Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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March 31, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

पशु प्रेम पर बच्चों की कहानी – गाय के बारे में शिक्षाप्रद कहानी

 Art of Public Speaking in Hindi

पशु प्रेम पर बच्चों की कहानी  – गाय के बारे में शिक्षाप्रद कहानी – Moral Stories For Kids In Hindi – पशु पक्षियों का महत्व हमारी जिंदगी में बहुत है. पशु और पक्षी हमारे मित्र समान ही हैं. पशु पक्षियों के प्रति हमारा व्यवहार बहुत अच्छा होना चाहिए.

पशु प्रेम पर बच्चों की कहानी – गाय के बारे में शिक्षाप्रद कहानी

थोडी देर पहले कुछ बच्चों की बाहर से आवाजें आ रही थी … मैं  देखने के लिए बाहर आई तो देखा कि पांच सात बच्चे एक गाय को तंग कर रहे हैं एक बच्चा जोर जोर से  पूंछ खींच रहा था बाकि सब जोर जोर से हंस रहे थे …

मैं बोल पडी अरे क्या कर रहे हो … और बच्चे आवाज सुन कर भाग गए … और दूसरी तरफ गाय चुपचाप चली गई …

जब गाय जा रही थी तो मुझे याद आई मेरी एक कहानी जो मैने बहुत समय पहले लिखी थी … चलिए आज मैं आपको वही कहानी सुनाती हूं

कहानी का नाम है गाय को रोटी …

 

‘‘गाय को रोटी’’  मैं हूं मणि। अभी अभी चौथी कक्षा में हुई हूं। आप सोच रहे होंगे कि मेरे तीसरी कक्षा में कितने नम्बर आए। असल में हमें नम्बर नहीं ग्रेड मिलता है। मुझे ‘‘ए’’ग्रेड मिला था। नई-नई कॉपी, किताबें, नया स्कूल बैग बड़ा अच्छा लग रहा था। कुछ दिनों बाद छुट्टियां शुरू हो गई। मम्मी ने बताया कि वो दादा जी की बहन यानि पापा के बुआ जी गांव जाएंगे। मैं गांव कभी नहीं गई थी। पर गांव के लोग कैसे होते हैं, मुझे अच्छी तरह से पता है।

 

https://www.facebook.com/linkmonicagupta

 

गांव के भोले भाले बच्चों पर मैं खूब धाक जमाऊंगी। अगले दिन सुबह-सुबह ही हमने गांव जाना था। मैंने तीन चार सुंदर-सुंदर ड्रैस, उसी से मेल खाते रंग-बिरंगे चश्मे, सैडि़ल और छतरी भी अटैची में रख लिए। शाम होते-होते हम गांव पहुंच गए। गांव का वातावरण शहर से एकदम अलग था।

खुल्ले-खुल्ले घर, घरों में हैंडपंप, चौड़े-चौड़े रास्ते….सब बहुत अच्छा लग रहा था। घर के बाहर कितना भी,कैसे भी खेलो, किसी गाड़ी या स्कूटर का डर नहीं। घर में तो मैं छोटी सी जगह में ही बैडमिंटन खेलती हूं पर यहां तो जगह ही जगह थी।

पापा की बुआ यानि दादी जी के गांव में मेरे बहुत सारे दोस्त बन गए। बबीता, मोहन, कर्ण, सुनीता और रेखा से तो मेरी जल्दी ही अच्छी दोस्ती हो गई थी।

पहले पहल तो वो सब मेरे चश्मे और छतरी से दूर भागते रहे, पर दोस्ती हो जाने के बाद उनका डर दूर भाग गया। मैंने अपनी सब चीजें उनको इस्तेमाल करने के लिए भी दीं। वो सब बहुत ही शरीफ बच्चे थे लेकिन मैंने दो ही दिन में उनको शरारती बना दिया।

दादी जी पशुओं और पक्षियों को बेहद प्यार करती थीं। पक्षियों को दाना डालना और गाय को गुड और रोटी देना कभी नहीं भूलती थी।

हर सुबह और शाम, दिन छिपने से पहले एक गाय हमेशा आती थी। एक दिन उस गाय को रोटी खिलाते-खिलाते दादी जी ने बताया कि चाहे कुछ भी हो जाए, यह गाय यहां गुड़ और रोटी खाने जरूर आती है।

दादी जी की बात गलत साबित करने के लिए मैंने एक दिन एक तरकीब बनाई। मोहन कुछ पटाखे ले आया और शाम को गाय जब रोटी खाने आई तो मैंने चुपचाप उसकी पूंछ पर पटाखे बांध दिए। दादी जी गाय को रोटी देकर अंदर चली गई।

