Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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May 7, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Prerak kahani In Hindi – video – नियत का फल – प्रेरक कहानी

Prerak kahani In Hindi – video – नियत का फल – प्रेरक कहानी  – Niyat Ka Phal – Inspirational Story – जिंदगी में बहुत बार उतार चढाव आते हैं पर जरुरत होती है अपनी नियत साफ रखने की… अगर नियत साफ रहेगी फिर कोई फ्रिक नही… फल नियत के हिसाब से ही मिलता है.. इस बारे में एक कहानी जो कुछ समय पहले मैंने पढी वो शेयर कर रही हूं…

Prerak kahani In Hindi – video – नियत का फल – प्रेरक कहानी

असल में, कहानियां अपनी बात कहने का सशक्त मध्यम है…  तो कहानी है कि बहुत पुराने समय की.. एक बार बात है एक राजा अपनी प्रजा का हाल-चाल पूछने के लिए गाँवो में घूम रहे थे.. वो इसलिए घूमते थे ताकि सच्चाई पता चल जाए… नही तो राजा तक सच्चाई पहुचती ही नही…

घूमते-घूमते राजा का कुरता झाडी में अटक कर फस गया और फट गया अब राजा वापिस तो लौटना नही चाह्ते थे  तो उन्होनें अपने मंत्री से कहा, पता करो की इस गाँव में कौन सा दर्जी हैं जो इसे  सिल सके,… मंत्री ने पता किया , उस गाँव में सिर्फ एक  दर्जी था, जो कपडे सिलने का काम करता था…

उसको राजा के सामने ले जाया गया,, राजा ने कहा, क्या इसे सिल सकते हो,,, दर्जी ने कहा,यह कोई मुश्किल काम नहीं है, उसने फटाफट सिल दिया। राजा ने दर्जी से पूछा कितने पैसे दूँ ?

दरजी ने कहा, महाराज रहने दो छोटा सा काम था, कर दिया आप तो हमारे महाराज है जो कुछ मेरे पास है वो आपका ही तो दिया है । उसने मन में सोचा कि उसने तो सिर्फ धागा ही लगाया हैं

फिर भी वो ठहरा राजा … बोला..

राजा ने फिर से दर्जी को कहा, नहीं नहीं बोलो कितने पैसे दूँ ? दर्जी ने सोचा 1 रूपये मांग लेता हूँ, फिर मन में सोचा कि कहीं राजा यह ने सोच लें, कि मुझ से 1 रुपये ले रहा हैं, तो गाँव वालों से कितना लेता होगा क्योंकि उस जमाने में 1 रुपये की कीमत बहुत होती थी

दर्जी ने राजा से कहा, महाराज जो भी आपको उचित लगे वह दे दो, अब था तो राजा को ही कुछ सोचकर अपने हिसाब से दरजी को देना था।

कहीं देने में उसकी पोजीशन ख़राब न हो जाये उसने अपने मंत्री से कहा – इस दर्जी को २ गाँव दे दों  यह हमारा हुकम है

कहाँ वो दर्जी सिर्फ २ रुपये की मांग कर रहा था, और कहाँ राजा ने उसको २ गाँव दे दिए, तो मिल गया उसे नियत का फल… नियत साफ रखी और सब राजा जी पर छोड दिया और… हम अकसर कई मौके पर लालच कर जाते हैं… जोकि नही करना चाहिए…

व्यक्ति साधनों से नही साधन से अच्छा बनता है

भवनों से नही भावना से अच्छा बनता है

उच्चारण से नही उच्च आचरण से अच्छा बनता है…

 Prerak kahani In Hindi – video – नियत का फल – प्रेरक कहानी   

May 6, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Share Your Thoughts and Feelings – #6 – मुझे कुछ कहना है – Life Changing Experiences

Share Your Thoughts and Feelings – #6 – मुझे कुछ कहना है – Life Changing Experiences Monica Gupta – Thinking that will Change Your Life – सोच जो बदल दे जिंदगी मुझे कुछ कहना है आपसे –

Share Your Thoughts and Feelings – #6 – मुझे कुछ कहना है – Life Changing Experiences

1 Sajan जी  की तरफ से पूजा जी लिखती है..वीडियों जब कोई दिल दुखाए पर

ये मेरे husband की id है मेरा नाम पूजा है  मैं तो आपकी बहुत बडी फैन हो गई हूं मैंने भी कुछ ऐसा ही अपनी ससुराल में किया था मेरी सास कुछ भी बोलती तो मैं कोई जवाब देती ही नही सिर्फ चुपचाप सुन लेती थी.

