Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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August 3, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

People Talking behind Your Back – कोई बुराई करे तो क्या करें – Deal with Backbiters – Monica Gupta

People Talking behind Your Back

People Talking behind Your Back – कोई बुराई करे तो क्या करें – Deal with Backbiters – Monica Gupta – क्या करें जब कोई बुराई करे तो… उनसे कैसे डील करें… देखिए ये एक ऐसी आदत जो आमतौर पर बहुत लोगो में पाई जाती है चाहे घर परिवार हो, पडोस हो, रिश्तेदार हो आफिस हो.. मैं इसके 7 बातें बता रही हूं  कि कैसे डील किया जाए..

People Talking behind Your Back – कोई बुराई करे तो क्या करें – Deal with Backbiters –

1.सबसे पहले तो खुद को ensure कीजिए कि कहीं ये आदत आप मे तो नही.. अगर है तो इसे ठीक कर लीजिए… कोशिश कीजिए कि आपने कभी किसी की बुराई नही करनी..

  1. उन लोगो से दूर रहिए जो बुराई करते हैं… क्योकि अगर हम उनके साथ बैठेगें गप्पें मारेंगें तो यकीनन उधर उधर की बातें भी जरुर होंगीं..
  2. तीसरी बात आती है अगर आपको पता लगा है कि कोई आपकी बुराई कर रहा है तो आप सच्चाई का पता लगाईए कि ऐसी बात हुई कैसे ?
  3. ये पता लगने के बाद आप शांत रहिए… कई बार सुनते ही हम ओवर रिएक्ट करने लगते हैं.. बहुत गुस्सा आ जाता है कि उसकी हिम्मत कैसे हुई… और हम भी बोलने लगते हैं बुराई करने लगते हैं.. यही वो चाहता है..
  4. जो हमारी बुराई कर रहा है उससे क्लीयर करें.. बजाय इधर उधर बात करने के उससे सीधा बात करें कि मैंने ऐसा सुना है.. क्या बात है.. बताओ मुझे जो भी बात या कंफ्यूजन है उसे दूर करना चाहिए..
  5. सम्बंध अच्छे बनाए… अगर वो मान जाता है कि मै ने ऐसा कहा तो उसे माफ कर दीजिए और उसकी कुछ अच्छी बातें सामने लाएं ताकि वो भी ऐसी बातों से दूर रह सके.. उसे मोटिवेट करें एनकरेज करें..
  6. अपनी इमेज अच्छी बनाईए.. जहां भी आप बैठे जिससे भी बात करें कभी किसी की बुराई न करे… आपकी ईमेज ऐसी हो कि जब कोई बात करे कि आपने कुछ ऐसा कहा है कि कोई विश्वास ही न करे…

वैसे जब भी मैं इस बारे में बात करती हूं तो महान दार्शनिक सुकरात का एक प्रसंग हमेशा मेरे जहन में आ जाता है… मैनें अपनी एक वीडियो में सुनाया भी था कि सुकरात के जानकार उन्हे रास्ते में मिलते हैं और कहते हैं मैंने आपके एक दोस्त के बारे में कुछ सुना है.. सुकरात कहते हैं एक मिनट पहले मेरी तीन बातों का जवाब दो फिर बताना …

क्या आप 100% दावे से यह कह सकते हो कि जो बात आप मुझे बताने जा रहे हो वह पूरी तरह से सच है ??

नहीं, असल में  मैंने सुना है कि…

ठीक है…. आप जो भी बताने जा रहे हो क्या उसमें कोई अच्छी बात है?

नहीं, बल्कि वह तो “अच्छा”, सुकरात ने कहा, “इसका मतलब यह है कि आप मुझे जो कुछ सुनाने वाले थे उसमें कोई भलाई की बात नहीं है और आप यह भी नहीं जानते कि वह सच है या झूठ

जो बात आप मुझे बतानेवाले थे, क्या वह मेरे किसी काम की है?

नहीं, ऐसा तो नहीं है”, परिचित ने असहज होते हुए कहा

बस, हो गया… सुकरात ने कहा, जो बात आप मुझे बताने वाले थे वह न तो सच है न अच्छी है न काम की है, तो मैं उसे जानने में अपना कीमती समय क्यों नष्ट करूं?

People Talking behind Your Back – कोई बुराई करे तो क्या करें – Deal with Backbiters – Monica Gupta

बुराई की मिसाल ऐसे हैं जैसे पहाड से नीचे उतरना.. एक कदम उठाओ बाकि कदम उठते चले जाते हैं…

August 1, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

How to Connect with Your Teenager – बच्चों को अपना कैसे बनाएं – Connect with Teenager –

How to Connect with Your Teenager

How to Connect with Your Teenager – बच्चों को अपना कैसे बनाएं – Connect with Teenager –  Ways to Connect with Your Teenager – teenager से कैसे बात करे… न बात करते न जवाब देते.. तो कैसे बात की जाए… पहली बात तो सुनिए… वो भी दिल से… अच्छी बातचीत सुनने से ही शुरु होती है,,, तो सच्चे मन से सुनिए…

How to Connect with Your Teenager – बच्चों को अपना कैसे बनाएं – Connect with Teenager –

Listen

true listening. ये मत महसूस होने दीजिए कि आप सुन रहे हैं उनकी बातों में छिपी worries,   emotions को समझिए. भावनाओं को समझिए… और फिर राय दीजिए..

