Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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October 11, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

How to be Happy – क्या करें कि हम खुश रहें – How to be Happy in Hindi – खुश कैसे रहें –

How to be Happy

How to be Happy – क्या करें कि हम खुश रहें – How to be Happy in Hindi – खुश कैसे रहें – Monica Gupta – खुश कैसे रहे देखा जाए तो खुश रहना हमारा अधिकार है पर हमने खुद को ऐसा बना लिया कि खुश रहते ही नहीं… जबकि अगर खुश रहेंगें तो जिंदगी और आसान और खूबसूरत लगने लगेगी.. अब बात आती है कि खुश कैसे रहें ??

How to be Happy – क्या करें कि हम खुश रहें – How to be Happy in Hindi – खुश कैसे रहें –

तो मैं आपको इस बारे में बता रही हूं बहुत सिम्पल सिम्पल सी 9 बातें…

1.अपने आप को अपना लीजिए –  सबसे पहले उस व्यक्ति को खुश करिए जिसे आप हर रोज आईने में देखते हैं… यानि अपने आप को.. वो कैसे कि आप जैसे हैं उसे स्वीकार कीजिए… बॉडी लेग्वेज, स्माईल, आपकी habits, आपकी personality, आप कैसा दिखते हैं कैसा चलते हैं आपकी आवाज कैसी है आप सबसे खास हैं unique person हैं खुद को प्यार भी दीजिए और आदर भी कीजिए… खुद को एप्रीशिएट कीजिए.. जब भी शीशे में देखें .. अरे वाह !! आज तो ठीक ठाक से लग रहे हो… !! You’re awesome  जब आप खुद की value समझ जाएगें तो आप मे confidence भी आएगा और आप खुशी वाली जिंदगी भी जीएगें

2.अपनी पूरी body को खुश रखिए… वो खुश कब रहेगी वो खुश तभी रहेगी जब हम तीन बातों का ख्याल रखेंगें

exercise

खानपान

नींद

2. अच्छी exercise करेंगें,  healthy diet लेंगें और नियमित यानि regular sleep लेंगें.. ये चीजे हमे खुश रहने में बहुत बड़ा सहयोग करते हैं जैसा कि हम सभी जानते है कि हमारा शरीर कई रसायनों का घर है। कुछ रसायन खुशी, उत्साह और प्रेरणा देते हैं, जैसा कि एंडोर्फिन हार्मोन – व्यायाम करना नई मांसपेशियों के साथ एंडोर्फिन हार्मोन को सक्रिय करता है जिससे हमारा मूड बेहतर होता है.. exercise causes the brain to release chemicals called endorphins that elevate our mood. ऐसी ही अच्छी और पौष्टिक डाईट हमे उर्जा देती है unhealthy diets अलग अलग बीमारियां देती हैं जैसा कि diseases like depression और अच्छी नींद जिस दिन हम नहीं लेते सारा दिन कैसा सुस्त सुस्त सा निकलता है तो नींद, खाना और कसरत खुश रहने में बहुत बड़ा फेक्टर है..

  1.  अपने thoughts को बदलिए आमतौर पर हमारी tendency होती है कि negative experiences नेगेटिव बातों को बहुत ध्यान रखते हैं और positive भूल जाते हैं – तो पुरानी traumas बातों को जख्म को भूल कर नई शुरुआत कीजिए…

पर हम aware रह कर अपने नेगेटिव विचारों को दूर कर सकते हैं… मन में पॉजिटिव विचार ही लाएं…जो बीते पुराने कडवे अनुभव थे उन्हें भूलना है.. और जो आज है उसके नए और अच्छे अनुभव खोजिए… और याद भी रखिए…

Meditate  करके योगा करके भी हम मन को कंसट्रेट कर सकते हैं…

या फिर जो भी पॉजिटिव या अच्छी बात हुई है उसे सहेज कर छोटी छोटी बातों को सहेज कर एक यादगार experiences बना कर… उसकी वीडियो बना कर या फोटो क्लिक कर के कि ये अनुभव बहुत यादगार रहा..

असल में, नेगेटिव और पॉजिटिव दोनो हमारे दिमाग में चलता रहता है..हम जिसे ज्यादा खुराक देंगे वही फलता फूलता है अगर नेग़ेटिव विचारों को खुराक देंगें तो वो भारी हो जाएगें… और ये खुश नहीं रहने देंगें…

4. Determine your core values. जो आपकी जिंदगी की प्राथमिकताएं हैं सिदांत है उसके हिसाब से डिसीजन लीजिए… क्योंकि वो ही आपकी core values हैं.. जैसे एक आदमी कहता है कि मैं अपने परिवार के प्रति समर्पित हूं, उनकी देखभाल करना चाह्ता हूं पर वो चला गया दूसरे शहर नौकरी करने तो उसे वहां चिंता रहेगी घर की.. तो काम वही करें जो दिल से करना चाहते हैं तभी असली खुशी मिलेगी.. अगर परिवार की देखभाल करना चाह्ते हैं तो वही आसपास ही कुछ तलाश करना चाहिए… या काम के प्रति पूरी तरह से समर्पित हूं.. या जो भी काम कर रहा हूं उसे बहुत अच्छे तरीके से करु… जो काम करें उसे खुशी खुशी करें..

5. अपने लिए meaningful goal Set कीजिए… core values के हिसाब से अपने गोल सेट कीजिए.. realistic हों action-oriented भी हों जो हो सकता है जितना हो सकता है उस हिसाब से…

6. आशावादी बनिए –  अपनी सोच आशावादी रखिए – सोच पॉजिटिव रखिए पर Blind optimism” भी नहीं होना चाहिए कि जैसे मान लीजिए एक लॉटरी की टिकट खरीदी और बस ये तो मेरी ही आएगी… swimming नहीं आती फिर भी मैं तो तैर सकता हूं इससे खुद को नुकसान भी हो सकता है… और ये भी नहीं होना चाहिए या जैसे ये तो मुझसे हो ही नहीं पाएगा तो मैं कोशिश भी नहीं करता.. ये भी गलत है मेहनत तो करनी ही चाहिए.. Visualize your “best possible self.” जो खुद को लगे कि मैं ये बहुत बेहतर तरीके से कर सकता हूं वो करना चाहिए दूसरे कर रहे हैं इसलिए नहीं… This is an exercise that has been shown to increase your feelings of happiness and well-being

7. Attitude  of gratitude. हमारा attitude हमेशा आभार thanks वाला होना चाहिए.. हमेशा धन्यवादी… सबसे अच्छा gratitude रवैया है.. जैसे सुबह उठे तो भगवान का धन्यवाद देना कि धन्यवाद भगवान !! उठने के बाद कल जो अच्छा हुआ था उसे लिखा.. कल जब मैं आफिस गया तो पार्किंग में एक दम से जगह मिल गई.. कल बॉस ने मेरे काम को सराहा… ऐसा याद करने से या लिखने से हमें खुशी महसूस होगी और इसी बहाने नेगेटिव विचारों से भी छुटकारा मिल जाएगा.. अच्छा न सिर्फ लिखना है बल्कि उसे अपने दोस्तों के साथ शेयर भी करना है… और अगर उनकी भी कोई बात अच्छी लगे उसे भी एप्रीशिएट जरुर करना है… पता है कल जब आपने मुझे लिफ्ट के लिए पूछा तो मुझे बहुत खुशी हुई… इससे आपके दोस्त को भी खुशी होगी…

अगर हमने इसे अपनी आदत बना लिया इस तरह से लिखने का तो  anxiety और depression कम हो जाएगा और हमें ज्यादा  positive रहेंगें और रिश्ते भी मजबूत बनेगें… इससे हमारी खुशी की भावना भी बढती है..

8.  जो काम हम कर रहे हैं उसी के साथ साथ एक अपनी पसंद का काम और शुरु कर देना चाहिए जिसे हॉबी बोलते है.. उसे करना चाहिए  दिनभर थक जाने के बाद उसे करना रिलेक्स करता है जैसे एक महिला सारा दिन आफिस में बिजी रहती है पर शाम को घर आकर नहा कर वो आधा घंटा म्यूजिक जरुर सुनती है.. उससे वो रिलेक्स हो जाती है सारा तनाव चला जाता है… ये हमारे उपर है कि हमे क्या पसंद है… जिसे देख कर हम बोल उठे वाव .. अरे वाह.. यानि वो चीज हमे बहुत पसंद है… मान लीजिए एक हाउस वाईफ है उसे सारा दिन फुर्सत ही नहीं मिलती पर समय निकाल कर वो दिन में एक झपकी जरुर लेती है उससे वो आधे दिन के लिए काम करने के लिए तैयार हो जाती है… Push yourself out of your comfort zone.और इसके लिए कई बार अगर हमें अपने कम्फर्ट जोन से बाहर भी निकलना पडे तो निकलना चाहिए.. जैसे एक महिला को स्कूटी चलाने काम मन तो है पर डर लगता है.. अब उनके पास दो ऑप्शन हैं कि सारी उम्र ऐसे ही डरते हुए निकाल दे.. या फिर एक बार कम्फर्ट जोन से बाहर निकल कर कि चलो मैं देखती हूं… और प्रयास करे… तो खुशी किसमे होगी.. एक महीने बाद वो खुद पर ही हसेंगी कि ऐसा तो कुछ भी नहीं था मैं तो फालतू ही डरती थी और बच्चों को सीखने के लिए प्रेरित करेगी…

9. पॉजिटिव relationship – अपना सम्बंध अपने परिवार और दोस्तों में अच्छा बनाईए… मतलबी ना हो कर केयरिंग होईए… उनके साथ समय बिताईए..

बेवक्त घर जाऊंगा सब चौक पडेगें एक अरसा हुआ दिन में कभी घर को नहीं देखा…

तो समय निकालिए..  जिनके लिए काम कर रहे है. कमा रहे हैं उन्हे ही समय नहीं देंगें तो कैसे बात बनेगी?? नए नए दोस्त भी बनाईए.. जो आपको लगता है कि मेरे विचार इनसे मेल खाते हैं…और जब बात conversation करें तो बात का मतलब हो.. ऐसे नहीं कि कुछ भी बोल दिया… कई बार कुछ भी बोलने से रिश्ते खराब हो जाते हैं इसलिए जब भी बोलिए सोच समझ कर…

वो कहते भी हैं ना कि जब भी बोलिए वक़्त पर बोलिए, मुदत्तो सोचिए मुक्तसर बोलिए.Focus on people not on things..

