मेरी गुडिया
मेरी गुडिया… मेरी गुडिया, प्यारी गुडिया, गुडिया रानी … पहले बच्ची को इसी नाम से सम्बोधित किया जाता था. किसी से नाम भी पूछ्ना होता था तो यही बोलते थे गुडिया तेरा नाम क्या है पर आज विडम्बना देखिए गुडिया कोई नही कहलवाना चाहता क्योकि आज गुडिया के मायने बदल गए हैं आज गुडिया पीडिता निर्भया, ज्योति के नाम से जानी जाती है … यही इसमे दिखाने की कोशिश की है कि मासूम बच्ची को अहसास करवाया जाता है और उसे बता दिया जाता है कि (उस रेप हादसे के बाद से) जो भी उसे पुकारेगा वो वो गुडिया या निर्भया या पीडिता की पुकारेगा…
बेहद दुखद