2. राजेंद्र जी की तरफ से प्रियंका जी ने लिखा है

Yes mem इसी पे वीडियो मैं आपसे चाहती थी.. और बहुत अच्छा लगता है जब आप instant reply करते हो तब.. आपके बोलने का अंदाज बहुत अच्छा लगता है आज तक इतनी वीडियोज देखी हैं किसी वीडियो के लिए इतनी  excitement नही होती जितनी आपके वीडियोज का इंतजार रहता है और जिस तरह से आप बोलते हो लगता है कोई सामने बैठ कर समझाता है i really like u. ….. priyanka

3. सुकांता गोस्वामी – बच्चों को कैसे समझें

Ma’am…मैं रोज wait करती हूं आपकी next video के लिए  कि अब क्या सीखने को मिलेगा…. इतनी अच्छी लगती हैं आपकी वीडियो क्या बताऊ…aur helpful to hai ही …ma’am Meri khowaish Hai ki मैं अपनी बेटी की best friend बनूं.. और वो मेरी best friend bane…

मैं बताना चाहूंगी कि इनकी बेटी का नाम है jagriti जिसे घर में सब जूही बुलाते हैं वो 6 साल की हैं..

इन्होने लिखा है कि मैं इसी कोशिश मे लगी रहती हूं पता नही ये होगा या नही पर मैं try कर रही हूं  आप की वीडियो ने mujhe और भी  motivate कर दिया मेरे इस काम में thank you अगर आप सामने होते तो आपको एक प्यारा सा हग दे देती… मम्मी को जैसे देती हूं thank you

4. kanchan जी ने लिखा है  –  khush kaise rahey

Nice thought mam, आपकी सारी video बहुत अच्छी होती है..हर एक video से positive energy मिलती है और देख कर लगता है कि आप इतनी positive सोच रखती हो कि आप की वीडियो देख कर सब में positivity आ जाती है thanku so much

5. gita shrivastwa  –

मोनिका जी आज मैं बहुत परेशान थी .आप की बातें ,सुनकर बहुत सुनकर मन शांत हो गया.. अब खुश रहने की कोशिश करूगी ..आपको बहुत बहुत धन्यवाद ……

6. Ekta जी ने लिखा है sharing is caring वीडियो पर

Yes mam आपने बिलकुल सही कहा अच्छी बातें शेयर करने से knowledge के साथ साथ दूसरे लोगो को उस बात की  information मिल जाती है फिर वो अपन अकाम ठीक से करता है कोई गडबडी नही होती thanks mam मुझे बताने के लिए आपकी हर वीडियो बहुत अच्छी लगती है..

7. Shivam जी की तरफ से है ये कमेंट की Baste सुबह जल्दी कैसे उठे..

आपने मुझे बहुत एनर्जी दी है.. पहले मेरी सोच बहुत नेगेटिव थी पर अब पॉजिटिव सोचने लगी हूं और मेरे घर में सब खुश रहने लगे..thanku mam.आपको जितना भी thank u बोलू वो बहुत कम है पर फिर भी thanks mam.

8. tannu pal – How to Spend Less Money

Good morning ma’am . मुझे आपकी सारी वीडियोज देखना बहुत पसंद है पहले मुझे छोटी छोटी बातों पर गुस्सा आता था.. जब से मैंनें आपकी वीडियो देखी है मैंनें गुस्सा करना छोड दिया है thanku ma’am. आप आगे भी ऐसी ही motivational videos बनाती रहिए

9. Raj Khan जी

you are right mam मेरा बेटा को मैं गुस्सा करती हूं तो रोने लग जाता है उसको पसंद नहीं है कि कोई उसको डांटे….  मारना तो बहुत दूर की बात है… ना लड़ाई झगड़ा पसंद है उसको अभी स्कूल में हफ्ता भर ही हुआ है… स्कूल जाने मे… तुमको पढ़ना लिखना नहीं आता है बोलकर उसको मार दिए हैं  उसको… मेरा बेटा के शरीर में पांचों उंगली का निशान था तो अभी स्कूल जाने में वह डर रहे हैं कि स्कूल बहुत गंदे होते है मुझे स्कूल नहीं जाना है स्कूल के नाम से घबरा जाता है please bataiye मुझे क्या करना है…

जब मैंने लिखा कि आप प्रिंसीपल से बात कीजिए तो उनहोने बताया

thank you mam हमने प्रिंसिपल से शिकायत किए थे मैडम को 15 दिन का अल्टीमेट दिए हैं बाहर निकालने के लिए…  लेकिन हम चाहते हैं कि उसका जॉब ना छूटे… अगली बार से किसी भी बच्चे को ना मारे...  

