Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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August 11, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

स्वैच्छिक रक्तदान के प्रति लोगो को जागरुक कैसे करें – How to Create Awareness for Blood Donation

Monica Gupta

स्वैच्छिक रक्तदान के प्रति लोगो को जागरुक कैसे करें – How to Create Awareness for Blood Donation. ये जानते हुए भी कि रक्तदान महादान है फिर भी लोगो में जागरुकता नही आ रही… तो कैसे लाई जा सकती है voluntary blood donation के voluntary blood donation के प्रति जागरुकता ..

स्वैच्छिक रक्तदान के प्रति लोगो को जागरुक कैसे करें – How to Create Awareness for Blood Donation

कल मैं अपनी एक जानकर के घर गई हुई थी. तभी उनके बेटे का फोन आया और वो पूछ्ने लगी कि blood donate किया क्या … और फिर उसने क्या कहा ये तो पता नही पर वो गुस्सा हो रही थी कि पिछ्ले महीने भी नही किया था … कर आना समय निकाल कर … मुझे बहुत खुशी हुई क्योकि आमतौर पर mothers  पीछे हट जाती है और चाह्ती हैं कि उनके बच्चे तो बिल्कुल न करें …

 

पर ये मम्मी वाह !! जब फोन रखा तो मैंने उन्हें कहा कि आप तो एक प्रेरणा है आप खुद कह रही हैं … इस पर वो बोली कि अरे ऐसी कोई बात नही असल में एक पंडित जी ने बताया है रक्तदान करेगा तो मेरी की हेल्थ ठीक रहेगी  इसलिए बस …

अब बताईए ये है जागरुकता का आलम … समझ नही आता कि इतना नेक कार्य है और फिर भी लोग आगे नही आना चाह्ते …

एक अन्य जानकर हैं वो अभी तक पचास बार रक्त दे चुके हैं पर बार भी अपनी पत्नी को नही बताया क्योकि उन्हें डर है कि अगर बताया तो वो मना न कर दे … नाराज न हो जाए …

एक मेरे जानकार ने तो बताया कि उन्हें सूई से डर लगता पर blood donate करने के बाद जो refreshment मिलती वो बहुत अच्छी लगती तो वो क्या करते जब कैम्प लगता तो अपनी शर्ट की बाजू उपर उठा कर और कॉटन लगा कर उस कमरे में चले जाते और जूस और केला खाकर आ जाते … हालाकि बाद में इसकी महत्ता समझ कर डोनेट करने लगे

वही एक अन्य जानकार ने बताया कि एक बार कैम्प लगा था और चार पांच ऐसे ही गरीब से लोग बैठे थे तो उन्होने गुस्सा किया कि यहां किसलिए बैठे हो जाओ यहां से तो एक आदमी बोला सर हमने अभी ब्ल्ड डोनेट किया है … उनकी ये बात सुनते ही वो बहुत झेंपें … शर्म आई कि ये क्या कह दिया … और उन्होने खुद उन्हे सर्व किया refreshment..

हैरानी है कि हम इसकी महत्ता ही नही समझते.. बहुत बार जब किसी को ब्लड डोनेट करने की बात होती है तो उनकी कोशिश होती है कि घर का ड्राईवर  या  नौकर खून दे आए खुद नही करना चाह्ते … ऐसी बात नही है कि लोग इस बारे  में काम नही कर रहे पर जितनी जागरुकता आनी चाहिए उतनी आ नही रही है … तो कैसे आए जगरुकता … आप ही बताईए अगर हमें लोगो को ब्लड डोनेशन के लिए प्रेरित करना हो तो कैसे करें …

कालिजो के छात्रो मे प्रतियोगिताए जैसे स्लोगन, निबंध या क्विज आदि करवा कर बच्चो को जागरुक किया जा सकता है.

होली इत्यादि पर रक्तदान ,

अखबार में  अच्छे कलरफुल लेखों से  ,

जागरुक करने के लिए कोई ईवेंट कर सकते ,

सोशल नेट वर्किंग का विशाल क्षेत्र खुला पडा है ग्रुप बना कर भी लोगो को प्रेरित किया जा सकता है …

छोटे छोटे विज्ञापन या फिल्में बना कर भी मोटिवेट किया जा सकता है या जो मरीज हैं जिन्हें नियमित  रक्त की जरुरत पडती है उनके मैसेज के माध्यम से भी लोगो को मोटिवेट किया जा सकता है …

वैसे आप बताईए  आप क्या सोचते हैं … ?? किस तरह से लोगो को मोटिवेट करें कि बढ चढ कर लोग इस फील्ड में आगें आएं..

