Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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March 31, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

how to keep your mind sharp – दिमाग तेज कैसे करें – किसी भी उम्र में mind sharp कैसे करें

How to Keep your Mind Sharp

how to keep your mind sharp – दिमाग तेज कैसे करें – किसी भी उम्र में mind sharp कैसे करें – #HealthyLifestyleTipsInHindi – Monica Gupta – http://https://www.youtube.com/@MonicaGupta/ – Motivational Videos in Hindi – किसी भी उम्र में MIND  को SHARP कैसे रखें – कल  एक सहेली घर आई हुई थी. हम आराम से बातें कर रहे थे तभी वो एकदम से उठ कर भागी कि  अरे बाप रे.. मैं घर जा रही हूं शायद गैस बंद करना भूल गई…  ये अक्सर होता है.. ख्याल ही नही रहता… कई बार हमने किसी को मार्किट मे देखा और याद ही नही आता कि वो है कौन.. बात भी की है उससे बहुत बार… फिर डांट भी पडती है कि क्या होता जा रहा है याद ही नही रहता … तो क्या करें कि MIND SHARP  रहे और हमें न भूले..

how to keep your mind sharp – दिमाग तेज कैसे करें – किसी भी उम्र में mind sharp कैसे करें

पहली बात तो ये है कि खुद पर विश्वास रखे..

हम खुद ही कल्पना कर लेते हैं कि हमें तो याद ही नही रहता… खुद ही नेगेटिव बना लेते हैं खुद को खुद ही अंडर एटीमेट कर लेते हैं तो कैसे बात बनेगी… खुद पर विश्वास कीजिए कि नही मैं नही भूलूगी…

 

फिर बात आती है Exercise की…

नियमित रुप से brisk 30-minute घूमना चाहिए .. जैसा आप चाहे जरुरत है कि शरीर में रक्त संचार सही रहे.. अगर रक्त संचार ठीक रहेगा तो दिमाग भी सही से काम करेगा…

कुछ न कुछ नया सीखते रहिए…

खाने में कुछ नई चीज है नई रेसीपी है या नई भाषा है.. कोई नया वादय है इसे सीखते रहिए… इसे सीखने से ये फायदा होगा कि दिमाग की एकसराईज होगी और यही तो हमें चाहिए कि दिमाग की कसरत हो

गेम्स खेल कर भी ब्रेन शार्प रख सकते हैं… इसमें हम वीडियो गेम्स, crossword puzzles या ब्रेन गेम चैस, बहुत सारी चीजे हैं जिसे खेल कर हम अपने ब्रेन को शार्प कर सकते हैं…

जैसा कि हम घडी उल्टी पहन लीजिए फिर समय देखिए कि क्या हुआ है या जब 8 बजकर 20 मिनट होंगे तो सूई कहा कहां होगी…

या हम टूथ ब्रुश अक्सर सीधे हाथ से करते है तो उल्टे हाथ से कीजिए… देखिए कैसे करते है.. कुछ उल्टी पुल्टी चीजे करिए खुद के ब्रेन को एक्टिवेट करने के लिए..

उल्टे हाथ से लिखिए

तनाव नही रखें खुश रहिए क्योकि अगर हम चिंता मे रहेंगें तो दिमाग पर स्ट्र्स होगा. हमारा रक्तचाप बढेगा सोचने की शक्ति कम होती जाएगी brain.

Challenge दीजिए अपनी memory को

सोचिए और याद कीजिए… कि आपके फलां रिश्तेदार की शादी कब हुई थी आपकी सहेली का जन्मदिन कब है.. इसे जहन में रखिए.. मान लीजिए मुझे याद नही और मैं अपनी फैमली में पूछ लेती हूं और मुझे पता चल जाता है जबकि खुद को चैलेंज किजिए.. याद करने की कोशिश कीजिए.. दिमाग पर जोर डालिए..

Short- and Long-Term Memory को याद कीजिए.. जैसाकि पिछ्ले साल फरवरी में क्या हुआ था और कल मैंनें क्या खाया था.. कल किस से फोन पर बात हुई थी.. कुछ भी पर इस तरह की बातें याद कीजिए.. किसी भी तरह से ब्रेन पर जोर डालना है.