 

 Share Your Thoughts and Feelings – #6 

May 5, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

How to Spend Less Money – खर्च कम कैसे करें – How to Spend Less and Save More

How to Spend Less Money – खर्च कम कैसे करें – How to Spend Less and Save More  – महीने की पहली तारीख आते ही जहां सैलरी की इंतजार होती हैं वही सैलरी मिलते ही सब खर्च हो जाती है.. लिस्ट तैयार होती है कि क्या खर्चा है क्या क्या बिल है और देखते ही देखते पूरी सैलरी गायब हो जाती है… समझ नही आता कि कैसे बचत करे.. कहां करे.. वैसे इस बारे मे एक वीडियो बनाई थी जिसमे कुछ बातें बताई थी और कुछ बातें आज ले कर आई हूं कि किन किन बातों का ख्याल रखे…

How to Spend Less Money – खर्च कम कैसे करें – How to Spend Less and Save More

महिलाए ज्यादा इंवोल्व होती है तो उनके लिए ज्यादा ध्यान देने वाली बात है

बजट

सबसे पहले तो बजट बनाना बहुत जरुरी है कि किस चीज में कितना खर्च होता है जैसा कि किचन का, बिजली का , पानी का, मोबाईल बिल, फीस, सब की लिस्ट बना लेनी चाहिए मान लीजिए कुल मिलाकर सारा खर्चा 9 हजार है तो आप दस हजार ले सकती है क्योकि कई बार कम ज्यादा हो जाता है फिर बार बार पैसे न मांगने पडे इसलिए पहले ही हजार रुपये ज्यादा ले लिए… अब आप ये सोचिए कि इन हजार रुपयों को डबल कैसे किया जा सकता है.. किन बातों का ख्याल रखे कि पैसे बचा लिए जाए...

 

जैसे मान लीजिए बिजली की ही बात करें तो हम टीवी को रिमोट से बंद करते हैं एसी भी रिमोट से बंद करते हैं जब लम्बे समय के लिए बंद करना हो तो स्विच बंद कर देना चाहिए…टीवी का भी टाईम फिक्स कर देना चाहिए बहुत घरों में सारा दिन ही चलता रहता है उससे बिजली भी लगती हैं और आखों पर भी असर होता है…

Regular maintenance & service

दूसरी बात ये कि चाहे एसी हुआ, टीवी हुआ, माईक्रो हुआ समय समय पर उसकी सर्विस करवाते रहना चाहिए क्योकि एक बार चीज बिगडनी शुरु हो गई तो फिर नई लाने की नौबत आ जाती है और नई चीज देख लीजिए कितनी महंगी होती है.. एक बार बजट ही बिगड जाता है…

ऐसी ही बिजली की तारें हुई या नलके की लिकेज.. कुछ भी maintenance बहुत जरुरी है.

Prepaid बेहतर रहता है… हम मोबाइल इस्तेमाल करते हैं कई बार बिल ऐसा ऐसा लग कर आ जाता हि जो फीचर हमने इस्तेमाल ही नही किए होते तो … Prepaid मे कोई तनाव नही रहता न को एक्स्ट्रा खर्च आता.

Summer sale offer का फायदा उठाना चाहिए  .. कई बार सेल में वही चीज कम दाम में मिल जाती है तो चाहे समर हो या विंटर सेल का फायदा उठा लेना चाहिए पर

फ्री ऑफर से बच कर रहे.. इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए क्वालिटी अच्छी हो कई बार एक के साथ एक फ्री या तीन के साथ तीन फ्री मिलती है तो पहले देखे चैक करे और फिर ही खरीदे… लालच में कई बार सही चीज नही मिलती…

ट्रेवल प्लान

कई बार हम प्लान बना लेते हैं कि हमें ट्रेवल करना है तो अगर हम पहले से ही बुक करवा देंगें चाहे प्लेन का टिकट हो या होटल का रुम हो तो सस्ता पडता है…

रुटीन मे कैश पेयमैंट

इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए कि रुटीन मे कैश पेयमैंट ही करे… उसका कारण ये है कि जेब से पैसे निकलते हैं तो पता लगता है कि खर्चा कितना हो गया जबकि कार्ड से पता ही नही लगता …

बिल समय पर भरें

एक चीज और बहुत ध्यान देने वाली है वो ये कि बिल समय पर भरें चाहे बिजली का हो, मोबाइल का हो, फोन का हो, नही भरा तो पैनेलटी लगती है.. फिर बहुत दुख होता है बेशक सौ दो सौ रुपये ही हो पर जेब से गए.. इसलिए पहले ही मार्क कर लीजिए कि ये तारीख है उससे पहले जमा करवाने ही हैं..