  1. दयालु बनिए.. किसी को मदद की जरुरत है तो जरुर मदद कीजिए… बहुत खुशी मिलती है.. एक बार हम दिल्ली गए हुए थे.. एक पता नहीं मिल रहा था बार बार एक कॉलोनी में चक्कर लगा रहे थे.. एक आदमी शायद घर से देख रहे होंगें तो वो बाहर आए और पूछ्ने लगे.. जब हमने बताया कि आधे घंटे से चक्कर लगा रहे है तो उन्होने अपनी मोटर साईकिल निकाली और बोले आप मेरे पीछे आई.. और दो मिनट में हमें वहां पहुंचा दिया.. हमने उनका बहुत धन्यवाद किया और अब क्या होता है कि जैसे घर की घंटी बजती है कोई पता पूछ्ता है… कई बार होता है कि नहीं हमे नहीं पता पर अब कोशिश रहती है कि उसे सही गाईड कर दे… इस तरह से हम समाज को खूबसूरत रहने लायक जगह बना सकते है..

11. जाने दो माफ करो..माफ कर दीजिए.. कोई बात न दिल में रखिए न दिमाग में बस किसी की गलती हुई माफ कर दीजिए.. कई बार हमें लगता है कि हम माफ क्यों करें तो इस बात का ख्याल रखिए कि हम अपने लिए कर रहे है दूसरे के लिए नहीं… हम गुस्सा रहेंगें बीपी बढेगा तनाव होगा तो उससे क्या होगा… वैसे, बेशक, मुश्किल है किसी को माफ करना पर जिसने माफ करना सीख लिया उसने खुश रहना सीख लिया..

कामयाब इंसान खुश रहे न रहे पर खुश रहने वाला इंसान कामयाब जरुर होता है…

How to be Happy – क्या करें कि हम खुश रहें – How to be Happy in Hindi – खुश कैसे रहें –

 

October 9, 2018 By Monica Gupta 1 Comment

How to Overcome Loneliness – अकेलापन कैसे दूर करें – What to Do when You Feel Lonely –

How to Overcome Loneliness

How to Overcome Loneliness – अकेलापन कैसे दूर करें – What to Do when You Feel Lonely – अकेलापन दूर कैसे करें – क्या करें जब अकेलापन महसूस करें -बड़े अजीब है इस दुनिया के मेले.. दिखती तो भीड़ है पर है सब अकेले सब अकेले हैं.. अकेलापन कितना बढ गया है ज्यादातर मोबाइल में सिर्फ सेल्फियां हैं – एक मेरी जानकार  mobile दिखा रही थी कि कौन सी फोटो डालू और उसकी  गैलरी में सिर्फ उसी के सैल्फी थी…उफ !! अकेलापन कितना बढ गया है ज्यादातर मोबाइल में सिर्फ सेल्फियां हैं…

कल मैं अपनी एक आंटी के घर किसी काम से गई हुई थी.. वो मुझे बहुत चुप चुप सी लग रही थी मैं कोशिश कर रही थी वो बात करें.. तभी  उन्हें हिचकी आने लगी… मैंनें थोडा माहौल बदलने के लिए बोला कि आंटी कौन याद कर रहा है आपको.. तो बहुत उदास होकर बोली कि अब ये वहम मन से निकाल दिया कि हिचकी आने पर कोई याद भी करता है और चुपचाप उठ कर पानी पीने चली गई… मैं एक दम चुप रह गई.. असल में, पिछ्ले साल अंकल की डेथ हुई थी और आंटी की एक बेटी थी उसकी दो महीने पहले ही शादी हुई है… अब वो अकेली रहती थीं… मैं कुछ देर उनके पास बैठी बातें की और जब वापिस आई तो सोच रही थी कि आंटी बहुत अकेला महसूस करती हैं क्या बताऊ कि जिससे थोडा मन बहल जाए..

How to Overcome Loneliness – अकेलापन कैसे दूर करें – What to Do when You Feel Lonely –

और घर आकर मैंने काम करना शुरु किया.. ताकि मैं उन्हें भी बता पाऊं…

वैसे Loneliness  यानि अकेलापन एक तरह से  हमारी feelings हैं और बहुत normal हैं पर इस पर ध्यान न दिया जाए तो abnormal भी बना सकता है.. तो इसे लाईटली नहीं लेना और गम्भीरता से पॉजिटिव सोच लिए इस पर विचार करना है..

ये सोचना है कि अकेलापन क्यों है… इसकी वजह क्या है… अलग अलग वजह हो सकती हैं जैसाकि जैसे मैंने आंटी का बताया कि उनके पति की पिछ्ले साल डेथ हुई थी और बेटी की शादी हो गई थी… कई बार वजह ब्रेक अप भी होता है तो कई बार घर भी होता है परिवार भी होता है पति पत्नी भी होते हैं पर पति अपना अलग व्यस्त रहते हैं फोन में काम में तो पत्नी को अकेलापन लगता है.. एक छत के नीचे रहते हुए भी अकेलापन लगता है तो वजह कोई भी हो सकती है… .. नौकरी छूटने के कारण, रिश्तों में गड़बड़ होने की वजह तो वजह बहुत हैं, किसी बीमारी की वजह से…

अब बात आती है कि दूर कैसे करें –

1. खुद के सबसे अच्छे दोस्त बन जाईए… खुद से बात कीजिए उससे पूछिए और खुद को समझाईए.

लिख कर कि… मैं अकेला तब महसूस करती हूं जब.. मैं अकेलापन फील करता हूं क्योंकि….कब महसूस होना शुरु हुआ…कब से महसूस हो रहा है ऐसी कुछ बातें…

2. अपना ख्याल रखिए.. अपनी सेहत के बारे में बहुत जागरुक रहिए.. उम्र कोई भी हो हैल्दी रहना बहुत जरुरी होता है क्योंकि जब अकेलापन होता है तो हम अपनी सेहत का जरा भी ख्याल नहीं रखते.. नेगेटिव भी सोचते हैं और जब गुस्सा आता है वो भी करते हैं… कई बार तो कुछ अच्छा नहीं लग रहा या मन नही कर रहा कुछ खाने का खाना ही छोड देते हैं तो अपनी सेहत का ख्याल रखना बहुत जरुरी है.. धूमिए, फिरिए, मैडीटेशन कीजिए,

3. Find Opportunities मिलने के मौके खोजिए – अगर परिवार के साथ ही रहते हैं तो परिवार के साथ समय बिताईए अगर वो नहीं है तो friend circle है उनसे मिलिए… अगर वो भी नहीं है तो अपने आस पडोस में समय समय पर मिलिए बातें कीजिए पर वो समय presence pleasant रखिए अच्छी बाते हो.. मायूसी वाली परेशान करने वाली न हो कि दूसरे भी परेशान हो जाएं… और वो हमारे साथ बैठना पसंद ही न करें…पॉजिटिव बातें कीजिए.. ऐसी बातें जो सभी के interest की हों..

4. like minded लोगो से जुडे – ग्रुप बना लेना चाहिए.. देखिए जैसा कि एक महिला है वो रोज मंदिर जाती हैं तो वहां जो उन जैसी लगती हैं जिनसे वो बात करती है जो अच्छी लगती है उनका ग्रुप बना लेना चाहिए या कोई हैं जो हर सुबह सैर को जाते हैं तो उनका भी सर्किल बन सकता है ऐसे लोगो को वटस अप पर भी जोड कर एक ग्रुप बना सकते हैं जिनसे हर समय टच में रहें..

5. किसी cause से भी जुडा जा सकता है..

किसी सोशल cause से हम बात कर रहे हैं अकेला पन कैसे दूर करें तो हम किसी ऐसे नोबल सोशल cause से जुड कर भी खुद को बिजी रख सकते हैं किसी एनजीओ के साथ जुडा जा सकता है…

6. नेचर के साथ भी जुडा जा सकता है.. वो भी बहुत खूबसूरत अनुभव होता है जैसा कि पौधे लगाना और उनकी देखभाल करना या फिर पशु पक्षियों को दाना पानी खिलाना, या फिर घर पर पालतू रखना और सुबह शाम उसके साथ रहना उसकी केयर करना..

 

7.अपनी रुटीन सेट कर लें… हम बिजी रह कर कर सकते हैं.. सुबह कितने बजे उठना है कितने बजे सैर के लिए जाना है कितने बजे नाश्ता करना है.. डेली रुटीन… और ऐसी चीजों हो जो आसानी से की भी जा सकें… बेबी स्टेप्स होते हैं वैसे…

8. अपने अंदर छिपें इंटर्स्ट को खोजे कि हममें क्या खास बात है.. कोई न कोई अच्छी बात तो हर किसी में होती ही है उसे पहचानिए और उसी में खुद को बिजी रखिए..

कई बार कुछ ऐसा काम है कि मन ये आए कि अरे मैं ये कर रहा हू लोग क्या कहेंगें जैसे एक महिला बहुत अकेली हैं उन्हें बचपन से ही हारमोनियम सीखने का बहुत शौक था.. तो ये सोच कर कि लोग क्या कहेंगें.. आप कर डालिए… मत सोचिए.. उन्होनें तो कहना ही है अगर कुछ करेंगें तो भी नहीं करेंगे तो भी… पसंद का काम जरुर कीजिए या सीखिए..

9. पॉजिटिव सोच –

एक जो सबसे बडी चीज है कि पॉजिटिव सोच रखना…. पॉजिटिव सोच लिए मन में विश्वास रखें कि सब ठीक होगा और मुझे ठीक रहना है… मुझे इस चीज से बाहर निकलना ही है…

वैसे ना बड़े अजीब है इस दुनिया के मेले.. दिखती तो भीड़ है पर है सब अकेले सब अकेले हैं.. एक मेरी जानकार  mobile दिखा रही थी कि कौन सी फोटो डालू और उसकी  गैलरी में सिर्फ उसी के सैल्फी थी…

उफ !! अकेलापन कितना बढ गया है ज्यादातर मोबाइल में सिर्फ सेल्फियां हैं

कहीं न कही हम सभी अकेले हैं.. तो जरुरत है समझदारी से काम लेते हुए… इससे बाहर निकलने की..

