Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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April 13, 2013 By Monica Gupta Leave a Comment

ISBTI Blood Donation Camp

ISBTI

ISBTI

ISBTI Blood Donation Camp

आज चंडीगढ के सैक्टर 31 ए मे CII (Confederation of Indian Industry)और ISBTI (Indian Society Of Blood Transfusion & Immunohaematology) के सौजन्य से एक रक्तदान कैम्प का आयोजन किया गया.

श्री राजवेंद्र सिह ने बताया कि हैल्थ और महिला सशक्तिकरण को लेकर लगातार सेमिनार आदि का आयोजन होता रहता है. रक्तदान के प्रति भी लोगो मे जागरुकता बढती जा रही है.

स्नेह ने पहली बार  रक्तदान किया. उनकी सबसे अच्छी बात यह लगी कि वो कम वजन होने के कारण रक्तदान नही कर पा रही थी पर आज उनकी मेहनत रंग लाई और वो  बहुत खुश होकर रक्तदान कर रही थी.

वही सतपाल सिह जी से मुलाकात हुई. उनका बचपन मे एक हाथ कट गया था. पर रक्तदान के प्रति उनका लगातार रुझान रहा और जब भी जरुरत पडी उन्होने रक्तदान जरुर किया.सुरेंद्र पाल कभी भी नियमित नही है पर अब वो नियमित रुप से स्वैच्छिक रक्तदान किया करेंगॆ. इस अवसर पर Sh. Jayant Darar चैयरमैन CII Northen Region भी मौजूद थे.

 ISBTI Blood donation camp

  

 

April 6, 2013 By Monica Gupta Leave a Comment

Thoughts

Thoughts 

अक्सर विचार हमारी जिंदगी को प्रभावित करते हैं अगर वो अच्छे हों तो और भी बेहतर. गूगल सर्च मे मैनें कुछ अच्छे विचारों को संकलित किया ….

अगर हम रिजल्ट पर ही फोकस रखेंगे तो बदलाव नही आएगा
पर
अगर हम बदलाव पर फोकस रखॆग़ें तो रिजल्ट जरुर आएगा !!! 🙂

 

अति आवश्यक जानकारी …(कृप्या ध्यान दें)

जो लोग हमारे उत्साह को कम करने मे जुटे हुए हैं उनसे बच कर रहें क्योकि ऐसे लोग ना तो खुद कुछ बन सकते हैं और ना किसी को कुछ बनते देख कर खुश होते हैं!!!
आगे आप खुद समझदार है !!!
सूचना समाप्त हुई 🙂

 

हम लोग भी अजीब ही है प्रयासो की बजाय परिणाम देख कर शाबाशी देते हैं अगर प्रयास के दौरान मनोबल बढाएगें तो सफलता का लेवल ही अलग होगा !!!

तो क्या सोचा 🙂

 अभी कही पढी ये खूबसूरत पक्तियां …..

परिंदो ने कभी रोका नही रास्ता परिंदों का
खुदा दुनिया को चिडिया घर बना देता तो अच्छा था 🙂

 

 खूब ही सूरत बात ….
इस तरह से बोलना चाहिए कि लोग सुनना पसंद करें और इस तरह से सुनना चाहिए कि लोग हमसे बात करना पसंद करॆं ….!!!

तो क्या सोचा !!! 🙂

 वैसे आप माने या ना माने पर उपहार देने का तरीका उपहार से भी ज्यादा मूल्यवान होता है 

 यह बात मायने नही रखती कि आप जिंदगी मे किस रफ्तार से सफर कर रहे हैं असल में, बात ये मायने रखती है कि कि आप किस दिशा मे सफर कर रहे हैं !!! 

 कृप्या ध्यान दें …

उनका विश्वास ना करें जिनकी FEELINGS वक्त के साथ बदल जाए … विश्वास उनका करें जिनकी FEELINGS वैसी रहें जब हमारा वक्त बदल जाएंं

 

…… बडा बनने के लिए लोग अक्सर छोटे हो जाते हैं 

 

Thoughts कैसे लगे जरुर बताईएगा…

Thoughts photo

Photo by symphony of love

April 4, 2013 By Monica Gupta Leave a Comment

रक्तदान महादान – क्या आप भी सूईं से डरते हैं

रक्तदान महादान - क्या आप भी सूईं से डरते हैं

रक्तदान महादान है फिर भी बहुत लोग स्वैच्छिक रक्तदान करते हुए कतराते हैं और बहाना होता है कि सूई से डर लगता है. कितना अजीब लगता है कि आदमी को सूई से डर लगता है … अगर आपकी भी यही सोच है तो इस लेख को पूरा पढिए … हीमोफीलिया और थैलीसीमिया के मरीजो का संंदेश सुनिए और फिर अपनी राय बनाईगा …

रक्तदान महादान – क्या आप भी सूईं से डरते हैं

14 June World blood donors day होता है रक्तदान महादान है फिर भी  ना जाने क्यो आम जनता मे स्वैच्छिक रक्तदान के प्रति  जागरुकता उतनी नही है जितनी होनी चाहिए.कोई कहता है कि सूई से डर  लगता है तो कोई कहता है कि हमे किसी ने कहा ही नही तो कोई कहता है इसे करने से कमजोरी आ जाती है.