बहुत ज्यादा सब्जी भी न खरीदे.

कई बार हम मार्किट गए और सीधा दस दिन की सब्जी ले आए पर उसे सम्भाला नही और बहुत सारी खराब हो गई.. उसका भी फायदा नही नुकसान ही होता है…

एक हम घर में छोटा सा किचन गार्डन बना सकते हैं

अगर नही है जगह तो कुछ एक चीजे गमलो में भी लगाई जा सकती है…

 उपहार एक हम कुछ ऐसे भी कर सकते हैं मान लीजिए आपकी सहेली का जन्मदिन है या शादी की साल गिरह है तो कुछ मिठाई या उसकी पसंद की चीज घर से भी बना कर दे सकते हैं.. इससे अपनेपन का भी अहसास होता है और खर्चा भी बचता है.. जहां लगे कि हम कुछ  बना सकते है कोई चीज तो बना कर दे देनी चाहिए…

Bargain की आदत डाल लेनी चाहिए यानि तोल मोल कर ही लेना चाहिए.. कई लोगो को रेट पूछ्ने मे झिझक होती है या शर्म आती है पर पूछ्ने मे ही भलाई है… और दुकानदार रेट कम भी कर देते है… चाहे हम ऑनलाईन ही कुछ खरीद रहे हो तो भी अलग अलग रेट चैक करके ही ऑर्डर करना चाहिए..

और खरीदने से पहले ये भी सोच ले कि कितनी जरुरी है या  कितने इस्तेमाल की है.. कही दिखावे के चक्कर में तो नही ले रहे.. जरुरी हो तभी लीजिए…

जो हम महंगी चीज खरीद रहे हैं अगर वो इंट्र्स्ट फ्री है या नही.. है फिर तो इंस्टालमैंट पर ले सकते हैं पर अगर इसके एक्स्ट्रा पैसे देने होंगें फिर सोचा जा सकता है रुका जा सकता है…

Insurance यानि बीमा भी जरुर करवा लेना चाहिए चाहे हैल्थ का हो या घर का या आपकी कार या स्कूटर का.. ताकि चोरी होने पर आप क्लेम कर सके.. हैल्थ खराब होने पर भी बहुत फायदा हो जाता है..

ये थी कुछ बातें जिनका ध्यान रख कर हम कुछ बचत कर सकते हैं.. वैसे कुछ टिप्स पह्ले वीडियो में भी थी वो आप लिंक क्लिक करके देख सकते..

How to Spend Less Money – खर्च कम कैसे करें – How to Spend Less and Save More

May 4, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

How to be Happy in Life – खुश कैसे रहें – खुश रहने के लिए क्या करें – How to be Happy

How to be Happy in Life

How to be Happy in Life – खुश कैसे रहें – खुश रहने के लिए क्या करें – How to be Happy – हमेशा खुश रहने के लिए कुछ बातें –  हमेशा खुश कैसे रहें… जिंदगी में खुश कैसे रहें – हमेशा खुश कैसे रहें – खुश रहने के तरीके – खुश रहने के टिप्स –  कल शाम को मैं पौधो को पानी दे रही थी तभी देखा सामने से दो छोटे बच्चे जा रहे थे. एक के हाथ मे क्रिकेट बैट था और दूसरे के हाथ मे बॉल… एक बोला अरे पता है कल बडी मजेदार बात हुई … और दूसरा बोला अच्छा यार बता न क्या हुआ… और वो कुछ बताने लगा.. और बताते हुए वो हंसी खुशी आगे बढ गए..

How to be Happy in Life – खुश कैसे रहें

मैं सुन तो नही सकी उनकी बात पर मेरे चेहरे पर स्माईल जरुर आ गई.. तब मैं सोचने लगी… कि बच्चे बात बात पर खुशी खोज लेते हैं हम बडे बात बात पर तनाव टेंशन खोज लेते हैं और फिर उसे छोडते नही पकडे ही बैठे रहते हैं… तो है कोई इलाज ?? खुश कैसे रहें??

हां है अगर हम कुछ बातों का ख्याल रखेंगें तो हम खुश रह सकते हैं..