How to Overcome Loneliness

October 8, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Things You Do that Make You Unhappy – Habits that Make You Unhappy

 Things You Do that Make You Unhappy

Things You Do that Make You Unhappy – Habits that Make You Unhappy – आदतें जो आपको खुश नहीं रहने देती… उदासियों की वजह तो बहुत है जिंदगी में, पर, बेवजह खुश रहने का मजा ही कुछ और है… ये बात सुनने में बहुत अच्छी लगती है.. है ना  पर इसे हम जिंदगी में एप्लाई कितना करते हैं ?? हमारी अपनी आदते ही हमें नाखुश यानि अन हैप्पी बना देती हैं… आईए आज ऐसी 11 आदतों के बारे में बताती हूं…

 Things You Do that Make You Unhappy – Habits that Make You Unhappy 

1.Waiting for Happiness. खुशी की इंतजार करना… यानि ये बात होगी तो मैं खुश हूंगा ऐसा होगा तो मुझे खुशी मिलेगी.. जैसा कि एक बच्चे का रिजल्ट बहुत अच्छा आया है स्कूल में फर्स्ट आया है पर अरे जब पूरे राज्य में फर्स्ट आएगा तब खुशी मिलेगी… जिनकी ऐसी आदत होती है वो हमेशा नाखुश ही रह्ते हैं…

2 जो आपके हैं resourses हैं उससे ज्यादा चाहना – जरुरत से ज्यादा चाहना – जो है आपके पास उसमे खुश न होकर – हपस रहना – गलत काम भी करने लग जाता है – फाईव स्टार में खाना – मर्सीडिज लेनी है पर मारुति भी नहीं ले सकते…. उस चक्कर में आप चोरी भी करोगे, गलत रास्ते पर भी जाओगे… पैसा खर्च करना – अपनी चादर देख कर पैर नहीं पसारते और दिखावे के चक्कर में चादर से बाहर पैर निकल जाते हैं और ये आदत उन्हे कही न कही नाखुश कर जाती है…क्योंकि वो जानते हैं कि वो capable ही नहीं हैं फिर शुरु हो जाता है मन में तनाव..

 

3 वो बनने की कोशिश करना जो आप हैं ही नहीं – अपना अच्छा प्रभाव यानि इमप्रेशन जमाने के लिए बहुत डींगे मार जाते हैं अंग्रेजी आती नहीं पर दिखाने के लिए.. गलत बोल रहे हो.. आपका इम्प्रेशन खराब पड रहा है.. अरे मुझे ये अफसर बहुत अच्छी तरह जानता है पर काम पडा किसी को वो आपके पास आएगा तो… तो जो हो वही दिखाओ बनो मत !!पर अंत में हाथ क्या लगता है जब सच्चाई सामने आती है तो..

 

4  हमेशा ये सोचना कि जब तक Perfection नहीं आएगी नहीं करेंगें.. किसी काम को  हाथ में लिया है… यू टयूब पर चैनल शुरु करना है पर इस चक्कर में कि जब तक अच्छा बोलना न आ जाए.. बोलने में परफेक्ट न हो जाऊ नहीं शुरु करुंगा परफेक्ट न हो जाऊ तब तक शुरु नहीं करुंगा.. परफेक्ट तो कोई होता ही नहीं… उस चक्कर में शुरु ही नहीं कर पाते…असल में, कही न कही हम डर जाते हैं कि लोग क्या कहेंगें… आप करना तो शुरु करो.. नहीं करते और यही आदत उन्हें अन हैप्पी बनाती है…लोग क्या कहेंगें

 

5 Comparison- तुलना करना – अपनी जिंदगी की तुलना दूसरे लोगों और उनकी जिंदगी के साथ करते हैं  उसकी कार, उसकी नौकरी उसके बच्चे कितने होशियार हैं, उसकी सास कितनी अच्छी है उसे फेसबुक पर कितने सारे कमेंटस मिलते हैं.. यही आदत हमे अनहैप्पी कर जाती है..

 

6 बात बात पर दूसरो को Blaming Others – ये काम खराब हुआ तो इसकी वजह से हुआ.. अपनी गलती नहीं देखना बस आसान यही है कि दूसरे पर बात डाल देना ये उसकी वजह से हुआ है…या  क्रिटिसाईज करना, शिकायत करना, जलन ईर्ष्या रखना, मन में नाराजगी यानि ग्रज रखना… दो साल पहले किसी से कोई बात हो गई थी तो उसकी नाराजगी अपने मन में रखना.. ऐसे लोग खुश कैसे रह सकते हैं ??

 

7 नेगेटिविटी में रहना- निराशावादी होना.. हर चीज में कुछ गलत ही देखना और हर बात में निराशा ही देखना – मैं लक्की नहीं.. जिंदगी टेरीबल है – खुद को ही लेबल लगा लेना कि मैं ऐसा हूं हीन भावना-

8 डर – कही जा रहे तो सफर कर रहे हैं तो एक्सीडेंट न हो जाए.. बाहर गए तो घर में चोरी न हो जाए .. या आप कुछ सामान खरीदने गए है तभी ध्यान आना कि गैस न खुली रह गई हो… सिर दर्द हुआ तो मुझे माईग्रेन न हो जाए.. ये डर …. एक अजीब सा भय मन में रहना – इस आदत से बाहर निकलेगें तभी खुशी मिलेगी…

 

9 जरुरत से ज्यादा सोचना.. सोचना भी क्या.. पुरानी बाते.. भूत में रहना या भविष्य में रहना आज को न जीना – अगर मैडिकल लिया होता तो आज डॉक्टर बन जाता.. अगर मैंनें लॉटरी का टिकट खरीद लिया होता तो आज मैं भी अमीर होता.. जो बात आज सोचने का फायदा नहीं उसका क्या फायदा और भविष्य में. या बच्चे जिंदगी में कुछ बन भी पाएगें या नहीं… सफल होंगे या नहीं..  पुरानी बातें याद करते करते दुखी और परेशान रहना

 

10 बुरी आदतों की लत – अलग अलग तरह की लत होती है – शराब , नशा बहुत ज्यादा फेसबुक वटस अप पर रहना मैसेज करना पीठ पीछे बात करना, बुराई करना, मजाक उडाना , गप्प मारना ये आदत हमारी सारी खुशियां छीन लेती है…

 

  1. इन सबके इलावा एक आदत ये भी है कि हम जिंदगी को बहुत ज्यादा complicated बना लेते है.. जबकि सिम्पल तरीके से जी कर भी जिंदगी बहुत खूबसूरत हो सकती है… हमेशा अंशात रहते हैं, दस चीजो में ध्यान लगा रहता है खुद ही उलझे रहते हैं जबकि ये चीजे निकाल दें तो जिंदगी आसान हो जाएगी… इस बारे में वीडियो भी बनाई हुई है जिसका लिंक नीचे दिया बना लेते हैं हुआ है.. तो कुल मिलाकर छोटी सी जिंदगी है हर हाल में खुश रहो.. कल किसने देखा है बस अपने आज में

 

खुश रहो कि परेशान होने से कल की समस्या हल नहीं होती बल्कि आज का सुकून भी चला जाता है

Things You Do that Make You Unhappy – Habits that Make You Unhappy

 

October 5, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

How to Utilize Free Time – खाली समय में क्या करें महिलाएं – Things To Do in Free Time – Monica Gupta

How to Utilize Free Time

How to Utilize Free Time – खाली समय में क्या करें महिलाएं – Things To Do in Free Time – Monica Gupta – खाली समय को कैसे utilize करें housewife.. कुछ आरम्भ करने के लिए आपका महान होना जरुरी नहीं लेकिन महान होने के लिए कुछ आरम्भ करना बहुत जरुरी है – जरुरी नहीं कि जिन्दगी में हमेशा दूसरा मौका मिले, पहले मौके को हाथ से ना जाने देंं – जो महिलाएं काम पर जाती है उनके पास तो बेशक, समय नहीं होता पर ये सारा दिन घर पर रहती हैं उनके पास अक्सर दिन का कुछ समय जरुर होता है जैसे मान लीजिए बच्चा स्कूल जाता है या कॉलिज जाता है तब कुछ समय होता है बच्चा पढने के लिए दूसरे शहर में है तो समय है या बच्चे बडे हो गए और नौकरी के लिए बाहर चले गए तो भी समय होता है तो ऐसे खाली समय को कैसे utilize करें… ये वो खाली समय होता है जब वो ज्यादा समय टीवी देखने में लगाती है या फोन पर गप्पे मारने में लगाती हैं या फिर सारा दिन ओंन लाईन तो रहती है पर कुछ क्रिएटिव नहीं होता तो क्या करें ??

How to Utilize Free Time – खाली समय में क्या करें महिलाएं –

 

1 अपने interests Explore कीजिए… skills Explore कीजिए… जो काम आपको करना अच्छा लगता था… ये आपको खुद ही सर्च करना होगा..

2  give back दीजिए .. क्या ?/ जो आपने अभी तक सीखा है.. बहुत सी ऐसी बाते हैं जो आपने सीखी है तो अपने आसपास किसी को सीखाना चाहें तो जरुर सीखाईए.. देने का सुख सब सुखों से बढ कर होता है.. जैसे मान लीजिए आपके घर में काम वाली बाई या माली आते हैं उनके घर में बच्चा है उसे कुछ समय पढाईए… या किसी को कुकिंग सीखानी है या जो भी आपको आता है

3  किसी एन जी ओ के साथ मिलकर कर भी as a volunteer काम कर सकती है.. अलग अलग अभियानों का हिस्सा बन सकती है और अपने एरिया में जागरुकता ला सकती हैं

 

4 अपना ख्याल रख सकती हैं. ये भी बहुत बड़ा काम है. अपनी हैल्थ का ख्याल अपने खानपान का ख्याल… सुबह कसरत.. मैडीटेशन कर सकती है और खुद से वायदा कर सकती हैं कि मैंनें हर रोज कुछ नया कुछ अच्छा करना है..

 

5 खाली समय होता है तो अपने रिश्ते निभा सकती हैं.. आजक्ल समय ही नहीं होता किसी के पास.. अगर हमारे पास समय है तो फोन करके या अगर उसी शहर में हैं तो मिलकर रिश्ते बना भी सकती हैं और निभा भी सकती हैं..

