Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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March 27, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

हमारा जीवन और छोटी छोटी बातें

 जिंदगी जिंदादिली का नाम है

हमारा जीवन और छोटी छोटी बातें अक्सर खुल्ले पैसे नही होते तो दुकानदार टॉफी थमा देते है पर यहां कुछ और ही चक्कर हुआ … क्या आप बाजार जा रहे है … !! अरे !! मैने तो इसलिए पूछा कि अगर जा रहे हैं तो खुल्ले पैसे ( change)  साथ ले कर जाईएगा कभी मणि की तरह … !!

हमारा जीवन और छोटी छोटी बातें

ओह मणि के साथ आज सुबह क्या हुआ ये तो बताया ही नही… मणि गुस्से में  घर आई और बोली क्या मैं तुझे अमरुद बेचने वाली लगती हूं … !! मुझे समझ नही आया पर उसका गुस्से मे मासूम चेहरा इतना प्यारा लग रहा था कि मुझे हंसी आ गई.. इस पर उसका और नाराज होना स्वाभाविक था …

मैनॆ अपनी हंसी पर कंट्रोल करते हुए पूछा तो उसने बताया कि वो आज मार्किट गई थी. रास्ते में अमरुद की रेहडी खडी थी बहुत हरे हरे और कच्चे थे अमरुद… उसने किलो ले लिए अब उस आदमी के पास छुट्टे पैसे नही थे. उसने  एक मिनट रुकने को बोला और सामने पैसे खुल्ले कराने चला गया.

इसी बीच अमरुद लेने एक दो लोग और आ गए और उससे ही दुकानदार समझ कर भाव पूछ्ने लगे तो उसने चिढ कर कहा कि उसे नही पता वो खुद लेने आई है … !!

smily photo

 

हे भगवान !! आज पता नही क्या हुआ मेरी हंसी रुक ही नही रही थी… आज तो पक्का ही लडाई होगी मेरी मणि से… मैने मन ही मन खुद को गुस्सा किया और संयत होकर पूछा … अरे … ऐसे कैसे हो सकता है … दिखा अमरुद कैसे है .. कितने के हैं?? … अब मणि मेरे से भी गुस्सा  होकर अपने घर जा रही थी … अब इससे पहले आपको भी कोई गलत न समझ ले इसलिए आप भी खुल्ले पैसे लेकर जाईएगा मार्किट  .. !!

ऐसा मोटापा आपको भी मुबारक हो

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हमारा जीवन और छोटी छोटी बातें के बारे में आपके विचारों का   स्वागत है…

March 20, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

सोशल मीडिया और वायरल होती खबरें

सोशल मीडिया और वायरल होती खबरें

 

सोशल मीडिया और वायरल होती खबरें

 

सोशल मीडिया और वायरल होती खबरें

गूगल से स आभार तस्वीर

सोशल मीडिया , वायरल होती खबरों का संसार

सिर्फ न्यूज चैनल ही नही बल्कि सोशल मीडिया भी कई बार  जल्दी और तेज दिखाने के चक्कर में बस अंधाधुंध कुछ भी वायरल करता जाता है…!!

वायरल खबरों की आपा धापी में कुछ खबरें याद रह जाती है जैसाकि एक जानी मानी फिल्मी हस्ती की मृत्यु हो गई है यह खबर वायरल हो गई थी… कुछ समय बाद उस कलाकार को न्यूज मे आकर कहना पडा कि वो जिंदा हैं. वही हमारे राष्ट्रपति एपीजे साहब की मौत की खबर तो बहुत पहले ही वायरल हो गई थी… जोकि बेहद बेहद दुखद था…

कल टी 20 मैच के दौरान अमिताभ बच्चन साहब के द्वारा गाए जन गन मन के बारे में वायरल हुआ कि रविन्द्र नाथ टैगोर ने राष्ट्र गान लिखने के चार पैसे नही लिए थे लेकिन अमिताभ बच्चन ने स्टार टीवी से ‘राष्ट्रगान’ गाने के 5 करोड़ रूपए वसूले हैं।!! मणि मेरे पास आई और पूछा कि क्या सुना कि अमिताभ जी ने 5 करोड लिए …!! मणि ने मुझे वटस अप पर आया मैसेज दिखाया.. !!