माचिस मुझे जलानी नहीं आती थी तो मोहन ने ही मेरी मदद की। आग लगते ही पटाखे फटफट करके जलने लगे। धागा ठीक से नही बांधा था इसलिए पटाखे जमीन पर ही गिर गए पर शायद एक पटाखा गाय को लग गया था और वो घबरा कर भाग गई पर इसकी सजा हमें बहुत बड़ी मिली। मोहन को तो उसी समय उसकी बहन ले गई और मुझे कमरे में बंद कर दिया गया

अगले दिन मौसम बहुत अच्छा था और मेरा मन कहीं बाहर जाने को कर रहा था। दादी जी सो रही थी। मम्मी पापा भी पास वाले गांव में किसी से मिलने के लिए गए हुए थे। मुझे बबीता ने अपने घर का पता बताया था और आने के लिए भी काफी बार कहा था।

वो कह रही थी कि उसके घर के पास बहुत सारे खेत हैं। वहां खेलने में बहुत मजा आएगा। मैंने सोचा कि चुपचाप निकल जाती हूं और दादी जी के उठने से पहले ही वापिस आ जाऊंगी। मैं बबीता के बताए रास्ते पर दौड़ पड़ी। दिन का समय था इसलिए मुझे डर भी नहीं लग रहा था पर अचानक देखते ही देखते आसमान में बादल इतने ज्यादा हो गए कि अंधेरा सा हो गया।

बरसात भी शुरू हो गई। दूर-दूर तक कोई नजर नहीं आ रहा था। मैं तो डर के मारे रोने लगी। जल्दबाजी की वजह से किस रास्ते से आई थी यह भी याद नहीं रहा। उधर जमीन पर बहुत पानी जमा हो गया था और पता ही नहीं चल रहा था कि कहां सड़क है और कहां नहीं।

दो तीन बार तो मैं बहुत बुरी तरह से गिरी। अंधेरा बढ़ता ही जा रहा था। मुझे अपने ऊपर गुस्सा आ रहा था…हुंह, बड़ा समझती है अपने आपको।

अब जान निकल रही है। किसी को बता कर आती तो शायद कोई खोजता हुआ आ भी जाता। अब बैठ यहां और रो जोर से…और मैं जोर-जोर से रोने लगी। धीरे-धीरे बरसात कुछ कम हो गई थी। मैं एक पेड़ से चिपक कर बैठी हुई थी।

तभी मुझे किसी के चलने की आवाज आई। मैं बहुत बुरी तरह से डर गई। आवाज धीरे-धीरे पास आ रही थी। मैं आंखें बंद कर ली। फिर आवाज आनी बंद हो गई।

मैंने आहिस्ता से अपनी आंखें खोली तो देखा कि जो गाय रोज दादी जी के घर रोटी खाने आती थी, वही गाय मेरे पास खड़ी पूंछ हिला रही थी। वही पूंछ जिस पर मैंने पटाखे बांधे थे।

उसकी पूंछ पर अब भी जलने के निशान थे। अनायास ही मैं उससे लिपट गई। अब मेरा डर कुछ कम हो गया था। फिर उसने धीरे-धीरे चलना शुरू कर दिया। मैं भी चुपचाप उसके ऊपर हाथ रखकर चलती रही। कुछ ही देर में हम खेत वाले रास्ते से निकलकर घर वाले रास्ते पर पहुंच चुके थे।

अब मुझे रास्ता भी याद आ गया था। लेकिन मैं फिर भी गाय के साथ-साथ ही चलती रही। कुछ ही देर में हम घर पहुंच गए। घर के बाहर बहुत लोग खड़े थे।

दादी जी ने काफी लोगों को इकट्ठा कर रखा था। मेरे लिए सब परेशान हो रहे थे। मुझे देखते ही दादी जी की जान में जान आई। आंखों में आंसू लिए उन्होंने मुझे गले से लगा लिया।

मैं भी उनसे गले लग कर रोने लगी। फिर मैंने गाय की पीठ पर प्यार से हाथ फेरते हुए उन्हें सारी बात बताई कि किस तरह आज इस गाय की वजह से ही मैं घर वापिस लौट पाई हूं।

काले बादल अब धीरे-धीरे छंट गए थे। ठीक उसी तरह मेरे मन से भी अहंकार के बादल छंट गए थे। मैंने दादी जी से कहकर पशुओं के डाक्टर को बुलवाया और गाय के जख्मों पर दवाई लगवाई।

उस दिन के बाद से मैं भी दादी जी के साथ उस गाय को गुड़ और रोटी खिलाने लगी। मुझे यह सब बहुत अच्छा लगने लगा। शहर लौटते वक्त मैंने दादी जी से वायदा किया कि आगे से मैं कभी भी किसी भी पशु या पक्षी को तंग नहीं करूंगी, बल्कि उनकी ही तरह से सभी को प्यार करूंगी।

 

पशु और पक्षी का हमारे जीवन में महत्व – पशु पक्षी हमारे मित्र है – YouTube

https://monicagupta.info पशु और पक्षी का हमारे जीवन में महत्व – पशु पक्षी हमारे मित्र है पशु पक्षियों के संरक्षण, भारतीय पक्षी, पशु पक्षियों के प्रति प्रे… Read more…

 

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पशु पक्षियों का महत्व हमारी जिंदगी में बहुत है. पशु और पक्षी हमारे मित्र समान ही हैं. पशु पक्षियों के प्रति हमारा व्यवहार बहुत अच्छा होना चाहिए.