6  अपने finances का हिसाब किताब रख सकती हैं पैसा कितना है कहां खर्च करना है कैसे बचाना है इसकी प्लानिंग भी बहुत फायदेमंद रह सकती है.. सूझबूझ से खर्चा करेगी या बचत करेंगी तो भी एक तरह से आपकी ये इनकम ही होगी…

7  Brain game जितना हो सके उतना खेलिए.. दिमाग की exercise करवाते रहिए..भले ही उसके addicted हो जाईए.. इससे दिमाग बहुत एक्टिव और स्मार्ट बनता है..अक्सर हम बहुत टाईम टीवी देखने में या फेसबुक पर इसके उसके कमेंटस देखने में करते हैं इससे दिमाग ही खराब होता है इससे अच्छा है कि अखबार पढिए.. ताकि हमारी जनरल नॉलिज तो बढे.. Read to improve yourself

8 अब बात फेसबुक या ट्विटर की चली ही है तो मेरा अगला पोईंट है नेट आज की तारीख में किसी वरदान से कम नहीं… आज हमे जो भी कुछ सर्च करना है सर्च लिया और हमारे सामने अनगिनत रिजल्टस होगें… और अगर कुछ भी नहीं आता पर सीखने की इच्छा है तो भी नेट पर सर्च कीजिए और सीखिए… इसीलिए मैं कह रही हूं कि ये आज की तारीख में हमारे लिए वरदान से कम नहीं…

 

9 फिर बात आती है कि परिवार की केयर कीजिए  समय दीजिए, उनकी पसंद की नई नई चीजे बनाईए, सीखिए.. मान लीजिए बच्चे का कोई कॉम्पीटिश है कुछ क्राफ्ट का बनाना है तो .. सीखिए…कोई पाठ लर्न नहीं हो रहा तो खुद देखिए और फिर बच्चो को बताईए…

ये तो थी कुछ बातें… वैसे हम खुद को कुछ ऐसे भी बिजी रख सकते हैं कि इनकम भी हो जैसा कि टयूशन करके, पार्लर चला कर, डे केयर शुरु करके… ये सब इस बात पर निर्भर करता है कि आप के अंदर क्या स्किल है.. वैसे इस बारे में मैंने वीडियो भी बनाई हुई है कैसे पहचाने अपने अंदर की स्किल.. लिंक नीचे दे रही हूं… वैसे आप बताईए आप क्या सोचते हैं  इस बारे में…समय वेस्ट मत कीजिए.. खुद को मोटिवेट कीजिए

कुछ आरम्भ करने के लिए आपका महान होना जरुरी नहीं लेकिन महान होने के लिए कुछ आरम्भ करना बहुत जरुरी है – जरुरी नहीं कि जिन्दगी में हमेशा दूसरा मौका मिले, पहले मौके को हाथ से ना जाने दे ।

बेहतर काम न करने की वजह या वक्त न होने का बहाना मत बनाइयें, आपका दिन भी २4 घंटे का ही होता है और सफल लोगो का भी।

 

October 3, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

How to Be a Good Life Partner – अच्छा जीवनसाथी कैसे बनें – How to Be a Better Spouse – Monica Gupta

 How to Be a Good Life Partner

How to Be a Good Life Partner – अच्छा जीवनसाथी कैसे बनें – How to Be a Better Spouse  – एक अच्छा जीवन साथी कैसे बनें… Qualities of a Good Life Partner – एक अच्छे जीवन साथी के गुण  – Husband Wife Relationship Tips In Hindi – Monica Gupta Videos  – आमतौर पर शादी से पहले यानि सगाई होने के बाद या शादी होने के कुछ दिनों तक सब कुछ बहुत अच्छा चलता है पर फिर कुछ ऐसा होने लगता है कि प्यार की जगह लड़ाई झगडा जगह ले लेता है… तनाव भी आ जाता है तल्खी और दूरिया बढ जाती हैं तो कैसे बनें अच्छे जीवन साथी….  किन किन बातों का ख्याल रखें कि उनकी जिंदगी पूरी खूबसूरती से खुशी खुशी बीते…

इसके लिए देखिए बातें तो हैं बहुत सारी पर मेरे हिसाब से जो बहुत जरुरी है वो मैं आपको 11 बातें शेयर कर रही हूं आप देखिएगा कि क्या भी इन बातों को फॉलो कर रहे हैं या नहीं..

 

 

1.Way of communication – interaction – दोनो का बातचीत का तरीका, बोलना, सुनना, जब बोलें तो समझदारी से करें सोच समझ कर करें.. वो कहते भी हैं न कि

लफ़्ज़ों के भी होते हैं ज़ायके

बोलने से पहले चखना चाहिये…

कई बार कुछ ऐसा harsh बोल दिया जाता है जो दूसरे को hurt कर जाता है. और वो इतना हर्ट करता है कि जिंदगी भर वो बात नहीं भूलती.. तो बोलने से पहले सोच लीजिए कि जो बोलने वाले हैं.. एक दूसरे की feelings की respect करनी है..

फिर सुनना और respond करना react करना नहीं – बात पूरी सुने बिना रिएक्ट कर देना.. किसी भी बात को लेकर उसे respond करना चाहिए न बिना बात सुने react कर देते हैं उससे बात खराब हो जाती है तो आप proper response दें और अगर फिर भी मन में कोई कंफ्यूजन चल रहा है तो आप बोलिए कि और बताईए इस बारे में… ताकि समझ सकें और अगर दोनो के किसी से कोई गलती हो गई तो सहजता से स्वीकार कर लीजिए..

अपनी ego को एक तरफ रख कर.. माफी मांगने से कोई छोटा बड़ा नहीं हो जाता..

अकड़ तो सभी में होती है पर झुकता वही है जिसे रिश्तों की फिक्र होती है

एक दूसरे की रिस्पेक्ट करनी है…

2 Care करें एक दूसरे की.. केयर कैसे समय दीजिए.. Quality टाईम दीजिए, अपने मन की बात शेयर करनी चाहिए.. एक दूसरे के साथ जितना समय बिताएगें उतना ही एक दूसरे को अच्छे से समझ पाएगें… एक दूसरे का ख्याल रखना. कैसे ? अब जैसे मान लीजिए कि पत्नी कुछ किचन में बना रही हैं उधर से बच्चा रो रहा है तो पति बच्चे को सम्भाल सकते हैं यही एक बहुत बडी मदद होगी.. ये एक तरह से केयर ही होती है..

एक दूसरे को एप्रीशिएट कीजिए.. उनकी intentions देखे रिजल्ट नहीं.. जैसे मान लीजिए एक पत्नी ने अपने पति के जन्मदिन पर खुद केक बनाना सीखा और उन्हें सरप्राईज दिया अब केक मान लीजिए बहुत soft नहीं बना पर पति ने ये देखा कि इसने मेहनत तो की.. तो बजाय ये देखने के कि अच्छा नहीं बना ये देखे कि केक बनाया किस इंटेशन से है…

  1. एक दूसरे की जरुरतों को समझना.. एक दूसरे को क्या चाहिए क्या नहीं चाहिए समझना चाहिए.. और उसे पूरा भी करना चाहिए.. मान लीजिए घर में बहुत काम रहता है पर काम वाली नहीं रखी क्योंकि पत्नी भी नहीं कहती पर पति देख तो रहे हैं तो वो अरेंज करवाए तो पत्नी को कितना अच्छा लगेगा… ऐसे ही पत्नी है पति की हर रो ऑफिस आने जाने की दिक्कतों को समझती है घर में सेविंग करती है और स्कूटी के लिए..
  2. transparent रहें अपने रिश्ते को लेकर…

सबूतों की जरुरत पड रही है यानि रिश्तों में दूरी बढ रही है

कोई चीटिंग नहीं… कोई चीज छिपाना नहीं… जो है वो सामने है.. बहुत बार शक झगडे की वजह बनता है तो अपने रिश्ते के प्रति बिल्कुल ईमानदार रहिए… शादी के बाद विश्वास को बढाना है इतना कि एक दूसरे पर आंख मूंद कर विश्वास किया जा सके… कोई कुछ कहे पर माने ही ना कि ये तो पॉसिबल ही नहीं..

5. अच्छा जीवन साथी बनने के लिए एक दूसरे के पेरेंटस को उचित आदर मान भी देना होगा.. शादी के दो परिवार एक हो जाते हैं मम्मी पापा भाई बहन सब कॉमन हो जाते हैं..हमारे मम्मी पापा हमारे भाई बहन… !!मेरे या तुम्हारे नहीं..

  1. एक दूसरे से अपनी expectations इतनी ही रखनी चाहिए कि आराम से पूरी कर सकें.. दूसरे को बदलने की कोशिश नहीं करनी चाहिए.. जैसे कि पति जॉब करते है और ईमानदार हैं और पत्नी की बहुत उम्मीदें हैं और वो चाह्ती है कि पति खूब पैसा कमाएं.. भले ही दो नम्बर का हो… ये उम्मीद रखना सही नहीं..

जो है उसे स्वीकारें.. कौन है, जिसमे कमी नहीं है….

आसमां के पास भी, ज़मीं नहीं है…. जो प्राप्त है वो पर्याप्त है… जो है उसमे खुश रहना सीखिए ये मान कर चलिए कि कोई परफेक्ट नहीं होता

अंडर स्टेडिंग नेचर होनी चाहिए…

  1. बदलाव स्वीकार करें.. समय के साथ साथ हमारी प्राथमिकताएं बदलती रहती हैं… पहले शादी हुई तब पत्नी पति ही थे फिर एक नन्हा मेहमान आ गया.. तो अब प्राथमिकताए बदल गई.. ध्यान केंद्रित हो गया बच्चे पर.

कई बार पति नाराज हो जाते है कि तुम्हारे पास तो मेरे लिए समय नहीं या

पत्नी नाराज हो जाती है कि आप पहले तो घुमाने ले जाते थे अब घुमाने नहीं ले जाते..

तो अब प्राथमिकताएं बदल गई हैं और आने वाले समय में और भी बदलेगी.. तो इसे समझना सीखे.. शिकायत लगाने की बजाय… अगर इस बदलाव को स्वीकार कर लेंगे तो कोई परेशानी आएगी ही नहीं..

  1. जिंदगी में उतार चढाव, दुख सुख आते ही रहते हैं तो जब कभी माहौल तनाव का हो तो मिल कर सामना करें.. कई बार काम के सिलसिले में या सेहत के या कुछ जो सोचा था नहीं पूरा कर पाए या अन्य कोई भी बात हो जाए… इस बात का ध्यान रखे कि पार्टनर डिप्रेशन में न चला जाए, बहुत ज्यादा स्ट्रेस न ले ले… एक दूसरे का सहारा बने और समझाईए कि ये वक्त भी बीत जाएगा.. दिस टू शेल पास..
  2. बुरी आदते.. कई बार कुछ बुरी आदतें हंसती खेलती जिंदगी के बीच में आ जाती है…तो अगर शादी से पहले कोई आदत थी तो उसे छोडना या कम करना जरुरी है जैसे की शराब पीना.. नशा करना, जुआ खेलना जैसी कुछ बातें हैं या फिर हम समय मोबाइल से लगे रहना, बहुत तरह की आदते हैं  ज्यादातर घरों में तनाव की वजह यही बात बनती है..
  3. फिर common interest कॉमन शौक भी खोजिए और मिलकर कीजिए.. जैसे मान लीजिए कि दोनो ने देखा कि ऐसी क्या बातें हैं जो दोनो को पसंद है या ऐसी क्या बातें है जो एक दूसरे को ना पसंद है फिर जो पसंद हैं वो मिलकर जरुर दीजिए.. चाहे एक साथ सैर करना हो, गार्डनिग हो…उसमे दोनो बिजी रखिए.. मिलकर कीजिए…
  4. अपने लाईफ पार्टनर के सपने पूरे करने में पूरा सहयोग देना चाहिए.. मान लीजिए अगर एक महिला शादी के बाद पढाई पूरी करना चाहती है तो उसका साथ देना चाहिए.. या पति को ट्रेनिंग के लिए कुछ समय परिवार से अलग रहना पडेगा फिर उसे तरक्की मिल जाएगी… तो उनका साथ देना चाहिए… तो अपने सुखद भविष्य के लिए सपने भी मिलकर देखे और उसे मिलकर ही पूरा करें

किश्तों से मकान बनता है….. रिश्तों से घर….. !! रिश्ते हमेशा हम ही बनाते हैं यानि पति और पत्नी  मैं किसी रिश्ते को नहीं बनाता … जरुर सोचिएग इस बारे में…

सुखी जीवन का छोटा सा सूत्र न अपेक्षा न उपेक्षा

“सब्र” और “सहनशिलता” कोई कमजोरी नही होती,

ये तो “अंदरूनी ताकत” है जो सब मे नही होती.