Senses का इस्तेमाल कीजिए.. एक स्टडी में ये बताया गया कि कुछ लोगो को अलग अलग फोटोज दिखाई और हर फोटो के साथ कोई न कोई smell थी.. कोई खूश्बू तो कोई अलग तरह की महक.. ऐसी महक जिससे हम परिचित हों… फिर बाद में उन्हे सिर्फ smell सुंधाई गई और पूछा गया कि इस smell के साथ कौन सी तस्वीर देखी थी… कुछ अलग अलग चैलेंज हैं जिनसे ब्रेन शार्प किया जा सकता है…

अच्छी आदते अपना कर भी ब्रेन शार्प रखा जा सकता है..

good habits नशे से दूर कर भी ब्रेन को शार्प रखा जा सकता है. सिग्रेट या शराब का नशा की दिमाग को सुस्त कर देता है तो अगर इनकी आदत है तो इससे दूर रहना चाहिए

अच्छी नींद भी ब्रेन को शार्प बनाती है…

अच्छी नींद भी बहुत जरुरी होती है नींद पूरी न होना सारा दिन थकावट रहना भी दिमाग को

सोशली एक्टिव रहना भी ब्रेन को शार्प बनाता है.. हम लोगो से मिलेगें जुलेगें तो ब्रेन एक्टिवेट होता है वही अपने आप मे ही रहेगें चुपचाप रहेंगें तो ब्रेन मे हलचल नही होगी…

बार बार किसी बात को दोहराना भी ब्रेन शार्प बनाता है

जैसा कि हम कोई सीरियल देखते हैं उसके म्यूजिक से पता चल जाता है कि कौन सा सीरियल है.. न्यूज चैनल का म्यूजिक है… बार बार देखएगें या सुनेगें तो भी बहुत फर्क पडता है और लम्बे समय तक बात याद रहती है..

लिखने की आदत भी इसमे बहुत मददगार होती है… हम किसी बात को लिख लेते हैं फिर उसके बहुत कम चांस होते हैं भूलने को या फिर बोल कर भी किसी चीज को याद किया जा सकता है.. Keeping your mind active by reading, writing or doing helps boost brain health as well.

और फिर बात आती है

अच्छी डाईट की.. खाना अच्छा ताजा हरी सब्जी, फल दाके फाईबर लेगें तो ब्रेन शार्प रहेगा वही तला भुन आहुर फैटी खाना बहुत नुकसान देता है..

Monitor your self talk. खुद को Monitor करते रहिए.. जहां लगे कि हमसे नही होगा या हम भूलते जा रहे हैं इस नेगेटिव विचार को हटा दीजिए positive  सोचिए और किसी क्रिएटिव काम में खुद को बिजी कर लीजिए…

और अगर फिर भी लग रहा है कि कोई फर्क नही हो रहा फिर जरुर Treatment करवाना चाहिए

how to keep your mind sharp – दिमाग तेज कैसे करें – किसी भी उम्र में mind sharp कैसे करें

March 30, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Make Time for Yourself as a Parent – Smart Parents कैसे बनें – खुद के लिए समय निकालें

Make Time for Yourself as a Parent

Make Time for Yourself as a Parent – Smart Parents कैसे बनें – खुद के लिए समय निकालें – Parents smart कैसे बनें  इसके लिए points तो बहुत सारे हैं पर मैंं आज एक ही point ले रही हूं और वो है कि Smart Parents  बनने के लिए जरुरी है कि अपने लिए समय निकाले..

Make Time for Yourself as a Parent – Smart Parents कैसे बनें – खुद के लिए समय निकालें

अपनी बात कहने से पहले मैं आपको कल का एक उदाहरण बताती हूं बहुत दिनों बाद एक सहेली मार्किट मे मिली… मैंने पूछा कि कहां हो आजकल तो वो बोली दो महीने से बच्चों के साथ busy हूं पहले एक बेटे के final exams थे अगले महीने से दूसरे के हैं बस उन्ही के साथ बिजी हूंं और कहती हुई चली गई पर मैंने उसको ध्यान से देखा कि वो बहुत ज्यादा strsss  मे लग रही थी मानो उसी के exams  हो….. ये बात सिर्फ एक माता पिता की नही है..

 

हम मे से बहुत ऐसे हैं… बहुत ख्याल रखते हैं बच्चों का और रखना भी चाहिए पर अपना ध्यान रखना भी तो बहुत जरुरी है… पर अपने लिए समय… उसका क्या ??

