Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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December 29, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

Signs of Negative People – नकारात्मक लोगों की पहचान – Identify Negative People – Monica Gupta

Identify Negative People

Signs of Negative People – नकारात्मक लोगों की पहचान – Identify Negative People – Monica Gupta – नकारात्मक लोगों की पहचान – कैसे करें नकारात्मक लोगों की पहचान – मान लीजिए आपके सामने एक गिलास है जिसमे थोडा पानी है.. तो हम क्या बोलेगें कि आधा भरा है या आधा खाली है… कुछ लोग इसी बात से अंदाजा लगा लेते हैं कि हमारा नजरिया कैसा है…

Signs of Negative People – नकारात्मक लोगों की पहचान – Identify Negative People –

हमारी सोच कैसी है नेगेटिव या पॉजिटिव.. अगर आधा भरा हुआ कहते हैं तो हम आशावादी हैं और अगर कहते हैं कि आधा खाली है तो हम इस बात को नकारात्मक ढंग से ही ले रहे हैं कि आधा खाली है..दुख, उदासी, निराशा, चिंता मिलाकर एक  cocktail बन जाती है जिसे नेगेटिवी कहा जाता है..

वैसे और भी बहुत सारी ऐसी बाते हैं जिसे पता चलता है कि हम नेगेटिव हैं या पॉजीटिव

चिंता करते हैं

चिंता करना या tension रखना उन्हें बहुत प्रिय होता है वो हमेशा चिंता ही करते रहते है.. ये हुआ तो क्यों हुआ ये नही हुआ तो किसलिए नही हुआ.. सर्दी के मौसम में अगर सर्दी पड गई तो सर्दी क्यो पड रही हैं अगर धूप निकल गई तो अब की बार तो सर्दी रही ही नही… क्यो हो गई. बरसात है तो बरसात क्यो हुई और अगर बरसात नही हुई तो बरसात क्यों नही हुई..

जो होना है वो तो होकर ही रहेगा फिर चिंता करें

अगर,  मगर या पर but जैसे शब्दों से उन्हें बहुत लगाव होता है..

काम तो अच्छा है पर इसे ऐसा करते तो ज्यादा अच्छा होता…

या

सब्जी तो अच्छी बनी है पर अगर थोडा ज्यादा होता और सब्जी को और भूना जाता तो और भी ज्यादा स्वादिष्ट बनती..

पूरी तरह निराशावादी होते हैं..

अपने आप को पूरी तरह से नकारा समझते हैं और सबके सामने कहते भी हैं कि मैं तो बिल्कुल ही बेवकूफ हूं, मुझे तो जरा भी समझ और अकल नही… जब मुसीबत आती है, तो वह बजाय हल खोजने के वह खुद को कसूरवार ठहराते है… यह मान बैठते है कि उस मुसीबत का कोई हल नहीं.. जो हुआ उन्हीं की वजह से हुआ इसी वजह से सब हुआ और, और हालात के सामने घुटने टेक देते हैं ..

Sensitive होते हैं – कोई कुछ कह कर तो देखे

हर बात में negativity ही दिखती है इसलिए compliments को भी गलत तरीके से ले जाते हैं… मान लीजिए कोई बुजुर्ग है और उन्हें मैं बोलती हूं कि आप अच्छे लग रहे हो.. तो बोलेगें कि हा भई उडा लो मेरा मजाक… बूढा हो गया हूं ना…

जैसे मान लीजिए एक महिला हैं और उन्होनें अच्छी सी साडी पहन रखी है और अगर मैंनें उन्हें बोला आज आप बहुत अच्छी लग रही हैं तो बोलेगी… हां हा उडा ले मेरा मजाक.. आज मैं ही मिली हूं क्या…

कोई अच्छी खबर सुनेगें तो उसमे भी नेगेटिव बात खोज ही लेगें…

कुछ लोग ऐसे होते हैं जो बुराई में भी अच्छाई खोज लेते हैं और कुछ लोग अच्छाई में भी बुराई …

जैसे मान लीजिए अगर आप अपने किसी जानकर की शादी की खबर सुनेगें तो क्या रिएक्शन होगा.. अरे वाह !! बहुत बहुत बधाई !! और नेगेटिव लोगो का क्या कहना होगा… बात तो खुशी की है पर अगर जल्दी शादी हो जाती तो तेरे चाचा भी शादी देख लेते.. देर से लिया शादी का डीसीजन.. तेरी उम्र में तो मेरे दो बच्चे भी हो गए थे…

वो कभी comfort zone से बाहर आना ही नही चाहते..

