Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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October 4, 2015 By Monica Gupta

घर परिवार

घर परिवार 

 

घर परिवार और समय का महत्व

कल शाम एक जानकार से बात हो रही थी.बातों बातों में मैंने  बताया कि एक टीवी पर बहुत ही अच्छा विज्ञापन आ रहा है जिसमे बेटी अपनी मां को बेटी कह कर पत्र लिखती है और उन्हें ब्लड प्रेशर चैक करने की मशीन भेजती है और लिखती है तुम्हें इसकी जरुरत है… तुम्हारी मां … !!पर मेरी इस बात पर वो जानकार उदास हो गईं और बोली कि तुम तो लिखती रहती हो ब्लाग …क्या मेरी बात को लिख दोगी???

मैंने कहा, अरे क्यो नही आप बताईए तो … इस पर वो बोली कि लगभग 40 -45  साल पहले उनकी शादी बहुत अमीर घर मे हुई. हर तरह की सुख सुविधाएं थी. सारा समय किट्टी पार्टी, सोशल वर्क में लगी रही और घर के लिए समय नही दिया. पति वैसे भी ज्यादातर बाहर रहते और उन्होनें दूसरी शादी भी कर ली थी जिसका उन्हें बहुत बाद में पता चला…  बेटा पहली क्लास में हुआ तो मसूरी होस्टल भेज दिया ताकि झंझट ही न रहे… बेटे से मिलने जब भी जाते तो उनके दोस्तों की पूरी फौज जाती ताकि सैर सपाटा और आऊटिंग भी हो जाए…

कभी उसके बालमन को जानने की कोशिश नही की कि उसे भी मेरी, घर की याद आती होगी.. वो भी मेरी गोदी चाह्ता होगा मुझसे लिपट कर रोना चाह्ता होगा. शिकायत करना चाहता होगा … बस अपनी सहेलियों और अपने ग्रुप में मस्त रही और जाने अनजाने बहुत दूर कर लिया मैने उसे अपने आप से … आज वो विदेश में है और शादी कर ली है दो बच्चे भी हैं और खुश है अपनी दुनिया में … आज मैं उसे याद करती हूं मुझे उसकी जरुरत है पर किस मुंह से बुलाऊं … आज बहुत पछतावा है .. काश मैंने उसे समय दिया होता…. काश  उसके बालो पर हाथ फेरा होता….  काश उसे थपकी देकर सुलाया होता तो …आज सब कुछ है मेरे पास पर फिर भी कुछ नही है … बिल्कुल सुनसान है घर … और बेटे की बनाई कुछ तस्वीरे दिखाने लगीं …

भरे हुए गले से वो तस्वीरे दिखाए जा रही थी और मैं अपने आंसुओं को चाह कर भी रोक नही पा रही थी. मैं बस उसका हाथ पकड कर उन्हें सिवाय दिलासा देने के कुछ नही कह पाई और बाहर आकर सोचने लगी कि बहुत जरुरी है अपने परिवार अपने बच्चों को समय देना. ये हमारी सबसे बडी दौलत हैं और इन्हे सहेजना हमारा कर्तव्य… बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए बाहर भेजना कोई गलत नही पर जब वो छुटटियों में घर आए या जब हम मिलने जाए तो पूरा स्नेह दर्शाना बहुत जरुरी है… नही तो जैसे मेरी ये जानकार दुखी हैं और पछता रहीं है और रो रही है वैसे हमे भी इसका सामना न करना पडे… बच्चों का अपने पेरेंट्स और पेरेंटस अपने बच्चों की तरफ लगाव और प्यार सदा बना रहे…

 

घर परिवार और समय का महत्व आपको कैसा लगा …!!! अगर आप भी अपना कोई अनुभव सांझा करना चाहें तो आपका स्वागत है !!!home family photo

September 19, 2015 By Monica Gupta

रिटायरमेंट

retirement photo

Photo by aag_photos

रिटायरमेंट

मोहन कुमार जिन्हें कभी लोग भाई साहब या बडे भाई के नाम से ज्यादा जानते थे  बार बार अपना मोबाईल और लैंड लाईन चैक कर रहे थे क्योकि बहुत समय से कोई फोन की घंटी नही बजी थी. उन्हे लग रहा था कि फोन मे शायद कोई गडबडी ना हो पर सब ठीक था इसलिए बार बार चैक कर रहे थे. अभी दस दिन ही हुए है उनकी रिटायरमेंट को. शहर मे बहुत अच्छे सरकारी ओहदे पर थे वो. नौकरी के दौरान उन्हे ना दिन का चैन ना रात की नींद .. हर समय वक्त बेवक्त बस कुछ अंंजाने रिश्तेदारों तो कभी जान पहचान नाते रिश्तेदारो के फोन ही घनघनाते रहते.

