Monica Gupta

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February 24, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

महाशिवरात्रि पर कुछ बातें

महाशिवरात्रि पर कुछ बातें

महाशिवरात्रि पर कुछ बातें – सत्यम शिवम सुंदरम- ॐ नम: शिवाय – आज शिवरात्रि है वातावरण शिवमय हो रहा है.  मंदिर मे लम्बी भक्तों की कतारे हैं तो लाउडस्पीकर पर शिव के गीत वातावरण को भक्ति से सरोबार कर रहे हैं … महाशिवरात्रि की कहानी तो हम सभी ने सुनी होगी… शिव जी प्रेरणा के स्त्रोत भी हैं … भोले भंडारी कीबहुत सारी ऐसी बाते हैं जो हम उनसे सीख सकते हैं…’तुलसी इस संसार में सबसे मिलिए धाय, न जाने किस रूप में नारायण मिल जाए।

महाशिवरात्रि पर कुछ बातें

हम सभी जानते हैं कि शिव जी ने विष का पान किया था. ना तो उसे निगला था और ना ही उगला था. बस गले में ही रखा था, ठीक वैसे ही, हमें भी, घर की विष रुपी परेशानी को ना तो बाहर किसी को बताए और ना ही उसे दिल से लगा कर बैठे.

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कलह हर घर में होती है, लेकिन अगर वो उसे बाहर के लोगो को बताएगे तो बात बढ़ जाएगी और अगर गले से नीचे उतार लेगे तो खुद तबियत खराब करके बैठ जाएगे.

शिव जी के माथे पर जैसे चादँ शांति, गंगा का प्रतीक है, हमें भी वैसे ही अपना दिमाग शांत रखना चाहिए.

महाशिवरात्रि पर कुछ बातें

महाशिवरात्रि पर कुछ बातें

एक अन्य उदाहरण है कि जैसे शिव जी का वाहन बैल, उमा का वाहन सिहं, शिव का कंठ हार सर्प, गणेश जी का मूषक और कार्तिक का वाहन मोर है पर शिव की महिमा देखिए आपस मे पुश्तैनी दुश्मनी होते हुए भी  सर्प, बैल, सिंह, मूषक, मोर सभी एकता और प्रेम मे बंधे हुए है .हमे भी इसी दिशा मे प्रयास करते रहना चाहिए कि किस प्रकार सभी को प्यार से और ज्यादा खुशहाल कैसे रखा जा सकता है … महाशिवरात्रि की ढेर सारी शुभकामनाएं ….

महाशिवरात्रि पर कुछ बातें

महाशिवरात्रि पर कुछ बातें

 

कही पढा है कि भगवान भोलेनाथ को खुश करने के लिए उन्हें भांग-धतूरा, दूध,बेलपत्र, चंदन, और भस्म चढ़ाते हैं पर  ये चीजे शिव जी पर न चढ़ाएं ये सामान
शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पुरुषत्व का सूचक है इसलिए उन पर हल्दी का अर्पण वर्जित है।

शिवलिंग पर लाल रंग, केतकी एवं केवड़े के पुष्प अर्पित नहीं किए जाते।

भगवान शिव पर कुमकुम और रोली का अर्पण भी निषेध है।

भगवान शंकर ने शंखचूर नामक दैत्य का वध किया था, जिसके कारण उनकी पूजा में शंख की मनाही है।

भोलेनाथ पर नारियल अर्पित करना वर्जित है।

शिवलिंग पर और शिवपूजन में तुलसी पत्ते का प्रयोग भी निषेध है।

तुलसीदासजी ने भी कहा है, ‘तुलसी इस संसार में सबसे मिलिए धाय, न जाने किस रूप में नारायण मिल जाए।