उनमे हमेशा हार का डर बना रहता है… ना उनमे कोई आत्मविश्वास होता है ना कोई मजबूत इरादा.. ना कोई नया अनुभव लेना चाहते न ही नया कुछ नया करने का ट्राई करते इसलिए कुछ करने से सामना करने से डरते हैं ना.. और इसलिए पीछे ही रह जाते हैं..

जिंदगी में कुछ achieve नही कर पाते.. असफल होने के बहुत से कारण हो सकते हैं पर नेगेटिव होना भी एक बहुत बडा कारण है.. ऐसे लोग  सोचते हैं कि हम तो स्मार्ट नही, अच्छे नहीं इसलिए जिंदगी में कुछ हासिल हो ही नही सकता… इतना ही नही खुद तो पीछे रह ही जाते हैं और दूसरो को भी कुछ नया करन से मना करते हैं कि भाई तू भी रहने दे तुझसे नही हो पाएगा… मैंने भी किया था.. मुझे भी बहुत दिक्कतें आई थीं…

हमेशा Past  के बारे में सोचते रहते हैं

Past में अच्छा नही हुआ तो रोना रोएगें कि future में भी अच्छा नही होगा और अगर पास्ट में कुछ अच्छा हुआ हो तो यही कहेंगें कि past तो निकल गया पता नही भविष्य में ऐसा होगा या नही..  खुश रहना, स्माईल करना तो उनके शब्दकोष में होता ही नही है…

फोकस हमेशा प्रोब्लम पर होता है उसके सोल्यूशन पर नही…

हमेशा डर, भय असुरक्षा में ही जीते हैं..

दूसरो को तो नसीहत देते रहेंगें कि ये ऐसे करो ये वैसा करना चाहिए पर खुद अपने लिए कभी भी श्योर नही होते… कभी भी excited नही होते इसलिए जिंदगी में बहुत कुछ मिस कर देते हैं…

नेगेटिव लोगो का चेहरा .. कुछ ऐसा हो जाता है माथे पर बल, स्माईल गायब.. बातों से गुस्सा निकलना..

Signs of Negative People – नकारात्मक लोगों की पहचान – Identify Negative People – Monica Gupta

December 28, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

Basic Needs of a Child –  बच्चों की बुनियादी जरूरतें  – Parenting Videos in Hindi – Monica Gupta

Basic Needs of a Child

Basic Needs of a Child –  बच्चों की बुनियादी जरूरतें  – Parenting Videos in Hindi – Monica Gupta – basic needs of every child – बच्चे से हमारी बहुत उम्मीदें होती हैं कि बच्चा ये भी करे बच्चा वो भी करें.. क्लास में भी फर्स्ट आए, दिखने मे भी अच्छा हो मैंनर्स भी हो… रिस्पेक्ट भी करता हो पर उससे पहले हमें भी basic needs को पूरा करना होगा… जैसा देंगें फिर वैसा ही मिलेगा…

 बच्चों की बुनियादी जरूरतें – Basic Needs of a Child – Parenting Videos in Hindi

तो क्या है कुछ  basic needs… किन बातों का ख्याल रखें माता पिता… Basic need मे कुछ बातें आती हैं घर का बहुत अच्छा माहौल…  Environment

बच्चे की परवरिश में अच्छे माहौला का होना बहुत जरुरी है.. कल्पना कीजिए माता पिता सारा दिन लडते रहते हैं आपस में या मम्मी पापा सारा दिन ऑफिस के काम से बाहर रहते हैं और बच्चे आया और नौकर के भरोसे… कोई बच्चे के केयर नही ध्यान नही… जब बच्चों को प्यार दुलार एटेंशन नही मिलता तो वो चिडचिडे और गुस्सैल हो जाते हैं प्यार दीजिए…