How to Create Awareness for Blood Donation voluntary blood donation

June 14, 2017 By Monica Gupta 1 Comment

रक्तदान के फायदे – Benefits of Blood Donation

रक्तदान के फायदे

रक्तदान के फायदे – Benefits of Blood Donation – importance of blood donation – जब भी रक्तदान करने की बात आती है तो जहां कुछ लोग खुश हो जाते हैं वही कुछ लोग डर जाते हैं … खासकर महिलाएं कारण जागरुकता का अभाव होना  इसीलिए अपने परिवार के लोगो को मना भी करती हैं कि रक्तदान नही करना चाहिए पर अगर उन्हें बताया जाए कि रक्तदान के बहुत फायदे हैं तो उनकी सोच बदली जा सकती है तो चलिए आज बताती हूं कि ब्लड डोनेट करने के फायदे क्या होते है.

रक्तदान के फायदे – Benefits of Blood Donation

हीरो बन सकते हैं … किसी की नजरों में हमारा स्थान बहुत ऊंचा हो सकता है. किसी की जिंदगी बचाना कोई छोटी बात नही है. जैसे एक महिला बच्चे को जन्म देती है वैसे ही कोई भी किसी को रक्तदान करके नया जन्म दे सकता है …

ब्लड किसी फैक्टरी में नही बनता और  न कोई विकल्प इसलिए अगर हम अपना रक्तदान में देते हैं तो बहुत बडी बात है. रक्तदान महादान

जब हम रक्तदान करते हैं तो हमारे स्वास्थ्य की जांच होती हैं और ब्लड के सैम्पल लिए जाते हैं और पूरा चैक अप होता है जो हम रुटीन में करवाते नही है … तो हमारी हेल्थ स्क्रीनिंग हो जाती है …

 

हैल्थ कोंशियस हैं. हमारा पूरा जोर कैलोरी बर्न पर रहता है और रक्तदान कैलोरी और कोलेस्ट्रॉल घटाने में मदद करता है.

डॉक्टर्स का मानना है कि ब्लड डोनेशन से हार्ट अटैक की आशंका कम हो जाती है। डॉक्टर्स का मानना है कि डोनेशन से खून पतला होता है, जो कि हृदय के लिए अच्छा होता है। चेहरे पर चमक लाता है …

एक नई रिसर्च के मुताबिक नियमित ब्लड डोनेट करने से कैंसर व दूसरी बीमारियों के होने का खतरा भी कम हो जाता है,

ब्लड डोनेट करने के बाद बोनमैरो नए रेड सेल्स बनाता है। इससे शरीर को नए ब्लड सेल्स मिलने के अलावा तंदुरुस्ती भी मिलती है .. रक्तदान करके किसी की जान बचा कर जो happiness मिलती है उसे शब्दों में नही बताया जा सकता…

सबसे बडी बात ये है कि हमें एक मकसद मिल जाता है. कुल मिलाकर लाभ ही लाभ है … जरुर सोचिएगा

रक्तदान, रक्तदाता और असली खुशी का अहसास

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June 13, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

रक्तदान की जागरुकता को बढाना होगा – मेरे मन की बात

रक्तदान की जागरुकता को बढाना होगा

रक्तदान की जागरुकता को बढाना होगा  – मेरे मन की बात  – Importance of Blood Donation – विश्व रक्तदान दिवस 14 जून फिर आ गया और जैसे आया है वैसे चला भी जाएगा … जगह जगह आयोजन होंगे, रक्तदान कैम्प लगाए जाएगें, लोगो को प्रेरित किया जाएगा , सर्टिफिकेट दिए जाएगें और बस फिर अगले दिन से वही रक्त के लिए भागम भाग , मारा मारी … आखिर क्या कारण है कि इतना प्रचार होते हुए भी लोगो में रक्तदान के प्रति जागरुकता नही आ पा रही … आज भी रक्त के लिए दर दर भटकना पडता है.

