अच्छा इंसान कैसे बने
कैसे बनें अच्छा इंसान… आप सोच रहे होंगे कि ये क्या टॉपिक हुआ?? ये तो सभी को पता है… कैसे बनें अच्छा इंसान… जब मैंने कुछ लोगो से बात की कि आप बताएं तो लगभग सभी ने बोला कि अच्छा इंसान kind, caring होता है, दूसरे का ख्याल रखने वाला होता है… और क्या!! बेशक, पर सिर्फ इतना ही नहीं…. दूसरे के साथ साथ वो अपनी भी केयर करता है अपना भी ख्याल रखता है… जिस हम ज्यादातर ध्यान नहीं देते… कुछ बातें ऐसी हैं जिस पर हम ध्यान नही देते और शायद इसलिए अच्छे इंसान बनने से रह जाते हैं तो आज मैं आपको बता रही हूं 7 बातें..
चलिए अब शुरु करते हैं कि कैसे बनें अच्छा इंसान…
1.सबसे पहले तो ये सोचना है कि आपके विचार से अच्छे इंसान की क्या परिभाषा है ?? अच्छा कौन है ये discover करना है… जैसे मैं किसे पसंद करता हूं, मेरे आईडियल, मेरे रोल मॉडल कौन हैं… उनकी क्या ऐसी बात है जो मुझे अच्छी लगती है…
2. फिर खुद को improve करना है… रिश्ते बनाते में हमें honest और loyal रहना है.
घमंड नहीं करना.. देखिए अगर कोई ये कहे कि मैं श्रेष्ठ हूं तो कोई दिक्कत नहीं पर पर कोई ये कहे कि सिर्फ मैं भी श्रेष्ठ हूं… ये सही नहीं… ये घंमड है… इसी के साथ साथ दिखावा करने की कोई जरुरत नहीं.. जरुरत इस बात की है कि हम जो कहे उस बात पर स्टिक्ट भी रहें…
जब हम खुद को improve करने की बात करते हैं तो इसका मतलब है हम इस ओर प्रयास कर रहे हैं एक दिन में ही बदलाव नहीं आएगा.. समय लगेगा पर बदलाव आएगा जरुर.. छोटे छोटे कदमों से शुरुआत कीजिए… फिर ये हमारी आदत ही बन जाएगी… एक एक करके सुधार करते जाईए..
3. अपने अंदर अच्छी क्वालिटी devlope करनी हैं कुछ magic words का खुल कर इस्तेमाल करना है जैसा कि thanks, sorry, please, बडो का आदर करना है छोटों से प्यार से बात करनी है और जो disable हैं proper attention देनी है… जिससे भी बात करे….. बोलने से पहले सोच लें कि क्या बात करनी है…
4.Bad Qualities खत्म करनी हैं… अक्सर हम किसी भी बात को पर्सनली ले लेते हैं तो इसे तो बिल्कुल ही नहीं लेना चाहिए.. जो सामने वाला बोल रहा है ये उसकी अपनी सोच है…
फिर जलन, ईर्ष्या, नफरत, तुलना, भूल कर भी नहीं करनी. मन में भी कोई ग्रजिस नहीं रखनी क्योंकि अगर हम ये बातें मन में रखेंगें तो प्रोब्लम भी हमे ही होगी… सामने वाले को तो कोई फर्क नहीं पडेगा..
कोई गलती करता है तो माफ कर देना चाहिए हमसे गलती हो तो सॉरी बोल देना चाहिए. कोई गलती हुई तो सारा ब्लेम खुद पर नहीं लेना चाहिए और अगर कोई काम अच्छा हुआ तो ये भी नहीं हो कि सारा क्रेडिट खुद ले लिया…
आराम से कूल होकर, संयम से काम करना है
5. हमेशा हमेशा दूसरे की मदद के लिए आगे आना है… देने की भावना रखनी है.. एक गरीब मंदिर गया और भगवान जी के सामने खड़ा होकर जोर जोर से रोने लगा कि आपने मुझे इतना गरीब किसलिए बनाया…
भगवान जी बोले कि तूने देना नहीं सीखा इसलिए.. वो हैरान.. अरे मैं तो खुद गरीब हू मैं क्या दूंगा… तो वो बोले… तेरे पास दो हाथ हैं तू दूसरों की मदद कर सकता है.. तेरे पास जुबान है दो मीठे बोल बोल सकता है, अपनी स्माईल से दूसरे के दुख दर्द कम कर सकता है… तो हमें मन में दया भाव और समान अनुभूति रखनी है…
6. और इसके लिए सबसे जरुरी है हमारी पॉजिटिव सोच… नेगेटिव सोच रखेंगे तो कही न कही दूसरे के साथ साथ हम खुद को भी हर्ट कर रहे होते हैं और हमें तो रखना है अपना भी ख्याल… जो अच्छे इंसान होते हैं वो जितना ख्याल दूसरे का रखते हैं उतना ही खुद का भी रखते हैं… इसलिए..
7. हमारा जो भी काम हो एक्शन हो वो समाज और देश की बेहतरी की लिए हो.. बैटरमैंट के लिए हो… जैसा कि मैं ने पौधा लगाया तो ये अच्छा है ना .. मैं सड़क पर कूडा नहीं फेंकती तो ये भी एक कदम बेहतरी पर है और अगर मैं फालतू की बिजली नहीं जलने देती तो ये भी सार्थक कदम है… बस ऐसी ही पहल होनी चाहिए..
तो देखिए ये हैं कुछ बातें… अब बताईए क्या ये मुश्किल है.. ? कितना आसान है… बस जरुरत है commitment और determination की.. मन में ठान लें कि बस बनना ही है अच्छा इंसान… वो कहते भी है ना
कैसे बनें अच्छा इंसान… माना बुरी है दुनिया हर तरफ धोखा है…
हम तो अच्छे बनें.. हमें किसने रोका है…
अच्छे इंसान सिर्फ और सिर्फ अपने कर्म से पहचाने जाते हैं; क्योंकि अच्छी बातें तो बुरे लोग भी कर लेते हैं।