बडे भाई … आपकी गुडिया की शादी है जरुर आना है और हां अगर सात आठ गैस सिलेंडर का इंतजाम हो जाता तो..! भाई साहब… हम आज सपरिवार आपसे मिलने आ रहे है हफ्ता भर रुकेंगें. भाई जी … पासपोर्ट बनवाना है जल्दी. मुन्ना विदेश जाने की सोच रहा है .. आप साईन कर देना. भाई साहब… चाची बीमार है सोच रहे हैं कि आपके पास ले आए आप सरकारी अस्पताल मे कह कर अच्छा इलाज करवा दोगें .

बडे भाई साहब … सुना है आपके एरिया मे जमीन बिक रही है जरा सस्ते मे सौदा करवा दो .. !! भाई साहब … आपके भतीजे को जेल हो गई है . जरा जज से बात करके मामला रफा दफा तो करवा दो.

और बडे भाई या भाई साहब बने मोहन कुमार सभी का काम करवा देते. इस सब में घर वाले भी अक्सर नाराज हो जाते  इस बात पर अक्सर घर में तनाव भी हो जाता था  पर ….. !!!

मोहन कुमार इसी ख्यालो मे ही गुमसुम थे कि अचानक टेलिफोन की घंटी बजी. उनके चेहरे पर खुशी दौड गई.गला साफ करते हुए उन्होने फोन उठाया पर शायद वो गलत नम्बर था…

और वो सोच रहे थे कि उनके परिवार की नाराजगी कितनी जायज होती थी…

रिटायरमेंट….

September 12, 2015 By Monica Gupta

अच्छे दिन

अच्छे दिन ( मोनिका गुप्ता)
अच्छे दिन                    ( मोनिका गुप्ता)

अच्छे दिन

अच्छे दिन लाने के लिए बहुत मेहनत करनी पडती है .. ऐसा नही की आपने गाना गाया और अच्छे दिन आ गए. समय लगता है बहुत कुछ त्यागना पडता है बहुत कुछ निगलना या गटकना पडता है  बहुतों से ना चाह्ते हुए भी मिलना पडता है और बहुत  चाह्ते हुए भी किसी से मुहं फेरना पडता है..!!! कई बार उपहास का पात्र बनना पडता है तो कई बार शर्मिंदा होना पडता है. अरे आप क्या सोचने लगे !!! हे भगवान !! इसमे कही आप राजनीति तो नही ले आए !! कमाल हैं आप भी !! अरे भई !! वो क्या है ना वजन बढ रहा है उसे धटाने के लिए मेहनत ज्यादा करनी पड रही है तभी तो आएगें अच्छे दिन !!! आलू ,पूरी .टिक्की जैसी मुंह मे पानी लाने वाली चीजे त्यागनी पडती हैं उबला खाना या सब्जी निगलनी या गटकनी पडती है ना चाहते हुए भी   खाना पडता है और बहुत चाह्ते हुए भी उस खाने से देखने से इंकार करना पडता है. कई लोग उपहास करते हैं कि वजन कम हो ही नही सकता तो कई बार लोगो के सामने जब वजन टस से मस नही होता तो शर्मिंदा भी होना पडता है!!