अनुशासन

घर पर एक discipline होना बहुत जरुरी है.. देखिए बच्चे तो चीखना चिल्लाना शरारते और जिद और गुस्सा सभी कुछ करेंगें पर बात बात पर मारना पिटाई करना भी सही नही है.. बच्चों से प्यार से बात करनी है और एक अनुशासन बनाए रखना जरुरी होता है.. अनुशासन बना होगा तो मार पिटाई की नौबत ही नही आएगी…

व्यायाम

बहुत जरुरी है व्यायाम.. वैसे तो बच्चे होते ही एक्टिंव हैं सारा दिन टिक कर बैठते ही नही इसलिए कुछ पेरेंटस को तो ये चिंता नही.. पर कुछ पेरेंटस जरुरत से ज्यादा पेम्पर करते हैं.. कार से स्कूल छोडना कार में वापिस ले कर आना… टीवी देखते देखते खाना देना… खुद उसका काम करना कि बच्चा सारा दिन का थका हुआ है इससे हम उसकी आदत खराब कर रहे हैं.. जो बडे होकर भी उसे दुखी बनाने वाली हैं

सही खान पान..

बच्चों की अच्छी सेहत के लिए जरुरी है पौष्टिक खान पान.. ऐसा खाना जिसमें दाल हरी सब्जी हो… समय बचाने के चक्कर मे कई बार मम्मिया ही बस मैगी बना देती हैं या आसान लगता है चल पिज्जा आर्डर कर देती हूं या चल सामने से समोसे ले आ… आदतें हम ही बिगाड रहे हैं… घर पर कुछ न कुछ ऐसा रखा हो जिससे कुछ अतरम शटरम खाने की जरुरत ही न पडे. बच्चा खुश रहे इसके सही खान पान की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है

Development Needs

बच्चे को प्रोत्साहित कीजिए

बच्चों की नींव को बचपन से ही मजबूत करना बहुत जरुरी है… उनके मन मे जो भी सीखने की ललक है.. जानने की ललक है .. बताईए… पहले बच्चे पूछ्ते थे पर माता पिता के पास जवाब नही होते थे… आजकल अगर कुछ समझ नही आ रहा तो गूगल पर सर्च करके या यूट्ट्यूब पर सर्च करके सब मिल जाता है…

सब चीज नेट के माध्यम से भी सीख सकते हैं बहुत लक्की हैं हम… इसलिए को प्रोत्साहित करना… personal goals.सपने देखें और उसे चेज भी करें..  अपने बच्चे के अंदर छिपी प्रतिभा को पहचाने और उसे बढावा भी दें… पढाई के साथ साथ ये और चीजें भी चलनी बहुत जरुरी हैं नही तो बच्चा बहुत जल्दी बोर हो जाएगा..

Basic Needs of a Child –  बच्चों की बुनियादी जरूरतें  – Parenting Videos in Hindi – Monica Gupta

December 27, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

Healthy Lifestyle के लिए क्या करें – Easy Ways to Live a Healthy Lifestyle – Monica Gupta

Easy Ways to Live a Healthy Lifestyle

Easy Ways to Live a Healthy Lifestyle  – Healthy Lifestyle के लिए क्या करें –  क्या करें कि हमेशा हैल्दी रहें… Healthy Lifestyle Tips in Hindi – Monica Gupta Videos Healthy Lifestyle के लिए क्या करें – Easy Ways to Live a Healthy Lifestyle –  स्वस्थ रहना चाहते हैं तो अपनाएं ये आदतें – How to Start a Healthy Lifestyle

