मैं किसी की जरूरत नहीं – एक प्रेरक कहानी
आम तौर पर हम सोच यह रहती है कि मैं काम का नही , किसी को मेरी जरुरत नही … जबकि ये सही नही है .. आप बहुत अच्छे हैं – जरुरत है तो इस सोच को मन से निकाल फेंकने की और सकारात्मक सोचने कि और इस सोच की कि मैं किसी से कम नही …ख्वाहिशों से नही गिरते फूल—— वक्त की शाख को हिलाना होगा … कुछ नही होगा अंधेरों को बुरा कहने से…. अपने हिस्से का दीया खुद ही जलाना होगा अपने आप को जानिए कि कितने खास हैं आप …..!!
मैं किसी की जरूरत नहीं – एक प्रेरक कहानी
कल मैं नेट पर कुछ सर्च कर रही थी तभी नजर पढी एक बहुत Positive thought पर ही अलग हट के विचार पर
वो कुछ ऐसे था कि एक बहरा deaf बच्चा कह रहा है कि कि भले ही आपके लिए मै deaf हूगां पर मेरे लिए तो आप सभी dumb गूंगे हो ये है जिंदगी के प्रति चमत्कारी रवैया जिंदगी के प्रति सकारात्मक सोच …
मैं सोच रही थी कि बहुत लोगो की सोच ऐसी नही होती … वो कहते है कि हमे तो कुछ ही नही आता.. हम तो फालतू है… हम तो बेकार हैं .. जीने क्या क्या फायदा. वगैरहा वगैरहा जबकि ऐसा नही है … जरुरत है इस फालतू के विचार को मन से निकालने की …इस दुनिया में कोई भी है कोई भी … बेकार नही है सभी किसी न किसी काम आती हैं चाहे वो वेस्ट हो, पत्थर हो या मकडी हो या मक्खी .. मकडी भी काम आ जाती है … मैने कल ही एक कहानी पढी … सोचा अपनी बात समझाने के लिए इसका सहारा लेती हूं …
Motivational Story about our Importance
एक राजा था। उसने आज्ञा दी कि संसार में इस बात की खोज की जाय कि कौन से जीव-जंतु निरुपयोगी हैं। बहुत दिनों तक खोज बीन करने के बाद उसे जानकारी मिली कि जंगली मक्खी और मकड़ी बिल्कुल बेकार हैं। राजा ने सोचा, क्यों न जंगली मक्खियों और मकड़ियों को ख़त्म कर दिया जाए।
इसी बीच उस राजा पर एक अन्य शक्तिशाली राजा ने आक्रमण कर दिया, जिसमें राजा हार गया और जान बचाने के लिए राजपाट छोड़ कर जंगल भाग गया। शत्रु के सैनिक उसका पीछा करने लगे। राजा ने अपनी जान बचाई और थक कर एक पेड़ के नीचे सो गया।
तभी एक जंगली मक्खी ने उसकी नाक पर डंक मारा जिससे राजा की नींद खुल गई। उसे ख़याल आया कि खुले में ऐसे सोना सुरक्षित नहीं और वह एक गुफ़ा में जा छिपा। जब राजा गुफ़ा में छिपा हुआ था तब मकड़ियों ने गुफ़ा के द्वार पर जाला बुन दिया।
शत्रु के सैनिक उसे ढूँढ ही रहे थे। जब वे गुफ़ा के पास पहुँचे तो द्वार पर घना जाला देख कर आपस में कहने लगे, “अरे! चलो आगे। इस गुफ़ा में वह आया होता तो द्वार पर बना यह जाला क्या नष्ट न हो जाता।”
गुफ़ा में छिपा बैठा राजा ये बातें सुन रहा था। शत्रु के सैनिक आगे निकल गए। उस समय राजा की समझ में यह बात आई कि संसार में कोई भी प्राणी या चीज़ बेकार नहीं। अगर जंगली मक्खी और मकड़ी न होतीं तो उसकी जान न बच पाती।
यानि इस संसार में कोई भी चीज़ या प्राणी बेकार नहीं। हर एक की कहीं न कहीं उपयोगिता है।
तो क्या सोचा …
हर एक इंसान अपने आप में unique है…अलग है। हर किसी के अन्दर कोई न कोई बात है जो उसे ख़ास बनाती है..तो जरुरी है अपने आप को अंडर एस्टीमेट करने के खुद को पहचानें …
अब मत बोलिए कि mai kisi ki zaroorat nahi
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