Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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August 21, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

ब्लॉग, ब्लॉगर, ब्लॉगिंग और करियर

ब्लॉग, ब्लॉगर, ब्लॉगिंग और करियर

ब्लॉग, ब्लॉगर, ब्लॉगिंग और करियर – Blog ,Blogger, Blogging Free blog, Google ranking  kya  hai  इससे Career कैसे बनाया जा सकता है. कुछ समय पहले तक मेरे दिमाग में भी बहुत प्रश्न धूमते रहते थे कि ब्लॉग क्या है , ब्लॉग कैसे बनाते हैं ब्लॉग के क्या फायदे हैं फ्री ब्लॉग क्या होता है गूगल रैंकिंग में क्या ब्लॉग के द्वारा खुद को उपर लाया जा सकता है अपनी पहचान बनाई जा सकती है? यकीन मानिए बहुत search किया बहुत study भी किया बहुत sites भी देखी और बहुत कुछ समझ भी आया.

ब्लॉग, ब्लॉगर, ब्लॉगिंग और करियर

इंटरनेट आज के समय की आवश्कता है. इंटरनेट पर उपलब्ध ढेरों साईटस हमें हर तरह की जानकारी उपलब्ध करवाती हैं जैसे सोशल नेटवर्किंग साईटस न सिर्फ हमारा मनोरंजन करती हैं बल्कि हमें जागरुक भी करती हैं.

क्लिक भर से हमे हर वो जानकारी मिल सकती है जिसकी हमें तलाश हैं. इन ढेर सारी साईटस में ब्लॉगस भी अपनी अलग पहचान बनाए हुए है. यकीनन, आप मे से बहुत लोग ब्लॉग के बारे में जानकारी रखते होंगें और बहुत से लोग ब्लॉग के बारे में नही भी जानते होंगें.

वैसे कुछ साल पहले तक तो मुझे भी इंटरनेट या ब्लॉग की ज्यादा जानकारी नही थी पर जब मुझे नेट की जानकारी मिली और मैनें इंटरनेट पर जाना शुरु किया तो मानों मुझे नई राह ही मिल गई. घर बैठे बैठे बहुत कुछ पढने को मिलने लगा. जब भी समय मिलता मैं अपनी बातें सोशल नेट वर्किंग साईट पर सांझा करने लगी.

कुछ समय तक तो अच्छा लगता रहा क्योंकि नए नए लोगों से मिलना होता उनके बारे में जानने का मौका मिलता पर कुछ समय बाद यह महसूस होना शुरु हुआ कि कुछ क्रिएटिव यानि रचनात्मक करना है. कोई ऐसा एक मंच चाहिए जो सिर्फ मेरा ही हो और मैं अपनी बातें, अपने विचार वहां सांझा कर सकूं.

धीरे धीरे मैनें सर्च करना शुरु किया और तब मुझे ब्लॉग के बारे में पता चला. वैसे मेरे सर्कल में कुछ जानकार ब्लागर हैं पर जैसा कि मैने बताया कि मुझे जानकारी नही थी इसलिए मन मे ब्लॉगर की हमेशा से ही अलग इमेज रही.

मैं सोचती थी कि जो लोग ब्लॉग लिखते हैं उनका स्तर बहुत ऊंचा होता है जैसे लेखको में साहित्यकार और वरिष्ठ साहित्यकार होते हैं वैसे ही ब्लॉग लिखने वाले होते होंगें. इस के लिए बहुत अनुभव चाहिए होता होगा और धीरे धीरे मैनें ब्लॉग की तह तक जाना शुरु किया कि आखिर ब्लॉग होता क्या है और इसे लिखते कौन हैं.

  • क्या वाकई ब्लॉग बनाना मुश्किल है
  • क्या कोई टेक्नोलोजी या स्किल हमें आनी चाहिए
  • क्या इसके लिए बहुत पढाई की जरुरत है
  • या हमे कोई ट्रेनिंग चाहिए ब्लॉग बनाने के लिए

ब्लॉग है क्या

इसके बारे में सर्च करते हुए मुझे यही समझ आया कि जिस तरह हम डायरी लिखते हैं. उसमे अपने दुख सुख, अनुभव आदि लिखकर अपने मन की बात सांझा करते हैं. ब्लॉग भी आनलाईन डायरी की तरह ही है जिसमें हम अपनी भावनाए अपने विचार, अपना अनुभव व्यक्त करते हैं. ब्लाग लिखने वाले को ब्लागर और ब्लॉग में किए लेखन को ब्लागिंग कहतें हैं.