Easy Ways to Live a Healthy Lifestyle  – Healthy Lifestyle के लिए क्या करें

हम सभी अच्छा जीवन यानि Healthy lifestyle जीना चाह्ते हैं पर समझ नही आता कि क्या करें और कैसे ?? चलिए आज आपको बिल्कुल ईजी टिप्स बताती हूं और इस बात की गारंटी भी है कि अगर आप इसे अपनाएंगें तो आपका लाईफ स्टाईल हैल्दी होगा और दूसरे लोग आपसे पूछेगें कि भई ये कैसे किया… तो हमारी डेली रुटीन यानि दिनचर्या कैसी हो…

तो क्या क्या करना चाहिए …

सबसे पहले तो सुबह जल्दी उठने की आदत डाल लीजिए…

जल्दी उठने से माहौल एक दम शांत मिलता है और प्रकृति खूबसूरत लगती है… और शांत वातावरण में नए आईडियाज भी आ जाते हैं.. हम सारे दिन की प्लानिग अच्छे से कर सकते है.. देर से उठेंगें फिर भागमभाग रहेगी … जल्दी उठना हर लिहाज से अच्छा है.

फिर दिन की शुरुआत पानी पीने से कीजिए

पानी पीने के भी बहुत सारे फायदे हैं एक तो वजन कम होता है Toxins यानि विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते है..

हमारी स्किन भी ग्लो करती है…

अब बात आती है कि एकसराईज कीजिए.. व्यायाम या योगा .. जो भी आप चाहते हैं उसे कीजिए… चाहे 15 से 20 मिनट ही हों पर बहुत जरुरी है… नाश्ता

नाश्ता एक दम राजा जैसा होना चाहिए यानि एक दम राजसी…

वो इसलिए कि हमें दिन की शुरुआत करने के लिए काफी एनर्जी की जरुरत होती है, पूरी रात फास्ट में या भूखे रहने के पश्चात सुबह का नाश्ता हमारे दिमाग और शरीर के लिए ईंधन की तरह काम करता है और इसी वजह से इसे ब्रेकफास्ट (सुबह का नाश्ता) कहा जाता है नाश्ता जरुर करना चाहिए उसे छोडना नही चाहिए और ना ही जंक खाना चाहिए कई बार जल्दबाजी के चक्कर में हम कुछ भी फ्रिज में रखा खा लेते हैं  या जंक खा लेते हैं तो इससे भी बचना चाहिए…

नशे से भी बचना चाहिए

अगर हैल्दी रहना चाह्ते हैं तो नशे भी बचना चाहिए.. मेरे एक जानकार हर रोज सुबह घूमने जाते हैं आप सोच रहे होंगे कि अच्छा है पर अच्छा नही है वो इसलिए कि सैर पर तो जाते हैं अपनी हैल्थ के लिए नही बल्कि स्मोक करने… वो चाहते हैं कि घर पर पता नही चलना चाहिए क्या फायदा हुआ उसका .. क्या ये सही है.. ?? जो कि जरा भी सही नही है… तो नशे से भी दूर रहना बहुत जरुरी है…

खुल कर हसिए.. बिजी शेडयूल के चलते हम हंसना भूल ही गए हैं जबकि खुल कर हंसना सबसे अच्छी दवाई है.. जितना खुश रहेंगें, हसेगें, मुसुकुराएगें उतना ही हमारा शरीर स्वस्थ रहेगा… इसलिए हैल्दी रहने के लिए जरुरत है खुद हंसने और मुस्कुराने की

 Quality time with family

परिवार के साथ अच्छा समय बिताना भी हमें हैल्दी बनाता है

काम के साथ साथ परिवार के साथ भी समय बिताना हमे हैल्दी बनाता है.. stress को अपने घर के दरवाजे पर doorstep पर छोड दीजिए और घर के अंदर खुश खुश आईए …और परिवार के साथ क्वालिटी टाईम बिताईए..