1. सबसे पहले जो हमारे पास है उसी में संतुष्ट रहिए…

हम क्या करते हैं जो हमारे पास है उसकी वेल्यू नही करते जो नही है बस उसी की इच्छा करते हैं… मैंनें इस बात का उदाहरण एक वीडियो में दिया भी था मान लीजिए बहुत गर्मी है और मैं तपती सडक पर जा रही हूं सामने एक घर के आगे शेड दिखता है और मैं धूप से बचने के लिए वहां खडी हो जाती हूं… वो छ्त मुझे स्वर्ग से कम नही लगती पर कुछ पल बाद मैं सोचती हूं काश यहा पंखा लगा होता… वहां पंखा आ गया फिर मैं सोचती हूं कि काश यहा कूलर लगा होता तो कूलर भी आ गया.. फिर सोचती हूं काश एसी लगा होता तो बात ही अलग थी.. एसी भी लग गया.. अब ठंडी हवा है और सोच रही हूं कुछ खाने को मिल जाता तो… बस यही है… इतने मे घर का मालिक आता है और मुझे वो जगह छोडनी पडती है… इच्छा का कोई अंत नही है.. जहां एक इच्छा पूरी हुई वही दूसरी लाईन में लग जाती है… तो इस पर फुल्ल स्टॉप की बस जो है यही है.. देखिए इच्छा रखना गलत नही है पर जो आज है उसे भी नजर अंदाज नही करना चाहिए और जो है मैं इसी में खुश हूं जो है उसी का भगवान को धन्यवाद दीजिए

 

2. दूसरो को दोष देना बंद कर दीजिए… जो है उसे accept करें

हमारे साथ कुछ अच्छा नही हुआ तो दूसरे को दोष देते हैं कि वो ऐसा है उसने ऐसे बोला… तो दोष ब्लेम लगाना बंद कीजिए और जिस स्थ्ति मे हम हैं उसे स्वीकार कीजिए और उसे बेहतर बनाने की कोशिश कीजिए कि इसमे खुश कैसे रहा जाए… नजरिया बदल लीजिए… हम शिकायत तो करते हैं कि ईश्वर ने फूलो के साथ कांटे बना दिए जबकि ईश्वर का धन्यवाद देना चाहिए कि उसने कांटों के साथ फूल बनाए हैं !!! नजरिया बदल लीजिए.. सब अच्छा लगेगा… आपको खुश रखना आपकी responsibility है… दूसरे से उम्मीद नही रखिए..

 

3. अच्छी पॉजिटिव बातें शेयर कीजिए..

बेशक, आपका मन उदास है, बेशक आप खुश नही हैं फिर भी सोशल मीडिया पर अच्छी सकारात्मक बाते शेयर कीजिए.. जैसा मान लीजिए आपने ब्ल्ड डोनेट किया और आपने वो फोटो शेयर की तो बहुत सारे कमेंटस मिले और एक कमेंट ये भी मिला कि मैं भी करुंगी… आपने चिडिया के लिए पानी रखा दाना रखा… और वो फोटो डाली जिसमे चिडिया आपके घर आई पानी पीने … और आपने लिखा कि आप भी अपने अनुभव शेयर कीजिए.. और बहुत सारी फोटो आ जाती हैं… कोई अच्छा विचार लिखा… अच्छी बाते पढे.. उससे कमेंट भी अच्छे आएगें और मन को अच्छा लगेगा…

 

4. एक हम उस बात से बहुत उदास हो जाते हैं कि हमें कोई प्रोत्साहित नही करता.. हमें इंतजार रहता है कि कोई हमे एनकरेज करे हम तभी आगे बढेगे.. इस बात को मन से निकाल दीजिए कोई नही करता किसी को एनकरेज… आप करिए.. आपको किसी बात अच्छी लगती है आप उसे एनकरेज कीजिए.. नेचर को देख कर उसकी तारीफ कीजिए.. जो खाना खा रहे हैं उसकी ईमानदारी से तारीफ कीजिए कि कितना स्वादिष्ट खाना है. इस तरह से आप ना जाने कितनो को खुश रख सकते हैं..

5. अपने भीतर झांकिए…

अपनी कमिया या अपनी खास बात देखिए… आपमे कोई टेलेंट है उसे बाहर निकालिए … तुलना नही कीजिए.. जो दूसरे हैं वो अच्छे है पर हमारे पास भी कुछ ऐसा है … जो बहुत खास बात है उसे हाई लाईट कीजिए… आप नही करेंगें तो कौन करेगा.. अपनी क्वालिटी खूबी को पहचान कर बाहर लाना आपकी जिम्मेदारी है… मान लीजिए एक महिला है वो पढी लिखी नही है इंगलिश भी नही आती पर अपने परिवार को बहुत अच्छे से मैंनेज करती है… तो उसकी एक खूबी ने बहुत लोगो को आकर्षित कर सकती है… ये बात बहुत कम में होती है… अपने अंदर खोजिए और बाहर निकालिए…

