Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

  • About Me
  • Blog
  • Contact
  • Home
  • Blog
  • Articles
    • Poems
    • Stories
  • Blogging
    • Blogging Tips
  • Cartoons
  • Audios
  • Videos
  • Kids n Teens
  • Contact
You are here: Home / Archives for ब्लाग

August 26, 2015 By Monica Gupta

गूगल डूडल

गूगल डूडल

 

la-tomatina-70th-anniversary-5748008186544128-hp2x

गूगल डूडल

कोई खास दिन आता नही कि मेरा ध्यान सबसे पहले गूगल  डूडल पर जाता है कि उन्होनें आज क्या बनाया होगा. सच पूछिए तो आज के दिन के बारे मे जरा भी पता नही था हां, पर फिल्म में देखा था इसलिए ये जरुर पता था कि स्पेन में ऐसा टमाटर मारने का उत्सव  कुछ मनाया जाता है पर डूडल देख कर वाकई मजा आ गया.

तरह तरह के रंग बिरगें डूडल सदा हमारा ध्यान आकर्षित करते हैं. जिस दिन के बारे मे पता होता है उस दिन अच्छा लगता है और जिस दिन की जानकारी न हो वो जानने का मन करता है कि आखिर ये गूगल डूडल स्पेशल है तो कोई खास बात जरुर होगी… 🙂 है ना 🙂 और फिर शुरु हो जाती है गूगल सर्च 🙂

 

La Tomatina’s 70th anniversary and its big, messy secret – Vox

The history of La Tomatina is a lot like any food fight — it’s a little bit of fun that got way out of hand.

The history of La Tomatina is a lot like any food fight — it’s a little bit of fun that got way out of hand.

Like many Spanish festivals, the celebration was originally a religious one, to honor Bunol’s patron saint, San Luis Bertran. One year — either 1944 or 1945 — there was a tussle during a procession and some boys tossed tomatoes. A few say it was prompted by village rivalries. Some say it was a joke. But others claim it stemmed from unhappiness with Francisco Franco’s reign following Spain’s civil war. See more…

और इससे भी अच्छी बात ये है कि सभी के  जन्मदिन पर भी  गूगल खास तोहफा गूगल डूडल  होता है और शुभकामनाएं भी होती है इससे ज्यादा स्पेशल फील करवाना …. !!! 

La Tomatina 70th Anniversary

For its 70th anniversary, Doodler Nate Swinehart captures the energy of today’s festivities with an animation awash in splattered tomatoes and brimming with the youthful delight of its characters.

Concept Thumbnails

Concept Animation

Animation Layout Plan Read more…

थैक्स गूगल … शुभकामनाए !!!

August 26, 2015 By Monica Gupta

Online बनाम Off line

 

Online  photo

Online बनाम Off line करीब एक धंटा बाद बंद कमरे से बाहर निकली मेरी एक जानकार को मैने हिम्मत दी बुद्दू, पगली ऐसे रोते थोडे ही न है. हिम्मत रख, सब्र कर, हर  हर किसी के पास सब कुछ तो नही होता ना… और तुम तो वैसे ही इतनी समझदार हो. यही जिंदगी है बजाय उदास होने के, रोने के, हर हाल में खुश रह. मुझे देखो मैं भी तो सह रही हूं न ये सब पर कभी महसूस होने नही दिया.

वो सहमति की गर्दन तो झटक रही थी पर बोल रही थी कि क्या करुं नही समझा पा रही खुद को.. हर रोज सोचती हूं आज मेरी जिंदगी में भी खुशी आएगी जब मैं भी खुद पर नाज कर पाऊंगी पर ना जाने किस की नजर लग गई.

आप रोज देख ही रही हो तिल तिल करके जी रही हूं. रोते रोते हिचकियां भी लग गई..जी क्या ??? आप जानना चाह रहे हैं कि क्या हुआ? ओह क्षमा करें जानकार से बात करने के चक्कर में, इसकी इस हालात की वजह तो मैं बताना ही भूल गई. ये बेचारी इस लिए रो रही है कि हर रोज फेसबुक पर कुछ न कुछ लिखती है पर इसकी पोस्ट पर एक कमेंट तो दूर की बात लाईक तक भी नही होते.