February 23, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

माँ के बारे में – सिर्फ अहसास है ये रुह से महसूस करो

यम से बचना है तो नियम अपनाए

माँ के बारे में – सिर्फ अहसास है ये रुह से महसूस करो – अकसर हम कहते मिल जाते हैं आप तो चुप ही रहो … आप मे जरा भी अक्ल नही … मां के बारे में इस तरह से बोलना कितना सार्थक है माँ एक एहसास अहसास है ये रुह से महसूस करो… माँ का महत्व, माँ की ममता को जानिए … उनके प्यार को समझिए

माँ के बारे में – सिर्फ अहसास है ये रुह से महसूस करो

कई बार कुछ ऐसा देखने को मिल जाता है कि मन उदास हो जाता है … मेरी एक सहेली ने आना था इसलिए मैं एक stop पर खडी थी तभी वहां एक आज एक  मदर अपने बच्चो को स्कूल छोडने आई .

बच्चे 6 – 7वीं क्लास के लग रहे थे. उस लेडी ने दोनो बच्चो के भारी भरकम स्कूल बैग अपने कंधो पर टाँगे हुए थे. एक बच्चा ब्रैड रहा था और दूसरे का शायद कोई टेस्ट था. और वो महिला अपने बच्चे से कुछ सुन रही थी. पता नही क्या बात हुई अचानक बच्चा चिल्लाकर बोला क्या मम्मी, आप मे तो जरा भी अक्ल नही हैं.

कुछ नही आता आपको और उस गुस्से से महिला के हाथ से अपनी कापी छीन ली. इतने मे स्कूल बस आ गई और वो दोनो लपक कर बस मे चढ गए. महिला ने मुझे देख लिया था इसलिए शायद वो झेप सी गई थी. आखों मे नमी और होठो पर मुस्कान लाते हुए बोली … बच्चे है बच्चे !!!मैने उसकी भावनाओ को समझ कर कुछ नही कहा और आगे बढ गई

 


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क्या कसूरवार मां थी जिसने दोनो बच्चो के बैग खुद इसलिए उठा रखा था ताकि उन्हे दर्द ना हो. पाठ याद कराती इसलिए ले जा रही थी ताकि पढाई मे अच्छे नम्बर मिले पर उपाधि क्या मिली…. जरा भी अक्ल नही है !!!कुछ नही आता …!!!

वाकई मे, अक्ल ही नही है तभी तो दिन रात अपने परिवार का ध्यान रखती है और चुपचाप गलत बाते सुन कर भी बस मुस्कुरा देती है….!! वाकई अकल नही … !! बहुत दुख होता है जब हम अपनी मम्मी से, मिसबिहेव करते हैं … बिल्कुल नही करना चाहिए … !! मैं उस बात को भूल ही नही पा रही कि मम्मी आपमे जरा भी अक्ल नही है … !!

भगवान हर जगह नही जा सके इसलिए उन्होने मां बना दी … बस बाकि हम सब समझदार हैं …

February 22, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

जादू टोना टोटका और हमारे नेताओं का गुडलक

यम से बचना है तो नियम अपनाए

जादू टोना टोटका और हमारे नेताओं का गुडलक – हमारे नेताओं का लक्की चार्म – अजीबो गरीब टोटके और नेता … आजकल चुनाव की ही खबरे हर जगह है रैली, नेता  की बातो से ही अखबार और सोशल मीडिया भरा पडा है … मैं देख रही थी कि मतदान में कितने प्रतिशत बढोतरी हुई है और हम किस तरह से मतदान का प्रतिशत बढा सकते हैं क्योकि लोग बाहर निकलेगें  सही प्रत्याक्षी को वोट देंगें तभी तो देश का भला होगा तरक्की होगी ..एक उम्मीदवार जीतने के लिए अपने गुरु से आशीर्वाद लेने नहीं, बल्कि उनकी मार खाने गए, क्योंकि वह अपनी सफलता के लिए इसे लकी मानते हैं जब जब टीचर ने पिटाई की वो पास हुए इसलिए मार खाना गुडलक है

