Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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August 22, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत – एक गांव की सफलता की कहानी

स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत – एक गांव की सफलता की कहानी

‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2017’ कार्यक्रम, Swachh Bharat Abhiyan ,खुले में शौच मुक्त, जन आंदोलन अभियान,  Open defecation free, Open toilet in india नाम चाहे कुछ भी हो मतलब स्वच्छता आने से है.

आज खबर पढी  कि केरल इस साल नवम्बर तक देश का पहला खुले मे शौच मुक्त राज्य बन जाएगा. यकीनन खुशी होगा स्वाभाविक है क्योकि अगर हमें आगे बढना है तो स्वच्छता का ख्याल तो रखना  ही पडेगा और अगर इसे जन आंदोलन के रुप में लिया जाएगा तो बहुत जल्द फर्क पडेगा पर उससे पहले जागरुकता आनी बहुत जरुरी है.

स्वच्छ सर्वेक्षण 2017  के अंतर्गत स्वच्छता से संबंधित शहरों में स्वच्छता का स्तर तथा राज्यों और शहरी निकायों के प्रयासों का आंंकलन किया जाएगा। इसके अलावा सर्वेक्षण में शामिल 500 शहरों की रैंकिंग भी की जाएगी.

बात कुछ साल पुरानी है जब हरियाणा के जिले सिरसा में भी स्वच्छता की लहर चली थी और सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत जिला  प्रशासन के साथ मिलकर पूरा जिला स्वच्छता की राह पर निकल गया था.

ये सफलता की कहानी है हरियाणा के जिला सिरसा के गांव रुपाणा बिश्नोईया की

पहले इस गांव के भी लगभग सभी लोग खुले मे शौच जाते थे

अनीता और सुमन  ने बताया कि जब उन्हें स्वच्छता का मह्त्व बताया गया तो उन्होने भी लोगो को खुले मे शौच जाने से रोकना शुरु कर दिया.

स्कूली बच्चा धर्मवीर भी अपनी इस उपलब्धि से बहुत उत्साहित दिखा …

वही स्कूली अध्यापक मदन लाल जी  ने बताया कि स्वच्छता लाने में जिला प्रशासन का बहुत योगदान रहा.

वही सरपंच बंसी लाल भी बहुत उत्साहित थे और बता रहे थे कि पहले सारा गांव ही बाहर शौच  के लिए जाया करता था पर आज पूरी सफाई और स्वच्छता है घर घर मे कुई है और लोग उसी का इस्तेमाल करते हैंं

कुल मिला कर देखा जाए तो इस अभियान को गांव वालो ने एक जन आंदोलन के रुप में लिया. पूरे गांव को एक परिवार समझा और सभी मिलकर स्वच्छता लाने मे एक जुट हो गए…

पूरा गांव जय स्वच्छता से गूंज उठा…

swachh bharat swastha bharat

वैसे स्वच्छता के बारे मे आपकी क्या सोच है … जरुर बताईएगा …!!!

August 21, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

ओलम्पिक खेल मे भारत और हार के कारण

ओलम्पिक खेल मे भारत और हार के कारण

Rio  Olympics 2016  रियो ओलम्पिक 2016 खत्म हुआ और शुरु हुआ मंथन . Sports में हार जीत तो होती रहती है पर जरुरत इस बात की है कि हम इस पराजय से सबक लें ताकि भविष्य में भी 2 मैडल से सब्र न करना पडे.

भारत में मूलभूत ढांचे की कमी, स्वास्थ्य की कमी, ग़रीबी, लड़कियों को खेलों से दूर रखना, लड़कों पर अच्छे डॉक्टर और इंजीनियर बनने का दबाव, क्रिकेट की लोकप्रियता और ओलंपिक के बारे में ग्रामीण इलाक़ों में जानकारी की कमी है. ये बात रियो ओलम्पिक के दौरान चीनी मीडिया ने कही थी

अरे ओ साम्भा कितने देश के खिलाडी थे रे
206
कितने खेल थे रे
306
अपने देश भारत के कितने खिलाडी थे
119
कितने पदक मिले रे
2
ये क्या हो रियो है रे
बहुत नाइंसाफी है
ये बहुत मेहनत करनी पडेगी अब रे…

खेल के आखिरी दिन एक पदक की आस थी कि शायद गोल्ड  मैडल आ जाए

कुश्ती का मैच देखा पर समझ नही आया कि पहलवान योगेश्वर दत्त पहले ही दौर मे हार गए फिर भी यह कहा जा रहा था कि अभी भी उम्मीद है .. समझ नही आया कि उम्मीद कैसे ??