ब्लॉगिंग के लिए आपको किसी तकनीकी जानकारी की आवश्यकता नही है और ना  कोई उम्र की सीमा . बच्चें, बडे, बुजुर्ग और यहां तक की गृहणियां house wife, home maker  भी ब्लॉगिंग blogging  अपना कर अपना नाम, पहचान और आय का साधन बना सकते हैं.

तो ना तो ब्लॉग बनाना मुश्किल है और ना कोई टेक्नोलोजी या स्किल हमें आनी चाहिए

ना इसके लिए किसी खास पढाई की जरुरत है

और ना ही हमे कोई ट्रेनिंग चाहिए ब्लॉग blog  बनाने के लिए … अब फिर प्रश्न यह उठता है कि कौन  कौन बना सकता है  ब्लॉग ???

Page, Forum, Discussion Group Aasani Se Bana Sakte Hai blog main

उदाहरण -1

जैसाकि मान लिजिए कि एक महिला किचन गार्डनिंग मे बहुत माहिर है उसने छत पर भी खूबसूरत घास का मैदान तैयार किया हुआ है. किचन गार्डन मे सौ से भी ज्यादा फूल लगाए हुए हैं. अब हरी भरी प्रकृति के बारे मे कौन नही जानना चाहेगा. वो अपनी बात ब्लॉग के माध्यम से बहुत अच्छी तरह बता सकती है जो लोग उनसे कुछ जानकारी लेना चाहे वो दे सकती है. अपने विचारों का आदान प्रदान कर सकती हैं अब उसमे लेखक होने की कोई बात ही नही है.

 

उदाहरण -2

 

मेरी एक जानकार बहुत अच्छी कुक cook  है पर वो लेखिका writer  नही. खाने की रेसेपी डालती रहती हैं और नए नए पकवान कैसे बनाए बताती रहती हैं. बस आपकी जानकारी ऐसी हो कि किसी न किसी के काम आ सके अगर आपकी जानकारी अच्छी और सच्ची है और फिर बात वायरल होने में समय नही लगेगा.

वैसे आपसे बात करते करते एक आईडिया मुझे आया कि मेरी एक बुजुर्ग पडोसी महिला सत्संग में बहुत जाती हैं और बहुत अच्छी अच्छी बाते सीख कर आती हैं. अक्सर बार बातों बातों में वो प्रेरक प्रंसग भी सुनाती हैं. अपने समय में उन्होनें दसवीं पास की थी उसके बाद शादी हो गई थी. आज वो पचपन साल की हैं मैं उन्हें सुझाव दूंगी कि वो अपना ब्लॉग बनाए ताकि हम जैसे लोग अच्छी और प्रेरक बातों का फायदा उठा सकें.

वासुदेव कुटुम्बकम – Monica Gupta

वासुदेव कुटुम्बकम क्लिक करें गया वो जमाना जब आपका कही बाहर  धूमने का दिल किया और आपको बोरिया बिस्तर बांधना पडता था. अब जमाना वाकई में  बदल गया है !! अब उठाईए ऊंगली और निकल जाईए ह हा हा … जी हां उठाईए ऊंगली और निकल जाईए… एक क्लिक पर कभी दोस्तों की वॉल पर, कभी … read more at monicagupta.info

 

कैसे कैसे ब्लॉग

सर्च के दौरान एक और बात यह पता चली कि मुफ्त में भी ब्लॉग बनाए जा सकते हैं और जिसे अगर मात्र टाईम ही व्यतीत करना है तो उनके लिए इस तरह का ब्लॉग सही हो सकता है पर अगर हम वाकई में, ब्लागिंग के जरिए कुछ बनना चाहते हैं कुछ कर दिखाना चाहते हैं तो हमें प्रोफेशनल रुप से इसे अपनाना होगा.

ब्लॉगिंग के बहुत फायदे हैं.ब्लाग से हमारी एक अलग पहचान बनती है. इसके साथ साथ आप काम की बातों को दूसरों के साथ सांझा करेगें तो आप खुद तो आत्मविश्वासी बनेंगें ही दूसरों को भी अपनी बातों से प्रेरित कर सकेंगें.

ब्लॉग  बनाने के लिए जो हम अपना डोमेन नेम लेते हैं वो पूरे संसार में बस एक ही होता है जैसाकि मेरा monicagupta.info है ये पूरी दुनिया में किसी और का नही हो सकता. ये ठीक वैसे ही है जैसे आधार कार्ड का नम्बर होता है जो एक ही रहता है.

