Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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April 7, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

How to Win the Heart of Spouse – कैसे जीतें दिल – How to Win the Heart

How to Win the Heart of Spouse

How to Win the Heart of Spouse – कैसे जीतें दिल – How to Win the Heart – Monica Gupta -Husband Wife Relationship Tips In Hindi – पति और पत्नी के रिश्ते को खूबसूरत बनाने के लिए जरुरी है कि एक दूसरे के दिल को जीता जाए… लड़ाई झगड़े की  बात से हट कर आज  दिल जीतने की बात करते हैं.. बात ये करते हैं पति पत्नी कैसे एक दूसरे का दिल जीत सकते हैं.. किन बातों का ख्याल रखना चाहिए… बातें हैं बहुत सी पर मैं कुछ एक बातें ही बताना चाहूंगी…

How to Win the Heart of Spouse – कैसे जीतें दिल – How to Win the Heart

इस रिश्ते में सबसे जरुरी है अपनी ईगो को एक तरफ रख देना.. अगर इसे एक तरफ रख दिया तो रिश्ता मजबूत भी बनेगा और खूबसूरत भी और जहां .. तेरा मेरा, किंतु परंतु, अगर मगर.. if, but आ गया.. वही दिल में बसने की बजाय दिल से उतरने में समय नही लगता.. तो जरुरत इसी बात की है कि इस रिश्ते को दिल से निभाया जाए…

https://youtu.be/fqLrR9Ie_O0

पसंद ना पसंद का ख्याल रखें

सबसे पहले बात करते हैं खाने की… पत्नी पति की पसंद का खाना बनाएं… जैसा उसके पति को पसंद है. यानि taste का खाना.. छोटी छोटी बातों का ख्याल रखना चाहिए…

पति को भी ख्याल रखना चाहिए.. कभी कभार उनकी खाने की पसंद की चीजे घर लाकर या कई बार बाहर खाने के लिए ले जाए कि चलो आज बाहर ही खाना खा कर आते हैं तो बहुत खुशी होती है…

इसी तरह पसंद ना पसंद में टीवी की बात…  मान लीजिए कोई क्रिकेट मैच लाईव आ रहा है और इसी बीच पत्नी का भी सीरियल आ रहा है तो पत्नी अगर पहले ही बोल दे कि आप देख लीजिए सीरियल तो रिपीट होते ही रहते हैं… या फिर रिकार्डिंग की सुविधा है तो लगा दीजिए… ऐसे ही पति हमेशा न्यूज चैनल ही देखते हैं वो भी चैनल बदलते समय कभी कभार सीरियल लगा दें पत्नी की पसंद का तो बहुत खुशी होती है.. पसंद न पसंद का ख्याल रखेंगें तो दिल में खुद ब खुद जगह बन जाती हैं कि कितने केयरिंग हैं.. फिर बात आती है कि

एक दूसरे के पेरेंटस को सम्मान देना  

दोनों को एक दूसरे के परिवार की केयर करनी चाहिए और बात करते रहनी चाहिए जितना प्यार और सम्मान देंगें एक दूसरे से उतना ही मिलेगा… तुम्हारे मेरे मम्मी पापा नही हमारी मम्मी पापा..दिल जीत लेंगें.. आपस में क्वालिटी टाईम बिताना..

चाहे पति पत्नी दोनो काम करते हो.. या पत्नी हाऊस वाईफ ही हो… दिन का एक समय आपस में जरुर बिताना चाहिए… अगर वर्किंग हैं तो पूछा जा सकता है कि काम कैसा चल रहा है और अगर घर पर भी रहती हैं तो सारी बातें शेयर करना… छोटी मोटी बातें तो घर में होती ही रहती हैं उनके बारे में बात करना पति भी जब कभी आफिस से थके हारे घर आए तो पत्नी बजाय ये कहने के की चलो धूमने चलते हैं बल्कि ये कहे कि आप रिलेक्स कर लीजिए फिर चलेगें थोडी देर में… इससे पता चलता रहता है कि एक दूसरे के प्रति कितना कंसर्न हैं.. और जब बात कर रहे हो आपस में तो उस समय न मोबाइल हो न टीवी…

बच्चों की परवरिश में भूमिका.. दोनों का रोल अलग अलग है . मदर अपने हिसाब हैंडल करती हैं तो फादर अपने तरीके से तो इसे आपने बिगाडा है या ये आप पर गई है.. इंटरफेयर न करें.. मैं करती तो ये क्लास में फर्स्ट आता.. ऐसा कहने से भी होगा कुछ नही और मन खराब हो जाएगा.. अच्छी बातों को हाई लाईट करें और गलत बातों को सुधारने का प्रयास करें.. आपस में कमी निकालने की बजाय एप्रीशिएट करना चाहिए..