6. कोई भी परफेक्ट नही होता… कोई न कोई कमी हर किसी मे होती है जरुरत है कि हम काम लगातार करते रहे जिससे परफेक्शन आ जाएगी.. पर यही सोच कर कि नही ये परफेक्ट नही है तो मैं करुं ही न ये खुशियों को दूर कर देता है.. तो जरुरत इस बात की है कि आप लगातार करते रहिए कोई भी काम हो चाहे लेखन हो या खाना बनाने की कला हो… अनुभव से ही सीखते हैं…

7. एक ब्रेक लीजिए दिन भर में एक पल ब्रेक लीजिए

अपनी व्यस्त जिंदगी से कुछ पल अपने लिए निकालिए.. लम्बी सांस लीजिए… सैर कीजिए, कसरत कीजिए, खिलखिलाईए, मुस्कुराईए, जो अच्छा लगता है या जो बहुत ही अच्छा लगता है वो करिए… पर करिए… नेगेटिव बाहर पॉजिटिव अंदर, दुख बाहर खुशी अंदर फिर आपको खुशी न मिले ऐसा हो ही नही सकता.. तो ये तो हैं कुछ बातें अपने अनुभव के आधार पर बता रही हूं

जीवन जितना सादा रहेगा तनाव उतना आधा रहेगा…

प्रसन्न रहने का सरल नियम… ना अपेक्षा ना उपेक्षा

 

May 2, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Understanding Children – बच्चों को कैसे समझें – Understand Your Child – Parenting Tips in Hindi

Understanding Children

Understanding Children – बच्चों को कैसे समझें – Understand Your Child- Parenting Tips in Hindi – बच्चों को समझाए नही समझें parents – बच्चों को समझना बहुत जरुरी है क्योकि एक बार parents अपने बच्चों के स्वभाव, उनकी भावनाओं को समझ गए तो ये रिश्ता बहुत खूबसूरत बन जाएगा… पर समझें कैसे बच्चों को.. बात बात पर वो जिद करता है, रोता है, सामान फेंकता है ,खाना नही खाता 100 तरह की बातें हैंतो चलिए…

Understanding Children – बच्चों को कैसे समझें – Parenting Tips in Hindi

जरुरी 7 बातें जानते हैं.. कि पेरेंटस बच्चों को कैसे समझे ??

1. Observe करें..

कब, क्यों, कहां .. वो क्या कर रहा है, किस तरह से कर रहा है, क्यों कर रहा है… कैसे खेल रहा है, कैसे दोस्तों से बात कर रहा है, कैसे बात करता है, गुस्सा कब आता है खुश कब होता है  हर बात Observe करें और इसका मतलब ये नही कि तुलना करें कि भाई की तरह नही करते या तुम्हारी दीदी तो ऐसे करती है तुम कैसे करते हो… नहीं… ऐसा नहीं… बल्कि ये सोच कर कि हर बच्चा unique होता है और उसकी अपनी ही  personality होती है… जज नही बनना बस Observe करना है उसे बेहतर रुप से जानने के लिए… जरुरी है कि उनके साथ समय बिताना है.. तो दूसरी बात यही है कि

2. बच्चों के साथ Quality Time बिताना है.. इसमे ध्यान देने वाली बात ये है

quantity नही हो.. आज के समय में मम्मी पापा दोनो बहुत बिजी हैं बहुत सारे काम होते हैं उनके पास करने को ऐसे में Quality Time नही निकल पाता… बात तब होती है जब बच्चे को स्टॉप पर छोडना है या जब पिक करना है… या फिर खाने के समय… जबकि इसके इलावा समय निकालना होगा. बैठ कर बात भी करनी होगी या बच्चे के साथ खेलना होगा.. अगर हमें अपने बच्चे को समझना है तो उनके लिए समय तो निकालना ही होगा.. जब आप शारीरिरिक तौर पर ही नही बल्कि मानसिक तौर पर उसके साथ ही हों..यानि Attention देनी है और अगली बात भी यही है… हर बच्चे को अलग अलग

3. Attention देनी है

एक महिला के बेबी हुआ उनका पहला बेटा 4 साल का है.. अस्पताल में कोई उससे बात ही नही कर रहा था.. सभी उसके छोटे भाई को देखने आ रहे थे… वही मम्मी पापा जिनकी Attention उसे 24 घंटे मिलती थी.. आज नही मिल रही थी तो वो नाराज और चिडचिडा हो रहा था तो उसकी भावनाओं को समझ कर उसे Attention देनी जरुरी है.. जैसा कि मान लीजिए बच्चा स्कूल से आता है बहुत सारी बातें है उसके पास बताने को पर मम्मी शॉपिंग गई है घर में आया के साथ कितनी और क्या बात करेगा वो…