पशु प्रेम पर बच्चों की कहानी

August 23, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

How to set up a blog in no time

WordPress photo

How to set up a blog in no time

WordPress Plugin

इंटरनेट की महत्ता देखते हुए यही लगता है कि Blog आज के समय  की जरुरत बन चुकी है. हम बहुत काम ब्लॉग के माध्यम से भी कर सकते हैं … जैसाकि अपनी कला को दिखाना,  अपना बिजनेस प्रोमोट करना आदि बहुत से काम ब्लॉग के माध्यम से किए जाते हैं पर ब्लॉग सेट करना कई बार मुश्किल लगता है..

मैं भी बहुत समय से ब्लॉग लिख रही हूं और बहुत दोस्तों , जानकारों को ब्लॉग बना कर भी दिया है और हमेशा यही विचार रहता है  कि नई नई चीजे पता लगे ताकि न सिर्फ ब्लॉग बने बल्कि उनके ब्लॉग की अपनी अलग पहचान भी बने …

आज इसी श्रंखला में word press plugin का  पता चला..जोकि वाकई बहुत काम का है ये आपका ब्लॉग बहुत जल्द बनाने में मदद करेगा … इसकी वीडियो सुनकर आपको सारी  जानकारी मिल जाएगी

 

AIO+ WordPress Plugin — AIO

Dear WordPress Users,

The time has come to stop feeling like you’re sitting behind the controls of a 747 aircraft just to set up a simple blog.

The one huge problem everyone runs into when firing-up WordPress is this…

But what appears to look easy many times turns into hours and days of frustration…

ALL IN ONE has built into it because we looked everywhere and couldn’t find it ANYHERE!

See more…

अगर ब्लॉग के बारे में आप भी कोई जानकारी चाहतें हैं तो  यहां पूछ सकतें हैं …

 

ब्लॉग, ब्लॉगर, ब्लॉगिंग और करियर – Monica Gupta

Blog ,Blogger, Blogging Free blog, Google ranking  kya  hai  इससे Career कैसे बनाया जा सकता है. कुछ समय पहले तक मेरे दिमाग में भी बहुत प्रश्न धूमते रहते थे कि ब्लॉग क्या है , ब्लॉग कैसे बनाते हैं ब्लॉग के क्या फायदे हैं फ्री ब्लॉग क्या होता है गूगल रैंकिंग में क्या ब्लॉग के द्वारा खुद को उपर लाया जा सकता है अपनी पहचान बनाई जा सकती है? यकीन मानिए बहुत search किया बहुत study भी किया बहुत sites भी देखी और बहुत कुछ समझ भी आया. Read more…

वैसे आपका ब्लॉग को लेकर क्या अनुभव है … जरुर बताईगा …

WordPress photo

Photo by Phil Oakley

August 21, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

ब्लॉग, ब्लॉगर, ब्लॉगिंग और करियर

ब्लॉग, ब्लॉगर, ब्लॉगिंग और करियर

ब्लॉग, ब्लॉगर, ब्लॉगिंग और करियर – Blog ,Blogger, Blogging Free blog, Google ranking  kya  hai  इससे Career कैसे बनाया जा सकता है. कुछ समय पहले तक मेरे दिमाग में भी बहुत प्रश्न धूमते रहते थे कि ब्लॉग क्या है , ब्लॉग कैसे बनाते हैं ब्लॉग के क्या फायदे हैं फ्री ब्लॉग क्या होता है गूगल रैंकिंग में क्या ब्लॉग के द्वारा खुद को उपर लाया जा सकता है अपनी पहचान बनाई जा सकती है? यकीन मानिए बहुत search किया बहुत study भी किया बहुत sites भी देखी और बहुत कुछ समझ भी आया.

ब्लॉग, ब्लॉगर, ब्लॉगिंग और करियर

इंटरनेट आज के समय की आवश्कता है. इंटरनेट पर उपलब्ध ढेरों साईटस हमें हर तरह की जानकारी उपलब्ध करवाती हैं जैसे सोशल नेटवर्किंग साईटस न सिर्फ हमारा मनोरंजन करती हैं बल्कि हमें जागरुक भी करती हैं.

क्लिक भर से हमे हर वो जानकारी मिल सकती है जिसकी हमें तलाश हैं. इन ढेर सारी साईटस में ब्लॉगस भी अपनी अलग पहचान बनाए हुए है. यकीनन, आप मे से बहुत लोग ब्लॉग के बारे में जानकारी रखते होंगें और बहुत से लोग ब्लॉग के बारे में नही भी जानते होंगें.