Stay calm – Control your emotions – बेशक आपको कितना भी  गुस्सा, नाराजगी क्यो न हो…  शांत रहना है क्योकि उससे नतीजा कुछ नही निकलेगा बल्कि माहौल और खराब होगा.. तो आराम से शांत रहकर बात करनी है

जब बात करें तो open questions पूछ्ने चाहिए closed question नही क्योकि ये बातचीत का रास्ता बंद कर देता है… closed question के उत्तर हमेशा हां नही में ही मिलते हैं.. आज स्कूल में कैसा दिन रहा? क्या क्या किया.. यानि बात करने की कोशिश करनी है… और जब वो कोई बात करे तो उसमें interest लें और पूछें कि और बताओ मैं जानना चाह रहा हूं आप आज खुश लग रहे हो उआ उदास लग रहे हो कैसा रहा आज का दिन..

Communicat यानि बात करते समय हल निकालना है ना कि और कोई प्रोब्लम बढानी है.. जो हुआ उस पर बात न करके के अब कैसे उसे हल किया जाए उस पर फोकस रखना चाहिए…कुछ इस तरह से बात की जाननी चाहिए कि इसका हल ऐसा निकालेगे कि भविष्य में ये बात हो ही ना.. या चलिए हमें सबक मिला.. कुछ भी ऐसे

कभी  assume नही करना चाहिए बजाय इसके सीधा पूछना चाहिए कि क्या आप बताएगें कि क्या हुआ?? मैं कुछ दिनों से देख रहा हूं आप परेशान लग रहे हो हुआ क्या ?? क्य असब कुछ ठीक है ??

उसे बताईए कि आप हमेशा उसके साथ हैं… और उसे इस बात के लिए भी एनकरेज कीजिए कि वो खुद कोई हल निकाले कोई स्कूल में या दोस्त के साथ कोई बात हुई है तो खुद क्या सही है सोचे पर आप उसके साथ जरुर खडे हों..

दरवाजे हमेशा खुले हो.. Teenagers  अक्सर अपने दोस्तों को बहुत महत्ता देते हैं.. सारी बात उनसे शेयर करते हैं तो ऐसे में दोस्तो को घर पर बुलाईए.. जान पहचान बढाईए… पता भी लग जाएगा  कि कैसे दोस्त हैं दोस्तों का हमेशा स्वागत कीजिए…

जब बात करें तो ऐसा समय निकालें कि आप दोनों के पास समय हो… जल्दी न हो आराम से समय निकाल कर बात कीजिए… कई बार समय न हो तो समय बना लेना चाहिए जैसाकि  आपको टयूशन से लेने जाना है या स्कूल से लेने जाना है.. जानबूझ कर समय निकालना चाहिए.

समय एक साथ बिताने के लिए एक साथ खाना का समय भी रखना चाहिए… डिनर ऐसे में बेस्ट रहता है.. मिलकर खाना खाना चाहिए या फिर संडे या कोई भी एक दिन मिलकर ही बिताना चाहिए…

कई बार बच्चे बैठ कर बात करने में थोडा हैजीटेट करते हैं तो कुछ पेरेंटस बजाय बैठ कर बात करने के कुछ काम करते करते बात करते हैं जैसे मान लीजिए मदर काम कर रही हैं और बच्चा अपनी बात बता रहा है या फादर सैर कर रहे हैं और वो बोल रहे हैं कि आप भी आ जाओ घूमते घूमते बात करेंगें… इसका फायदा होता है कि आई कोंटेक्ट से बच जाते हैं कई बार पेरेंटस के गुस्से वाली आखों का सामना नही करना चाहते.. और अपनी बात आराम से कर लेते हैं.. कई बार  इस तरह से भी कर लें तो कोई गलत नही..

पेरेंटस को बच्चों की positive qualitiesदेख कर उन्हें  appreciate करना चाहिए. बेशक बहुत बातें पसंद नही होती और वो कह देते हैं पर जो पसंद होती है तो उसे भी कह देना चाहिए… ये बहुत जरुरी होता है.. –

उनके interests  का भी ख्याल रखना चाहिए – अगर उन्हें गाना सुनने का शौक है तो टीवी देखने का शौक है तो उसे बार बार टोकना नही चाहिए…

और उन्हें privacy  भी देनी चाहिए – मोबाईल कर रह अहै तो उसके हाथ से छीन कर कि किसे मैसेज कर रहे हो… ऐसे नही करना चाहिए… कमरे में भी जाए तो knock करके जाएं तो बहुत अच्छा रहेगा

पेरेंट्स को observant करते रहना चाहिए. बच्चों में बदलाव आना शारीरिक और मांसिक रुप से बदलाव आना स्वाभाविक है मूड बहुत स्विंग होता रहता है कभी बोल रहे हैं कभी चुप है… ये बातें तो नार्मल हैं पर कुछ अलग लगे तो समझना भी चाहिए और फिर बात भी करनी चाहिए. ये नही कि जज की तरह फैसला सुना दिया..