जो झुकते हैं जिंदगी में वो बुजदिल नहीं होते

ये हुनर होता है उनका हर रिश्ता निभाने का

 How to Be a Good Life Partner – अच्छा जीवनसाथी कैसे बनें – How to Be a Better Spouse  – एक अच्छा जीवन साथी कैसे बनें… Qualities of a Good Life Partner – एक अच्छे जीवन साथी के गुण  – Husband Wife Relationship Tips In Hindi – Monica Gupta Videos

 

 

October 1, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

How to Motivate Your Child to Study – बच्चों का पढ़ाई में मन कैसे लगाएं

How to Motivate Your Child to Study

   How to Motivate Your Child to Study – बच्चों का पढ़ाई में मन कैसे लगाएं – क्या करें कि बच्चे पढाई करें.. जब भी बच्चे और पढाई की बात होते है तो कुछ पेरेंट्स घबरा जाते हैं कि अरे बाप रे.. क्या करें पढ्ते ही नहीं है बच्चे.. सारा दिन कहते रहो पढ़ लो पढ़ लो पर नहीं… तो क्या करें ? पेरेंट्स क्या करें कि बच्चे पढे इसके लिए मैं आपको आज बता रही हूं 11 बातें और पूरी तरह आजमाई हुई… पर कुछ भी बताने से पहले एक बात मैं बहुत जरुरी समझती हूं और वो है घर का माहौल… बच्चा किस माहौल में पढ़ना पसंद करता है वो जान कर उसे वैसा ही माहौल देने की कोशिश करनी है… कई बच्चे होते हैं उन्हें पढ्ते पढ्ते खाने का शौक होता है, कई बच्चों को बिल्कुल चुप माहौल चाहिए होता है… कुछ बच्चे बहुत जल्दी लर्न कर लेते है वही कुछ बच्चे बहुत ज्यादा समय लगाते है… और पेरेंट्स ये समझते हैं बच्चे पढते नहीं… तो ये बात समझ कर उन्हें वैसा ही माहौल देना बहुत जरुरी होता है…

How to Motivate Your Child to Study

अब मैं शुरु करती हूं अपना पहला पोईंट

1. बच्चे को ये realise करवाना है कि पढाई बहुत जरुरी है… बच्चे को बचपन से ही पढाई की importance सीखानी है.. बच्चे छोटा है अभी पढाई का बोझ क्या डालना. ये सोच नहीं होनी चाहिए बल्कि जब से वो              प्री स्कूल जाना शुरु करे… जो लोग study-conscious रहे हैं उनसे मिलवाईए बच्चों को…और पूछिए कि वो इतना किसलिए पढे.. वो अपने बचपन के बारे में बताए और ये भी बताए कि स्कूल जाना कितना मजेदार          भी था और challenging  भी.. उनसे मिलवाने का सिर्फ ये ही मतलब है कि दूसरो से बच्चे जल्दी inspire होते हैं.. मम्मी पापा की बात मानते है या नहीं मानते पर उनकी बात जरुर ध्यान से सुनेंगें…

  1. फिर उन्हें ये बताना है कि स्कूल जाना या पढाई हमारी प्राथमिकता है… ज्यादा समय हम टीवी मोबाइल पर लगाते हैं और उसे ही हमारी प्राथमिकता समझते हैं जबकि प्राथमिकता पढाई है हां, home work या learn work खत्म होने के बाद हम जरुर उसे कर सकते हैं पर पढाई पहले.. और इस बात की आदत शुरु से ही डलवानी चाहिए..
  1. जब पढने की बात करते हैं तो एक बात ध्यान हमेशा रखनी चाहिए कि जबरदस्ती नहीं करनी.. पढो पढो.. बच्चा रोते चिल्लाते स्कूल जा रहा है और आप चांटा मारते ले जा रहे हैं. न चिल्लाना है और न चांटा मारना है..सोचना चाहिए कि वो ऐसा किसलिए कर रहा है.. क्या स्कूल में दिक्कत है कोई दोस्त तंग करता है…

जानने की समझने की कोशिश करनी चाहिए फिर उसे दूर भी करना चाहिए.. पर चलो उठो अभी करो पढाई … लगता है कि पढाई का समय हो गया है “Maybe I should go study right now.” चिल्ला कर              बोलने से क्या होगा.. बच्चा भी चिडचिड करेगा और हो सकता है जवाब भी दे दे…

  1. उनके लिए उदाहरण बनिए… जब बच्चा पढाई कर रहा है तो बच्चे को बार बार मना कर रहे हैं कि टीवी नहीं देखना, मोबाइल नहीं करना.. तो उस समय खुद उदाहरण बनें खुद भी उस समय ऐसी कोई चीज नहीं करनी चाहिए कि ध्यान बटे, जब बच्चा पढ रहा है. खुद टीवी चला रखा है या मोबाईल पर सहेली से बात किए जा रही हैं… ऐसा नहीं करना बजाय इसके उसके लिए available रहना है कि इसको कुछ भी जरुरत पडे तो मैं बता सकूं.. साथ रहिए… आप भी अपना कुछ काम करने लगिए जो चुपचाप होता हो… बच्चे को भी लगेगा कि मम्मी भी अपना काम कर रही है.. मैं भी करता हूं..
  1. ब्रेक लेना चाहिए.. पढाई के दौरान बच्चे की capacity के हिसाब से ब्रेक दे दिया चाहे वो दस मिनट का है या 15 मिनट का… पर जरुरी है… लगातार बैठे रहे तो बच्चा बोर होना शुरु हो जाता है कभी पैंसिल मुंह में डालेगा कभी कुछ करेगा तो बेहतर यही है कि टाईम आऊट कर दिया कि चलो आप 10 मिनट कुछ भी करो…
  1. ये जानना भी जरुरी है कि उसके दोस्त कैसे हैं ?? अगर कुछ दोस्त ऐसे हैं जो non serious है.. हमेशा इधर उधर ही ध्यान रहता है तो या तो उनके पेरेंटस से या अगर वो स्कूल में तो स्कूल टीचर से बात करनी चाहिए और लगता है कि उनकी वजह से बच्चे पर नेगेटिव असर पड रहा है तो या तो स्कूल या अपनी लोकेल्टी बदल लेनी चाहिए..
  2. रिवार्ड सिस्टम भी होना चाहिए.. अगर बच्चा बिल्कुल सही से पढाई कर रहा है तो उसे शाबाशी भी मिलनी चाहिए और उसी के साथ उसे कोई न कोई रिवार्ड चाहे उसकी पसंद का खाना या कार्टून देखना या पॉकेट मनी कुछ भी जो बच्चे को पसंद है उसके हिसाब से..
  1. बच्चों को उनके goals के प्रति Inspire करते रहना बहुत जरुरी है.. बताईए कि अच्छी पढाई उन्हें कहां से कहां तक ले कर जा सकती है…उन्हें अच्छे कॉलिज में एडमिशन मिल सकता है.. उनका भविष्य बहुत बेहतर हो सकता है…
  1. एक बात और भी ध्यान देनी चाहिए कि बच्चे का जिस भी एक्स्ट्रा एक्टिविटी में इंटरस्ट है उसे वो जरुर सीखाईए. बेशक, उसकी क्लास ज्वाईन करवा दीजिए.. वो उससे बहुत खुश होकर और शौक से सीखेंगें… और उसे सीखते हुए नए नए और भी नई चीजे हर दिन explore करेंगें..

10. अलग अलग तरीके बच्चे में पढाई के प्रति शौक जगाया जा सकता है..

खुद बच्चे बन जाईए और बच्चे को टीचर बना दीजिए… और वैसे भी गर्ल्ज को तो वैसे भी बहुत शौक होता है टीचर टीचर बनने का…

मान लीजिए आप फल, ट्री या पक्षी के बारे में उसे बता रहे हैं और उसे समझ नहीं आ रहा तो पार्क ले जाईए वहां प्रक्टिकली दिखाईए या अगर शहर में कोई म्यूजियम है तो वहां ले जाईए

कही एग्जीबीशन हो रही है तो वो दिखाईए

अगर ऐसा कुछ भी नहीं है यू टयूब पर दिखा दीजिए… अलग अलग तरीके से दिखा कर बच्चे को बहुत जल्दी क्लीयर होता है.. और उसे अच्छा भी लगता है इससे मस्ती मस्ती में सब याद भी हो जाता है जिस बात के लिए रट्टा लगाना पडता है वो जहन में बैठ जाता है… इस तरह से पढाई को enjoyable बना सकते हैं… तो हमें नई नई टेक्नोलोजी देखती रहनी चाहिए… ताकि बच्चों को अपडेट रख सकें…और पढाई को enjoyable बना सकें..

11. Involve रहिए.. बच्चों के साथ Be involved. बच्चा किस सब्जेक्ट में  interest ले रहा है क्या चीज है जो उसे समझ नहीं आ रही.. अगर खुद आता है तो जरुर समझाईए और अगर नहीं आता तो initiative लीजिए… teacher से consult कीजिए… बच्चे की टीचर के साथ मीटिंग करवाईए.. होमवर्क करते समय भी उनकी हैल्प नहीं करनी बल्कि गाईड करना है… कई बार बच्चों को अच्छा नहीं लगता कि बार बार उन्हें देखा जा रहा है तो उन्हें space दीजिए.. बैठे वही रहिए और अपना काम करते रहिए… ऐसा काम जिससे उन्हे कोई disturbance न हो..

और पेरेंटस टीचर मीटिंग में भी लगातार जाना चाहिए.. कई बार बच्चे ही मना कर देते हैं कि रहने दो.. पर जरुर जाना चाहिए…

 

जरुरत इस बात की है कि patient रहना है… सब कुछ इतना आराम से भी नहीं होता पर अगर एक बार रुटीन बन गई सब सेट हो गया फिर जिंदगी भर दिक्कत नहीं आएगी और बच्चा में बच्चे में बहुत confidence आएगा और वो  बहुत होनहार भी बनेगा..

