प्यारा परिवर्तन
लेख दैनिक नभ छोर में प्रकाशित हुआ
Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber
By Monica Gupta
प्यारा परिवर्तन
लेख दैनिक नभ छोर में प्रकाशित हुआ
By Monica Gupta
खबरिया चैनल – टीवी चैनल और उकताते दर्शक- आज राजदीप सरदेसाई का छपा लेख पढा. महाराष्ट्र सरकार पर देवेंद्र फडणवीस को पत्र था.तीन बाते लिखी थी और बहुत स्टीक !! पर जैसाकि वो हमेशा पुनश्च: लिखते हैं उसमे लिखा था कि आपकी सरकार की अनुचित प्राथमिकताओं पर सवाल उठाने के बाद मैं यह भी कहना चाहूंगा कि मीडिया का टेबलाईड चरित्र वाला एक तबका उतना ही दोषी है. एक धिनौनी हत्या को तो प्राईमटाईम में प्रमुखता दी जाती है लेकिन किसानों की मौत का उल्लेख तक नही होता.
पढने के बाद मैं बस यही सोचने लगी कि राजदीप सरदेसाई जैसे सीनियर एडिटर भी खबरिया चैनल पर बेसिर पैर की खबरों से परेशान है वही कई बार रवीश जी भी प्राईमटाईम में बातो बातों मे ही सही चैनल्स पर दिखाई जा रही अटरम शटरम खबरों से दुखी होकर बोल जाते हैं. कई बार तो ये दुख उनके चेहरे से भी झलक पडता है. आमंत्रित मेहमान से भी कल के कार्यक्रम में माहौल गरमा सा गया था.
आखिर ये स्वयं प्रमुख पद पर होते हुए दुखी किसलिए हैं??
मेरी सोच है कि बढते न्यूज चैनल और बढती गला काट प्रतिस्पर्धा से इनको बच कर कमस कम अपने चैनल में नए आयाम स्थापित करने चाहिए. वैसे सभी खबरिया चैनल का बहुत बुरा हाल है. लगभग सभी एकंर बहस के दौरान बहुत उतेजित दिखाई देतें हैं और इसी चक्कर में सुर तार सप्तक यानि चिलम चिल्ली तक पहंच जाता है.
वहीं रवीश जी जैसे एंकर्स जिन्हे दर्शक पसंद करता है और फैन लिस्ट भी बहुत लम्बी है इसलिए उन्हें ही कोई सकारात्मक पहल करनी पडेगी बेशक, एक बार चैनल की टीआरपी धटेगी, पर कम से कम , किसी न किसी चैनल पर दर्शक विश्वास तो कर पाएगी अन्यथा अभी तक तो आमंत्रित मेहमान तू तू मैं मैं और एक दूसरे को पीटते नजर आते हैं भगवान न करे कि कभी एंकर्स का नम्बर भी आ गया तो …. !!!
By Monica Gupta
शीना हत्याकांड
इस केस में राकेश मारिया के मार्गदर्शन की अभी भी जरूरत है या नहीं।
एक अखबार की रिपोर्ट के अनुसार गृहमंत्रालय के वरिष्ठ नौकरशाह केपी बक्शी ने कहा है कि उन्होंने डीजीपी संजीव दयाल से कहा कि क्या इस मामले में जांच के लिए राकेश मारिया के मार्गदर्शन की और जरूरत है या नहीं। सरकार ने मामले में स्टेटस रिपोर्ट भी तलब की है।
एनडीटीवी के सूत्रों के हवाले से खबर है कि खुद राकेश मारिया भी अब इस केस के साथ नहीं रहना चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि इस हत्याकांड के आरोपियों से खुद राकेश मारिया ने घंटों पूछताछ की और इस केस के खुलासे और जांच प्रगति में अहम भूमिका निभाई है। इस मामले में कथित रूप से अतिसक्रिय होने के चलते सरकार ने दो हफ्ते पहले उनका तबादला कर दिया था और उन्हें मुंबई पुलिस के कमिश्नर पद से हटा दिया था। मीडिया में काफी चर्चा होने के बाद सरकार ने साफ किया था कि इस मामले की जांच राकेश मारिया करते रहेंगे।
सूत्र बताते हैं कि मारिया का मानना था कि इस मामले में जिसमें तमाम रसूखदार लोग और पैसे वाले लोगों का लेना-देना रहा, के खुलासे के कारण उन्हें अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा था। वहीं उनका तर्क रहा है कि इस मामले में जांच में उनके मातहत आने वाले जो अधिकारी थे उन्हें इंद्राणी मुखर्जी कथित रूप से अपने ऊंचे संबंधों का हवाला देकर धौंस दे रही थीं और इतना ही नहीं वह जानबूझकर सारी बातें अंग्रेजी में कर रही थी ताकि पुलिसवालों को जांच में दिक्कत आए। मारिया की ओर से कहा गया कि वह इसलिए मामले में ज्यादा लगे क्योंकि अन्य अधिकारियों का हाथ अंग्रेजी में कुछ तंग था।
अब देखना यही है कि शीना हत्याकांड मामले में अब होगा क्या !!
By Monica Gupta
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टीआरपी
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