Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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August 15, 2015 By Monica Gupta

क्षमा याचना

15 august monkey by monica gupta

क्षमा याचना

आज भारत देश आजादी की 68वीं सालगिरह धूमधाम से मना रहा है पर , किंतु , परंतु  यह भी सत्य है कि आज  हालातों और राजनेताओं को मद्देनजर रखते हुए 15 अगस्त यानि स्वतंत्रता दिवस की feel नही आ रही … कारण बिल्कुल साफ है जिस तरह से नेता आपस में झगड रहे हैं… देश के हित की बजाय अपना हित सोच रहे हैं अपशब्द बोल रहे हैं ऐसे में कैसे मना पाएगें स्वतंत्रता दिवस … ये खुशी भीतर से आती है और यकीनन यह खुशी पिछ्ले साल बहुत थी… मोदी जी का भाषण जब लाल किले की प्राचीर से सुना था तब लगा था कि देश के , आम आदमी के अच्छे दिन आ गए हैं पर जैसे जैसे समय बीतता रहा …. बस बीतता रहा … बस बीतता रहा … और वो बीते समय की बात हो गई…

लाल किले की प्राचीर से मोदी जी के भाषण देने के बाद जनता से, उनके भाषण पर राय पूछ्ने पर लगभग सभी के ये विचार थे कि भाषण फीका रहा जो बात पिछ्ले साल की थी वो इस साल नही थी.पिछ्ले साल तो रोंगटे खडे हो गए थे पर आज कुछ  महसूस नही हुआ. एनडीटीवी पर रवीश जी ने तो  कहा कि रोंगटे तो मोदी जी के खडे हो गए  होंगें कि क्या हो गया.. !!

सोशल नेट वर्क पर जैसे फेसबुक, टवीटर या गूगल आदि पर नेट या टीवी चैनल पर झंडे  फहरा  रहे है…  तिरंगें के साथ फोटो पर ले रहे हैं पर भीतरी खुशी नजर नही आ रही … जनता बेहद परेशान है इसलिए तो मेरी पात्रा को कहना पड रहा है कि बेशक, आज का दिन हर भारतवासी के लिए गर्व की बात है पर आज जिस दौर से हम गुजर रहे है(जिससे आप सब भी परिचित हैं) उससे मन विचलित है इसलिए बस आज तो बापू गांधी से क्षमा ही मांगनी है कि हम आपकी उम्मीदों पर खरे नही उतर रहे … अगले साल यानि 2016 तक सुधार हो इसी आशा के साथ शुभकामनाएं !!!

एक उदारण और जरुर देना चाहूगी कि एक वक्त था जब बापू का अर्थ महात्मा गांधी होता था पर आज के समय में अगर हम नेट पर बापू सर्च करेंगें तो बापू आसाराम ही दिखाई देंगें, उनकी वीडियों,  उनसे ही जुडी ताजा खबरे … सच, 68 साल में बहुत कुछ बदल गया है …

नेता बाल की खाल निकाल रहे हैं … अंट शंट बोल रहे हैं. ना कुछ सार्थक हो रहा है  और न ही इसके प्रयास किए जा रहे हैं.जनता आज बहुत बातो से आजादी चाह्ती है जैसे बड बोले नेताओं से, भ्रष्टाचार से, महंगाई से, उस कानून से जो कछुआ चाल चल रहा है , गरीबी से, आतंक वाद से,  अत्याचार से, बिके और आखं पर कपडा बांधे कानून से…  नेताओ के गंदे विचारों से और भी ना जाने कितनी बातों से हमें आजादी चाहिए.

फिलहाल से गांधी जी के तीन बंदर जो हमें बुरा न देखने, बुरा न सुनने और बुरा न बोलने का संदेश देते हैं हाथ जोड कर उन्ही से माफी मांगते हैं क्षमा याचना करते हैं कि हम आपकी उम्मीदों पर खरे नही उतरे…

 

Navbharat Times

इस स्वतंत्रता दिवस आप किससे आजादी चाहते हैं? कहें अपने ‘दिल की बात….’ See more…

 क्षमा याचना  इस विश्वास के साथ भी  कि शायद 2016 में हमें ये न करना पडे और हमारा देश खुशहाल हो … स्माईल लानी न पडे खुद ब खुद आ जाए !!!

