Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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March 30, 2015 By Monica Gupta Leave a Comment

Kids and their thinking

Kids and their thinking

Kids and their thinking

आज सुबह पार्क मे धूमते हुए कुछ बच्चों को बतियाते सुना.
वो गोविंदा, सैफ अली खान और अजय देवगुण के बारे में बाते कर रहे थे. अब मेरे दिमाग मे भी एक कीडा बैठा हुआ है कि कोई भी ऐसी छिपी प्रतिभा जो दुनिया के सामने न आई हो उसे सामने लाना है.. इसलिए सोचा शायद इन साधारण से दिखने वाले बच्चों को इन एक्टर्स की एक्टिंग या मिमिक्री आती हो इसलिए उनकी बात कर रहे हैं
Kids and their thinking
 Kids  photo
यह सोच कर मैं उनके पास चली गई और पूछा तो पहले पहल तो वो धबरा गए फिर हंसते हुए बोले कि ऐसी कोई कोई बात नही है असल मॆ, हमें पान पराग और जर्दा बहुत पसंद है ये सब हीरो अलग अलग पान मसालों की एड करते हैं वही बात कर रहे थे कि किसी को गोविंदा वाला तो किसी को सैफ वाला इतने मे एक बहुत छोटा बच्चा अपनी उंगली उठा कर बोला और मुझे सिंधम अंकल वाला पान मसाला बहुत पसंद है. मेरे बोलती बंद थी. मैने सोचा भी नही था कि …. !!! फीलिंग निशब्द
Oh God ….  Kids and their thinking

Photo by DinosaursAreNotDead

March 30, 2015 By Monica Gupta Leave a Comment

Happiness

Happiness

आज सुबह मेरी सहेली मणि भागी भागी मेरे पास आई और मेरा हाथ खीचंती हुई अपने घर ले गई और मुझे अपने बगीचे के एक गमले के पास खडा कर दिया.

मैं इससे पहले कहती कि क्या हुआ अचानक मैं हैरान रह गई और मुंह से निकला अरे वाह !! इतने सारे !!

असल में, कुछ दिन पहले मौसम बदला था तो मणि ने तुलसी का पौधा लगाया था. कुछ दिन तो चला फिर न जाने वो सूख गया. इस पर मणि बहुत उदास हो गई. उसकी Happiness गायब हो गई और आखों से झर झर आसूं भी बह रहे थे.

मैने समझाया कि कोई बात नही दूसरा ले आएगें. कई बार पौधा ही सही नही होता. इस पर भी वो चुप ही रही. दो तीन दिन वो उदासी के मारे  गमले के पास तक नही गई. आज सुबह जब वो गमले से सूखा  पौधा निकालने गई तो उसने देखा कि छोटे छोटे तुलसी के पौधे गमले मे लग गए है…  बस तभी वो Happiness में भगती हुई आई और मुझे  खींच कर ले गई थी.

आसूं  आज भी उसकी आखों मे थे पर खुशी के !!! सच … छोटे छोटी खुशियां  Happiness  जिंदगी मे बहुत मायने रखती है … !!!

March 29, 2015 By Monica Gupta Leave a Comment

Article … Be careful

Be careful photo

Be careful

अगर किसी से कोई मन मुटाव है तो बजाय उधर उधर बात करने के सीधे उसी से बात करे तो यकीनन आपकी बात का सही  हल निकल जाएगा अन्यथा लोग तो मजे लेते ही हैं

मणि का अपने बेहद नजदीकी रिश्तेदार से कुछ मनमुटाव हो गया. असल मॆं, मणि ने नया घर बनवाया था और उस बेहद करीबी जानकार ने उसे बधाई तक नही दी.इससे उसमे मन में बहुत गुस्सा था वो दूसरे शहर रहती है इसलिए  बहुत समय से बात भी नही हुई पर दिल में गुस्सा बहुत था. एक दिन वो धूप मे बैठी सोच ही रही थी.

तभी एक अन्य जानकार उसे बधाई देने घर आए. चाय पानी पीने के बाद बातों बातों में मणि ने अपने दिल की बात उन्हें बता दिया और नाराजगी भी जाहिर कर दी.

