Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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May 28, 2015 By Monica Gupta

टीवी का क्रेज

किसी जमाने में बुदू बक्सा कहलाए जाने वाला टीवी का क्रेज आज लोगो के सिर चढ कर बोल रहा है. हम टीवी सीरियल से इतना धुल मिल गए है कि उसे अपनी जिंदगी का एक अहम हिस्सा समझते हैं ये बात मैं इसलिए कह रही हूं कि मेरी एक जानकार का पथरी का आपरेशन होना था. डाक्टर ने समय और जगह फिक्स कर दी पर वो  जानकार बोली कि एक दिन बाद में आपरेशन  रख दो क्योकि एक  धारावाहिक में बहुत सही कहानी आ रही है किरदार का बच्चा होने वाला है बस वो  राजी खुशी घर आ जाए तो कोई फिक्र नही …

ऐसे ही मैं अपनी सहेली को जन्मदिन का न्योता देने गई कि ठीक आठ बजे पार्टी है और आठ बजे ही केक कटेगा …  इस पर वो बोली कि वो 9 बजे तक ही आ पाएगे क्योकि धारावाहिक की कहानी इतनी मजेदार और सस्पैंस वाली चल रही है कि छोड  नही सकते

वही स्टाप पर  बच्चे को छोडने आई मेरी सहेली की आखें सूजी हुई थी. ऐसा लग रहा था कि बहुत रोई हो. मैने पूछा तो बताया कि प्रिया को कैंसर है.. वो मर जाएगी … मैने सारा दिमाग इस्तेमाल कर लिया पर याद नही आया कि उसके परिवार में प्रिया कौन है . मेरे पूछ्ने पर उसने बताया कि एक साल से वो टीवी सीरियल देख रही है उसी की मुख्य पात्रा है प्रिया… हे भगवान !!! आप समझ सकते हैं कि किस तरह से टीवी का क्रेज सिर चढ कर बोल रहा है लोगो के …

वैसे कोई शक नही ये कलाकार बहुत मेहनत करते हैं और एक दिन बिलंदियों को छूते हैं और छोटे पर्दे से लेकर बडे पर्दे तक धूम मचा देते हैं

शाहरूख खान  टीवी पर केवल एक छोटे कलाकार थे।.  छोटे पर्दे पर “फौजी” और “सर्कस” जैसे लोकप्रिय धारावाहिक में काम करने के बाद शाहरूख ने बुलंदियों का स्वाद चखा
विद्या बालन का नाम बॉलीवुड इंडस्ट्री में ऎसी अभिनेत्रियों में शामिल किया जाता है जिन्होने अपनी फिल्म “कहानी”, “नो वन किल्ड जेसिका”, “डर्टी पिक्चर” से यह साबित कर दिया कि फिल्म सिर्फ एक्टर से नहीं बल्कि एक्ट्रेस से भी चल सकती हैं। अपने करियर की शुरूआत में लगभग 12 फिल्मों से रिजेक्ट होने के बाद छोटे पर्दे पर प्रसारित पहला शो “हम पांच” से एंट्री की जिसके बाद उन्होंने कई एड फिल्मों में भी काम किया, लेकिन किसने सोचा था कि “हम पांच” के दूसरे सीजन में राधिका माथुर का किरदार निभाने वाली विद्या लगातार 3 बार फिल्मफेयर अवॉर्ड अपने नाम करेगी.
फिल्म “रहना है तेरे दिल में” में मैडी का किरदार कर आर माधवन ने दर्शकों को अपना दीवाना बना दिया। खूबसूरत स्माइल से लाखों लड़कियों के दिल पर राज करने वाले “3 इडियट्स” एक्टर माधवन ने अपने करियर की शुरूआत बड़े पर्दे से नहीं बल्कि छोटे पर्दे के शो “बनेगी अपनी बात” से की। साउथ हिरो माधवन ने कई साउथ सुपरहिट फिल्में भी की, जिसके बाद वापस उन्होने “तनु वेड्स मनु” से अपनी धमाकेदार वापसी की
यामी गौतम, सुशांत सिंह राजपूत सबसे बड़ा उदाहरण है जिनको हम कह सकते है कि उन्होने छोटे पर्दे से बॉलीवुड का रास्ता बनाया है। सुशांत लंबे समय तक धारावाहिक “पवित्र रिश्ता” में नजर आए जिसके बाद उन्हें फिल्म “काई पो छे” का ऑफर मिला
राजीव खंडेलवाल का नाम सामने आते की सबसे पहले दिमाग में “सच का सामना” रियलिटी शो का नाम याद आता है
एकता कपूर की सबसे पसंदीदा एक्ट्रेस की लिस्ट में प्राची देसाई का भी नाम शामिल धूम मचाओ धूम”, “किस देश में है मेरा दिल”, “गीत” जैसे धारावाहिक में नजर आ चुके टीवी एक्टर जय भानुशाली गुरमीत चौधरी टीवी में धरावाहिक “रामायण” में भगवान राम के रोल में नजर आए जिसके बाद वह रोमांटिक शो “गीत” में भी नजर आए। साथ ही वह “पुर्न विवाह” में भी नजर आए। गुरमीत”झलक दिखला जा” और नच बलिए डांसिग शो में नजर आ चुके हैं। हाल ही एक्टर ने महेश भट्ट की फिल्म “खामोशियां” से बॉलीवुड में डेब्यू किया. टीवी धारावाहिक “बालिका वधु” के शिव से पॉपुलर हुए एक्टर सिद्धार्थ ने “जाने पहचाने से ये अजनबी”, “लव यू जिन्दगी”, “बाबुल का आंगन छूटे ना” धारावाहिक में काम किया जिक के बाद वह डांस शो “झलक दिखला जा” में नजर आए.