 

Way to Relax Mind – Monica Gupta

आज की busy life में हम Relax होने के तरीके खोजते रहते हैं ताकि दिमाग किसी तरह से stress free हो जाए इसलिए How to relax our mind  या stress free life जैसे टाईटल ही खोजते रहतें हैं. आईए जाने कि आज के ई युग में  रिलेक्स कैसे हो रहे हैं. read more at monicagupta.info

 

आय का साधन

इतना ही नही अगर हमारा ब्लॉग सही प्रकार से बना हो तो हमारी आय का साधन भी हो सकता है. जी हां, घर बैठे बैठे हमारी आय का जरिया बन सकता है ब्लॉग लेखन. जितना मैनें इसे पढा और समझा है इसका क्षेत्र बहुत विशाल है. इसके माध्यम से आय के बहुत सारे तरीके हैं. सफलता की कहानियां भी बहुत हैं जो हमें प्रेरित करती हैं कि हम भी ब्लॉग के माध्यम से एक आय का साधन बना सकते हैं.

 

एक स्टार्ट अप जिंदगी के नाम – Monica Gupta

एक स्टार्ट अप जिंदगी के नाम (महिलाए, स्टार्ट अप और मेरे मन की बात ) समाज में दो तरह की महिलाएं हैं एक तो वो जो सारा दिन बस आराम ही आराम करना चाह्ती है.. घर पर नौकर चाकर है अच्छी किटी पार्टी ज्वाईन की हुई है बस घर सम्भालना, आराम करना , वटस अप करना, मैसेज करना, मूवी देखना, चैनल बदलना और शापिंग करना (ओह इतने सारे काम ) और बस सो जाना Read more…

 

सबसे जरुरी बात

आमतौर पर अपने आप को बहुत कम समझतें हैं कि हम तो कुछ नही है हमें कुछ नही आता जबकि खूबी हर व्यक्ति में छिपी होती है बस जरुरत है कि उसे उभारे और ब्लॉग के माध्यम से पूरी दुनिया को अवगत करवाएं.

इसलिए अगर आप वाकई में भीड मे छिपा चेहरा नही बल्कि भीड में अलग चेहरा बनना चाहते हैं तो अपनी कमियां नही, खूबियां तलाश कीजिए और अपनी एक पहचान बनाईए ब्लॉग बनाईए.

 

What is Google Adsense – Monica Gupta

जब भी हम कभी जब ब्लॉग या इंटरनेट से आय कैसे हो कि बात करते हैं तो सबसे पहले हमारे जहन में Adsense का नाम आता है क्योकि सब पूछते हैं Adsense तो होगा ही पर हमें पता नही कि आखिर ये Adsense होता क्या है ?

गूगल ने इसको 18 जून 2003 को launch किया था. आय का फ्री और आसान तरीका है. Google Adsense  CPC यानि cost per click program है. ये एक ऐसा tool है जो पहले आपके ब्लॉग को उसके condition के हिसाब से पहले approvel देता है और  जब आपका ब्लॉग Google Adsense से approved हो जाता है तो  उसके बाद आप google Adsense का ads अपने ब्लॉग पर लगा कर अच्छे पैसे कमा सकते है और अगर आपके ब्लॉग पर ट्रैफिक बढिया है यानि बहुत लोग आ रहे हैं तो Google Adsense एकदम perfect माध्यम है. Read more…

 

और किसी ने क्या खूब कहा है कि

मंजिल मिले या न मिले ये तो अलग बात है हम कोशिश भी न करें ये तो गलत बात है

 

ब्लॉग के फायदे

ब्लॉग लिखेगें तो

रचनात्मकता जागेगी

नई नई बाते सीखने को मिलेगी

आत्मविश्वास पैदा होगा

 

ब्लॉग लिखेंगें तो व्यस्त रहेगें

बे फालतू के विचार नही आएगें

सोच कुछ सकारात्मक लिखने की रहेगी

नकारात्मकता जिंदगी से खत्म हो जाएगी

 

ब्लॉग लिखेंगें तो

अपने विचार और ज्ञान सांझा कर सकते हैं

आपके लेखन से और लोगो की मदद हो सकती है

किसी का ज्ञान आपकी वजह से बढ सकता है.

 

ब्लॉग लिखेगें तो

लोग जानेगें दायरा बढेगा

आपकी अपनी एक पहचान बनेगी

आप अपने विषय मे एक्सपर्ट बन सकते है

और आप एक दिन किसी के लिए प्रेरणा भी बन सकते हैं.

