खबर थी जो कि अब वायरल के भेंट चढ चुकी थी…  और उस खबर में जरा भी सच्चाई नही थी.. बहुत दुख हुआ कि इतने पढे लिखे सभ्य लोग होकर हम इतना असभ्य काम कर रहे हैं.. बिना सच्चाई को जाने परखें बस भेड चाल है कि हमने बस इसे फार्वर्ड करना है … जोकि बेहद दुखद है …

बहुत समय पहले मेरे पास अब्दुल कलाम जी की death की वायरल खबर आई … तो मैने बहुत हैरानी जाहिर कि और  गूगल पर सर्च किया तो ऐसा कुछ नही थी … न्यूज देखी वहां भी ऐसा कुछ नही था … तब समझ आया कि अन्धाधुंध वायरल खबर है … वहीं एक जाने माने अभिनेता की news की वायरल हुई कि उनकी death हो गई है… जबकि वो भले चंगे थे …

थोडे समय पहले भी एक खबर देखी उत्तर प्रदेश के एक गांव में रहनेवाली 40 साल की औरत तब आत्महत्या करने पर मजबूर हो गई जब उसका वीडियो सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट वॉट्सऐप पर वायरल हो गया

 

ये वायरल होना बहुत खतरनाक संकेत हैं और हमारा बिना जाने समझे बढावा देन और भी खतरनाक है … भेडचाल है बस और लोग फोलो किए जा रहे हैं … भेडचाल से एक बात याद आई … जब हम हाई वे पर थे रास्ता बंद था कारण किसी को पता नही था

कोई कहता सडक बन रही है कोई कहता accident हो गया … पता था नही सब अपने अपने क्यास लगा रहे थे लगभग 2 किलोमीटर लम्बी लाईन थी …

तभी एक कार आई और उसे अपनी कार को कच्चे में उतार लिया … उसने उतारा और सब उसके पीछे बिन जाने कि रास्ता है भी या न ही … एक घंटा तक 60 कारे उसके पीछे हो गई और लगग एक घंटे बाद  वापिस वो उसी सड्क पर पहुंचे पर अब वो जॉम था ही नही किसी को पता ही नही चला कि वहां हुआ ही क्या था…

ये भेडचाल वाला रास्ता कही नही जाता इसलिए जरुरी है कि सोच समझ कर ही इसे अपनाए… किसी पोस्ट को फार्वर्ड ये देख ले की किस भरोसे मंद से पता चला है या कितना यकीन किया जा सकता है या  करने से पहले ये खबर सही है इसका क्या सबूत है  और जहां तक पता लगाने की बात है …जहां तक जानने की बात है

आजकल गूगल से कुछ भी पता लगाया जा सकता है इसलिए बजाय वायरल खबर को बढावा देने के असलियत को देखे जाने और फिर फार्वर्ड करें तो बेहतर होगा …

न्यूज चैनल वालों – न्यूज चैनल जरा रहम करो – Monica Gupta

न्यूज चैनल वालों – न्यूज चैनल जरा रहम करो -जिस तरह से न्यूज चैनल या खबरिया चैनल खबरों को टीआरपी के लिए परोसते हैं ऐसी खबरें सुनना अब आम हो जाएगा read more at monicagupta.info

 

November 28, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

लापरवाही के कारण और महिलाएं

आप कैसे हैं - अपने आप को जानिए

लापरवाही के कारण और महिलाएं – लापरवाही या लापरवाह होना की बात तो हम अक्सर सुनते हैं पर महिलाओं का लापरवाह होना … ?? यानि  examples of negligence cases, example of negligence in healthcare , negligence in ladies , negligence examples , height of negligence , height of negligence in ladies.. मुझे भी कुछ ऐसे उदाहरणों से दो चार होना पडा…

लापरवाही के कारण और महिलाएं

आमतौर पर जब हम किसी को गिरते हुए देखते हैं तो ओह बोलते हैं और उसकी हेल्प के लिए भागते है पर आज मैने एक लडकी को गिरते देखा और यकीन मानिए मेरे दिल में कोई हमदर्दी नही हुई … अब आप सोच रहे होंगें कि मैं बहुत निष्ठुर हूं पत्थर दिल हूं जी नही न मैं पत्थर दिल और निष्ठूर  हूं  बल्कि जब आपको सारी बात पता चलेगी तो आप मेरा ही समर्थन करेंगें …

असल में हुआ ये कि आज ATM लाईन में लगे इधर उधर देख रही थी तभी देखा एक लडकी मोबाईल पर कुछ लिखते लिखते आ रही है दो बार तो उसका बलेंस भी लूज हुआ पर मोबाईल लिखना नही छोडा और नतीजा सामने सडक नही देख पाई और धडाम से गिरी …

अब बताईए कि क्या आप को  हमदर्दी होगी या गुस्सा आएगा … अरे भाई सडक पर चल रहे हो इतना जरुरी है तो एक मिनट रुक जाओ … लिख लो फिर चलो … पर नही … यही है लापरवाही !!!