वो एक दूसरे को जानते थे इसलिए बात जरा सा नमक मिर्च लगा कर उस महिला तक पहुंच गई. फिर वो महिला अपने बारे मे सुन कर कहां चुप रहने वाली थी उसने भी दो चार बातें मणि के लिए सुना दी और माध्यम बनी वही महिला. उस महिला ने वो ही बात को और जायकेदार बनाने के लिए गरम मसाला भी डाल दिया कुल मिला कर आग मे घी का काम किया और सम्बंध बनने के बजाय टूटते चले गए. गलती कहां हुई किससे हुई कुछ पता नही चला पर तनाव बहुत बढ गया और मणि का ब्लड प्रैशर भी .. !!

अचानक दरवाजे पर दस्तक हुई और मणि नींद से उठी. अरे वो तो सो गई थी और ये सब सपना था. उसने निश्चय किया कि वो खुद ही उसे फोन करेगी … मणि ने फोन मिलाया और उसने उठाया. मणि ने सीधा बोला मैं बहुत नाराज हूं .. इस पर वो बोली sorry  दी. असल में, घर पर कोई समस्या आन खडी हुई थी इसलिए फोन नही कर पाई और फिर दोनों सहेलियो का वार्तालाप पुन चालू हो गया

कहने का अर्थ यही है कि अगर किसी से कोई मन मुटाव है तो बजाय उधर उधर बात करने के सीधे उसी से बात करे तो यकीनन आपकी बात का सही  हल निकल जाएगा अन्यथा लोग तो मजे लेते ही हैं  तो अब तो आप समझ ही गए होंगें इसलिए Be careful .

Photo by vvvyvyyy

March 22, 2015 By Monica Gupta Leave a Comment

Feelings

Mouth organ photo

Photo by Nina A.J.

Feelings

बच्चों का अपने मम्मी पापा के प्रति प्यार …

जहां माता पिता में अपने बच्चों के प्रति भावनाए होती हैं वही बच्चों में भी  अपने माता पिता के प्रति भावनाए होती हैं.

बहुत दिनों के बाद मणि का बेटा दो दिन के लिए घर आया. नौकरी में इतना व्यस्त हो गया है कि कई कई बार तो बहुत बहुत दिन फोन पर बात ही नही हो पाती.मणि उसकी आवभगत में जुटी थी. नाश्ते के बाद प्लेट उठा कर रसोई के जा ही रही थी कि बेटे ने आवाज देकर उसे रोका .अपना बैग खोला और बोला आखॆ बंद करो आपके लिए कुछ है. फिर मणि के हाथ कुछ पकडा दिया. हाथ मे लेते ही मणि चौंक गई और आखें खोलती हुई बोली अरे !!!

इतने साल हो गए ..

इसका क्या करुगी.. भूल भाल गई हूं सब !!बेटे ने कहा जब बचपन में आप हमे बजा कर सुनाती थीं तो आप खुद ही कहती थीं कि एक बार बजाना आ जाए तो जिंदगी भर नही भूल सकते ..

मणि ने भी जानॆ अनजाने माउथओरगन होठों से लगा लिया .वही मणि मुझे दिखाने लाई थी और डबडबाई आखें, खुशी … उससे कुछ बोला ही नही जा रहा था. मैं उसकी तरफ देख कर सोचे जा रही थी बहने दे ये आसूं … .. सच, छोटी छोटी खुशियों में Feelings में  कितना सारा प्यार अपनापन और अहसास छिपा होता है देख रही हूं..

Feelings पर अगर आपका भी कोई अनुभव हो तो जरुर बताईगा !!!

March 19, 2015 By Monica Gupta Leave a Comment

Brave boy Siddesh

 

Brave boy Siddesh9-Yr-Old-Siddesh-Brave-School-Boy-Averts-Train-Accident

 

Brave boy Siddesh

 

Std IV student Siddesh’s timely alert about a broken track saves many lives on Bengaluru-bound trains

एक से बढ कर एक खबरो का बाजार गर्म है. बेसिर पैर की, फालतू और अंट शंट  खबरों के शोर मे बहुत अच्छी और प्रेरक खबरें खो जाती है और पटडी के  किनारे पर पडे पडे दम तोड देती है.

