Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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April 4, 2013 By Monica Gupta Leave a Comment

रक्तदान महादान – क्या आप भी सूईं से डरते हैं

रक्तदान महादान - क्या आप भी सूईं से डरते हैं

रक्तदान महादान है फिर भी बहुत लोग स्वैच्छिक रक्तदान करते हुए कतराते हैं और बहाना होता है कि सूई से डर लगता है. कितना अजीब लगता है कि आदमी को सूई से डर लगता है … अगर आपकी भी यही सोच है तो इस लेख को पूरा पढिए … हीमोफीलिया और थैलीसीमिया के मरीजो का संंदेश सुनिए और फिर अपनी राय बनाईगा …

रक्तदान महादान – क्या आप भी सूईं से डरते हैं

14 June World blood donors day होता है रक्तदान महादान है फिर भी  ना जाने क्यो आम जनता मे स्वैच्छिक रक्तदान के प्रति  जागरुकता उतनी नही है जितनी होनी चाहिए.कोई कहता है कि सूई से डर  लगता है तो कोई कहता है कि हमे किसी ने कहा ही नही तो कोई कहता है इसे करने से कमजोरी आ जाती है.

ISBTI संस्था दिन रात इसी प्रयास मे जुटी है कि लोगो मे रक्तदान के प्रति जागरुकता आए इसी सिलसिले में मैनें  कुछ ऐसे मरीजों से बात की जिन्हें नियमित रुप से  रक्त की जरुरत पडती रहती है. आईए जाने उनके विचार….!!!

रक्तदान महादान - क्या आप भी सूईं से डरते हैं

रक्तदान महादान – क्या आप भी सूईं से डरते हैं

 

हीमोफेलिया एक ऐसी बीमारी है जिसमे एक बार अगर कट लग जाए तो रक्तस्राव शुरु हो जाता है जो कई सप्ताह  तक चलता ही रहता  या अंदरुनी रक्तस्राव  एक बार शुरु हो जाए तो लगातार रक्तस्राव होता रहता  बहता रहता है. जम्मू मे रहने वाले हीमोफीलिया से पीडित  जगदीश कुमार जी ने ऐसे बहुत पीडित बच्चो को गोद ले रखा है और उनका इलाज अपने पैसे से करवाते हैं, उन्होनें रक्तदाताओ को अपना संदेश कुछ इस तरह दिया……

रक्तदान महादान  पर संदेश 

रक्त का कोई विकल्प नही. हम सभी आपकी दया के भिखारी हैं. रक्तदान कुम्भ के शाही स्नान से भी ज्यादा कीमती है क्योकि कुम्भ का स्नान सिर्फ अंतरात्मा को पवित्र करता है जबकि रक्तदान अंतरात्मा के साथ साथ दूसरे के जीवन को भी पवित्र करता है.

हमारे जीवन को चलाने के लिए आप सभी के सहयोग की आवश्यकता है. अगर आज मैं संदेश भेजने के काबिल हूं तो उसके पीछे 248 लोगो का रक्त मेरे शरीर मे दौड रहा है.

यू तो वर्ष चलते चलते रुक जाते है आपका रक्त मिला तो दौड लगाते हैं. कुदरत की देन कहे या करिश्मा बस आपके सहयोग से जीवन चलाते है.

पूना निवासी, थैलीसीमिया की मरीज, संगीता वधवा थैलीसीमिया के क्षेत्र मे  Face, Fight & Finish को लेकर  अभूतपूर्व काम कर रही हैं फिर भी उनका संदेश सभी रक्तदाताओ के लिए:

रक्तदान महादान पर संदेश

दो तरह के लोग होते हैं. पहले तो वो जो रक्त दान नही करते और दूसरे वो जो रक्तदान तो करते हैं पर उनका रक्त रिजेक्ट हो जाता है. दोनो के लिए यह सोचने की बात है. जो नही दे रहे हैं उनके बारे मे और जो रिजेक्ट हो रहे हैं उन्हे भी बहुत सोचने की आवश्यकता है. दुर्भाग्य की बात है कि आज की तारीख मे जितने लोग रक्तदान करते हैं उनसे चार गुणा हमे ज्यादा चाहिए. मंदिर मे हम दान करके आते हैं तो हमे पता नही चलता कि हमारा रुपया कहां जाता है किसके काम आता है पर रक्तदान महादान है रक्तदान देंगे तो एक साथ चार जिंदगी बचाएगें. प्लीज, स्वैच्छिक रक्तदान कीजिए और हमारी जिंदगी बचाईए.

