How to Deal with Selfish People – मतलबी लोग – Dealing with Selfish People – Ways You Can Deal with Selfish People – स्वार्थी लोगों से कैसे निपटें – मतलबी लोगों की पहचान How to deal with selfish people in your life and the workplace….. कई बार हम किसी की बहुत केयर करते हैं ख्याल रखते हैं पर वो Selfish निकल जाता है तो ऐसे लोगो से कैसे डील करें तो मैं आपको कुछ बातें बता रही हूं..
How to Deal with Selfish People – मतलबी लोग –
सबसे पहले तो पहचानिए कि कौन है Selfish..
वो हमारा दोस्त, पड़ोसी, को वर्कर या घर परिवार का कोई सदस्य हो सकता है.. ऐसे लोगो से Relationship रख कर दुख और निराशा ही होगी.. इसलिए हमारी बेटरमैंट के लिए ही पहचान करनी जरुरी ही है…
और ना assume नहीं करना कई बार हम कल्पना कर लेते हैं या किसी के कहने पर अपनी मन स्थिति वैसी बना लेते हैं तो किसी के बारे में राय बनाने से पहले देख लेना चाहिए.. कहीं हम तो ऐसे नहीं हैं.. अगर हम ऐसे हैं जिस वजह से वो ऐसा कर रहा है तो हमें भी खुद को बदलने की जरुरत है… पर हम ऐसे नहीं थे.. हम बहुत sincere थे..
अब हम देख लिया और पहचान भी लिया अब हमें सामना करना होगा…
जैसाकि मैं एक उदाहरण बताती हूं.. मैं बहुत परेशान हूं.. मैंने अपनी सहेली को फोन मिलाया उससे बात करना चाह रही हूं और वो कहती है वो बिजी है और उसने एक बार भी पलट कर भी नहीं पूछा कि क्या हुआ.. ?? और अगले ही दिन जब अपना काम हुआ तो तुरंत आ गई.. तो ऐसे में मुझे क्या करना चाहिए.. देखिए अलग अलग सिटयूएशन हैं
या तो मुझे थोडा स्टिक्ट होना पडेगा… या तो मैं सॉरी बोल कर मना कि मैं नहीं कर सकती कर दूं और उसे साफ साफ बोल दूं कि जो कल हुआ वो मुझे अच्छा नहीं लगा.. मैने अपना समझ कर ही फोन किया था पर तुमने पूछा तक नहीं… या ये बोलू कि ठीक है पर पहले तुम मेरा ये काम कर दो… या फिर मैं पर ये बात कोई झगडा करते हुए नहीं कहनी इस तरह से कि उसे जता दिया जाए ताकि वो रिएलाईज करे..
पर इसमें एक बात का ध्यान ये भी देना है कि खुद को blame नहीं देना.. आपने किसी के लिए अच्छा किया और उसने अच्छा नहीं किया तो खुद को कसूरवार नहीं ठहराना कि अरे ये तो मेरी गलती से हुआ.. ये आपका fault नहीं है कि आप समझ ही नहीं पाए.. पर अब आप सर्तक हो जाईए.. पर अपनी नेचर नहीं बदलनी.. कि उसने ऐसा किया तो मैं भी वैसा ही करुंगा.. अगर ऐसी सोच रखेंगें तो क्या फर्क रह जाएगा आप में और उस में
यानि अपने स्तर तक नहीं जाना.. आप जैसे हैं वैसे ही रहिए..
आप ये मान कर चलिए कि वो Selfish है उन्हें बस अपना काम निकलवाना आता है उनके मन में कोई regard या रिस्पेक्ट नहीं होती तो बात बात पर
उनका फेवर नहीं करना चाहिए..
कि वो बोल रहे हैं मेरा ये काम कर दो तो हां हां क्यों नहीं… अपना आत्म सम्मान बना कर रखना है..
अपनी limits Set कर लीजिए … Boundaries कि कितना साथ रहना है कितना समय एक साथ गुजारना है
Attention ज्यादा मत दीजिए… ज्यादा भाव मत दीजिए कि मान लीजिए एक जानकार कहते है कि मेरा तो मार्किट में बैग छीन कर भाग गया.. तो आमतौर पर यही कहेंगें न कि ओह.. ये कैसे हुआ.. क्या हुआ.. बहुत दुख हुआ… तो ये कहना चाहिए ये तो आजकल आम बात हो गई है… तो वो बगले झांकते नजर आएगें… भागते नजर आएगे… .. ये भी नहीं कि आप उनके साथ रुड हो जाएं.. पर ज्यादा ध्यान भी नहीं…
इनसे दूरी बनाए रखने के लिए अच्छे दोस्त खोजिए.. और उनके साथ ज्यादा रहिए.. मन के खुश रखने के लिए ये बहुत जरुरी है … और कभी होता है कि साथ बैठना भी पड रहा है बात भी करनी पड रही है तो आप भी अपने interest की बात कीजिए… वो अगर अपने interest की बात कर रहा है तो आप भी कोई ऐसा टॉपिक जो आपको अच्छा लगता है वो बोलिए… बातो बातों में शुरु कर दीजिए..
आप उनको क्या Dose देंगें?? जैसे इग्नोर कीजिए, ज्यादा बात मत कीजिए, फोन आए तो मत उठाईए… ये उनके लिए अच्छा सबक होगा.. not interested
जीवन में कभी मौका मिले तो सारथी बनने की कोशिश करनी चाहिए स्वार्थी नहीं…
मुझको क्या हक, मैं किसी को मतलबी कहूँ..
मैं खुद ही ख़ुदा को, मुसीबत में याद करता हूँ
How to Deal with Selfish People
Leave a Reply