How to Develop Discipline In Children – पैरेंट्स बच्चों को discipline में रखने के लिए क्या करें – बच्चे discipline में रहें इसके लिए पैरेंट्स को क्या करना चाहिए देखिए हम सभी पैरेंट्स यही चाहते हैं … बच्चा respect करें, चिल्लाए न , कहना मानें उसके लिए बातें तो बहुत हैं पर मैं कुछ बातें बता रही हूं … जिनका पैरेंट्स को ध्यान रखना चाहिए…
How to Develop Discipline In Children – पैरेंट्स बच्चों को discipline में रखने के लिए क्या करें
Some Tips
- बच्चो की सुनना – घर आने पर भी ज्यादा समय मोबाईल या काम करते रहना जब बच्चा कुछ पूछ्ने आए तो डांट देना … शट अप.. चुप करा देना या ये बोलना कि देखते नही कितना जरुरी काम कर रहा हूं इससे बच्चा बुरी तरह से चिढ जाता है और वो गुस्सैल होता जाता है..
2 धमकी न दें – कई बार बच्चे कहना नही मानते तो मम्मी के पास एक ही हथियार होता है कि आने दो तुम्हारे पापा को उन्हीं को बताऊंगी … धमकी देना … डराना सही नही है बार बार ऐसा करने से बच्चा जिद्दी हो जाता है.
3 Don’t drink or smoke before kids बच्चों के सामने नशा न करना – बहुत बुरा असर डालता है … इससे बच्चे के मन पर बुरा असर पडता है और कुछ सारे नियम ताक पर रख कर बच्चे चोरी चोरी लेना शुरु कर देते है..
4 झूठ न बोलना … पेरेंटस बच्चों के रोल मॉडल होते हैं इसलिए उन्हें कोशिश यही रहना चाहिए कि वो बच्चों के सामने झूठ न बोले.. चाहे आफिस में बोलना हो या अपने दोस्त से ऐसा नही करें.
5 अपने आप से तुलना नही... कई बार बच्चों के सामने खुद को स्मार्ट दिखाने के चक्कर में मैं ऐसा था … मैं ये करता था … आप तो ऐसे नही हो … ऐसा नही कहना चाहिए …
6 बच्चों को demoralise करना … बार बार जताना कि बच्चे ही गलत है … मान लिजिए वो कुछ काम करने की कोशिश कर रहा है तो उसे मोटिवेट करने की बजाय उसे जताना कि रहने दो तुम नही कर सकते … demoralise करना … सही नही किया … मेरी बात नही सुनी मना किया था न मैंनें … इसलिए ऐसा हुआ
7 बच्चे को रिश्वत न देना – कई बार बच्चों से जासूसी करवाई जाती है और उसे रिश्वत भी दी जाती है ताकि वो बात किसी को न बताए जोकि सरासर गलत है
8 अपने बच्चे की दूसरे बच्चे से तुलना न करना – तुलना करना तो मानो जन्मसिद्द अधिकार ही होता है हमारा जबकि ये सही नही है. कई बार बच्चों के दोस्तों से तुलना करते हैं तो कभी अपने ही बच्चों से यानि बच्चों के भाई बहन से कि वो इतना अच्छा है .. कहना मानता है और तुम देखो नालायक हो एकदम, बुदू हो अपने भाई से बहन से सीखो..
9 बच्चों के सामने दूसरो का मजाक न उडाना – सही नही है. कई बार माता पिता अपने रिश्तेदारों के या बच्चों के दोस्तों के या स्कूल टीचर का मजाक बनाते हैं इससे बच्चे को शय मिलती है और फिर वो भी मजाक उडाने लगता है …
10 बच्चे के सामने माता पिता का लडना… इससे बच्चे के मन पर बुरा असर पडता है. लडने के बाद खुद को कोसना कि कहां फंस गई , किसके पल्ले बंध गई … ये सब देख कर बच्छा भी बात बात पर लडने पर उतारु हो जाता है …
11 बच्चों से राय न लेना … बच्चों को भी खास महसूस करवाना चाहिए पर पैरेंट्स ऐसा नही करते … जबकि बच्चों की राय बहुत अहमियत होती है उन्हें खास अहसास दिलाती है …
बच्चे वही बोलते हैं जो वे अपने से बड़ों से सुनते हैं वही सीखते हैं जो उन्हें सीखाया जाता है
बच्चे वही करते हैं जो वे अपने घर के बड़ों को करते देखते हैं यानि बच्चे वैसे ही बन जाते हैं जैसा वे सोचते हैं
97 % से अधिक बच्चे, जिस महौल में वे पले बड़े होते है बढ़े होकर वैसे ही बन जाते हैं..
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