How To be Happy In Old Age – बड़े बुजुर्ग सदा खुश कैसे रहें – समय के साथ बदलना क्या समझदारी है ?? हैं या नही .. यकीनन आपका जवाब होगा कि हां, पर कुछ लोग खासकर हमारे बड़े बुजुर्ग बदलना नही चाहते और इस वजह से रिश्ते भी खराब हो जाते हैं और एक पीढी का गेप आ जाता है… बहुत लोगो का मानना होता है कि कई बार बडे लोग थोडे अडियल हो जाते हैं और बदलना नही चाहते… पर जरुरी है बदलते समय के साथ खुद बदलना … बदलाव लाना सभी के लिए अच्छा है… बडे लोग बडे लोग
चलिए आज बडे लोगो से ही बात करते हैं… कि अगर बड़े बुजुर्ग अपने अंदर बदलाव लाएंगें तो कितना अच्छा महसूस होगा…
How To be Happy In Old Age – बड़े बुजुर्ग सदा खुश कैसे रहें
पहली बात तो किसी बात पर Stuck नही हो जाईए
मैं आज के समय की ही बात करती हूं कि आजकल बच्चों और बडो को नेट का बहुत शौक है और कुछ बुजुर्ग .. अरे क्या बेकार की चीज है… फालतू है .. इसलिए खुद भी नही करते … बहुत समय पहले की बात है जब बैंक में कम्प्यूटर जरुरी हो गया था तो एक जानकार ने नौकरी ही छोड दी कि मुझसे ये चोंचले नही होते…
और अगर मैं बुजुर्ग महिलाओं की बात करु तो ज्यादा झगडे किस बात पर होते हैं बहू सिर नही ढकती या साड़ी ही पहननी है … बहुत बार लडाई का कारण बनता है… और अगर अडिग नही होंगे थोडा छूट रखेंगें कि कोई बात नही …
थोडा बहुत सीख लेता हूं कम्प्यूटर और क्या हो गया कि बहू ने सूट पहन लिया … तो Stuck नही होंगे तो रिश्ते सही रहेंगें…
उन बातों का सोचना बंद कर दीजिए जो आपके हाथ मे ही नही..
अब सरकार किसकी बन रही है… या महंगाई हो गई या पैट्रोल का रेट कहां जाएगा.. इन बातों को सोच सोच कर तनाव किसलिए लेना है ये हमारे हाथ मे है ही नही… तो चीजे हमारे बस में नही सोचना बंद कर दीजिए.. अपनी उम्र का हवाला देना कि अब मैं बूढी हो रही हूं क्या होगा… ये सोच बंद करके अच्छी तरह कैसे बिताएं ये सोचिए
Criticize करना शिकायत करना बंद कर दीजिए.. Criticism आधे से ज्यादा लडाई झगडो में सुधार आ जाएगा जब हम…
कुछ नही रखा इन बातों में.. इससे रिश्ते खराब होते हैं और दूरिया भी बढती हैं… जहां दो बडी लेडीज बैठी तो बस इधर उधर की करना… किसी की शादी किसी के बच्चे, मेरे बच्चे, मेरा लडका… बस यही तो इसे करना बंद कर देंगें तो बहुत फर्क पड जाएगा…
हमेशा कुछ भी सीखने को तैयार रहिए…
अब नई नई चीजे आ रही है तो हमें सीखना भी तो चाहिए.. जैसे मान लीजिए लिफ्ट है… डर लगता है एक बार खुद ओपरेट करके तो देखिए… और वटस अप है फेसबुक है.. क्या हुआ सीखना चाहिए … नौकरी छोड कर भी क्या फायदा हुआ कुछ नही … कोसना बंद कर दीजिए
Flexible रहना सीखना चाहिए…
हम सोचते हैं कि जैसा चलता आ रहा है चलता रहे पर हमें समय के साथ साथ Flexible हो जाना चाहिए. अब जैसे हवा चलती है तो पेड की शाखाएं हिलने लगती है वो अडिग तो नही रहती कि नही हिलना.. और अगर अडिग रहेगी तो जल्द ही टूट जाएग़ी..
मेरी आंटी हैं उन्हें में बचपन से जानती हूं घर में प्याज भी नही आता बहुत सख्त थी इस मामले में कि नही आएगा खाना तो दूर की बात है पर पर अब जब उनके बेटे की शादी हुई बहू आई और बच्चे हुए अब एक दिन मैं उनके घर गई तो वो खुद प्याज की परांठी बना रही थी.. बोली जब सभी को पसंद है तो क्या दिक्कत है… और उन्होनें मुझे भी खिलाई … बहुत ही अच्छा लगा…
बहस में नही पडना चाहिए..
बडे लोग बहुत अनुभवी होते हैं तो अपना बडप्पन दिखाना चाहिए… न कि व्यर्थ की बहस में पडना चाहिए आज का जो फैशन है कि क्या है ये कपडे “distressed jeans… whose various holes and patches somehow make them look chic फटी जींस पहनना या महिलाओ का नौकरी पर जाना कि हमारे समय में तो ये नही होता था उन्हें घर से बाहर जाना ही नही चाहिए ज्यादा हवा लग गई है उन्हें… बेटा घर का काम कर रहा है बहू नौकरी पर जा रही है…
नेगेटिव लैंस हटा कर पोजीटिव रहना और सोचना चाहिए..
देखिए मैं तो एक बात जानती हूं कि जिंदगी में हम सभी ने बडे भी होना है और बूढा भी… जरुरत है मिलजुल कर रहने की…
एक कहानी सुनी थी कि एक गांव में आग लगी… सभी भाग गए बस दो लोग बचे रह गए एक अंधा और एक लग़ंडा.. तब लग़डे ने अंधे से कहा कि हम दोनो बच सकते है अगर तुम मुझे अपने कंधे पर बैठा को… अंधे मने लगंडे को कंधे पर बैठा लिया और दोनो बच गए… कहानी बहुत सार्थक संदेश देती है कि आज भी चारो तरफ आग लगी हुई है ईर्ष्या की अंशाति की, समाज बच सकता है
अगर अंधा लगडे को कंधे पर बैठा ले … अंधा कौन अंधी जवानी यानि यंग लोग और लग़डा बुढापा .. चरण हों युवक के और अनुभव की आख हो बुजुर्ग की हो तो समाज अशांति की आग से बच सकता है… तो मिलकर चलने की जरुरत है
जिंदगी इतनी भी complicated नही है…
How to be Happy in Old Age
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