 

ब्लॉग के फायदे – गृहणी के लिए

 

ब्लॉग लेखन से

नाम होगा, पहचान बनेगी

समय का उपयोग, व्यस्त हो जाएगी

तनाव से मुक्ति मिलेगी, खुश रहेंगी

आमदनी होगी तो आत्मविश्वास पैदा होगा

किसी पर निर्भर नही रहना पडेगा.

अपने सर्कल में प्रमुखता तथा वर्चस्व होगा

लोगो का आपके प्रति नजरिया बदलेगा

मान सम्मान मिलेगा, आप छा जाएगीं

 

ब्लॉग के फायदे – रिटायर्ड व्यक्ति

 

समय को सही तरह से व्यतीत कर पाएगें

अपनी जिंदगी के अनुभव सांझा कर पाएगें

अपने ज्ञान से औरों की मदद कर पाएगें

व्यस्त रहेंगें, पहचान बनेगी, मनोबल बढेगा

परिवार की सोच बदलेगी, इज्जत मान बढेगा

ग्रुप बना सकते हैं, दोस्तों का सर्कल बढेगा

आय का साधन बनेगा, दूसरों के लिए प्रेरणादायक होंगें

 

ब्लॉग के फायदे – युवा वर्ग

 

तनावग्रस्त निराशाजनक जिंदगी से मुक्ति मिल सकेगी

उदासीनता और नकारात्मकता खत्म होगी

महत्वाकांक्षी बनेगें और सफलता के लिए प्रयासरत होंगे

आय का माध्यम बनेगा, नौकरी की जरुरत नही पडेगी

दोस्तों और परिवार में मान सम्मान बढेगा

जिंदगी खुशी, उमंग और उल्लास से भरी होगी.

 

blog photo

Photo by owenwbrown

Photo by tillwe

इतनी जानकारी मैने पढ कर जुटाई है … आज , वाकई में  लिखने , अपनी बात रखने और कहने के लिए इतना अच्छा और सशक्त माध्यम मिला हुआ है कि पूरी दुनिया तक हम अपनी बात पहुंचा सकते हैं….

ब्लॉग, ब्लॉगर, ब्लॉगिंग और करियर के बारे में अगर फिर भी हमें सोचना पड रहा है तो …

माफ कीजिए आप जिंदगी में कुछ करना ही नही चाह्ते … आप बस चैंट  कीजिए, मैसेज भेजिए, पोक कीजिए शायद यही है आपका समय का सदुपयोग …

July 19, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

हिंदी ब्लॉगर- ब्लॉगिंग और मेरा Passion

हिंदी ब्लॉगर- ब्लॉगिंग और मेरा Passion

ब्लॉगर मोनिका गुप्ता. बात ज्यादा पुरानी भी नही जब मैंने इंटरनेट की दुनिया में सहमे सहमे प्रवेश किया. मन में जहां बहुत उत्साह था वही एक डर भी था कि न जाने ये दुनिया कैसी होगी ? गूगल प्लस, फेसबुक, टवीटर, आदि बहुत सी साईट्स ने आकर्षित किया पर सबसे ज्यादा मैं ब्लॉग शब्द से प्रभावित हुई.

एक मित्र फेसबुक पर खुद को  ब्लॉगर के नाम से खुद को सम्बोधित करते तब बहुत अच्छा लगता पर सोचती भी कि आखिर ये ब्लॉग होता क्या है जैसे जैसे जाना वैसे वैसे अंदर बैठा लेखक हिलोरे लेने लगा ,बेशक समाचार पत्रों, बाल साहित्य पत्रिकाओं में ढेरों लेख, कार्टून कहानियां छ्प चुके हैं पर फिर भी बहुत रचनाए ऐसी होती थीं जो सम्पादक महोदय के डेस्क से धन्यवाद सहित वापिस आ जाती थी…

बेशक, सम्पादक महोदय के ज्ञान पर मुझे कोई संशय नही होता पर पर्सनल तौर पर वापिस आई रचना इतनी बुरी भी नही होती थी.. मुझे ब्लॉग देख कर लगा कि अब मैं सब कुछ लिख कर प्रकाशित कर पाऊंगी… यकीनन, जिम्मेदारी भी बहुत है क्योकि हम लेखक भी हैं, सम्पादक भी हैं और प्रकाशक भी है … !!