देख लीजिए .. हैं न कितनी आसान !! अगर इन्हें अपना लिया तो

अगर हम स्मोक नही करेंगें, regular exercise करेंगें, fruit and veg सही मात्रा में लेंगें तो हमारी लाईफ स्टाईल में बहुत असर पड सकता है.. और अगर स्मोकिंग छोड देंगें तो भी हमारी हैल्थ में बहुत सुधार हो सकता है…कितनी कितनी देर हम टीवी देखने में बिताते हैं और फिर ये भी बोलते हैं कि हमें समय ही नही है जिम जाने के लिए.. खाना भी जंक खाएगें तो कैसे बात बनेगी.. जरुर सोचिएगा …

December 26, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

How to Connect with your Child – बच्चों को अपना कैसे बनाए – Parenting Videos in Hindi – Monica Gupta

How to Connect with your Child

How to Connect with your Child – बच्चों को अपना कैसे बनाए – Parenting Videos in Hindi – Monica Gupta – ways to connect with your child

आजकल एक बात बहुत ज्यादा सुनने में आती है कि बच्चे अपने पेरेंटस के पास बैठते ही नही… बात ही नही करते… अपने फोन में,  अपनी दुनिया में मस्त रहते हैं तो बच्चों के साथ कैसे जुडे… कैसे connect हों..

How to Connect with your Child – बच्चों को अपना कैसे बनाए – Parenting Videos in Hindi – Monica Gupta

तो उसके लिए कुछ टिप्स… पेरेंटस के लिए..

पहली बात तो होती हैं छुट्टियां

छुट्टियों मे एक मौका मिलता है ज्यादा से ज्यादा समय बिताने का तो होलीडेज बेस्ट हैं…चाहे आप घर पर हैं या बाहर holidays को मिल जुल कर enjoy कर सकते हैं और ज्यादा से ज्यादा बच्चों के साथ बिता सकते हैं…

बच्चो का जो interest है उसमे interest दिखाईए.. बच्चे को मान लीजिए गिटार का शौक है तो क्या बेकार की चीज है doctor बनना है तुझे.. या अगर कुकिंग का शौक है तो यह कह कर उसे discourage नही कीजिए कि क्या लडकियों वाले शौक हैं… बल्कि उसके interest में अपना interest दिखाईए. इससे रिश्ता मजबूत होता है…

बच्चे से बात कीजिए… बात यानि एक formality औपचारिकता  नही कि स्कूल मे क्या पढा. कितने नम्बर आए… जैसाकि मान लीजिए पापा और बेटा बैठे हैं और पापा बोलते हैं अपनी वाईफ से बोलते हैं कि भई हम आज अपने बेटे के साथ बाते करेंगें हमे कोई डिस्टर्ब न करे… इससे बच्चे को अच्छा लगेगा… अपनी महत्ता लगेगी… फिर बात कीजिए कि आजकल क्या चल रहा है… उसके क्या शौक है… उसके कौन सा दोस्त अच्छा लगता है… किस खेल को सबसे ज्यादा पसंद करता है और किसलिए… कुछ इधर उधर की बातें उसके शौक की बातें..

बच्चों को अपने बचपन के बारे मे बताईए..

बच्चों को बहुत इंटरस्ट आता है अपने मम्मी या पापा के बचपन के बारे में जानने में… इससे रिश्ता मजबूत होता है और ज्यादा से ज्यादा एक दूसरे को समझ भी सकते हैं… खूब बाते करनी चाहिए .. जैसे कि मान लीजिए मैं दूध नही पीता था तो एक बार आपके दादा ने मुझे एक कहानी सुनाई दूध की … कि किसलिए पीना जरुरी है… बाते करने से connection. मजबूत ही बनता है…

क्विज टाईम… ज्यादा बाते जानने के लिए क्विज टाईम भी बहुत अच्छा है जैसे एक पेपर पर दस question लिख लिए .. जैसा पापा की fav दाल पापा की फेवरेट सब्जी, फेवरेट हीरोईन, कौन सा रंग अच्छा लगता है.. मूवी… ऐसे ही  पापा अपने बारे में लिखेंगें फिर एक तीसरा जना वो मम्मी भी हो सकती है.. वो मिलाएगी और फिर नम्बर मिलेगें… कि किसने कितने ठीक उत्तर हैं..या फिर एक दूसरे की पांच बाते क्या हैं जो अच्छी लगती हैं … या जो  नही लगती उससे पता चल जाता है प्यार में कहा कमी रह गई और कैसे सम्बंध सुधारें..