 

 How to Motivate Your Child to Study

 

September 27, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

 Habits that will Make Your Life Better – आदतें जो जिंदगी को बेहतर बनाती हैं

Habits that Make Life Better

 Habits that will Make Your Life Better – http://https://www.youtube.com/@MonicaGupta/ – Motivational Videos in Hindi – मोनिका गुप्ता Habits that Make Life Better – आदतें जो जिंदगी को बेहतर बनाती हैं – Make Life Better Tips to Make Life Better – How to Make Life Better in Hindi आदतें जो आपकी जिंदगी बदल देंगी –

Habits that will Make Your Life Better -आदतें जो जिंदगी को बेहतर बनाती हैं –

हमारी कुछ आदते ऐसी है जो जिंदगी को बेहतर बनाती है… इसके लिए हमें खुद ही प्रयास करने होंगें.. तो क्या हैं वो बातें… मैं आपको बताती हूं ऐसी 11 बातें

 

दुनिया उन्हीं की खैरियत पूछती है जो पहले से ही खुश हों, जो तकलीफ में होते हैं उनके तो नंबर तक खो जाते है

1.सबसे पहला वायदा तो अपने आप से ये करें कि हमने सुबह कितने बजे उठना है यानि हम रात को सोते समय खुद से बोल कर सोते हैं कि पक्का सुबह जल्दी उठ जाएगें पर अलार्म बजता है और बजता ही रहता है… हम उठते जरुर है पर बंद करके फिर करवट ले कर सो जाते हैं.. यानि दिन की शुरुआत ही सही नहीं हुई तो दिन सही कैसे निकलेगा तो जो वायदा खुद से करें उसे निभाएं भी.. इसे अपनी आदत बना लेना चाहिए और इसमें किसी तरह की रुकावट न आए इसके लिए अच्छी नींद लेना बहुत जरुरी है.. समय से सोएगें तो यकीनन समय से जरुर उठेंगें…

2उठने के बाद दो चीजे नियमित रुप से करनी है… हम पानी पीते है फ्रेश होते हैं ये तो है ही इसके इलावा वर्क आऊट करना है अगर हम ज्यादा कसरत नहीं कर सकते तो भी 5 मिनट  सिर्फ 5 ही मिनट शरीर को एग्जर्ट करना है ये एनर्जी के लिए बहुत जरुरी है.. और दूसरा ये कि हमें एक नियम बना लेना है कि हर रोज तीन बाते लिखनी हैं कि हम किसके grateful हैं.. आप सोच रहे होंगें कि हम किसके grateful.. बस यही सोच तो बदलनी है.. बहुत सारी बाते या चीजे होती हैं जिसके हम grateful होते हैं वो लिखनी है..ये बात तो research में भी सामने आई है कि अगर हम इस तरह लिखना शुरु कर देंगें तो हमारा दिमाग हल्का और खुशी महसूस करेगा.. और इसी के साथ साथ हमारे दूसरो के साथ सम्बंध भी मजबूत होंगें..

3फिर तीसरी बात आती है कि खुद को अच्छे से तैयार कर लीजिए…

सुबह सही समय पर उठे.. वर्क आऊट किया और तीन अच्छी बाते लिखी तो क्या होगा.. दिन की शुरुआत पॉजिटिव एनर्जी से होगी… बस उसी को लिए अपना पूरा दिन बिताना है.. इसके लिए चेहरे पर रखनी है खूबसूरत सी स्माईल.. अगर बाहर काम के लिए जाते है फिर तो तैयार हो कर ही जाते हैं पर अगर घर पर भी रहना हो तो भी पहनावा प्रेजेंटेबल हो…

4.फोकस रहना है – जो हमने सोचा है उस पर फोकस रखना है और उसी दिशा में काम करना है

5. हम जैसे दिन शुरु करने से पहले सोचते है कि हमे क्या करना है रात को सोने से पहले सोचते है कि क्या किया ऐसा ही एक ब्रेक दोपहर के समय लेना है.. उस समय हम ये देख सकते हैं कि सब ठीक चल रहा है ना… कोई काम रहा तो नहीं ?? काम सही ढंग से हो उसके लिए हम कुछ और भी कर सकते हैं  जैसे मान लीजिए आज के दिन दस काम है तो पहले जो सबसे कम समय लेंगें पहले तो वो निबटा लीजिए, मान लीजिए 4 काम ऐसे हैं जो कम समय लेंगे अब हमारे पास रह गए 6 काम अब जो मुश्किल लग रहा है उसे निबटा लीजिए.. Procrastination टालमटोल करके हम कई बार नहीं करते.. और वही काम एक तरह का तनाव बन जाता है वो काम तनाव न बने इसलिए उसे निबटा लीजिए… समय को मैनेज करके चलेंगें तो बिल्कुल भी दिक्कत नहीं आएगी..

6 बजाय दूसरो के खुद से तुलना करनी चाहिए..  हमारा कॉम्पीटिशन खुद से होना चाहिए.. कि इस काम के बारे में मैंने क्या सोचा था क्या ये पूरा हुआ या नहीं… उससे हम काम सही से कर पाएगें..

Find some free time. फिर अपने लिए फ्री समय निकालिए.. फ्री समय सुनकर आप सोच रहे होंगें कि यहां तो सांस लेने तक की फुर्सत नहीं फ्री टाईम कहां से निकलेगा… है कहां फ़्री टाईम ??पर ये फ्री टाईम आराम के लिए है बल्कि ये सोचने के लिए है कि जो आपने काम के गोल निर्धारित किए हैं उस पर सही से काम हो रहा है कि नहीं.. कई बार होता है कि हम काम किए जा रहे हैं किए जा रहे हैं पर रिजल्ट नहीं निकल रहा.. या बहुत अच्छा जा रहा है और हमें कुछ पॉजिटिव बदलाव करने हैं… इसके लिए समय निकालना है… ये आदत में शामिल करना बहुत जरुरी है…

7.पैसे की बचत करने की आदत बना लीजिए.. emergency fund. ज्यादातर तनाव की जड यही बनता है इसलिए एक तो ये सोच होनी चाहिए कि बचत तो करनी ही है अपनी इनकम और खर्चा देखते हुए.. इतनी सेविंग का टारगेट है.. जब भी शोपिंग जाए तो उसका कारण होना चाहिए. ऐसे नहीं कि दिखावे के लिए चाहिए. जरुरत है तो जरुर लेना चाहिए पर अगर उसके बिन काम चल सकता है तो जरुर चलाना चाहिए जैसे मान लीजिए आपके पास अच्छा सा फोन है 15 हजार का.. एक नया फोन मार्किट में आया है 40 हजार का.. अब आप क्या कल्पना कीजिए कि एक हाथ में आपके पास 40 हजार रुपये है..  और दूसरे हाथ में फोन है.. क्या चीज सही है क्या पैसे इस पर खर्च कर दूं या फिर रहने दूं. इन पैसों से और क्या क्या किया जा सकता है.. इस तरह से भी हम बचत कर सकते हैं..

8. लोगो से मिलते जुलते रहिए.. चाहे जानकार हो या अंजान.. मिलकर बात करने की कोशिश कीजिए..जैसे मान लीजिए आप ट्रेन में जा रहे हैं लम्बा सफर है तो बातचीत कर सकते हैं अपने बारे में बता सकते है उनके बारे में पूछ सकते हैं या फिर मान लीजिए मेरी कोई सहेली है एक दिन वो अपनी सहेली के साथ आती है तो मेरी जान पहचान उससे भी होनी चाहिए.. ये नहीं हो कि मैं बस अपनी सहेली से ही बात करती हूं उससे बात ही न करुं.. तो अपका सर्किल बढाते रहना चाहिए… मिलते जुलते और जान पहचान बनाते रहना चाहिए..चाहिए.. और इतना ही नहीं जो हमारे दोस्त समय बेसमय हमारे काम आए उनके भी टच में रहना चाहिए.. चाहे सोशल मीडिया से जुड कर या वटस अप से जुडे रह कर.. ऐसा नहीं कि बस काम हो गया चलो बहुत हुआ…  Explore करते रहनी चाहिए नई नहीं चीजे… ये नहीं कि बस घर से अफ़िस आफिस से घर बस और कुछ नहीं या जो काम कर रहे हैं बस सेट पैटर्न है चलता रहेगा.. पर अगर कोई नई चीज अच्छी लगती है तो जरुर उस पर काम करना चाहिए उस को अमल में लाना चाहिए सीखना चाहिए.. ये आप नहीं करेंगें तो कौन करेगा..

तो कोई भी सुअवसर मिले मौका मिले.. उसे बेशक उस समय अमल में न लाएं पर लिख तो लेना ही चाहिए…

9. इनही सब में एक आदत ये भी होनी चाहिए कि अगर कोई हमारे काम का Credit नहीं दे रहा.. हमें सराह नहीं था.. शाबाशी नहीं दे रहा तो कोई बात नहीं.. हमें अपना काम करते जाना है.. अगर हमें अपन अकाम और लाईफ अच्छी बनानी है तो इन बातों पर ध्यान नहीं देना बस सच्चे मन से जुटे रहना है..

10.कोई भी करने से पहले खुद से पूछ्ना है कि किसलिए ?? “Why?” अगर कुछ कर रहे हो तब भी और नहीं कर रहे तब भी..  जैसे मैं सुबह सैर को जा रही हूं किसलिए.. अपनी सेहत के लिए… मैं खाने पर कंट्रोल नहीं कर पा रही.. इससे क्या होगा अगर कंट्रोल नहीं किया तो नेगेटिव असर होगा..तो दोनों बातो में किसलिए खुद से जरुर पूछ्ना है..

11. रिश्ते निभाना बहुत जरुरी है.. लोगो की सुननी चाहिए और जिसे किसी भी तरह की मदद चाहिए उसे देनी चाहिए. कोई हमारे खिलाफ बोलता है तो हम भी बोले.. ऐसा नहीं करना चाहिए और यही बात सोशल मीडिया पर भी लागू होती है कि किसी ने कुछ गलत लिखा ट्विटर पर या किसी अन्य साईट तो बजाय गलत और तीखी भाषा के उसे आराम से समझाना चाहिए…दोस्त की या परिवार की अगर कोई important events birthday या  anniversary याद रखने चाहिए और उपहार तोहफा इसलिए नहीं देना कि देना है बल्कि उसके कितने काम का है तभी देने का फायदा है..

