छोटे बच्चों को पेरेंट्स न डराएं – Don’t Scare the Little Ones – कहीं आप अपने बच्चे को डराते तो नहीं.. is it ever ok to scare your child… Please don’t scare the little ones बच्चों को डराना क्या सही है ?? पेरेंट्स कहीं आप अपने बच्चे को डराते तो नहीं..
छोटे बच्चों को पेरेंट्स न डराएं – Don’t Scare the Little Ones
हाऊ आ जा … मीकू का खाना खा जा वो खाना नही खा रहा …
या अभी ले कर जाती हूं तुझे डाक्टर अंकल के पास सूई लगाएगें तब पता चलेगा …
कहना नही मान रहा ना तू … चल तुझे स्टोर में बंद करते आती हूं तब पता चलेगा …
पडोस वाले अंकल को बोलती हूं वो अपना डॉगी लेकर आएगें … तब समझ आएगी तुझे …
Stop, Don’t Touch. रुक जाओ, हाथ नही लगाना … ऐसे शब्द हैं जिससे बच्चे के मन में एक अजीब सा डर घर कर जाता है …
पेरेंट्स खुश हैं कि बच्चे पर कितना रौब है पर वो भूल गए कि ये रौब नही … आपने बच्चे की ग्रोथ को ही रोक दिया … बात बात पर ये कहने से उसमे भयंकर रुप से कॉम्पलेक्स आ गया..
अब प्रश्न ये उठता है कि आखिर डरातें हैं पेरेंट्स इसमे कोई शक नही कि कुछ बच्चे होते हैं बहुत जिद्दी या शरारती जिन्हें संभालना बहुत मुश्किल होता है, जो कोई भी बात जल्दी नहीं सुनते. लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं कि आप उनके मन में बेवजह के डर भर दें.
अक्सर समझदार पैरेंट्स की सोच होती है कि अगर बच्चों को डराएंगे नहीं, तो वे उनकी बात नहीं मानेंगे.
और वो अपने डर को दूर भगाने के लिए वे बच्चों के मन में डर डाल देते हैं, जो बिल्कुल ग़लत है.
एक बात बताईए … अच्छे समझदार पेरेंट्स निडर बनाते हैं या डरपोक ??
पर आप तो बच्चे को ख़ुद डरना सिखा रहे हैं इसलिए ऐसे उदाहरण देकर डराना बंद कीजिए
आप समझदार बनें क्योकि इसके रिजल्ट बहुत खराब होंगे
क्या होगा कि ऐसे डर के कारण बच्चों के मन में असुरक्षा की भावना घर कर जाती है, जो उनके व्यक्तिगत विकास में बाधा बन सकती है. ग्रोथ पर असर पडता है
आत्मविश्वास कम होता जाएगा … हर समय डरे सहमें रहेंगें दूसरे बच्चें मजाक बनाएंगें …
हीन भावना आ जाएगी
क्लास में भी चुप चुप रहेंगें डर के कारण स्कूल की एक्टिविटीज़ में हिस्सा लेने से कतराते हैं, जिसका सीधा असर इनके व्यक्तित्व पर पड़ता है
बच्चों के मन में कई ग़लत धारणाएं बैठ जाती हैं, जिसका उनकी सोच पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है
तो क्या करना चाहिए …
पैरेंट्स को यह बात समझनी होगी कि डर दिखाकर क्या बच्चा वो काम कर रहा है अगर नही कर रहा तो डराने का भी कोई फायदा नही … इसलिए संयम से और प्यार से काम लें
प्यार से जो काम आप करवा सकते हैं, वो डर से कभी नहीं हो सकता.
डर एक बाहरी दबाव है और आप बच्चे को चाहे जितना भी डराएं, जब तक उसके मन में उस काम को करने की इच्छा नहीं होगी, वह उसे नहीं करेगा
तो डराने की बजाय प्यार से समझाएं
क्योंंकि बडे होने पर भी बच्चों के मन से यह डर निकलेगा
प्यार से अपने बच्चे की बात सुनें और समस्या को दूर करने की कोशिश करें.
बच्चे अगर कोई काम नही कर रहा आनाकानी कर रहा है तो उस के व्यवहार को समझने की कोशिश करें गहराई तक जाने की कोशिश कीजिए
बच्चे को समय दीजिए और बच्चे को प्रोत्साहित करें. पर डराना या दूसरों के सामने मजाक न बनाएं
तो अब हाऊ कोई नही … सूई का तो डर होता ही नही … कोई अंधेरा कमरा नही … आत्मविश्वास भरिए पर डराना मना है
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