 मोनिका गुप्ता

मोनिका गुप्ता

 

29. 11. 2012 की बात है जब मैनें अपना blog  बना कर लिखना शुरु किया  और आज की तारीख में 1,308 यानि एक हजार तीन सौ आठ पोस्ट हो चुकी हैं और अगर इंडिया में रैंकिंग देखी जाए तो Alexa Traffic Ranking IN में बीस हजार से कम है और पूरी दुनिया में 2, 56,667  है . मेरी पोस्ट में लेख, कहानियां, कार्टून, वीडियो, ऑडियो ब्लॉगिंग टिप्स आदि अन्य बहुत सारी रोचक और प्रेरणादायक साम्रग्री है…!!

इससे पूर्व नव भारत टाइम्स में  ब्लॉग  लेखन की शुरुआत की थी. बात 30 जून 2011 की है जब मैंने नव भारत टाइम्स में अपना रीडर्स ब्लाग लिखना शुरु किया  था उसमें भी मेरे बनाए कार्टूंस को बहुत प्रमुखता दी गई.  भी तब से आज तक 800 से ज्यादा लेख, विचार और कार्टून प्रकाशित हो चुके हैं और फिर अक्टूबर 2015 से  नव भारत टाईम्स ने मुझे रीडर्स ब्लॉग  से author blog में शामिल कर लिया गया है जिसमें मेरे अधिकतर कार्टून प्रकाशित होते हैं. निसंदेह बेहद  खुशी का विषय है … !शेष फिर….. नाम देकर  मैनें नए सिरे से  author blog की शुरुआत की है.

दायित्व और भी ज्यादा बढ गया है इसलिए मेरा सदा प्रयास रहेगा कि अपने लेख, कार्टून के माध्यम से अपने विचार और भी दमदार तरीके से व्यक्त कर पाऊ.. !!

Cartoon: Pokemon and ‘acche din’ are similar, they don’t exist – NavBharat Times Blog

लेखिका, कार्टूनिस्ट, पत्रकार और समाज सेविका मोनिका गुप्ता 27 साल से लेखन मे सक्रिय हैं। राष्ट्रीय समाचार पत्र-पत्रिकाओ मे निरंतर लेख प्रकाशित। दूरदरर्शन में कार्यक्रम व आकाशवाणी में ऐंकरिंग तथा नाटक, झलकियां दीं। सिटी केबल के अनेक कार्यक्रमों की स्क्रिप्ट, जिंगल्स व वॉइस ओवर की। “सैमसन क्रिएशन “और “दोस्त “संस्था के माध्यम से बच्चों मे छिपी प्रतिभा को सामने लाने में भूमिका निभाई। ज़ी न्यूज़ की दस साल संवाददाता रहीं। अभी तक 7 पुस्तकें प्रकाशित। जिसमें से दो नैशनल बुक ट्र्स्ट से हैं। रक्तदान के लिए लोगों को जागरूक करती हैं। 2011 से कार्टून बनाने आरम्भ किए जोकि राष्ट्रीय समाचार पत्रों में प्रकाशित हो रहे हैं। पुस्तक लेखन के साथ-साथ आजकल अपने www.monicagupta.info ब्लॉग लेखन में जुटी हैं। read more at indiatimes.com

 

लेखिका से कार्टूनिस्ट तक का सफर

https://monicagupta.info/articles/%E0%A4%B2%E0%A5%87%E0%A4%96%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%B8%E0%A5%87-%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A5%82%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%9F-%E0%A4%A4%E0%A4%95/लेखिका से कार्टूनिस्ट तक का सफर-मोनिका गुप्ताFrom writer to cartoonist Monica GuptaLady Cartoonist Monica Gupta बात बचपन के उन दिनों की है जब घर पर या किसी सहेली या जन्मदिन होता तो मैं read more at monicagupta.info

 

निसदेंह, नेट की दुनिया में हर रोज कुछ नया और हर रोज ब हुत कुछ सीखने को है.. और हर रोज सीख भी रही हूं पर लेखन हो कार्टून बनाना वो निरतंर जारी है.. बहुत दोस्त ब्लॉगिंग के बारे में पूछ्ते भी है उन्हें मैं अपने अनुभव के हिसाब से पूरी जानकारी देती हूं और कहती हूं कि अगर आप  अपनी पहचान पूरी दुनिया में बनाना चाह्ते हैं तो नेट पर ब्लॉगिंग सबसे अच्छा और सशक्त माध्यम है …

इस ब्लॉग के बारे में आपके विचारों का स्वागत है मैं इसे बहुत आगे तक लेकर जाना चाह्ती हूं आपकी राय मेरे लिए महत्वपूर्ण हो सकती है…