 

 Successful TV stars outstanding debut in Bollywood – 10

See more…

तो देखा टीवी का क्रेज किस तरह से सिर चढ कर बोल रहा है . वैसे इन सीरियल को देखना जरुर चाहिए पर ज्यादा सीरीयसली भी नही … ह हा हा !!! है ना !!!

Photos courtesy patrika.com

May 27, 2015 By Monica Gupta

स्कूल जाने का जुनून

स्कूल जाने का जुनून

पुस्तक “पाठक मंच न्यूज बुलेटिन”(नेशनल बुक ट्रस्ट से प्रकाशित)

अंक- मई “खेल खेल में “नामक लेख में सिरसा के अमन मिढ्ढा से बातचीत…
हरियाणा के सिरसा में रहने वाले अमन ने एक मिसाल कायम की है. दसवीं क्लास में पढने वाले अमन ने लगातार पांच साल में एक बार भी स्कूल से छुट्टी नही ली.शत प्रतिशत उपस्थिती …है ना हैरानी वाली बात .. इस बेमिसाल उपलब्धि के लिए सेंट जेवियर्स स्कूल ने अमन को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. अमन उन बच्चों के लिए प्रेरणा है जो स्कूल जाने के नाम से कतराते हैं और बहाना बना कर स्कूल बंक करते हैं. अमन ने हर क्लास मे प्रथम स्थान प्राप्त किया है. हम सभी को अमन से सीख लेनी चाहिए. खुशी इस बात की भी है कि अब अमन के छोटे भाई नमन ने भी भाई की कदमो पर चलना शुरु कर दिया है.
बहुत बहुत शुभ कामनाएं अमन, नमन और परिवार में उनके मम्मी पापा और दादा जी को जिन्होने बच्चों को हमेशा उत्साहित किया…

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चलों चले स्कूल ( लेख )

स्कूल जाने का जुनून

स्कूली जीवन यानि पढाई पढाई पढाई !!! और अगर हम बात करें फरवरी और मार्च की तो उस समय और भी ज्यादा पढाई में जुटना पडता है क्योकि फाईनल परीक्षा होती है और हमारी कोशिश रहती है कि अच्छे से अच्छे अंक लेकर  नई क्लास में जाए.वैसे बहुत बच्चे पढाई के प्रति गम्भीर नही होते जबकि कुछ बच्चे सत्र के आरम्भ से ही नियमित पढाई शुरु कर देते हैं. कुछ बच्चे तो हमेशा  छुट्टी की ही फिराक में रहते हैं और कोई शादी या नाना, दादी जी के पास जाने का मौका ही तलाशते रहते हैं ताकि पढाई से छुटकारा मिले. वही कुछ बच्चे “बहाना एकस्पर्ट” भी होते है.स्कूल जाने के नाम से अचानक पेट दर्द या सिर दर्द शुरु हो जाता है और मिल जाती है स्कूल से छुट्टी. पार्क में खेलते हुए बच्चों से मैने बहुत अनुभव सांझा किए.

दीपा, नवनीत, गीता, सार्थक, मुबीन और तेज पाल सभी का  नई क्लास मॆं दाखिला हो गया है और अब वो छुट्टी कम से कम लेंगें और मन लगा कर पढेंगें ऐसा उनका कहना है. उनसे बात हो ही रही थी तभी दो और बच्चे अमन और नमन भी आ गए.