एक दूसरे फ्रैंड सर्किल का ख्याल रखें..

जब एक दूसरे के दोस्त या सहेली आए जाएं तो उनका दोनों स्वागत करें.. आपस में मिले जुले और ताकि दोस्ती और मजबूत बनें.. अगर दोस्त दूर रहते हैं तो फोन करके हाल चाल पूछ लिया… और दोनों ने ही बात की…

एक दूसरे के इंटस्ट जानकर उन्हें एनकरेज करे..

मान लीजिए पति को रीडिंग का शौक है तो उन्हें कुछ समय दीजिए कि वो रिलेक्स फील करते हैं और वाईफ हैं वो सीरियल देख कर रिलेक्स फील करती हैं तो उन्हें देखने दें.. या उनका कोई हैंडी क्राफ्ट का कोई भी शौक है तो उसे एनकरेज करें… उन्हें मोटिवेट करें..

इस रिश्ते में सबसे जरुरी है अपनी ईगो को एक तरफ रख देना.. अगर इसे एक तरफ रख दिया तो रिश्ता मजबूत भी बनेगा और खूबसूरत भी और जहां .. तेरा मेरा, किंतु परंतु, अगर मगर.. if, but आ गया.. वही दिल में बसने की बजाय दिल से उतरने में समय नही लगता.. तो जरुरत इसी बात की है कि इस रिश्ते को दिल से निभाया जाए…

प्यार, विश्वास understanding और adjustment  से घर संसार खूबसूरत बनाया जा सकता है

सफल रिश्ते का ये भी एक उसूल है भूल जाओ वो बातें जो फिजूल हैं ….

मुझे रिश्ते की लम्बी कतारों से मतलब नहीं
कोई दिल से हो मेरा तो एक शख्स ही काफी है..

April 6, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

What to Do during School Holidays – बच्चों की छुट्टियों में क्या करें – Monica Gupta

What to Do during School Holidays

What to Do during School Holidays – बच्चों की छुट्टियों में क्या करें –  #ParentingVideosInHindi – Monica Gupta – How to Keep Kids Busy – What to Do in School Holidays – छुटटियों का नाम सुनते ही बच्चों के चेहरे खुशी से चमकने लगते हैं इतनी बडी smile आ जाती हैं वही ज्यादातर parents के चेहरे लटक जाते हैं… उन्हें tension होना शुरु हो जाता है कि क्या करेंगें बच्चे सारा दिन शरारत करेंगें शोर मचाएगें सिर खाएगें… और मेरे पास भी बहुत सारे मैसेज आते हैं कि आप बताईए क्या करें हम .. ??

What to Do during School Holidays – बच्चों की छुट्टियों में क्या करें –

ऐसे में मैंने कुछ वीडियोज तो बनाई भी हैं कुछ वीडियोज में गेम्स भी बताए कि किस तरह से बिजी रखें फिर भी और बताईए और क्या कराए जानना चाहते हैं

तो मैं आप उन्हीं पेरेंटस से बात कर रही हूं… जो छुट्टियों को लेकर इस तनाव में है जिन्हें समझ नही आ रहा कि क्या करें.. कि क्या कराएं… !!

मेरा ये मानना है कि छुट्टियां एक तरह का अपनेपन का अहसास करवाती हैं जहां पेरेंट्स के पास बच्चों के समय नही होता वही छुट्टी लाती है ढेर सारा समय.. समय आपस मे बैठ कर बाते करने का नई नई चीजे सीखने का…

छुट्टी का हम पूरा लाभ उठा सकते हैं पर दिक्कत पता है कहां आती है

दिक्कत आती है कि ज्यादातर पेरेंटस अपने कम्फर्ट जोन में ही रहना चाहते हैं… उनके लिए इजी है कि बच्चा सुबह स्कूल जाए शाम को वापिस आए… बस.. ताकि उन्हे आराम मिलता रहे पर छुट्टी यानि उनकी बे आरामी..