ओलम्पिक  में कांस्य पदक जीतने वाले भारतीय पहलवान योगेश्वर दत्त रियो ओलंपिक के आखिरी दिन अपने पहले दौर में हार गए. लेकिन इस हार के बावजूद भी वो पदक की दौड़ में बने हुए थे. असल ये संभव था रेपचेज से. रेपचेज से हारने वाले पहलवान के पास भी ब्रॉन्ज मेडल जीतने का मौका रहता है.
समझ नही आया कि क्या है रेपचेज?
पढा तो पता चला कि
कुश्ती में रेपचेज वो नियम है जिसके तहत अगर कोई खिलाड़ी शुरुआती दौर में हार जाता है और उससे जीतने वाला खिलाड़ी फाइनल तक पहुंचता है तो हारने वाले को अपनी ताकत आजमाइश का दूसरा मिलता है.

यह शब्द फ्रेंच से लिया गया है जिसका अर्थ rescue अर्थात बचाव होता है. कुश्ती में यह उस खिलाड़ी के लिए बचाव का एक और मौका होता है जो शुरुआती मुकाबले में हार जाता है.
हालांकि इस बार योगेश्वर जिससे हारे वो मंगोलियाई पहलवान क्वार्टरफाइनल में हार गया और योगेश्वर की रेपचेज खेलने की संभावना खत्म हो गई.

चिंता का विषय है कि चीनी मीडिया ने ओलंपिक में भारत के निराशाजनक प्रदर्शन के छह कारण बता दिए कि भारत में मूलभूत ढांचे की कमी, स्वास्थ्य की कमी, ग़रीबी, लड़कियों को खेलों से दूर रखना, लड़कों पर अच्छे डॉक्टर और इंजीनियर बनने का दबाव, क्रिकेट की लोकप्रियता और ओलंपिक के बारे में ग्रामीण इलाक़ों में जानकारी की कमी है.

चीनी मीडिया में ये भी कहा गया है कि भारत चीन के बाद दूसरा सबसे ज़्यादा जनसंख्या वाला देश है लेकिन ओलंपिक में बहुत कम पदक जीत पाता

rio

no repechage chance for yogeshwar dutt as mongolias ganzorigiin mandakhnaran loses in quarter finals: खेल: आज तक

कुश्ती में रेपचेज वो नियम है जिसके तहत अगर कोई खिलाड़ी शुरुआती दौर में हार जाता है और उससे जीतने वाला खिलाड़ी फाइनल तक पहुंचता है तो हारने वाले को अपनी ताकत आजमाइश का दूसरा मिलता है. read more at aajtak.intoday.in

 

एक उम्मीद ऐसी भी थी कभी …

Rio Olympics 2016: जानिए इस बार भारत को कितने पदक मिलेंगे ?

Rio Olympics 2016: जानिए इस बार भारत को कितने पदक मिलेंगे ? read more at sportskeeda.com

आज जरुरत इस बात की है इस निराशाजनक प्रदर्शन  से हम सबक ले  और अगले खेलों के लिए खिलाडियों को भरपूर सुविधाएं  दें …

 

August 21, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

महिलाएं – खेल, खिलाडी और आत्मविश्वास

महिलाएं – खेल, खिलाडी और आत्मविश्वास

Rio Olympic 2016, रियो ओलम्पिक 2016  में भारत की महिलाओं का ही बोल बाला रहा … जहां एक बार भारतीयों ने पदक की आस छोड दी थी वहीं साक्षी मलिक और पीवी सिंधु एक उम्मीद बन कर आईं और दीपा कर्माकर ने जिस तरह से महिला जिमनास्ट में चौथा स्थान प्राप्त किया वो एक मिसाल बनी हैं. जिस तरह से देश में कन्या भ्रूण हत्या हो रही हैं ऐसे में बेटियों का पदक जीत कर लाना एक ताजा हवा का झोंका है और एक उम्मीद है कि हमारी बेटियां कुछ भी कर सकती हैं … !!! अब हिम्मत आ रही है …

 

खिलाडी महिलाएं - कार्टून मोनिका गुप्ता

खिलाडी महिलाएं – कार्टून-  मोनिका गुप्ता

ओलंपिक में पदक जीतने वाली वो 4 भारतीय महिलाएं – BBC हिंदी

साक्षी मलिक, साइना नेहवाल, मेरी कॉम और कर्णम मल्लेश्वरी ने ऐसे जीते थे ओलंपिक पदक. bbc.com

 