नेट सर्च करने के दौरान मैने बैंगलौर के  बहादुर बच्चे सिद्देश की खबर पढी जिसने एक भयंकर रेल  हादसा होने से बचा लिया. उस दिन मैने सारे चैनल खंगाल डाले पर कही भी इस बच्चे की खबर नही दिखाई दी फिर मैने अलग अलग अखबार जोकि आन लाईन थे उन पर देखा तो विस्तार से खबर पढी.

खबर कुछ ऐसे थी  कि नौ साल के बच्चे  Siddesh सिद्देश  ने एक ट्रेन हादसा होने से बचा लिया। वो   सरकारी स्कूल, Davanagere मे चौथा कक्षा  में पढ़ते  है। घटना रविवार सुबह की है।सिद्देश  ने  न सिर्फ अपने पिता मंजुनाथ को टूटी रेललाइन के बारे में बताया बल्कि अपनी लाल टी शर्ट लहराकर ट्रेन भी रोकी ।

Siddesh के पिता मंदुनाथ रेल लाइन से थोड़ी दूर पर एक छोटा होटेल चलाते हैं। उनके अनुसार  बच्चे ने   बताया, ‘मैंने टूटी हुई रेल लाइन देखी और परेशान हो गया। मैं जल्दी से अपने पिता जी को बताने के लिए दौड़ा।’ मंजुनाथ ने पहले तो बच्चे की बात को गंभीरता से नहीं लिया लेकिन नन्हा सिद्देश उन्हें खींचकर रेलवे ट्रेक की ओर ले गया। वहां मंजुनाथ ने देखा की रेल लाइन तो सचमुच टूटी हुई है। वहां कुछ और लोग भी इकट्ठे हुए थे लेकिन वह समझ नहीं पा रहे थे कि इस बारे में क्या किया जाए। तब तक तो कुछ ट्रेनें वहां से गुजर भी चुकी थीं।

मंजुनाथ ने बताया  कि Siddesh हर रोज ट्रेनों को आते-जाते सुनता है और उनकी आवाज से अच्छी तरह वाकिफ है। सिद्देश की मां अंसुयम्मा ने बताया कि उनके  बेटे ने अपनी लाल टी शर्ट एक डंडे में लपेट दी और उसे लहराने लगा। उस समय हुबली- चिद्रांगदा एक्सप्रेस वहां से होकर गुजरने वाली थी।’

 वही रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि गर्मियों में अक्सर रेल लाइनें टेढ़ी-मेंढ़ी हो जाती हैं। कुछ यात्रियों ने सिद्देश की तारीफ की और जिला प्रशासन से उस बहादुरी के लिए अवॉर्ड दिलाने की अपील की। सिद्देश के स्कूल की हेडमास्टर गायत्री देवी एमसी ने कहा कि वह एक औसत स्टूडेंट है और पढ़ाई के अलावा दूसरी गतिविधियों में भी आगे रहता है। अब हेडमास्टर को लगता है कि वह एक बहादुर बच्चा है जिसने कई जिंदगियां बचाईं हैं।रेलवे स्टेशन मैनेजर ने कहा कि हमारे इंजिनियर ने बच्चे का शुक्रिया अदा किया और इनाम को तौर पर 500 रुपये दिए। हम  Brave boy Siddesh को ब्रेवरी अवॉर्डदिलाने की सिफारिश भी करेंगे।

 बात किसी भी तरह के पुरस्कार की नही है बात है कि किस खबर की कितनी अहमियत है अगर इस बहादुर बच्चे की खबर दिखाई जाए तो निसंदेह और भी बच्चे प्रेरणा ले कर अपने चारो तरफ हो रही गतिविधियों के प्रति सजग रह सकते है और एक भारतीय होने का फर्ज अदा कर सकते है.

मुझे व्यक्तिगत रुप से खबर बेहद प्रेरक लगी . इसलिए इसे विस्तार मे दिया. और भविष्य मे भी इस तरह की खबरों पर मेरी नजर रहेगी और ऐसे बहादुर बच्चों  के बारे मे लगातार लिखती रहूगी

बधाई और ढेर सारी शुभ कामनाएं सिद्देश !!! Siddesh  हमें आप पर गर्व है!!!  Brave boy Siddesh … Wow !!!

