Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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September 6, 2016 By Monica Gupta 1 Comment

हिंदी ब्लॉग टिप्स

हिंदी ब्लॉग लेखन

blog photo

हिंदी ब्लॉग लेखन पर कुछ टिप्स

जहां नेट की दुनिया में , सोशल मीडिया में फेसबुक, गूगल प्लस, ट्विटर छाया हुआ है वहीं blog  और blogging के लिए हिंदी ब्लॉग टिप्स की जरुरत पडती रहती है. लोग ब्लॉग को न सिर्फ मनोरंजन या कमाई  के लिए लिखते हैं बल्कि ये करियर भी बनता जा रहा है.

अच्छा ब्लॉग कैसे बनाए

हिंदी ब्लॉग  टिप्स जानने से पहले ब्लॉग के बारे में बता दूं कि आज जिसके पास ब्लॉग होता है वो बहुत गर्व से बताते हैं कि मेरा ब्लॉग है … आप न्यूज में भी देखते, सुनते ही होंगें टविटर  के साथ साथ ब्लॉगिंग भी पूरे जोरो पर है…

जो लोग अपनी बात टविटर पर नही कह पाते वो ब्लॉग का सहारा लेते हैं… चाहे अमिताभ बच्चन हो, पत्रकार रवीश कुमार हो नेता हो और भी ना जाने अनगिनत जाने माने नाम सब blogging के माध्यम से अपने मन की बात रख रहें हैं.

बात 30 जून 2011 की है जब मैंने नव भारत टाइम्स में अपना  ब्लॉग लिखना शुरु किया  था और फिर मुझे ब्लॉग लिखते समय इतना अच्छा महसूस हुआ कि मैने अपना ब्लॉग बनवाया और 29 नवम्बर  2012 से मैनें अपना blog  बना कर लिखना शुरु किया..

आरम्भ में ज्यादा जानकारी नही थी पर लगातार लेखन से वो भी मिलती रही.

ब्लॉग लिखते समय अगर हम कुछ बातों पर ध्यान देंगें तो हमारा ब्लॉग बहुत अच्छा बन सकता है …

जानते हैं कुछ ऎसी ही काम की टिप्स के बारे में-

पहली बात ये कि आपका topic  यानि विषय  क्या है.  कुछ ऐसा लिखें कि पाठक ये जानने को आतुर हो जाए कि आखिर लिखा क्या होगा इस पोस्ट में.  चाहे वो खाने पीने के बारें में हो, रिश्ते के बारे में हो , ज्वलंत मुद्दा हो पर जो भी विषय का चयन करें वो स्टीक हो. कही ऐसा न हो कि  कि हम अपने विषय की ही सार्थकता खो दें… बात कुछ  हो लिख कुछ और रहे हों..

जरुरी बात ये भी है कि अगर हमनें अपना  ब्लॉग अपने लेखन के हुनर को दिखाने के लिए बनाया है तो लेखन पर ही ध्यान दीजिए कई लोगो के मन मे होता है कि ब्लॉग बनाना यानि कमाई का साधन … जबकि ऐसा नही होता अगर हम सिर्फ पैसा कमाने के एंगल से ब्लॉग बना रहें हैं तो उसके अलग तरीके हैं और हमें इसी क्षॆत्र के किसी सुलझे व्यक्ति से सलाह ले कर ही ब्लॉगिंग आरम्भ करनी चाहिए… और अगर लेखन के ही ब्लॉग बनाया है तो अपना सारा दम खम लेखन पर लगा देना चाहिए.

अब बात आती है कि हम जिस भी विषय पर लिख रहें है उस पर पकड या हमारी जानकारी अच्छी हो … क्योकि अगर हमनें सही और अच्छा लिखा है तो पाठक बार बार हमारे ब्लॉग पर आएगें और अगर सही और विस्तार से जानकारी ही उन्हें नही मिलेगी फिर वो दुबारा हमारे ब्लॉग पर नही आएगें.

एक बात ये भी है कि हमें नियमित रहना होगा ये नही कि आज एक पोस्ट लिखी फिर दस दिन बाद लिखा और फिर महीने बाद लिखा  अगर हम नियमित लिखते रहेंगें तो ना सिर्फ हमारी नॉलिक बढेगी बल्कि पाठको का दायरा भी बढेगा. नियमित और लगातार लिखने से हमारी पोस्ट सर्च इंजन में आएगी और साथ ही साथ एलेक्सा रैंकिंग  Alexa Traffic Rank भी बेहतर होती जाएगी.