जादू टोना टोटका और हमारे नेताओं का गुडलक

कई जगह बहुत अच्छे मतदान केन्द्र  बनाए गए हैं कई जगह माला पहना कर तिलक लगाकर मतदाता का स्वागत किया जा रहा है ये भी अच्छा प्रयास है , लोगो में वोर्ट देने के बाद फोटो डालने का भी क्रेज बहुत देखा जा रहा है …

मैं यही सब सर्च कर रही थी  तभी मैने एक ऐसी खबर देखी कि मेरा ध्यान उसी और चला गया … खबर थी कि नेता और टोटके … क्या क्या टोटके अपना रहे हैं

 

जादू टोना टोटका और हमारे नेताओं का गुडलक

नेता जीतने के लिए अपने गुरु से आशीर्वाद लेने नहीं, बल्कि उनकी मार खाने गए, क्योंकि वह अपनी सफलता के लिए इसे लकी मानते हैं जब जब टीचर ने पिटाई की वो पर्रीक्षा मे पास हुए … इसलिए मार खाना गुडलक है

एक उम्मीदवार के तो अजीबो गरीब टोटका है । वह तब तक अपने बेड से नहीं उठते जब तक उन्हें कोई उनके निकनेम बबलू से नहीं बुलाता। वो अपनी अपनी मां द्वारा- ‘उठ जा बबूल’ बुलाए जाने का इंतजार करते हैं।

एक उम्मीदवार रूमाल साइज की ‘देवी मा की चुनरी’ साथ रखते हैं। उनका मानना है कि 2004 से ही यह उनका लकी चार्म है।,

उम्मीदवार ही नही पार्टी आफिस में भी वहम है एक आफिस में तो इस बात का वहम है कि जो अध्यक्ष वहा की पुताई वाईट वाश कराता है उसकी कुर्सी चली जाती है और दफ्तर में अशोक के पेड़ बड़े होते ही काट दिए जाते हैं। क्योकि  कार्यकर्ता मानते हैं कि अगर अशोक का पेड़ पार्टी दफ्तर की बिल्डिंग से ऊंचा हो जाए तो यह अपशकुन होगा।

ऐसे बहुत उम्मीदवार हैं कोई मंदिर होकर जाते हैं तो कोई घर से निकलते समय प्रशाद बांटते हैं तो कोई नम्बर के हिसाब से दिन का चुनाव करते हैं क्या वाकई टोटके राहत देते हैं या पांच साल जनता के लिए काम करना जनता की आवाज बनना ही सबसे सही टोटका है … फिलहाल तो सबसे जरुरी है कि सब वोट दें  और देश को खुशहाल बनाए …

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February 21, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

परीक्षा के दिनों में बच्चें – एक प्रेरक कहानी

 Art of Public Speaking in Hindi

परीक्षा के दिनों में बच्चें – एक प्रेरक कहानी – pariksha ke kathin din , Exams  यानि परीक्षा आने वाली है और अब खूब पढना भी पडेगा … जो बच्चे सारा साल नियमित रहते हैं उनके लिए कोई चिंता नही पर जो बच्चे सारा साल पढाई नही करते वो सुबह सवेरे उठने में, पढने आना कानी भी करते हैं

परीक्षा के दिनों में बच्चें – एक प्रेरक कहानी

 Exams days में बच्चे अकसर अपनी मम्मी को कह कर सोते हैं कि सुबह उठा देना और वो सुबह उठाते रहते हैं और हम बस दो मिनट पांच मिनट ही करते रहते हैं पर उठते नही सोते ही रह जाते हैं … और वही जब वटसअप या फेसबुक कर रहे होते हैं तो कहते हैं बस दो मिनट मे बंद ही कर रहा हूं पर दो मिनट है कि पूरे ही नही होते … इन दोनो के पीछे एक बात कॉमन है कि हम खुद नही चाहते … खुद जब तक हमारा मन किसी काम को करने के लिए मजबूत नही होगा … खुद से फैसला नही लेगें टालते जाएगें .. टालते जाएगें खुद नही करेंगें तो काम भी नही होगा …जिस दिन खुद फैसला ले लिया उस दिन आप न सिर्फ कर पाएगें बल्कि सफल भी होंगें… इसी बारे में एक कहानी है