रक्तदान की जागरुकता को बढाना होगा –  मेरे मन की बात

मैं अपने ही एक अनुभव से शुरुआत करती हूं.

उससे पहले मैं बताना चाहूगी कि रक्तदान से जुडी हुई हूं और एक छोटा सा नेटवर्क है जिसमे अलग अलग शहरों से, राज्यों से गम्भीरता से रक्तदान की मुहिम को आगे ले जाने वाले कुछ कर्मठ रक्तदाताओं से जुडी हुई हूं और प्रयास यही रहता है कि देश के किसी भी कोने में  अगर रक्त की जरुरत हो तो टीम के माध्यम से जरुरत पूरी की जा सके … और कहते हुए बहुत खुशी और गर्व भी है कि अभी तक जहां से भी रक्त की जरुरत के लिए फोन आया चाहे, राजस्थान  हो, हरियाणा, हो, लखनऊ हो , मुम्बई हो, नोएडा हो, पंजाब हो, चंडीगढ हो , जम्मू हो … इंतजाम हो गया… और लगातार नेटवर्क बढाने का प्रयास  है…  !!!

अब मैं बताती हूं अनुभव …

अखबार में खबर देखी कि फलां व्यक्ति रक्तदान के क्षेत्र में जबरदस्त काम कर रहे हैं तो सोचा कि चलिए इनसे सम्पर्क करते हैं ताकि कभी जरुरत पडी तो काम आएगें पर … दुख हुआ कि कुछ लोग सिर्फ अखबार में नाम ही छ्पवाना चाह्ते हैं बस … या जाने माने फिल्मी कलाकारों के साथ फोटो करवा कर या अपनी खबर चैनल पर दे कर इति श्री कर लेते हैं ऐसे में ये मुहिम कैसे आगे बढ सकती है ?? प्रश्न वाचक चिन्ह ??

एक अन्य बात जो मैंने महसूस की कि जिसका नेटवर्क है वो किसी से शेयर नही करना चाहते … वैसे बात गलत भी नही है … इतनी मेहनत से तैयार किया होता है नेट वर्क पर जब हम देश में बदलाव लाने की बात करते हैं तो हमें मिलकर ही कदम आगे बढाना होगा… और गम्भीरता से बढाना होगा …

और जो भ्रांतियां हैं उसे दूर करना होगा … बहुत तरह की भ्रांतिया हैं जिसकी वजह से लोग रक्त दान करने में हिचकिचाते हैं.

एक उदाहरण तो हमारे सामने हैं ही श्री अमिताभ बच्चन साहब का कि जब उन्हें रक्त की जरुरत पडी और रक्त चढाया गया 1982 में फिल्म कुली की शूटिंग के दौरान लगी चोट के बाद उन्हें 200 लोगों का कुल मिलाकर करीब 60 बोतल खून चढ़ाया गया था, जिनमें से एक डोनर का खून हेपिटाइटिस बी के वायरस से संक्रमित था.

इसकी ख़बर उन्हें 18 साल बाद लगी. उनका 75 फीसदी लि‍वर संक्रमित हो चुका है और सिर्फ एक चौथाई हिस्सा ही काम कर रहा है और वो सिर्फ़ 25 फ़ीसदी के सहारे जी रहे हैं.सुनकर  बेहद हैरानी और दुख हुआ. सोचने की बात ये है कि इसमें अमिताभ जी का क्या दोष ??? वो बेकसूर होते हुए भी एक ऐसी सजा भुगत रहे हैं जो कसूर उन्होनें  कभी किया ही नही.

ऐसे में एक आम आदमी के मन में भय होना स्वाभाविक है इसलिए जरुरत इस बात की भी है जो रक्त लेते हैं चाहे  वो ब्लड बैंक हो या टेक्नीशियन   वो बहुत ध्यान से परीक्षण करें और फिर चढाए अन्यथा …

मीडिया भी मात्र रक्तदान  दिवस तक ही सिमट के न रह जाए बल्कि समय समय पर ऐसी खबरें हाई लाईट करती रहे ताकि समाज में जागरुकता आए ..