बच्चों की राय भी जानिए…

बच्चों की क्या राय है… जैसे मान लीजिए आप एक पार्टी कर रहे हैं तो पूछिए कि हम इतने दोस्तों को बुला रहे हैं क्या ये ठीक है या आप किस को बुलाना चाह रहे हो या घर मे white wash करवाना है तो बताईए कौन सा रंग हो… या बच्चे के कमरे में कौन सा रंग करवाएं उसे booklet दिखाईए.. उससे आपसी प्यार और विश्वास बढता है…

दिखावा नही कीजिए.. बच्चों के सामने जो हैं वही स्वीकार कीजिए… आप केयर करेंगें और honest रहेंगें तो रिश्ता जरुर मजबूत होगा..

जब बच्चे से बात करें तो बात करें यानि मोबाईल, नेट बंद कर दें.. यानि बच्चे को पूरा समय दे.. उन्हें सुनें उनके साथ खेले…

Don’t Get Discourage  नही होना.. कई बार हम कोशिश तो करते हैं बच्चे हमारे पास बैठे बात करें पर बच्चे सामने नही आते तो  Discourage नही होना.. उन्हें लगातार विश्वास दिलाते रहिए कि हमें आपकी केयर है आपका ख्याल है… और आपसे बहुत प्यार करते हैं… तो उससे ये होगा कि बच्चे पर कभी भी कोई प्रोब्लम आएगी तो एक बार उसे अपने मम्मी पापा जरुर याद आएगें…

जब हम रिश्तों के लिए वक्त नही निकाल पाते तो वक्त हमारे बीच से रिश्ता ही निकाल देता है…

 How to Connect with your Child

December 25, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

How to be Patient with Children – क्या करें जब बच्चे तंग करें – Patience कैसे रखें

How to Handle Children Patiently

How to be Patient with Children – क्या करें जब बच्चे तंग करें – Patience कैसे रखें –  Parent मे patience कैसे आए… Patient कैसे बनें? बहुत सारे कमेंटस मैसेज आते हैं कि जब बच्चा जिद करता है कहना नही मानता गुस्सा करता है हाथ पैर चलाता है तो बहुत गुस्सा आता है ऐसे मे हममे patience कैसे आए..कैसे बने Patient Parent

How to be Patient with Children – क्या करें जब बच्चे तंग करें – Patience कैसे रखें

ये बात तो अच्छी है कि अब आपने इस दिशा मे सोचना शुरु कर दिया है कि गुस्से पर काबू कैसे पाएं

तो सबसे पहली बात… मैं ये नही कहूंगी कि दस तक गिनती गिनो… उसका कारण ये है कि हम आमतौर पर गुस्से में गिनती तक भूल जाते हैं… एक मेरी सहेली की मम्मी को जब भी गुस्सा आता था तो उसे बोलती थी दस मारुगी और एक गिनूगी.. अब बताईए ऐसे कैसे चलेगा.. तो कुछ और उपाय करते हैं

मेरे विचार से जब भी गुस्सा आए खुद से बात कीजिए… कि नही तूने गुस्सा नही होना है तू बहुत अच्छी है प्यारी प्यारी है… शांत शांत .. और ये कहते हुए लम्बी सांस लेनी है तनाव हो चेहरे से हटाना है जो माथे पर बल हैं उसे हटाना है positive सोचना है और चेहरे पर स्माईल लानी है… यानि खुद से Commitment करनी है…

बच्चे के point of view से देखिए…

अगर जिद कर रहा है तो किसलिए कर रहा है क्या बात है अगर उसके नजरिए से देखेगें तो हमें सही कारण मिल जाएगा.. और अगर कारण मिल गया तो हल भी मिल जाएगा..  या अगर आप उसकी जगह होते तो क्या करते..