Parents को रोल मॉडल बनना चाहिए… खुद उदाहरण बनना चाहिए ताकि बच्चे उन्हें आदर्श बना सके.. वो अपनी बात पर खरे उतरें…   कुल मिलाकर एक loving parent बनना चाहिए .. अच्छी बात हो तो सराहिए और बच्चे गलती कर दें तो समझाईए खुद कभी गलत बोल गए तो माफी मांग लीजिए… पूरी तरह से स्पोर्ट कीजिए… मिल कर  बैठे हंसे बोलें..  इससे सम्बंध मजबूत बनते हैं… That type of feelings help to build good rapport.

बच्चे की सुनने के बाद जब अपनी खत्म करे तो वो तल्खी में न हो बल्कि positive note / mode में हो.. ताकि आगे भी बातचीत की सम्भावना बनी रहे…

 

July 30, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Health Tips for Women in Hindi – महिलाएं अपनी सेहत का कैसे रखे ख्याल

Health Tips for Women in Hindi

Health Tips for Women in Hindi – महिलाएं अपनी सेहत का कैसे रखे ख्याल – महिलाएं अपनी सेहत का कैसे रखे ख्याल… कहने को हम सभी health conscious होते हैं पर अगर मैं ladies की बात करुं वो अपनी health को लेकर कितनी aware  होती है तो 90% यही answer होगा कि नही.. अपना ख्याल जरा भी नही रखती.. जबकि रखना चाहिए क्योकि घर का काम कम नही होता और अगर वो वर्किंग है तो और भी डबल काम… तो बहुत जरुरी है अपना ख्याल रखना तो क्या करें कैसे रखे अपना ख्याल…

Health Tips for Women in Hindi – महिलाएं अपनी सेहत का कैसे रखे ख्याल

मैं इसके लिए 7 बातें या 9 बातें या 11 बातें बताऊंगी पर मैं नही मैं सिर्फ 3 बातें ही बताऊंगी.. और अगर आपने उसे फॉलो कर लिया मान लीजिए आप की सारी परेशानी भाग जाएगीं…

तो क्या है वो तीन बातें.. सबसे पहले हैं दिमाग ठंडा

सारे काम खराब यही से होने शुरु होते हैं जब दिमाग गर्म हो जाता है इसलिए दिमाग ठंडा यानि बात बात पर तनाव लेती हैं तो उससे जरा दूरी बना कर रखिए.. सोच को पॉजिटिव सोच बनाईए हमेशा आधा गिलास भरा हुआ देखें औरों की कमियों पर नहीं खासियतों पर गौर करना शुरू करें जो औरों की खासियतें देखता है वह खूबसूरत बन जाता है ये स्वस्थ रहने के लिए बहुत जरुरी है.. फिर आप आप कुछ बाते कर सकती हैं जैसाकि डेली रुटीन से कुछ समय अपने लिए निकालिए.. कुछ भी जो आपको पसंद है वो कर सकती हैं चाहे गाने सुन सकती है.. अच्छी वीडियो देख सकती हैं.. अच्छी नींद ले सकती हैं.. कभी कभार तेल मालिश भी करवा लेनी चाहिए.. मतलब सिर ठंडा रखना है..

फिर दूसरी बात है पेट नरम रखना..

अपने खानपान का हम जरा भी ध्यान नही देते और कभी भी कुछ भी खा लेते हैं.. तो अगर हम बैलेंसड डाईट लेंगें, पौष्टिक खाना लेंगें.. जब भी तला भुना, मिर्च मसालेदार खाते हैं तो पेट फूल भी जाता है और अलग अलग तरह की प्रोब्लम शुरु हो जाती है… खाने में हमेशा दाल, सलाद, फल , हरी पत्तेदार सब्जी लेंगें और पानी नियमित पीने का नियम बना लेंगें और खाने के ऊपर नमक छिडकने से परहेज रखेंगें और चीनी कम लेंगें तो भी बहुत फर्क पड सकता है…

अब तीसरी बात आती है कि पैर गर्म रखना… पैर गर्म रखने का ये मतलब नही कि जुराबे पहन लें Basically इसका मतलब है stay active. अब ये सोच रहे होंगें कि सारा दिन काम में लगे रहते हैं पर ऐसे काम जिससे एनर्जी आए… घर के काम थका देते हैं और हमें एक्टिव होना है इसके लिए योगा.. टहलना या जो भी मन पसंद व्यायाम है वो करना चाहिए… इससे ब्लड सर्कुलेशन बढती है और हम एक्टिव हो जाते हैं.. कितना बैठे रहने का काम करते हैं दो दो घंटे टीवी ही देखते रहते हैं तो उठिए कुछ क्रिएटिव कीजिए…

तन जितना धूमता रहेगा उतना स्वस्थ रहेगा और मन जितना शांत रहेगा उतना स्वस्थ रहेगा..

सिर ठंडा, पेट नरम और पैर गर्म के सिद्धांत को आयुर्वेद में स्वस्थ शरीर का परिचायक माना गया है….