यानि जो रुटीन है वो सेट है अब हर समय उन्हें बिजी रहना पडेगा.. आराम नही मिलेगा.. इसेलिए बच्चोंं को टीवी भी देखने देते हैं गप्पे मारने को नही मिलेगा..  और परेशान हो जाते हैं कि क्या करें !!

ऐसे में आसान यही लगता है कि चलो टीवी देख लो या मोबाईल कर लो… कि चलो आराम मिलेगा…

पर अगर सही मायनो में बच्चों की छुटटियां यादगार बनानी है तो अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकल कर बच्चों को नया सीखाईए..

पेरेंटस का कम्फर्ट जोन से बाहर आना .. इसका मतलब होता है कि जिस आराम मे हम पेरेंटस हैं उससे बाहर आकर बच्चों को क्रिएटिव बनाएं..

बच्चों को लेकर जाईए हॉबी क्लास, बच्चों को सुनाईए प्रेरक कहानियां

परिवार की वेल्यू करना सीखाईए संस्कार दीजिए..

नाना नानी, दादा दादी से कैसे मिलकर रहा जाता है ये सीखाईए..

समाज में कैसे रहा जाता है ये सीखाईए..

भाई बहन कैसे मिलजुल कर रहते हैं ये सीखाईए..

लडकियों का आदर सम्मान करना चाहिए ये सीखाईए…

सच्चाई और ईमानदारी आज के समय कितनी जरुरी है.. ये सीखाईए

कितनी चीजे हैं बताने को, सीखाने को… और हम पूछते हैं कि क्या करवाएं !! खुद निकलिए कम्फर्ट जोन से बाहर

जिस दिन आप बच्चों की छुटिटियों को लेकर खुश हो गए उत्साहित हो गए समझ लीजिए आप कम्फर्ट जोन से बाहर आ गए हैं..

वैसे आप बताईए कि आप बच्चों की छुटिटियो को लेकर क्या सोच रखते हैं ??

What to Do during School Holidays – बच्चों की छुट्टियों में क्या करें

April 5, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Thank You for Making this Happen – 100000 Subscribers – आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद – Monica Gupta

Thank You for Making this Happen

Thank You for Making this Happen – 100000 Subscribers – आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद – Monica Gupta  – you tube  videos – यूट्यूब वीडियो – कहिए कैसे हैं आप ??  अपनी वीडियो के अंत में हमेशा बोलती हूं कि अगर आपने मेरा यू टयूब वाला चैनल subscribe कर लिया तो बहुत बहुत और बहुत धन्यवाद और अगर नही किया तो कर लीजिए.. खुशी इस बात की है कि आप देख भी रहे हैं और subscribe भी कर रहे हैं… क्योंकि एक लाख से ज्यादा लोग subscribe कर चुके हैं..

Thank You for Making this Happen – 100000 Subscribers – आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद –

ये मेरे लिए बहुत बडी बात है .. जिसके लिए मैं तहे दिल से आप सभी का शुक्रिया करती हूं…

वीडियोज बनाने का ये सफर शुरु हुआ 30 अक्टूबर 2017 को.. उस दिन दीवाली थी और मैंने अपनी पहली रिकार्डिग अपलोड की थी. उस वीडियो मे मैंने स्वच्छता अभियान के दौरान हुआ एक अनुभव शेयर किया था..

 

हालाकि उससे पहले मैं अपनी बनाई ऑडियो भी डाली थी. एडिटिंग करना सीखा और उन दिनों मैं कार्टूंस बनाया करती थी उसकी वीडियो बनाई और फिर धीरे धीरे आपका रिस्पॉस मिलता गया और मैं अलग अलग टॉपिक्स पर वीडियो बनाने लगी…

 

आज की तारीख में पेरेंटिंग हो, हैल्थ से रिलेटिड से रिलेशन पर हो, पर्सनेलटी पर हो… टीनस पर हो, प्रेरक कहानी जो जो बातें महसूस की.. उन उन पर वीडियो बनाती गई..