 

इसी बारे में एक प्रेरक कहानी है …

एक बार एक किसान के गेंहू के खेत में एक चिड़िया ने घोंसला बना रखा था। उस घोंसले में उसने अंडे दिये। कुछ समय बाद अंडो में से बच्चे निकले। चिड़िया दाना चुगने के लिए दूर जंगल में जाती थी और अपने बच्चों के लिये दाना लेकर लौटती थी। इस दौरान उसके बच्चे घोंसले में अकेले रहते थे। जब चिड़िया दाना लेकर लौटकर आती तो बच्चे बहुत खुश होते और  दानों को खाते।
एक दिन चिड़िया जब दाना लेकर लौटी तो उसने देखा कि उसके बच्चे बहुत डरे हुए हैं। उसने बच्चों से पूछा क्या बात है बच्चो ? तुम सब इतने डरे हुए क्यों हो?
बच्चों ने बताया कि “आज किसान आया था और वह कह रहा था कि फसल अब पक चुकी है, मैं कल अपने मजदूरों से फसल काटने के लिये कहूँगा। अगर उसने फसल काटी तो हमारा घोसला टूट जायेगा, फिर हम कहाँ रहेंगे?”
चिड़िया बोली “ फ़िक्र मत करो बच्चों, अभी खेत की फसल नही कटेगी।”
सच में अगले दिन कोई फसल काटने नहीं आया और चिड़िया के बच्चे बेफिक्र हो गए। लेकिन कुछ दिनों बाद चिड़िया को बच्चे फिर से डरे हुए मिले। चिड़िया के पूछने पर बच्चों ने बताया “किसान आज भी आया था और कह रहा था कि बेटे नहीं आये तो क्या हुआ? कल फसल काटने के लिए बेटों को भेजूंगा।”
इस बार भी चिड़िया ने बच्चों से कहा “डरने की जरुरत नहीं हैं, फसल कल भी नहीं कटेगी।”
ऐसे ही कुछ दिन और बीत गए। कोई फसल काटने के लिए नहीं आया।
कुछ दिन बाद एक दिन बच्चे फिर से डरे हुए थे। और उन्होंने चिड़िया को बताया कि “आज किसान फिर से आया था और कह रहा था कि दूसरों के भरोसे रहकर मैंने फसल काटने में बहुत देर कर दी है। मैं कल खुद ही फसल को काटने आऊँगा।
यह सुनकर चिड़िया बच्चों से बोली “अब हमें यह जगह छोड़कर कोई सुरक्षित जगह चले जाना चाहिए। क्योंकि कल खेत की फसल जरुर कटेगी।”
वह तुरंत बच्चों को लेकर एक दूसरे घोसले में आ गई। जिसे उसने कई दिनों से कड़ी मेहनत कर के बनाया था।
अगले दिन चिड़िया और उसके बच्चो ने देखा कि किसान ने फसल काटनी शुरू कर दी है।
बच्चों ने बड़ी हैरानी से चिड़िया से पूछा “माँ, तुमने कैसे जाना कि कल खेत की फसल कट ही जाएगी?”
चिड़िया ने बच्चो को बताया कि “जब तक इंसान किसी कार्य के लिए दूसरों पर निर्भर रहता है, वह कार्य पूरा नहीं होता है। लेकिन जब इंसान उस कार्य को खुद करने की ठान लेता है तो वो कार्य जरुर पूरा होता है। किसान जब तक दूसरों पर निर्भर था तब तक उसकी फसल नहीं कटी। लेकिन जब उसने खुद फसल काटने का फैसला किया तो उसकी फसल कट गयी।
– जब तक हम किसी भी काम के लिए दूसरों पर निर्भर रहते हैं तो उस काम के होने की सम्भावना बहुत कम होती हैं और अगर वो काम हो भी गया तो उस तरह से नहीं हो पाता जैसे हम चाहते थे। लेकिन अगर वही काम हम खुद करें तो वो काम समय पर हो भी जायेगा और जैसा हम चाहते हैं वैसा ही होता है।  मन को पक्का कीजिए … और जुट जाईए

