How to Resolve Conflict in Relationships – रिश्तों को बेहतर कैसे बनाएं – लड़ाई झगड़ा से कैसे बचें – Monica Gupta Relationship problem….जब किसी से लड़ाई झगड़ा हो जाए और बहुत गुस्सा आए तो आप क्या करते हैं ?? खासकर हम मैं महिलाओं की बात करुं तो गुस्सा आने पर मुंह फुला लेती है… बात नही करती… काम करते समय पटक पटक कर करती है या बर्तन धो रही हों या कपडे धो रही हो या बच्चो को पढाई करवा रही हो तो सारा गुस्सा बच्चे पर निकालती हैं…
ये सब तो ठीक है पर झगडे को सुलझाने के लिए क्या करती है ?? कोई पहल करती हैं ??
How to Resolve Conflict in Relationships – रिश्तों को बेहतर कैसे बनाएं – Monica Gupta
आपसी लड़ाई झगड़ा शांत करना इसलिए भी जरुरी है कि किसी का भला नही होता.. नुकसान खुद का भी होता है.. तनाव बढ जाता है रक्तचाप बढ जाता है… और फिर हमारे गुस्से का असर पूरे परिवार पर पडता है जिससे और तनाव बढता है…
तो हमें खुद भी chill करना चाहिए और कोशिश सुलह की करनी चाहिए…
बहुत सारी बातें हैं कि हमें करके झगडा खत्म कर देना चाहिए……पर मैं आपको इसी बारे में एक छोटी से कहानी सुनाती हूं जो नेट पर पढी थी..
एक संयुक्त परिवार था जिसमें सब लोग मिलकर रहते थे. सास ससुर, ननद, देवरानी जेठानी, बच्चे… हलकी फुल्की खटपट तो होती ही रहती थी जैसा कि हर घर में होती है…
एक बार देवरानी और जेठानी में किसी बात पर जोरदार बहस हो गई और बात इतनी बढ़ गई कि दोनों ने एक दूसरे का मुँह तक न देखने की कसम खा ली और अपने-अपने कमरे में जा कर दरवाजा पटक कर बंद कर लिया।
पर थोड़ी देर बाद जेठानी के कमरे के दरवाजे पर खट-खट हुई… जेठानी ऊँची आवाज में बोली कौन है, बाहर से आवाज आई दीदी मैं… जेठानी ने जोर से दरवाजा खोला और बोली अभी तो बड़ी कसमें खा कर गई थी!! अब यहाँ क्यों आई हो ?
देवरानी ने कहा दीदी सोच कर तो वही गई थी, परंतु माँ की कही एक बात याद आ गई कि जब कभी किसी से कुछ कहा सुनी हो जाए तो उसकी अच्छाइयों को याद करो और मैंने भी वही किया और मुझे आपका दिया हुआ प्यार ही प्यार याद आया और मैं आपके लिए चाय ले कर आ गई
बस फिर क्या था दोनों रोते रोते, एक दूसरे के गले लग गईं और साथ बैठ कर चाय पीने लगीं…
Healthy Relationship रहे उसके लिए इनका निबटारा कर देना चाहिए खुद दिमाग ठंडा रखना चाहिए…
Be patient और चुप हो जाना चाहिए..
start with a pause…. Try to stay silent for at least a couple of seconds सामने वाला बोलेगा तो कितनी देर बोलेगा…
फिर वजह जानने की कोशिश करनी चाहिए कि बात कहा से शुरु हुई कैसे शुरु हुई…
और अगर उसमे हमें हमारी गलती भी दिखाई दे तो सुधारना चाहिए
और अगर गलती सामने वाले की ही है तो सही समय देख कर उनसे बात करनी चाहिए.. पर ये मानकर चलना चाहिए कि लडाई झगडे में कुछ नही रखा…
जबकि झुकने में हमारा बडप्पन ही होता है… जीवन मे क्रोध को क्रोध से नहीं जीता जा सकता, बोध से जीता जा सकता है… आग को आग से नहीं बुझाया जाता पानी से आग बुझती है… समझदार व्यक्ति बड़ी से बड़ी बिगड़ती स्थितियों को दो शब्द प्रेम के बोलकर संभाल लेते हैं। हर स्थिति में संयम और बड़ा दिल रखना ही श्रेष्ठ है…
जो झुक सकता है वो पूरी दुनिया को झुका भी सकता है…
How to Resolve Conflict in Relationships – रिश्तों को बेहतर कैसे बनाएं – लड़ाई झगड़ा से कैसे बचें – Monica Gupta
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