कल ही उसने कम से कम 50 सैल्फी ली और एक को बेहतरीन मान कर इस आशा और विश्वास के साथ फेसबुक पर डाला कि लाईक और कमेंट की बाढ क्या सुनामी आ जाएगी पर अन्य पोस्ट की तरह ये भी सूखी रह गई और वो डिप्रेशन में चली गई …. अब, कभी अपना उदाहरण देकर तो कभी किसी का उदाहरण देकर उसे समझा रही हूं वैसे आप भी किसी को ऐसी स्थिति में जाने से बचा सकते हैं.

आपका एक कमेंट और एक लाईक किसी की जिंदगी मे बहार ला सकता है. वैसे मैं इस विषय पर शोध करके किताब लिखने की भी सोच रही हूं क्योकि ये आज की सबसे बडी जरुरत जो है.

Online बनाम Off line कैसा लगा जरुर बताईगा  🙂

August 26, 2015 By Monica Gupta

क्या आप जानते हैं ये रोचक बातें

क्या आप जानते हैं – कुछ बातें अकसर हमें हैरान परेशान करती हैं और हम उसके बारे में जानना चहते हैं जैसाकि  कान किसलिए छिदवाए जाते हैं , माथे पर कुमकुम किसलिए लगाया जाता है या जमीन पर बैठ कर भोजन करना किसलिए जरुरी है

 

tulsi by monica gupta

क्या आप जानते हैं ये रोचक बातें

 

क्या आप जानते हैं ये रोचक बातें

क्या आप जानते है कि पहले समय में लोग चुटिया क्यों रखते थे या कान छिदवाने से क्या लाभ होता है या  जमीन पर बैठ कर खाना खाने से क्या फायदा होता है   या  घर पर तुलसी लगाने का कोई फायदा है या नही…

आईए जाने इसी से जुडी कुछ बातें और उसके पीछे  छिपे वैज्ञानिक तर्क ….
क्या आप जानते हैं कि कान छिदवाने की परम्परा के पीछे क्या वैज्ञानिक तर्क है. वो ये हैं कि कान छिदवाने से सोचने की शक्तित बढ़ती है। डॉक्टरों का भी मानना है कि इससे बोली अच्छी होती है और कानों से होकर दिमाग तक जाने वाली नस का रक्त संचार नियंत्रित रहता है।

माथे पर कुमकुम या तिलक लगाने का भी वैज्ञानिक तर्क है और वो ये कि आंखों के बीच में माथे तक एक नस जाती है और कुमकुम या तिलक लगाने से उस जगह की ऊर्जा बनी रहती है। माथे पर तिलक लगाते वक्त जब अंगूठे या उंगली से प्रेशर पड़ता है, तब चेहरे की त्वचा को रक्त सप्लाई करने वाली मांसपेशी सक्रिय हो जाती है। इससे चेहरे की कोशिकाओं तक अच्छी तरह रक्त पहुंचता है.

भारतीय संस्कृति के अनुसार जमीन पर बैठकर भोजन करना अच्छी बात मानी जाती है।
वैज्ञानिक तर्क के अनुसार जमीन पर बैठ कर भोजन करने से, आलथी पलती मारकर बैठने से जोकि एक प्रकार का आसन है. इस पोजीशन या आसन में बैठने से मस्तिाष्क शांत रहता है और भोजन करते वक्त अगर दिमाग शांत हो तो पाचन क्रिया अच्छी रहती है। इस पोजीशन में बैठते ही खुद-ब-खुद दिमाग से एक सिगनल पेट तक जाता है, कि वह भोजन के लिये तैयार हो जाये।

हाथ जोड़कर नमस्ते करने के पीछे भी वैज्ञानिक तर्क है वो ये कि जब सभी उंगलियों के शीर्ष एक दूसरे के संपर्क में आती हैं और उन पर दबाव पड़ता है। एक्यूप्रेशर के कारण उसका सीधा असर हमारी आंखों, कानों और दिमाग पर होता है, ताकि सामने वाले व्यक्तिर को हम लंबे समय तक याद रख सकें। वैसे दूसरा तर्क यह भी कह सकते हैं कि शैक हैंड के बजाये अगर हम नमस्ते करते हैं तो सामने वाले के शरीर के कीटाणु आप तक नहीं पहुंच सकते। अगर सामने वाले को स्वाइन फ्लू भी है तो भी वह वायरस आप तक नहीं पहुंचेगा। जोकि फायदेमंद ही रहेगा.