Health Tips for Women in Hindi – महिलाएं अपनी सेहत का कैसे रखे ख्याल

July 28, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Do You Care for Your Parents – क्या आप रखते हैं मम्मी पापा का ख्याल – बच्चों से बातें – Monica Gupta

Do You Care for Your Parents

Do You Care for Your Parents – क्या आप रखते हैं मम्मी पापा का ख्याल – बच्चों से बातें – Monica Gupta – हैलो बच्चों..  आ जाओ जल्दी जल्दी से यहां बहुत सारी बातें करनी हैं आपसे… !! और हां… एक मिनट…  एक कॉपी, पैंसिल भी लेते आना.. अरे वाह !! आपके तो हाथ में पहले से ही हैं… वेरी गुड !! आप तो स्मार्ट हो रहे हो..

Do You Care for Your Parents – क्या आप रखते हैं मम्मी पापा का ख्याल – बच्चों से बातें –

अब आराम से बैठिए और बताईए कि कैसे हैं आप ?? आपके मम्मी पापा कैसे हैं ?? तंग तो नही करते न अपने पेरेंटस हो… चलिए आज मम्मी पापा के बारे में ही बात करते हैं मम्मी पापा का ख्याल कैसे रखें बच्चे

आपको पेपर पर 10 तक नम्बर लिखने हैं… जो मैं पूछू उस के आगे अगर आपका जवाब हां है तो टिक नही तो क्रास लगा देना… फिर एंड में हमे पता लग जाएगा कि आप अपने मम्मी पापा का कितना ख्याल रखते हैं.इससे पहले जो वीडियो बनाई थी कि स्कूल में कैसे रहें बच्चे –उस पर बहुत सारे बच्चों ने अपना नाम और नम्बर लिख कर भेजे… जिसके लिए बहुत सारा थैंक्स.. सबके नाम और मार्क्स आप कमेंट में देख सकते हैं बहुत बच्चों मे प्रॉमिस किया है और बहुत बच्चों ने वजह बताई है और सभी ने ईमानदारी से रिप्लाई किया है… इसके बारे में चलिए अब मैं शुरु करती हूं.. कि आप अपने मम्मी पापा का कितना ख्याल रखते हैं.

1. क्या अपने मम्मी पापा का ख्याल रखना चाहिए.अगर हां तो टिक मार्क लगा दीजिए नही तो क्रास

2. जो आपके मम्मी पापा कहते हैं उनका कहना एक ही बार में मानते हो या बार बार कहने पर.. अगर एक बार में मानते हो तो टिक नही तो क्रास

3. किसी वजह से आपके मम्मी पापा आपकी बात नही मान पाए तो क्या नाराज हो जाते हैं या नही. अगर नही तो टिक हां तो क्रास

4. अगर मम्मी पापा ने आपको किसी बात पर डांट दिया तो क्या आप प्रॉमिस करते हैं कि ये बात दुबारा नही करेंगें या आप मुंह बना लेते हैं नाराज हो जाते हैं

5.सुबह उठ कर या रात को सोने से पहले मम्मी पापा को हग करते है और गुड मार्निग या गुड नाईट स्वीट ड्रीम्स बोलते हैं

6. क्या आप अपने मम्मी पापा से प्यार से रिस्पेक्ट से बात करते हैं या नही…

7. जब घर पर गेस्ट आते हैं तो क्या मम्मी की हैल्प करवाते हैं या नही..

8. पापा या मम्मा जब ऑफिस से घर आते हैं तो उनसे हैलो करते हो उनका हाल चाल पूछ्ते हो या अपने वीडियो गेम या टीवी या मोबाइल में ही लगे रहते हो

9. मम्मी पापा का बर्थ डे या शादी की सालगिरह, मैरिज एनावर्सरी याद है उनको विश करते हो या नही

10. अगर मम्मी या पापा की तबियत ठीक नही लग रही तो क्या आप उन्हें दवाई लेकर आराम करने को कहते हैं या नही..

तो ये थे 10 पोईंटस अब आप देखिए कि कितने टिक है उसका टोटल कीजिए और मुझे भेज दीजिए .. मुझे भी तो पता चले कि आप लोग अपने मम्मी पापा का कितना ख्याल रखते हैं तो मुझे आपके कॉमेट्स का इंतजार रहेगा.. तब तक स्माईल भी रखिए और खुश रहिए और खुश रखिए और अगर आप ये वीडियो अपने दोस्तों के साथ शेयर करना चाहे तो जरुर कर लीजिएगा… पता तो चले कि वो अपने मम्मी पापा का कितना ख्याल रखते हैं ??

Do You Care for Your Parents

Hello aunty,Iam Uddeepta,i scored 9 marks. Bcz. Sometimes I left my copies at home.

Lakshita, class 1st, points 10, first two points me mma help Karti hai.

