अच्छे दिन आने वाले हैं – खुशखबरी पर एक कहानी – acche din aane wale hai – कई बार हम बात करते हैं खुशखबर की पर क्या वो वाकई में खुशखबरी होती है क्या वो वाकई में अच्छे दिन आने वाले हैं का संकेत देती है…
अच्छे दिन आने वाले हैं – खुशखबरी पर एक कहानी
मैं सोच ही रही थी कि आज किस बारे में बात करुं तभी बाहर से जोर जोर loudspeaker से आवाज आने लगी … खुश खबरी … आपको ये जानकर खुशी होगी कि आपके शहर में खुल गया है … और बहुत जोर जोर से आवाज आने लगी … ऐसा लगा मानो वो वही रुक गया … मैं सोचने लगी कि इतनी जोर जोर से बजाते हैं आखिर ऐसे मे खुशी किसे होगी … तभी अचानक मुझे याद आ गई एक कहानी जो मैंने कुछ समय पहले लिखी थी … कहानी का नाम भी है खुश खबरी
खुश खबरी
अच्छे दिन आ गए … ये कहानी है बहुत साधारण परिवार की. जिसे हम गरीब भी कह सकते है कुछ ही देर पहले रमेश घर से गया था और आधे ही घंटे में बहुत खुशी खुशी लौट आया..पत्नी हैरान … अरे इतनी जल्दी ???
और पानी देते हुए पूछने लगी कि क्या कहीं नौकरी की बात बनी। पति के चेहरे पर खुशी देखकर उसे लग रहा था कि कोई ना कोई खुशखबरी है जरूर…।
रमेश ने गिलास एक तरफ रखते हुए उसे अपने पास बैठाया और प्यार से बोला कि अब तो समझो अपने दिन फिर गए हैं। अच्छे दिन आ गए हैं।
रूपी चहकती हुई बोली… कहां बात बनी… कितनी तनख्वाह मिलेगी…। कोई नौकरी नही थी बहुत समय से वो खाली बैठा था … रमेश ने उसके बालों में हाथ फेरते हुए कहा कि अब तो समझो… रानी बन कर ही राज करोगी… राज…।
जब वो घर से निकला ही था तो सामने से राज पण्डित आ रहे थे। उन से दो चार बात हुईं और वो उसे उनके घर ले गए। जन्मपत्री देखकर उन्होंने बताया है कि बस अब राजयोग बनने ही वाला है।
बस थोड़ी सी दक्षिणा और पूजा का इंतजाम करना है फिर देखना… लक्ष्मी की बरसात होगी… बरसात…। बरसात…। लक्ष्मी की… हूंह… । रूपी… के पास बोलने को कुछ नहीं था, वो चुपचाप उठी और बर्तन मांजने लगी।
क्या ये वाकई में खुश खबर ही है ???