उस शाम, बेशक अमिताभ जी ने बेहद अलग और खूबसूरत तरीके से जन गन मन गाया पर मन में दूसरे ही विचार चल रहे थे कि इतना बडा कलाकार और देखों पैसे ले लिए… … !!!

हम बात कर ही रहे थे तभी एक न्यूज चैनल पर खबर आई कि सौरव गांगुली ने इस बात को साफ किया है बच्चन साहब ने गाने के लिए एक पैसा नही लिया और तो और कलकता आने जाने का भी किराया भी अपनी जेब से दिया.अमित जी ने कहा कि वो इसका एक पैसा नही लेंगें इस तरह से राष्ट्रगान गाना तो  उनके लिए गर्व की बात है… !!

इस वायरल होती खबर पर ,मेरे विचार से, सच्चाई तक  किसी ने जाने की कोशिश नही की होगी और जिसने कोशिश की भी होगी उसे कहां से सच्चाई पता चले क्योकि खबर बुरी तरह से वायरल हो चुकी थी और चारो तरफ मजाक बनना शुरु  हो चुका था  और चारो तरफ नकारात्मकता भर गई थी … !!

जबकि मैच के बाद विराट कोहली ने भी कहा कि अमिताभ जी के जन गन मन गाने के बाद एक आत्मविश्वास भर गया था और उसी समय सोच लिया था कि जीतना ही है… !!

बेशक कई बार वायरल होना अच्छा भी होता है मुझे याद है एक दिल्ली की छोटी बच्ची गायब हो गई थी उसकी खबर इतनी वायरल हुई कि दो दिन में बच्ची मिल भी गई थी…  पर जहां नकारात्मक रुप से बात वायरल होती है वहां मानसिक रुप से उस व्यक्ति को कितना विचलित कर देती है इसका शायद हम अंदाजा भी नही लगा सकते इसलिए इतना तो कर ही सकते हैं कि खबर की सच्चाई तक जाकर उसे पोस्ट करें तो बेहतर होगा … !! आखिर देश हमारा है … और गलत सलत, अंट शंट बातें जब वायरल होती हैं तो मजाक हमारे देश का नही बल्कि हमारा बनता है .. इसलिए बात की तह तक जाकर ही वायरल करें तो बहुत बेहतर अन्यथा …

amitabh bachchan charged this much amount of money for singing the national anthem: :

कोलकाता के ईडन गार्डन्स में शनिवार रात खेले गए मैच में भारत ने पाकिस्तान को 6 विकेट से हराने की खबर ने जहां क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीता वहीं इस मैच में अमिताभ द्वारा राष्ट्रगान गाने के लिए ली गई फीस की रकम की चर्चा ने भी लोगों का ध्यान आकर्ष‍ित किया.

दरअसल सोशल मीडिया में एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि महानायक ने राष्ट्रगान गाने के लिए 4 करोड़ रुपये लिए थे. इस रिपोर्ट पर अमिताभ के कुछ प्रशंसकों ने प्रतिक्रिया दी, तो कुछ ने उनके देशप्रेम पर उंगली उठाई. लेकिन, सीएबी के एक शीर्ष अधिकारी ने रविवार को सोशल मीडिया की रिपोर्ट को गलत बताया. उन्होंने आईएएनएस को बताया, ‘नहीं, अमिताभ बच्चन ने हमसे कोई पैसे नहीं लिए.’ read more at aajtak.intoday.in

 

गौरतलब है कि कलकत्ता के ईडन गार्डन में टी 20 मैच के दौरान पाकिस्तान के क्लासिकल सिंगर शफकत अमानत अली ने पाकिस्तान का नेशनल एंथम गाया और भारत की ओर से अमिताभ बच्चन साहब राष्ट्रगान गाते हुए नजर आएं थे  !!