वैसे कुछ साल पहले तक तो मुझे भी इंटरनेट या ब्लॉग की ज्यादा जानकारी नही थी पर जब मुझे नेट की जानकारी मिली और मैनें इंटरनेट पर जाना शुरु किया तो मानों मुझे नई राह ही मिल गई. घर बैठे बैठे बहुत कुछ पढने को मिलने लगा. जब भी समय मिलता मैं अपनी बातें सोशल नेट वर्किंग साईट पर सांझा करने लगी.

कुछ समय तक तो अच्छा लगता रहा क्योंकि नए नए लोगों से मिलना होता उनके बारे में जानने का मौका मिलता पर कुछ समय बाद यह महसूस होना शुरु हुआ कि कुछ क्रिएटिव यानि रचनात्मक करना है. कोई ऐसा एक मंच चाहिए जो सिर्फ मेरा ही हो और मैं अपनी बातें, अपने विचार वहां सांझा कर सकूं.

धीरे धीरे मैनें सर्च करना शुरु किया और तब मुझे ब्लॉग के बारे में पता चला. वैसे मेरे सर्कल में कुछ जानकार ब्लागर हैं पर जैसा कि मैने बताया कि मुझे जानकारी नही थी इसलिए मन मे ब्लॉगर की हमेशा से ही अलग इमेज रही.

मैं सोचती थी कि जो लोग ब्लॉग लिखते हैं उनका स्तर बहुत ऊंचा होता है जैसे लेखको में साहित्यकार और वरिष्ठ साहित्यकार होते हैं वैसे ही ब्लॉग लिखने वाले होते होंगें. इस के लिए बहुत अनुभव चाहिए होता होगा और धीरे धीरे मैनें ब्लॉग की तह तक जाना शुरु किया कि आखिर ब्लॉग होता क्या है और इसे लिखते कौन हैं.

  • क्या वाकई ब्लॉग बनाना मुश्किल है
  • क्या कोई टेक्नोलोजी या स्किल हमें आनी चाहिए
  • क्या इसके लिए बहुत पढाई की जरुरत है
  • या हमे कोई ट्रेनिंग चाहिए ब्लॉग बनाने के लिए

ब्लॉग है क्या

इसके बारे में सर्च करते हुए मुझे यही समझ आया कि जिस तरह हम डायरी लिखते हैं. उसमे अपने दुख सुख, अनुभव आदि लिखकर अपने मन की बात सांझा करते हैं. ब्लॉग भी आनलाईन डायरी की तरह ही है जिसमें हम अपनी भावनाए अपने विचार, अपना अनुभव व्यक्त करते हैं. ब्लाग लिखने वाले को ब्लागर और ब्लॉग में किए लेखन को ब्लागिंग कहतें हैं.

ब्लॉगिंग के लिए आपको किसी तकनीकी जानकारी की आवश्यकता नही है और ना  कोई उम्र की सीमा . बच्चें, बडे, बुजुर्ग और यहां तक की गृहणियां house wife, home maker  भी ब्लॉगिंग blogging  अपना कर अपना नाम, पहचान और आय का साधन बना सकते हैं.

तो ना तो ब्लॉग बनाना मुश्किल है और ना कोई टेक्नोलोजी या स्किल हमें आनी चाहिए

ना इसके लिए किसी खास पढाई की जरुरत है

और ना ही हमे कोई ट्रेनिंग चाहिए ब्लॉग blog  बनाने के लिए … अब फिर प्रश्न यह उठता है कि कौन  कौन बना सकता है  ब्लॉग ???

Page, Forum, Discussion Group Aasani Se Bana Sakte Hai blog main

उदाहरण -1

जैसाकि मान लिजिए कि एक महिला किचन गार्डनिंग मे बहुत माहिर है उसने छत पर भी खूबसूरत घास का मैदान तैयार किया हुआ है. किचन गार्डन मे सौ से भी ज्यादा फूल लगाए हुए हैं. अब हरी भरी प्रकृति के बारे मे कौन नही जानना चाहेगा. वो अपनी बात ब्लॉग के माध्यम से बहुत अच्छी तरह बता सकती है जो लोग उनसे कुछ जानकारी लेना चाहे वो दे सकती है. अपने विचारों का आदान प्रदान कर सकती हैं अब उसमे लेखक होने की कोई बात ही नही है.

 

उदाहरण -2

 

मेरी एक जानकार बहुत अच्छी कुक cook  है पर वो लेखिका writer  नही. खाने की रेसेपी डालती रहती हैं और नए नए पकवान कैसे बनाए बताती रहती हैं. बस आपकी जानकारी ऐसी हो कि किसी न किसी के काम आ सके अगर आपकी जानकारी अच्छी और सच्ची है और फिर बात वायरल होने में समय नही लगेगा.

