Teenage Dream
Teenage Dream
कल शाम मणि के घर कोई आए हुए थे वो अपने बच्चे के बारे मे डिस्कस करने आए हुए थे और उसे कह रहे थे कि वो उनके बेटे से बात करे और समझाए कि मेडिकल न लेकर आर्टस ही ले. मुझसे मेरी राय जाननी चाही तो मैने बिल्कुल स्पष्ट कहा कि वो गलत कर रहे हैं अपने बच्चे को हमसे बेहतर कौन समझ सकता है अब उसकी उम्र ऐसी है कि आप दोस्ताना व्यवहार रख कर खुल कर सारी बात करे. आप इधर उधर बात करेंगें, बच्चा कुछ और कहेगा,आप तक कोई और बात पहुचेगी, इस तरह दूरियां भी बढती हैं इसलिए सोच समझ कर ठंडे दिमाग से खुद ही बात करे और इसका हल निकाले.उस समय तो वो उठ कर चले गए शायद उन्हें मेरी बात अच्छी नही लगी पर अभी कुछ देर पहले मेरे पास उन्ही का थैक्स के लिए फोन आया.
उन्होने बताया कि कल रात बेटे से खुल कर बात हो गई है जो उनके मन में कंफ्यूजन था वो दूर हो गया है और वो मेडिकल ही लेगा और उसके निणर्य से वो भी सहमत है. 🙂 आज बच्चे बेहद संवेदनशील हैं इसलिए बजाय उधर उधर बात करके राय लेने से मित्रवत व्यवहार करते हुए, पेरेंटस को बच्चे से स्वयं ही खुल कर बात करनी चाहिए .
Teenage Dream हमें बच्चों के महत्वाकांशी सपनों को अहमियत देनी चाहिए और वो बजाय इधर उधर के बात करने के बच्चॉ से ही बात करनी चाहिए…
FAST FOOD
FAST FOOD
जमाना Fast Food का है. आज के बच्चे तो बच्चे बडे भी फास्ट फूड की चपेट में हैं अगर आप भी यही सोच रहे हैं कि लेख इसी बारे में होगा तो क्षमा करिए लेख फास्ट का फूड के बारे मे हैं ना कि फास्ट फूड के बारे में … अरे !! कंफ्यूज नही होईए मैं समझाती हूं … फास्ट यानि व्रत और फूड बोले तो खाना 🙂
अहोई अष्टमी मां का व्रत था . वैसे एक दिन पहले भी बहुत महिलाओ ने रखा और आज भी बहुत महिलाए रख रही है. मेरी सहेली मणि ने बताया कि व्रत रखना और अपनो के लिए दुआ मांगना बहुत अच्छा लगता है पर डर भी बहुत लगता है.अयं
इसमे कैसा डर. मेरे पूछने पर उसने कहा कि असल मे, खाना बनाते समय हम महिलाओ की खाना चखने की बहुत आदत होती है कि नमक वगैरहा ठीक है या नही. अब व्रत में भी खाना तो बनाना होता ही है. बस इसलिए अक्सर यही डर बना रहता है कि कही टेस्ट
करने के चक्कर मे ….!!!ह ह हा !!! वैसे बात तो मणि ठीक ही कह रही है !!! ऐसी भूलचूक अक्सर होने वाली होती है !!! पर अक्सर बचाव हो ही जाता है !!!
वैसे शायद इसलिए ही हम महिलाओ को चटोरी की उपाधि मिली हुई है…!!! है ना !! उफ ये फास्ट एंड फास्ट का फूड !!!
है ना !!
Cartoonist late shree P.K.S. Kutty
Cartoonist late shree P.K.S. Kutty
29 अक्टूबर 2012 को Government Of Kerala की ओर से राष्ट्रपति भवन के आडिटोरीयम में केरल कार्टून आकादमी नेCartoonist late shree P.K.S. Kutty l की याद में श्रद्धांजलि समारोह मे एक पुस्तिका का विमोचन किया। केन्द्रीय प्रवासी भारतीय कार्य मंत्री श्री व्यालार रवि, केरल के मुख्यमंत्री श्री ओमान चांडी ने शिरकत की. राष्ट्रपति भवन के आडिटोरियम में ठीक 12 बजे राष्ट्रीयगान से कार्यक्रम आरम्भ हुआ. कार्यक्रम करीब 2 घटे तक चला.
