Yes Minister … ना खाऊंगा… न खाने दूंगा की लहर चली हुई है जिससे नेता लोग बेहद दुखी है …. दाल रोटी सुहा नही रही क्योकिं रुपया खाने की आदत जो पड चुकी थी या सच पूछों तो राजनीति में आए ही इसलिए थे कि खूब खाएगें और भरपूर समेटेंगें … पर अब चुपचाप बैठे हैं मन मसोस कर !!!
Sick Leave
Sick Leave
बचपन मे क्लास english की हो या हिंदी की एक पत्र यानि application का हमें रट्टा लगा होता था और वो है Sick Leave. सविनय निवेदन है कि आज मुझे बुखार है मैं दो दिन स्कूल नही आ पाऊंगी. कृपया करके दो दिन का अवकाश प्रदान करॆं..
ये application हमारे दिल के इतना करीब है इतना करीब है कि आज भी हम सभी कही न कही बहाना ही खोजते हैं बीमार होने का …अब देखिए ना बीमार होना यानि मुसीबतों का पहाड टूट पडना. लम्बी लाईन, फिर ढेर सारे टेस्ट और फिर महंगी दवाईयां और दवाई के आफ्टर ईफेक्टस … इतना सब कुछ होते हुए भी बीमार होना हमे प्रिय है … बेहद प्रिय है… अब देखिए ना… बच्चा अगर बाहर नौकरी कर रहा है तो मां ये कहेगी कि अगर छुट्टी नही मिल रही तो मेरी बीमारी की छुट्टी का बहाना ले कर आजा, मेरे बच्चे… !!!
बाहर बरसात हुई मौसम चाऊ माऊ हुआ कि हमें और किसी की याद आए न आए छुट्टी की याद जरुर आती है और बहाना … अजी बहाना तैयार है कि सर … कल बरसात मे भीगने के कारण सर्दी लग गई और बुखार भी हो गया. इसलिए आज आफिस नही आ पाउगां… और फिर बच्चों को लेकर निकल जाते है long drive पर …. अगर लिख कर दे रहे हैं तो अलग बात है पर अगर फोन करके बताना है तो एक दो फर्जी छीकें तो मारनी पडेगी और एक दो बार नाक से भी बोलना पडेगा अरे भई … आपकी नाक भी तो बंद है ना 🙂 🙂
और तो और आप जरा फेसबुक पर स्टेटस डाल कर तो देखिए कि आपकी तबियत ठीक नही है कमेंटस की लाईन न लग जाए तो अपना नाम बदल लेना( अब भई मेरा नाम तो भला चंगा है)
तो हुआ ना बीमारी का बहाना हमारे दिल के करीब …
वैसे बहुत देर हो गई कामवाली बाई अभी तक नही आई … सारी रसोई फैली पडी है .. अरे ये किसका मैसेज है मोबाईल पर … नहीईईईईईईईईईईई… काम वाली बाई का है लिखा है आज तबीयत ठीक नही लग रही… दो दिन काम पर नही आएगी रे बाबा … !!
हाय ये क्या ??? मुझे भी अचानक सिर दर्द हो गया ऐसा लग रहा है बुखार भी … अरे नही ये वाकई में सचमुच वाला है .. 🙁
मुद्दे ही मुद्दे
मुद्दे ही मुद्दे
इतने सालों से सोनी चैनल पर CID चला आ रहा है हमें शायद हमें इसलिए अच्छा लगता है कि आज क्राईम हुआ सीआईडी आई और देखते ही देखते जांच हुई और अगले ही पल रिपोर्ट सामने और फिर कैदी सलाखों के पीछे. पर हकीकत ये नही है हकीकत वो है जो हम आप हर रोज देखते है… आज मर्डर हुआ कम से कम दस दिन जांच मे लगेगें और इस बीच आरोपी पर क्या यातना बीतेगी उसकी कोई चिंता नही.
हमारे देश मे जांच टेस्ट सैंटर इतने कम है कि रिपोर्ट आते आते मामला ही ठंडा पड जाता है..
दूसरा नुक्स है हमारी कछुए की चाल चलती न्याय प्रणाली .. बीस बीस साल हो जाते हैं तारीख पर तारीख … बस …
तीसरा हमारी जुगाड संस्कृति … रिश्वत का कितना भी विरोध करें हम जुगाड हमेशा से ही हमे प्रिय रहा है..