वैसे आपका क्या विचार है … !! जरुर बताईएगा …

March 20, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

रिजल्ट, बच्चे और अविभावक

बच्चे, रिजल्ट और अविभावक

रिजल्ट, बच्चे और अविभावक

mother and parents photo

जरा सोचिए

कुछ देर पहले एक जानकर आए हुए थे…चाय पीते हुए उन्होनें बताया कि बहुत टेंशन हैं बच्चों का रिजल्ट आना है … 31 मार्च को पेरेंटस टीचर मीटिंग है… मैने भी कहा कि ओह … शायद बच्चों के पेपर अच्छे नही हुए … वो बोले अरे नही पेपर तो बहुत अच्छे हुए हैं और ये हर साल फर्स्ट ही आते हैं… इस बात की तो चिंता नही … तो प्रोब्लम क्या है … मेरे पूछ्ने पर काजू खाते खाते उसने बताया कि असल में , बच्चे हमेशा खाने के लिए टोकते हैं कि और बच्चों के पेरेंटस भी आते हैं सभी फिट और स्मार्ट है पर आप दोनों बहुत मोटे हो … अगर 31 तक वजन कम हुआ तो ठीक है नही तो रिजल्ट लेने आप लोग नही आओगे… अचानक मेरा ध्यान काजू कतली पर चला गया जोकि लगभग खत्म हो चुकी थी… शायद बच्चों की चिंता जायज थी पर हम लोग क्यों नही सोचते अपनी सेहत के बारे में … !!

एक बेचारा संडे मिलता है और उसी में ओवर ईंटिंग …पराठीं, पूरी आलू, मिठाई …… !!! अरे भई !! खा खा कर क्यों बेचारे शरीर को दुख दे रहे हैं !! अगर बच्चे अभी से चिंता कर रहे हैं तो अच्छी बात है …!! मोटापे के लिए, शादी, त्योहार, थाईराईड या दूसरे बहाने बहाने बनाने छोडिए और अपनी सेहत पर ध्यान देना शुरु कीजिए अन्यथा डाक्टरों के चक्कर भी कम बुरे नही !! बाकि आप खुद समझदार हैं … है ना !! 

Take care …एक दूसरे को कहना  या वटस अप करना बहुत अच्छा लगता है  कि हमें आपकी परवाह है पर क्या वाकई हम अपना ख्याल रखते हैं ??

जरा सोचिए और वाकई में अपना ध्यान रखिए … अच्छा नही बहुत अच्छा लगेगा  😆

रिजल्ट, बच्चे और अविभावक

March 19, 2016 By Monica Gupta 1 Comment

रोचक बाल कहानी – जब पापा ने बनाए मटर के चावल

रोचक बाल कहानी – जब पापा ने बनाए मटर के चावल

रोचक बाल कहानी – जब पापा ने बनाए मटर के चावल

हमेशा ही मम्मी और रसोई का नाता रहा है. मैने आज तक पापा को रसोई से पानी का गिलास खुद लेकर पीते नही देखा. पापा सरकारी अफसर हैं इसलिए दफ्तर के साथ साथ घर पर भी खूब रौब चलता है. ओह क्षमा करें. असल में, बात बताने के चक्कर मैं यही बताना भूल गई कि मैं हू मणि. सातवीं क्लास मे पढती हूं और छोटे से शहर मे रहती हूं.

हां तो मैं बता रही थी कि मम्मी सारा दिन घर पर ही रहती हैं. दिन हो या रात सारा समय काम ही काम… हाँ भाई… नौकरों से काम लेना कोई आसान काम है क्या, हाँ… अरे भई आप तो कुछ समझते ही नही है अब जब पापा सरकारी दफ्तर में काम करते हैं तो नौकर चाकर भी होंगें न हमारे घर पर …हां तो मैं क्या बता रही थी .. मैं बता रही थी कि पिछ्ले कुछ दिनो से पापा खाने में कोई ना कोई नुक्स निकाल रहे थे. इसीलिए मम्मी ने रसोइए की छुट्टी कर के रसोई की कमान खुद सम्भाल ली थी.

