Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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March 10, 2015 By Monica Gupta Leave a Comment

Article … Fashion World

Article … Fashion World

उफ ये फैशन …

मेरी सहेली मणि अभी मिलने आई.

जबरदस्त जुकाम था. अरे!! अभी पिछ्ले सप्ताह ही बुखार ठीक हुआ था. अब फिर से ??? माना कि मौसम बदला है दुबारा सर्दी आ गई है पर मणि अपना ख्याल बहुत अच्छी तरह रखती है.

स्वेटर या शाल जरुर लेती है फिर ये दुबारा ??? इस पर उसने बताया कि एक दो शादियों मे जाना था. वहां वो शाल ले कर गई पर उसकी जानकार सहेलियो ने कार मे शाल रखे रहने दी. बोली कि तुम इसे लोगी तो हमे भी लेनी पडेगी जोकि हम नही चाह्ते शाल मे ज्वैलरी कैसे दिखेगी … स्टाईल कैसे दिखाएगें…

ये बहन जी टाईप लुक कार मे रखो और खींच कर उसे ले गए. बस देर रात तक कार्यक्रम चला और नतीजा … जुकाम, खांसी … छी .. हे भगवान !!! क्या है ये !!! दिखावा करके क्या हासिल होगा समझ से बाहर है

Article … Fashion World

March 2, 2015 By Monica Gupta Leave a Comment

वटस अप

whatsapp photo

Photo by clasesdeperiodismo

वटस अप से जुडी एक सहेली अचानक वहां से गायब को गई. आज मिली तो मैने पूछा कि क्या हुआ ??? इस पर वो बोली कि वटस अप को बंद कर दिया. कारण बताया कि उसके एक पारिवारिक रिश्तेदार ने वटस अप पर हैलो किया तो उसने भी स्वीकार कर लिया उसके बाद वो लगातार मैसेज भेजने लगे.

फिर बात हर रोज गुड मार्निग और गुड नाईट तक होने लगी बीच बीच में वीडियोज भी शेयर होने लगी. अचानक वो अपनी पत्नी के साथ उसे एक कार्यक्रम मे मिले. वो उन्हें देखते ही खुश हुई और जैसे ही उनके पास जाकर बात करनी चाही वो पूरी तरह से अंजान बन गए और ऐसा महसूस करवाया कि मानों बहुत समय से बात ही न हुए हो.

मेरी सहेली ने बताया कि उसे बहुत बुरा लगा दुख इस बात का भी हुआ कि वो इतना अंजान किसलिए बने जबकि वटस अप पर वो नियमित जुडे हुए थे. उसने मुझसे स्पेशल यह बात ब्लाग  पर लिखने को कहा ताकि कोई किसी का फायदा ना उठा सके महिलाओं खासकर लडकियों को सजग रहना चाहिए और ऐसे धटिया और झूठे लोगो को तुरंत ब्लाक कर देना चाहिए.

हालाकि मेरे समझाने पर उसने वटस अप चालू कर लिया पर अब सम्भल कर ही जवाब देगी… 

Best WhatsApp Status | Best way to express how you feel!

Sometimes the mother-tongue is the best language to convey your message. We have best collection of Hindi WhatsApp status to chose from, including 2 liners and short messages in Hindi.

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वटस अप बेशक नई टेक्नोलोजी है और फायदेमंद भी बहुत है पर ये हमारी ऊपर है कि हम इसका सदुपयोग करते हैं या दुरुपयोग !!!

June 24, 2013 By Monica Gupta Leave a Comment

Blood donation slogan

 

monica gupta

 Blood donation slogan

रक्तदान मे ट्रैंनिग के सिलसिले मे कलकता से हमारे आए आदरणीय ट्रैनर्स  से बंगाली भाषा मे रक्तदान के बारे मे यह सीखा …

 रोक्तो दीते तीन बार लागे ,

देबार आगे भोय लागे,

 देबार शोमोय शूचपुटानूर बयथा लागे,

 देबार पौर भालो लागे ….

यानि रक्त देते समय तीन बार लगता है देने से पहले भय लगता है, देते समय सूई का दर्द होता है देने के बाद भालो यानि अच्छा लगता है

Blood donation slogan

April 13, 2013 By Monica Gupta Leave a Comment

ISBTI Blood Donation Camp

ISBTI

ISBTI

ISBTI Blood Donation Camp

आज चंडीगढ के सैक्टर 31 ए मे CII (Confederation of Indian Industry)और ISBTI (Indian Society Of Blood Transfusion & Immunohaematology) के सौजन्य से एक रक्तदान कैम्प का आयोजन किया गया.