वैसे आपसे बात करते करते एक आईडिया मुझे आया कि मेरी एक बुजुर्ग पडोसी महिला सत्संग में बहुत जाती हैं और बहुत अच्छी अच्छी बाते सीख कर आती हैं. अक्सर बार बातों बातों में वो प्रेरक प्रंसग भी सुनाती हैं. अपने समय में उन्होनें दसवीं पास की थी उसके बाद शादी हो गई थी. आज वो पचपन साल की हैं मैं उन्हें सुझाव दूंगी कि वो अपना ब्लॉग बनाए ताकि हम जैसे लोग अच्छी और प्रेरक बातों का फायदा उठा सकें.

वासुदेव कुटुम्बकम – Monica Gupta

वासुदेव कुटुम्बकम क्लिक करें गया वो जमाना जब आपका कही बाहर  धूमने का दिल किया और आपको बोरिया बिस्तर बांधना पडता था. अब जमाना वाकई में  बदल गया है !! अब उठाईए ऊंगली और निकल जाईए ह हा हा … जी हां उठाईए ऊंगली और निकल जाईए… एक क्लिक पर कभी दोस्तों की वॉल पर, कभी … read more at monicagupta.info

 

कैसे कैसे ब्लॉग

सर्च के दौरान एक और बात यह पता चली कि मुफ्त में भी ब्लॉग बनाए जा सकते हैं और जिसे अगर मात्र टाईम ही व्यतीत करना है तो उनके लिए इस तरह का ब्लॉग सही हो सकता है पर अगर हम वाकई में, ब्लागिंग के जरिए कुछ बनना चाहते हैं कुछ कर दिखाना चाहते हैं तो हमें प्रोफेशनल रुप से इसे अपनाना होगा.

ब्लॉगिंग के बहुत फायदे हैं.ब्लाग से हमारी एक अलग पहचान बनती है. इसके साथ साथ आप काम की बातों को दूसरों के साथ सांझा करेगें तो आप खुद तो आत्मविश्वासी बनेंगें ही दूसरों को भी अपनी बातों से प्रेरित कर सकेंगें.

ब्लॉग  बनाने के लिए जो हम अपना डोमेन नेम लेते हैं वो पूरे संसार में बस एक ही होता है जैसाकि मेरा monicagupta.info है ये पूरी दुनिया में किसी और का नही हो सकता. ये ठीक वैसे ही है जैसे आधार कार्ड का नम्बर होता है जो एक ही रहता है.

 

Way to Relax Mind – Monica Gupta

आज की busy life में हम Relax होने के तरीके खोजते रहते हैं ताकि दिमाग किसी तरह से stress free हो जाए इसलिए How to relax our mind  या stress free life जैसे टाईटल ही खोजते रहतें हैं. आईए जाने कि आज के ई युग में  रिलेक्स कैसे हो रहे हैं. read more at monicagupta.info

 

आय का साधन

इतना ही नही अगर हमारा ब्लॉग सही प्रकार से बना हो तो हमारी आय का साधन भी हो सकता है. जी हां, घर बैठे बैठे हमारी आय का जरिया बन सकता है ब्लॉग लेखन. जितना मैनें इसे पढा और समझा है इसका क्षेत्र बहुत विशाल है. इसके माध्यम से आय के बहुत सारे तरीके हैं. सफलता की कहानियां भी बहुत हैं जो हमें प्रेरित करती हैं कि हम भी ब्लॉग के माध्यम से एक आय का साधन बना सकते हैं.

 

एक स्टार्ट अप जिंदगी के नाम – Monica Gupta

एक स्टार्ट अप जिंदगी के नाम (महिलाए, स्टार्ट अप और मेरे मन की बात ) समाज में दो तरह की महिलाएं हैं एक तो वो जो सारा दिन बस आराम ही आराम करना चाह्ती है.. घर पर नौकर चाकर है अच्छी किटी पार्टी ज्वाईन की हुई है बस घर सम्भालना, आराम करना , वटस अप करना, मैसेज करना, मूवी देखना, चैनल बदलना और शापिंग करना (ओह इतने सारे काम ) और बस सो जाना Read more…

 

सबसे जरुरी बात

आमतौर पर अपने आप को बहुत कम समझतें हैं कि हम तो कुछ नही है हमें कुछ नही आता जबकि खूबी हर व्यक्ति में छिपी होती है बस जरुरत है कि उसे उभारे और ब्लॉग के माध्यम से पूरी दुनिया को अवगत करवाएं.

इसलिए अगर आप वाकई में भीड मे छिपा चेहरा नही बल्कि भीड में अलग चेहरा बनना चाहते हैं तो अपनी कमियां नही, खूबियां तलाश कीजिए और अपनी एक पहचान बनाईए ब्लॉग बनाईए.