 

इस  इस बात का भी ख्याल रखना होगा कि लेखन में आम बोल चाल जैसा तरीका झलके क्योकि अकसर ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए भारी भारी शब्दों का इस्तेमाल करते हैं जो हमें अपनेपन से दूर दिखावे की दुनिया में ले जाता है … और इस बात का भी ख्याल  रखना चाहिए कि हम ही लेखक हैं हम ही सम्पादक और हम ही प्रकाशक इसलिए लेखन के विषय को सही करके बार बार पढ कर ही अपनी पोस्ट पब्लिश करनी चाहिए..

इसमे कोई शक नही कि हम पब्लिश publish  होने के बाद भी  edit  कर सकते हैं पर अगर हम पहली ही सारी बातें देखभाल कर लिखेंगें तो हर्जा ही क्या है… first impression is the last impression…

अगर हम अपने लिखे ब्लॉग को सोशल नेटवर्किंग साईटस से भी जोडेगें जैसाकि अगर हम फेसबुक, टविटर या कोई भी सोशल नेतवर्किंग से जुडे हैं उस पर अपने लिखे ब्लॉग का लिंक पोस्ट करेंगें  तो और भी बेहतर होगा.. उससे और ज्यादा से ज्यादा लोग उसे पढ सकेंगें

बस आप लिखिए नियमित रूप से अपडेट करते रहिए और दुनिया में लेखन के माध्यम से अपनी अलग पहचान बनाईए…

हिंदी ब्लॉगर- ब्लॉगिंग और मेरा Passion – Monica Gupta

हिंदी ब्लॉगर- ब्लॉगिंग और मेरा Passion हिंदी ब्लॉगर- ब्लॉगिंग और मेरा Passion ब्लॉगर मोनिका गुप्ता. बात ज्यादा पुरानी भी नही जब मैंने इंटरनेट की दुनिया में सहमे सहमे प्रवेश किया. मन में जहां बहुत उत्साह था वही एक डर भी था कि न जाने ये दुनिया कैसी होगी ? गूगल प्लस, फेसबुक, टवीटर, आदि बहुत सी साईट्स ने आकर्षित किया पर सबसे ज्यादा मैं ब्लॉग शब्द से प्रभावित हुई. read more at monicagupta.info

 

……… और अगर ब्लॉगिग के सिलसिले में कोई भी जानकारी चाहिए  तो आप बिल्कुल पूछ सकते हैं …

 

 

August 21, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

ब्लॉग, ब्लॉगर, ब्लॉगिंग और करियर

ब्लॉग, ब्लॉगर, ब्लॉगिंग और करियर

ब्लॉग, ब्लॉगर, ब्लॉगिंग और करियर – Blog ,Blogger, Blogging Free blog, Google ranking  kya  hai  इससे Career कैसे बनाया जा सकता है. कुछ समय पहले तक मेरे दिमाग में भी बहुत प्रश्न धूमते रहते थे कि ब्लॉग क्या है , ब्लॉग कैसे बनाते हैं ब्लॉग के क्या फायदे हैं फ्री ब्लॉग क्या होता है गूगल रैंकिंग में क्या ब्लॉग के द्वारा खुद को उपर लाया जा सकता है अपनी पहचान बनाई जा सकती है? यकीन मानिए बहुत search किया बहुत study भी किया बहुत sites भी देखी और बहुत कुछ समझ भी आया.

ब्लॉग, ब्लॉगर, ब्लॉगिंग और करियर

इंटरनेट आज के समय की आवश्कता है. इंटरनेट पर उपलब्ध ढेरों साईटस हमें हर तरह की जानकारी उपलब्ध करवाती हैं जैसे सोशल नेटवर्किंग साईटस न सिर्फ हमारा मनोरंजन करती हैं बल्कि हमें जागरुक भी करती हैं.

क्लिक भर से हमे हर वो जानकारी मिल सकती है जिसकी हमें तलाश हैं. इन ढेर सारी साईटस में ब्लॉगस भी अपनी अलग पहचान बनाए हुए है. यकीनन, आप मे से बहुत लोग ब्लॉग के बारे में जानकारी रखते होंगें और बहुत से लोग ब्लॉग के बारे में नही भी जानते होंगें.

वैसे कुछ साल पहले तक तो मुझे भी इंटरनेट या ब्लॉग की ज्यादा जानकारी नही थी पर जब मुझे नेट की जानकारी मिली और मैनें इंटरनेट पर जाना शुरु किया तो मानों मुझे नई राह ही मिल गई. घर बैठे बैठे बहुत कुछ पढने को मिलने लगा. जब भी समय मिलता मैं अपनी बातें सोशल नेट वर्किंग साईट पर सांझा करने लगी.

कुछ समय तक तो अच्छा लगता रहा क्योंकि नए नए लोगों से मिलना होता उनके बारे में जानने का मौका मिलता पर कुछ समय बाद यह महसूस होना शुरु हुआ कि कुछ क्रिएटिव यानि रचनात्मक करना है. कोई ऐसा एक मंच चाहिए जो सिर्फ मेरा ही हो और मैं अपनी बातें, अपने विचार वहां सांझा कर सकूं.