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February 19, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

रोचक हिंदी कहानी का खूबसूरत संसार – तीन सीख देती एक कहानी

Importance of Mothers in Life

रोचक हिंदी कहानी का खूबसूरत संसार – तीन सीख देती एक कहानी –   कहानियो का संसार बहुत रोचक होता है. कई बार हमारा मनोरंजन करती हैं तो कई बार सीख भी दे जाती हैं … एक ऐसी ही कहानी मैने पढी जोकि बहुत सीख दे गई …हमें किसी के, कुछ भी कहने पर हमें अपनी राय एकदम से बना लेनी चाहिए या फिर हमें अपनी बात साबित करने के लिए अडिग भी रहना चाहिए और बहस भी करनी चाहिए … ये कितना सही है जानने के लिए सुनिए बहुत ही शिक्षाप्रद और अच्छी कहानी…

रोचक हिंदी कहानी का खूबसूरत संसार – तीन सीख देती एक कहानी

बहुत समय पहले की बात है …  राजा था . राजा के तीन पुत्र थे, एक दिन राजा के मन में आया कि पुत्रों को को कुछ ऐसी शिक्षा दी जाये कि समय आने पर वो राज-काज सम्भाल सकें। इसी विचार के साथ राजा ने सभी पुत्रों को दरबार में बुलाया और बोला , “ पुत्रों , हमारे राज्य में नाशपाती का कोई वृक्ष नहीं है , मैं चाहता हूँ तुम सब चार-चार महीने के अंतराल पर इस वृक्ष की तलाश में जाओ और पता लगाओ कि वो कैसा होता है ?” राजा की आज्ञा पा कर तीनो पुत्र बारी-बारी से गए और वापस लौट आये। सभी पुत्रों के लौट आने पर राजा ने पुनः सभी को दरबार में बुलाया और उस पेड़ के बारे में बताने को कहा।
पहला पुत्र बोला , “ पिताजी वह पेड़ तो बिलकुल टेढ़ा – मेढ़ा , और सूखा हुआ था .”

“ नहीं -नहीं वो तो बिलकुल हरा –भरा था , लेकिन शायद उसमे कुछ कमी थी क्योंकि उसपर एक भी फल नहीं लगा था .”, दुसरे पुत्र ने पहले को बीच में ही रोकते हुए कहा।

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फिर तीसरा पुत्र बोला , “ भैया , लगता है आप भी कोई गलत पेड़ देख आये क्योंकि मैंने सचमुच नाशपाती का पेड़ देखा , वो बहुत ही शानदार था और फलों से लदा पड़ा था .”

और तीनो पुत्र अपनी -अपनी बात को लेकर आपस में विवाद करने लगे कि तभी राजा अपने सिंघासन से उठे और बोले , “ पुत्रों , तुम्हे आपस में बहस करने की कोई आवश्यकता नहीं है , दरअसल तुम तीनो ही वृक्ष का सही वर्णन कर रहे हो। मैंने जानबूझ कर तुम्हे अलग- अलग मौसम में वृक्ष खोजने भेजा था और तुमने जो देखा वो उस मौसम के अनुसार था।

मैं चाहता हूँ कि इस अनुभव के आधार पर तुम तीन बातों को गाँठ बाँध लो : पहली , किसी चीज के बारे में सही और पूर्ण जानकारी चाहिए तो तुम्हे उसे लम्बे समय तक देखना-परखना चाहिए . फिर चाहे वो कोई विषय हो ,वस्तु हो या फिर कोई व्यक्ति ही क्यों न हो।

दूसरी , हर मौसम एक सा नहीं होता , जिस प्रकार वृक्ष मौसम के अनुसार सूखता, हरा-भरा या फलों से लदा रहता है उसी प्रकार मनुषय के जीवन में भी उतार चढाव आते रहते हैं , अतः अगर तुम कभी भी बुरे दौर से गुजर रहे हो तो अपनी हिम्मत और धैर्य बनाये रखो , समय अवश्य बदलता है।