अमन मिढढा से जब स्कूल की पढाई और छुट्टी की बात की तो वो हसंने लगा और उसने बताया कि अब तो दसवीं क्लास में है और पिछले पांच साल का उसका रिकार्ड है कि वो लगातार स्कूल गया है. एक दिन भी छुट्टी नही की. क्या ?? मैं हैरान थी कि ऐसा भी होता है. उसने बताया कि पिछले साल उसे स्कूल की तरफ से एवार्ड और प्रशस्ति पत्र भी मिला है. उसने बताया कि स्कूल में बहुत अच्छा लगता है नई बातें नई चीजें सीखते हैं और पढाई पर भी पूरा ध्यान रहता है छुट्टी करके अगले दिन उधर उधर से कापी मांगना होमवर्क करना , टेस्ट ना दे पाना जरा भी अच्छा नही लगता इसलिए कोशिश यही रहती है कि छुट्टी न की जाए.

मेरे अटकते अटकते पूछ्ने पर कि कभी बीमार नही पडॆ ??? इस पर वो हसंते हुए बोला कि बुखार भी होता है और बीमार भी होते हैं पर दवाई खा कर चले जाते हैं और दोपहर तक तो आ ही जाते हैं तब आराम हो जाता है. और रही बात किसी शादी या कोई कार्यक्रम में जाने की. वो स्कूल मिस करके कभी नही जाता और ना ही जाएगा. अरे वाह !! अचानक मैं बोल उठी. क्योकि बच्चों की सोच आमतौर पर जरा हट कर होती है और अमन अपनी उम्र के हिसाब से बहुत सुलझा हुआ लगा. बातों बातों में अमन ने यह भी बताया कि नियमित स्कूल जाने के लिए उसके मम्मी पापा और दादा जी ने भी बहुत उत्साहित किया और अब और बच्चे भी उससे सीख कर नियमित आने का प्रयास करते हैं तो और भी खुशी होती है.

वैसे इस बात में कोई दो राय नही कि पढाई के प्रति अगर हम शुरु से ही नियमित रहें और खेल कूद के साथ साथ सामान्य ज्ञान की पुस्तकें पढते रहें तो हम आने वाली किसी भी स्पर्धा का डट कर मुकाबला कर सकते हैं. तो बच्चों क्या सोचा तो फिर चलो, चले स्कूल !!!

 

स्कूल जाने का जुनून

May 26, 2015 By Monica Gupta

पानी- एक गम्भीर समस्या

पानी- एक गम्भीर समस्या….  कम होता पानी का भंडार … जिस तरह से पानी के भंडार की क्षमता घट रही है 2025 तक भारत पानी की कमी महसूस करने लगेगा

cartoon of water -monica gupta

तापमान बढता जा रहा है और जिस तरह से पानी का भंडार कम होता जा रहा है  पानी इतना ही आना कम होता जा रहा है. मुश्किल  से आधा घंटा पानी आता है वो भी बूंद बूंद टपक कर… और कई नलकों से तो पानी की बजाय हवा ही आती है … ऐसे के क्या होगा … एक गम्भीर समस्या है …

पानी एक गम्भीर समस्या – 2025

नई दिल्ली। भारत में जल्द ही पानी की कमी हो जाएगी। भारत पानी की कमी को 2025 तक महसूस करने लगेगा। यह कहना है पानी के क्षेत्र की अग्रणी परामर्श कंपनी ईए-वाटर का। ईए-वाटर के विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में तेजी से पानी के भंडार में कमी हो रही है। Read more…

प्राकृतिक संसाधनों का अन्धाधुंध दोहन यथा वृक्षों की कटाई, अत्यधिक जल दोहन, अनियंत्रित खनन, आदि से पर्यावरण प्रदूषण की समस्या विकराल रूप धारण करती जा रही है । इसी तरह बढ़ती आबादी के कारण सभी जगह की आबोहवा बिगड़ रही है.ऐसे में संकट मुंह बाए खडा है क्या करे या क्या न करें