Make Life Better Tips to Make Life Better – How to Make Life Better in Hindi आदतें जो आपकी जिंदगी बदल देंगी

September 24, 2018 By Monica Gupta 3 Comments

What to Do when Someone Cheats You – कोई धोखा दे तो क्या करें – If Someone Cheats You – Monica Gupta

What to Do when Someone Cheats You – कोई धोखा दे तो क्या करें – If Someone Cheats You – Monica Gupta – क्या करें जब कोई धोखा दे.. उसे लगता है कि उसकी चालकियां मुझे समझ नहीं आती… मैं बडी खामोशी से देखता हूं उसे अपनी नजरों से गिरते हुए…कुछ लोग बहुत स्मार्ट होते है और दूसरों की फीलिंग के साथ आराम से खेलते है और उन्हें चोट पहुंचाते रहते हैं हर्ट करते रहते हैं..अब जो लोग बहुत sincere होते हैं उन्हें बहुत दुख होता है महसूस होता है और स्वाभाविक भी है पर क्या उसी में उलझे रहे या उससे बाहर निकले.. यकीनन आप भी यही कहेंगें कि बाहर निकले…  पर कैसे.. आज इसी बारे में कुछ बातें बताऊंगी कि जिन लोगो के साथ किसी ने धोखा किया है वो कैसे उसे डील करें कैसे बाहर निकलें…

What to Do when Someone Cheats You –

1. Name Your Feelings – पहले तो ये देखना है कि हमारे साथ किस तरह की फीलिंग हो रही है… हमें इस से उभरना है इसलिए जानना जरुरी है कि क्या चल रहा है हमारे दिमाग में.. गुस्सा, हैरानी, shocked उदासी , Insecurity, अकेलापन, डर या फिर Confusion चल रही है कि कुछ समझ ही नहीं आ रहा.. पहले ये फीलिंग पता लगानी है.. और उसे स्वीकार भी कर लेना है.. तैयार इसलिए करना है कि अब हम उसे उससे डील करना है.. मन में ये सोच भी रखनी है कि दुनिया में हम ही ऐसे पहले व्यक्ति नहीं है जिसके साथ ये हुआ है.. बहुत लोग शिकार बनते हैं ये इंसानी फितरत है और हमें फेस करना है…

2. Retaliate नहीं करना यानि बदला नहीं लेना… जब मन में बहुत गुस्सा भरा हो confuse हों तो यही भाव मन में आता है तो हमें बदला नहीं लेना ये सोचना है कि इससे कोई फायदा नहीं होगा…

3. Take Time और हमें कुछ समय खुद को देना है इस बारे में विचार करना है और फिर कोई कदम उठाना है..

4. Examine The Betrayal हमें वजह खोजनी है कि ये जो हुआ इसके पीछे क्या वजह थी… क्या मेरी कमजोरी थी, क्या मेरा बहुत ज्यादा किसी पर विश्वास था जब हम तह तक जाएगें तो कारण पता लग जाएगा.. ये जानना इसलिए भी जरुरी है ताकि दुबारा ये बात न हो… फिर हम वो धोखा देने वाला हमारे ही परिवार से है हमारा कोई रिश्तेदार है या कोई दोस्त है… तो अलग अलग तरीके से हैंडल करना पडेगा…

5.Forgive हम उसे माफ भी कर सकते हैं.. माफ करने का ये मतलब नहीं कि हमने उसके इस गलत व्यवहार को accept कर लिया बल्कि इसका मतलब ये है कि हम उस दुख दर्द, उस कडवाहट से दूर रहना चाहते है जो उस व्यक्ति ने हमे दी है… उससे हमारी ही सेहत पर असर होगा.. इसलिए खुद को ठीक रखने के लिए माफ कर देना चाहिए नहीं तो हम गुस्से की अग्नि में जलते ही रहेंगें..

कहने का मतलब यही है कि हमने गुस्सा अपने अंदर नहीं रखना उसे रिलीज कर देना है.. किस तरह से ये हमारे उपर है… चाहे तो लिख कर उसके बारे में सारी बात लिख कर पेपर को क्रश करके उसे जूते या चप्पल से दबा कर…

या हम सीधा उसी से बात करें कि तुमने ऐसा किया…किया… और उसे जता दीजिए कि अब हमेशा के लिए विश्वास खत्म हो गया.. इससे कम से कम वो दूसरो को तो जल्दी से धोखा नही दे पाएगा.. अगर हम उसे महसूस ही नहीं करवाएगें तो वो दूसरो के साथ ऐसा ही करता रहेगा.. भले ही कुछ पल के लिए कम से कम महसूस तो करेगा वो…

6.इसके लिए हम किसी की मदद भी ले सकते हैं किसी ऐसे व्यक्ति से बात कर सकते हैं जो दोनो को कॉमन रुप से जानता हो.. वो बीच में बात कर सके.. या फिर अगर लगता है कि किसी की जरुरत नहीं.. फिर सीधा सीधा बात की जा सकती है..

7. अपने  emotions को Control… हमारे emotions अगर हमारे अच्छे दोस्त है तो दुश्मन भी हैं इस पर काबू रखना है…पर इस बात का भी ख्याल रखना है कि हमने धोखे का बदला धोखा देकर नहीं लेना.. हमारे मन में भी प्लानिंग शुरु हो गई कि इससे मेरे साथ ऐसा किया मैं भी ऐसा ही करुंगा… इससे क्या होगा.. हमारी सेहत और खराब हो जाएगी.. क्योंकि नेगेटिव सोचेगें.. बदला लेने की सोचेगें.. गुस्सा मन में भरा रहेगा.. कुछ काम कर नहीं पाएगें… तो शांत शांत

8. Learn  जरुरत इस बात की है कि हमें इस बात से सबक लेना है कि आगे से ये गलती दुबारा नहीं होगी… हमे ये भी नहीं करना कि पुरानी बात सोचते ही रहें कि ये क्या हुआ था .. ये कैसे हुआ… ये नहीं इस तरह से तो हम इससे बाहर कभी नहीं निकल पाएगें… क्यों कि हम पास्ट तो बदल नहीं सकते.. हां भविष्य जरुर सही बना सकते हैं इसलिए… बल्कि जो हो गया सो हो गया.. अब ये सोचना है कि करना क्या है… बादाम खाने से उतनी अक्ल नहीं आती जितना धोखा खाने से आती है.

  1. इन लोगो से दूर रखें जो ऐसी सोच के हैं.. जिन पर विश्वास नहीं किया जा सकता उनसे दूर रहिए.. लोगो को चुनने में थोडा ज्यादा selective होना चाहिए पर ये भी नहीं हो कि सारे ही ऐसे हैं या अब जिंदगी में किसी पर विश्वास ही नहीं करेंगें… बात ठीक है दुख तो होता है पर अच्छे लोग भी है दुनिया में और हम ये सोच सकते हैं कि हमने एक सबक सीखा है.. पर सभी लोग चीटर हैं ऐसा भी नहीं सोचना चाहिए यानो सोच पॉजिटिव रखिए..

10. इस बात का भी बहुत ध्यान रखना है कि हम किसी गलत नशे में न पड जाए कि हम बहुत दुखी हैं और दुख से बाहर निकलने का एक ही रास्ता है.. वो है नशा !! इससे दूरी बना कर रखनी है

11.जिंदगी यही खत्म नहीं हो जाती…  मूव ऑन!! आगे बढिए… हमने खुद प्रयास करना है खुद में बदलाव लाने के लिए… और बदलना है… बेशक समय लगता है पर समय के साथ सब ठीक हो अजता है पर ठीक भी तभी होग अजब हम इस दिशा में पॉजिटिव प्रयास करेंगे.

चुप रहना ही बेहतर है, जमाने के हिसाब से !धोखा खा जाते है, अक्सर ज्यादा बोलने वाले !! धोखा देने वालो के लिए … किसी को धोखा देकर ये मत समझना कि मैं कितना चालाक हू ये देखो कि उसे आप पर विश्वास कितना था…

विश्वास एक छोटा सा शब्द है उसको पढ़ने में तो एक सेकंड लगता है पर सोचो तो मिनट लगता है और समझो तो दिन लगाता है पर साबित करने में तो जिन्दगी गुजर जाती है…

What to Do when Someone Cheats You

September 21, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

How to Deal with an Angry Husband – जब पति को गुस्सा आए

How to Deal with an Angry Husband

How to Deal with an Angry Husband – जब पति को गुस्सा आए कैसे डील करे…कल एक जानकार मिली वो बहुत परेशान थी.. जब  वजह पूछी तो उसने बताया  कि पति को गुस्सा बहुत आता है तो मैं क्या करुं ?? जब पति को गुस्सा आए.. किस तरह से डील करुं.. क्योंकि मैं भी अपना घर बिखरने नहीं देना चाहती.. तो जो मेरी उससे बातें हुई वो मैं आपसे भी शेयर कर रही हूं ..

How to Deal with an Angry Husband – जब पति को गुस्सा आए कैसे डील करे

सबसे पहले तो शांत रहे…

फिर ये सोचे कि ये जो गुस्सा आया है उसका कारण कही मैं तो नहीं.. मैंने तो कुछ ऐसा नहीं कह दिया.. अगर हां मैंनें ही कहा था.. सास को लेकर या पैसे को लेकर या किसी भी वजह से सुबह से कहा सुनी हुई थी तो माफी मांग लीजिए.. अपनी गलती होने पर झुकने में कोई हर्ज नहीं पर अगर आपको लगता है कि मेरी तरफ से कोई बात नहीं हुई थी..

मैं ने तो कुछ भी नहीं कहा.. तो आपको डरने कि या घबराने की कोई जरुरत नहीं…

अब आप ये सोचिए कि क्या वजह होगी.. कही ऑफिस तो वजह नहीं किसी काम को लेकर तनाव हो अगर वो भी नहीं है तो फिर ये सोचिए कि कही ये इनकी आदत तो नहीं.. बात बात पर गुस्सा करना..

और अगर मान लीजिए ये आदत ही है फिर आप ये सोचिए कि ये इनकी ताकत नहीं कमजोरी है क्योंकि गुस्सा अंदर ही अंदर शरीर को कितना नुकसान पहुंचाता है.. एक तरह से ये गुस्सा करके खुद को तकलीफ दे रहे हैं.. तो ऐसे में क्या करना चाहिए..

ऐसे में आप चुप रहे.. पता है कि पति को गुस्सा आ रहा है वजह कोई भी हो चाहे उनकी मेल इगो ही क्यों न हो पर आप शांत रहिए..

उस समय बहस या बराबर का बोलने पर लगाम लगा लीजिए.. अगर उस समय आप बोले तो आग में घी डालने जैसा होगा.. तो उसे हमें भडकाना नहीं है बल्कि शांत करना है..

उस समय आप कोई विषय भी बदल सकती हैं… कोई और बात ताकि उस बात से ध्यान हट जाए.. चाय पानी का पूछ सकती हैं

या फिर बातो बातों में आराम से आप गुस्से की वजह पूछ सकती हैं

पर अगर सही जवाब न मिले तो आप उनके चुप होने का इंतजार कीजिए.. situation नोर्मल होने तक इंतजार कीजिए..