जब ये लोग बीमारी के बावजूद ना सिर्फ  इससे लड रहे हैं बल्कि  दूसरो को भी जागरुक कर रहे हैं तो हम क्या इतना सहयोग भी नही दे सकते कि रक्तदान के प्रति जागरुक हो और दूसरो को भी इसकी महत्ता से अवगत करवाए.

मेरे ख्याल मे अब तो आप यह नही कहेंगे कि आपको सूई से डर लगता है और अब आपको लगने लगा होगा कि रक्तदान महादान  है.

रक्तदान का महत्व – आईए नया जीवन दें – Monica Gupta

रक्तदान करना मानो किसी को नया जन्म देना पहले समय में जब हमें रक्तदान का महत्व नही पता था और जब जानवरों का खून इंसानों में चढाया जाता था तब अलग बात थी पर आज read more at monicagupta.info

जय रक्तदाता – रक्तदान का महत्व – Monica Gupta

जय रक्तदाता – रक्तदान का महत्व समझते हुए हमें न सिर्फ रक्तदान blood donate करना चाहिए बल्कि स्वैच्छिक रक्तदान जैसे रक्तदान महादान के लिए लोगो को प्रेरित जय रक्तदाता – रक्तदान का महत्व – Monica Gupta

 

 

 

April 4, 2013 By Monica Gupta Leave a Comment

आईएसबीटीआई द्वारा आयोजित कांफ्रेस

आईएसबीटीआई द्वारा आयोजित कांफ्रेस

आज हरियाणा के कुरुक्षेत्र के KITM  कुरुक्षेत्र इंस्टीयूट आफ टेक्नोलोजी मैनेजेंमैंट मे आईएसबीटीआई और एनएसएस के सौजन्य से  रक्तदाता और प्रेरको के लिए  कांफ्रेस का आयोजन किया गया.

Kitm- blood donation -isbti

 

इस कार्यक्रम  के मुख्य अतिथि रहे  डाक्टर  युद्द्बीर सिह ख्यालिया. छात्र छात्राओ ने बढ चढ कर हिस्सा लिया और रक्तदान की उपयोगिता को समझा और सराहा. स्पेशल थैक्स संगीता वधवाSangeeta Wadhwa और जगदीश कुमार Jagdish Sharma ji को. मेरी स्पीच में आप दोनो के संदेश और अपील ने सभी को झंकोर के रख दिया और बहुत कुछ् सोचने पर मजबूर कर दिया.

 

March 25, 2013 By Monica Gupta Leave a Comment

Success story of Blood Donor

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सफलता की कहानी … !!!

 Success story of Blood Donor

वो दिन रात रक्त दान के प्रति लोगो को जागरुक करने की मुहिम मे जुटे थे पर लोगो की भ्रातियां, रक्तदान के प्रति नकारात्मक सोच पीछा ही  नही सोच रही थी. उन्ही दिनो की बात है जब वो एक बार कालिज के बच्चो को रक्तदान के लिए प्रेरित करके लौटे ही थे कि एक बच्चे की मम्मी का फोन  आ गया कि मेरे बच्चे को छोड दो.  बेशक आप एक हजार रुपए ले लो पर मेरे बच्चे को रक्तदान के लिए बिल्कुल मत कहना.