4. Listen…

बोलना अच्छा है पर सुनना भी एक कला है… खासकर जब बच्चा बोले बिन उसकी बात काटे उसे बोलने दीजिए और समझिए कि क्या कहना चाह रहा है… बच्चा शब्दों के फ्रेम तो नही बना सकता जैसे हम बडे बनाते है.. इसलिए उसे बोलने दीजिए और समझिए कि क्या कहना चाह रहा है.. ऐसे नही कि हां बोल मैं सुन रहूं और ध्यान हमारा मोबाइल मैसेज मे है एक दम सही से eye contact बनाते हुए बॉडी लैंग्वेज ऐसी हो कि बच्चे को लगे कि उसकी सारी बात सुनी जा रही है..

5. फोकस रखिए

बच्चे जो बनाते है उस पर फोकस रखिए… जैसा कि मान लीजिए एक family  है मम्मी पापा और दो बच्चे एक बच्चा अभी 2 महीने का है और उसे स्कूल मे मिलता है कि ड्राईंग बनाओ My Family  तो वो मम्मी पापा और खुद को बनाता है.. छोटे भाई को नही बनाता… जैसाकि नाराज है या jealousy है… इससे पता चल जाएगा कि बच्चे के मन में क्या चल रहा है… ऐसी बहुत सारी बातें होती हैं जैसा कि जब भी बाहर धूमने की बात होती है वो हमेशा sea  बनाता है.. ऐसी बातों से हम हम जान सकते हैं.. इसलिए जरुरत है कि फोकस रखें..

6. दूसरे बच्चों को Observe करें-

अपने बच्चे को बेहतर समझने के लिए हम दूसरे बच्चों को Observe कर सकते हैं पर ये तुलना नही है आमतौर पर जब मदर्स मिलती है तो अपने बच्चों की बात बताती है… उससे बच्चों की अलग अलग abilities जानने का मौका मिलता है पर अगर पेरेंटस compare करने लगे तो सही नही है… परवरिश में कही न कही कमी रह गई तो उसे सुधारा जा सकता है

7. समाननूभूति Empathy रखिए…

बच्चे के एंगल से ही सोचें.. बच्चा से बडा बन कर बात करेंगे तो बच्चा सारी बात नही बता पाएगा.. आराम से प्यार के लहजे से बात करनी होगी… अगर उसने कुछ गलत किया तो भी.. झूठ बोला चोरी की तो कारण जानना होगा कि उसने ऐसा किया.. आराम से बच्चे से बात करेंगें तो वो सारी बात खुल कर भी बता देगा.. पर डर दिखा दिया तो… अंत होगा मार पिटाई और ये कोई हल नही है.. Empathy important quality है जिसे parents को develop करना चाहिए.

तो ये हैं कुछ बातें अगर इन बातों का हम ध्यान रखना शुरु करेंगें तो यकीनन बच्चे से हमारा रिश्ता खूबसूरत बन जाएगा..

Understanding Children – बच्चों को कैसे समझें – Parenting Tips in Hindi

May 1, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

How to Wake Up Early in the Morning in Hindi – सुबह जल्दी कैसे उठें – सुबह जल्दी कैसे जागें – Subah Jaldi Kaise Uthe

How to Wake Up Early in the Morning in Hindi

How to Wake Up Early in the Morning in Hindi – सुबह जल्दी कैसे उठें –  सुबह जल्दी कैसे जागें – Subah Jaldi Kaise Uthe –  Early to bed and early to rise makes a man healthy, wealthy, and wise… ये बात हम सभी ने बचपन में पढ़ी है और बच्चों को भी समझाते हैं पर अमल में कितना लाते हैं ये सोचने वाली बात है… बहुत कम लोग हैं जो रात को जल्दी सोने और सुबह जल्दी उठने में विश्वास रखते हैं… बहुत लोगो का कहना होता है कि कैसे उठे जल्दी समझ नही आता .. तो चलिए आज यही बात करते हैं कि सुबह जल्दी कैसे उठेंं…

How to Wake Up Early in the Morning in Hindi

सुबह जल्दी उठने के लिए जरुरी है कि रात को सोने का समय फिक्स कर लिया जाए… 9 बजे तक सो जाना है उसका कारण ये है कि अगर नींद ही पूरी नही होगी तो हम सुबह उठ भी जाएगें तो फ्रेश नही उठेगें… देखिए कभी कभार तो हो सकता है मेहमान आ गए या पार्टी में चले गए… वो है अलग बात पर इसे नियमित फीचर बनाना है  कि रात को जल्दी सोना है..