March 19, 2015 By Monica Gupta Leave a Comment

Hetvi Pareek … Child Artist

hetvi pareek     Hetvi Pareek … Child Artist
जिन्हे सपने देखना अच्छा लगता है उन्हे रात छोटी लगती है, जिन्हें सपने पूरा करना अच्छा लगता है उन्हे दिन छोटा लगता है…..!!! ऐसे ही अपने नन्हे मासूम सपने पूरे करने मे जुटी है आठ साल की हेतवी पारिख. जी, हां, वही हेतवी पारिख जिन्हे आप आजकल सब टीवी के बहुचर्चित धारावाहिक “लापतागंज” मे भाग्यलक्ष्मी के किरदार के रुप मे देख रहे हैं. जैसे अपने किरदार मे उसने सब मन मोह लिया ठीक वैसे ही मीठी मुस्कान और प्यारी सी आवाज लिए वो हम सब के दिलों में कब घर कर गई पता ही नही चला.
Hetvi Pareek … Child Artist “बालिका वधू”,”रिंग रांग रिंग”,”हारर नाईटस” आदि धारावाहिको के साथ साथ अनेको विज्ञापनों जैसे लाईफ बाय, हिप्पो चिप्स,कोलगेट, युनिसेफ, नूडल्स आदि में नन्ही हेतवी अपना ध्यान हमारी और आकर्षित कर रही है. प्यारी सी हेतवी से जब बात करने का मौका मिला तो उन्होने मासूमियत से सारे जवाब देने शुरु किए. मुस्कुराते हुए बताने लगी कि उनका जन्म मुम्बई मे 29 दिसम्बर 2004 को हुआ. वो अपने मम्मी पापा की इकलौती बेटी है और वो अभी तीसरी क्लास मे पढ रही है. इसी बीच उनकी मम्मी तृप्ति जी भी आ गई. मेरे पूछ्ने पर कि टीवी सीरियल मे काम करने का कैसे विचार बना. क्या कोई परिवार मे भी हैं जो पहले से ही इस क्षेत्र मे काम कर रहे हैं.
उन्होनें बताया कि उनका कोई फिल्मी बैकग्राऊंड नही है और ना ही कोई गाड फादर हैं. असल मे, जब हेतवी छोटी थी तो सभी कहते थे कि यह बहुत ही प्यारी है इसे अभिनय के क्षेत्र मे आना चाहिए. पहले तो ज्यादा ध्यान नही दिया पर दोस्तों के बार बार कहने पर उन्होनें एक बार कोशिश करने की सोची. पर राह आसान नही थी. बहुत जगह गए. आडीशन दिए.कुल मिलाकर यह ये कहे कि बहुत धक्के खाए तो गलत नही होगा. जब ट्राई करना शुरु किया तब ये तीन साल की थी. दो साल बीत गए पर कही से आशा की किरण नही नजर आई. तृप्ति जी बताए जा रही थी कि बस उन्होने हिम्मत नही हारी और एक दिन आया जब हेतवी 5 साल की उम्र मे कैमरे के आगे अपना पहला शाट दे रही थी.वो पल सबसे ज्यादा खुशी का पल था जब आज भी वो पल आखों के सामने आ जाता है तो आखॆ खुद ब खुद नम हो जाती हैं.
एक वो दिन था और आज का दिन है. आठ साल की हेतवी शूटिंग मे पूरी तरफ से व्यस्त है.पास मे बैठी Hetvi Pareek शरारत कर रही थी तो मैने पूछा कि जब रिकार्डिंग होती है तब पढाई कैसे करती हो इस पर वो बोली कि कभी कभी स्कूल मिस हो जाता है पर जब पेपर होते हैं तब वो उन्हे नियमित रुप से देती है और तब कोई शूटिंग नही करती.