अक्सर भोजन की शुरुआत तीखे से और अंत मीठे से किया जाता है और इसके पीछे वैज्ञानिक तर्क यह है कि तीखा खाने से हमारे पेट के अंदर पाचन तत्व एवं अम्ल सक्रिय हो जाते हैं। इससे पाचन तंत्र ठीक तरह से संचालित होता है और खाने के अंत में मीठा खाने से अम्ल की तीव्रता कम हो जाती है। इससे पेट में जलन नहीं होती है।

सुबह उठकर सूर्य को जल चढ़ाते हुए नमस्कार करने की परम्परा के पीछे भी वैज्ञानिक तर्क ये है कि
पानी के बीच से आने वाली सूर्य की किरणें जब आंखों में पहुंचती हैं, तब हमारी आंखों की रौशनी अच्छी होती है।

पुराने समय में ऋषि मुनि सिर पर चुटिया रखते थे। कई बार आपको पंडित लोग आज भी चुटिया लिए मिल जाएगें. इसका वैज्ञानिक तर्क ये है कि जिस जगह पर चुटिया रखी जाती है उस जगह पर दिमाग की सारी नसें आकर मिलती हैं। इससे दिमाग स्थििर रहता है और इंसान को क्रोध नहीं आता, सोचने की क्षमता बढ़ती है।
व्रत रखने का बहुत क्रेज है लेकिन इसके पीछे भी वैज्ञानिक तर्क ये भी है

व्रत करने से पाचन क्रिया अच्छी होती है और फलाहार लेने से शरीर का डीटॉक्सीफिकेशन होता है, यानि उसमें से खराब तत्व बाहर निकलते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार व्रत करने से कैंसर का खतरा कम होता है। हृदय संबंधी रोगों, मधुमेह, आदि रोग भी जल्दी नहीं लगते। तुलसी के पूजन को अहमियत देने के पीछे भी वैज्ञानिक तर्क ये है कि

तुलसी इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है। अगर घर में पेड़ होगा, तो इसकी पत्तिकयों का इस्तेमाल भी होगा और उससे बीमारियां दूर होती हैं।

क्या आप जानते हैं … आपको कैसा लगा अगर आपके पास भी कुछ बताने को तो जरुर शेयर करें …

http://hindutavadarshan.blogspot.in/2015/05/blog-post_44.html

August 25, 2015 By Monica Gupta

अच्छे दिन

cartoon mountain by monica gupta

अच्छे दिन आने वाले हैं… अच्छे दिन की इंतजार में साल से ज्यादा बीत गया और अचानक यह सुनने को मिल रहा है कि हमने तो अच्छे दिन का कहा ही नही था .. ये तो मीडिया ने बनाया … अरे !!! भई ये क्या बात हुई… इसलिए हमारी पात्रा को गुसा आ गया है औत माऊटेन मैन की तरह हथौडा लेकर सिर फोडने निकल गई है !!!

..

BBC

‘अच्छे दिन’ भले ही नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के लिए चुनाव से पहले और चुनाव के बाद पर्यायवाची बन चुका था, लेकिन अब उन्हीं के एक मंत्री कह रहे हैं कि भाजपा ने ऐसा कुछ नहीं कहा था.

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की मानें तो यह नारा बीजेपी ने दिया ही नहीं था. तोमर के मुताबिक इस नारे को तो लोगों ने और ख़ासकर सोशल मीडिया ने पार्टी के मुंह में डाल दिया था.

तोमर ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, “बीजेपी ने कभी यह नहीं कहा था कि अच्छे दिन आएंगे. सोशल मीडिया पर यह नारा चला था, अच्छे दिन आएंगे और राहुल नानी के घर जाएंगे. इस नारे को लोगों ने बीजेपी के मुंह में डाल दिया. हालांकि, इस नारे से जुड़ी जनता की भावनाओं को हम विनम्रता के साथ स्वीकार करते हैं.”

उन्होंने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा, “जो लोग कह रहे हैं कि देश के अच्छे दिन नहीं आ रहे हैं, उन्हें मेरी सलाह है कि अगर वे सकारात्मकता का चश्मा लगाएंगे तो उन्हें अच्छे दिन आते नजर आएंगे.” See more…

अच्छे दिन ??? एक प्रश्नवाचक !!!