स्कूलों में इस बात पर बच्चों को विशेष रुप से जागरुक किया जाए ताकि 19 साल के होते ही वो रक्तदान की महत्ता समझ कर आगे आएं

और महिलाओं को जागरुक किया जाए ताकि वो ना सिर्फ अपने परिवार को प्रेरित करें बल्कि खुद भी रक्तदान करने आगे आएं …

बहुत लोग बहुत दिल से इस मुहिम को आगे ले जाने में जुटे हैं चाहे  फेसबुक के माध्यम से हो या वटसप के माध्यम से …

आज के इस खास दिन पर मैं सभी रक्तदाताओं को बधाई देती हूं और मेरी टीम के कुछ खास रक्तदाताओं जिनसे मुझे जब भी जरुरत पडी उन्होने तुरंत रक्त का या रक्तदाता का प्रबंध करवा दिया ये नाम हैं …

श्री राजेंद्र माहेश्वरी  जी राजस्थान भीलवाडा से, श्री राकेश सांगर जी पंचकुला, डाक्टर रवनीत कौर – चडीगढ.  कोमल  खत्री, नचिकेतन , उत्कर्ष क्वात्रा Blood connect  की पूरी टीम दिल्ली से , आशा जी – रोटरी ब्लड बैंक- दिल्ली, डाक्टर संगीता पाठक – दिल्ली से, सोनू सिह जी – दिल्ली से,  अजय चावला जी –  हरियाणा फरीदाबाद से,  मंजुल पालीवाल जी रोहतक हरियाणा से,  दीपक शुक्ला जी मुम्बई से, संगीता वधवा मुम्बई से,  जगदीश शर्मा जी जम्मु से

ये नाम हैं मैंनें जब भी इन्हें रक्त के लिए फोन किया समझ लीजिए तुरंत इंतजाम हो गया… मैं तहे दिल से इनका शुक्रिया करती हूं और बहुत बहुत शुभकामनाएं देती हूं कि जुटे रहिए … !!

रक्तदान के फायदे

 

Importance of Knowledge Sharing – जब मैंने एक जिंदगी बचाई – Monica Gupta

Importance of Knowledge Sharing – जब मैंने एक जिंदगी बचाई- benefits of knowledge sharing – how to share knowledge हम जितना जानते हैं अगर उसे शेयर ही नही करे read more at monicagupta.info

रक्तदान महादान,

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October 17, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

रक्तदान है महादान – ब्लड डोनेशन के फायदे

रक्तदान है महादान

रक्तदान है महादान – ब्लड डोनेशन के फायदे  – रक्तदान के बहुत फायदे हैंं इसलिए इसकी महत्ता समझते हुए स्वैच्छिक रक्तदान हर तीन महीने मे करते रहना चाहिए.

रक्तदान है महादान – ब्लड डोनेशन के फायदे

दो दिन पहले एक वटसअप ग्रुप में एक मैसेज आया कि तुरंत खून की आवश्यकता है पर कोई डिटेल नही थी कोई सम्पर्क करे भी तो कहां पर करे. वैसे कई बार कोई पुराना मैसेज भी फ्लैश होता रहता है और जब सम्पर्क करा तो पता चलता है कि कि ये तो कुछ दिन पहले का है खून का इंतजाम तो हो गया था  …

ये संदेश किसी की जिंदगी से जुडे होते हैं इसलिए इन्हे कभी हल्के से नही लिया जाना चाहिए. मैं अखबार के पन्ने पलट ही रही थी तभी एक खबर पढकर चेहरे पर स्माईल आ गई.

खबर रक्तदान से जुडी थी और मैं भी रक्तदान से जुडी हूं … खबर थी आजाद. एम. उदकवार की. लिखा था कि वो सोशल नेट वर्किंग के माध्यम से देश में कही भी किसी को भी जरुरत हो वो इंतजाम करवा देते हैं.

रक्तदान है महादान

रक्तदान है महादान

रक्तदान है महादान

राजेंद्र माहेश्वरी जी जोकि भीलवाडा से हैं और रक्तदान से जुडे हुए हैं उनसे आजाद. एम.  उदकवार का नम्बर मिला और फिर मेरे फोन करने पर उन्होने बताया कि लगभग चार साल पहले मित्र के पिता को खून की जरुरत थी पर खून मिल नही रहा था तब से मन बना लिया था कि एक नेट वर्क ऐसा बनाएगें जिससे पूरे देश में किसी को भी जरुरत हो उसको रक्त की दिक्कत न होने दें.