 

मुझे कुछ कहना है में जब मैं आपके लिखे कमेंटस और प्रतिक्रिया लेती हूं तो बहुत खुशी होती है..

लगभग 17 महीने के इस सफर में 500 से ज्यादा वीडियो बनाई है… और सफर जारी है…

पर ये सम्भव ही नही होता अगर आप इतना अच्छा साथ न होता.. तो एक बार फिर से आपका बहुत बहुत धन्यवाद !! कल फिर मिलूगी तब तक… स्माईल भी रखिए और …

 Thank You for Making this Happen

 

April 3, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

How to Remain Calm – शांत कैसे रहे – How to Stay Calm under Pressure –

How to Remain Calm

How to Remain Calm – शांत कैसे रहे – How to Stay Calm under Pressure – Monica Gupta – गुस्सा आए तो क्या करें – मन को शांत कैसे रखें  – How to stay calm when you know you’ll be stressed –  Keep Calm and Carry On – हमारी हर रोज की लाईफ में कुछ न कुछ प्रोब्लम तो आती रहती है पर हम उससे शांत रह कर सामना करेंगें तो सब ठीक हो जाएगा..Calm शांत रहने के क्या क्या करना चाहिए..

How to Remain Calm – शांत कैसे रहे –

सबसे पहले तो खुद से बाद कीजिए… तुझे शांत रहना है कोई रिएक्ट नही करना..जब तक आप अंदर से बात नही महसूस करेंगें तब तक बाहर कितना भी देख सुन या पढ ले शांत नही रह सकते…

खुद से बात करते हुए हुए कल्पना कीजिए कि अगर आप बोलते हैं तो क्या होगा.. किसी ने कुछ कहा आपने भी बोला फिर बात बढ जाएगी और अगर आप शांत मन से बिन कुछ कहे चुपचाप दूसरे कमरे में चले जाएगे तो बात बढेगी ही नही… तो बेहतर यही है अपने आप को समझाए कि शांत रहना है. अपने आप को वहा से हटा लीजिए…

गहरी सांस ले… नाक से सांस inhaling ले एक दो second के लिए इसे रोके फिर मुंह से बाहर निकाल दे.. इसे दो या तीन बार कर सकते हैं ये एक तरह की meditation है इससे आराम मिलता है..

एक टाईम में एक चीज पर फोकस रखे.. कई बार क्या होता है कि हम अशांत इसलिए भी हो जाते हैं कि हमारे पर बहुत काम होता है जैसाकि सुबह बच्चों को स्कूल भेजना है आफिस मे जरुरी मीटिंग है, घर पर मेहमान आने वाले हैं, खुद एक बार चैक अपके लिए जाना है  और हम तनाव में घिरते चले जाते हैं एक समय मे एक चीज पर फोकस रखे.. बेहतर होगा कि टाईम मैंनेज कर लें उससे तनाव भी नही होगा और काम भी सारा निबट जाएगा..

सोच पॉजिटिव रखनी है खुद के लिए अच्छे हिम्मत देने वाले शब्द इस्तेमाल करने हैं.. जैसा कि मैं ये कर सकता हूं, मैं शांत रह सकता हूं आई केन..

अच्छा साहित्य पढे या मन को शांत या रिलेक्स करने वाली वीडियोज देखें.. उससे भी बहुत फर्क पडता है..

कि ये नही हुआ तो ऐसा हो जाएगा.. ये हुआ तो ये होगा.. हर चीज के दो पहलू होते हैं अगर नेगेटिव सोच रहेगें तो अशांत होगें.. इसलिए सकारात्मक सोचिए ताकि शांत बने रहे..

खुद पर विश्वास रखिए.. खुद किसी का बुरा मत कीजिए बुरा मत सोचिए और दूसरो को दोष मत दीजिए कि उसने ऐसा किया इसलिए झगडा हुआ.. वो ऐसा नही बोलाता तो मैं भी चुप ही रहता…

अलग अलग तरीके से खुद को रिलेक्स कर सकते हैं या तो नेचर मे धूमना, सैर करना, या म्यूजिक सुनना या कुछ लिखना, या फिर कुछ देर के लिए वटसप या नेट बंद करके सो जाना.. नेप लेना ताकि रिलेक्स हो जाएं..