ISBTI संस्था दिन रात इसी प्रयास मे जुटी है कि लोगो मे रक्तदान के प्रति जागरुकता आए इसी सिलसिले में मैनें  कुछ ऐसे मरीजों से बात की जिन्हें नियमित रुप से  रक्त की जरुरत पडती रहती है. आईए जाने उनके विचार….!!!

रक्तदान महादान - क्या आप भी सूईं से डरते हैं

रक्तदान महादान – क्या आप भी सूईं से डरते हैं

 

हीमोफेलिया एक ऐसी बीमारी है जिसमे एक बार अगर कट लग जाए तो रक्तस्राव शुरु हो जाता है जो कई सप्ताह  तक चलता ही रहता  या अंदरुनी रक्तस्राव  एक बार शुरु हो जाए तो लगातार रक्तस्राव होता रहता  बहता रहता है. जम्मू मे रहने वाले हीमोफीलिया से पीडित  जगदीश कुमार जी ने ऐसे बहुत पीडित बच्चो को गोद ले रखा है और उनका इलाज अपने पैसे से करवाते हैं, उन्होनें रक्तदाताओ को अपना संदेश कुछ इस तरह दिया……

रक्तदान महादान  पर संदेश 

रक्त का कोई विकल्प नही. हम सभी आपकी दया के भिखारी हैं. रक्तदान कुम्भ के शाही स्नान से भी ज्यादा कीमती है क्योकि कुम्भ का स्नान सिर्फ अंतरात्मा को पवित्र करता है जबकि रक्तदान अंतरात्मा के साथ साथ दूसरे के जीवन को भी पवित्र करता है.

हमारे जीवन को चलाने के लिए आप सभी के सहयोग की आवश्यकता है. अगर आज मैं संदेश भेजने के काबिल हूं तो उसके पीछे 248 लोगो का रक्त मेरे शरीर मे दौड रहा है.

यू तो वर्ष चलते चलते रुक जाते है आपका रक्त मिला तो दौड लगाते हैं. कुदरत की देन कहे या करिश्मा बस आपके सहयोग से जीवन चलाते है.

पूना निवासी, थैलीसीमिया की मरीज, संगीता वधवा थैलीसीमिया के क्षेत्र मे  Face, Fight & Finish को लेकर  अभूतपूर्व काम कर रही हैं फिर भी उनका संदेश सभी रक्तदाताओ के लिए:

रक्तदान महादान पर संदेश

दो तरह के लोग होते हैं. पहले तो वो जो रक्त दान नही करते और दूसरे वो जो रक्तदान तो करते हैं पर उनका रक्त रिजेक्ट हो जाता है. दोनो के लिए यह सोचने की बात है. जो नही दे रहे हैं उनके बारे मे और जो रिजेक्ट हो रहे हैं उन्हे भी बहुत सोचने की आवश्यकता है. दुर्भाग्य की बात है कि आज की तारीख मे जितने लोग रक्तदान करते हैं उनसे चार गुणा हमे ज्यादा चाहिए. मंदिर मे हम दान करके आते हैं तो हमे पता नही चलता कि हमारा रुपया कहां जाता है किसके काम आता है पर रक्तदान महादान है रक्तदान देंगे तो एक साथ चार जिंदगी बचाएगें. प्लीज, स्वैच्छिक रक्तदान कीजिए और हमारी जिंदगी बचाईए.

जब ये लोग बीमारी के बावजूद ना सिर्फ  इससे लड रहे हैं बल्कि  दूसरो को भी जागरुक कर रहे हैं तो हम क्या इतना सहयोग भी नही दे सकते कि रक्तदान के प्रति जागरुक हो और दूसरो को भी इसकी महत्ता से अवगत करवाए.

मेरे ख्याल मे अब तो आप यह नही कहेंगे कि आपको सूई से डर लगता है और अब आपको लगने लगा होगा कि रक्तदान महादान  है.