पानी की समस्या से बचने के लिए श्रम दान

प्राचीन काल से ही श्रमदान का महत्व रहा हैं ब्रज में वर्षा खूब होती थी जिससे यमुना नदी में प्रायः बाढ़ आती रहती थी। ब्रज मैदानी भाग था यहां की अधिकांश भूमि ” गोचर ” थी पर अति वृष्टि के कारण बरसात के बाद तक यह क्षेत्र जल मग्न बना रहता था। एक बार ऐसी बाढ़ आई कि घर सम्पत्ति संभालना कठिन हो गया। लोगों ने गाये हटा दी और घर छोड़कर भागने लगे। श्रीकृष्ण ने इस स्थिति पर गम्भीरता से विचार किया तो मालूम हुआ इस तरह के गम्भीर संकटों का सामना अकेले नहीं हो सकता। उसके लिए सामूहिक श्रमदान और लोक मंगल की भावना से मिल-जुलकर काम करना आवश्यक होता है। उन्होंने वर्षा के जल और बाढ़ से गांव को बचाने के लिए उस क्षेत्र के सभी निवासियों को इकटठा कर सामूहिक श्रमदान की प्रेरणा दी और सबको पत्थर ढोने में लगा दिया। देखते ही देखते 14 मील लम्बा और आधा मील चौड़ा बांध बनकर तैयार हो गया और इस तरह ब्रज को श्रमदान के द्वारा बाढ़ की परेशानी से निजात मिल गयी ।। See more…

पानी बचाओ को के लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि शुरुआत अपने आप से करें. फालतू पानी न बहने दे और कम पानी का भरपूर प्रयोग लें . अगर कोई पानी व्यर्थ गिरा रहा है तो उसे टोके अवश्य… क्योकि समझाना हमारा फर्ज है … बाकि आप खुद समझदार हैं … है ना 🙂

May 26, 2015 By Monica Gupta

Acche Din aane wale hain

365 दिन  यानि एक साल चला भी गया पर अभी भी यही सुनने को मिल रहा है कि Acche Din aane wale hain

cartoon days monicaAcche Din aane wale hain  ना जाने कब आएगे अच्छे दिन ???

 

May 25, 2015 By Monica Gupta

That kid

वो बच्चा …

That kid

कुछ दिन पहले दोपहर मे दरवाजे पर घंटी बजी. इतनी गर्मी में कौन आया होगा सोच कर मैं दरवाजा  खोलने गई तो देख दस बारह साल का एक बच्चा थैला लिए खडा था बोला आंटी जी धूप,  अगरबत्ती  लाया हूं ले लीजिए … मुझे शक हुआ कि भरी धूप में किसलिए … कही उसके साथ  कोई गिरोह न हो …मैने बहुत मना किया कि नही लेनी पर फिर भी छोटा बच्चा जान कर 20 रुपए की अगरबती ले ली. दो दिन पहले फिर घर की बैल बजी. बाहर गई तो वही बच्चा था. उसने फिर खरीदने के लिए जोर दिया उसने बताया कि उसके पिता शराब पीते हैं और मां घरों मे काम करती है और कमाई का कोई जरिया नही … मना करते करते भी  मैने इस बार 30 रुपए की धूप और अगर बती खरीद ली. पर मन में बार बार एक ही बात आ रही थी कि ऐसे लोगों की बात में कोई सच्चाई नही होती ..

आज किसी काम से  भरी दोपहर में मार्किट जाना पडा, ट्रैफिक की वजह से कार रेंग रेंग कर चल रही थी अचानक मेरा ध्यान एक दुकान पर गया. वही बच्चा वही थैला अगरबती बेच रहा था. आवाज तो सुनाई नही दे रही थी पर उसके हाव भाव से लग रहा था कि वो मिन्नत कर रहा है कि दुकान दार खरीद ले और कुछ ही देर में वो पसीना पोछता  चुपचाप सिर झुका बाहर आ गया. सामने का रास्ता साफ हो गया था इसलिए मेरी कार भी आगे बढ गई. रास्ता साफ था पर मेरे मन मे बहुत उथल पुथल चल रही थी.

बेचारा सच्चा था पर मैने विश्वास नही किया शायद इसलिए कि समाज मे बुराई इतनी बढ  गई है और हम उसमे इतने उलझ गए है कि सच्चाई और अच्छाई हमें दिखाई नही नही देती.. दिखाई देती भी है तो हमारा दिल उसे नही मानता

पर अब मुझे उसी बच्चे का इंतजार है वो आएगा तो मैं उससे खूब सारी धूप और अगरबती खरीदूगी …

 poor boy photo

Photo by Odin Fotografía (aka dskciado)

That kid

May 24, 2015 By Monica Gupta

Cheer leader Dance

cheer leader dance -monica

Cheer leader Dance

गर्मी …. और उपर से क्रिकेट  मैच का  फाईनल … सूर्य भी मानो चीयर्स लीडर की तरह डांस कर रहा हो

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