देखिए, दिन भर कभी न खत्म होने वाले काम चलते ही रहते है.. पहले सुबह बच्चों को ऊठाओ फिर खाना फिर स्कूल भेजो फिर लंच की तैयारी फिर बच्चे जब लौट कर आए तो उनका होमवर्क, उनको समय देना और जब एग्जाम चल रहे हो या शुरु होने वाले हो फिर टयूशन लेकर जाना.. सारा समय टाईम बाउंड  होता है.. घर में दो बच्चे है तो काम दुगुना और अगर कोई छोटा बच्चा है फिर तो दिन रात एक बराबर होते हैं.. घर का काम तो खत्म होने को आता ही नही…

तो इसी कभी ना खत्म होने वाले समय मे से समय निकालना चाहिए… वो इसलिए कि खुद ही चेयर्फुल्ल नही होंगें तो बच्चों का ख्याल कैसे रहेंगें. खुद ही सारा दिन स्ट्रेस में रहेंगें तो बच्चों को भी वही देंगें

तो कैसे समय निकाले इसके लिए सबसे पहले होना चाहिए..

मी टाईम… मेरे लिए समय.. I – My – Me

हम पेरेंट्स के मन मे हमेशा एक बात रहती है कि हमें अच्छे पेरेंट्स  बनना है और बच्चा जब भी कोई डिमांड करे उसी समय पूरा करना है जबकि न कहना सीखना होगा..

मान लीजिए एक मम्मी बहुत थकी हुई है आराम कर रही है छोटा बेटा बोलता है खेलो मेरे साथ तो तुरंत उठ गई कि बच्चे को नाराज नही करना.. या मार्किट से ये सामान ले कर आओ.. बच्चा ये नही देख रहा कि घर के काम करके मम्मी भी थक गई है.. या पापा सुबह के आफिस गए हुए देर शाम घर आते है तो बच्चे जिद पकड लेते है कि मार्किट चलो किताब लेनी है… तो ऐसे में आप नही कहना सीखिए.. अभी नही थोडी देर में चलेगें या कल चलेंगें… ऐसे अपनी बात रखिए..

अपने आपको सोशल रखिए..

अक्सर पेरेंट्स बच्चों के साथ इतने इन्वोल्व हो जाते हैं कि सोशली एक्टिव नही रह पाते.. बाहर आना  जाना दोस्तों से मिलना जुलना सब बंद.. तो आप समय निकालिए जो भी समय मिलता है आधा घंटा या बीस मिनट, खबरे भी देखिए, अखबार भी पढिए और आस पडोस से भी जुडे रहिए भले ही फोन के या वटसअप के जरिए…

वो समय सिर्फ आपका समय हो..

जैसाकि आपने योगा करनी है अपनी पसंद का गाना सुनना है, कुछ समय लगा कर नहाना है या नींद लेनी है..  कुछ भी ऐसा करना है जो आपको शांति दे ताकि दिन भर के लिए आप चार्ज हो जाएं रि फ्रेश हो जाएं..

हमें सभी बनाना चाहते हैं रोल मॉडल ..

वो कैसे बनेंगें थके थके , चिडचिडे पेरेंट्स रोल मॉडल कभी नही बन सकते.. कभी कही दर्द कभी कोई दिक्कत.. अगर अपने लिए समय निकालेगें तो ये चीजे फेस नही करनी पडेगी…

कब करना है ये आपके उपर है या तो आप सुबह सवेरे कर सकते हैं या दिन में जब बच्चे स्कूल जाए या रात को जब बच्चे सो जाएं.. कभी भी समय निकालना है पर निकालना जरुर है..

इसी के साथ साथ अपना ध्यान भी रखना है कैसे रखना है ये मैं अगली वीडियो में बताऊंगी.. वैसे इसले इलावा भी पेरेंटिंग पर वीडियोज बनाई हुई हैं उनकी प्ले लिस्ट का लिंक नीचे दिया हुआ है वो भी जरुर देखिएगा…

Make Time for Yourself as a Parent – Smart Parents कैसे बनें – खुद के लिए समय निकालें

March 29, 2018 By Monica Gupta 1 Comment

If someone Hurts You – कोई दिल दुखाए तो क्या करें – What to Do when someone Hurts You

If someone Hurts You

If someone Hurts You – कोई दिल दुखाए तो क्या करें – What to Do when someone Hurts You – क्या करें जब कोई हमारा दिल दुखाए –  अपने आप को कैसे सुधारें – कल एक जानकार घर आई हुई थीं और बहुत परेशान थी कि वो joint family मे रहते हैं और सास जरा भी अच्छी नही है बात बात पर नुक्स निकालती है… वो लोग सही हैं जिनकी single family होती है.. मेरा ये मानना है कि चाहे सिंगल फैमली हो या ज्वाईट फैमली… ये अपनी नेचर पर है कि हम चीजो को कैसे देखते हैं मैंने उससे पूछा तो क्या जो लोग single  रहते हैं उनकी तो कभी लडाई होती ही नही होगी… वो बोली कि नही होती तो उनकी भी है… दूसरे पर blame लगाना बहुत आसान होता है…