वही एक दूसरे उदाहरण में जब वो घर घर जाकर लोगो को रक्तदान के लिए लोगो को जागरुक कर रहे थे तब एक व्यक्ति हाथ जोड कर बोला कि मैं बाल बच्चेदार  आदमी हूं खून दान करके अपनी जिंदगी खतरे मे नही डाल सकता. एक अन्य उदाहरण मे तो और भी आश्चर्यजनक बात हुई. सुबह सवेरे एक प्रोफेसर साहब के पास फोन आया कि रक्तदान केंद्र मे खून की जरुरत है. उन्होने अपनी पत्नी को बताया कि वो खून दान कर के अभी वापिस आते हैं. जब तक वो रक्तदान केंद्र पहुंचे  तब तक एक अन्य व्यक्ति रक्तदान कर चुका था इसलिए प्रोफेसर साहब कुछ देर रुकने के बाद चाय ठंडा पी कर जब घर वापिस लौटे तब पत्नी ने उन्हे देखते ही कहा कि ओह … आप कितने कमजोर लग रहे हो!!! इस पर उन्होने मुस्कुराते हुए बताया कि खून दान तो उन्होने किया ही नही. यह सुनकर उनकी पत्नी बहुत झेप सी गई.

 

जरा सोचिए कि ऐसे वातारवरण मे लोगो मे जागरुकता पैदा  करना  कितना कठिन काम रहा होगा पर उनके भीतर  लग्न, जोश, जनून ने ऐसे मुश्किल काम को सम्भव कर दिखाया. भले आज वो हमारे बीच नही है सन 2011 की 20 अगस्त को वो पंच तत्व मे विलीन हो गए पर रक्त दान के क्षेत्र मे जो मिसाल कायम कर गए वो एक मील का पत्थर बना खडा सभी का पथ प्रदर्शक कर रहा हैं.

 

रक्तदान के क्षेत्र मे अपनी एक अलग ही पहचान बनाने वाली उस शख्सियत का नाम है स्वर्गीय श्री हजारी लाल बंसल. 22 सितम्बर 1935 को भटिंडा के कटार सिह वाला मे जन्मे और सन 1962 मे हमेशा के लिए रामपुरा फूल मे बस गए. सब कुछ अच्छा चल रहा था कि अचानक जिंदगी ने एक ऐसा मोड लिया कि उनकी सोचने की दिशा ही बदल गई या ये भी कह सकते हैं कि जिंदगी को  एक नया मकसद मिल गया.

 

बात सन 1975 की है. उनकी बिटिया रजनी  की अचानक तबियत खराब हो गई  और उनके शरीर मे बस दो ग्राम खून ही रह गया. वो पहली बार था जब उन्होने  रक्तदान किया. हालाकि उनके एक अन्य रिश्तेदार ने भी रक्तदान किया पर खून और भी चाहिए था. वो खून के लिए इधर उधर बहुत भटके, घूमे  फिरे और खून नही मिल पाया फिर पीजीआई चंडीगढ ले जाया गया और ईश्वर का शुक्र रहा रहा कि उनकी बिटिया की जान बच गई और वो कुछ समय बाद सकुशल घर लौट आई. पर इस धटना ने हजारी लाल जी को बुरी तरह से झंझोर दिया और उन्होने निश्चय किया कि चाहे कुछ हो जाए रक्तदान की वो एक मुहिम चलाएगे. तब उन्होने अपने  जीवन को एक नई दिशा दी और उसी दिन से वो रक्तदान की मुहिम मे जुट गए. फिर झेलने पडी ढेरो नकारात्मकता और लोगो का रक्तदान के प्रति विपरीत रवैया. पर बस  एक अजीब सा जनून था जोकि उनके कमजोर नेत्र रोग के सामने भी कमजोर नही पडा. असल मे, जब वो दसवी कक्षा मे थे. तभी उन्हे नेत्र रोग हो गया था जिसकी वजह से लगातार उनकी नेत्र ज्योति क्षीण होती जा रही थी. दसवी कक्षा मे वो मात्र 50% ही देख पाते थे. धीरे धीरे यह ला ईलाज रोग बढता ही जा रहा था और जिंदगी के आखिरी 15 सालो मे वो पूरी तरह से नेत्र विहीन हो चुके थे और दूसरो की मदद के बिना कुछ् नही कर पाते थे. पर यह बात भी माननी पडेगी कि भले ही खुद वो बिना नेत्र ज्योति के रहे पर लोगो के दिलो मे रक्तदान के प्रति रक्तदान की ऐसी आलौकिक रोशनी जगा गए कि वो आज भी सभी का मार्ग प्रशस्त कर रही है.  Success story of Blood Donor