ओलिंपिक में भारत और भारत में महिला खिलाड़ी…

कभी-कभी मन में एक बात आती है, कि आखिर कैसा होता होगा उस परिवार का माहौल जहां भ्रूण हत्‍या को अंजाम दिया गया होगा, क्‍या वह लोग आपस में नजर मिला पाते होंगे, क्‍या देश की बेटी की जीत से उनका सीना चौड़ा होता होगा… Read more…

 

ओलिंपिक में भारत और भारत में महिला खिलाड़ी…

कभी-कभी मन में एक बात आती है, कि आखिर कैसा होता होगा उस परिवार का माहौल जहां भ्रूण हत्‍या को अंजाम दिया गया होगा, क्‍या वह लोग आपस में नजर मिला पाते होंगे, क्‍या देश की बेटी की जीत से उनका सीना चौड़ा होता होगा… Read more…

 

 

CqSYahUUsAARaWU

पीवी सिंधु ने रियो ओलम्पिक में रचा इतिहास, जीता सिल्वर मेडल – DhasuNews

पीवी सिंधु ने सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है| वो ऐसा करने वाली पहली भारतीय बेडमिंटन महिला खिलाडी बनी| इससे पहले सायना नेहवाल ने 2012 में लन्दन ओलम्पिक में ब्रोंज मेडल जीता था| सिंधु का मुकाबला स्पेन की पहली वरीयता प्राप्त केरोलिना मारिन से था| शुरू से ही यह मुकाबला काफी रोमांचक और दिल की धड़कन रोकने वाला था|यह खेल 1 घंटा 23 मिनट चला| जिसे केरोलिना ने 19-21, 21-12, 21-15 से अपने नाम कर लिया| सिंधु ने हारकर भी इतिहास रच दिया| See more…

खेल के नाम – मन की बात

रियो ओलम्पिक में महिला ने अपने मासिक धर्म के दौरान तैराकी में की जीत हासिल – Today News India

रियो: रियो ओलम्पिक में  महिला ने अपने मासिक धर्म के  दौरान तैराकी में की जीत हासिल। चीन की एक महिला तैराक ने अपने मासिक धर्म में होने के बाद भी तैराकी में 4×100 मीटर की तैराकी में भाग लिया। ये अपने आप में प्रेरणादायक है। आमतौर पर स्त्रियां इस दौरान कमज़ोर हो जाती हैं और … read more at todaynewsindia.com

महिलाएं – खेल, खिलाडी और आत्मविश्वास  के बारे में आपका क्या विचार है … जरुर बताईएगा !!

August 21, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

ब्लॉग, ब्लॉगर, ब्लॉगिंग और करियर

ब्लॉग, ब्लॉगर, ब्लॉगिंग और करियर

ब्लॉग, ब्लॉगर, ब्लॉगिंग और करियर – Blog ,Blogger, Blogging Free blog, Google ranking  kya  hai  इससे Career कैसे बनाया जा सकता है. कुछ समय पहले तक मेरे दिमाग में भी बहुत प्रश्न धूमते रहते थे कि ब्लॉग क्या है , ब्लॉग कैसे बनाते हैं ब्लॉग के क्या फायदे हैं फ्री ब्लॉग क्या होता है गूगल रैंकिंग में क्या ब्लॉग के द्वारा खुद को उपर लाया जा सकता है अपनी पहचान बनाई जा सकती है? यकीन मानिए बहुत search किया बहुत study भी किया बहुत sites भी देखी और बहुत कुछ समझ भी आया.

ब्लॉग, ब्लॉगर, ब्लॉगिंग और करियर

इंटरनेट आज के समय की आवश्कता है. इंटरनेट पर उपलब्ध ढेरों साईटस हमें हर तरह की जानकारी उपलब्ध करवाती हैं जैसे सोशल नेटवर्किंग साईटस न सिर्फ हमारा मनोरंजन करती हैं बल्कि हमें जागरुक भी करती हैं.

क्लिक भर से हमे हर वो जानकारी मिल सकती है जिसकी हमें तलाश हैं. इन ढेर सारी साईटस में ब्लॉगस भी अपनी अलग पहचान बनाए हुए है. यकीनन, आप मे से बहुत लोग ब्लॉग के बारे में जानकारी रखते होंगें और बहुत से लोग ब्लॉग के बारे में नही भी जानते होंगें.

वैसे कुछ साल पहले तक तो मुझे भी इंटरनेट या ब्लॉग की ज्यादा जानकारी नही थी पर जब मुझे नेट की जानकारी मिली और मैनें इंटरनेट पर जाना शुरु किया तो मानों मुझे नई राह ही मिल गई. घर बैठे बैठे बहुत कुछ पढने को मिलने लगा. जब भी समय मिलता मैं अपनी बातें सोशल नेट वर्किंग साईट पर सांझा करने लगी.