 

July 26, 2018 By Monica Gupta 3 Comments

How to Get Kids to Listen – बच्चे बात नहीं मानते – How to Get Your Kids to Listen

How to Get Kids to Listen

 How to Get Kids to Listen – बच्चे बात नहीं मानते – How to Get Your Kids to Listen – #ParentingVideosInHindi – Monica Gupta – बच्चे कहना नही मानते… Parents की अक्सर यही शिकायत रह्ती है कि बच्चे कहना ही नही मानते.. सुनते ही नही जितना भी बोले जाओ… तो आज इसी बारे में बात करती हूं कि बच्चे कहना किसलिए नही मानते.. क्या कारण हैं… मैं 11 बातें बताऊंगी… देखिए 6 बातें तो वो जो कॉमन हैं और 5 बातें जो जरुरी हैं पर हम ध्यान नही देते या ध्यान जाता ही नही…

How to Get Kids to Listen – बच्चे बात नहीं मानते – How to Get Your Kids to Listen

सबसे पहली वजह है

1.लाड़-प्यार

माता पिता का बहुत लाड प्यार बच्चों को बिगाड देता है बच्चों को लगता है कि मम्मी पापा प्यार करते हैं तो वो कुछ नही कहेंगें और वो उनकी किसी बात को सीरियसली नही लेते  और अनसुना कर देते हैं.. इसमे की बार पेरेंटस तो ज्यादा लाड़-प्यार नही दिखाते पर दादा दादी दिखाते हैं कुछ कहो तो बच्चो की ढाल बन जाते हैं वही अगर मम्मी ने कुछ कह अतो पापापा और पापा ने कुछ कहा तो मम्मी ढाल बन जाती हैं.. उससे बच्चे फिर अनसुन अकरते रहते हैं.. उनके मन में यही चल रहा होता है कि कुछ नही होने वाला…

2 घर का माहौल

बहुत बार घर का माहौल ऐसा होता है कि family member एक दूसरे की बात नही सुन रहे .. इससे बच्चे पर बहुत असर पडता है वो उन्ही को फ़ोलो करता है… तो घर का माहौल भी ऐसा बनाए रखना जरुरी है जहां ऐसे खुले में झगडा न हो या बच्चों के सामने न हो..

3 माता पिता समय ही नही देते…

बहुत सारी बाते बच्चो को पेरेंटस से करनी होती है.. बतानी होती है पर दोनो के पास समय ही नही और जब घर आते हैं तो मोबाइल, मैसेज, टीवी इसमे लग जाते हैं…  तो बच्चे भी बेरुखी दिखलाते हैं… जवाब ही नही देते.. उनके मन में यही चल रहा होता है वो हमारी बात नही सुनते तो हम क्यो सुने…

कई बार ऐसा भी देखने मे आता है कि पेरेंटस दूसरे कमरे में हैं और बच्चों की आवाजे आ रही है बच्चा आवाज देकर बुला रहा है कि आओ मम्मी … पर नही जाते… जब तक रोना चिल्लाना न बढ जाए… तो जब बच्चा आराम से आवाज दे रहा है तो तभी सुन लेनी चाहिए बात बढने के बाद बात हाथ से निकल जाती है…

  1. बात बात पर पिटाई करना गुस्सा करना चिल्लाना..

कई बार पेरेंटस गुस्से मे आकर बच्चे पर हाथ उठा देते हैं.. ऐसे में बच्चा डरने लगता है और वो छिप कर काम करने लगता है..ऐसे में बाते भी अनसुनी कर देता है.. तो मारना या गुस्सा होने की बजाय प्यार से समझाए और अगर फिर भी बच्चा नही माने तो उसकी सजा बताए..

कई पेरेंटस धमकी भी देते हैं कि ये नही किया तो ऐसे करुगा.. कमरे में अबंद कर दूंगा.. ये कर दूंगा.. अपना पूरा रौब दिखाते हैं.. ये भी सही नही… बजाय इसके अपने घर के कुछ नियम बना कर रखने चाहिए कि ऐसा किया तो ये होगा… और ये सही नही.. उसे ये बात समझानी चाहिएकि ये बात समझनी आपके ही भले के लिए है.. बच्चा कुछ पूछे बात करे तो चिल्लाना तो वो

  1. रिश्वत देना.. बहुत पेरेंटस ऐसा ही करते हैं कभी कभी तो कोई दिक्कत नही पर हमेश अगर बार बच्चे से ऐसे काम करवाएगें तो उसके मन में लालच बैठ जाएगा.. या फिर कई बार मदर्स इमोशनली भी कुछ ऐस अकह जाती है कि अरे तुम्हारे लिए ही रह रही हूं मैं यहा.. नही तो कभी की चली जाती घर छोड कर.. उससे बच्चे के मन में एक guilt  की भावना आ जाती है.. कि ये मेरे लिए हो रहा है और वो बिल्कुल उदसीन हो जाता है… तो ना तो रिश्वत देना और ना ही इमोशनल होकर बच्चों के सामने ऐसी वैसी बात करनी चाहिए..
  2. फिर आता है कि अच्छा काम करने पर कभी एनकरेज नही करना और कोई छोटी सी गलती होने पर सभी के सामने डांटना.. तुलना करना, उससे बच्चे में एक कॉम्प्लेक्स की भावना आ जाती है…

ये तो थी कुछ ऐसी बातें जो हमें लगभग पता ही होती है… कुछ बाते ऐसे हैं जिन पर ज्यादा ध्यान नही देते जबकि ये भी बहुत बडी वजह बनती है बच्चे का कहना न मानने की…