धीरे धीरे मैनें सर्च करना शुरु किया और तब मुझे ब्लॉग के बारे में पता चला. वैसे मेरे सर्कल में कुछ जानकार ब्लागर हैं पर जैसा कि मैने बताया कि मुझे जानकारी नही थी इसलिए मन मे ब्लॉगर की हमेशा से ही अलग इमेज रही.

मैं सोचती थी कि जो लोग ब्लॉग लिखते हैं उनका स्तर बहुत ऊंचा होता है जैसे लेखको में साहित्यकार और वरिष्ठ साहित्यकार होते हैं वैसे ही ब्लॉग लिखने वाले होते होंगें. इस के लिए बहुत अनुभव चाहिए होता होगा और धीरे धीरे मैनें ब्लॉग की तह तक जाना शुरु किया कि आखिर ब्लॉग होता क्या है और इसे लिखते कौन हैं.

  • क्या वाकई ब्लॉग बनाना मुश्किल है
  • क्या कोई टेक्नोलोजी या स्किल हमें आनी चाहिए
  • क्या इसके लिए बहुत पढाई की जरुरत है
  • या हमे कोई ट्रेनिंग चाहिए ब्लॉग बनाने के लिए

ब्लॉग है क्या

इसके बारे में सर्च करते हुए मुझे यही समझ आया कि जिस तरह हम डायरी लिखते हैं. उसमे अपने दुख सुख, अनुभव आदि लिखकर अपने मन की बात सांझा करते हैं. ब्लॉग भी आनलाईन डायरी की तरह ही है जिसमें हम अपनी भावनाए अपने विचार, अपना अनुभव व्यक्त करते हैं. ब्लाग लिखने वाले को ब्लागर और ब्लॉग में किए लेखन को ब्लागिंग कहतें हैं.

ब्लॉगिंग के लिए आपको किसी तकनीकी जानकारी की आवश्यकता नही है और ना  कोई उम्र की सीमा . बच्चें, बडे, बुजुर्ग और यहां तक की गृहणियां house wife, home maker  भी ब्लॉगिंग blogging  अपना कर अपना नाम, पहचान और आय का साधन बना सकते हैं.

तो ना तो ब्लॉग बनाना मुश्किल है और ना कोई टेक्नोलोजी या स्किल हमें आनी चाहिए

ना इसके लिए किसी खास पढाई की जरुरत है

और ना ही हमे कोई ट्रेनिंग चाहिए ब्लॉग blog  बनाने के लिए … अब फिर प्रश्न यह उठता है कि कौन  कौन बना सकता है  ब्लॉग ???

Page, Forum, Discussion Group Aasani Se Bana Sakte Hai blog main

उदाहरण -1

जैसाकि मान लिजिए कि एक महिला किचन गार्डनिंग मे बहुत माहिर है उसने छत पर भी खूबसूरत घास का मैदान तैयार किया हुआ है. किचन गार्डन मे सौ से भी ज्यादा फूल लगाए हुए हैं. अब हरी भरी प्रकृति के बारे मे कौन नही जानना चाहेगा. वो अपनी बात ब्लॉग के माध्यम से बहुत अच्छी तरह बता सकती है जो लोग उनसे कुछ जानकारी लेना चाहे वो दे सकती है. अपने विचारों का आदान प्रदान कर सकती हैं अब उसमे लेखक होने की कोई बात ही नही है.

 

उदाहरण -2

 

मेरी एक जानकार बहुत अच्छी कुक cook  है पर वो लेखिका writer  नही. खाने की रेसेपी डालती रहती हैं और नए नए पकवान कैसे बनाए बताती रहती हैं. बस आपकी जानकारी ऐसी हो कि किसी न किसी के काम आ सके अगर आपकी जानकारी अच्छी और सच्ची है और फिर बात वायरल होने में समय नही लगेगा.

वैसे आपसे बात करते करते एक आईडिया मुझे आया कि मेरी एक बुजुर्ग पडोसी महिला सत्संग में बहुत जाती हैं और बहुत अच्छी अच्छी बाते सीख कर आती हैं. अक्सर बार बातों बातों में वो प्रेरक प्रंसग भी सुनाती हैं. अपने समय में उन्होनें दसवीं पास की थी उसके बाद शादी हो गई थी. आज वो पचपन साल की हैं मैं उन्हें सुझाव दूंगी कि वो अपना ब्लॉग बनाए ताकि हम जैसे लोग अच्छी और प्रेरक बातों का फायदा उठा सकें.