कुछ समय तक तो अच्छा लगता रहा क्योंकि नए नए लोगों से मिलना होता उनके बारे में जानने का मौका मिलता पर कुछ समय बाद यह महसूस होना शुरु हुआ कि कुछ क्रिएटिव यानि रचनात्मक करना है. कोई ऐसा एक मंच चाहिए जो सिर्फ मेरा ही हो और मैं अपनी बातें, अपने विचार वहां सांझा कर सकूं.

धीरे धीरे मैनें सर्च करना शुरु किया और तब मुझे ब्लॉग के बारे में पता चला. वैसे मेरे सर्कल में कुछ जानकार ब्लागर हैं पर जैसा कि मैने बताया कि मुझे जानकारी नही थी इसलिए मन मे ब्लॉगर की हमेशा से ही अलग इमेज रही.

मैं सोचती थी कि जो लोग ब्लॉग लिखते हैं उनका स्तर बहुत ऊंचा होता है जैसे लेखको में साहित्यकार और वरिष्ठ साहित्यकार होते हैं वैसे ही ब्लॉग लिखने वाले होते होंगें. इस के लिए बहुत अनुभव चाहिए होता होगा और धीरे धीरे मैनें ब्लॉग की तह तक जाना शुरु किया कि आखिर ब्लॉग होता क्या है और इसे लिखते कौन हैं.

  • क्या वाकई ब्लॉग बनाना मुश्किल है
  • क्या कोई टेक्नोलोजी या स्किल हमें आनी चाहिए
  • क्या इसके लिए बहुत पढाई की जरुरत है
  • या हमे कोई ट्रेनिंग चाहिए ब्लॉग बनाने के लिए

ब्लॉग है क्या

इसके बारे में सर्च करते हुए मुझे यही समझ आया कि जिस तरह हम डायरी लिखते हैं. उसमे अपने दुख सुख, अनुभव आदि लिखकर अपने मन की बात सांझा करते हैं. ब्लॉग भी आनलाईन डायरी की तरह ही है जिसमें हम अपनी भावनाए अपने विचार, अपना अनुभव व्यक्त करते हैं. ब्लाग लिखने वाले को ब्लागर और ब्लॉग में किए लेखन को ब्लागिंग कहतें हैं.

ब्लॉगिंग के लिए आपको किसी तकनीकी जानकारी की आवश्यकता नही है और ना  कोई उम्र की सीमा . बच्चें, बडे, बुजुर्ग और यहां तक की गृहणियां house wife, home maker  भी ब्लॉगिंग blogging  अपना कर अपना नाम, पहचान और आय का साधन बना सकते हैं.

तो ना तो ब्लॉग बनाना मुश्किल है और ना कोई टेक्नोलोजी या स्किल हमें आनी चाहिए

ना इसके लिए किसी खास पढाई की जरुरत है

और ना ही हमे कोई ट्रेनिंग चाहिए ब्लॉग blog  बनाने के लिए … अब फिर प्रश्न यह उठता है कि कौन  कौन बना सकता है  ब्लॉग ???

Page, Forum, Discussion Group Aasani Se Bana Sakte Hai blog main

उदाहरण -1

जैसाकि मान लिजिए कि एक महिला किचन गार्डनिंग मे बहुत माहिर है उसने छत पर भी खूबसूरत घास का मैदान तैयार किया हुआ है. किचन गार्डन मे सौ से भी ज्यादा फूल लगाए हुए हैं. अब हरी भरी प्रकृति के बारे मे कौन नही जानना चाहेगा. वो अपनी बात ब्लॉग के माध्यम से बहुत अच्छी तरह बता सकती है जो लोग उनसे कुछ जानकारी लेना चाहे वो दे सकती है. अपने विचारों का आदान प्रदान कर सकती हैं अब उसमे लेखक होने की कोई बात ही नही है.

 

उदाहरण -2

 

मेरी एक जानकार बहुत अच्छी कुक cook  है पर वो लेखिका writer  नही. खाने की रेसेपी डालती रहती हैं और नए नए पकवान कैसे बनाए बताती रहती हैं. बस आपकी जानकारी ऐसी हो कि किसी न किसी के काम आ सके अगर आपकी जानकारी अच्छी और सच्ची है और फिर बात वायरल होने में समय नही लगेगा.