पर पापा को इसमे भी तसल्ली नही हुई. नुक्स निकालने का काम तो चलता ही रहा और साथ मे एक बात और जुड गई कि मेरी माता जी खाना ऐसे बनाती थी मेरी माता जी खाना वैसे बनाती.ये सुनकर मम्मी को कभी कभार गुस्सा आ जाता जो अक्सर मेरे ऊपर ही निकलता. ह हा हा !!  खैर समय  ऐसे ही प्यार और लडाई झगडे में बीतता रहा.

peas rice photo

शनिवार को पापा यह कह कर सोए कि कि वो कल सुबह नाश्ते मे बासी परांठा और आलू मैथी ही खाएगे. मुझे पता है कि मम्मी ने बहुत दिल से बनाया. पर वो भी पापा को पसंद नही आया.

उसी समय पापा ने एलान कर दिया कि वो दोपहर को खुद ही मटर के चावल बनाएगे. मम्मी के चेहरे पर अजीब सी परेशानी  और मैं हैरान. पापा और खाना. मुझे समझ नही आ रहा था.
दोपहर के एक बजे मम्मी ने जबरदस्ती टीवी पर क्रिकट मैच देखते हुए पापा को उठाया कि भूख लग रही है.खाना बनाओ. मैच बहुत मजेदार चल रहा था.  पापा अनमने भाव से उठे. मम्मी ने चावल पहले ही भीगो दिए थे इस पर पापा ने गुस्सा किया माता जी तो पहले कभी नही भिगोते थे. अब तो खराब ही बनेंगें … फिर पापा ने कूकर माँगा. मम्मी के कहने पर कि पतीले मे ज्यादा खिले- खिले बनेगें पर पापा तो पापा ठहरे. जो बोल दिया सो बोल दिया. वैसे आप यह मत समझना कि मैं मम्मी की चमची हूँ. मैं सच बात का ही साथ देती हूँ.फिर पापा ने देसी घी लिया और खूब सारा उसमे डाल दिया ताकि मटर अच्छी तरह भुन जाए इतने में मैच मे छ्क्का लगा जल्दी जल्दी मैच देखने के चक्कर मे उन्होंने मसाला भी अंदाजे से  डाल दिया.

मैं और मम्मी चुपचाप पापा का काम देखते रहे. मम्मी तो चुपचाप गर्दन हिलाती रही और मै वँहा स्लैब पर बैठी पापा का लाईव टेलिकास्ट देख रही थी. सच. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. उधर पापा ने मैच देखने के चक्कर मे मटर मे भी नुक्स निकालने शुरु  कर दिए कि मटर तो मीठी है ही नही चावल कैसे अच्छा बनेगा. मैच मे फिर एक खिलाडी आउट हो गया. तभी दरवाजे पर घंटी बजी.मम्मी बाहर जाने को हुए तो पापा ने मना कर दिया कि पहले मसाला भुनने दो फिर जाना.मै उतर के जाने को हुई तो मुझे भी डाटं पड गई कि बार बार आने जाने से उनका ध्यान हट रहा है. तभी फिर एक खिलाडी आउट हो गया. बाहर फिर से घटीं बजी. उधर पापा से कूकर का ढ्क्कन बन्द ही नही हो रहा था. पापा बोले कि कूकर ही खराब है. मम्मी ने गर्दन मटकाते अगले ही पल उसे बन्द कर दिया. इस पर भी पापा बोलने से नही चूके कि उफ आज कल के ये बरतन और मम्मी के पल्लू से  हाथ पोंछ कर बैठक मे चले गए. दुबारा घंटी बजने पर मैं बाहर भागी.

अरे!!!  सामने दादी खडी थीं. उन्होने बताया कि शहर आने का एकदम से प्रोग्राम  बना और वो आ गई. सुबह ही मटर के चावल बनाए थे तो वो भी ले आई.  दादी ने पानी पीया ही था कि कूकर की सीटी भी बज गई. पापा ने एलान कर दिया था कि कूकर वो ही खोलेगे. दादी की मौजूदगी मे उसे खोला गया.पर….  पर …यह समझ ही नही आ रहा था कि यह चावल है या खिचडी. मटर के चावलों का पूरी तरह से हलवा बन चुका था.

