How to Motivate Your Child to Study – बच्चों का पढ़ाई में मन कैसे लगाएं – क्या करें कि बच्चे पढाई करें.. जब भी बच्चे और पढाई की बात होते है तो कुछ पेरेंट्स घबरा जाते हैं कि अरे बाप रे.. क्या करें पढ्ते ही नहीं है बच्चे.. सारा दिन कहते रहो पढ़ लो पढ़ लो पर नहीं… तो क्या करें ? पेरेंट्स क्या करें कि बच्चे पढे इसके लिए मैं आपको आज बता रही हूं 11 बातें और पूरी तरह आजमाई हुई… पर कुछ भी बताने से पहले एक बात मैं बहुत जरुरी समझती हूं और वो है घर का माहौल… बच्चा किस माहौल में पढ़ना पसंद करता है वो जान कर उसे वैसा ही माहौल देने की कोशिश करनी है… कई बच्चे होते हैं उन्हें पढ्ते पढ्ते खाने का शौक होता है, कई बच्चों को बिल्कुल चुप माहौल चाहिए होता है… कुछ बच्चे बहुत जल्दी लर्न कर लेते है वही कुछ बच्चे बहुत ज्यादा समय लगाते है… और पेरेंट्स ये समझते हैं बच्चे पढते नहीं… तो ये बात समझ कर उन्हें वैसा ही माहौल देना बहुत जरुरी होता है…
How to Motivate Your Child to Study
अब मैं शुरु करती हूं अपना पहला पोईंट
1. बच्चे को ये realise करवाना है कि पढाई बहुत जरुरी है… बच्चे को बचपन से ही पढाई की importance सीखानी है.. बच्चे छोटा है अभी पढाई का बोझ क्या डालना. ये सोच नहीं होनी चाहिए बल्कि जब से वो प्री स्कूल जाना शुरु करे… जो लोग study-conscious रहे हैं उनसे मिलवाईए बच्चों को…और पूछिए कि वो इतना किसलिए पढे.. वो अपने बचपन के बारे में बताए और ये भी बताए कि स्कूल जाना कितना मजेदार भी था और challenging भी.. उनसे मिलवाने का सिर्फ ये ही मतलब है कि दूसरो से बच्चे जल्दी inspire होते हैं.. मम्मी पापा की बात मानते है या नहीं मानते पर उनकी बात जरुर ध्यान से सुनेंगें…
- फिर उन्हें ये बताना है कि स्कूल जाना या पढाई हमारी प्राथमिकता है… ज्यादा समय हम टीवी मोबाइल पर लगाते हैं और उसे ही हमारी प्राथमिकता समझते हैं जबकि प्राथमिकता पढाई है हां, home work या learn work खत्म होने के बाद हम जरुर उसे कर सकते हैं पर पढाई पहले.. और इस बात की आदत शुरु से ही डलवानी चाहिए..
- जब पढने की बात करते हैं तो एक बात ध्यान हमेशा रखनी चाहिए कि जबरदस्ती नहीं करनी.. पढो पढो.. बच्चा रोते चिल्लाते स्कूल जा रहा है और आप चांटा मारते ले जा रहे हैं. न चिल्लाना है और न चांटा मारना है..सोचना चाहिए कि वो ऐसा किसलिए कर रहा है.. क्या स्कूल में दिक्कत है कोई दोस्त तंग करता है…
जानने की समझने की कोशिश करनी चाहिए फिर उसे दूर भी करना चाहिए.. पर चलो उठो अभी करो पढाई … लगता है कि पढाई का समय हो गया है “Maybe I should go study right now.” चिल्ला कर बोलने से क्या होगा.. बच्चा भी चिडचिड करेगा और हो सकता है जवाब भी दे दे…
- उनके लिए उदाहरण बनिए… जब बच्चा पढाई कर रहा है तो बच्चे को बार बार मना कर रहे हैं कि टीवी नहीं देखना, मोबाइल नहीं करना.. तो उस समय खुद उदाहरण बनें खुद भी उस समय ऐसी कोई चीज नहीं करनी चाहिए कि ध्यान बटे, जब बच्चा पढ रहा है. खुद टीवी चला रखा है या मोबाईल पर सहेली से बात किए जा रही हैं… ऐसा नहीं करना बजाय इसके उसके लिए available रहना है कि इसको कुछ भी जरुरत पडे तो मैं बता सकूं.. साथ रहिए… आप भी अपना कुछ काम करने लगिए जो चुपचाप होता हो… बच्चे को भी लगेगा कि मम्मी भी अपना काम कर रही है.. मैं भी करता हूं..