फिलहाल वो पूना में रहते हैं पर बहुत जल्द नागपुर शिफ्ट हो जाएगें.हालाकि अभी तीन चार महीने ही हुए हैं पर नेटवर्क बहुत अच्छा बन रहा है… बहुत खुशी हुई क्योकि लोग अच्छा और नेक काम कर रहे हैं और उसका नतीजा भी अच्छा ही होगा …

वैसे रक्तदान में छोटा सा नेटवर्क मेरा भी है और जब भी किसी को जरुरत होती है सूचना मिलते ही सभी लोग सक्रिय हो जाते हैं और रक्त का इंतजाम हो जाता है इसमें राजस्थान, पंचकुला, चंडीगढ, दिल्ली, हरियाणा, मुम्बई मुख्य हैं…

जब किसी की जान बचती है .. नया जीवन मिलता है  तो बहुत खुशी होती है … करना चाहिए स्वैच्छिक  रक्तदान और साथ ही साथ दूसरो को रक्तदान के लिए मोटिवेट भी ताकि देश से रक्त की कमी हमेशा के लिए खत्म हो जाए ..

https://monicagupta.info/blood-donation/%E0%A4%B0%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%A6%E0%A4%BE%E0%A4%A8-%E0%A4%B0%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%A6%E0%A4%BE%E0%A4%A4%E0%A4%BE-%E0%A4%94%E0%A4%B0-%E0%A4%85%E0%A4%B8%E0%A4%B2%E0%A5%80/

 

रक्तदान है महादान … किसी की जिंदगी बचाने मे हम कामयाब  हों इससे बडी उपलब्धि और क्या होगी …

 

September 5, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

रक्त के प्रकार

कैसे आएगी स्वच्छता

blood 3

क्या आपको अपना blood group पता है

रक्त के प्रकार चार होते हैं और रक्तदान यानि स्वैच्छिक blood donate करने की जब बात आती है तो हम सबसे पहले यही पूछते हैंं कि क्या आपको अपना  blood group पता है पर जब हमें ये ही न पता ही न हो कि हमारे रक्त के प्रकार क्या है तो क्या हो … ??? रक्तदान से जुडी एक खबर जो आपको अचम्भित कर देगी.  गुजरात के सूरत में एक ऐसा ही अजीबो गरीब केस देखने में आया. उनका ब्लड ग्रुप जैसा अभी तक दुनिया में किसी का नही है.

रक्त के प्रकार – रक्तदाता का एक अजीबो गरीब केस

रक्तदान क्षेत्र में काम कर रहे हैं उनके लिए ये खबर जरुर हट कर होगी .अगर हमें रक्त की जरुरत पडे तो यकीनन हम ब्लड बैंक जाएंगें और खून लेंगें पर क्या हो जब हम ब्लड बैंक जाएं और हमें ये पता चले कि हमारा खून तो किसी कैटीगिरी मे है ही नही. अब आपके मन में ये आ रहा होगा कि फिर तो यकीनन मैं बॉम्बे ब्लडग्रुप की बात कर रही हूं पर जी नही ये बॉम्बे ब्लडग्रुप की बात भी नही है ये कोई अलग तरह का ही ब्लड है जिसकी जानकारी अभी तक न डाक्टरों तक हो नही है इतना ही नही इस अनोखे ब्लड ग्रुप का रक्त नमूना वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ)  WHO भी भेजा गया.

इस लैब में दुनिया में ज्ञात सभी तरह के ब्लड ग्रुप मौजूद हैं इसलिए हर तरह की जांच की गई पर इस युवक का ब्लड ग्रुप किसी से मैच नहीं हुआ. लैब ने अपनी जांच के बाद इस बात को स्वीकृति दी है कि यह ब्लड ग्रुप पूरी दुनिया में इकलौता है.