 

What is Google Adsense – Monica Gupta

जब भी हम कभी जब ब्लॉग या इंटरनेट से आय कैसे हो कि बात करते हैं तो सबसे पहले हमारे जहन में Adsense का नाम आता है क्योकि सब पूछते हैं Adsense तो होगा ही पर हमें पता नही कि आखिर ये Adsense होता क्या है ?

गूगल ने इसको 18 जून 2003 को launch किया था. आय का फ्री और आसान तरीका है. Google Adsense  CPC यानि cost per click program है. ये एक ऐसा tool है जो पहले आपके ब्लॉग को उसके condition के हिसाब से पहले approvel देता है और  जब आपका ब्लॉग Google Adsense से approved हो जाता है तो  उसके बाद आप google Adsense का ads अपने ब्लॉग पर लगा कर अच्छे पैसे कमा सकते है और अगर आपके ब्लॉग पर ट्रैफिक बढिया है यानि बहुत लोग आ रहे हैं तो Google Adsense एकदम perfect माध्यम है. Read more…

 

और किसी ने क्या खूब कहा है कि

मंजिल मिले या न मिले ये तो अलग बात है हम कोशिश भी न करें ये तो गलत बात है

 

ब्लॉग के फायदे

ब्लॉग लिखेगें तो

रचनात्मकता जागेगी

नई नई बाते सीखने को मिलेगी

आत्मविश्वास पैदा होगा

 

ब्लॉग लिखेंगें तो व्यस्त रहेगें

बे फालतू के विचार नही आएगें

सोच कुछ सकारात्मक लिखने की रहेगी

नकारात्मकता जिंदगी से खत्म हो जाएगी

 

ब्लॉग लिखेंगें तो

अपने विचार और ज्ञान सांझा कर सकते हैं

आपके लेखन से और लोगो की मदद हो सकती है

किसी का ज्ञान आपकी वजह से बढ सकता है.

 

ब्लॉग लिखेगें तो

लोग जानेगें दायरा बढेगा

आपकी अपनी एक पहचान बनेगी

आप अपने विषय मे एक्सपर्ट बन सकते है

और आप एक दिन किसी के लिए प्रेरणा भी बन सकते हैं.

 

ब्लॉग के फायदे – गृहणी के लिए

 

ब्लॉग लेखन से

नाम होगा, पहचान बनेगी

समय का उपयोग, व्यस्त हो जाएगी

तनाव से मुक्ति मिलेगी, खुश रहेंगी

आमदनी होगी तो आत्मविश्वास पैदा होगा

किसी पर निर्भर नही रहना पडेगा.

अपने सर्कल में प्रमुखता तथा वर्चस्व होगा

लोगो का आपके प्रति नजरिया बदलेगा

मान सम्मान मिलेगा, आप छा जाएगीं

 

ब्लॉग के फायदे – रिटायर्ड व्यक्ति

 

समय को सही तरह से व्यतीत कर पाएगें

अपनी जिंदगी के अनुभव सांझा कर पाएगें

अपने ज्ञान से औरों की मदद कर पाएगें

व्यस्त रहेंगें, पहचान बनेगी, मनोबल बढेगा

परिवार की सोच बदलेगी, इज्जत मान बढेगा

ग्रुप बना सकते हैं, दोस्तों का सर्कल बढेगा

आय का साधन बनेगा, दूसरों के लिए प्रेरणादायक होंगें

 

ब्लॉग के फायदे – युवा वर्ग

 

तनावग्रस्त निराशाजनक जिंदगी से मुक्ति मिल सकेगी

उदासीनता और नकारात्मकता खत्म होगी

महत्वाकांक्षी बनेगें और सफलता के लिए प्रयासरत होंगे

आय का माध्यम बनेगा, नौकरी की जरुरत नही पडेगी

दोस्तों और परिवार में मान सम्मान बढेगा

जिंदगी खुशी, उमंग और उल्लास से भरी होगी.

 

blog photo

Photo by owenwbrown

Photo by tillwe

इतनी जानकारी मैने पढ कर जुटाई है … आज , वाकई में  लिखने , अपनी बात रखने और कहने के लिए इतना अच्छा और सशक्त माध्यम मिला हुआ है कि पूरी दुनिया तक हम अपनी बात पहुंचा सकते हैं….

ब्लॉग, ब्लॉगर, ब्लॉगिंग और करियर के बारे में अगर फिर भी हमें सोचना पड रहा है तो …

माफ कीजिए आप जिंदगी में कुछ करना ही नही चाह्ते … आप बस चैंट  कीजिए, मैसेज भेजिए, पोक कीजिए शायद यही है आपका समय का सदुपयोग …

July 29, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

स्वच्छता का महत्व और हमारी जागरुकता – ऑडियो

रिश्वतखोरी - आईए रिश्वत दें
मोनिका गुप्ता

मोनिका गुप्ता

https://monicagupta.info/wp-content/uploads/2016/07/audio-our-earth-by-monica-gupta.wav

क्लिक करिए और सुनिए दो मिनट और 37 सैकिंड का स्वच्छता पर ऑडियो

स्वच्छता का महत्व और हमारी जागरुकता – ऑडियो

धरती को रहने लायक कैसे बना जाए ? क्या वाकई में स्वच्छता अभियान में हमारा कोई योगदान हो सकता है ? या फिर  दान पुण्य के नाम पर गंदगी फैलाना ही जायज है…!! हास्य और मनोरंजन के माध्यम से  इसी विषय पर  मेरी आपबीती….