वैसे आपसे बात करते करते एक आईडिया मुझे आया कि मेरी एक बुजुर्ग पडोसी महिला सत्संग में बहुत जाती हैं और बहुत अच्छी अच्छी बाते सीख कर आती हैं. अक्सर बार बातों बातों में वो प्रेरक प्रंसग भी सुनाती हैं. अपने समय में उन्होनें दसवीं पास की थी उसके बाद शादी हो गई थी. आज वो पचपन साल की हैं मैं उन्हें सुझाव दूंगी कि वो अपना ब्लॉग बनाए ताकि हम जैसे लोग अच्छी और प्रेरक बातों का फायदा उठा सकें.

वासुदेव कुटुम्बकम – Monica Gupta

वासुदेव कुटुम्बकम क्लिक करें गया वो जमाना जब आपका कही बाहर  धूमने का दिल किया और आपको बोरिया बिस्तर बांधना पडता था. अब जमाना वाकई में  बदल गया है !! अब उठाईए ऊंगली और निकल जाईए ह हा हा … जी हां उठाईए ऊंगली और निकल जाईए… एक क्लिक पर कभी दोस्तों की वॉल पर, कभी … read more at monicagupta.info

 

कैसे कैसे ब्लॉग

सर्च के दौरान एक और बात यह पता चली कि मुफ्त में भी ब्लॉग बनाए जा सकते हैं और जिसे अगर मात्र टाईम ही व्यतीत करना है तो उनके लिए इस तरह का ब्लॉग सही हो सकता है पर अगर हम वाकई में, ब्लागिंग के जरिए कुछ बनना चाहते हैं कुछ कर दिखाना चाहते हैं तो हमें प्रोफेशनल रुप से इसे अपनाना होगा.

ब्लॉगिंग के बहुत फायदे हैं.ब्लाग से हमारी एक अलग पहचान बनती है. इसके साथ साथ आप काम की बातों को दूसरों के साथ सांझा करेगें तो आप खुद तो आत्मविश्वासी बनेंगें ही दूसरों को भी अपनी बातों से प्रेरित कर सकेंगें.

ब्लॉग  बनाने के लिए जो हम अपना डोमेन नेम लेते हैं वो पूरे संसार में बस एक ही होता है जैसाकि मेरा monicagupta.info है ये पूरी दुनिया में किसी और का नही हो सकता. ये ठीक वैसे ही है जैसे आधार कार्ड का नम्बर होता है जो एक ही रहता है.

 

Way to Relax Mind – Monica Gupta

आज की busy life में हम Relax होने के तरीके खोजते रहते हैं ताकि दिमाग किसी तरह से stress free हो जाए इसलिए How to relax our mind  या stress free life जैसे टाईटल ही खोजते रहतें हैं. आईए जाने कि आज के ई युग में  रिलेक्स कैसे हो रहे हैं. read more at monicagupta.info

 

आय का साधन

इतना ही नही अगर हमारा ब्लॉग सही प्रकार से बना हो तो हमारी आय का साधन भी हो सकता है. जी हां, घर बैठे बैठे हमारी आय का जरिया बन सकता है ब्लॉग लेखन. जितना मैनें इसे पढा और समझा है इसका क्षेत्र बहुत विशाल है. इसके माध्यम से आय के बहुत सारे तरीके हैं. सफलता की कहानियां भी बहुत हैं जो हमें प्रेरित करती हैं कि हम भी ब्लॉग के माध्यम से एक आय का साधन बना सकते हैं.

 

एक स्टार्ट अप जिंदगी के नाम – Monica Gupta

एक स्टार्ट अप जिंदगी के नाम (महिलाए, स्टार्ट अप और मेरे मन की बात ) समाज में दो तरह की महिलाएं हैं एक तो वो जो सारा दिन बस आराम ही आराम करना चाह्ती है.. घर पर नौकर चाकर है अच्छी किटी पार्टी ज्वाईन की हुई है बस घर सम्भालना, आराम करना , वटस अप करना, मैसेज करना, मूवी देखना, चैनल बदलना और शापिंग करना (ओह इतने सारे काम ) और बस सो जाना Read more…

 

सबसे जरुरी बात

आमतौर पर अपने आप को बहुत कम समझतें हैं कि हम तो कुछ नही है हमें कुछ नही आता जबकि खूबी हर व्यक्ति में छिपी होती है बस जरुरत है कि उसे उभारे और ब्लॉग के माध्यम से पूरी दुनिया को अवगत करवाएं.

इसलिए अगर आप वाकई में भीड मे छिपा चेहरा नही बल्कि भीड में अलग चेहरा बनना चाहते हैं तो अपनी कमियां नही, खूबियां तलाश कीजिए और अपनी एक पहचान बनाईए ब्लॉग बनाईए.