  1. पहली वजह है कि हम बहुत ज्यादा मौके देते हैं.. एक बार गलती की.. चलो दूसरी बार नही करेगा.. दूसरी बार की तो चलो तीसरी बार नही करेगा… ऐसे में बच्चे यही सोच लेते हैं कि कोई कुछ नही कहेगा.. … जबकि पहली बार में ही समझा देना चाहिए कि ये सही नही है..और अगर इसे किया गया.. तो इसका ये रिजल्ट होगा…
  2. कई बार हम पेरेंटस ही अपनी बातो से कंफ्यूजन कर देते हैं… जैसा कि एक बार मैं अपनी सहेली के घर गई हुई हुई थी. उसका बेटा खाना खा रहा था वो बोली मुंह बंद करके खाओ.. उसे समझ नही आया.. उसने खाना ही खाना बंद कर दिया…जब पूछा कि खाना किसलिए नही खा रहे तो बोला..कैसे खाऊं मुंह बंद करके.. फिर उसे बहुत झेंप लगी और समझाया जब मुंह में खाना हो तो मुंह बंद करके चबा चबा कर खाओ.. तो कुछ ऐसी बातों पर ध्यान देना चाहिए..
  3. तीसरी बात आती है कि बच्चे की उम्र के हिसाब से ही काम देना चाहिए.. बहुत बार हम उस पर बहुत सार अकाम सौंप देते हैं उसके लिए वो बहुत ज्यादा हैं पहाड के जैसे और ऐसे में वो भूल भी जाता है… जैसा कि हमने बोला अपन अकमरा साफ करो, स्कूल बैग लगाओ और यूनिफार्म एक तरफ रख कर सोना… हमारे लिए ये कोई बडे काम नही पर बच्चे के लिए बहुत ज्यादा है… बजाय multi tasking  के उसकी age के हिसाब से ही काम सौंपने चाहिए..
  4. चौथी बात आती है कि हम बच्चों को संस्कार ही नही देते कि कहना मानना चाहिए बडो का आदर करना चाहिए.. जब किसी बात पर बच्चों का झगडा हो जाए या जब हमारा कहना ना माने तब हम लेक्चर देते है कि कहना नही मानते, नालायक हो जबकि ऐसी बातें शांत माहैल में हलके माहौल में समझाई जाएं तब समझ आती हैं… तब बच्चे इसकी महत्ता समझ भी सकते हैं ..
  5. पांचवी बात आती है कि उन्हें समझ ही नही है कि कहना मानना चाहिए… समझ ही नही है… ऐसे में बच्चों को समझाना चाहिए कि जो बच्चे बडो का कहना मानते हैं उनसे भगवान खुश होते हैं… अगर आप बडो का कहना मान रहे हो यानि भगवान को खुश कर रहे हो…जब एक फूल नही खिलता तो हम फूल को ठीक करते हैंं या वहां के environment को.. बस यही करना.. माहौल अच्छा देना है 

    When a flower doesn’t bloom we fix the environment in which it grows not the flower..

How to Get Kids to Listen – बच्चे बात नहीं मानते – How to Get Your Kids to Listen

July 24, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Healthy Relationship Habits – आदतें जो रिश्तों को बेहतर बनाती हैं – पति और पत्नी का रिश्ता

Healthy Relationship Habits

Healthy Relationship Habits – आदतें जो रिश्तों को बेहतर बनाती हैं – पति और पत्नी का रिश्ता    #HusbandWifeRelationshipTipsInHindi – हमारी कुछ आदतें हमारे रिश्ते को खूबसूरत बना सकती है… देखिए हमारी जिंदगी में बहुत सारे रिश्ते होते हैं उन रिश्तों में एक खास रिश्ता है पति पत्नी का… ये रिश्ता बहुत खूबसूरत भी होता है और इसी के साथ साथ नाजुक भी... इसे अच्छा बनाए रखने के लिए क्या क्या नही किया जाता .. लेकिन अगर हम अपनी कुछ आदतों पर ध्यान देंगें तो ये रिश्ता और भी खूबसूरत होता चला जाएगा

Healthy Relationship Habits – आदतें जो रिश्तों को बेहतर बनाती हैं – पति और पत्नी का रिश्ता

तो क्या हैं वो आदतें.. मैं आपको बता रही हूं 9 आदतें.. सबसे पहली आदत तो ये ही है कि

 1 . Quality time बिताना… रिश्ता हैल्दी बनाना है तो ये आदत ही बना लेनी चाहिए कि  एक दूसरे को Quality time तो देना ही है.. समय बिताने के ये भी मतलब नही कि आप एक साथ तो हैं पर मोबाइल पर लगे हैं या टीवी ही देख रहे है.. गेम्स खेल रहे है.. या आफिस का काम साथ लाए है… या घर पर दोस्तों को बुला लिया.. या वाईफ है तो बच्चों के साथ लगी हुई है.. किचन में लगी हैं  किसी को एक दूसरे के साथ बिताने की आदत.. मिलकर बैठना… समय देना… ताकि अकेलापन या खालीपन न महसूस हो…