August 12, 2015 By Monica Gupta

सत्यम शिवम सुंदरम- ॐ नम: शिवाय

shiv ji by monica gupta

 

 

shiv ji by monica gupta

 

सत्यम शिवम सुंदरम- ॐ नम: शिवाय

सत्यम शिवम सुंदरम …वातावरण शिवमय हो रहा है.  मंदिर मे लम्बी भक्तों की कतारे शिवलिंग पर दूध चढाने के लिए आतुर… बाबा भोले नाथ की बहुत बातें ऐसी हैं जो जाने अंजाने हमें शिक्षा दे जाती हैं….

हम सभी जानते हैं कि शिव जी ने विष का पान किया था. ना तो उसे निगला था और ना ही उगला था. बस गले में ही रखा था, ठीक वैसे ही, हमें भी, घर की विष रुपी परेशानी को ना तो बाहर किसी को बताए और ना ही उसे दिल से लगा कर बैठे. कलह हर घर में होती है, लेकिन अगर वो उसे बाहर के लोगो को बताएगे तो बात बढ़ जाएगी और अगर गले से नीचे उतार लेगे तो खुद तबियत खराब करके बैठ जाएगे.

शिव जी के माथे पर जैसे चादँ शांति का प्रतीक है, हमें भी वैसे ही अपना दिमाग शांत रखना चाहिए. उनके मस्तक से निकली गंगा भी इसी बात की प्रतीक है कि गुस्से के पल को भी शांत होकर बिताएं.

घर परिवार मे छोटे-मोटे फैसले लेते हुए मन को शांत रखें अगर खुद ही बात-बात पर चिल्लाकर बोलेगें तो घर मे झगडा ज्यादा बढ़ जाएगी. बात यह भी नही है गुस्सा करना ही नही चाहिए. करे पर वो भी एक मर्यादा मे रह कर ही करें अन्याय, अनुशासन हीनता आदि के लिए अगर गुस्सा किया जाए तो मगंलकारी ही होता है और इसके साथ साथ परिवार के सदस्यो के इस बात का भय होना भी जरुरी होना चाहिए कि अगर वो उचित आचरण नही करेगे तो बडे बुजुर्ग नाराज हो सकते हैं.वैसे भी तुलसी दास जी ने कहा है कि “भय बिन होहि ना प्रीति”… इसलिए परिवार का मुखिया अगर कठोरता और कोमलता दोनो दिखाता है तो कोई गलत बात नही हैं. कठोरता और कोमलता का सही मात्रा मे होना बहुत जरुरी है.

एक अन्य उदाहरण है कि जैसे शिव जी का वाहन बैल, उमा का वाहन सिहं, शिव का कंठ हार सर्प, गणेश जी का मूषक और कार्तिक का वाहन मोर है पर शिव की महिमा देखिए आपस मे पुश्तैनी दुश्मनी होते हुए भी  सर्प, बैल, सिंह, मूषक, मोर सभी एकता और प्रेम मे बंधे हुए है .हमे भी इसी दिशा मे प्रयास करते रहना चाहिए कि किस प्रकार सभी को प्यार से और ज्यादा खुशहाल कैसे रखा जा सकता है …

 

.lord shiv by monica gupta

दहेज ना लेकर उन्होने जो कुरीतियो का दमन किया. ये सबक हमे  हमेशा ध्यान मे रखना चाहिए. गणेश और कार्तिक दो बच्चों का शिव पार्वती का छोटा सा परिवार था. उसी का अनुकरण हम लोगो को भी करना चाहिए.