फिर बात आती है आप बेशक वहां से हट जाईए.. कुछ और काम करने लग जाईए पर उनके शांत होने का इंतजार कीजिए..

पति के शांत होने के बाद कोशिश कीजिए कि वजह की जड तक जाईए. मिल बैठ कर सुलझाईए..

अपनी एक रेखा खींच लीजिए कि किस सीमा तक मैंनें चुप रहना है या कितना सहना है..

कई बार होता है कि पति बार बार गुस्से में हाथ उठाते हैं या कुछ अपशब्द बोलते हैं तो आप उन्हें जरुर कह सकती हैं कि आराम से रिस्पेक्ट से बात कीजिए.. Gentle warning भी दे सकती हैं..

या फिर लगता है बात इससे भी नहीं बन रही और ये हर रोज की बात हो गई है फिर घर के बडे बुजुर्ग से बात कीजिए या फिर किसी अच्छे counselor से सलाह लीजिए..

देखिए प्रयास तो करना ही चाहिए. बहुत बार लेडीज ये कहती हैं कि हम ही क्यों झुकें… क्या पति का कोई फर्ज नहीं.. तो बिल्कुल उनका भी फर्ज है पर आज भी हमारा समाज पुरुष प्रधान है बेशक बदलाव बहुत आया है और आ भी रहा है अगर हम पहले की तुलना में देखें तो बहुत फर्क आया है… पर अगर दूसरी तरफ से पहल की कोशिश न हो तो खुद कर लेनी चाहिए .. नहीं तो विकल्प है ही लडाई झग़डा तनाव और फिर घर छोड कर चले जाओ..  वो शायद कोई नहीं चाहता.. इसलिए कोशिश मिलजुल कर रहने की ही करनी चाहिए ताकि परिवार बना रहे.. वैसे गुस्सा तो हम महिलाओं को भी आता है तो ऐसे में हसबैंडस को क्या करना चाहिए.. इस बारे में जल्दी ही वीडियो बनाऊंगी..

वैसे गुस्सा माचिस की तीली की तरह होता है जिस तरह माचिस की तीली दूसरे को जलाने से पहले खुद जलती है.. उसी तरह गुस्सा है… दूसरे को जलाने से पहले वो खुद को जलता है..

रिश्ते तभी कामयाब होते हैं जब दोनों तरफ से निभाए जाएं.. एक तरफ से सेक कर तो रोटी भी नही बनाई जाती…

How to Deal with an Angry Husband – जब पति को गुस्सा आए

September 19, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Teach Your Child Life Lessons – बच्चों को सिखाएं – Life Lessons for Kids – Monica Gupta

Teach Your Child Life Lessons

Teach Your Child Life Lessons – बच्चों को सिखाएं – Life Lessons for Kids – हम बच्चों को हर रोज सिलेबस का सबक याद करवाते हैं पर क्या जिंदगी के सबक के बारे में भी क्या सीखाते है…. वो सीखाना भी बहुत जरुरी होता है… क्या है वो सबक !! मैं आपको 9 Lessons बता रही हूं… जीवन में बड़ा आदमी बनना अच्छी बात है पर अच्छा आदमी बनना बहुत बडी बात है… हम किसी पर दोष बहुत जल्दी लगा देते हैं कि ये काम उसकी वजह से नहीं हुआ.. पर अगर सपने हमारे हैं तो पूरे करने के लिए कोशिश  भी हम माता पिता को ही करनी होंगी..

Teach Your Child Life Lessons – बच्चों को सिखाएं – Life Lessons for Kids –

 

1.अपनी Respect करना… अगर बच्चे अपनी Respect करेगें तो अलग तरह का confidence उनमे आएगा… अगर किसी तरह का कॉम्प्लेक्स है तो उन्हें समझाईए कि no one is perfect हम जैसे हैं बहुत अच्छे हैं और हम खास है जो भी living being इस planet पर है वो खास है और valuable है… और हम जो चाहें वो कर के दिखा सकते हैं और हमने कुछ कर दिखाना है.. दूर कीजिए.. हम जैसे हैं उसे स्वीकार करके आगे बढें… बजाय ये कहने के कि no one likes me… there is no one like me… 🙂 ये कहना चाहिए..

2.फिर बात आती है कि दूसरों की Respect करें.. कोई छोटा है बड़ा है दूसरी जाति दूसरे धर्म का है हम सब एक है और हमें सबका समान आदर करना है… ये नहीं कि काम वाली बाई को तू तडाक करके बोलना है.. उसे भी आराम से बात करनी है आदर मान देकर बात करनी है.. इंसान बनना है.. और यह सबक बचपन से ही पढा दिया तो उसे सभी पसंद करेंगें… जितने भी बडे लोग हैं आज जिस शिखर पर हैं उनमे ये क्वालिटी जरुर मिलेगी.. अगर सभी को आदर मान  देंगें आराम से प्यार से बात करेंगें तो उनका सर्किल भी बहुत अच्छा बनेगा..  तो इस सबक को कभी नहीं भूलना और इस की प्रेरणा वो खुद बने.. वो खुद बच्चों से आदर मान देकर प्यार से बात करें.. कोई आसपास ऐसे लोग

3. ईमानदार रहें honest रहें.. ये भी बहुत महत्वपूर्ण सबक है जिंदगी का… सच्चे रहें.. स्कूल की दीवारों पर लिखा होता है और उसे अपनाना भी चाहिए.. इससे जिंदगी बेहतर नहीं बेहतरीन बनती है.. मैं आपको एक बात बताती हूं दो बच्चे दोस्त थे और एक ही स्कूल में पढते थे.. दोनो के पापा सरकारी नौकरी में थे.. एक बच्चा के बहुत साधारण रहता.. और ऑटो में स्कूल जाता वही दूसरा बच्चा अपनी कार में और कार भी बडी वाली.. तो जो साधारण वाला बच्चा था वो पापा से हमेशा नाराज रहता कि आप तो कुछ नहीं करते.. उसको देखो.. सब कुछ है उसके पास.. पापा समझाते कि हम जो है इसी में खुश है.. एक बार दूसरे वाला दोस्त स्कूल नहीं आया.. घर आकर पता चला कि इनके घर रेड हुई थी और बहुत पैसा निकला अब वो जेल में है.. वो पापा के पास भाग कर गया और लिपट गया.. तो बच्चों को बचपन से ही समझाना चाहिए.. बहुत बार पेरेंटस नकल मारने को भी बहुत प्रोत्साहित करते हैं या कोई प्रैक्टिकल सब्जेक्ट हुआ तो सिफारिश लगवा दी कुछ खिला पिला दिया ताकि नम्बर अच्छे आ जाए.. पर ऐसे बच्चे भले ही उस समय नम्बर अच्छे ले लें पर जिंदगी के इम्तेहान में कभी पास नहीं हो पाएगें.. समय सम्य पर बच्चों को ईमानदार से जुडी कहानियां सुनाते रहना चाहिए  ताकि  उनमें आत्मविश्वास बना रहे..

4. मेहनत का फल जरुर मिलता है इसलिए कठिन परिश्रम से घबराना नहीं चाहिए.. और हमेशा नया सीखते रहना चाहिए.  मेहनत का फल मीठा होता है… कई बार बच्चे हार मान जाते हैं कि नहीं हमसे नहीं हो पाएगा पर बच्चों को बताईए कि आप करो.. जीवन के जिस भी क्षेत्र में वो आगे आना चाहते हैं उसमे मेहनत ही छिपी है.. चाहे वो गाना गाना हो या डांस करना या कोई खेल मेहनत से नहीं घबराना चाहिए.. बचपन से ही मजबूत बना दिया तो बडे होकर तो वो मजबूत इरादे वाले ही बनेंगें

5.समय की कीमत बताना बहुत जरुरी है. अगर उसकी कीमत नहीं समझेंगें तो ये भी हमारी वेल्यू नहीं करेगा.. बच्चों में काम टालने की आदत बहुत होती है.. टालमटोल की आदत नहीं कि कल कर लूंगा.. ये रास्ता उन्हें असफलता की ओर ले जाएगा… परसो कर लूंगा काल करे सो आज कर, आज करे सो अब । पल में परलय होएगी, बहुरि करेगा कब..  जीवन में समय का अत्यधिक महत्त्व है जिसने इसे पहचान लिया वो सफल जरुर होगा… है समय को सही पहचानना ही समय का सदुपयोग है । टिक टिक करके घडी चलती रहती है निरंतर सरकती हुई हमें यही चेतावनी देती है कि समय निकला जा रहा है, कुछ कर लो..  समय पर स्कूल नहीं पहुंचते तो सजा मिलती है ना… जितना हो सकता है समय को मैंनेज करके इसका उपयोग करना चाहिए.. punctual होना सीखाना चाहिए.

6.गलती को मान लेना चाहिए… Admit mistakes. हम इंसान गलती से ही सबक सीखते हैं.. तो अगर कभी कोई गलती हो तो सबक सीखना पर ये नहीं है कि डर के मारे उसे करना ही नहीं… साईकिल सीखते हैं तो गिरते हैं ना… सीखना बंद तो नहीं करते… इससे उसकी स्किल भी निखरेगी.. बार बार प्रयास करेगें तो अच्छे से सीख भी जाएगें… उसे challenge की तरह स्वीकार करना चाहिए..

7. दोस्ती की Value करनी चाहिए.. अच्छे दोस्तों का साथ हमेशा बनाए रखना चाहिए.. और दोस्त को जरुरत हो तो उसकी मदद करनी भी चाहिए.. Cooperate करना चाहिए… अच्छे दोस्त बहुत भाग्य से मिलते हैं अगर कोई बहुत sincere है तो दोस्ती निभानी चाहिए..

  1. Be patient: संयम रखना सीखाना चाहिए और इसका उदाहरण पेरेंटस को खुद बनना चाहिए… खुद भी बने और बच्चों को भी सिखाएं.. बात बात पर गुस्सा करना, इमपेशेट होना अच्छा नहीं..थोडा तसल्ल्ली से आराम से बैठ कर सोचने का समय दें.. जल्दबाजी करें तो समझाए कि इससे नुकसान ही होता है और हम ओर्गेनाईज रहेंगें तो फिर कोई दिक्कत आएगी ही नहीं… इसलिए पेशेंस होनी बहुत जरुरी है.. अपने इमोशन पर काबू रखना आना चाहिए. किसी से लड़ाई हो गई.. नाराजगी हो गई…

9. अपना परिवार priority होनी चाहिए अपने परिवार का ख्याल रखना उनकी केयर करना प्राथमिकता होनी चाहिए.  उनका आदर करना.. वो कोई काम कहें तो उसे करना… उन्हें हग करना.. उनकी सुनना..

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