 

छोटी बातें बड़े काम की – Monica Gupta

छोटी बातें बड़े काम की – कई बातें बहुत छोटी लगती हैं पर असल में वो होती बहुत काम की हैं इसलिए छोटी छोटी बात पर भी ध्यान देना चाहिए. छोटी छोटी बातें – कुछ का read more at monicagupta.info

लापरवाही के कारण और महिलाएं आपको कसा लगा ??

 

November 27, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

छोटी बातें बड़े काम की

दूसरों की मदद करना अच्छा – एक प्रेरक कहानी

छोटी बातें बड़े काम की – कई बातें बहुत छोटी लगती हैं पर असल में वो होती बहुत काम की हैं इसलिए छोटी छोटी बात पर भी ध्यान देना चाहिए. छोटी छोटी बातें – कुछ काम की बातें-काम करने के तरीके, छोटी बातें, काम की जानकारी,छोटी बातें बड़े काम की…

छोटी बातें बड़े काम की

कल शाम घर के आगे से एक lady अपने छोटे बच्चे हो लेकर जा रही थी … बच्चा छोटी साईकिल चलाना सीख रहा था और एक हाथ मे मोबाईल पकडा हुआ था .और अपनी साईकिल भी चला रहा था और झूठ मूठ फोन कर रहा था कि हैलो वही वो महिला बहुत खुश हो रही थी और दूसरी सहेली से बोल रही थी खुश होते हुए बिल्कुल अपने पापा पर गया है वो भी ऐसी ही बात करते हैं …

कि बिल्कुल अपने पापा के जैसे कर रहा है … बच्चा प्यारा था उसकी साईकिल बहुत प्यारी थी जो अच्छा नही लगा वो था मम्मी गलत बात को बढावा देना … बात बेशक बहुत छोटी है पर उसके पास एक अच्छा मौका था यह बताने का कि सडक पर बात नही करते अपनी साईकिल रोक करही बात करनी चाहिए …

बच्चे को बताना चाहिए था कि कार चलाते वक्त फोन बात नही करते तो बहुत अच्छा लगता …

छोटी बातें बड़े काम की

बच्चे को आगे लाने में मम्मी की भूमिका बहुत ज्यादा होती है जैसे एक बार मैने नेट पर भी पढी थी एक कहानी घर पर हर रोज कूडे वाला आता है तो बच्चा मम्मी को आवाज देकर कहता है कि घर पर एक व्यक्ति कूडा लेने आता है तो बच्चा मां को बोलता है कि मां कूडे वाला आया है

इस पर मां उसे समझाती है कि नही बेटा वो तो सफाई वाला है हमारे घर से कूडा ले जाकर घर साफ करता है इसलिए उसे सफाई कर्मचारी कहो ना कि कूडे वाला… बहुत सही बात कही … पेरेंस की भूमिका यही होनी चाहिए कि अच्छी सीख दें….

एक मेरी सहेली ने बताया  मणि थोडे दिन पह्ले बाजार् गई. बच्चो को लेकर कॉपी पैन खरीदना था हसबैंड कार में बैठे रहे और वो  दुकान पर बहुत भीड थी. मणि ने पैन लिए और पचास रुपए दुकानदार को दे दिए.

कुछ देर में दुकानदार ने उसे तीन पैन दिए के साथ साथ पचास रुपए भी दे दिए और दूसरे ग्राहको को सामान देने लगा. मणि पहले तो कंफ्यूज हुई पर बाद में मन ही मन खुश हो गई कि मजा आ गया. पैन फ्री मे आ गए. मम्मी को खुश देख कर बच्चे भी खुश हो गए. कार मे बैठ कर जब उसने अपने पति को खुशी खुशी बात बताई तो उसे बहुत डांट पडी. उन्होने कहा कि यह बिल्कुल गलत है. दुकानदार को पैसे वापिस देकर आओ. वो मुंह बना कर बेटे के साथ वापिस दुकान पर गई.