आईए अब आपको सारी कहानी बताते हैं कि आखिर ये है क्या …

जैसाकि हम जानते हैं कि मानव शरीर में चार प्रकार के ब्लड ग्रुप हैं. ये हैं ए, बी, ओ एवं एबी, लेकिन गुजरात के सूरत शहर के एक युवक का ब्लड ग्रुप दुनिया में अनोखा है. ब्लड टेस्ट को सबसे पहले सूरत के लोक समर्पण रक्तदान के डॉक्टरों ने किया. इसमें डॉ. सनमुख जोशी, डॉ. किंजल और अंकिता शेलडिया शामिल थे.लेबोरेटरी ने भी युवक के ब्लड की जांच की, लेकिन उसका कोई ब्लड ग्रुप नहीं मिला.लेबोरेटरी ने इस नए ब्लड ग्रुप को प्रमाणित किया है.

इस बारे में सन्मुख जोशी ने बतायाकि वो  युवक के ब्लडग्रुप पर अभी कुछ और रिसर्च कर रहे हैं कि यह ब्लड क्यों सबसे अलग है ? कैसे बना है?

युवक के फैमली के सभी सदस्यों  के ब्लड की भी जांच की जा रही हैं.

दुनिया में सात ऐसे रेयर ब्लडग्रुप हैं जो किसी से मैच नहीं करते हैं….  दुनिया में ऐसे सात व्यक्ति हैं, जिनका ब्लडग्रुप किसी से मैच नहीं करता है.

डॉ. सनमुख जोशी बताते हैं ‘इन्हें मेडिकल भाषा में कोलटोल कहते हैं. इनमें से एक इंडिया में है. इसके अलावा बॉम्बे ब्लडग्रुप है जो सात हजार में से किसी एक के पास होता है. ऐसे व्यक्ति को रक्त की जरूरत पड़ने पर काफी मुश्किल होती है … खैर देखतें है कि नतीजा क्या निकेलेगा … फिलहाल यह युवक न तो किसी को ब्लड डोनेट कर सकता है, न ही किसी का ब्लड ले सकता है. डॉक्टरों ने इस नए ब्लड ग्रुप का नाम INRA रखा है. इसमें पहले दो शब्द इंडिया और बाद के दो शब्द युवक के नाम से लिए गए हैं.

वाकई ये बात हैरानी का विषय बनी हुई है और यह भी सुनने में आया है कि  रिसर्च के चलते डॉक्टरों ने युवक की पहचान को अभी छिपा रखा है.

दिल्ली स्थित Rotary Blood Bank की चीफ टैक्निकल आफिसर आशा बजाज से जब इस बारे में बात हुई तो उन्होने भी यही कहा  कि रिसर्च का विषय है इस पर रिसर्च करके ही बात की गहराई तक जाया जा सकेगा..

http://m.dailyhunt.in/news/india/hindi/news-track-epaper-newstrac/surat-ke-yuvak-ke-blad-grup-se-doktars-bhi-hairan-duniya-me-kisi-ke-pas-nahi-newsid-57493930

Rotary Blood Bank

Rotary Blood Bank आईएसबीटीआई की दिल्ली में कांफ्रेस के दौरान बहुत से ऐसे लोगों से मिलना हुआ जो रक्तदान पर बहुत जबरदस्त कार्य कर रहे थे. Read more…

 

 

donate blood cartoon by monica gupta

 

 

 

September 1, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

Thalassemia diseases and Awareness

Thalassemia diseases and Awareness

Thalassemia क्या है और क्या इससे बचा जा सकता है

Thalassemia diseases and Awareness .थैलासीमिया दो प्रकार का होता है। यदि पैदा होने वाले बच्चे के माता-पिता दोनों के जींस में माइनर थेलेसीमिया होता है, तो बच्चे में मेजर थेलेसीमिया हो सकता है, जो काफी घातक हो सकता है किन्तु पालकों में से एक ही में माइनर थेलेसीमिया होने पर किसी बच्चे को खतरा नहीं होता। यदि माता-पिता दोनों को माइनर रोग है तब भी बच्चे को यह रोग होने के २5 प्रतिशत संभावना है।

 

blood

थैलेसीमिया का इलाज और  हमारी जागरूकता

Thalassemia diseases and Awareness के लिए बेहद जरुरी  है कि शादी से पहले जैसे कुंडली मिलाई जाती है. वैसे ही दोनो का रक्त का भी मिलान होना चाहिए.विवाह से पहले महिला-पुरुष दोनों अपनी जाँच करा लें। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत देश में हर वर्ष सात से दस हजार थैलीसीमिया पीडि़त बच्चों का जन्म होता है।