वासुदेव कुटुम्बकम – Monica Gupta

वासुदेव कुटुम्बकम क्लिक करें गया वो जमाना जब आपका कही बाहर  धूमने का दिल किया और आपको बोरिया बिस्तर बांधना पडता था. अब जमाना वाकई में  बदल गया है !! अब उठाईए ऊंगली और निकल जाईए ह हा हा … जी हां उठाईए ऊंगली और निकल जाईए… एक क्लिक पर कभी दोस्तों की वॉल पर, कभी … read more at monicagupta.info

 

कैसे कैसे ब्लॉग

सर्च के दौरान एक और बात यह पता चली कि मुफ्त में भी ब्लॉग बनाए जा सकते हैं और जिसे अगर मात्र टाईम ही व्यतीत करना है तो उनके लिए इस तरह का ब्लॉग सही हो सकता है पर अगर हम वाकई में, ब्लागिंग के जरिए कुछ बनना चाहते हैं कुछ कर दिखाना चाहते हैं तो हमें प्रोफेशनल रुप से इसे अपनाना होगा.

ब्लॉगिंग के बहुत फायदे हैं.ब्लाग से हमारी एक अलग पहचान बनती है. इसके साथ साथ आप काम की बातों को दूसरों के साथ सांझा करेगें तो आप खुद तो आत्मविश्वासी बनेंगें ही दूसरों को भी अपनी बातों से प्रेरित कर सकेंगें.

ब्लॉग  बनाने के लिए जो हम अपना डोमेन नेम लेते हैं वो पूरे संसार में बस एक ही होता है जैसाकि मेरा monicagupta.info है ये पूरी दुनिया में किसी और का नही हो सकता. ये ठीक वैसे ही है जैसे आधार कार्ड का नम्बर होता है जो एक ही रहता है.

 

Way to Relax Mind – Monica Gupta

आज की busy life में हम Relax होने के तरीके खोजते रहते हैं ताकि दिमाग किसी तरह से stress free हो जाए इसलिए How to relax our mind  या stress free life जैसे टाईटल ही खोजते रहतें हैं. आईए जाने कि आज के ई युग में  रिलेक्स कैसे हो रहे हैं. read more at monicagupta.info

 

आय का साधन

इतना ही नही अगर हमारा ब्लॉग सही प्रकार से बना हो तो हमारी आय का साधन भी हो सकता है. जी हां, घर बैठे बैठे हमारी आय का जरिया बन सकता है ब्लॉग लेखन. जितना मैनें इसे पढा और समझा है इसका क्षेत्र बहुत विशाल है. इसके माध्यम से आय के बहुत सारे तरीके हैं. सफलता की कहानियां भी बहुत हैं जो हमें प्रेरित करती हैं कि हम भी ब्लॉग के माध्यम से एक आय का साधन बना सकते हैं.

 

एक स्टार्ट अप जिंदगी के नाम – Monica Gupta

एक स्टार्ट अप जिंदगी के नाम (महिलाए, स्टार्ट अप और मेरे मन की बात ) समाज में दो तरह की महिलाएं हैं एक तो वो जो सारा दिन बस आराम ही आराम करना चाह्ती है.. घर पर नौकर चाकर है अच्छी किटी पार्टी ज्वाईन की हुई है बस घर सम्भालना, आराम करना , वटस अप करना, मैसेज करना, मूवी देखना, चैनल बदलना और शापिंग करना (ओह इतने सारे काम ) और बस सो जाना Read more…

 

सबसे जरुरी बात

आमतौर पर अपने आप को बहुत कम समझतें हैं कि हम तो कुछ नही है हमें कुछ नही आता जबकि खूबी हर व्यक्ति में छिपी होती है बस जरुरत है कि उसे उभारे और ब्लॉग के माध्यम से पूरी दुनिया को अवगत करवाएं.

इसलिए अगर आप वाकई में भीड मे छिपा चेहरा नही बल्कि भीड में अलग चेहरा बनना चाहते हैं तो अपनी कमियां नही, खूबियां तलाश कीजिए और अपनी एक पहचान बनाईए ब्लॉग बनाईए.

 

What is Google Adsense – Monica Gupta

जब भी हम कभी जब ब्लॉग या इंटरनेट से आय कैसे हो कि बात करते हैं तो सबसे पहले हमारे जहन में Adsense का नाम आता है क्योकि सब पूछते हैं Adsense तो होगा ही पर हमें पता नही कि आखिर ये Adsense होता क्या है ?