जब रश काम हुआ तो उसने दुकानदार को सारी बात बताई. उस समय तो दुकानदार ने अपनी व्यस्तता बताते हुए पैसे काट कर उसे दस रुपए वापिस कर दिए पर बात का असर ये हुआ कि बच्चों को सबक मिला कि गलत काम नही करना चाहिए …

दुकानदार  ईमानदारी से बहुत खुश हुआ और जब भी बच्चे उसकी दुकान पर जाते वो सबसे पहले उन्हें ही देखता है ताकि उन्हे इंतजार न करना पडे  

उस दिन मणि को बहुत झेंप भी महसूस हुई पर खुशी भी हुई कि आज वो किसी के लिए तो प्रेरणा बनी. बात पचास रुपए की नही है बल्कि हमारी सोच की है अगर मणि उस दिन अपने पति के कहने पर रुपये न वापिस करती तो जिंदगी तो वैसे ही चलती रहती और  उसके बच्चों को एक गलत सबक मिलता पर अब मणि के साथ साथ उसके बच्चे भी एक सीख ले चुके थे. अच्छाई सच्चाई के रास्ते पर चलने में फायदा है। क्योंकि इस रास्ते पर भीड़ कम मिलती है। ..

आप कैसे हैं – अपने आप को जानिए – Monica Gupta

आप कैसे हैं – अपने आप को जानिए – हम सभी अच्छा बनना चाहते हैंं पर प्रश्न ये उठता है कि कैसे अच्छे बने कैसे दूसरों का दिल जीते .अपने आप को कैसे पहचाने,खुद को read more at monicagupta.info

 

छोटी बातें बड़े काम की  आपको कैसा लगा ?? जरुर बताईएगा …
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November 26, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

कड़वी बात – सोच समझ कर बोलें

दूसरों की मदद करना अच्छा – एक प्रेरक कहानी

कड़वी बात – सोच समझ कर बोलें – आमतौर पर किसी को भी अन्धा, बहरा या पागल बोल देते हैं जबकि ऐसे कडवे बोल बोलने से सौ बार सोचना चाहिए क्योकि अपने बोल से लोग या तो दिल में उतर जाते हैं या दिल से उतर जाते हैं …

कड़वी बात – सोच समझ कर बोलें

कड़वी बात – आज एक जानकार बता रही थी कि वो handicapped हो गई है… अरे !!! फिर मैने ध्यान उसे देखते हुए पूछा अरे कब , कहां और कैसे. तुमने तो बताया भी नही … इस पर उसने मुझे ही पागल करार देते हुए कहा कि अरी पगली वो वाला handicapped नही बल्कि दूसरे वाला !!!दूसरे वाला मतलब ???

तब उसने बताया कि जहाँ उसने नया घर बनाया है वहां मोबाईल नेट वर्क नही है इसलिए बिना नेट के handicap बराबर ही है. अभी तक तो सडक नही थी सडक तो बन रही है पर नेटवर्क न होने की वजह से handicap हो गए हैं …
हे भगवान !! ऐसी कैसी मानसिकता है ये … कितनी सहजता से handicap शब्द का यूज कर लिया … बिना पीडा जाने कि handicap लोगों को किस दर्द से गुजरना पडता है … इसी बात पर मुझे बहुत पहले पढी एक कहानी याद आ गई…

एक आदमी मंदिर जाता है और भग्वान के सामने खडा होकर रोने लगता है भगवान दर्शन देते हैं और पूछते हैं तो वो बताता है कि उसे आपके कुछ भी नही दिया …

मेरा एक दोस्त इतना अमीर है और दूसरा उससे भी ज्यादा पर मेरे पास तो कुछ भी नही …. भगवान बोलते है कि क्या तेरे पास कुछ नही वो बोलता है नही कुछ नही … इस पर भगवान बोलते हैं कि ठीक है तुम एक काम करो अपने दोनो पैर मुझे दे दो और एक लाख ले लो इस पर वो बोलता है कि अरे नही पांव ही ले लिए तो … चलूगां कैसे … कुछ और … भगवान बोलते हं कि ठीक है दोनो हाथ दे दो और दो लाख ले लो … वो फिर कहता हि कि अरे नही हाथ ही नही रहे तो काम कैसे करुगा …

                                             कड़वी बात – सोच समझ कर बोलें

इस पर भगवान बोलते हैं ठीक है अपनी दोनों आखें दे दो… तो वो बोलता है कि आप भी कमाल करते हो … आखें नही रहेंगी तो मुझे दिखेगा कैसे … ???