रक्तदान का महत्व – आईए नया जीवन दें – Monica Gupta

रक्तदान करना मानो किसी को नया जन्म देना पहले समय में जब हमें रक्तदान का महत्व नही पता था और जब जानवरों का खून इंसानों में चढाया जाता था तब अलग बात थी पर आज read more at monicagupta.info

जय रक्तदाता – रक्तदान का महत्व – Monica Gupta

जय रक्तदाता – रक्तदान का महत्व समझते हुए हमें न सिर्फ रक्तदान blood donate करना चाहिए बल्कि स्वैच्छिक रक्तदान जैसे रक्तदान महादान के लिए लोगो को प्रेरित जय रक्तदाता – रक्तदान का महत्व – Monica Gupta

 

 

 

April 4, 2013 By Monica Gupta Leave a Comment

Success story of Blood donor

Blood donor Rajinder Saini

राजेंद्र सैनी और उनका न्यू पिंच …Success story of Blood donor…!!!  

 

हरियाणा के जिला  कुरुक्षेत्र में रक्तदान से सम्बंधित एक कार्यक्रम चल रहा था. स्टेज पर जो भी वक्ता आ रहे थे सभी राजेंद्र सैनी का धन्यवाद और आभार प्रकट कर रहे थे कि आज रक्तदान के क्षेत्र मे रक्तदाता या कैम्प आयोजक या प्रेरक वो जो भी कुछ  है  सब राजेंद सैनी जी  की वजह से हैं.सभी के मुंह से यह बात सुनकर एक उत्सुकता सी बनी हुई थी कि आखिर सैनी जी है कौन  क़िस तरह का काम कर रहे हैं.खैर मीटिंग खत्म हुई और मुझे मौका मिला सैनी साहब से बात करने का ….Success story of Blood donor.

1 जून 1962 को पुंडरी मे जन्मे राजेंद्र सैनी आज पूरी तरह से रक्तदान के प्रति समर्पित है. इतना ही नही इनके  परिवार  परिवार म्रे बेटा और बेटी भी रक्तदाता है. मेरे पूछ्ने पर कि रक्तदान के प्रति ऐसी प्रेरणा कब आईतो उन्होने बताया सन 1998 मे रक्तदान मे मीटिंग के दौरान  एक बार उन्होने श्री युद्दबीर सिह ख्यालिया को सुना और रक्तदान के बारे मे उनकी बाते सुनकर उनकी सोच बदली और उन्होने मन ही मन प्रण किया कि वो भी रक्तदान करेंगें. बाकि तो सब ठीक था बस एक ही जरा सी अडचन थी कि उन्हे सूई से डरलगता था. हालाकिं वो बच्चो या बडो को रक्तदान के प्रति जागरुक करते रहते थे कि सूई से जरा भी डर नही लगता पर खुद सूई फोबिया से बाहर नही निकल पा रहे थे.
एक दिन एक कैम्प के दौरान मन बना पर फिर डर गए और सोचा कि किसी लैब मे ही जाकर चुपचाप रक्तदान करके आउगा क्योकि अगर यहां  रक्तदान कैम्प मे वो रक्तदान करते समय डर के मारे चिल्ला पडे तो दूसरे लोग उनके बारे मे क्या सोचेगें पर शायद उस दिन ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था. डाक्टर ने उनकी भावनाओ को समझा और उन्हे बातो मे लगा कर उन्हे लिटाया और  सूई लगा दी. जब रक्तदान करके वो उठे  तो नई स्फूर्ति का उनके अंदर संचार हो रहा था, उस समय का अनुभव बताया कि दर्द तो महज इतना ही हुआ जितना  कोई नई कमीज पहनता है और उसके दोस्त उसे न्यू पिंच बोलते. 

 दूसरे शब्दो मे यह न्यू पिंच ही था जिसने एक नई दिशा दी और वो और भी ज्यादा विश्वास से भर कर लोगो को रक्तदान के प्रति जागरुक करने मे जुट गए. तब का दिन है और आज का दिन है. आज सैनी जी 49 बार रक्तदान कर चुके हैं और न्यू पिंच से प्यार हो गया है. उन्होने बताया कि रक्तदान मे अर्धशतक तो लग चुका है पर  बस अब वो  शतक लगना चाहते हैं. उन्होने बताया कि लोगो को प्रेरित करना और वो प्रेरित हुए  लोग  आगे लोगो को प्रेरित करके मुहिम जारी रखे तो एक सकून सा मिलता है. बहुत अच्छा लगता है. जब  एक दीए से दूसरा दीया जगमग करता है तो दिल को खुशी मिलती है जिसका बयान शब्दो मे नही किया जा सकता. अपनी बिटिया श्वेता के बारे मे उन्होने बताया कि जब उनकी बिटिया पहली बार रक्तदान के लिए गई तो डाक्टर ने बोला कि वजन कम है  वो रक्तदान कर  नही पाएगी. इस पर वो काफी मायूस हो गए पर आधे धटे बाद जब देखा तो वो रक्तदान करके बाहर आ रही थी इस पर जब उन्होने हैरानी जाहिर की तो श्वेता ने बताया कि उसने 5-6 केले खा लिए थे और रक्तदान कर के आई है. उसके चेहरे से जो खुशी झलक  रही थी वो आज भी भुलाए नही भूलती.