श्री राजवेंद्र सिह ने बताया कि हैल्थ और महिला सशक्तिकरण को लेकर लगातार सेमिनार आदि का आयोजन होता रहता है. रक्तदान के प्रति भी लोगो मे जागरुकता बढती जा रही है.

स्नेह ने पहली बार  रक्तदान किया. उनकी सबसे अच्छी बात यह लगी कि वो कम वजन होने के कारण रक्तदान नही कर पा रही थी पर आज उनकी मेहनत रंग लाई और वो  बहुत खुश होकर रक्तदान कर रही थी.

वही सतपाल सिह जी से मुलाकात हुई. उनका बचपन मे एक हाथ कट गया था. पर रक्तदान के प्रति उनका लगातार रुझान रहा और जब भी जरुरत पडी उन्होने रक्तदान जरुर किया.सुरेंद्र पाल कभी भी नियमित नही है पर अब वो नियमित रुप से स्वैच्छिक रक्तदान किया करेंगॆ. इस अवसर पर Sh. Jayant Darar चैयरमैन CII Northen Region भी मौजूद थे.

 ISBTI Blood donation camp

  

 

March 4, 2013 By Monica Gupta Leave a Comment

Mahila Diwas

Mahila Diwas

Mahila Diwas 

महिला दिवस

एयर पोर्ट पर एक नवयुवती पुरुषो के पास जा जा कर रोता हुआ मासूम चेहरा लिए नम्र निवेदन कर रही थी कि उसका सामान ज्यादा हो गया है प्लीज इसे आप रख ले. अपने गंतव्य पर पहुंच कर वो ले लेगी. पर यह बात सिर्फ पुरुषो  से ही कह रही थी. महिलाओ के पास नही जा रही थी और जब भी समय मिलता एक किनारे पर खडी होकर  किसी से हंस बोल कर मोबाईल पर बतियाने लगती. आदमी जंहा उसकी मदद को तैयार थे वही महिलाए उसे गुस्से वाली निगाहों से  देख रही थी कि किस तरह अपनी मासूमियत का फायदा उठा रही है.

दो दिन पहले एक महिला से मुलाकात हुई. उसने बताया कि करीब चार महीने पहले एक जानी मानी पत्रिका के सम्पादक ने उसका साक्षात्कार लिया और उसे पहले कहा कि अगले महीने साक्षात्कार आएगा और इसी सिलसिले मे ना सिर्फ उसकीफोन पर बात हुई  बल्कि पर्सनली मुलाकातें भी हुई. अब इस बात को महीनो बीत गए. महिला लगातार फोन कर रही है पर अब शायद मतलब निकल गया है तो सम्पादक ने फोन उठाना बंद कर दिया है. वैसे ऐसा ही कुछ फिल्म लाईन मे  अकसर सुनने मे  आता  है कि  हीरोईन बनने की चाह मे महिला कई बार बेवजह बहुत आगे बढ जाती है और उसका अंत दुखद होता है.

वही एक अन्य महिला अपने आसूं के बल पर ना सिर्फ आफिस मे अपने बॉस बल्कि बहुत लोगो की भावनाओ के साथ खेल रही हैं. कुल तनखाह मात्र 5000 है पर 15 हजार के फ्लैट मे रह रही है और 25 हजार फीस वाले स्कूल मे अपनी बच्ची को दाखिल करवाया हुआ है. हैरानी हो रही है ना पर ये हकीकत है.  एक परिवार मे माता पिता अपनी ही लडकी को जोर देते है कि तु जा और अपने मालिक से पर्सनल तालुकात रख.

वही कुछ पति भी जल्दी प्रमोशन के चक्कर मे बास के आगे पीछे धूमने को बुरा नही मानते. इससे भी ज्यादा दुखद बात तब होती है जब कोई महिला पर पुरुष से अपना मतलब ना निकलने पर उस पर उल्टा ही रेप जैसा धिनौना अपराध का नाम लगा देती है और बात बिगडने की दशा मे अपनी शिकायत वापिस ले लेती है.