पापा मैच देखते हुए धनिए की चटनी के साथ मजे से दादी वाले चावल खा रहे थे और हम. हम मटर वाली खिचडी. नाक मुहं बना कर. इसी बीच मे भारत मैच जीत गया.पर पापा खुश होकर बोले कि रात को वो आलू की परौठी बना कर खिलाएगे.यह सुनते ही मैं और मम्मी कान पर हाथ रख कर जोर से चिल्लाए. नही…. अब और नही. यह सब देख कर दादी ठहाका लगा कर हँस दी और वो किस्सा सुनाने लगी जब मेरे दादा जी ने पहली और शायद आखिरी बार गुड के चावल बनाए थे ..

 

कैसी लगी कहानी जरुर बताईएगा  🙄

Photo by pelican

March 8, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

Womens Day – Mahila Diwas

cartoon on mahila diwas by monica gupta

Womens Day – Mahila Diwas

महिला दिवस पर मीडिया से  गूगल सर्च तक खूबसूरती बिखरी हुई है. वही सोशल नेट वर्किंग साईटस  पर भी बधाई देने का सिलसिला लगातार जारी है. कोई  महिला को टैग करके बधाई  देने में जुटा है तो कोई  सामाजिक संस्था सम्मान कर रही है… वही कोई महिला इस बात से दुखी है कि किस बात का महिला दिवस !! न सुरक्षा है न सम्मान !! सरकार को कुछ करना चाहिए… ऐसी सोच वाली महिलाओं से मेरा विंन्रम निवेदन  है कि अगर उन्हें लगता है कि आज के दिन रोने से , कोसने से आपको वो सब कुछ मिल जाएगा जो आप चाहती है तो क्षमा कीजिएगा आप आज का दिन भी गंवा देंगी… आज के दिन को एंज्वाय कीजिए… खुश होईए कि आपको ढेर सारी शुभकामनाएं मिल रही है… रही बात सोचने की कि हम महिलाओं का क्या होगा बाकि के 364 दिन यही सोचना है … !!

मेरा यह मानना है समाज में बदलाव तो आया है भले ही हम अभी भी असुरक्षित है पर घर की चार दीवारी से बाहर निकलने की बात हो या शिक्षा की बात हो निसन्देह जबरदस्त बदलाव आया है… और अगर सकारात्मक सोच रखेंगें तो परिणाम भी वैसे ही सामने आएगें … अन्यथा नकारात्मकता तो वैसे ही ….. !!

मेरे बनाए महिला दिवस पर कुछ कार्टून …

cartoon on mahila diwas by monica gupta

February 13, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

आज कल के बच्चे और माँ

आज कल के बच्चे और माँ

सारी माँए पागल ही होती हैं

कई बार लिखते हुए चश्मा बहुत प्रोब्लम देता है. खासकर जब कुछ इमोशनल लिखना हो.. बार बार चश्मा उतार कर नम हुई आखें पोंछ्ना फिर लिखना फिर चश्मा उतार कर आंसू पोछ्ना… उफ्फ … आज मेरी एक सहेली से कुछ बात ही ऐसी हुई कि मन भावुक हो गया बस… वही लिख रही हूं और लिखते लिखते शब्द धुंधला रहे …..

lady working on laptop photo

बच्चें चाहे बेटा हो या बेटी… माता पिता के लिए अमूल्य होते हैं. जहां बिटिया हमेशा पापा की लाडली होती हैं वही माँए भी, अक्सर अपने बेटे को लेकर बेहद भावुक होती हैं… !!!