If someone Hurts You – कोई दिल दुखाए तो क्या करें –

तो ये अपनी adjustment पर है… हमारे नजरिए पर है…

मैंने उससे कुछ बातें share की वही आपसे भी कर रही हूं

 

सबसे पहले तो समझदारी से काम लेना चाहिए…

बात करते करते मैं उठी और मैने पंखा बंद कर दिया तो वो बोली अरे .. आपने पंखा बंद किसलिए कर दिया बहुत गरमी है… मैंने कहा कि हमारे पास दो ऑप्शन है पहली तो ये कि चलो चलो गरमी को कोसते है उसे दोष देते है.. बहुत गंदी है पता नही किसलिए आई है तू या फिर हम पंखा चला लेते हैं यानि adjust कर लेते हैं कि गर्मी तो है पर उसे कोस कर कोई फायदा नही होगा चलो पंखा चला कर गर्मी कम कर लेते हैं… क्या करना चाहिए.. वो बोली की पंखा ही चला लेना चाहिए यानि कि हमने adjust कर दिया… तो हमारी प्रोब्लम भी solve हो गई … तो इसे दूसरी भाषा में बोलते हैं समझदारी…तो समझदारी से काम लेना चाहिए…

अलग अलग nature होती है..

फिर ये सोचना है कि दुनिया में सभी लोग अलग अलग नेचर के हैं जो जिसके पास होता है वो वही देता है… एक परिवार के बच्चों के भी अलग स्वभाव होते हैं.. मैंने उदाहरण दिया कि

एक आदमी एक जगह नया नया घर लिया.. सुबह सुबह उसके पडोसी घर के आगे कूडा डाल गए.. उसने देख लिया…  अगले दिन वो अपने पडोसी के घर गया पडोसी ने बाहर झांका और सोचा कि ये जरुर लडने आया होगा… उन्होने उसी सोच से दरवाजा खोला तो वो आदमी हाथ में फल लिए खडा था… उसने बोला मेरे बाग में ये फल लगे थे तो सोचा ये आपके लिए…… उन्हें इतनी शर्म आई और उनकी सोच बदल गई…  तो नेचर अलग अलग होती है पर हम उसे किस ढंग से लेते हैं ये हमारे ऊपर है..

हमेशा situation परिस्थिति का सामना करने के लिए खुद को तैयार रखें- सामना करने का मतलब

कैसे कि बात बढाए नही..

जैसा सास ने या ननद ने कहा कि भाभी तुम तो जरा भी सुंदर नही.. तो बहू बोलेगी अपना पल्लू खोस कर और आक्रमक होते हुए और तू क्या हूर की परी समझती है.. खुद को देख तेरी नाक कितनी मोटी है… यानि जो ननद ने कहा बहू ने मान लिया और उसी हिसाब से फिर क्या होगा कि बात बढेगी… तो ऐसे prepare करना है कि react नही करना.. eassy …

REmote नही बनना कि किसी ने गुस्सा दिलाया तो हमे गुस्सा आ गया.. बहस नही करनी .. रिएक्ट नही करना… या तो विषय बदल दीजिए या चुपचाप वहां खडे रहिए वहा से चले जाईए..

खुद को मजबूत बनाना है… अपनी सहन शक्ति बनाने रखनी है… कई बार situation को स्वीकार कर लेना चाहिए और ये सोचना चाहिए कि समय सदा एक सा नही रहता.. समय जरुर बदलेगा.. अगर हम धैर्य से काम लेंगें तो एक न एक दिन सब ठीक हो जाएगा…

कभी give up नही करना… और पता है एक अच्छी बात क्या हुई जो मेरी जानकार घर आई हुई थी उसने बोला कि वो भी हार नही मानेगी और अब सामना करेगी… खुद भी बदलाव लाएगी… !!