गूगल ने इसको 18 जून 2003 को launch किया था. आय का फ्री और आसान तरीका है. Google Adsense  CPC यानि cost per click program है. ये एक ऐसा tool है जो पहले आपके ब्लॉग को उसके condition के हिसाब से पहले approvel देता है और  जब आपका ब्लॉग Google Adsense से approved हो जाता है तो  उसके बाद आप google Adsense का ads अपने ब्लॉग पर लगा कर अच्छे पैसे कमा सकते है और अगर आपके ब्लॉग पर ट्रैफिक बढिया है यानि बहुत लोग आ रहे हैं तो Google Adsense एकदम perfect माध्यम है. Read more…

 

और किसी ने क्या खूब कहा है कि

मंजिल मिले या न मिले ये तो अलग बात है हम कोशिश भी न करें ये तो गलत बात है

 

ब्लॉग के फायदे

ब्लॉग लिखेगें तो

रचनात्मकता जागेगी

नई नई बाते सीखने को मिलेगी

आत्मविश्वास पैदा होगा

 

ब्लॉग लिखेंगें तो व्यस्त रहेगें

बे फालतू के विचार नही आएगें

सोच कुछ सकारात्मक लिखने की रहेगी

नकारात्मकता जिंदगी से खत्म हो जाएगी

 

ब्लॉग लिखेंगें तो

अपने विचार और ज्ञान सांझा कर सकते हैं

आपके लेखन से और लोगो की मदद हो सकती है

किसी का ज्ञान आपकी वजह से बढ सकता है.

 

ब्लॉग लिखेगें तो

लोग जानेगें दायरा बढेगा

आपकी अपनी एक पहचान बनेगी

आप अपने विषय मे एक्सपर्ट बन सकते है

और आप एक दिन किसी के लिए प्रेरणा भी बन सकते हैं.

 

ब्लॉग के फायदे – गृहणी के लिए

 

ब्लॉग लेखन से

नाम होगा, पहचान बनेगी

समय का उपयोग, व्यस्त हो जाएगी

तनाव से मुक्ति मिलेगी, खुश रहेंगी

आमदनी होगी तो आत्मविश्वास पैदा होगा

किसी पर निर्भर नही रहना पडेगा.

अपने सर्कल में प्रमुखता तथा वर्चस्व होगा

लोगो का आपके प्रति नजरिया बदलेगा

मान सम्मान मिलेगा, आप छा जाएगीं

 

ब्लॉग के फायदे – रिटायर्ड व्यक्ति

 

समय को सही तरह से व्यतीत कर पाएगें

अपनी जिंदगी के अनुभव सांझा कर पाएगें

अपने ज्ञान से औरों की मदद कर पाएगें

व्यस्त रहेंगें, पहचान बनेगी, मनोबल बढेगा

परिवार की सोच बदलेगी, इज्जत मान बढेगा

ग्रुप बना सकते हैं, दोस्तों का सर्कल बढेगा

आय का साधन बनेगा, दूसरों के लिए प्रेरणादायक होंगें

 

ब्लॉग के फायदे – युवा वर्ग

 

तनावग्रस्त निराशाजनक जिंदगी से मुक्ति मिल सकेगी

उदासीनता और नकारात्मकता खत्म होगी

महत्वाकांक्षी बनेगें और सफलता के लिए प्रयासरत होंगे

आय का माध्यम बनेगा, नौकरी की जरुरत नही पडेगी

दोस्तों और परिवार में मान सम्मान बढेगा

जिंदगी खुशी, उमंग और उल्लास से भरी होगी.

 

blog photo

Photo by owenwbrown

Photo by tillwe

इतनी जानकारी मैने पढ कर जुटाई है … आज , वाकई में  लिखने , अपनी बात रखने और कहने के लिए इतना अच्छा और सशक्त माध्यम मिला हुआ है कि पूरी दुनिया तक हम अपनी बात पहुंचा सकते हैं….

ब्लॉग, ब्लॉगर, ब्लॉगिंग और करियर के बारे में अगर फिर भी हमें सोचना पड रहा है तो …

माफ कीजिए आप जिंदगी में कुछ करना ही नही चाह्ते … आप बस चैंट  कीजिए, मैसेज भेजिए, पोक कीजिए शायद यही है आपका समय का सदुपयोग …

July 29, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

स्वच्छता का महत्व और हमारी जागरुकता – ऑडियो

रिश्वतखोरी - आईए रिश्वत दें
मोनिका गुप्ता

मोनिका गुप्ता

https://monicagupta.info/wp-content/uploads/2016/07/audio-our-earth-by-monica-gupta.wav

क्लिक करिए और सुनिए दो मिनट और 37 सैकिंड का स्वच्छता पर ऑडियो

स्वच्छता का महत्व और हमारी जागरुकता – ऑडियो

धरती को रहने लायक कैसे बना जाए ? क्या वाकई में स्वच्छता अभियान में हमारा कोई योगदान हो सकता है ? या फिर  दान पुण्य के नाम पर गंदगी फैलाना ही जायज है…!! हास्य और मनोरंजन के माध्यम से  इसी विषय पर  मेरी आपबीती….