अच्छी डाईट लेना… भी बहुत जरुरी होता है ताकि मन प्रसन्न रहे… !! तला भुन अमिर्च मसालेदार खाना शरीर को नुकसान देता है…

Planner बना लेना चाहिए.. कई बार हम over exert  कर लेते हैं…  limit Set  कर लीजिए कई बार खुद ही अपने आपको बहुत ज्यादा तनाव दे देते हैं तो जो सबसे जरुरी हैं उसे प्राथमिकता देते हुए लिस्ट बनाई और उसे निबटाते चलिए.. अपनी रुटीन सेट करना.. कई बार हमारे पास कुछ करने को नही होता सिवाय बोर होने के तो अपनी प्लान बना लेना चाहिए कि किस समय क्या क्या करना है फिर भी हम खुद को व्यवसिथ्त रख सकते हैं..

कई बार हम खुद को कोसने लगते हैं कि ये क्या हो गया.. क्यो हो गया.. जिंदगी बेकार है.. पर ये सोचना चाहिए कि कल भी है हो सकता है कल आज से बेहतर हो यानि उम्मीद रखनी चाहिए…

शांत होने के बाद जिस बात से हमें अशांति हुई उसे दूर करने के प्रयास करने चाहिए कि वो दुबारा न हो.. या तो आराम से बैठ कर बात कर ली जाए और हल निकाल लिया जाए..

एक अच्छे लाईफ स्टाईल के लिए जरुरी है शांत रहना… और हम दूसरे के लिए उदाहरण भी बन सकते हैं…

सबसे जरुरी बात अपना ख्याल रखना है… अपना ख्याल रखिए और खुश रहिए !!

How to Remain Calm

April 2, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Who should Choose Career of a Child – Should Parents Choose Career of a Child – Monica Gupta

Who should Choose Career of a Child

Who should Choose Career of a Child – Should Parents Choose Career of a Child – Role of Parents in Career Choice – कल एक family friend घर आए हुए थे.. उनका बेटा अब 10th class  में हुआ है.. वो पूछ्ने लगे कि बताओ कि क्या बनाना चाहिए बच्चे को.. मैंनें कहा कि ये तो बेटा ही बताएगा कि क्या बनना चाहता है… तो वो बोले की इसे क्या समझ है ??

Who should Choose Career of a Child

ये तो हम पेरेंंट्स या आप जैसे कुछ लोग ही decide करेगें.. वो बोले कि एक हफ्ते दस दिन से इसी काम मे लगे हैं कभी किसी दोस्त के घर तो कभी रिश्तेदार के घर जा जाकर राय ले रहे है कि क्या बनना चाहिए… कोई कह रहा है कि doctor तो कोई कह रहा है सरकारी नौकरी के लिए try करने दो सारी जिंदगी आराम से कटेगी… कोई कह रहा था कि इंजीनियर भी best है.. पैकेज अच्छा मिलता है… इस पर मेरी साफ प्रतिक्रिया थी कि बच्चे से अच्छा और बच्चे से बेहतर आपको कोई नही बता सकता..

 

Role of Parents in Career Choice – 

देखिए बेशक सभी पेरेंंट्स चाहते है कि उनका बच्चा सफल हो खूब आगे बढे पर अपनी बात या लोगो की राय बच्चों पर डालना भी सही नही है… बच्चे को मोटिवेट करना चाहिए अपना career चुनने के लिए… अब बात आती है कि किसलिए बच्चों को चुनने दे उनका करियर …

career का चुनाव उनकी पूरी जिंदगी पर असर डालता है.. जहा बच्चा अपने मन पसंद काम को दिल से करेगा वही जबरदस्ती थोपे गए काम में उसका कोई interest नही होगा और वो पीछे रह जाएगा..