मुझे क्या…
तुम्हे क्या…
हमें क्या…
यही करते करते बस रिश्ते
खत्म हो जाते हैं

If someone Hurts You – कोई दिल दुखाए तो क्या करें – What to Do when someone Hurts You

March 27, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

How to Keep Kids Busy in Vacations – बच्चों को छुट्टियों में व्यस्त कैसे रखें

How to Keep Kids Busy in Vacations

How to Keep Kids Busy in Vacations – बच्चों को छुट्टियों में व्यस्त कैसे रखें – Parenting Videos in Hindi – टन टन टन जब स्कूल की छुट्टी होती है तो घंटी की आवाज बहुत ही प्यारी लगती है कि भागो घर… और जब पता चले कि हमारी छुट्टियांं दस दिन बीस दिन या महीने से ज्यादा की हैं फिर तो बच्चों का खुशी का कोई ठिकाना नही रहता…

How to Keep Kids Busy in Vacations – बच्चों को छुट्टियों में व्यस्त कैसे रखें

बहुत बच्चों की छुट्टियांं शुरु हो गई हैं और parents  के सामने एक बहुत बडी समस्या की क्या करे.. क्योकि बच्चे बहुत जल्दी बोर हो जाते हैं क्या करें और ऐसे मे वो जब बार बार parents से पूछ्ते हैं तो उनको भी गुस्सा आ जाता है.. तो गुस्से को रखिए एक तरफ और सुनिए कि आप Kids को holidays में busy कैसे रख सकते हैं बच्चे क्या करें कि entertain भी हों और creative भी बनें..

पहली बात तो ये कि छुट्टियों को याद्गार बनाना है.. बच्चों को बार बार टोकना नही है बार बार कमरा फैला है.. जल्दी उठो नाश्ता करो…

इससे अच्छा है कि बच्चों को पास बैठा कर टाईम plan कर लीजिए कि सुबह इतने बजे उठना है.. इतने बजे नाश्ता लेना है.. इतने बजे खेलने जाना है.. उससे पेरेंटस को भी टेंशन नही रहेगी और बच्चे भी खुश रहेंगें…

बहुत बच्चे नई क्लास में जाएगें तो उन्हें नही पता कि नया सिलेबस क्या होगा तो आप जो आस पास बच्चे हैं और जो उसके सीनियर हैं तो आप उनकी किताबे या नोट बुक ला कर बच्चे में interest creat  कर सकती हैं… बहुत अच्छा लगता है कि पहले दिन हम स्कूल जाए और हमे पहला lesson आता हो… टीचर पर बहुत अच्छा एम्प्रेशन पडता है.. तो थोडी देर पढाई के लिए समय निकालने के लिए बोलना है…

एक चीज हम और भी कर सकते हैं कि जिस subject  में बच्चा कमजोर है उसमे हर रोज आधा घंटा समय लगाने को बोलना है… उससे उसमे बहुत improvement होगी

बच्चों को busy रखने के लिए बच्चों को बोलिए कि games बनाए.. Funny और मजेदार.. जिससे टाईम भी पास हो जाए और मौज मस्ती भी हो जाए.. जैसे Dumb Charades होता है वो  हमारी  imagination को बहुत  improve करता है कुछ ब्रेन गेम्स तो मैंने बताए हैं अपनी कुछ वीडियोज में लिंक दे रही हूं वो भी देखिएगा पर उसी कुछ बच्चे अपनी सोच से गेम्स बनाएं..

जैसा कि टीवी रेडियो, सिनेमा और वीडियो में अलग क्या है..

या अनार, अमरुद, अंगूर, आम में अलग क्या है..

सोचने दीजिए और उन्हें इसकी फोटो भी दिखाईए… इससे खेल खेल में बच्चों की बहुत नॉलिज गेन होगी ..

या कुछ ऐसा भी कर सकते हैं कि mistake बताओ क्या है.. 1 से 10 तक लिखा है

मान लीजिए एक study table  है उस पर कम्प्यूटर है फोन है टेबल कैलेंडर है उस पर तारीख है 31 april तो बच्चे को पूछिए कि कुछ बात गलत है इसमे वो क्या है..

ऐसे बहुत सारे गेम्स है खुद भी बना सकते हैं..

फिर बात आती है बच्चे की हॉबी पहचानिए और उसे उसमे समय लगाने दीजिए मान लीजिए उसे गिटार का शौक है, गामे का शौक है डांस का लिखने का शौक है… लिखने का है उसे वो करने दीजिए.. ये छुट्टिया हमारे पास बहुत अच्छा मौका होती है कुछ नया एक्स्प्लोर करने के लिए..

आर्ट और क्राफ्ट मे भी बच्चों को बिजी रख सकते हैं..