धरती को रहने लायक कैसे बनाया जाए ??आज मैं इस बारे में बाहर बैठ कर सोच रही थी. तभी माली आ गया क्योकि घास बहुत बढ गई थी तो वो उसे काटने लगा. अचानक मैने देखा सामने सडक पर गाय आ रही है  मैने सोचा अरे वाह…. आज तो गउ माता को ताजी ताजी घास खिला देती हूं पुण्य का काम हो जाएगा… इसलिए कटी घास उठाई और गेट के बाहर सडक पर डाल  दी.

पहले तो  गाय  ने  लेफ्ट राईट देखा …फिर अपनी गर्दन झटकते हुए भवें हिलाई  शायद हैरान हो रही होगी क्योकि मैंने कभी उसे घास नही डाली … हा हा यानि कभी कुछ खाने को नही दिया और वैसे भी  सडक पर कुछ भी डालने के हमेशा से ही खिलाफ रही हूं पर आज् शायद  मेरा कोई पुण्य जाग उठा था या अपने पास पडोस को देख कर …

खैर वजह जो भी रही मैने कटी घास डालनी शुरु कर दी  उसने घास खाना शुरु ही किया था कि उसके चार पांच दोस्त और शायद  भी सहेलिया भी आ गई. मैने मन ही मन सोचा रे वाह … आज तो सारी घास इन सभी को ही खिला दूगी तो देवी देवता सब प्रसन्न हो जाएगें…

माली घास काटता रहा और मैं बाहर डालती रही. कुछ ही पल में बाहर देखा तो मेरी वजह से सारी सडक घास युक्त हो चुकी थी और तो और बैल अपने दोस्तो सहित सडक के बीचोबीच आसन जमा चुके थे  और दो ने तो गोबर तक करना शुरु कर दिया था..

कहां तो मैं कभी धास भी नही डालती थी और कहां उन्होने सारा गुड गोबर कर दिया …यकीनन  आने जाने वालो को परेशानी भी हो रही होगी…

एक मोटर साईकिल वाले ने वहां से जाते हुए मुझे ऐसे गुस्से से  देखा मानो कह रहा हो ये क्या हाल बना रखा है … अरे बाप रे ..!!!

मैं टेंशन में आ गई पर भगवान का शुक्र है कि उसी समय सडक साफ करने वाली जमादारनी आ गई और उसने बची घास  एक किनारे पर रख कर सडक साफ कर दी  तब तक घास भी खत्म हो गई थी और उसने और माली ने मिलकर जानवरों को भगा दिया …

उस समय मेरे मन में फिर आया कि धरती रहने लायक तभी बनाई जा सकती है जब हम उसे साफ सुथरा रखेंगें और ऐसे गंदा नही करेंगें भले ही पुण्य का कार्य हो जैसाकि हम हरिद्वार या गंगाजी जा कर करते हैं… वहां अस्थियां बहाते हैं पोलीथीन बहाते हैं जिसकी वजह से गंगा व अन्य पावन नदियां प्रदूषित हो रही है…

पता नही मेरे यह बताने  की क्या वजह है… है भी या नही पर इतना जरुर है कि धरती रहने लायक तभी बन सकती  है जब वो स्वच्छ हो, साफ हो और गंदगी से कोसो दूर हो…

एक सैल्फी स्वच्छता के नाम – Monica Gupta

एक सैल्फी स्वच्छता के नाम बेशक दुनिया में सैल्फी का इतिहास बहुत पुराना हो पर अगर अपने देश की बात करें तो बात ज्यादा पुरानी भी नही है…लाखों लोगो को सैल्फ read more at monicagupta.info

 

स्वच्छता के नारे – Monica Gupta

स्वच्छता के नारे स्वच्छता हम सभी के लिए बेहद जरुरी है जानते हैं हम सब पर फिर भी मानते नही है और गंदगी फैलाए चले जाते हैं. read more at monicagupta.info

वैसे आपके क्या विचार है इस बारे में जरुर बतईएगा कल फिर मिलूगी एक नए टापिक के साथ तक तक सफाई रखिए और स्वस्थ रहिए….