पैसा भी व्यर्थ खर्च होता है.. मान लीजिए एक पिता doctor  है और वो कहता है कि मेरा बेटा भी doctor  बने इतना बडा होस्पिटल खोला हुआ है ये किसके काम आएगा और बेटे ने बनना है पायलट.. उसका कोई रुझान ही नही है… फीस भी दी पैसे भी इतने खर्च हो गए पर हुआ क्या कि वो चुपचाप घर छोड कर भाग गया.. या कोई गलत कदम उठा लेगा.. देकर पैसा खर्च करके डाक्टर बन अभी देंगें पर

Ultimately काम किसने करना है फिर ये सोचिए कि आप बच्चे के करियर का चुनाव तो कर रहे है पर काम तो Ultimately बच्चे ने ही करना है.. डील तो बच्चे ने ही करना है… वो बेमन से करेगा या करेगा ही नही तो क्या होगा.. काम मे गल्तियं निकलेगी .. काम मे कमिया निकलती रहेगी..

जो काम प्रैशर से किया जाएगा क्या वो खुशी देगा.. क्या वो सफल होगा.. उसकी अपनी image धुंधला जाएगी और बच्चों को आगे बढता देख कर उसमे भी कॉम्पलेक्स आ जाएगा और वो stress  मे आ जाएगा..

फिर सोचना चाहिए हम बच्चे में अपनी खासियत होती है… अपनी खूबी होती है कोई मैथस में अच्छा है तो कोई लिखता बहुत अच्छा है किसी को आज की टेकनोलोजी से बहुत लगाव है और उस काम में वो बहुत इंटस्स्ट लेता है…

तो क्या करना चाहिए कि बच्चे को डिक्टेट करने की बजाय उनका पैशन खोजिए वो किस बात मे अच्छे है उनकी क्या ताकत है

और उस मामले में लाईट हाउस बन जाईए.. जो हमेशा guide करता है… रास्ता दिखाता है.. वो जिस दिशा मे जा रहे हैं वो क्या उसके लिए सही है या नही.. वो शेयर कीजिए वो डिसकस कीजिए..

बच्चे में आत्मविश्वास जगाईए उन्हे motivate करिए.. मान लीजिए एक ही बच्चा है और वो बोलता है कि वो navy मे जाना चाहता है तो घर में तनाव का माहौल बन जाता है कि एक ही तो बेटा है कुछ हो गया तो… और पूरी तरह से इमोशनली बलैक मेल कर दिया जाता है.. …

प्रोफेशनल हैल्प लेनी चाहिए… जो लोग इस फील्ड से जुडे हैं उनसे बात करके और पूरे पहलूओ से रुबरु होना चाहिए

और वैसे भी ना आज समय जितनी तेजी से बदल रहा है पता ही नही है कि आगे आने वाले साल में टेकनोलोजी हमे कहा लेकर जाएगी… या आज जो जॉब है कल वो होगी या नही.. आज भी हम देख रहे हैं कि नई नई तरह की जोब आ रही है..

तो बच्चे पर प्रैशर डालने की बजाय ये पूछिए कि वो किस तरह से समाज में contribute  करना चाहता है.. आपके पास सारी सम्भावनाए हैं… फिर उसी दिशा में सार्थक प्रयास करने होगें…

Role of Parents in Career Choice

April 1, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Share Your Thoughts and Feelings – 1 – मुझे कुछ कहना है आपसे – Monica Gupta – Episode 1

Share Your Thoughts and Feelings - 1

Share Your Thoughts and Feelings – 1 – मुझे कुछ कहना है आपसे – Monica Gupta – Episode 1 – आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद कि आप मेरी बनाई वीडियोज यू टयूब पर  देख भी रहें हैंं और पसंद भी कर रहे हैं  और समय समय पर अपने विचार अपनी भावनाएं भी जता रहे हैं .. आज मैं लेकर आई हूं आपके हीी कुछ लिखे कमेंटस.. ये Episode 1 है

Share Your Thoughts and Feelings – 1 – मुझे कुछ कहना है आपसे

 

 

Share Your Thoughts and Feelings – 1

 

 

आप भी अपने विचार लिखते रहिए… आपके कमेंंटस का मुझे इंतजार रहेगा .. जाते जाते एक जरुरी बात कि सबको खुश रखना तो हमारे हाथ में नही पर किसी को दुखी न करें ये तो हमारे हाथ में है… तो कोशिश कीजिए आप किसी को दुखी या परेशान न करें

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