- ब्रेक लेना चाहिए.. पढाई के दौरान बच्चे की capacity के हिसाब से ब्रेक दे दिया चाहे वो दस मिनट का है या 15 मिनट का… पर जरुरी है… लगातार बैठे रहे तो बच्चा बोर होना शुरु हो जाता है कभी पैंसिल मुंह में डालेगा कभी कुछ करेगा तो बेहतर यही है कि टाईम आऊट कर दिया कि चलो आप 10 मिनट कुछ भी करो…
- ये जानना भी जरुरी है कि उसके दोस्त कैसे हैं ?? अगर कुछ दोस्त ऐसे हैं जो non serious है.. हमेशा इधर उधर ही ध्यान रहता है तो या तो उनके पेरेंटस से या अगर वो स्कूल में तो स्कूल टीचर से बात करनी चाहिए और लगता है कि उनकी वजह से बच्चे पर नेगेटिव असर पड रहा है तो या तो स्कूल या अपनी लोकेल्टी बदल लेनी चाहिए..
- रिवार्ड सिस्टम भी होना चाहिए.. अगर बच्चा बिल्कुल सही से पढाई कर रहा है तो उसे शाबाशी भी मिलनी चाहिए और उसी के साथ उसे कोई न कोई रिवार्ड चाहे उसकी पसंद का खाना या कार्टून देखना या पॉकेट मनी कुछ भी जो बच्चे को पसंद है उसके हिसाब से..
- बच्चों को उनके goals के प्रति Inspire करते रहना बहुत जरुरी है.. बताईए कि अच्छी पढाई उन्हें कहां से कहां तक ले कर जा सकती है…उन्हें अच्छे कॉलिज में एडमिशन मिल सकता है.. उनका भविष्य बहुत बेहतर हो सकता है…
- एक बात और भी ध्यान देनी चाहिए कि बच्चे का जिस भी एक्स्ट्रा एक्टिविटी में इंटरस्ट है उसे वो जरुर सीखाईए. बेशक, उसकी क्लास ज्वाईन करवा दीजिए.. वो उससे बहुत खुश होकर और शौक से सीखेंगें… और उसे सीखते हुए नए नए और भी नई चीजे हर दिन explore करेंगें..
10. अलग अलग तरीके बच्चे में पढाई के प्रति शौक जगाया जा सकता है..
खुद बच्चे बन जाईए और बच्चे को टीचर बना दीजिए… और वैसे भी गर्ल्ज को तो वैसे भी बहुत शौक होता है टीचर टीचर बनने का…
मान लीजिए आप फल, ट्री या पक्षी के बारे में उसे बता रहे हैं और उसे समझ नहीं आ रहा तो पार्क ले जाईए वहां प्रक्टिकली दिखाईए या अगर शहर में कोई म्यूजियम है तो वहां ले जाईए
कही एग्जीबीशन हो रही है तो वो दिखाईए
अगर ऐसा कुछ भी नहीं है यू टयूब पर दिखा दीजिए… अलग अलग तरीके से दिखा कर बच्चे को बहुत जल्दी क्लीयर होता है.. और उसे अच्छा भी लगता है इससे मस्ती मस्ती में सब याद भी हो जाता है जिस बात के लिए रट्टा लगाना पडता है वो जहन में बैठ जाता है… इस तरह से पढाई को enjoyable बना सकते हैं… तो हमें नई नई टेक्नोलोजी देखती रहनी चाहिए… ताकि बच्चों को अपडेट रख सकें…और पढाई को enjoyable बना सकें..
11. Involve रहिए.. बच्चों के साथ Be involved. बच्चा किस सब्जेक्ट में interest ले रहा है क्या चीज है जो उसे समझ नहीं आ रही.. अगर खुद आता है तो जरुर समझाईए और अगर नहीं आता तो initiative लीजिए… teacher से consult कीजिए… बच्चे की टीचर के साथ मीटिंग करवाईए.. होमवर्क करते समय भी उनकी हैल्प नहीं करनी बल्कि गाईड करना है… कई बार बच्चों को अच्छा नहीं लगता कि बार बार उन्हें देखा जा रहा है तो उन्हें space दीजिए.. बैठे वही रहिए और अपना काम करते रहिए… ऐसा काम जिससे उन्हे कोई disturbance न हो..
और पेरेंटस टीचर मीटिंग में भी लगातार जाना चाहिए.. कई बार बच्चे ही मना कर देते हैं कि रहने दो.. पर जरुर जाना चाहिए…
जरुरत इस बात की है कि patient रहना है… सब कुछ इतना आराम से भी नहीं होता पर अगर एक बार रुटीन बन गई सब सेट हो गया फिर जिंदगी भर दिक्कत नहीं आएगी और बच्चा में बच्चे में बहुत confidence आएगा और वो बहुत होनहार भी बनेगा..
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