June 24, 2016 By Monica Gupta 1 Comment

एक स्टार्टअप जिंदगी के नाम

एक स्टार्ट अप जिंदगी के नाम

एक स्टार्टअप जिंदगी के नाम startup (महिलाए, स्टार्ट अप और मेरे मन की बात ) समाज में दो तरह की महिलाएं हैं एक तो वो जो सारा दिन बस आराम ही आराम करना चाहती है.. घर पर नौकर चाकर है अच्छी किटी पार्टी ज्वाईन की हुई है बस घर सम्भालना, आराम करना , वटस अप करना, मैसेज करना, मूवी देखना, चैनल बदलना और शापिंग करना (ओह इतने सारे काम  और बस सो जाना …

एक स्टार्टअप जिंदगी के नाम

और अगर कुछ उनसे क्रिएटिव करने को कहें तो बोलेगी कि क्या करें समय ही नही मिलता … सारा दिन घर सम्भालना, बच्चों की देखभाल करना … बाई की इंतजार करना उससे काम करवाना …कही बाहर डिनर या लंच पर जाना हो तो सारा दिन ड्रेस फाईनल करने में ही लग जाता है क्या पहन कर जाएं … दिन ऐसे ही निकल जाता है.

        ladies photo

एक स्टार्ट अप जिंदगी के नाम

(महिलाए, स्टार्ट अप और मेरे मन की बात )

पिछ्ले दिनों मैं कुछ ऐसे ही उदाहरणो या बहानों  से दो चार हुई. एक महिला मिली जिसे एम ए किया हुआ है. मेरे पूछ्ने पर कि आप क्या करती हैं वो बोली कुछ नही मैने पूछा कि शायद आपके परिवार वाले कुछ काम  के लिए मना करते होंगें .. वो बोली कि अरे नही मना नही करते… पर कौन पडे अब चक्करों में…. बस पढ लिए बहुत है अब तो सारा दिन चैट करना, टीवी देखना, क़िटी पार्टी जाना और शापिंग से ही फुर्सत नही.

एक अन्य महिला भी घर पर आराम करने के हक में है मैने उसे दिन में किसी वजह से फोन किया तो वो आराम कर रही थी बोली तीन दिन पूरा आराम है मेरे पूछ्ने पर वो बोली कि हमारे यहां तीन दिन रसोई में नही जाते मैने कहा कि अरे आज के समय में भी तुम ऐसी बाते मानती हो .. इस पर वो मुझे ही गलत ठहराते हुए बोली कि बुरा क्या  है इसी बहाने आराम करने का पूरा मौका मिल जाता है …

अरे !! आराम पर आराम !! कितना आराम करोगी … क्या आराम करते  करते थक नही जाती ये महिलाएं . ऐसी महिलाए आती हैं मिसेज की श्रेणी में यानि मिसेज कपूर, मिसेज शर्मा, मिसेज राव यानि अपनी कोई पहचान नही होती ..बुरा नही मानिएगा पर ऐसी महिलाएं बस अपने पति के नाम से ही समाज मे जानी पहचानी जाती हैं…

और दूसरी श्रेणी की महिलाए होती हैं जो घर का काम सम्भालते हुए भी कुछ  करना चाहती हैं उनकी आत्मा बैचेन सी रहती है कि कुछ करुं और घर पर काम होते हुए भी, अति  व्यस्त रहते हुए भी, घर के काम से हट कर कोई न कोई काम ऐसा खोज ही लेती हैं जो न सिर्फ उन्हे खुशी देता है बल्कि एक अलग पहचान बनाने का मौका भी देता है.. मिसेज होते हुए भी लोग उन्हें “उनके”” नाम से जानते हैं..

जैसा कि रुबी मनचंदा  हैं उन्हें जब भी मौका मिलता है महिलाओं को रक्तदान की अहमियत बताती है और साथ ही साथ खुद का सही हीमोग्लोबिन होना कितना जरुरी है इसके बारे में अलग अलग उदाहरण देकर समझाती हैं.

एक अन्य महिला  प्रीति अपने घर से हर शाम आधा धंटा का समय निकाल कर पार्क में गरीब बच्चों को बुलाती हैं और उन्हें कुछ न कुछ पढाती हैं और बातो ही बातो में सफाई का मह्त्व समझाती हैं…

इन सब के इलावा भी ना जाने कितने ऐसे काम हैं जिनसे हम समाज में अपनी अलग पहचान बना सकते हैं

फैसला हमारे हाथ में है कि हम चाहते क्या हैं … . !! मिसेज …. या अपनी अलग पहचान !!

