How to Win the Heart of Spouse – कैसे जीतें दिल – How to Win the Heart – Monica Gupta -Husband Wife Relationship Tips In Hindi – पति और पत्नी के रिश्ते को खूबसूरत बनाने के लिए जरुरी है कि एक दूसरे के दिल को जीता जाए… लड़ाई झगड़े की बात से हट कर आज दिल जीतने की बात करते हैं.. बात ये करते हैं पति पत्नी कैसे एक दूसरे का दिल जीत सकते हैं.. किन बातों का ख्याल रखना चाहिए… बातें हैं बहुत सी पर मैं कुछ एक बातें ही बताना चाहूंगी…
How to Win the Heart of Spouse – कैसे जीतें दिल – How to Win the Heart
इस रिश्ते में सबसे जरुरी है अपनी ईगो को एक तरफ रख देना.. अगर इसे एक तरफ रख दिया तो रिश्ता मजबूत भी बनेगा और खूबसूरत भी और जहां .. तेरा मेरा, किंतु परंतु, अगर मगर.. if, but आ गया.. वही दिल में बसने की बजाय दिल से उतरने में समय नही लगता.. तो जरुरत इसी बात की है कि इस रिश्ते को दिल से निभाया जाए…
https://youtu.be/fqLrR9Ie_O0
पसंद ना पसंद का ख्याल रखें
सबसे पहले बात करते हैं खाने की… पत्नी पति की पसंद का खाना बनाएं… जैसा उसके पति को पसंद है. यानि taste का खाना.. छोटी छोटी बातों का ख्याल रखना चाहिए…
पति को भी ख्याल रखना चाहिए.. कभी कभार उनकी खाने की पसंद की चीजे घर लाकर या कई बार बाहर खाने के लिए ले जाए कि चलो आज बाहर ही खाना खा कर आते हैं तो बहुत खुशी होती है…
इसी तरह पसंद ना पसंद में टीवी की बात… मान लीजिए कोई क्रिकेट मैच लाईव आ रहा है और इसी बीच पत्नी का भी सीरियल आ रहा है तो पत्नी अगर पहले ही बोल दे कि आप देख लीजिए सीरियल तो रिपीट होते ही रहते हैं… या फिर रिकार्डिंग की सुविधा है तो लगा दीजिए… ऐसे ही पति हमेशा न्यूज चैनल ही देखते हैं वो भी चैनल बदलते समय कभी कभार सीरियल लगा दें पत्नी की पसंद का तो बहुत खुशी होती है.. पसंद न पसंद का ख्याल रखेंगें तो दिल में खुद ब खुद जगह बन जाती हैं कि कितने केयरिंग हैं.. फिर बात आती है कि
एक दूसरे के पेरेंटस को सम्मान देना
दोनों को एक दूसरे के परिवार की केयर करनी चाहिए और बात करते रहनी चाहिए जितना प्यार और सम्मान देंगें एक दूसरे से उतना ही मिलेगा… तुम्हारे मेरे मम्मी पापा नही हमारी मम्मी पापा..दिल जीत लेंगें.. आपस में क्वालिटी टाईम बिताना..
चाहे पति पत्नी दोनो काम करते हो.. या पत्नी हाऊस वाईफ ही हो… दिन का एक समय आपस में जरुर बिताना चाहिए… अगर वर्किंग हैं तो पूछा जा सकता है कि काम कैसा चल रहा है और अगर घर पर भी रहती हैं तो सारी बातें शेयर करना… छोटी मोटी बातें तो घर में होती ही रहती हैं उनके बारे में बात करना पति भी जब कभी आफिस से थके हारे घर आए तो पत्नी बजाय ये कहने के की चलो धूमने चलते हैं बल्कि ये कहे कि आप रिलेक्स कर लीजिए फिर चलेगें थोडी देर में… इससे पता चलता रहता है कि एक दूसरे के प्रति कितना कंसर्न हैं.. और जब बात कर रहे हो आपस में तो उस समय न मोबाइल हो न टीवी…
बच्चों की परवरिश में भूमिका.. दोनों का रोल अलग अलग है . मदर अपने हिसाब हैंडल करती हैं तो फादर अपने तरीके से तो इसे आपने बिगाडा है या ये आप पर गई है.. इंटरफेयर न करें.. मैं करती तो ये क्लास में फर्स्ट आता.. ऐसा कहने से भी होगा कुछ नही और मन खराब हो जाएगा.. अच्छी बातों को हाई लाईट करें और गलत बातों को सुधारने का प्रयास करें.. आपस में कमी निकालने की बजाय एप्रीशिएट करना चाहिए..
एक दूसरे फ्रैंड सर्किल का ख्याल रखें..
जब एक दूसरे के दोस्त या सहेली आए जाएं तो उनका दोनों स्वागत करें.. आपस में मिले जुले और ताकि दोस्ती और मजबूत बनें.. अगर दोस्त दूर रहते हैं तो फोन करके हाल चाल पूछ लिया… और दोनों ने ही बात की…
एक दूसरे के इंटस्ट जानकर उन्हें एनकरेज करे..
मान लीजिए पति को रीडिंग का शौक है तो उन्हें कुछ समय दीजिए कि वो रिलेक्स फील करते हैं और वाईफ हैं वो सीरियल देख कर रिलेक्स फील करती हैं तो उन्हें देखने दें.. या उनका कोई हैंडी क्राफ्ट का कोई भी शौक है तो उसे एनकरेज करें… उन्हें मोटिवेट करें..
इस रिश्ते में सबसे जरुरी है अपनी ईगो को एक तरफ रख देना.. अगर इसे एक तरफ रख दिया तो रिश्ता मजबूत भी बनेगा और खूबसूरत भी और जहां .. तेरा मेरा, किंतु परंतु, अगर मगर.. if, but आ गया.. वही दिल में बसने की बजाय दिल से उतरने में समय नही लगता.. तो जरुरत इसी बात की है कि इस रिश्ते को दिल से निभाया जाए…
प्यार, विश्वास understanding और adjustment से घर संसार खूबसूरत बनाया जा सकता है
सफल रिश्ते का ये भी एक उसूल है भूल जाओ वो बातें जो फिजूल हैं ….
मुझे रिश्ते की लम्बी कतारों से मतलब नहीं
कोई दिल से हो मेरा तो एक शख्स ही काफी है..
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