August 25, 2015 By Monica Gupta

सेलिब्रेटी

hike onion rate by monica gupta

सेलिब्रेटी

अरे वाह प्याज वाला तो रातों रात सैलिब्रेटी ही बन गया. सारे बडे बडे न्यूज चैनल ठेले वालो के पास आकर साक्षात्कार ले रहे हैं…

जिस तरह से प्याज महंगा हुए जा रहा है और चैनल वाले कभी मंडी जाकर तो कभी सडक किनारे ठेलेवाले से साक्षात्कार ले रहे हैं ये प्याज वाले भी रातों रात सैलीब्रेटी बन गए हैं और सब्जी वाले तो ज्यादा भाव में आ गए हैं इतने खुश है इतने खुश है यह जानकर कि वो टीवी पर आ रहे हैं इसलिए कहतें हैं आपने तो खुश ही कर दिया आप प्याज् फ्री ही ले जाओ :):)

तो देखा आपने सैलिब्रेटी कैसे कैसे हैं आजकल …

August 25, 2015 By Monica Gupta

छेडछाड मामले

छेडछाड मामले

कल सभी न्यूज चैनल पर सुर्खियों मे थी ये खबर कि दिल्ली में जसलीन के साथ हुई छेडछाड … जसलीन ने फेसबुक पर सारी बात विस्तार से बताई और पुलिस ने भी उसके हौंसले को सलाम करते हुए ईनाम की धोषणा कर डाली..

जसलीन ने लिखा – इस शख्स ने मुझ पर तिलकनगर पर करीब 8 बजे फब्तियां कसीं. वो सिल्वर रंग की रॉयल एनफील्ड पर था जिसका नंबर है DL 4S CE 3623. जब मैंने उससे कहा कि मैं उसकी फोटो खींच रही हूं और मैं उसके खिलाफ शिकायत करूंगी तो उसने बाकायदा फोटो के लिए पोज बनाया और कहा कि जो कर सकती है कर ले. कंप्लेंट करके दिखा फिर देखियो क्या करता हूं मैं.

मैंने अपने लिए लड़ाई लड़ना तय किया है और मैं तिलक नगर थाने में उसकी फोटो और गाड़ी नंबर के साथ शिकायत कर चुकी हूं. कृपया इसे खूब शेयर करें. आज उसने मेरे साथ ये किया है कल वो किसी और के साथ इससे कहीं ज्यादा बुरी हरकत कर सकता है. मैं यहां वो सब लिख सकती थी जो उसने मुझसे कहा था लेकिन मैं नहीं चाहती थी कि ऐसे शब्दों की वजह से फेसबुक मेरी पोस्ट को हटा दे.जसलीन ने हिम्मत नहीं हारी और लड़ाई छेड़ दी. तिलकनगर पुलिस मौके पर पहुंची और शिकायत दर्ज करने के बाद मनचले की गाड़ी के नंबर के आधार पर तलाश शुरू कर दी.

दूसरी तरफ जसलीन की मदद में आए हजारों फेसबुक यूजर्स. सिलसिला शुरू हुआ तो सामने आ गई मनचले की पूरी पहचान.

बात को अभी 24 घंटे भी नही हुए थे कि खबरों में आने लगा कि लडकी का ये पब्लिस्टी स्टंट ही है अचानक चैनल पर  एक प्रत्यक्षदर्शी सामने आया और उसने बताया कि लडकी सही नही है और उसने खुद ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया कि वो अपने मुंह से नही बोल सकते. वही खुद लडके ने यानि सरबजीत ने कहा कि सब गलत है . मेरी नौकरी चली गई परिवार में, रिश्तेदारों में बदनामी हुई वो अलग…

 

traffic on red light photo

Photo by bigmick

वही प्रत्यक्षदर्शी ने  भी कहा कि वो महिलाओ का सम्मान करता है पर जो इस लडकी ने किया उस को ऐसा नही करना चाहिए…

मुझे याद आया कि कुछ समय पहले भी रोहतक की दो बहनों आरती और पूजा से छॆडछाड का मामला सामने आया था. सरकार ने उनके हौंसले को सलाम किया और ईनाम दिलवाने की मांग भी की जबकि अगले ही दिन दोनों बहनों को गलत साबित करने के लिए  आवाजे उठी और मामला गहराया और फिर  दब गया.