धरती को रहने लायक कैसे बनाया जाए ??आज मैं इस बारे में बाहर बैठ कर सोच रही थी. तभी माली आ गया क्योकि घास बहुत बढ गई थी तो वो उसे काटने लगा. अचानक मैने देखा सामने सडक पर गाय आ रही है  मैने सोचा अरे वाह…. आज तो गउ माता को ताजी ताजी घास खिला देती हूं पुण्य का काम हो जाएगा… इसलिए कटी घास उठाई और गेट के बाहर सडक पर डाल  दी.

पहले तो  गाय  ने  लेफ्ट राईट देखा …फिर अपनी गर्दन झटकते हुए भवें हिलाई  शायद हैरान हो रही होगी क्योकि मैंने कभी उसे घास नही डाली … हा हा यानि कभी कुछ खाने को नही दिया और वैसे भी  सडक पर कुछ भी डालने के हमेशा से ही खिलाफ रही हूं पर आज् शायद  मेरा कोई पुण्य जाग उठा था या अपने पास पडोस को देख कर …

खैर वजह जो भी रही मैने कटी घास डालनी शुरु कर दी  उसने घास खाना शुरु ही किया था कि उसके चार पांच दोस्त और शायद  भी सहेलिया भी आ गई. मैने मन ही मन सोचा रे वाह … आज तो सारी घास इन सभी को ही खिला दूगी तो देवी देवता सब प्रसन्न हो जाएगें…

माली घास काटता रहा और मैं बाहर डालती रही. कुछ ही पल में बाहर देखा तो मेरी वजह से सारी सडक घास युक्त हो चुकी थी और तो और बैल अपने दोस्तो सहित सडक के बीचोबीच आसन जमा चुके थे  और दो ने तो गोबर तक करना शुरु कर दिया था..

कहां तो मैं कभी धास भी नही डालती थी और कहां उन्होने सारा गुड गोबर कर दिया …यकीनन  आने जाने वालो को परेशानी भी हो रही होगी…

एक मोटर साईकिल वाले ने वहां से जाते हुए मुझे ऐसे गुस्से से  देखा मानो कह रहा हो ये क्या हाल बना रखा है … अरे बाप रे ..!!!

मैं टेंशन में आ गई पर भगवान का शुक्र है कि उसी समय सडक साफ करने वाली जमादारनी आ गई और उसने बची घास  एक किनारे पर रख कर सडक साफ कर दी  तब तक घास भी खत्म हो गई थी और उसने और माली ने मिलकर जानवरों को भगा दिया …

उस समय मेरे मन में फिर आया कि धरती रहने लायक तभी बनाई जा सकती है जब हम उसे साफ सुथरा रखेंगें और ऐसे गंदा नही करेंगें भले ही पुण्य का कार्य हो जैसाकि हम हरिद्वार या गंगाजी जा कर करते हैं… वहां अस्थियां बहाते हैं पोलीथीन बहाते हैं जिसकी वजह से गंगा व अन्य पावन नदियां प्रदूषित हो रही है…

पता नही मेरे यह बताने  की क्या वजह है… है भी या नही पर इतना जरुर है कि धरती रहने लायक तभी बन सकती  है जब वो स्वच्छ हो, साफ हो और गंदगी से कोसो दूर हो…

एक सैल्फी स्वच्छता के नाम – Monica Gupta

एक सैल्फी स्वच्छता के नाम बेशक दुनिया में सैल्फी का इतिहास बहुत पुराना हो पर अगर अपने देश की बात करें तो बात ज्यादा पुरानी भी नही है…लाखों लोगो को सैल्फ read more at monicagupta.info

 

स्वच्छता के नारे – Monica Gupta

स्वच्छता के नारे स्वच्छता हम सभी के लिए बेहद जरुरी है जानते हैं हम सब पर फिर भी मानते नही है और गंदगी फैलाए चले जाते हैं. read more at monicagupta.info

वैसे आपके क्या विचार है इस बारे में जरुर बतईएगा कल फिर मिलूगी एक नए टापिक के साथ तक तक सफाई रखिए और स्वस्थ रहिए….