ओरेगामी होती है पेपर से बनाना सीखाते हैं.. टेबल प्लेन बोट, पॉकेट वाली बोट, family tree भी बना सकते हैं..

या फिर shadow से भी बहुत कुछ बना सकते है.. दीवार का ऐसा कोना चुनना है जहां परछाई आती हो फिर अलग अलग हाथ की मुद्रा से अलग अलग जानवर बना सकते है.. बहुत मजेदार होता है और बच्चा सीख कर दूसरो पर भी इंप्रेशन डाल सकता है..

अपना रुम अपनी अलमारी भी साफ करने को बोल सकते हैं.. देखिए बच्चे नई क्लास में जाते हैं तो सब कुछ नया आता है नया स्कूल बैग, नया टिफिन, नई बॉटल… नई किताबें.. तो बच्चों को बोल सकते हैं कि अपनी पुरानी किताबें बाहर निकालो और नई के लिए जगह बनाओ और पुरानी किताबे किसी को दे दो… जिसके काम आ जाए… ऐसे ही पुराने खिलाने भी, जो खराब हो गए जो खेलते नही बच्चे कि इसे भी किसी को दे दो हम नए लाएगें.. नए के चक्कर में बच्चे ठीक भी कर देते हैं..

फिर बच्चों का शौक गार्डनिग में कि हर रोज पौधो को पानी देना है.. चिडिया के लिए पानी दाना रखना है..

बच्चे का अगर interest है तो उसे बोलिए कि फोटो क्लिक कीजिए.. नेचर की, और उस पर कुछ भी लिखिए.. चार लाईने.. या वीडियो बनाईए .. हमें क्रिएटिव बनाना है बच्चों को सुस्त आलसी नही बनने देना..

बाहर धूमने का प्लान बनाई और अगर  नही जा सकते तो उदास होने की कोई जरुरत नही.. आप जहां रहते हैं वही नई नई जगह पर जाईए.. गार्डन में पिकनिक प्लान कीजिए… कोई फार्म हाऊस है.. पार्क है.. मंदिर है… बच्चों को दिखाईए..

पेरेंटस कहानी भी सुना सकते हैं प्रेरक मोटिवेशनल कहानी जिससे बच्चे में आत्मविश्वास आए..

किचन में भी थोडी बहुत help ले सकते हैं या जैसे ये चीज कैसे बनती है सीखा सकते है…

और सबसे ज्यादा जरुरी.. बच्चों को खूब खेलने दीजिए.. ये उनकी ग्रोथ का टाईम है.. सारा समय टीवी या मोबाइल में वेस्ट मत होने दीजिए.. टीवी भी देखने दीजिए पर बहुत ज्यादा नही… मोबाईल पर गेम्स भी खेलने दीजिए पर बहुत ज्यादा नही..

दोस्तो के साथ मिलकर अलग अलग कॉपीटिशन करवाई.. और खूब क्रिएटिव बनाईए और छुट्टियों को यादगार बनाईए..

बाते तो और भी बहुत सारी हैं पर फिलहाल इतना ही…

 How to Keep Kids Busy in Vacations – बच्चों को छुट्टियों में व्यस्त कैसे रखें 

 

 

March 26, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Importance of a Girl Child – Importance of Girls – बेटी का महत्व – Importance of Girl Child in Family

Importance of a Girl Child

Importance of a Girl Child – Importance of Girls – बेटी का महत्व – Importance of Girl Child in Family – घर को घर बनाती है बेटी – हम बेटी का महत्व किसलिए नही समझते ?? कल शाम को जब मैं पौधो को पानी दे रही थी तो घुंघरु की आवाज सुनी.. तो मैं खडी होकर बाहर देखने लगी कि कौन है तभी देखा एक बहुत छोटी सी लडकी 4 या 5 साल की होगी खूबसूरत सी तैयार हुए छम छ्म करती एक महिला की उंगली पकड कर जा रही थी और वो उसे समझा रही थी ज्यादा शरारत मत करना, सोफे पर मत कूदना और जब फ्रे्री हो जाओ मुझे फोन कर देना मैं लेने आ जाऊंगी और लडकी बोल रही थी.. आप चिंता मत करो मम्मी मैं फोन कर दूंगी… और वो आगे चले गए..

Importance of a Girl Child – Importance of Girls – बेटी का महत्व –  घर को घर बनाती है बेटी – हम बेटी का महत्व किसलिए नही समझते ??

