स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत – एक गांव की सफलता की कहानी
‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2017’ कार्यक्रम, Swachh Bharat Abhiyan ,खुले में शौच मुक्त, जन आंदोलन अभियान, Open defecation free, Open toilet in india नाम चाहे कुछ भी हो मतलब स्वच्छता आने से है.
आज खबर पढी कि केरल इस साल नवम्बर तक देश का पहला खुले मे शौच मुक्त राज्य बन जाएगा. यकीनन खुशी होगा स्वाभाविक है क्योकि अगर हमें आगे बढना है तो स्वच्छता का ख्याल तो रखना ही पडेगा और अगर इसे जन आंदोलन के रुप में लिया जाएगा तो बहुत जल्द फर्क पडेगा पर उससे पहले जागरुकता आनी बहुत जरुरी है.
स्वच्छ सर्वेक्षण 2017 के अंतर्गत स्वच्छता से संबंधित शहरों में स्वच्छता का स्तर तथा राज्यों और शहरी निकायों के प्रयासों का आंंकलन किया जाएगा। इसके अलावा सर्वेक्षण में शामिल 500 शहरों की रैंकिंग भी की जाएगी.
बात कुछ साल पुरानी है जब हरियाणा के जिले सिरसा में भी स्वच्छता की लहर चली थी और सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत जिला प्रशासन के साथ मिलकर पूरा जिला स्वच्छता की राह पर निकल गया था.
ये सफलता की कहानी है हरियाणा के जिला सिरसा के गांव रुपाणा बिश्नोईया की
पहले इस गांव के भी लगभग सभी लोग खुले मे शौच जाते थे
अनीता और सुमन ने बताया कि जब उन्हें स्वच्छता का मह्त्व बताया गया तो उन्होने भी लोगो को खुले मे शौच जाने से रोकना शुरु कर दिया.
स्कूली बच्चा धर्मवीर भी अपनी इस उपलब्धि से बहुत उत्साहित दिखा …
वही स्कूली अध्यापक मदन लाल जी ने बताया कि स्वच्छता लाने में जिला प्रशासन का बहुत योगदान रहा.
वही सरपंच बंसी लाल भी बहुत उत्साहित थे और बता रहे थे कि पहले सारा गांव ही बाहर शौच के लिए जाया करता था पर आज पूरी सफाई और स्वच्छता है घर घर मे कुई है और लोग उसी का इस्तेमाल करते हैंं
कुल मिला कर देखा जाए तो इस अभियान को गांव वालो ने एक जन आंदोलन के रुप में लिया. पूरे गांव को एक परिवार समझा और सभी मिलकर स्वच्छता लाने मे एक जुट हो गए…
पूरा गांव जय स्वच्छता से गूंज उठा…
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वैसे स्वच्छता के बारे मे आपकी क्या सोच है … जरुर बताईएगा …!!!
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