और तीसरी बात , अपनी बात को ही सही मान कर उस पर अड़े मत रहो, अपना दिमाग खोलो , और दूसरों के विचारों को भी जानो। यह संसार ज्ञान से भरा पड़ा है , चाह कर भी तुम अकेले सारा ज्ञान अर्जित नहीं कर सकते , इसलिए भ्रम की स्थिति में किसी ज्ञानी व्यक्ति से सलाह लेने में संकोच मत करो।

रोचक हिंदी कहानी का खूबसूरत संसार – तीन सीख देती एक कहानी ..

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February 18, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

आप कैसे हैं – खुद को जाने

मटके का पानी छी होता है क्या

आप कैसे हैं – खुद को जाने -कितने लापरवाह है हम , आईए खुद को जानें कि कैसे हैं हम … कई बार हम गल्तियों को खुद ही आमंत्रित करते हैं और दुखी और परेशान  रहते हैं तो चलिए जानते हैं कि किन बातों को लेकर हम सजग नही हैं…

आप कैसे हैं – खुद को जाने

घरेलू नुस्खे अक्सर कामगार होते हैं पर घरेलू सलाहे अक्सर कामगार नही होती. मेरी सहेली को कमर मे दर्द हुआ और उन्ही के खास मित्र ले आए एक झटका देने वाले को. उस व्यक्ति ने विश्वास दिलाया कि उसका झटका उनका दर्द एक झटके में दूर कर देगा.

दो दिन,दो दो मिनट को वो आया और तीसरे दिन उसे बाहर से ही अलविदा कर दिया गया. असल मे, कमर दर्द तो ठीक हुआ नही उपर से हाथ मे पैरो मे भयंकर दर्द और बैठ गया.

 

जब डाक्टर के लेकर गए तो डाक्टर ने गुस्सा किया कि पढे लिखे होने के बावजूद ….!!!

अभी भी वो बैड रेस्ट पर हैं. वैसे ऐसे मे बहुत जरुरी है कि सोच समझ कर ही कदम उठाए कही मामला उल्टा ही ना पड जाए ! वैसे बात सिर्फ इतनी नही कुछ बातें हैं जिनके प्रति हम सभी लापरवाह हैं और वो हमारी जिंदगी में नेगेटिव असर डालती हैं

हम technology के गुलाम बन गए हैं

sitting is injurious to health

हम तो कुछ भी खा सकते हैं

खुद से झूठ बोलते हैं

हम खुद के ही डॉक्टर हैं

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जैसाकि टेकनोलोजी के आधीन हो गए है सारा सारा दिन लैपटाप कम्प्यूटर पर लगे रहते है.. न व्यायाम न सैर … लगे भी रहते हैं बैठे भी रह्ते हैं काम के चक्कर में सोने को यानि आराम पर ध्यान ही नही देते … जिससे बहुत तकलीफे जकड लेती हैं …

खाने पीने का  ख्याल नही रखते … कुछ् भी खा लेते हैं बिना यह जाने कि ये हमे कितना फायदा या नुकसान दे सकती है …

और खुद के डाक्टर बन जाते हैं हलका सा दर्द हुआ दवाई खाली या किसी से पूछ लिया … किसी ने इलाज करवाया वो ठीक हो गया तो बिना समझे बूझे  खुद ही वही ईलाज शुरु कर देते हैं …

ये भी बिल्कुल सही नही है …

खुद से झूठ बोलते हैं मान लीजिए कोई सिग्रेट पीता है बोलेगें जरा मैं सैर करके आ रहा हूं … करते क्या है पार्क में खडे होकर सिग्रेट पीते है … इससे किसको नुकसान है …

बाकि जितना मैं आपको देख पा रही हूं आप बहुत समझदार हैं … है ना !! तो कल …

आप कैसे हैं – खुद को जाने …

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