और मैं ये सोचने लगी कि गर्ल्ज कितनी प्यारी और समझदार होती है…  तभी मुझे एक बात याद आई जो मैंनें कही पढी थी वो ही आपसे शेयर कर रही हूं कि

 

​एक  Pregnant  महिला ने अपने पति से पूछा कि आपको क्या लगता है बेटा होगा या बेटी??

​पति ने जवाब दिया कि अगर बेटा हुआ तो उसे मैं maths पढाऊंगा..  हम खेलने जाएगें और मैं उसे sports,  fishing भी सीखाऊंगा..

फिर पत्नी ने पूछा तो अगर लडकी हुई तो ?? पति ने कहा कि फिर तो उसे कुछ सीखाने की जरुरत ही नही होगी…

क्योकि वही मुझे सीखाएगी… कैसे dress अप होना है, कैसे खाना है क्या करना है क्या नही करना.. कुल मिलाकर तो वो मेरी दूसरी मम्मी होगी….

और इतना ही नही मुझे अपना रोल मॉडल समझेगी अपना हीरो समझेगी.. बार बार मुझे हग करेगी और बोलेगी कि आप दुनिया के सबसे प्यारे पापा हो… You’re the best dad EVER!हर मामले में वो मेरा ख्याल रखेगी.. बेटे को तो सीखाना पढता है पर बेटी जन्म से ही सब कुछ सीख कर आती है..

Daughters Angels होती है.. इस पर पत्नी बोली पर वो हमेशा तो साथ नही रहेगी… एक न एक दिन हमें छोड कर अपने दूसरे घर भी तो चली जाएगी…

तब पति ने कहा कि वो हमेशा हमारे दिल में रहेगी… कही और रहे न रहे कोई फर्क नही…

लडकियां बहुत खास होती हैं… बच्चे तो बेटा हो या बेटी दोनो ही खास होते हैं पर बेटी के मामले में हमारा समाज बहुत पीछे है और उन्हे बोझ समझता है जबकि लडकी बहुत सारी खुशियां लाती है

GIRLS ज्यादा CARING और  DEVOTED होती है उनके ऊपर घर की जिम्मेदारी छोड कर जा सकते हैं जिसे वो अच्छे से निभाती है और आने छोटे भाई बहन का भी ख्याल रखती है…

गर्ल है तो कल है… लडकी से हमारी अगली पीढी तैयार होती है… Generation आगे बढती है..   लडकी से हमारी अगली पीढी तैयार होती है… समाज का निर्माण होता है..

सजने सवरने का बहुत शौक होता है… कभी मम्मी की हाई हील पहन कर चलना तो कभी चुन्नी की साडी बना कर लिपस्टिक लगा कर मम्मी बनना.. सभी का ध्यान आकर्षित कर लेती है…

BETTER PERSON  बनाती हैं लडकियां… खासतौर पर अगर मे परिवार में पापा की बात करुं तो अक्सर लडकी उनकी ही लाडली होती है… लडकियां अहसास करना सीखाती है.. एक पिता में फादर्ली फीलिंग्स लाती है… लडकी के सामने फादर ज्यादा कोंशियस रहता है…

 HELPER  केयरिंग तो होती ही है और घर के काम में ही मदद करवाती है… दिल बहुत कोमल होता है…

Importance of a Girl Child – Importance of Girls – बेटी का महत्व – Importance of Girl Child in Family

March 24, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Life is an Echo – जो दोगे वही लौट कर आयेगा – सोच जो बदल दे जिंदगी

Life is an Echo

Life is an Echo – जो दोगे वही लौट कर आयेगा – सोच जो बदल दे जिंदगी – Thinking that will Change your Life जीवन एक प्रतिध्वनि है – हम जैसा करोगे वैसा ही पाएगे – हम अक्सर ये बात कहते सुनते मिल जाते हैं कि अगर मैंने अच्छा किया तो मेरे साथ भी अच्छा ही होगा… आज मैं आपको एक ऐसा example बताती हूं कि दूसरे ने कुछ ऐसा किया कि मुझमे बदलाव आ गया.. एक अच्छा बदलाव… !! ये मेरे साथ ही हुआ कुछ दिन पहले… चलिए मैं बताती हूं कि हुआ क्या..