भगवान कहते है कि तेरे पास लाखों का शरीर है फिर भी तू रो रहा है मैने तुझे कुछ नही दिया …

वो माफी मांगता है कि मैं जो अनमोल चीजे दी हैं उनका सही इतेमाल करुगा और कुछ बन कर दिखाऊगा … असल में जो हमारे पास है हम उसकी वेल्यू नही करते … और ऐसी बात बोलते हैं जो नही बोलनी चाहिए …

जो हमारे पास उसकी कद्र करनी चाहिए सोच समझ कर बोलना चाहिए ऐसी बात बोले जिससे दिल न दुखे

कड़वी बात – सोच समझ कर बोलें – के बारे में आपके क्या विचार हैं ??

प्रशंसा करना – अगर कोई हमारी प्रशंसा न करे तो – Monica Gupta

प्रशंसा करना – अगर कोई हमारी प्रशंसा न करे तो – किसी की प्रशंसा करना कितना जरुरी , how to encourage, how to encourage someone who is depressed, motivation read more at monicagupta.info

 

November 25, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

प्रशंसा करना – अगर कोई हमारी प्रशंसा न करे तो

दूसरों की मदद करना अच्छा – एक प्रेरक कहानी

प्रशंसा करना – अगर कोई हमारी प्रशंसा न करे तो – प्रशंसा करना – किसी की प्रशंसा करना कितना जरुरी ,  how to encourage, how to encourage someone who is depressed, motivation , motivation story, types of motivation ,motivation theories

प्रशंसा करना – अगर कोई हमारी प्रशंसा न करे तो. क्या करें

हम कुछ काम करें और उसकी सराहना मिले वाह !! बहुत खूब , कमाल है , तो यकीनन बहुत अच्छा लगता है और मनोबल भी बढ जाता है … पर कई बार हमें वो प्रोत्साहन नही मिलता यानि हम काम तो करते हैं पर कोई encouragement नही तो … तो हमें वो काम ही नही करना चाहिए … आप क्या सोचते हैं

मैं तो यही सोचती थी … जी … मन उदास हो जाता और यही लगता जब कोई सराहना ही नही कर रहा तो काम करके क्या फायदा … पर एक दिन जब मैने सचिन तेंदुलकर की एक स्पीच को सुना तो मेरी सोच ही बदल गई … तब से मैं तो मोटिवेट हुई ही साथ ही साथ दूसरों को भी यह बात बताने लगी … क्योकि ये कॉमन प्रोबलम है इसलिए …
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हम कुछ काम करें और उसकी सराहना मिले वाह !! बहुत खूब , कमाल है , तो यकीनन बहुत अच्छा लगता है और मनोबल भी बढ जाता है … पर कई बार हमें वो प्रोत्साहन नही मिलता यानि हम काम तो करते हैं पर कोई एनकरेजमैंट नही तो … तो हमें वो काम ही नही करना चाहिए … आप क्या सोचते हैं

मैं तो यही सोचती थी … जी … मन उदास हो जाता और यही लगता जब कोई प्रेज ही नही कर रहा तो काम करके क्या फायदा … पर एक दिन जब मैने सचिन तेंदुलकर को सुना तो मेरी सोच ही बदल गई … तब से मैं तो मोटिवेट हुई ही साथ ही साथ दूसरों को भी यह बात बताने लगी … क्योकि ये कॉमन प्रोबलम है इसलिए आपको भी जरुर बताना चाहूगी …

बात तब की है जब सचिन तेंदुलकर ने नवम्बर 2013 में  इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायरमेंट ली और एक स्पीच दी थी .. स्पीच में उन्होने बताया कि  उनके कोच श्री रमाकांत आचरेकर जी ने बहुत मेहनत करवाई. स्कूटर पर एक मैदान से दूसरे मैदान ले जाते पर पिछले 29 साल में उन्होंने एक बार भी कभी “वेल प्लेड” नहीं कहा। उन्हें डर था कि मैं ज्यादा ही खुश न हो जाऊं और मेहनत करना न छोड़ दूं।’…

बताईए क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन को कभी appreciation नही मिली … पर उन्होनें खेलना नही छोडा … जब रमाकांत जी से पूछा गया कि उन्होंने सचिन को उसके कैरियर में कभी ‘वेल प्लेड’ क्यों नहीं बोला, उन्होंने कहा ,‘‘ वह काफी सख्त कोच थे और चाहते थे कि सचिन हमेशा अपनी पारी में नाट आउट रहे। वह हमेशा कहते थे कि सचिन जैसा कोई दूसरा नहीं हो सकता लेकिन उसके सामने कभी उसकी तारीफ नहीं करते थे।