बेशक, आप में से कुछ को मेरी बात कडवी लगे और शायद आप बोर आर्टिकल समझ कर बीच में ही पढना बंद भी कर दें

पर एक बात मैं जरुर कहना चाहूग़ी कि आजके समय में हम बहुत भाग्यशाली हैं कि हम नेट के जमाने में हैं और हम घर पर बैठे बैठे ही इसके माध्यम से बहुत कुछ कर सकते हैं अगर करना चाहे तो … !!ध्यान दीजिए … अगर हम करना चाहे तो !!!

फैसला हमारे उपर है कि हम “आराम ” को प्राथमिकता देते हैं या अपनी खुशी को … !! और असली खुशी है अपनी जिंदगी में एक नया स्टार्ट अप देने की …

जरुर सोचिएगा … और अगर मन में कुछ भी विचार आए जो आप मुझे शेयर करना चाहें तो आपका स्वागत है … !!

तो कब बता रही हैं मुझे अपना नाम ….

Your Attention Please Housewives जरुर पढिए 🙂

Photo by Reuben Whitehouse

June 16, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

ऑडियो – व्यंंग्य – ऐसा भी होता है

https://monicagupta.info/wp-content/uploads/2016/06/audio-oh-god-by-monica-guota.wav

क्लिक करिए और सुनिए 2 मिनट और 6 सैकिंड का  ऑडियो – व्यंंग्य – ऐसा भी होता है

जिंदगी में सब कुछ ठीक चल रहा होता है पर कई बार कुछ न कुछ ऐसा हो जाता है कि हमारे मुंह से निकलता है … हे भगवान !! ऐसा भी होता है !!

ऑडियो – व्यंंग्य – ऐसा भी होता है

.. आज की ही बात लीजिए सुबह सैर करते हुए पार्क मे फ्रैंड मिली . बहुत उदास लग रही थी और ऐसा लग रहा था मानो बहुत रोई हो. पूछ्ने पर उसने बताया कि दीपा बहुत बीमार है और डाक्टरो नें जवाब दे दिया है . मेरा दिल धक से रह गया. ओह क्योकि दीपा उनकी इकलौती बच्ची थी. मैने कहा सम्भालो अपने आप को और पूछा कि क्या दीपा को सब पता है … इस पर वो बोली कि पता तो लगना ही था आखिर कितना लंबा चलाएगे सीरियल को!! क्या !!! अब मेरे हैरान होंने की बारी थी यानि ?? उसने बताया और क्या सीरियल की बात ही तो कर रही है वो एक सीरियल वो हर रोज देखती हैं उसमे एक करेक्टर है वो मरने वाली है  !!! पर तुम क्या समझी.??? अब मै क्या समझी शायद उसे बताना सही नही था पर मैने वहा से खिसकने मे ही भलाई समझी चुपचाप घर आ गई.

घर पहुंची तो एक रिश्तेदार का फोन आया हुआ था वो बता रहे थे कि आज अरविंद जी को invite  किया है उन का डिनर पर.. आपने भी जरुर आना है.. . मै exited  होती हुई बोली  अरे वाह अरविंद केजरीवाल …. मैं जरुर आऊंगी  इस पर वहाँ  से आवाज आई कि आप भी बडी मजाकिया है. केजरीवाल नही अरविंद जैन आ रहे हैं वो हमारे स्कूल के टीचर हुआ करते थे खैर आप नही जानती !!!. अब फिर मेरे झेपने की बारी थी और जरुर जरुर कहती हुई मैने झट से फोन रखा. हे भगवान!!! आज क्या हो रहा है.

ऑडियो – व्यंंग्य – ऐसा भी होता है….

फोन रखा ही था तभी  हमारी सदाबहार पडोसन  हमेशा की तरह हाथ मे कटोरी लिए चीनी मांगने आ गई. कटोरी थमाते हुए बहुत ही उदास मुद्रा मे बोली कि मांं जी को कैंसर है.मैने चीनी डालते हुए कहा कोई कैंसर वैंंसर नही है सब नाटक बाजी है ड्रामा है ड्रामा  सब. TRP बढाने के लिए चोंचले बाजी है ये. किरदार को मार कर दुबारा जिंदा भी कर देगें …वैसे कौन से सीरियल  की बात कर रही हो!!!. उसने मेरी तरफ गुस्से से देखा और मेरे हाथ से कटोरी छीनते हुए बोली बोली कि चीनी नही देनी तो ना दो पर माजी के लिए ऐसा तो मत बोलो और पैर पटकती हुई चली गई.