  1. दूसरी हैल्दी आदत है communication –  एक healthy and strong relationship के लिए communication होना बहुत जरुरी है.. और वो ऐसा हो जिसमे अपनेपन का अहसास झलके… दिल से बात करनी है.. एक दूसरे को विश करना हाल चाल पूछना अगर दोनो आफिस जाते हैं तो बीच बीच में फोन करके हाल चाल पूछना.. अगर वाईफ होम मेकर हैं तो उससे पूछना कि कैसा रहा दिन.. अपनी अच्छी बुरी बातें अपने फीलिंग इमोशन शेयर करना.. इससे पता चलता है कि एक दूसरे की कितनी केयर करते है… कुछ कपलस बडे गर्व से बताते हैं कि हम तो मिनट साथ बैठ कर बात करते हैं तो हमारी लडाई शुरु हो जाती है… तो जरुरत इस बात पर ध्यान देने की है कि वो communication किस तरह की होती है…
  2. अब आता है तीसरा पोईंट की.. appreciate करे… जब भी बैठे, बात करे तो बजाय नेगेटिव बोलने के पॉजिटिव बोले.. एक दो एक दूसरे की अच्छाई खोजे और उसे appreciate करे… इससे रिश्ता और मजबूत बनता है… एक लेडी घर बहुत अच्छा सम्भाल रही है पर पति कहता नही… मन में ही बात रखता है तो इसे शो करना.. मन में नही रखना… अलग अलग तरीके हैं जैसे मान लीजिए वाईफ ने टिफिन तैयार किया और और एक स्लिप भी लगा दी जिसे पढ कर पति के चेहरे पर स्माईल आ गई और पति भी खाने के बाद कुछ भी कहो पर तुम्हारे खाने का जवाब नही या कुछ भी.. इससे खुशियां बनी रहती है.. जो एक दूसरे को इस तरह से करते है उनके रिश्ते और भी ज्यादा मजबूत होते जाते हैं तो appreciate करने की आदत तुरंत डाल लेनी चाहिए और एक दूसरे की अच्छी खोज कर उसे एनकरेज करना चाहिए.. अलग अलग तरीके हैं चाहे कोई उपहार दे दिया या बाहर धुमाने ले गए मूवी ले गए.. या खाने पर ले गए…

4.फिर Healthy  Habits में बात आती है..  एक दूसरे की respect करने की आदत.. एक दूसरे की भावनाओ का  आदर… भावनाओ को समझना और मान देना.. वेल्यू देना.. जैसा देंगें वैसा ही मिलेगा.. प्यार को दर्शाता है तो दोनो को एक दूसरे की रिस्पेक्ट करनी चाहिए.. Simple words का इस्तेमाल करते रहना चाहिए मान लीजिए पति को चाय चाहिए तो प्लीज एक गिलास चाय मिलेगी… पत्नी बाहर से अखबार लाकर देती है तो थैक्स….. इससे रिश्ता और भी ज्यादा खास बनता है.. देखिए कितनी छोटी सी आदत है कि आराम से आदर देकर बात करनी है…  जब आदर देंगे तभी तो प्यार बढेगा और बोंडिग मजबूत बनेगी.. आपस में…

  1. एक दूसरे के family और friends  से सम्बंध मजबूत हों.. पति पत्नी एक दूसरे का ख्याल रखेंगें फिर एक दूसरे के परिवारो को भी प्यार देंगें… ख्याल रखेंगे.. दूर रह कर भी रिश्ते निभाए जा सकते है… और ये जरुरी नही कि सब मिलने पर ही.. आप बात करके मैसेज करके भी या फोन पर बात करके भी अपने सम्बंध मजबूत रख सकते है..

6. एक दूसरे की मदद करवाने की आदत भी रिश्ता मजबूत बनाती है.. चाहे वो घर के काम ही हों… जब एक दूसरे की केयर करते हैं, ख्याल रखते है, आदर मान देते हैं तो एक आदत और भी उभर कर आती है और वो है.. घर के छोटे मोटे कामों में मदद करवानी… और एक दूसरे का दिल जीतने के लिए ये बहुत अच्छी आदत है कि मान लीजिए घर पर मेहमान आए हुए हैं तो पति अगर ये ही पूछ लेना कि क्या मैं मदद करवा दू.. और करवा भी देना.. बहुत सुखद अहसास करवाता है लगता है कि कितने केयरिंग हैं कितना अपनापन है… वाईफ की तबियत ठीक नही तो पति चाय बना कर ला रहे है.. बातें बहुत छोटी छोटी होती है पर दिल पर बहुत गहरी छाप छोड जाती है कि एक दूसरे का  कितना ख्याल रखते है… इससे trust भी बढता है और नजदीकी भी बढती है…

7. एक आदत बहुत अच्छी होती है कि बहस नही करते.. देखिए परिवार में रहते हुए कुछ issues हो जाते हैं अलग अलग… वो जानते हैं कि अपनी अपनी सोच होती है और वो एक दूसरे से अलग हो सकती है.. अपनी बात दूसरे पर लादते नही हैं..  और अगर किसी बात को लेकर Conflict हो भी गया तो ज्यादा तूल नही देना क्योकि उन्हें पता है उससे दोनो को ही बेवजह unnecessary stress  होगा.. इसलिए बहस बाजी में नही पडते.. और कई बार हो भी जाते है कि बात बढ गई तो कोई बात नही सॉरी है ना… कई बार कुछ ज्यादा अगर बोला भी गया तो तुरंत माफी मांग लेते है.. बात बढाते नही कि आपस मे ही सुलटारा कर लेते है…  अपनी बात मनवाने का प्रयास नही करते..