श्री प्रणब मुखर्जी ने प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट स्वर्गीय पी.के.एस. कुट्टी को श्रद्धांजलि देने के लिए राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में अपने भी अनुभव बताए. राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि वे अपने लम्बे सार्वजनिक जीवन में श्री कुट्टी के बनाए कार्टून के निशाने पर रहे, खासतौर पर बांग्ला समाचार पत्रों ‘आनंद बाजार पत्रिका’ और ‘आजकल’ में श्री कुट्टी के कार्य के दौरान। राष्ट्रपति ने कहा कि कुट्टी जैसे कार्टून कलाकार की तेज-तर्रार प्रतिक्रिया में नए तरह का हास्य बोध होता था। श्री कुट्टी और उनके गुरू शंकर ने इसी संस्कृति को आगे आने वाली पीढि़यों में बढ़ाया.
उन्होने कहा कि कार्टून हमारे पास ब्रिटिश परम्परा के तौर पर आया। 1980 के उत्तरार्द्ध तक किसी नेता की पहचान उसके फोटो से ज्यादा उसके कैरिकेचर से होती थी। यहां तक कि पुराने नेता अपने बारे में बनाए गए इन हास्य चित्रों का संग्रह कर उन्हें अपने कार्यस्थल पर प्रदर्शित करते थे। उन्हे लगता था कि एक लोकप्रिय कार्टून जनता के साथ उनके संपर्क को दर्शाता है।
आहत किए बिना निंदा करना, चेहरे के मूल भाव का बिगाड़े बिना हास्य चित्र बनाने की योग्यता और लम्बे चौड़े सम्पादकीय में जो बात नहीं कही जा सकती उसे ब्रश के माध्यम से व्यक्त करना कार्टूनिस्ट् की अद्भुत कला है। Cartoonist हमारे सार्वजनिक जीवन का दर्पण हमारे सामने रख देता है और एक राष्ट्र के तौर पर हमें खुद को देखने की क्षमता प्रदान करता है।
देश भर से आए जाने माने कार्टूनिस्ट ने इसमे भाग लिया। कार्यक्रम के अंत मे कार्टून व व्यंग्य चित्रो की शानदार प्रदर्शनी भी लगाई गयी। जिसे President sir यानि प्रणव दा ने बहुत सराहा.
सच में, सभी जाने माने कार्टूनिस्ट से मिलना,रूबरू होना सुखद अनुभव रहा ……!!!
Skill Development
Skill Development
हे भगवान! वैसे टैलेंट तो हमारे देश मे बिखरा हुआ है. वो अलग बात है कि वो टैलेंट किसी चैनल या अखबार की हैडलाईन नही बनता. अब देखिए ना,बसो की छ्त पर स्टाइल से बैठ कर सफर करते हैं, शराब पीकर ठाठ से वाहन चलाते है. रेलवे फाटक बंद होता है और वो शान से अपना वाहन नीचे से निकाल लेते हैं ऐसी Skill Development कही देखी है और वो भी बिना किसी ट्रैनिंग के
परीक्षा भवन मे मुन्नाभाई टाईप को लाते हैं और ठाठ से किसी टेलेंटिड की तरह नकल मरवाते हैं. वही किसी की नौकरी की काट करने के लिए किसी भी हद तक जुगाड तक जा सकते हैं.
इतना ही नही जनाब …. अजी टैलेंट तो देखिए नेताओ और सरकारी अफसरो से सैटिंग कर के रखते हैं कि दोनो हाथ घी मे और मुह कडाई मे हो, वही ब्लाग के मामले मे भी बहुत महानुभाव कम नही है हर रोज ब्लाग या फेसबुक देखते है पर जब उसे लाईक या कमेट करने की बात आती है तो किसी स्मार्ट और टैलेंटिड बन्दे की तरह बोलेगे अच्छा आपका लिखा??? हमने तो नही देखा!!!!! दिखाना जरा !!!
क्या कमाल का टैलेंट् है जनाब!! वैसे आप तो ऐसे नही होंगे है ना
अरे मेरा आज का अखबार कहा गया … कही पडोसी फिर से तो नही …. ! !!
Skill Development का अगर कोई और भी उदाहरण हो तो जरुर बताना !!!
Beyond Limits 2012
Beyond Limits 2012
मुश्किलो से भाग जाना आसान होता है, क्योकि हर पल जिंदगी मे इम्तेहान होता है, डरने वालो को कुछ नही मिलता, लडने वालो के कदमो मे सारा जहान होता है….