June 25, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

सोशल नेट वर्क साईट, कमेंट और झूठ का बोलबाला

सोशल नेट वर्क साईट, कमेंट और झूठ का बोलबाला

कमेंटस के लिए कुछ भी करेंगें

बेशक, हमें सोशल नॆट  वर्किंग साईट्स जैसे फेसबुक, गूगल प्लस के माध्यम से अपनी बात कहने का मौका मिला है तो इसका मतलब यह तो नही कि उसका दुरुपयोग किया जाए .. अंटशंट लिखा जाए, किसी का अपमान किया जाए या फिर झूठ बोला जाए …

facebook photo

कुछ देर पहले एक जानकार मिली. मैने कल ही देखा था फेसबुक पर कि वो हिल स्टेशन गई हुई थी उसने फोटो भी डाली हुई थी मेरे पूछ्ने पर कि कैसा रहा ट्रिप ?? वो बोली कौन सा .. !! मैने कहा हिल स्टेशन वाला … इस पर वो हंसती हुई बोली अरे नही वो तो फोटोशॉप से किया था इस साल मेरे इनके पास  समय नही है और बेटे की भी 10 क्लास की पढाई है … ह हा हा !! वैसे कमेंट की भरमार लग गई थी … बडा मजा आया …वो तो हसंती हुई चली गई और मैं सोच रही हूं कि क्या ये सही है ?? झूठ बोल कर लिखना या फोटो डालना … !! मेरा तो मन उससे खट्टा हो गया …

फेसबुक लाईक

दोपहर के बाद शाम 3 बजे फेसुबक का पीक टाइम होता है. इस टाइम पर सबसे ज्‍यादा यूजर एक्टिव रहते हैं. यानी शाम 3 बजे के आसपास पोस्‍ट करने पर लोग ज्‍यादा रियेक्‍ट करते हैं.रोजाना दो बार अपडेटरोजाना एक या दो बार स्‍टेटस अपडेट करने पर आपको 40 फीसदी ज्‍यादा रिस्‍पांस मिल सकता है. वहीं यदि आप वीक में एक से चार बार स्‍टेटस अपडेट करते हैं तो आपको 71 फीसदी ज्‍यादा रिस्‍पांस देखने को मिल सकता है. यहां 40 फीसदी रिस्‍पांस प्रतिदिन और 71 फीसदी पर वीक है, इस डाटा से कंफ्यूज न हों. How To Gain More Facebook Like – Lifestyle read more at monicagupta.info

 

बेशक, उसने सच बता दिया पर जिस तरह से वो फेसबुक पर सभी को जवाब दे रही थी और अपने अनुभव बता रही थी….. अनफ्रैंड की लिस्ट में एक और नाम शामिल हो गया .. !!

June 24, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

भेदभाव की राजनीति – युवा बनाम प्रौढ लेखक

 

मोनिका गुप्ता

मोनिका गुप्ता

भेदभाव की राजनीति – युवा बनाम प्रौढ लेखक

भेदभाव बहुत है समाज में … जी नही, ना तो मैं किसी जाति न किसी गोरे, काले और ना ही अमीर, गरीब का भेदभाव  कर रही हूं ये भेदभाव है युवा और प्रौढ लेखको के बीच… बात बहुत पुरानी है जब बचपन में लिखा करती थी तो यही कहा जाता था अभी बच्चे हो, बडे हो जाओ फिर लिखना … समय बीता और लो जी हम बडे यानि युवा भी हो गए … फिर सम्पादक महोदय के चक्कर काटे… अपने लेख छपवाने के सिलसिले मे… बेशक, बहुत सराहना मिली पर यह भी कहा गया कि हम अपनी पत्रिका में जरा अनुभवी लेखको को लेते हैं जरा आप आठ दस साल अनुभवी हो जाईए Mature हो जाईए  फिर देखिए हमारी पत्रिका आपके लेख जरुर लेगी..

इसी बीच एफएम भी शुरु हुआ वहां भी बहुत सराहना मिली, आवाज की तारीफ भी हुई पर यह भी कहा गया कि एफएम पर युवाओ को ही मौका दिया जा रहा है… वहीं जब एक सम्मान और पुरस्कार की बात हुई वहां कहा गया कि भले ही आपकी उपलब्धियां अलग हों पर फिर भी आप थोडे से और परिपक्व हो जाईए…ये सुनते सुनते अब तो बालों से भी सफेदी झांकने लगी थी… और इंतजार था और परिपक्व होने का फिर …. लिख लिख कर अब हम पूरी तरह से बडे,  Mature या दूसरे शब्दों में बूढे हो चुके हैं अब क्या …

आज फिर एक सम्पादक के आफिस जाना है एक घंटा इंतजार करवा कर सम्पादक महोदय मिले और मेरी उपलब्धियों से प्रसन्न हुए और बोले  कि इस बार से हम कुछ बदलाव करने जा रहे हैं और इस बार से एक साल तक हम सिर्फ युवाओ को ही स्थान देंगें… आप फिर भी अपने लेख छोड जाईए मैं खुश हो गई तो क्या अब मेरे लेख प्रकाशित करेंगें इस पर वो बोले जी इसकी तो गारंटी नही पर अगर खुदा न खास्ता आप अचानक ऊपर चली गई तो यानि खुदा को …. तो ह हा हा हम सबसे पहले आपका पूरा परिचय प्रकाशित करेंगें…और एक आधा लेख भी … क्या !!!