बात कुछ दिनों पहले की है एक पार्टी में दीपा (परिवर्तित नाम) मिली. थोडी उदास लग रही थी मेरे पूछ्ने पर उसने बताया कि बेटे पर गुस्सा आ रहा है दिल्ली नौकरी करता है यहां मिलने भी बहुत कम आता है बात करो तो busy  हूं कह कर फोन रख देता है. वटस अप पर भी मैसेज भेजती हूं तो देख तो लेता है पर बस कभी कभी hmmm तो कभी स्माईली बना देता है …

काश उसकी एक बेटी भी होती तो कितना अच्छा होता… मैनें उसके गाल पर चपत मारी और बोली अरे .. ये क्या बात हुई … अच्छा ये बताओ कि कितनी बार फोन करती हो तुम उसे … वो बोली दिन भर में तीन चार बार तो धंटी दे ही देती हूं और मैसेज तो भेजती ही रहती हूं कि क्या हाल है … !!खाना खाया .. क्या खाया … काम वाली आई थी की नही … आदि

मैने कहा हे भगवान !! इतनी बार फोन … अगर मैं तुम्हारा बेटा होती तो शायद मैं भी फोन नही उठाती … अरे भई !!! बच्चा नौकरी कर रहा है. नई नौकरी है … काम ज्यादा है तनाव भी ज्यादा ही होगा … इस पर वो मेरी बात काटते हुए बोली कि पर जब देखो तब online  रहता है पर बात करने का समय नही है … वो मुझे प्यार ही नही करता … याद ही नही करता … आठ महीने और 20 दिन हो गए उसे घर आए …!!

मैनें उसे बहुत समझाया पर उसका record एक ही बात पर अटका हुआ था कि वो अब प्यार नही करता … जबकि मैं उसे समझाने में जुटी थी.
इस बात को तीन चार दिन बीत गए. अभी थोडी देर पहले वो मेरे घर आई और बहुत खुश थी पर मुझसे गले मिलते ही रो पडी बोली तुम ठीक कह रही थी… मेरा बेटा वाकई मुझसे बहुत प्यार करता है … मैने उसे चुप कराया और पूछा कि क्या हुआ उसने बताया कि कल ही एक दिन के लिए घर आया था. खाने के बाद आराम कर रहा था. उसके लैपटॉप मे कोई दिक्कत थी बोला ठीक आप ही करवा दो… दीपा ने बताया कि उसे गुस्सा तो आ ही रहा था कि एक दिन के लिए आया है और आराम कर रहा है बात भी नही कर रहा … और वो पास ही दुकान पर लैपटाप ठीक करवाने ले गई…

दुकानदार ने चैक करने के लिए लैपटाप खोला और पूछा कि पास वर्ड क्या है. दीपा बता रही थी कि उसने अनमने भाव से घर फोन करके बेटे से पार्सवर्ड पूछा तो बेटे ने कहा … लव यू मां …एक बार तो उसे समझ नही आया … दुबारा पूछने पर बेटे ने बताया यही मेरा पासवर्ड है … Love u maa अपनी आखों में खुशी के आसूं छिपाती उसने दुकानदार को पासवर्ड बताया और जब laptop स्टार्ट किया तो उसी की फुल्ल स्क्रीन फोटो desktop पर लगाई हुई थी…!!! वो बहुत खुश थी कि उसके बेटे ने उसकी फोटो लगा रखी थी

उसने बताया कि वो कितनी गलत थी जबकि बेटा हर पल उसे अपने ख्यालों में यादों में साथ रखता है. बताते बताते उसका गला रुंध गया और शायद मैं भी अपने आंसू रोक नही पा रही थी.. उसने बताया कि उसका बेटा, वाकई उससे बहुत प्यार करता है… बस नई नौकरी है ना … बस इसलिए थोडा सा व्यस्त है … !! वैसे बहुत बहुत प्यार करता है उससे… !! अच्छा जी … कहते हुए मैंने भी मुस्कुराने की कोशिश की … !!
वो तो चली गई और मैं उसी के बारे में लिखने लगी कि सभी माएं पागल ही होती है और बस बार बार आसूं आखों से छ्लक रहे हैं और चश्मा है कि बार बार disturb किए जा रहा है !!!

.lady working on laptop photo

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