सत्यम शिवम सुंदरम- ॐ नम: शिवाय

August 11, 2015 By Monica Gupta

सकारात्मक सोच

positive thinking by monica gupta

सकारात्मक सोच

जिंदगी में हमेशा सकारात्मक सोच लिए ही आगे बढते रहना चाहिए … लोग तो कहते भी रहेंगें और हमें तंग भी करेंगें पर हमे सच्चे मन से अपने कार्य में जुटे रहना चाहिए और आगे बढते जाना चाहिए …

August 11, 2015 By Monica Gupta

Audio- मेरी कहानी -सहयोग-मोनिका गुप्ता

मोनिका गुप्ता

story of monica gupta

Audio- मेरी कहानी -सहयोग-मोनिका गुप्ता

http://radioplaybackindia.blogspot.in/2015/08/sahyog-by-monica-gupta.html

 इस लिंक को क्लिक करके सुनिए मेरी लिखी कहानी मेरी ही आवाज में और जरुर बताईगा कि कैसी लगी ???

मेरी कहानी मेरी आवाज

कहानी – सहयोग

सुबह से ही दिनेश बहुत परेशान सा घूम रहा था.  असल मे, कुछ देर पहले ,उसके बचपन के दोस्त रवि की पत्नी का फोन आया था वो धबराई हुई आवाज मे बोल रही थी  कि भाई साहब, हमे आपकी मदद चाहिए. वैसे तो दिनेश और रवि बहुत ही अच्छे दोस्त  थे पर  बच्चो की पढाई और अन्य परिवारिक  कारणों  दिनेश की आर्थिक दशा ठीक नही चल रही थी. दिनेश ने उस समय ये कह कर फोन रख दिया कि आप चिंता मत करो मै हूं ना. पर फोन पर बात करने के बाद  वो  ये सोच कर परेशान हो गया  कि  आर्थिक तंगी के चलते वो उनकी मदद कैसे कर पाएगा.

बात को लगभग एक महीना बीत गया.इस बीच, दोनो की कोई बात नही हुई. दिनेश ने भी कोई बात करने की कोशिश नही की.पर जब भी कोई  फोन आता तो दिनेश का दिल धडकने लगता कि कही ये उसके मित्र का फोन ना हो. लगभग  दो महीने बाद रवि की पत्नी का फोन आया. वो बहुत खुश थी और बार बार उसका धन्यवाद दे रही थी इस पर दिनेश हैरान होकर बोला धन्यवाद किस बात का …  उसने तो कुछ …. इस पर वो बीच में ही बात काट कर बोली …. भाईसाहब,  आपका यह कहना कि चिंता मत करो, मै हू ना, बहुत सहारा दे गया और इन्होने जो नशा छोडने का प्रयास किया था वो  भी सफल रहा. आपकी शुभकामनाओ से यह बिल्कुल ठीक हो गए हैं. ऐसे  मुश्किल समय मे आपकी तरफ से मानसिक सहयोग मिलना ही हमारे लिए बहुत बडी बात थी. हम बहुत जल्द आपसे मिलने आएगे कह कर उसने फोन रख दिया. और दिनेश… एक बार फिर…. कुछ सोचने पर मजबूर हो गया…. !!!

Audio- मेरी कहानी -सहयोग-मोनिका गुप्ता

 

August 11, 2015 By Monica Gupta

ऐसे ही हैं हम

cartoon run

ऐसे ही हैं हम ….भ्रष्टाचार, महंगाई, खराब सडके, लच्चर नियम और इन सब मे ऊंचे चिल्लाते लाऊडस्पीकर कि… आ गया, आ गया आपका भाई… बेटा.. हमे वोट दीजिए और आपके शहर की काया पलट जाएगी. मैने निश्चय कर लिया था  कि आने दो घर पर वोट मांगने… मैं भी देखती हूं…. !!! तभी बाहर शोर की आवाज तेज हो गई. बाहर मीठी मुस्कान लिए हाथ जोडे उम्मीदवार खडे हुए थे. मैने नमस्कार का जवाब दिया और तुनक कर बोली   कि क्या सोच कर वोट मांगने आए हो. क्यू और किसलिए वोट दें आपको. हालात देखें हैं क्या आपने? मेरा वोट नोटा को जाएगा. कोई किसी लायक नही है. बस अपना मतलब निकालने मे लगे हुए आम जनता को बुदू बना रहे हैं और वो बन रही है.