 

What is Google Adsense – Monica Gupta

जब भी हम कभी जब ब्लॉग या इंटरनेट से आय कैसे हो कि बात करते हैं तो सबसे पहले हमारे जहन में Adsense का नाम आता है क्योकि सब पूछते हैं Adsense तो होगा ही पर हमें पता नही कि आखिर ये Adsense होता क्या है ?

गूगल ने इसको 18 जून 2003 को launch किया था. आय का फ्री और आसान तरीका है. Google Adsense  CPC यानि cost per click program है. ये एक ऐसा tool है जो पहले आपके ब्लॉग को उसके condition के हिसाब से पहले approvel देता है और  जब आपका ब्लॉग Google Adsense से approved हो जाता है तो  उसके बाद आप google Adsense का ads अपने ब्लॉग पर लगा कर अच्छे पैसे कमा सकते है और अगर आपके ब्लॉग पर ट्रैफिक बढिया है यानि बहुत लोग आ रहे हैं तो Google Adsense एकदम perfect माध्यम है. Read more…

 

और किसी ने क्या खूब कहा है कि

मंजिल मिले या न मिले ये तो अलग बात है हम कोशिश भी न करें ये तो गलत बात है

 

ब्लॉग के फायदे

ब्लॉग लिखेगें तो

रचनात्मकता जागेगी

नई नई बाते सीखने को मिलेगी

आत्मविश्वास पैदा होगा

 

ब्लॉग लिखेंगें तो व्यस्त रहेगें

बे फालतू के विचार नही आएगें

सोच कुछ सकारात्मक लिखने की रहेगी

नकारात्मकता जिंदगी से खत्म हो जाएगी

 

ब्लॉग लिखेंगें तो

अपने विचार और ज्ञान सांझा कर सकते हैं

आपके लेखन से और लोगो की मदद हो सकती है

किसी का ज्ञान आपकी वजह से बढ सकता है.

 

ब्लॉग लिखेगें तो

लोग जानेगें दायरा बढेगा

आपकी अपनी एक पहचान बनेगी

आप अपने विषय मे एक्सपर्ट बन सकते है

और आप एक दिन किसी के लिए प्रेरणा भी बन सकते हैं.

 

ब्लॉग के फायदे – गृहणी के लिए

 

ब्लॉग लेखन से

नाम होगा, पहचान बनेगी

समय का उपयोग, व्यस्त हो जाएगी

तनाव से मुक्ति मिलेगी, खुश रहेंगी

आमदनी होगी तो आत्मविश्वास पैदा होगा

किसी पर निर्भर नही रहना पडेगा.

अपने सर्कल में प्रमुखता तथा वर्चस्व होगा

लोगो का आपके प्रति नजरिया बदलेगा

मान सम्मान मिलेगा, आप छा जाएगीं

 

ब्लॉग के फायदे – रिटायर्ड व्यक्ति

 

समय को सही तरह से व्यतीत कर पाएगें

अपनी जिंदगी के अनुभव सांझा कर पाएगें

अपने ज्ञान से औरों की मदद कर पाएगें

व्यस्त रहेंगें, पहचान बनेगी, मनोबल बढेगा

परिवार की सोच बदलेगी, इज्जत मान बढेगा

ग्रुप बना सकते हैं, दोस्तों का सर्कल बढेगा

आय का साधन बनेगा, दूसरों के लिए प्रेरणादायक होंगें

 

ब्लॉग के फायदे – युवा वर्ग

 

तनावग्रस्त निराशाजनक जिंदगी से मुक्ति मिल सकेगी

उदासीनता और नकारात्मकता खत्म होगी

महत्वाकांक्षी बनेगें और सफलता के लिए प्रयासरत होंगे

आय का माध्यम बनेगा, नौकरी की जरुरत नही पडेगी

दोस्तों और परिवार में मान सम्मान बढेगा

जिंदगी खुशी, उमंग और उल्लास से भरी होगी.

 

blog photo

Photo by owenwbrown

Photo by tillwe

इतनी जानकारी मैने पढ कर जुटाई है … आज , वाकई में  लिखने , अपनी बात रखने और कहने के लिए इतना अच्छा और सशक्त माध्यम मिला हुआ है कि पूरी दुनिया तक हम अपनी बात पहुंचा सकते हैं….