उनके सपुत्र श्री सुनील बंसल ने सारी जानकारी देते हुए बताया कि उनके पिता जी के बारे मे कुछ भी कहना सूरज को दीया दिखाने के बराबर है. पापा का जोश और जनून था जब हमारे गांव रामपुरा फूल मे 1 अक्टूबर 1978 को पहली बार रक्तदान कैम्प लगा. जिसमे पहली बार 46 रक्तदाताओ ने रक्तदान किया. उनके पिता ब्लड डोनर फांउडेशन के संस्थापक भी रहे. जब भी वो रक्तदान पर बोलते सभी चुप होकर बहुत गम्भीरता से उनकी बात सुनते और रक्तदान के प्रति प्रेरित होते. उनके पिता को सन 84 मे रेड क्रास सोसाईटी ने और 1996 तथा 2008 मे इंडियन सोसाईटी आफ ब्लड ट्रांसफ्यूजन ने भी विशेष रुप से सम्मानित किया था. सुनील जी ने बहुत गर्व से बताया कि आज उनके गांव रामपुरा फूल मे शत प्रतिशत स्वैच्छिक रक्तदाता हैं. दूर दराज जानी मानी संस्थाए यहां रक्तदान कैम्प लगाती है और खून की वजह से कोई व्यक्ति की जान जाए ऐसा कभी नही हुआ. आज वो स्वय भी रक्तदान के प्रति लोगो को प्रेरित करने मे दिन रात जुटे हैं और खुद 34 बार रक्तदान भी कर चुके है.

वाकई मे , हजारी लाल जी के बारे मे जान कर बहुत खुशी हुई. इसी दौरान रजनी जी जोकि इस मुहिम  का कारण बनी. उनसे भी बात की. रजनी जी ने बताया कि हर कोई चाहता है कि वो बीमार ना पडे पर मेरा बीमार पडना मेरे पापा की जिंदगी मे एक नई क्रांति ले आएगा यह कभी नही सोचा था. खुद नेत्र ज्योति ना के बराबर होते हुए भी लोगो को रक्तदान के क्षेत्र मे राह दिखाई. मुझे गर्व है कि मैं ऐसे पिता की बेटी हूं. उनके जज्बे के आगे मैं नत मस्तक हूं.  

यकीनन श्री हजारी लाल बंसल जी का नाम रक्तदान के क्षेत्र मे अग्रणी रहेगा. आईएसबीटी आई परिवार की और से उन्हे सादर श्रधांजलि!!!Success story of Blood Donor!!!

 

 

मोनिका गुप्ता

सिरसा


हरियाणा

March 14, 2013 By Monica Gupta Leave a Comment

ISBTI

isbti- yamuna nagar-monica gupta

ISBTI

 रक्तदान करने वाले को दिल का दौरा कभी नही पड सकता . आईएसबीटीआई , रादौर यमुना नगर में  रक्तदान पर आयोजित कार्यशाला में अपने विचार रखते गणमान्य अतिथि !!

March 14, 2013 By Monica Gupta

Blood donation video

Blood Donation

Blood donation video

रक्तदान से बढकर कोई दूसरा पुण्य का कार्य नही है और अगर हम (खासकर महिलाए) किसी वजह से रक्तदान न कर पाए तो लोगों को स्वैच्छिक रक्तदान के लिए प्रेरित करने से बढ कर अन्य कोई नेक कार्य नही है किसी को जन्म देना हो या रक्तदान करके किसी को नया जीवन देना हो दोनों की नेक कार्य है…

जिस तरह से लोग जानकारी के अभाव मे रक्त न मिलने की वजह से मर रहे हैं लोगो को रक्तदान के लिए प्रेरित करना हमारा फर्ज है ताकि रक्त की कमी से किसी को मरने न दिया जाए. ऐसे ही रक्त दान से सम्बंधित ट्रैनिंग के दौरान प्रेरित करती !!