मेरे पूछने पर कि कभी रिकार्डिंग के दौरान मजेदार बात हुई जिसे याद करके बहुत हंसी आती हो. इस पर उसने एक पल सोचा फिर जोर जोर से हंसते हुए बताने लगी कि कुछ समय पहले लापतागंज की रिकार्डिंग चल रही थी और उसका सोने का सीन था. उसे आखे बंद कर सोने को कहा गया और वो सचमुच मे ही सो गई. सीन खत्म होने के बाद सब उसे उठा रहे थे और वो मजे से सोए जा रही थी. उसकी प्यारी प्यारी बाते सुन कर सच मे बहुत मजा आ रहा था. मैने हेतल से फिर पूछा कि खाने मे क्या पसंद है इस पर वो तपाक से बोली पिज्जा और चाईनीज. मैने भी तपाक से पूछ लिया और दूध पीना कैसा लगता है इस पर वो बोली तो कुछ नही पर उसके हाव भाव से मै समझ गई थी कि और बच्चो की तरह वो भी दूध के नाम से कोसो दूर भागती है.

तृप्ति जी ने बताया कि 6 से 8 घंटे की शूटिंग के दौरान वो घर का खाना, फल और जूस सेट पर ले कर जाती हैं ताकि समय समय पर उसे दे सके. तब वो मना नही करती और चुपचाप ले लेती है. हेतवी साथ ही बैठी सारी बाते सुन रही थी मैने पूछा कि अब तक का सबसे अच्छा रोल कौन सा लगता है इस पर वो बोली कि वैसे तो सभी अच्छे लगते हैं पर लापतगंज करते हुए बहुत मजा आ रहा है. वहां बहुत मस्ती भी करते है. खासकर एक ऐपिसोड था जिसमे सीरियल “चिडिया घर” और “लापतागंज” मिला कर एक घंटे का बनाया था उसमे उसने अपनी मम्मी यानि इन्दुमति का किरदार निभाया था. जिसकी सभी ने बहुत प्रशंसा की थी.

बताते बताते वो मानो उसी की यादो मे खो गई. मैने उसे उन यादो से बाहर निकाला और पूछा कि उसके पसंदीदा हीरो और हीरोईन कौन है. मुस्कुराते हुए वो बोली कि करीना, कैटरीना और आमिर, सलमान और शाहिद अंकल बहुत ही पसंद हैं और बहुत मन है कि इन सभी के साथ एक बार जरुर काम करे वैसे काजोल आंटी के साथ तो नूडल्स के विज्ञापन मे काम किया ही था. तब सच मे बहुत अच्छा लगा था. हेतवी की मम्मी ने बताया कि जो भी रोल इसे दिया जाता है उसे पूरी मेहनत और लग्न के साथ निभाती है और हर समय एक जोश मे रहती है. बात चाहे पढाई की हो या रिकार्डिंग की. दोनो तरफ पूरा ध्यान रहता है. खुशी इस बात की भी है कि पढाई मे भी उतना ही बेहतर नतीजा लाती है और स्कूल मे सब इसे बहुत प्यार करते हैं.
सच मे, Hetvi Pareek  की प्यारी प्यारी बाते सुन कर जाने का मन तो नही कर रहा था पर उसकी शूटिंग थी और तैयारी भी करनी थी. जाने से पहले मैने एक बात उससे जरुर पूछी कि वो अपनी उम्र के बच्चो को क्या मैसेज देना चाहेगी इस पर वो बोली कि किसी भी काम की टॆंशन नही लेनी चाहिए. जिस काम का करने का मन हो वो जरुर करना चाहिए. मेहनत से काम करते रहना चाहिए. फिर उसका रिजल्ट हमेशा अच्छा ही आएगा. वाकई मे, उसने बिल्कुल सही कहा. आज नन्ही हेतवी धारावाहिक, विज्ञापनो के साथ साथ दो फिल्मे भी कर रही है. पापा मम्मी की लाडली हेतवी भी दिन रात मेहनत, लग्न और सच्चाई से काम करती रहे और ईश्वर करे कि जिस मुकाम पर वो पहुचनां चाहे उसे सफलता मिले.
नन्ही ,प्यारी सी Hetvi Pareek … Child Artist  को ढेर सारी शुभकामनाएं !!!!

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