 यहां हालत खस्ता हो रही है और आप है कि राजनीति ले कर आ रहे हैं अरे भई कम खाएगें … हल्का खाएगे, कसरत करेगें तो आएगें ना जल्दी से अच्छे दिन … बस वो ही तो कह रही हूं !!!  अच्छे दिन आने वाले है:)

September 11, 2015 By Monica Gupta

कितने दूर कितने पास

कितने दूर कितने पास

किससे  दूर किसके पास …

मैं नेट पर काम कर रही थी कि अचानक गेट पर धंटी बजी. ओफ !! कौन होगा !! असल में, वो क्या है ना कि कई बार कुछ शरारती बच्चे ऐसे ही घंटी बजा कर भाग जाते हैं तो सोचा शायद वही हों पर एक ही मिनट में दुबारा घंटी बजने पर मैं समझ गई कि बाहर जरुर कोई है.बाहर गई तो एक महिला खडी थी. मेरे पूछ्ने पर उस महिला ने इशारा करके बताया कि वो हमारे घर के पीछे ही रहते हैं उनका नया घर बन रहा है इसलिए वो POP देखने आई है क्योकि आपका घर नया बना है ना … मैने उसे कभी नही देखा था इसलिए मैं उसे भीतर लाने में इच्छुक नही थी इसलिए गेट पर ही खडे खडे बोला कि हमने  बिल्कुल साधारण सा पीओपी करवाया है पर जब उसने हमारे अडोस पडोस में रहने वालो के बारे में बताया कि वो उन्हें जानती है तो ना चाह्ते हुए भी मैं एक घर के साथ भीतर ले आई. उसने दो चार मिनट लगाए एक दो कमरे  देखे और कुछ ही पल में हम बाहर आ गए.

मुझे महसूस तो हुआ पर मैने उससे चाय पानी का भी नही पूछा. असल में, आज के माहौल को देखते हुए एक डर सा रहता है कि पता नही कौन है कितनी सही है वगैरहा वगैरहा… !! जाते जाते मैनें उसे जता भी दिया कि क्षमा करें मैने आपको पहले कभी देखा भी नही और आज का समय ठीक नही है इसलिए.. इस पर वो बोली कि वो समझती है और थैक्स कह कर चली गई.

कुछ देर नेट पर काम करने का मन ही नही किया. सोच रही थी कि हम कितना बदल गए हैं कभी हम भारतीयों की पहचान यही होती थी कि घर आए मेहमान का स्वागत करते थे बेशक गांव में ये परम्परा आज भी है पर छोटे शहरों में किसी अनजाने भय से गुमनाम सी होती जा रही है और मैंट्रो में तो यह खत्म ही हो गई है. तभी देखा कि फेसबुक पर दो तीन मैसेज आए हुए हैं जिन्हें मैं जानती तक नही. मैं सोच रही थी कि फेसबुक या अन्य सोशल नेट वर्किंग साईटस पर हम कितना जानते हैं लोगो को पर उन अनजाने लोगो को जवाब देने  में जरा भी देर नही लगाते … चाहे मित्रता स्वीकार करनी हो या मैसज करना हो पर जो हमारे घर के नजदीक रहते हैं उन्हें हम जानते तक नही….

writer on computer photo

Photo by C.E. Kent

 

कितने दूर कितने पास

August 25, 2015 By Monica Gupta

Audio–satire-Monica Gupta

Audio–satire-Monica Gupta

http://radioplaybackindia.blogspot.in/2015/08/musibat-mol-li-maine.html

रेडियों रुम में आपका स्वागत है.अभी तक आप मेरी लिखी दो  कहानियां  मेरी ही आवाज में सुन चुके हैं इस बार सुनिए मेरा लिखा व्यंग्य मेरी ही आवाज में …. मुसीबत मोल ली मैनें …

satire by monica gupta

व्यंग्य का शीर्षक है

मुसीबत मोल ली मैनें..