यह यह पक्तियां अनायास सी मन मे नही आई बल्कि कुछ ऐसे लोगो से मिल कर महसूस हुई जिनके हौसलों के आगे मैं नत मस्तक हूं.
Beyond Limits 2012
आज दिल्ली मे एक प्रदर्शिनी मे जाना हुआ. श्री राजेंद्र जौहर जोकि 100% विकलांग है. उनकी देखरेख मे इस प्रदर्शिनी का आयोजन किया जा रहा हैं. सन 1992 मे उन्होने Family of Disabled नामक संस्था की शुरुआत की और सन 2001 से प्रदर्शिनी लगानी शुरु की. उनकी सुपुत्री श्रीमति प्रीति जौहर ने सारी जानकारी देते हुए बताया कि उनके पापा की जिंदगी मे एक गम्भीर हादसा हुआ. एक बार तो सारा परिवार हिल गया पर पापा ने हिम्मत दिखाई और इसे चैलेंज की तरह लिया और मानसिक और शारीरिक रुप से विकलांगो की एक संस्था बनाई. संस्था चलाने के लिए फंड बिल्कुल नही थे पर मदर टेरेसा का आशीर्वाद जरुर मिला और यकीनन वो बहुत आत्मबल दे गया.
आरम्भ मे संस्था की शुरुआत घर से ही की. सन 2001 मे ग्रीटिंग कार्ड बनाने से काम शुरु किया. तब सिर्फ एक ही कलाकार साथ थे. देखते ही देखते कला के क्षेत्र मे रुचि रखने वाले विशेष लोग मिलते ही गए. फिर मन मे यह सोच हुई कि इन मानसिक तथा शारीरिक रुप से विकलांग यानि इन विशेष कलाकारो की कलाकारी को दिखाने के लिए कोई मंच होना आवश्यक है पर बात फिर वही सामने आई कि इन सब मे खर्चा बहुत आएगा और फंड बिल्कुल भी नही थे. इसी बीच ईश्वर की असीम कृपा हुई और अर्पना कौर जी से मुलाकात हुई. उन्होने भावनाओ को समझा और उनकी गैलरी मे प्रदर्शिनी लगनी शुरु हो गई. पिछ्ली 11 बार से अर्पना आर्ट गैलरी मे दिसम्बर के महीने मे इन विशेष लोगो दवारा बनाई कलाकृतियो की नुमाईश की जाती है.
आज Beyond Limits – 2012, नामक प्रदर्शिनी मे 49 विशेष कलाकार हिस्सा ले रहे हैं.जिसमे जम्मू, तमिलनाडू,बिहार,पटना, कोलकता,गुजरात, लखनऊ, राजस्थान आदि राज्यो से हैं. इस प्रदर्शिनी मे विभिन्न प्रकार की कला का मिश्रण है. जिसमे विभिन्न प्रकार की चित्रकारी है, sculptures है जोकि bronze और stone मे हैं, ऐसी कलाकारी देख कर खुद ब खुद दांतो तले ऊंगली दब जाती है कि क्या अदभुत कलाकारी है.
ऐसी ही एक कलाकार शीला शर्मा से बात हुई उनके दोनो हाथ नही है और पैरो से चित्रकारी करती हैं.उनके अदभुत साहस ने चकित कर दिया. श्रीमति प्रीति जौहर ने बताया कि आमिर खान के कार्यक्रम सत्यमेव जयते मे भी उनकी संस्था के बारे मे बताया गया उससे भी बहुत आत्मबल मिला.
उनका कहना है कि यह 12वी प्रदर्शिनि है. वो चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा लोग आए और इसे देखे सराहें और कलाकारो का आत्मबल बढाए. यह प्रदर्शिनी Arpana Art Gallery, Academy of Fine Arts & Literature, 4/6, Siri Fort Institutional Area, Khel Gaon Marg, दिल्ली मे, 2 दिसम्बर से 8 दिसम्बर तक लगी हुई है. इसका समय है दिन के 11 बजे से शाम के 7 बजे तक.
जाते जाते एक बात फिर जहन मे आ रही है कि….
उम्मीदो की कश्ती को डुबोया नही करते/ साहिल अगर दूर हो तो रोया नही करते/ रखते है जो दिल मे उम्मीद कुछ पाने की / वो लोग जिंदगी मे कुछ खोया नही करते !!!
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