ब्लॉग, ब्लॉगर, ब्लॉगिंग और करियर के बारे में अगर फिर भी हमें सोचना पड रहा है तो …

माफ कीजिए आप जिंदगी में कुछ करना ही नही चाह्ते … आप बस चैंट  कीजिए, मैसेज भेजिए, पोक कीजिए शायद यही है आपका समय का सदुपयोग …

August 21, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

पत्रकार, पत्रकारिता और नेताजी

पत्रकार, पत्रकारिता और नेताजी

पत्रकार, पत्रकारिता और नेताजी – Journalists क्या वाकई में मक्खी है ?“बेटी बचाओ, बेटी पढाओ”  beti bachao beti padhao पर मैने कुछ दिन पहले अपने blog ब्लॉग पर  article  लिखा और उसमे मैने Modi “जी” , मनोहर लाल “जी” करके नेताओ को सम्बोधित किया तो एक पत्रकार journalists ने कमेंट किया कि आप भी पत्रकार journalists  हैं और यह पत्रकार को शोभा नही देता कि आप नेताओ को “जी” कह कर सम्बोधित करें … !!

पत्रकार, पत्रकारिता और नेताजी

बेशक, मैं भी Zee News reporter रही हूं पर जब भी किसी मंत्री का साक्षात्कार लिया या तो बात सीधा प्रश्न से की या फिर अगर नाम भी लिया तो “ज़ी” लागने से कभी गुरेज नही किया. वैसे कई न्यूज चैनल पर भी मैने देखा है कि मंत्री से नाम लेकर बात करते हैं पर कई चैनल वाले बात करने के दौरान या बहस करते समय “जी” शब्द का इस्तेमाल करके गरिमा भी बनाए रखते हैं.बेशक,  बेशक पत्रकारिता की पढाई में यही सीखाया जाता है पर हकीकत में ऐसा नही होता …

मेरा मानना है कि अगर हम किसी आरोप के सिलसिले में नेता से बात कर रहे हैं मान लीजिए वो जेल जा रहे है तो यकीनन “जी” की जरुरत नही. . बात जी लगा कर हो या बिना जी लगाए … गरिमा जरुर बनाए रखनी चाहिए..

Journalists should be like honey-bee: Modi |

Credibility is a major challenge for the media as, he said, “merely reading the news is not enough but one has to read between the lines to ascertain whether it is credible.”

Guwahati: Prime Minister Narendra Modi asked journalists to be like honey-bees–producing honey and at the same time stinging– and not like house-fly which only spreads dirt.   Modi said “the media faces immense challenge in a fast-moving society like ours. Earlier, we got news once in 24 hours but now we get at least 24 news in one minute and the challenge is to be trusted and remain credible”.

Guwahati: Prime Minister Narendra Modi asked journalists to be like honey-bees–producing honey and at the same time stinging– and not like house-fly which only spreads dirt.    Journalists should Read more…

mona Zee

रवीश कुमार और प्राईम टाईम – Monica Gupta

मैं अक्सर रात नौ बजे  NDTV का प्राईम टाईम देखती हूं दूसरे चैनलों की चिलम चिल्ली से अलग अक्सर रवीश जी का प्राईम टाईम कार्यक्रम एक सुकून सा देता है… उनका लगातार बोलने का तरीका अन्य एंकर्स से अलग कैटागिरी में खडा करता है.  कल रात भी कुछ ऐसा ही हुआ. चैनल लगाया तो स्क्रीन काली थी और रवीश जी बोल रहे थे… बोल क्या रहे थे सच्चाई बया कर रहे थे. जिसे हम लोग लगभग हर रोज बेहद खिन्न और दुखी मन से अपने फेसबुक , Google , Twitter  पर लिखते हैं ऐसे में इतने बडे चैंनल के एक सीनियर जर्नलिस्ट का इस तरह से बोलना वाकई हिम्मत का काम है… यकीन मानिए कार्यक्रम खत्म होते होते तक मैं खुद भी इमोशनल हो गई क्योकि जिस तरह से उन्होनें अपनी बात रखी काबिले तारीफ थी. read more at monicagupta.info

 

खबरों की खबर – Monica Gupta

खबरों की खबर खबरों की खबर तिल का ताड बनना हो या राई का पहाड .. खबरिया चैनलों का कोई सानी नही. होता कुछ है बताते कुछ है दिखाते कुछ और ही है और जैसे निष्पक्ष पत्रकारिता तो रही नही इस विषय में भी बहुत सवाल खडे हुए हैं . बस खबर बनानी है … वो भी हट कर एक्सक्लूजिव read more at monicagupta.info

 