 

 

अब बात आती है कि सोते समय टीवी नही देखना , मोबाइल एक तरफ रख देना है क्योकि ये चीजे बहुत ध्यान भटकाती है…

एक बात का और ध्यान देना है कि डिनर हल्का रखना है अगर हैवी डिनर लेंगें तो सुबह उठने का मन ही नही करेगा.. सुस्ती और थकावट महसूस होगी…

और इन के साथ साथ सबसे जरुरी बात की मन को पक्का करना है कि मुझे उठना ही है.. जब तक हमारा मन ही पक्का नही होगा कितने भी जतन कर लीजिए नही उठ पाएगें.. इसलिए मन को पक्का कर लीजिए कि सुबह 5 बजे मुझे उठना ही है…

मन पक्का करने के बाद अब जब हम सो रहे हैं तो खुद को बोल कर सोना है अपना नाम ले कर कि मुझे सुबह उठा देना.. हमारी बॉडी बहुत अच्छा अलार्म है… सुबह एक बार आपकी आंख जरुर खुलेगी… अगर मन में विचार होगा  उठना ही है तो उठ भी जाएगे नही है तो करवट ले कर चादर मुंह पर लेकर सो जाएगें…

अब हम आ गए सुबह पर.. आमतौर पर अलार्म लगा देते हैं और अलार्म बजते ही बंद कर देते है…

इसे बोझ नही समझना … अरे बहुत बोरिंग है… नही… इसे समझना है कि अगर इस समय आलस दिखा दिया तो सारा दिन आलस और सुस्ती रहेगी… अभी काम सारे मन मुताबिक हो जाएगें नही तो फिर भाग दौड कर करने पडेगें और तनाव भी होने की पूरी सम्भावना होगी…

इसलिए क्या करना है 5 या साढे 5 का अलार्म लगाया है तो उसे पलंग से दूर रखना है उसे बंद करने के लिए बिस्तर छोडना ही पडेगा…  अब जब बिस्तर छोड ही दिया तो बाहर की खिडकी दरवाजे खोल दीजिए परदे हटा दीजिए ताकि ताजी हवा आ जाए.. एक गिलास पानी पी लीजिए.. फ्रेश हो जाईए और फिर अपना वजन देखिए…

अलग अलग तरीके हैं कोई तो घर मे पालतू रख लेते हैं और उसे बाहर ले जाने का बहाना होता है या फिर कुछ लोग अपने दोस्तों को बोल देते हैं कि सैर पर चलना है इतने बजे घंटी कर देना… उनके आने से पहले उठ जाए… ऐसे भी उठते हैं कुछ लोग…

नही उठने पर इसके नुकसान भी सोच सकते हैं.. कि नही उठे तो क्या क्या नुकसान होगें.. मल्टी टास्किंग करनी पडेगी और तनाव होगा वो अलग और कुछ न कुछ नुकसान भी हो सकता है…

वही  खुद से मन ही मन बात कीजिए… जैसे मान लीजिए हाऊस वाईफ है… वो ये सोचती है कि सुबह उठ कर सारे काम निबटा लिए तो बच्चों को आराम से स्टॉप तक छोड कर आ सकती हैं.. स्कूल बस मिस नही होगी

आफिस जाने वाले लोग ये सोच सकते हैं कि सारा दिन आफिस में बिजी रहना है चलो थोडा सैर योगा या मैडीटेशन ही कर लूं ताकि सारा दिन फ्रेश बीते..

अगर हमारे पास सुबह जल्दी उठने का कारण है कि आफिस जाना है पढाई करनी है इसलिए जल्दी उठना है और नही है तो बना लीजिए कि मुझे स्वस्थ रहना है मुझे खुश रहना है इसलिए मुझे सुबह जल्दी उठना ही है… अपने आप को समय देना है… अपने आप को देने के लिए ये सबसे अच्छा गिफ्ट है सुबह जल्दी उठना…

बेशक, जिन्हें आदत नही उनके लिए मुश्किल जरुर है पर नामुमकिन नही … और जब उन्हें खुद ही अच्छा महसूस होना शुरु होगा तो यकीनन वो इसे अपनी रुटीन का महत्वपूर्ण हिस्सा बना लेंगें…

अगर हम स्वस्थ शरीर स्वस्थ मन चाहते हैं तो आज से ही जल्दी उठने का निश्चय कर लेना चाहिए.

How to Wake Up Early in the Morning in Hindi –  सुबह जल्दी कैसे जागें – Subah Jaldi Kaise Uthe

 

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