 ऐसी महिलाए देर सवेर अपने ही जाल मे  फस जाती है और  उबरना मुश्किल नही नामुमकिन सा हो जाता है और ऐसी सीख मिलती है कि जिंदगी भर उस बात की भरपाई नही हो पाती.एक अन्य उदाहरण मे एक महिला को एक व्यक्ति ने प्राईवेट कालिज मे नौकरी दिलवाई अब उनका आभारी होने के नाते वो उनके बच्चो को ट्यूशन पढाती है और पेपर मे क्या क्या आएगा उन्हे परोक्ष रुप मे जानकारी भी देती है.  ऐसे ना जाने अनगिणत उदाहरण है.

 कृप्या अपने मतलब के लिए अपना शोषण मत होने दें. चाहे नौकरी की बात हो, शादी ब्याह की बात हो या किसी भी अन्य तरह के लालच या प्रलोभन की बात हो. इससे पहले की कोई अनहोनी हो जाए. लोग आपका फायदा उठा जाए और आप  सिर पर हाथ पे हाथ धर के बैठे रह जाए. और तब आत्महत्या के इलावा कोई दूसरी राह ही ना सूझे. आपको स्वयं ही जागरुक बनना पडेगा.

बेशक, राह बहुत कांटो भरी है इसलिए कई बार मन का विश्वास डगमगा जाता है पर ऐसी बाते ना हो उसके लिए अपने मन मे पक्का विश्वास पैदा करना होगा और  और जल्दबाजी भी नही दिखानी होगी.अगर  हम कदम सोच समझ कर चलेगी तो राह मुश्किल जरुर लगेगी पर सफलता भी जरुर मिलेगी. बस किसी भी वजह से खुद को शोषित ना होने दें, जागरुक बनें.

Mahila Diwas पर आपकी राय आपके विचारों का स्वागत है !!

 

 

February 20, 2013 By Monica Gupta Leave a Comment

खोजी पत्रकारिता

rain strom photo

Photo by KadKarlis

खोजी पत्रकारिता

बात कुछ समय पहले की है. जब हमारे शहर मे जबरदस्त बारिश के साथ भयंकर ओलाबारी हुई और देखते ही देखते ना सिर्फ सडको पर पानी भरने लगा बल्कि घरो मे भी पानी धुसने लगा.करीब धंटा बारिश चली पर मेरी सहेली मणि का घर आश्चर्य का विषय बना हुआ था.

मणि के घर 6-7 ओले अभी भी जस के तस थे. यानि पिघले नही थे. बारिश, ओले की वजह से सर्दी बहुत बढ गई थी और रात भी होने वाली थी अगली सुबह फिर देखा तो वैसे ही थे. लोगो का जमावडा बढने लगा और मेरा रिपोर्टरी दिमाग भी सोचने लगा कि आखिर यह पिघले क्यो नही. कही कोई उल्कापात के कण तो हमारे यहां नही आ गए है.खैर, किसी को उसे हाथ नही लगाने दिया गया.बहुत पत्रकार भी उसकी तस्वीर लेकर गए. शहरी बच्चो ने तस्वीरे फेसबुक पर डाल दी वही और मधुबन से एक जांच टीम भी गठित करके वहा से रवाना हो गई.

उस दिन पूरी धूप निकल गई, मैं दुबारा मणि के घर गई तो वो ट्रंक के गर्म कपडे बाहर सुखा रही थी क्योकि उसके स्टोर मे पानी चला गया था. तभी मैने पूछा कि क्या स्टोर मे फिनाईल की गोलियां भी थी तो वो बोली कि हां बहुत थी. कुछ ट्रंक के अंदर तो कुछ ट्रंक के पीछे गलती से गिर गई थी. बस, मैंने वही सिर पकड लिया. वो ओले, वोले कुछ नही फिनाईल की गोलियां थी जो बरसात के पानी के साथ अंदर से बह कर बाहर आ गए थे.इतने मे कुछ चैनल की ओबी लाईव टेलिकास्ट के लिए वहां पहुच चुकी थी. मैं उनको मना कर ही रही थी कि अचानक मोबाईल की आवाज से मेरी नींद खुल गई.

चैनल की तरफ से फोन था कि शहर के पास के गांव मे दो गैंगस्टर घुस आए है उनकी ताजा अपडेट चाहिए. फोन रखने के बाद मैने ऐसे सपने के लिए सिर को झटका और फिर नई खबर की जानकारी जुटाने मे जुट गई. … !!! 🙂

खोजी पत्रकारिता

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