दुख इस बात का भी है कि कुछ लोग ऐसी खबरों मॆं भी राजनीति तलाशते हैं… वैसे मामले तो बढते ही जा रहे हैं चाहे कैब छेडछाड मामला हो या सिग्नल पर छेड्छाड का

कुल मिला कर यही बात सामने आती है जब भी ऐसी खबरें जब दिखाई जाए तो मीडिया को जल्दबाजी नही करनी चाहिए दोनों पक्षों को सामने रख कर ही खबर दिखानी चाहिए ना मैं लडके की तरफदारी कर रही हूं और ना ही लडकी की… पर सच्चाई जानने का हम सभी का अधिकार है  और अगर सच्ची खबर सामने आएगी तो हम यकीनन हम कुछ फैसला ले सकते हैं.

हद तो तब हो गई जब ये खबर खत्म होते ही एक अन्य खबर लखनऊ से आ रही थी और एक लडकी एक मनचले की पिटाई कर रही थी और लडका हाथ जोड कर कह रहा था माफ कर दो बहन !! उसके आगे पीछे की क्या कहनी है क्या बात हुई शायद ये बताना चैनल ने जरुरी नही समझा !!!

 

BBC

हरियाणा के रोहतक में कथित रूप से छेड़खानी करने वाले तीन पुरुषों की पिटाई करतीं दो बहनों का एक मोबाइल फ़ोन से बना हुआ वीडियो भारत में काफ़ी चर्चित हुआ है.

हालांकि पुरुषों को गिरफ़्तार कर लिया गया है, लेकिन एक अन्य वीडियो आने के बाद लड़कियों के आरोपों पर सवाल उठने लगे हैं, जिसमें यही दोनों बहनें एक पार्क में एक आदमी पर हमला करती हुई दिख रही हैं.

उल्लेखनीय है कि इन लड़कियों को राज्य सरकार ने साहस के लिए अवॉर्ड देने की घोषणा की थी जिसे फ़िलहाल रोक लिया गया है.

यह घटना रोहतक ज़िले में हुई. दो छात्राएं- आरती (22) और पूजा (19) एक सरकारी बस से अपने घर जा रही थीं.

छोटी बहन पूजा ने बीबीसी हिंदी को बताया कि बस में तीन लोगों ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया, उन्होंने धमकी दी और छेड़छाड़ की.

उन्होंने कहा कि आत्मरक्षा के लिए उन्होंने बेल्ट निकाल कर उनकी पिटाई कर दी. See more…

वैसे इन छेडछाड मामले में आपके क्या विचार है … जरुर बताईगा !!!

  • « Previous Page
  • 1
  • …
  • 21
  • 22
  • 23
  • 24
  • 25
  • …
  • 59
  • Next Page »

Stay Connected

  • Facebook
  • Instagram
  • Pinterest
  • Twitter
  • YouTube

Categories

छोटे बच्चों की सारी जिद मान लेना सही नही

Blogging Tips in Hindi

Blogging Tips in Hindi Blogging यानि आज के समय में अपनी feeling अपने experience, अपने thoughts को शेयर करने के साथ साथ Source of Income का सबसे सशक्त माध्यम है  जिसे आज लोग अपना करियर बनाने में गर्व का अनुभव करने लगे हैं कि मैं हूं ब्लागर. बहुत लोग ऐसे हैं जो लम्बें समय से […]

GST बोले तो

GST बोले तो

GST बोले तो –  चाहे मीडिया हो या समाचार पत्र जीएसटी की खबरे ही खबरें सुनाई देती हैं पर हर कोई कंफ्यूज है कि आखिर होगा क्या  ?  क्या ये सही कदम है या  देशवासी दुखी ही रहें …  GST बोले तो Goods and Service Tax.  The full form of GST is Goods and Services Tax. […]

डर के आगे ही जीत है - डर दूर करने के तरीका ये भी

सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन

सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन – Social Networking Sites aur Blog Writing –  Blog kya hai .कहां लिखें और अपना लिखा publish कैसे करे ? आप जानना चाहते हैं कि लिखने का शौक है लिखतें हैं पर पता नही उसे कहां पब्लिश करें … तो जहां तक पब्लिश करने की बात है तो सोशल मीडिया जिंदाबाद […]

  • Home
  • Blog
  • Articles
  • Cartoons
  • Audios
  • Videos
  • Poems
  • Stories
  • Kids n Teens
  • Contact
  • Privacy Policy
  • Terms of Use
  • Disclaimer
  • Anti Spam Policy
  • Copyright Act Notice

© Copyright 2024-25 · Monica gupta · All Rights Reserved