क्या आपने कभी रक्तदान किया है या कभी रक्तदान के लिए किसी को प्रेरित किया है जरुर बताईएगा …

Blood Donation

Blood Donation and Way of Motivation

March 5, 2013 By Monica Gupta Leave a Comment

रक्तदाता महिलाएं

रक्तदाता महिलाएं

Blood Donation के क्षेत्र में महिलाएं भी किसी से कम नही हैं. वो चाहे तो रक्तदान की पूरी जानकारी लेकर  अपने पूरे परिवार को  रक्तदान के लिए प्रेरित कर समाज में अलग पहचान बना सकती हैं

 

कुछ समय पहले आईएसबीटीआई की ओर से स्वैच्छिक रक्तदान पर एक दिवसीय सम्मेलन था. बहुत दर्शक और बहुत वक्ता थे. रक्तदान के बारे मे बहुत पुरुषों ने  बोला कि उन्होने जब रक्तदान किया तब घर पर अपनी पत्नी को नही बताया या अपनी मां को नही बताया क्योकि वो नाराज हो जाती कि रक्त किसलिए दे कर आए हो. एक ने तो बताया कि उन्होने 5 साल तक अपने घर मे किसी को खबर नही लगने दी कि वो रक्तदान कर रहे हैं. अगर पता चल जाता तो वो उसे रक्तदान नही करने दिया जाता.

वही उसी कार्यक्रम मे एक सज्जन ने बताया कि महिलाओ की कुछ परेशानियां ऐसी होती है कि वो खून नही दे सकती जैसा कि स्तनपान, महावारी और एनीमिया इसलिए पुरुषो को आगे आना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा रक्तदान करना चाहिए.

एक सज्जन ने यह भी बताया कि भले ही रक्तदान के लिए महिलाओं मे बहुत उत्साह देखने को मिलता है और वो बढ चढ कर र्क्तदान के लिए कैम्पो मे आती भी हैं  पर जब उन्हे पता चलता है कि उनमे खून की कमी यानि एनीमिया है वो रक्तदान नही कर सकती तब उन्हें मजबूरन पीछे हटना पडता है.

तब मेरे दिमाग मे बस एक ही बात आई कि भले ही हम महिलाओं को हर महीने किसी न किसी रुप मे परेशानी से दो चार होना पडता है पर अगर कम से कम हमें रक्तदान के बारे मे विस्तार से जानकारी होगी तो अपने घर परिवार के लोगो को तो बजाय रक्तदान पर नाराज होने के होने प्रेरित तो कर सकती हैं.और इसके साथ साथ  भले ही रक्तदान ना करे पर इतना तो करें कि खुद मे तो रक्त  हो यानि ब्लड डोनर से पहले रक्त ओनर तो बनें.

अगर महिलाए एनीमिया से कम ग्रसित होगी तो रक्त की भी कम जरुरत पडेगी. इसके साथ साथ यह भी जानकारी भी होनी जरुरी है कि रक्तदान से कोई नुकसान नही होता.चाहे स्वयं रक्तदान करे या अपने घर परिवार मे किसी का, तो भी बहुत जागरुकता आ सकती है. असल मे, रक्तदान के बारे मे जब भी महिलाओ से बात की तो यही जवाब मिला कि हमे तो किसी ने कहा ही नही या हमे तो पता ही नही था.

महिला दिवस पर यही संकल्प लें कि रक्तदान के बारे मे सारी जानकारी लेगी और अगर होमोग्लोबिन 12.5 है तो रक्तदान करके खुद महसूस करेगी कि क्या अनुभव रहा और अगर किसी वजह से खुद ना कर पाई तो कम से कम अपने परिवार के सदस्यो को नाराजगी दिखाने के बजाय रक्तदान के लिए जरुर प्रेरित करेगी. जैसे

किसी को जन्म देना एक खूबसूरत अहसास है ठीक वैसे ही किसी को नई जिंदगी देना भी एक खूबसूरत अहसास से कम नही है.

रक्तदाता महिलाएंblood donor photo

Photo by Armed Services Blood Program

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