चौथी बात है मीडिया … तेज और तेज खबर दिखाने के चक्कर में भिन्नभिन्नाती मक्खियों की उपाधि मिल जाती है… पता नही वो क्यो भूल जाती है कि जरुरत उनसे ज्यादा जनता को है लेकिन मारी मारी भागी भागी दौडती भागती रहती है …
फिर बात आती है महिला सुरक्षा की … मुद्दे बहुत है जिन पर हमें, मीडिया को, नेता को, सरकार को, प्रशासन को उठाना चाहिए क्योंकि इन्हें दूर किए बदला आना सम्भव नही ….
Clean India
Clean India
बात ज्यादा पुरानी भी नही है जब स्वच्छ भारत अभियान शुरु हुआ था. शुरुआती दौर अच्छा था … सब सडको पर आते थे फोटू करवाते … कुछ तो और भी महान थे कूडा खुद ही लेकर आते सडक पर गिराते फोटू करवाते ,मीडिया को बुलवाते और हो जाता स्वच्छ अभियान … निसंदेह अभियान अच्छा था पर कम जागरुकता और ढुल मुल प्रशासन का रवैया और बात बात पर आखं दिखा कर हडताल करवाने वाले स्वच्छ भारत के जमादार …
आज आलम ये है कि स्वच्छता अभियान मे सफाई करते करते अभियान ही साफ हो कर रह गया …
Clean India
गुस्सा अच्छा है
गुस्सा अच्छा है
पता नही अकसर लोग कहते मिलते जाते हैं कि गुस्सा नही करना चाहिए. गुस्सा सेहत के लिए अच्छा नही होता वगैरहा वगैरहा. पर गुस्सा तो अच्छा है. सच में, बहुत अच्छा है.
अब घर की ही बात करें तो घर पर कई बार आपको लगता होगा कि आज चपाती बहुत मुलायम बनी है जोकि अकसर नही बनती है या आज कपडे बहुत साफ धुले है जोकि अक्सर साफ नही धुलते.ये सब गुस्से की ही महिमा है कि गुस्सा आटा गूंथते समय या कपडे धोते समय निकाला जाता है और नतीजा हमारे सामने होता है.
गुस्सा करने से सेहत अच्छी रहती है वो इसलिए कि जब हमे बहुत ज्यादा गुस्सा आता है तब खाना खाने का मन नही करता.मुहँ फुला कर चुपचाप लेट जाते है.एक तरह से उपवास ही हो जाता है. हाँ, पानी जरुर ज्यादा पी लेते है. भई, किसी तरह पेट तो भरना ही है ना.
एक बात और कि शांति बहुत हो जाती हैं.सास बहू या पति पत्नी सब चुप हो जाते है. यहाँ तक की टीवी भी बंद कर दिया जाता है नाराजगी दिखाने के लिए गुस्से में.
नाखूनो की कटाई हो जाती है क्योकि गुस्से मे हम अपने नाखूनो को चबाने लगते है.
हाँ, गुस्से मे भगवान का नाम बहुत लिया जाता है कि भगवान के नाम पर अब बस चुप करो . ओम शांति.गुस्सा जाने के बाद खुद पर हंसी बहुत आती है वो भी अच्छी बात है. सबसे बडी बात जब तक आग हमारे सीने मे नही होगी हम जीत नही पाएगे. अगर किसी ने चैंलज कर दिया को तुम डाक्टर या पत्रकार किसी कीमत पर नही बन सकते. बस यही बात एक आग बन जाती है और गुस्से मे ही सही हम वो बन कर दिखाते है.. अब आप को गुस्सा आ रहा है कि लेख अच्छा नही लगा तो आप इस पर कमेंट लिखेग़ें फिर मैं उसका जवाब दूंगी फिर आप दुबारा लिखेगें इसी बहाने आपका लेखन भी सुधर जाएगा और आप टवीटर या फेसबुक पर लिख कर जाने माने कमेंटेटर बन सकते हैं …तो सोचना क्या गुस्सा अच्छा है ना…
कैसा लगा आपको ये गुस्सा … मेरा मतलब ये लेख … जरुर बताईगा 🙂 और अगर इसी को लेकर आपके अपने अनुभव हो जो हमसे सांझा करना चाहे तो भी आपका स्वागत है …
Suicide Note
Suicide Note
आजकल व्यापम धोटाले को लेकर टेंशन तो है ही उससे भी ज्यादा टेंशन होने वाली मौतों को लेकर है … ये बेचारा टिल्लू दुनिया से जा रहा है पर मामले की गम्भीरता को देखते हुए एक काम इसने किया कि अपने सोसाईट नोट में लिख दिया कि इसमें व्यापम की कोई भूमिका नही है ताकि पुलिस पब्लिक, पत्रकार ,मंत्री गण हैरान परेशान न हो …
खैर ये तो टिल्लू ने अच्छी बात की पर टिल्लू महाराज सोसाईड करना अच्छी बात भी नही है …
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