असल में, पिछ्ले महीने जब मैने अपनी एक सहेली को फर्राटे से कार चलाते देखा तो निश्चय कर लिया कि कुछ भी हो जाए मैं भी ड्राईविंग सीखूंगी. घर पर निर्णय सुनाया तो पहले तो सबने मना किया कि क्या करोगी पर मेरी जिद्द के आगे सभी झुक गए और थम्स अप करके सहमति दे दी. अब सबसे पहले मैंने ब्यूटी पार्लर जाकर स्टाईलिश बाल कटवाए. गोगल्स खरीदे. बस अब ड्राईविंग सीखनी बाकि थी. 15 दिन में मैने इधर उधर कार ठोक ठाक कर कार सीख ही ली. फेसबुक पर जब ये खुश खबरी  दी. तो 100 कमेंटस और 200 लाईक भी आ गए. मैं सांतवे सामान पर थी. पर अब शुरु होती है मेरी दास्ताने मुसीबत.पहले राशन वाला घर पर सामान भिजवा देता था अब कहता है कि छोटू नही है आप खुद ही ले जाओ कार में. बाजार से आधा किलो आलू लाना हो या मोची से चप्पल ही ठुकवानी है तो सब मुझे ही कहते कि कार है ना. ले जाओ. रिश्तेदार जो सालों से घर नही आए थे उन्होने इसलिए आना शुरु कर दिया कि बहू ने कार सीख ली है अब उन्हें स्टेशन से लेकर आना , शापिंग कराना, धुमाना और फिर घर पर लजीज खाना भी बना कर खिलाना. नही तो वो नाराज हो जाएगें कि बहू ने सेवा भी नही की. हाउस वाईफ होने के नाते पहले मेरी भूमिका बस घर सम्भालने तक की थी अब दोहरी तिहरी या चौगुनी हो गई है.घर पर सब खुश है पर मैं सिर पकड कर बैठी हूं .सहमति से किया गया थम्स अप किया था मुझे अब ठेगा लग रहा है मानो चिडा रहा हो कि जाओ और सीखो कार चलाना.. मना किया था ना… हाय राम पर अब क्या करु … मुसीबत मोल ली है मैने अपने पावं पर खुद ही कुल्हाडी मारी है…ओह, आपसे बातों के चककर में तो मैं अलार्म लगाना ही भूल गई सुबह चार बजे की ट्रेन से रिश्तेदारों को लेने जाना है फिर पकवानों की तैयारी करनी है काम वाली बाई भी दो दिन छुट्टी पर है. आज स्कूल बस भी नही आएगी बच्चो को भी ड्राप करना है ….हे भगवान !!

मुसीबत मोल ली मैने Audio–satire-Monica Gupta

कैसा लगा जरुर बताईएगा !!!

August 18, 2015 By Monica Gupta

Love Story

 

monica story love u

Love Story

आज सुनिए मेरी लिखी एक और कहानी मेरी ही जुबानी
शीर्षक है … लव यू
http://radioplaybackindia.blogspot.in/…/love-you-by-monica-…

कहानी – लव यू

मणि का बेटा मनु, होस्टल जाने के लिए तैयार हो रहा था…उसका दाखिला दिल्ली के बहुत अच्छे कालिज में हुआ था. मणि बहुत खुश थी क्योंकि मनु की मेहनत जो सफल हुई थी और आज से वो बहुत अच्छे इंजीनयरिंग कालिज में पढेगा पर मां का दिल जो ठहरा.. मनु दूर चला जाएगा … कैसे रहेगा ? कौन करेगा उसकी देखभाल? बस यही सोच सोच कर उसकी आखे भर आ रही थी. बजाय बेटे के साथ कुछ पल बैठने के वो कभी कपडे धोने बाथरुम मे चली जाती तो कभी रसोई मे जाकर प्याज काटने लगती. बहाने बना कर के बस अपने आंसुओ को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रही थी. जब बेटे को बस स्टाप छोडने की बात हुई तो बहाना बना दिया कि काम वाली किसी भी समय आ सकती है. ताला लगा देख कर लौट ना जाए.

जाते जाते बेटा जब आशीर्वाद लेने आया तो चोरी चोरी मां की आखो मे देख ही लिया. मणि इसके लिए भी तैयार थी.. बोली बदलता मौसम है.. ना आज नाक और आंखो से पानी बहुत बह रहा है.छीके भी बहुत आ रही है. मनु चला गया और वो उदास मन से कमरे मे आकर बैठ गई. इतने मे बेटॆ का मैसेज आया ” क्या मम्मी आपको तो झूठ बोलना भी नही आता. अपना ख्याल रखना और मै भी अपना पूरा ख्याल रखूगा” लव यू !!! वैसे आप स्माईल करती ही अच्छी लगती हो !! अब मणि मुस्कुराती मुस्कुराती रो रही थी और बोल रही थी मम्मी too loves u बेटा .. अपना ख्याल रखना….

Love Story कैसी लगी … जरुर बताईगा !!!

 

 

 

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