बहुत ध्यान से सुनना है…

बच्चा कह रहा है असल में हम अपने काम अपनी परेशानी मे उलझे रहते हैं और बच्चे की बात हमें गुस्सा दिला देती है और फिर शुरु होता है हमारा गुस्सा और नाराज होना.. इनसे बचने के लिए अपने काम को एक तरफ रख कर बच्चे को ध्यान से सुनें…

मल्टी टाकसिंग से बचें

मान लीजिए आप खाना बना रही है दाल या कडी और उसी समय बच्चा बोलता है मम्मी potty आई और आप गुस्से मे जाती हैं दनदनाती हुई और उसे pot पर बैठाती है बच्चा भी समझ नही पा रहा कि मम्मी को हुआ क्या… ऐसे में उसे पॉटी आती भी नही … और उधर दाल भी लग गई… और उधर potty भी नही आई .. तो ऐसे में एक समय में एक काम करें … गैस बंद कर दीजिए..

या कई बार ऐसा भी होता है हम जरुरी किसी से फोन पर बात कर रहे हैं और बच्चों ने लडाई शुरु कर दी तो बजाय वही से चिल्लाने के चुप हो जाओ… देख नही रहे कि मैं फोन पर बात कर रही हूं आप बोलिए प्लीज मैं आपको एक मिनट में कॉल बैक करती हूं… फिर उनका झगडा शांत करवा दीजिए और बोल भी दीजिए कि मम्मा अब जरुरी बात कर रही हैं प्लीज लडाई मत करना…

Visualize कीजिए ..

कल्पना कीजिए जरा सोचिए कि आपने किस तरह से रिएक्ट किया या आप इसके इलावा यानि आप मार पिटाई के इलावा इसे कैसे सुलझाया जा सकता है.. अगर सोचेगें तो बहुत सारे ऑबशन मिल जाएगें इसलिए जरुरत है सोचने की.. मारा तो क्या होगा और आराम से समझ कर बात की तो क्या होगा …

कोई देख रहा है

जब बहुत गुस्सा आए तो ये सोचिए कि कोई देख रहा है… कोई भी आपका बच्चा या कोई बडा.. घर मे कैमरा लगा है और आपको अच्छे बनना है…

ब्रेक लीजिए…

जैसे मान लीजिए आपको बहुत गुस्सा आ गया और आप बोलिए एक मिनट मैं अभी आई और आप बेशक बाथरुम में चली जाईए वहां खुद को चुप रहने के लिए बोलिए, बेशक लम्बी सास लीजिए और एक स्माईल दीजिए.. फिर बाहर आ जाईए… देखिए शुरु शुरु में समय लगता है पर जब आप इसे आदत बना लेंगें तो दिक्कत नही आएगी.. बोल लीजिए.. खुद से बड बड कर लीजिए … शीशे के सामने खडा होकर..

रोल मॉडल बनना है.

जब भी गुस्सा कर रहे हैं या चिल्ला रहे हैं हम बच्चों को वैसा ही सीखा रहे हैं बच्चा भी वैसे ही रिएक्ट करेगा.. जब बच्चे एक दूसरे को मारते हैं तो हम किस अधिकार से कहते हैं कि मारना बुरी बात है मारना नही चाहिए… मना किस अधिकार से करते है  हमे एक एग्जामलप सेट करना चाहिए …

खुद पर विश्वास रखिए..

हर बात पर गुस्से से रिएक्ट करने की बजाय प्यार से रिएक्ट कीजिए.. अपने आप को सिखाईए कि प्यार से ही रिएक्ट करना है…. यही इसका  best solution है..

चेहरे पर स्माईल और पॉजीटिव रहिए और बच्चों के साथ खूब एंजाय कीजिए.. ये समय दुबारा नही आएगा…

How to be Patient with Children – क्या करें जब बच्चे तंग करें – Patience कैसे रखें

December 24, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

Start New Year for a Better Life – नया साल – नए साल में करें बेहतर ज़िंदगी की शुरुआत – Monica Gupta

Start New Year for a Better Life

Start New Year for a Better Life – नया साल – नए साल में करें बेहतर ज़िंदगी की शुरुआत – सुनाई दिया… आ रही है ना आवाज… नए साल की आहट सुनाई देने लगी है… छुट्टिया तो शुरु हो ही गई हैं… और सब बिजी हैं ये सोचने में कि छुट्टियां या नया साल कैसे मनाएंगें… क्या क्या करेंगें !! नए साल में एक चीज बहुत ज्यादा की जाती है और वो है संकल्प Resolution लेना…