आपको बधाई हो ।  अब आप यह सोच रहे होगे कि बधाई किस बात की तो मै बताना चाहूगी कि बधाई इस बात की कि वाकई मे आप बहुत अच्छे इंसान है। आप निश्चित तौर पर दूसरे के दुख को देख कर दुखी हो जाते है और दूसरे के सुख को देख कर आपको असीम खुशी मिलती है. आप भी देश और समाज की भलाई  के लिए कुछ करना चाहते है ।

कुछ योगदान देना चाहते है , हाँ ,वो अलग बात है कि आपको ज्यादा मौका नही मिलता इसलिए जहां भी आपको कोई  मौका मिलता है वही आप भी भीड का हिस्सा बन जाते है और बढ चढ कर योगदान देते है पर कई बार आपको  महसूस होता है कि काश आप भीड का हिस्सा ना होकर  खुद ही अपने दम पर ऐसी लहर चलाते कि बदलाव आ जाए। इस बात के लिए पुनः बधाई क्योकि  बहुत कम लोग ऐसे होते है जो ऐसी सोच रखते है । ऐसा जज्बा आपके भीतर है तो उस को सलाम  ।

वैसे आप ही जैसे बहुत कम लोग हैं जो चुपचाप  निस्वार्थ  भावना से समाज सेवा के काम में जुटे हुए है ना उन्हे मतलब है कि वो ब्रेकिंग न्यूज बने और ना ही सुर्खियो मे आए। शीनम अपने की दम पर कन्या भ्रूण हत्या Female foeticide in India के प्रति लोगोें को जागरूकता करने मे जुटी है ।

वही एक स्कूली बच्चा मोहित जहां सडक टूटी  देखता है वही बोर्ड लगा देता है ताकि वाहन चालकों को दिक्कत ना हो । वही एक बुजुर्ग भागीरथ जी है वो अपने ही बल पर गंगा को साफ करने मे जुटे  हैं पता है कैसे असल में, वो जो नदी का पानी गंगा मे जा कर मिलता है वहा पानी के बीच मे पत्थर गिरा देते है उससे मोटा कूडा जैसा कि पोलेथिन,कचरा आदि उसमें अड जाता है  और फिर वो उस कूडे को बाहर फेक कर दूसरी जगह पत्थर लगाते है और अपने बल पर प्रयास यही है कि कूडा, कचरा गंगा मैया मे ना जाए।

वही  गीतम गरीब बच्चो की पढाई का खर्च उठा रहें है और सर्दी मे उन्हे कंबल आदि भी दान मे देते रहतेे हेै. रवि हर तीन महीने में रक्तदान देते है  ताकि किसी ना किसी की जिंदगी बचा सकें अभी तक वो 66 बार रक्तदान कर चुके है।

वही दूसरी side एक शक्स है जिन्हे जब से पता चला कि साईप्रेस देश में थैलीसीमिया की मात्रा जागरूकता से वहां इसकी संभावना शून्य स्तर तक आ गई है बस तभी से सोच लिया कि अपने देश में वो भी थैलीसीमिया के प्रति देश में जागरूकता लाएगे  और यहा भी इसे शून्य के स्तर तक ले जाएगे भले ही प्रयास छोटे स्तर पर है पर प्रयास तो है।

बात की तह तक गये तो जाना कि थैलीसीमिया  एक घातक बीमारी है । जिसमें शरीर में हीमोग्लोबिन नहीं बनता और रक्त की अत्यधिक कमी हो जाती है । ऐसे में इस रोग से पीडित व्यक्ति की जान भी चली जाती है । साथ ही साथ यह भी जाना कि अगर इस अनुवांशिक  रोग की जगरूकता दिखाने से यह राग जड से खत्म किया जा सकता है तो वो क्यो ना उसका कैरियर यानि संवाहक ही बना जाए ताकि लोगों की अज्ञानता दूर कर सके।

वैसे शुरू में इसकी  ज्यादा  जानकारी नही थी पर रक्तदान के दौरान इस बीमारी का नाम जरूर सुना था। धीरे-धीरे जानते गए कि हमारे देश में लगभग 3 करोड लोग थैलीसीमिया  कैरियर है और लगभग अज्ञानता  स्वरूप 10 हजार थैलीसीमिया ग्रस्ति बच्चे हर साल जन्म लेते हैै । इस रोग से पीडित  मरीज के षरीर में खून की कमी हो जाती है।