सचिन की कोई पारी ऐसी नहीं जो उन्होंने नहीं देखी हो..वैसे भारत रत्न मिलने के तुरंत बाद उन्होंने सचिन तेंदुलकर को फोन पर ‘वेल डन’ जरुर कहा …

अगर आप लोगों को भी किसी खास की शाबाशी नही मिल रही है. जिससे आपको बहुत उम्मीद है तो भी कोई बात नही. यकीन मानिए वो बेशक लफ्जों ना बोलें पर दिल से आपका बहुत भला चाह्ते हैं.!!! पीवी सिंधु से भी सीखा मोबाईल फोन …

तो अपनी पीठ थपथपाईए खुद को शाबाशी दीजिए … खुद को पार्टी दीजिए … क्या दिक्कत है … बस करते जाईए … मेहनत इतनी खामोशी से करो कि सफलता शोर मचा दे … इसी शोर … मेरा मतलब कामयाबी के साथ … फिर मिलूगी … तब तक …

 

स्वच्छता का महत्व – स्वच्छ भारत अभियान में हमारा योगदान – Monica Gupta

स्वच्छता का महत्व – स्वच्छ भारत अभियान में हमारा योगदान- क्या हो सकता है? मन में यही प्रश्न आता है और उत्तर भी तैयार खडा होता है कि नही … सभी गंदगी फैलाते read more at monicagupta.info

 

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November 24, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

Helping hands are better than praying lips

दूसरों की मदद करना अच्छा – एक प्रेरक कहानी

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Helping hands are better than praying lips

बेशक, जिंदगी में खट्टे मीठे अनुभव होते रहतें हैं पर प्रयास हमें अच्छा और पॉजिटिव ही करना चाहिए .. और मदद के लिए हमेशा आगे आना चाहिए वो कहते भी हैं ना helping hands are better than praying lips मदद करनी चाहिए और इस तरह के अनुभव हमे शेयर करने चाहिए ताकि ताकि कोई अगर अच्छा काम करें तो हिचकिचाए नही…. आगे आएं … अच्छा लगेगा !!

कल शाम मार्किट जाते वक्त अचानक हमने अपनी  car की speed  तेज कर दी. भारी rush होते हुए भी हमे अपनी कार तेज इसलिए चलानी पडी क्योकि आगे एक lady स्कूटर पर जा रही थी और उसकी चुन्नी एक तरफ लटक गई थी और बिल्कुल टायर के पास थी यानि अगर वो टायर मे उलझ जाती तो बहुत बुरी तरह से दुर्धटना हो सकती थी पर बिल्कुल समय पर उसे over take करके उसे इशारा करके बचा लिया वो भी ओह सॉरी….  थैक्यू कहती चुन्नी सम्भालती आगे बढ गई.

उस समय बहुत खुशी हुई चलो कुछ अच्छा किया… वैसे बहुत छोटी छोटी बातें होती हैं पर वाकई जिंदगी पर बहुत असर डालती हैं …

एक ऐसा ही बात  बताना चाहूंगी हुआ ये कि अभी कुछ दिन पहले क्या हुआ कि . … बहुत लम्बी लाईन थी एटीएम पर  

एक बुजुर्ग व्यक्ति अच्छा महसूस नही कर रहे थे उन्हें शायद बुखार था … उसी लाईन  में से एक अन्य व्यक्ति निकल कर आया और उन व्यक्ति का हाथ पकड कर आगे ले गया और किसी ने भी ओबजेक्शन आपति नही की दो मिनट में वो पैसे निकाल कर बाहर भी आ गए और सभी को हजारो आशीर्वाद देते हुए चले गए… और वो व्यक्ति वापिस अपनी लाईन में लग गया ….

कुछ दिन पहले एक और अनुभव हुआ था जोकि अच्छा तो नही था पर सीख जरुर दे गया … सडक पर भारी रश था और अचानक एम्बूलेंस आ गई … वो सायरन ही बजाती रह गई पर उसे जगह नही मिली … उसे back लेना पडा … वैसे भीड में बहुत लोग ऐसे भी थे जो मदद करना चाह्ते थे पर सभी फंंसे हुए थे और मदद करना सम्भव ही नही हो पाया…

मैने पढा था कि अगर सडक पर एंबूलेंस जाती देखें तो प्रार्थना करनी चाहिए जबकि मेरा ये मानना है कि प्रार्थना से पहले उसे साईड दे देनी चाहिए ताकि वो समय से डाक्टर के पास पहुंच जाए और अपना ईलाज करवा पाए..

 

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Helping hands are better than praying lips के बारे में आपकी राय और अनुभव का स्वागत है …

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