Life is an Echo – जो दोगे वही लौट कर आयेगा – सोच जो बदल दे जिंदगी

हुआ ये कि हर सुबह सफाई कर्मचारी आता है कूडा लेने… और जब मैं गेट खोल कर उसे देती हूं तो वो हमेशा नमस्ते बोलता है और मैं भी उसकी नमस्ते का जवाब दे देती हूं…

एक दिन क्या हुआ कि मैंने गेट खोला और आदतनुसार मैंने नमस्ते बोल दिया.. बोल तो दिया पर मुझे महसूस हुआ कि अरे उसने तो मुझे नमस्ते बोला नही और पहले मैंनें बोल दिया… हालाकि उसने जवाब में नमस्ते बोला पर मन में तो महसूस हुआ कि मैंने सफाई कर्मचारी को नमस्ते बोला… पर मैंने खुद से बोला कि तो क्या हुआ अगर नमस्ते बोल दिया तो… और फिर मैंनें उससे पूछा कि क्या हुआ भईया सब ठीक तो है?? तो वो बोला कि हां घर में कोई परेशानी  चल रही थी… वैसे सब ठीक है और दुबारा नमस्ते करता हुआ चला गया… ये किसलिए हुआ ये इसलिए हुआ कि वो हर रोज नमस्ते करता था और अब बदलाव मुझ में भी आ गया…

ये होता ही है…

वैसे ये तो था एक वाक्या पर एक कहानी भी पढी थी कि जैसा देगें वैसा ही मिलेगा..

एक सब्ज़ी वाला था, ठेले पर सब्ज़ी बेचता था.. जो भी उससे सब्जी खरीदता या भाव पूछता तो वो उसे प्रभु बोलता कि प्रभु सब्जी इतने की है… टमाटर इतने के हैं प्रभु हर बात पर दूसरे को प्रभु ही बोलता… लोग भी उसको प्रभु कहकर पुकारने लगे…

एक दिन उससे एक महिला ने सब्जी लेते हुए  पूछा तुम सबको प्रभु-प्रभु क्यों कहते हो, यहाँ तक तुझे भी लोग इसी उपाधि से बुलाते हैं और तुम्हारा कोई असली नाम है भी या नहीं ?
सब्जी वाले ने कहा है न प्रभु , मेरा नाम छोटू है..
प्रभु, मैं शुरू से अनपढ़ हूँ गॉव में मज़दूरी करता था, एक बार गाँव में एक सन्त जी के प्रवचन दे रहे थे…  प्रवचन तो मुझे समझ नही आया बस उनकी एक बात समझ आई कि हर इंसान में प्रभु निवास करते हैं…

यही एक बात मेरे दिमाग़ में आकर फँस गई, उन संत ने कहा हर इन्सान में प्रभु का वास हैं – तलाशने की कोशिश तो करो पता नहीं किस इन्सान में मिल जाय और तुम्हारा उद्धार कर जाये, बस उस दिन से मैने हर मिलने वाले को प्रभु की नज़र से देखना और पुकारना शुरू कर दिया…

और देखिए.. मेरा काम भी अच्छा चल गया… मैं लोगो को इस नाम से पुकारता हूं और मेरा काम भी अच्छा चल गया और अब तो लोग मुझे ही इस नाम  से पुकारना शुरु कर दिया…

जीवन एक प्रतिध्वनि है…

हम जिस लहजे में आवाज़ देंगे पलटकर आपको उसी लहजे में सुनाईं देंगीं… न जाने किस रूप में प्रभु मिल जाये….

अच्छा ही करना चाहिए वैसे कहते भी हैं न

जमीन और मुकद्दर की एक है फितरत .. जो भी बोया हूबहू निकलता है… जरुर सोचिएगा…

Life is an Echo – जो दोगे वही लौट कर आयेगा – सोच जो बदल दे जिंदगी

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GST बोले तो –  चाहे मीडिया हो या समाचार पत्र जीएसटी की खबरे ही खबरें सुनाई देती हैं पर हर कोई कंफ्यूज है कि आखिर होगा क्या  ?  क्या ये सही कदम है या  देशवासी दुखी ही रहें …  GST बोले तो Goods and Service Tax.  The full form of GST is Goods and Services Tax. […]

डर के आगे ही जीत है - डर दूर करने के तरीका ये भी

सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन

सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन – Social Networking Sites aur Blog Writing –  Blog kya hai .कहां लिखें और अपना लिखा publish कैसे करे ? आप जानना चाहते हैं कि लिखने का शौक है लिखतें हैं पर पता नही उसे कहां पब्लिश करें … तो जहां तक पब्लिश करने की बात है तो सोशल मीडिया जिंदाबाद […]

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