शरीर में हीमोग्लोबिन जरूरत का आधा भी नही बनता । इस कारण  आयु के अनुसार शरीर का न बढना,जिगर ,तिल्ली व हृदय के आकार का बढ  जाना और मरीज की मौत तक हो जाती है । इस रोग का इलाज काफी महंगा है । उतर भारत में यह रोग अधिक जड़ जमा रहा है मरीज को प्रत्येक  दो से चार सप्ताह में रक्त चढाना होता है । वही 20 से 50 हजार रूपये तक की दवाइयाँ खानी होती है और तो और बोनमैरो  ट्रांसप्लांट करने पर आमतौर पर इस रोग से छुटकारा मिल जाता है । लेकिन यह ना सिर्फ बहुत जोखिम भरा है बल्कि  इसका खर्च  लाखों में आता है और इतना खर्चा करना हर व्यक्ति के बस में भी नही है । इसलिए आम आदमी हर महीने दुखी और परेशान होकर रक्त ही चढवाता रह जाता है । कुल मिलाकर अगर जरा सी जागरूकता बरती जाए तो सभी दिक्कतो और मुसीबतो का सामना करने से बच सकते है । अगर आप जागरुक हैं और शादी से पहले इसका मिलान भी करवाना जरुरी समझतें हैं तो आपको बधाई हो..

असल में, जागरूकता बस इसी बात की है कि शादी से पहले जैसे कुंडली मिलाई जाती है। वैसे ही दोनो का रक्त का भी मिलान होना चाहिए।

थैलीसीमिया  अनुवांशिक रोग है प्रत्येक व्यक्ति के शरीर में थैलीसीमिया के दो जीन होते है । एक माइनर व दूसरा मेजर , शादी के वक्त जोडे की इलेक्ट्रोफोरेसिस नामक मशीन से थैलीसीमिया जांच जरूर की जानी चाहिए । यदि लड़के-लड़की में थैलीसीमिक माइनर है तो उनके होने वाले बच्चों में थैलीसीमिक मेजर होने की पूरी आशंका होती है  यानि कैरियर की टेस्टिंग के दौरान अगर दोनो मे से स्वस्थ है और दूसरा कैरियर तो दोनो की शादी में कोई अडचन नही पर भगवान ना करे कि अगर महिला और पुरूश दोनो में ही इसके कैरियर पाए जाते है तो उनके खुशहाल भविश्य के लिए यही सही रहेगा कि वो शादी बिल्कुल ना करे। ऐसे मे उनकी संतान के थैलीसीमिया ग्रस्त होने की पूरी सम्भावनाए रहती है.

थैलेसीमिया और सफलता की कहानी – Monica Gupta

थैलेसीमिया और सफलता की कहानी Blood donation, रक्तदान , रक्तदाता या स्वैच्छिक रक्तदान  की जब भी करते हैं तो thalassemia का जिक्र जरुर आता है. थैलेसीमिया एक आनुवशिक रक्त विकार है। इस रोग में रोगी के शरीर में हीमोग्लोबिन सामान्य स्तर से कम हो जाता है। शरीर में ऑक्सीजन का सुचारु रूप से सचार करने के … Read more…

 

वैसे आपके क्या विचार हैं इस बारें में जरुर बताईएगा …

(तस्वीर ग़ूगल से साभार)

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GST बोले तो –  चाहे मीडिया हो या समाचार पत्र जीएसटी की खबरे ही खबरें सुनाई देती हैं पर हर कोई कंफ्यूज है कि आखिर होगा क्या  ?  क्या ये सही कदम है या  देशवासी दुखी ही रहें …  GST बोले तो Goods and Service Tax.  The full form of GST is Goods and Services Tax. […]

डर के आगे ही जीत है - डर दूर करने के तरीका ये भी

सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन

सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन – Social Networking Sites aur Blog Writing –  Blog kya hai .कहां लिखें और अपना लिखा publish कैसे करे ? आप जानना चाहते हैं कि लिखने का शौक है लिखतें हैं पर पता नही उसे कहां पब्लिश करें … तो जहां तक पब्लिश करने की बात है तो सोशल मीडिया जिंदाबाद […]

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