मैं गुस्से में उठी और  अचानक मेरी नींद खुल गई… जान मे जान आई …कि ये सब सपना था असल में, आज एक अखबार मे आया हुआ था कि वो  युवा लेखकों को ही  मौका देंगें … मन भी बहुत उधेड बुन चल रही थी शायद यही सोचते सोचते नींद आ गई होगी… वो तो शुक्र है कि आज के समय में ब्लॉग है अपनी बात कहने के लिए … अन्यथा उन्होनें तो मेरे मरने के बाद का ही प्रोग्राम तय कर रखा था… ह हा हा .. मैं खुद पर मुस्कुरा दी.

मैने अपना ब्लॉग़ खोला और युवाओं और प्रौढ  लेखको के भेदभाव पर लिखना शुरु कर दिया …..और निशाने पर लिए देश को चलाने वाले नेता … जब पचास पचास साल के अधेड नेता युवा हो सकते हैं तो लेखक युवा क्यो नही हो सकता …

वैसे आपके इस बारे में क्या विचार हैं जरुर बताईएगा …

बाल कहानी- भईया भी जरुर पढे 🙂

June 23, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

कैसे हैं आप

https://monicagupta.info/wp-content/uploads/2016/06/audio-mani-by-monica-gupta.wav

क्लिक करिए और सुनिए मेरी आवाज में 1 मिनट और 35 सैंकिड का ऑडियो … कैसे हैं आप ?

कैसे हैं आप ?

असल में, हम अक्सर अपना ख्याल नही रखते … अच्छे कपडे पहनेंगें, अच्छा प्रफ्यूम लगाएंगें ,  पर जब बात होगी सेहत की उसके प्रति लापरवाह रहेंगें… अगर आप मेरी बात से सहमत हैं तो जरुर सुनिए … कैसे हैं आप …

दिल की बात – Monica Gupta

असल में, हम अक्सर अपना ख्याल नही रखते … अच्छे कपडे पहनेंगें, अच्छा प्रफ्यूम लगाएंगें ,  पर जब बात होगी सेहत की उसके प्रति लापरवाह रहेंगें… अगर आप मेरी बात से सहमत हैं तो जरुर सुनिए … कैसे हैं आप …

दिल की बात – Monica Gupta

दिल की बात पिछ्ले सप्ताह मेरी सहेली मणि के अंकल की अचानक तबियत खराब हो गई शायद हार्ट अटैक था. उन्हें तुरंत दिल्ली लेकर जाना पडा. मैं, जब मणि के घर मिलने गई तो वो बेहद उदास थी. मैनें समझाया चिंता मत कर. इस पर वो मुझे बोली कि तू हमेशा कहती है कि जो  कुछ होता है अच्छे के लिए होता है अब उनकी अचानक तबियत खराब हुई इसमें अच्छा क्या हुआ. मैं चुप ही रही क्योकि वो मुझे पता था कि इस समय वो बहुत उदास है मेरे कुछ भी कहने का कोई फायदा नही होगा… .और , अभी कुछ देर पहले ही वो आई और बहुत खुश थी क्योकि उसके अंकल का आप्रेशन सफल रहा और वो वापिस आ रहें हैं  उसने मुझे बोला कि तूने सही कहा था कि जो होता है अच्छे के लिए होता है. मेरे पूछ्ने पर कि आखिर हुआ क्या. इस पर वो बोली कि उस दिन के बाद से यानि जब बहुत तबियत खराब हुई थी उस दिन के बाद से अंकल ने सिग्रेट पीना हमेशा के लिए छोड दिया है वो दिन में तीन तो कभी चार पैकेट सिग्रेट पीते थे. और जब घर वाले नाराज होते तो धूमने का बहाना करके या झूठ बोलकर  चोरी छिपे सिग्रेट पीते….  तो हुआ न अच्छा… इसी बहाने ही सही इस बुरी आदत से छुटकारा तो मिला मैं भी मुस्कुरा दी. जान है तो जहान है वैसे कई बार जिंदगी में मौके ऐसे आते है कि हमारा मन चाहा नही होता ऐसे मे यही सोचना चाहिए कि मन का हो तो अच्छा और मन का ना हो तो और भी अच्छा क्योकिं अब वो होगा जो भगवान को सही लगता है.. इसलिए हर हाल में बस खुश रहिए और पॉजीटिव सोचिए. वैसे अगर आप भी सिग्रेट या अन्य कोई नशा करते हैं और परिवार वालो से चोरी छिपे करते हैं तो  सोचिएगा .. क्योकि  चीजों की कीमत मिलने से पहले होती है
और इंसानों की कीमत खोने के बाद….

मोनिका गुप्ता

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आपको कैसा लगा ?? जरुर बताईगा … !!

 

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