मैने जब उनसे पूछा कि कार्यक्रम के दौरान जब सभी उनका नाम ले कर सम्बोधित कर रहे थे तो वो कैसा महसूस कर रहे थे इस पर वो बोले कि खुशी तो हो रही थी एक नया संचार सा शरीर मे भर  रहा था पर दूसरी तरफ अच्छा भी नही लग रहा था. कारण पूछ्ने पर उन्होने बताया कि कही दर्शक यह ना सोचे कि मैंने  हीउन्हे कहा है कि  मेरे बारे मे भी जरुर कहना. उनकी बात सुनकर मै मंद मंद मुस्कुरा उठी क्योकि मैने खुद सुना कि लोग पीठ पीछे भी उनकी तारीफ कर रहे थे. आखिर नेक काम की अच्छाई तो छुपाए नही छिप सकती.

आज रक्तदान के क्षेत्र मे राजेंद् सैनी अपनी अलग पहचान बना चुके हैं. पीजीआई रोहतक से उन्हे कैम्प आयोजक रुप मे दो बार सम्मान मिल चुका है और फस्ट एड ट्रैनर यानि प्राथमिक चिकित्सक ट्रैनर  व रक्तदाता के रुप मे वो महा महिम बाबू परमानंद, डाक्टर किदवई और श्री धनिक लाल मंडल से सम्मानित हो चुके है. राजेंद्र सैनी  दिन रात इसी उधेड बुन मे रहते है  कि किस तरहलोगो को जागरुक करे और उन्हे मोटिवेटर बनाए ताकि वो इसका संदेश आगे औरआगे फैलाते रहें. भले ही राजेंद्र सैनी आज 52 साल के हो चुके हैं पर खुद को वो नौजवान ही मानते है उनका कहना है कि रक्तदाता कभी बूढा नही होता वो हमेशा जवान ही बना रहता है.उनकी भाषा मे ‘ तो आप न्यू पिंच कब करवा रहे हैं”  !!!!

हमारी ढेर सारी शुभकामनाएं !!

Success story of Blood donor … कैसी लगी !!! हमें जरुर बताईएगा !!!!!

 

April 4, 2013 By Monica Gupta Leave a Comment

छोटी बाल कहानी – दीदी की चिठ्ठी

छोटी बाल कहानी - दीदी की चिठ्ठी

छोटी बाल कहानी- कहानी  हमेशा प्रेरित करती हैं और हमेशा कुछ नया सीखाती हैं. दैनिक नवज्योति से प्रकाशित दीदी की चिठ्ठी हर रविवार प्रकाशित होती थी  जिसमे छोटी कहानियों के माध्यम से मैं बच्चों को समझाया करती थी…

छोटी बाल कहानी – दीदी की चिठ्ठी

छोटी बाल कहानी - दीदी की चिठ्ठी

छोटी बाल कहानी – दीदी की चिठ्ठी

दैनिक नवज्योति, जयपुर से प्रकाशित रविवारीय में दीदी की चिठ्ठी !!!

April 4, 2013 By Monica Gupta Leave a Comment

आईएसबीटीआई द्वारा आयोजित कांफ्रेस

आईएसबीटीआई द्वारा आयोजित कांफ्रेस

आज हरियाणा के कुरुक्षेत्र के KITM  कुरुक्षेत्र इंस्टीयूट आफ टेक्नोलोजी मैनेजेंमैंट मे आईएसबीटीआई और एनएसएस के सौजन्य से  रक्तदाता और प्रेरको के लिए  कांफ्रेस का आयोजन किया गया.

Kitm- blood donation -isbti

 

इस कार्यक्रम  के मुख्य अतिथि रहे  डाक्टर  युद्द्बीर सिह ख्यालिया. छात्र छात्राओ ने बढ चढ कर हिस्सा लिया और रक्तदान की उपयोगिता को समझा और सराहा. स्पेशल थैक्स संगीता वधवाSangeeta Wadhwa और जगदीश कुमार Jagdish Sharma ji को. मेरी स्पीच में आप दोनो के संदेश और अपील ने सभी को झंकोर के रख दिया और बहुत कुछ् सोचने पर मजबूर कर दिया.

 

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