Start New Year for a Better Life – नया साल – नए साल में करें बेहतर ज़िंदगी की शुरुआत

दो दिन पहले एक मैसेज आया कि नए साल का मैं सकंल्प लेती हूं कि मैं अच्छी मम्मी बनूंगी.. और अपनी बिटिया की देखभाल बहुत अच्छी तरह करुंगी… सच में, पढ कर मुझे बहुत अच्छा लगा…

वैसे नया साल हमें एक सुअवसर देता है खुद को बदलने की और हम एक शुरुआत कर सकते हैं…

वैसे तो हम बहुत अवसर पर खुद सकंल्प लेते हैं पर नया साल सबसे अच्छा है…

देखिए सपने हम सभी के होते हैं आप जो भी ये वीडियो देख रहे हैं या जो सुन रहे हैं मन में कुछ न कुछ तो चल ही रहा होगा…

और मन को पक्का करके उन्हें हम पूरा करने के लिए एक कदम उठाएं तो पूरे भी जरुर होंगें… तो एक शुरुआत तो दे ही सकते हैं.. और नए साल से बेहतर और कुछ नही…

बहुत तरह के सकंल्प हैं जो हम ले सकते हैं

देखिए सबसे पहले तो इसी बात का ले लीजिए कि टालमटोल नही करुंगा…

कसरत करनी है तो करनी है फिर बहाना नही चलेगा कि अभी सर्दी है या अभी छोटे की शादी है… ठहर कर कर लूंगा और फिर वो समय कभी नही आता.. शादी भी हो जाती है छोटे पापा भी बन जाता है पर…

क्योकि एक बार अगर यही सकंल्प ले लिया तो आपकी जिंदगी में बहुत बदलाव आ जाएगा…

जैसे हम नया कैलेंडर लाते हैं वैसे ही एक नई डायरी लाकर और डेट वाईज लिख कर लिख कर खुद से किया प्रोमिस निभा सकते हैं…

आप क्या सकंल्प लेंगें आप ये बेहतर जानते हैं पर अपनी सेहत का ख्याल रखना, गुस्सा कम करना, खुश रहें , पॉजिटिव सोच, हमेशा स्माईल रखना, अपने पेरेंटस को प्यार करना, उनका कहना मानना, छोटे छोटे कामों में उनकी मदद करना, वोलिटियर के रुप मे कुछ भी सोशल वर्क करना हमें अलग लेवल पर ले जा सकता है..

और अगर ये सोच है कि लोग क्या कहेंगें कहीं लोग हसेंगें तो नही… तो उनको अनसुना अनदेखा कर दीजिए… लोगो का काम है कहना नही करेंगें तब भी कहेंगें और कहेंगें तब भी कहेंगें तो कुछ कर ही देते हैं… और वैसे भी पहले लोग हंसेंगें मजाक बनाएंगे, फिर “First they ignore you, then they laugh at you, then they fight you, then you win.” – Mahatma Gandhi

खुद को Challenge दीजिए और कम्फर्ट जोन से बाहर आईए … जब आपकी एक पहचान बननी शुरु होगी ना तब देखिएगा उसका अलग ही नशा होगा..

आपने अक्सर सुना होगा कि जो काम हम साल के पहले दिन करते हैं वही सारे साल करते हैं … इसलिए चलिए कुछ अच्छा काम करते हैं

हम हर उस काम को कर सकते हैं जिसे हम वाकई में करना चाहते हैं

जो सफर की शुरुआत करते हैं वो मंजिल भी पा लेते हैं

बस एक बार चलने का हौंसला रखिए

क्योंकि

 अच्छे इंसानों का तो रास्ते भी इंतजार करते हैं

Start New Year for a Better Life – नया साल – नए साल में करें बेहतर ज़िंदगी की शुरुआत – Monica Gupta

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