अरे बाप रे!!! वो तो अपनी मांं जी के बारे मे सच ही बोल रही थी और मै क्या समझ बैठी !!! सब गडबड झाला हो रहा है….. वैसे आपके साथ ऐसी कंफूजन तो कभी नही हुई होगी … जरुर बताईएगा .. तब तक बाय अपना ख्याल रखिएगा ….

 

Monica Gupta

Monica Gupta

इसे भी जरुर सुनिएगा …

ऑडियो – अखबार अच्छा नही है

 

May 25, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

फिल्म सिटी मुम्बई और एक यादगार अनुभव

फिल्म सिटी मुम्बई और एक यादगार अनुभव

मोबाईल का क्रेज तो इतना है कि बस पूछिए ही मत … पिछ्ले दिनों मुम्बई में एक जानकार ने पता करवाया कि क्या वो कपिल शर्मा के कॉमेडी शो की शूटिंग देख सकते हैं स्वाभाविक है उत्सुकता थी पर सभी ने जाने से मना कर दिया कारण था कि शूटिंग के लिए आठ से दस धंटे बैठना पडेगा और उस दौरान  मोबाईल ले जाने की सख्त मनाही है… सभी लोग जितने जाने को उत्सुक थे उतनी जल्दी सभी ने अपना निणर्य सुना दिया … बिना मोबाईल 5 मिंनट निकालना मुश्किल है आठ धंटे … हमे नही देखनी शूटिंग वूटिंग..

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हां पर फिल्म सिटी का अनुभव बेहद शानदार रहा .. कही जंगल, कही हरियाली, कही पानी ही पानी, तो कही पुल.. उंची नीची बलखाती सडक और दूर दूर तक फैली पहाडियां…  हॉरर सीरियल हो या वीर हनुमान, महाराणा प्रताप, अजहर की शूटिंग हो , विदेश का सीन फिल्माना हो, चिटटिया कलाईयां वे गाना फिल्माना हो, लापता गंज हो यहां सब कुछ है पर सब काल्पनिक  पूरी तरह से एक बनावटी दुनिया को सजीव रुप देकर लुभाया जाता है और हम उन में डूबते चले जाते हैं..

बहुत कलाकार भी मिले और नागार्जुन  की शूटिंग भी देखी और मंदिर ( जोकि असल में मंदिर नही है) वो भी देखा … !!

 

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Dadasaheb Phalke Chitranagri

About Filmcity
Filmcity, Mumbai. A world of wonder. A world where you can put your imagination to the test and Shoot out your thoughts. The Indian Film Industry is one of the largest in the worild and Mumbai accounts for almost 60% of film productions.

Over the last hundred years, the Indian Film Industry has grown by leaps and bounds and has undergone amazing technological changes.

Film City is an integrated film studio complex situated at Goregaon, Mumbai in India. It has several recording rooms, gardens, lakes, theatres and grounds that serve as the venue of many Bollywood film shootings. It built by the state government to provide facilities and concessions to the film industry. It was renamed Dadasaheb Phalke Nagar in memory of the Marathi producer-director-screenwriter Dadasaheb Phalke who was father of Indian film industry.

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film cit

 

फिल्म सिटी से बाहर निकलते हुए सोच रही थी कि देख कर सही नही किया क्योकि सीरियल या मूवी देखते हुए जो मन में छवि बनी हुई थी शायद अब नही रहेगी अब दिमाग वही दौडेगा कि ये तो फिल्म सिटी  का सीन है… खैर 2 धंटे का सफर…  अच्छा रहा या शायद याद्गार अनुभव रहा …

 

May 3, 2016 By Monica Gupta 1 Comment

Short Story – Audio- Monica Gupta

Audio - Short Story- Dard by Monica Guptahttps://monicagupta.info/wp-content/uploads/2016/05/short-story-maun-by-monicagupta.wav

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mona 1

Short Story – Audio- Monica Gupta

आईए आज आपको सुनाती हूं एक मेरी लिखी कहानी ” मौन अभिव्यक्ति” मेरी ही आवाज में…… !!!

कहानी 10 क्लास मे पढने वाले राहुल की है कि किस तरह से एक अंजानी महिला मौन रहते हुए उसका जीवन बदल देती है और जब राहुल उससे मिलने जाता है तो …तो क्या होता है क्या उसे महिला के गुस्से का सामना करना पडता है या …. !! बहुत सारे उतार चढाव को लेकर लिखी गई  कहानी  मौन अभिव्यक्ति जरुर सुनिए. कहानी के लिए 2 मिनट33 सैकिंड जरुर निकालेंगें आप इतना मुझे विश्वास है …  !!!

सुनिए और जरुर बताईएगा कि कहानी कैसी लगी !!!

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