या फिर हम किसी नेता के उसके बडबोले बयान या हिंसा फैलाने वाले बयान पर साक्षात्कार ले रहे हैं तो गरिमा बनाए रखनी चाहिए पर  जी लगाना उचित नही   पर अगर कोई नेता अच्छा और देश हित के लिए सार्थक प्रयास कर रहा है और हम उनके बारे में लिख रहे हैं तो एक आध बार अगर सम्मान दिखा भी देंगें तो कोई फर्क नही पडेगा.. या फिर किसी नेता को हम आदर मान देकर अपने न्यूज स्टूडियो बुलाते है तो उसे आदर देना तो बनता है … वैसे पत्रकार होने का यह मतलब भी नही होना चाहिए कि आदर,मान ही भूल जाओ और नाम ले ले कर उनसे बात करो …

पत्रकार होने का यही अर्थ है ?? क्या पत्रकारिता यही है  कि नेता जी का सम्मान न किया जाए.

मैने उस पत्रकार को तो कुछ नही कहा सिर्फ स्माईल देकर बात वही खत्म कर दी पर

आपका क्या विचार है इस बारे में जरुर बताईगा …

imagesty

पत्रकार, पत्रकारिता और नेताजी

August 20, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

जान बची तो लाखों पाये – एक सच

जान बची तो लाखों पाये – एक सच

हे भगवान.. ऐसा भी होता है/ सफाई अभियान

राखी का त्योहार गया. घर मे बहुत फल और मिठाई रखी थी कुछ बांट दी और कुछ रह गई. सोचा  सुबह तो निबटा ही दूंगी. खाना बनाकर टीवी देखा और देखते देखते नींद भी आ गई. अचानक फोन की घंटी हुई. फोन उठाया तो रॉग नम्बर था. चाय पीने के बाद शुरु हुआ सफाई अभियान.

मिठाई का दुबारा देखा और सूंधा कि क्या वाकई खराब है या चलाई जा सकती है पर सोचा कि पंगा नही लेते… अचानक गेट पर घंटी बजी और बाहर सफाई कमर्चारी था. कूडा लेने आया था. मैने फटाफट डिब्बा बंद किया और उसे पकडा दिया कि खा लेना.. लगभग आधा धंटे बाद फिर घंटी बजी. बाहर आई तो देखा जमादार के साथ दो तीन लोग खडे थे. जमादार बता रहा था कि इन्ही बीबी ने मिठाई का डिब्बा दिया था. उसने मुझे बताया कि उसके बच्चों ने मिठाई खाई और उनकी तबियत खराब हो गई अस्पताल मेंं है … अरे बाप रे … !!

अस्पताल् के डाक्टर मुझे जानते थे तो मैने फोन करके मरीज का हाल पूछा तो उन्होने बताया कि दोनो बच्चे अभी गम्भीर हैं… हे भगवान !! मैने तो तौबा कर ली कि आगे से कभी किसी को खराब मिठाई नही दूंगी और देना क्या मैं तो कभी घर में भी नही लाऊंगी मिठाई …

मैने सारे देवी देवता याद कर लिए कि बस इस बार बचा लो भगवान !! क्षमा करो … क्षमा करो… दो चार आदमी तो मेरे घर के आगे ही बैठ गए कि अगर बच्चों को कुछ हुआ तो वो यही तोड फोड शुरु कर देंगें…

हे भगवान !! खिडकी से बाहर झांका तो वो लोग बात कर रहे थे कि पुलिस केस तो है ही पुलिस को सूचित कर दिया है आने वाली होगी वो कभी भी …

हे भगवान !! मैं झांक ही रही थी बाहर तभी दरवाजे की घंटी बजी.. मैने सोचा मर गए अब क्या करु … क्या करु …

अचानक मेरी नींद खुल गई… अरे !! मैं पसीना पसीना थी… वो सपना था … क्या ?? वो सब सपना था … जान में जान आई … बाहर आई तो देखा वही सफाई कर्मचारी खडा था कूडा लेने आया था.. मैं जैसे ही कूडा लाने के लिए मुडी वो बोला बीबी जी राखी की मिठाई ?? मैने हसंते हुए कहा कि वो तो खत्म हो गई तुम  पैसे ले जाओ और बच्चो के लिए फल खरीद लेना.. खिला देना…

वो वाली मिठाई भी कूडे की भेट चढ चुकी थी और अब  मैं बहुत अच्छा महसूस कर रही थी …  वो नमस्ते करता आगे बढ गया और मैं चाय बनाती हुई अपना अपना सोच रही हूं !! जान बची तो लाखों पाये – एक सच !!

सपने से ही सही एक सबक तो मिला  !!…

 thinking photo

वैसे आप क्या सोचते हैं !!

Photo by 412 digital

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