वहां एकदम सन्नाटा छा गया. मैने धाड से दरवाजा बंद किया और भीतर आ गई. तभी बहुत जोर से डोर बेल हुई. मैं अचानक चौक कर उठी. अरे ये सब सपना था. झांक कर  बाहर देखा तो पार्टी के उम्मीदवार हाथ जोडे मोहक मुस्कान लिए खडे थे. मैं तुरंत उठी और बाहर आई. उनका अभिवादन स्वीकार किया और मुस्कुराते हुए कहा आप चिंता न करें . अजी… हमारा वोट आपके लिए ही है. आईए चाय पीकर जाईए. उनके मना करने पर मैं बोली हमारे लायक कोई काम हो तो जरुर बताईगा और उनकी पार्टी का स्टीकर बहुत खुशी से अपने घर के आगे चिपकवा दिया और दो तीन लेकर भी रख लिए ताकि मैं भी पार्टी मे योगदान दे सकूं स्टीकरों को बांट सकूं… जागो मतदाता जागो !!!

( ऐसे ही है हम तभी देश भी ऐसे ही चल रहा है)

 

August 9, 2015 By Monica Gupta

राधे राधे

 

cartoon on radhey ma by monica gupta

राधे राधे …

अक्सर जब बडे बुजुर्ग मिलते हैं तो राम राम या राधे राधे करते हैं … ये उनके अभिवादन का तरीका है पर जिस तरह से आज कल इन ढोगी बाबाओ या देवियों की पोल खुल रही है जनता का इन पर से विश्वास ही उठता चला जा रहा है … बेशक अफसोसनाक बात है कि हम लोग पढे लिखे होकर भी ऐसी बातों को बढावा देते हैं और सबसे ज्यादा न्यूज चैनल पर हैरानी है कि अच्छी भली खबरे छोड कर, मात्र टीआरपी बढाने क्योकि खबर मे  अश्लीलता रुपी ग्लैमर का तडका जो लगा है , पीछे पडा है …

 

 IBN Khabar

राधे मां पर आरोप लगते रहे है कि वो सिर्फ आशीर्वाद देने में ही नहीं, बल्कि तंत्र मंत्र में भी निपुण हैं। बताया जाता है कि मुकेरिया में डकोर खालसा के बैरागी संत बीरमदास के संपर्क में आने के बाद उन्होंने तंत्र-मंत्र में अपना ज्ञान बढ़ाया। मुंबई पहुंचने से पहले मुकेरिया में गुरबत के दिन काट रहीं, राधे मां उर्फ सुखविंदर कौर उर्फ पप्पू लोगों की समस्याएं दूर करने के लिए तांत्रिक क्रियाएं भी करती थीं। इसी तंत्र-मंत्र और तांत्रिक क्रियाओं ने उन्हें ख्याति दिलाई और मुंबई का रास्ता दिखाया। Via ibnlive.com

 

  ABP News

पंजाब के बिजली विभाग में काम करने वाले सरदार अजित सिंह के घर तीन मार्च 1969 को राधे मां का जन्म हुआ था. बचपन में राधे मां को घर वाले प्यार से गुड़िया बुलाया करते थे लेकिन जब उनका दाखिला गांव के ही स्कूल में करवाया गया तो उनका नाम बदलकर सुखविंदर कौर रख दिया गया था. दोरांगला के गवर्मेंट एल एस एम सीनियर सेकेंडरी स्कूल से राधे मां ने दसवीं तक की पढ़ाई की है. राधे मां को बचपन के दिनों से जानने वाले उनके भक्त विवेक पाठक उनके स्कूल की ये कहानी कुछ इस तरह बयान करते हैं.

दोरांगला के मोहल्ले की गलियों में राधे मां उर्फ सुखविंदर कौर का बचपन खेलते कूदते हुए गुजरा है. राधे मां को करीब से जानने वाले बताते हैं कि बचपन से ही उनका मन धार्मिक कामों में ज्यादा लगता था. राधे मां के पिता का ये दावा भी है कि बचपन में राधे मां उनके घर के सामने बने मंदिर में अपना ज्यादातर वक्त गुजारा करती थी. राधे मां के परिवार के करीबी रहे विवेक पाठक बचपन के अपने दिनों को याद कर बताते हैं कि सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां कम उम्र से ही भविष्यवाणियां भी करने लगी थी.

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