June 29, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

फेसबुक और हमारी बीमारी का इलाज

fb cartoon by monica gupta

फेसबुक और हमारी बीमारी का इलाज

जब भी फेसबुक करते हैं मैसेज आता है what’s on your mind ? अब क्या बताए कि हमारे मन में क्या है … कहना तो बहुत कुछ है पर डाक्टर ने मना  कर दिया कि No more facebook…

वैसे इस बात में कोई शक नही कि फेसबुक हमारे जीवन पर बहुत प्रभाव डाल रहा है. फेसबुक पर अपनी पोस्ट पर लाईक या कमेंट को बार बार देखना कमेंट न मिलने पर दुखी हो जाना … नकारात्मक सोच रखना… और अपनी तबियत खराब कर लेना … अब ऐसे में डाक्टर से यही सलाह मिली है कि तबियत खुद ब खुद ठीक हो जाएगी अगर फेसबुक छोड दिया जाए … भले ही थोडे समय के लिए ही

फेसबुक लाईक

दोपहर के बाद शाम 3 बजे फेसुबक का पीक टाइम होता है. इस टाइम पर सबसे ज्‍यादा यूजर एक्टिव रहते हैं. यानी शाम 3 बजे के आसपास पोस्‍ट करने पर लोग ज्‍यादा रियेक्‍ट करते हैं.रोजाना दो बार अपडेटरोजाना एक या दो बार स्‍टेटस अपडेट करने पर आपको 40 फीसदी ज्‍यादा रिस्‍पांस मिल सकता है. वहीं यदि आप वीक में एक से चार बार स्‍टेटस अपडेट करते हैं तो आपको 71 फीसदी ज्‍यादा रिस्‍पांस देखने को मिल सकता है. यहां 40 फीसदी रिस्‍पांस प्रतिदिन और 71 फीसदी पर वीक है, इस डाटा से कंफ्यूज न हों. read more at monicagupta.info

फेसबुक पिछ्ले हफ्ते एक फेसबुक मित्र फेसबुक से गायब थी. असल मे, वो पूरे दिन आन लाईन रहती और अक्सर मेरे लिखे पर कमेंट या लाईक जरुर करती थी. अपनी न्यूज फीड

 

फेसबुक – Monica Gupta

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फेसबुक और हमारी बीमारी का इलाज  अब क्या बताए कि वट इज इन माई माईंड ….

 

 

 

June 25, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

सोशल नेट वर्क साईट, कमेंट और झूठ का बोलबाला

सोशल नेट वर्क साईट, कमेंट और झूठ का बोलबाला

कमेंटस के लिए कुछ भी करेंगें

बेशक, हमें सोशल नॆट  वर्किंग साईट्स जैसे फेसबुक, गूगल प्लस के माध्यम से अपनी बात कहने का मौका मिला है तो इसका मतलब यह तो नही कि उसका दुरुपयोग किया जाए .. अंटशंट लिखा जाए, किसी का अपमान किया जाए या फिर झूठ बोला जाए …

facebook photo

कुछ देर पहले एक जानकार मिली. मैने कल ही देखा था फेसबुक पर कि वो हिल स्टेशन गई हुई थी उसने फोटो भी डाली हुई थी मेरे पूछ्ने पर कि कैसा रहा ट्रिप ?? वो बोली कौन सा .. !! मैने कहा हिल स्टेशन वाला … इस पर वो हंसती हुई बोली अरे नही वो तो फोटोशॉप से किया था इस साल मेरे इनके पास  समय नही है और बेटे की भी 10 क्लास की पढाई है … ह हा हा !! वैसे कमेंट की भरमार लग गई थी … बडा मजा आया …वो तो हसंती हुई चली गई और मैं सोच रही हूं कि क्या ये सही है ?? झूठ बोल कर लिखना या फोटो डालना … !! मेरा तो मन उससे खट्टा हो गया …

फेसबुक लाईक

दोपहर के बाद शाम 3 बजे फेसुबक का पीक टाइम होता है. इस टाइम पर सबसे ज्‍यादा यूजर एक्टिव रहते हैं. यानी शाम 3 बजे के आसपास पोस्‍ट करने पर लोग ज्‍यादा रियेक्‍ट करते हैं.रोजाना दो बार अपडेटरोजाना एक या दो बार स्‍टेटस अपडेट करने पर आपको 40 फीसदी ज्‍यादा रिस्‍पांस मिल सकता है. वहीं यदि आप वीक में एक से चार बार स्‍टेटस अपडेट करते हैं तो आपको 71 फीसदी ज्‍यादा रिस्‍पांस देखने को मिल सकता है. यहां 40 फीसदी रिस्‍पांस प्रतिदिन और 71 फीसदी पर वीक है, इस डाटा से कंफ्यूज न हों. How To Gain More Facebook Like – Lifestyle read more at monicagupta.info

 

बेशक, उसने सच बता दिया पर जिस तरह से वो फेसबुक पर सभी को जवाब दे रही थी और अपने अनुभव बता रही थी….. अनफ्रैंड की लिस्ट में एक और नाम शामिल हो गया .. !!

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