हिन्दी बाल कहानी – कामकाजी मां और बच्चे की परवरिश – hindi baal kahani – माँ की ममता पर कहानी- क्या वाकई मां का काम करना बच्चे के लिए सुखद है या बच्चें को घर पर अकेले दिक्कत होती है एक बच्चे की सोच जताती कहानी
हिन्दी बाल कहानी – कामकाजी मां और बच्चे की परवरिश –
कहानी बच्चों की है
एक लडकी होती है उसका नाम मणि है वो 8 क्लास में पढती है स्कूल से वापिस उदास सी लौटती है बैल बजाती है मम्मी दरवाजा खोलती हैं वो पूछती है कोई बात बनी … मम्मी न की मुद्रा में सिर हिला देती है … असल में, मणि की सभी सहेलियो की मम्मी नौकरी करती है पर मणि की मम्मी सार समय घर पर रहती है और घर का ख्याल रख्ती है मणि को लगता है कि उसे आजादी नही मिलती है उसका कमरा एक दम साफ होता है और मम्मी आवाज देकर बुलाती हैं जल्दी आ जाओ आपके पसंद के राजमा चावल बने हैं …
वो हमेशा की तरह कमरा फैला कर खाने आ जाती है और उसका उदास चेहरा देख कर मम्मी कहती हैं कि कोशिश तो कर रही हूं जल्दी नौकरी मिल भी जाएगी … फिर खाना खाकर वो टीवी देखती हैं मम्मी बोलती हैं सो जाओ मैं एक घंटे में उठा दूंगी
hindi baal kahani
कल मेरी एक जानकर ने बताया कि उसने अपनी नौकरी छोड दी है और वो घर रह कर काम करेगी और बच्चों की तरफ पूरा ध्यान देगी ये सुनकर मुझे मेरी लिखी कहानी याद आ गई …कहानी बच्चों की है एक लडकी होती है उसका नाम मणि है वो 8 क्लास में पढती है स्कूल से वापिस उदास सी लौटती है बैल बजाती है मम्मी दरवाजा खोलती हैं वो पूछती है कोई बात बनी … मम्मी न की मुद्रा में सिर हिला देती है … असल में, मणि की सभी सहेलियो की मम्मी नौकरी करती है पर मणि की मम्मी सार समय घर पर रहती है और घर का ख्याल रख्ती है मणि को लगता है कि उसे आजादी नही मिलती है उसका कमरा एक दम साफ होता है और मम्मी आवाज देकर बुलाती हैं जल्दी आ जाओ आपके पसंद के राजमा चावल बने हैं … वो हमेशा की तरह कमरा फैला कर खाने आ जाती है और उसका उदास चेहरा देख कर मम्मी कहती हैं कि कोशिश तो कर रही हूं जल्दी नौकरी मिल भी जाएगी … फिर खाना खाकर वो टीवी देखती हैं मम्मी बोलती हैं सो जाओ मैं एक घंटे में उठा दूंगी …
शाम को दोनो हमेशा की तरह धूमने जाते है और जब घर लौटते हैं तो पापा भी आ जाते हैं पापा बताते हैं कि उन्हें टूर पर जाना है दिल्ली मणि खुश हो जाती है क्योकि वहां पर नोनू रहता है पापा ने बताया एक दिन वहां रुकेगें तब तुम नोनू से ढेर सारी बाते कर लेना … नोनू पहले उनका पडोसी था उसके पापा की बदली दिल्ली हो गई और अब वो वही पढ रहा था …
अगली सुबह वो दिल्ली के लिए निकल जाते हैं दिल्ली पहुंच जाते हैं नोनू घर पर अकेला होता है … वो सभी को देख कर बहुत खुश होता है और मम्मी को फोन करके बताता है कि मणि और अंकल आंटी आए हुए है …
मम्मी आफिस से 5 मिनट के आती हैं और बोल कर चली जाती हओं रात को बहुत जरुरी मीतिंग है … देर हो जएगी .. उसी बीच में गीतू के पापा आ जाते है … गीतू मणि को अपने कमरे में ले जाता है … मणि को नोनू बहुत उदास लगता है … वो जब उसकी कापी देख ती है तो वो सभी मे फेल होता है ..
मणि पूछती है कि क्या हुआ … क्योकि वो पढाई में बहुत अच्छा था… वो बोला कि मम्मी ने आते ही नौकरी ज्वाईन कर ली थी और बस सारा दिन व्यस्त रहती … दिक्कत किसी बात की नही है पर मुझे घर पर मम्मी का स्पोर्ट चाहिए जो नही मिल रहा …
जब घर आते हैं तो मीटिंग , मोबाईल, लैपटाप पीछा नही छोडते … और रोने लगा … मणि ने उसे समझाया और फिर वो मिल कर टीवी देखने लगे .. अगले दिन मणि और उसके मम्मी पापा वापिस लौट रहे थे..
मणि कार में ही लेट गई और लेटते हुए सोच रही थी कि मम्मी उसका कितना ख्याल रखती हैं … कमरा साफ करना , होमवर्क करवाना, सैर करवाने ले जाना और पढाई करवाना… अगर मम्मी भी अफ़िस जाने लगी तो उसका हाल भी कहीं नोनू जैसा न हो जाए … हर रोज जब घर लौटेगी ताला खुद खेलेगी , खाना खुद गर्म करेगी … कैसे होगा सब … सोचते सोचते उसका घर भी आ गया … मम्मी कार से उतरे गेट खोला और सामने लैटर वाक्स पर लैटर चैक की तो वो अचानक चिल्ला उठे … अरे वाह नौकरी मिल गई .. appointment letter आ या है … और मणि को बोले बेटा अब खुश हो जाओ … अब तुम्हारी मम्मी भी काम पर जाएगी … मणि जोर जोर से रोने लगी …
मम्मी प्लीज मुझे माफ कर दो प्लीज आप नौकरी मत करो आप मेरा ख्याल रखना मुझे नही करवानी नौकरी … मम्मी पापा दोनो हैरान कि हुआ क्या …
ये कहानी थी जो मैने लिखी थी … उस महिला के फैसले पर मुझे खुशी हुई कि उसने अपने परिवार को प्राथमिकता देना जरुरी समझा वैसे आजकल घर पर रह कर भी बहुत काम किए जा सकते हैं क्योकि जब बच्चे छोटे होते हैं बच्चों की देखभाल करना उनअच्छे संस्कार बहुत जरुरी होता है जिनके लिए बहुत जरुरी न हो … उन्हें बच्चों का ख्याल रखना ही चाहिए
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