  1. एक दूसरे को Space देते है… एक दूसरे को हमेशा बांध कर नही रखते… .. बेशक, इस रिश्ते में जितनी closeness होती है उतनी ही independence आजादी भी देना अच्छी आदत है इससे एक trust भी बढता है.. और मजबूत होता है… बात बात टोकना मना करना भी सही नही… मान लीजिए पति को मैच देखना अच्छा लगता है तो देखने दीजिए आपको सास बहू के रिश्ते देखना अच्छा लगता है तो आप देखिए.. कहां गए थे.. किससे मिले थे.. क्यो गए थे… Space  दीजिए.. 24 घंटे निगरानी पहरेदारी करना भी सही नही… पर कुछ समय अपने लिए, अपने शौक के लिए  निकालना अपना ख्याल रखना भी रिश्तें को मजबूती देता है.. हां अपनी अपनी सीमाएं होती है.. इसका भी ध्यान रखा जाता है…
  2. प्लानिंग करते है.. मिल कर बैठते हैं बात करते हैं तो अपने भविष्य पर विचार करते है कि किस तरह से और क्या क्या करना है.. कैसे जिंदगी को और बेहतर बनाया जा सकता है…

तो ये हैं कुछ Habits जो रिश्ते को और मजबूत बनाती हैं… Healthy Relationship Habits – आदतें जो रिश्तों को बेहतर बनाती हैं – पति और पत्नी का रिश्ता

 

July 22, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Good Habits for Students in School – स्कूल में कैसे रहें बच्चे – बच्चों की बातें – Monica Gupta

Good Habits for Students in School

Good Habits for Students in School – स्कूल में कैसे रहें बच्चे – बच्चों की बातें – Monica Gupta – हैलो बच्चों..  आ जाओ जल्दी जल्दी से यहां बहुत सारी बातें करनी हैं आपसे… !! और हां… एक मिनट…  एक कॉपी, पैंसिल भी लेते आना.. अरे वाह !! आपके तो हाथ में पहले से ही हैं… वेरी गुड !! आप तो स्मार्ट हो रहे हो.. ये तो बहुत ही अच्छी बात है..अब आराम से बैठिए और बताईए कि कैसे हैं आप ?? पढाई कैसी चल रही है.. होमवर्क कर लिया ?? लर्न वर्क कर लिया या अभी नही.. चलिए आज स्कूल की ही बात करते हैं..

Good Habits for Students in School – स्कूल में कैसे रहें बच्चे – बच्चों की बातें –

कि कैसे student  हैं आप ??

आपको पेपर पर 10 तक नम्बर लिखने हैं… जो मैं पूछू उस के आगे अगर आपका जवाब हां है तो टिक नही तो क्रास लगा देना… फिर एंड में हमे पता लग जाएगा कि आप कैसे student हैं..

इससे पहले जो वीडियो बनाई थी कि घर पर कैसे रहें बच्चे –उस पर बहुत सारे बच्चों ने अपना नाम और नम्बर लिख कर भेजे… जिसके लिए बहुत सारा थैंक्स..

चलिए अब मैं शुरु करती हूं.. कि कैसे student  हैं आप ??

  1. School bag organized रहता है या नही.. जैसा कि एकदम साफ सुथरा, कॉपी पर कवर लगे हुए प्यारे से स्टीकर्स लगे हुए, डॉयरी के पेज न फटे हों proper binding हो, पैन पैंसिल, स्केल geometry box में हो…
  2. स्कूल जाने से पहले बैग चैक करते हैं कि सभी किताबें, कॉपी ,पैंसिल, रबर, रफ कॉपी सब लेकर जा रहे हों या नही… फिर स्कूल में ही सजा मिलती है..
  3. स्कूल या वैन में जब जाते हैं तो क्या वैन से हाथ बाहर निकालते है शरारत करते हैं या आराम से बैठ कर जाते हैं.
  4. अब हम क्लास की बात करते हैं मान लीजिए आप क्लास में आ गए.. और टीचर 10 मिनट लेट हैं तो क्या आप बात करना शोर मचाते हो या जिस सब्जेक्ट की क्लास है उसे देखते हैं कि कल क्या पढाया था या आज क्या पढना है.
  5. मान लीजिए आप होमवर्क करके नही गए… घर पर मस्ती करते रहे खेलते रहे और ध्यान ही नही रहा तो क्लास में क्या बोलते हैं सॉरी टीचर और सच बात बताते हैं या बहाना बनाते हैं कि मेरी मम्मी की तबियत खराब हो गई थी या किसी और की खराब हो गई थी इसलिए कर ही नही पाया.. यानि झूठ झूठ

6. क्लास में टीचर पढा रहे हैं और आपको समझ नही आ रहा तो क्या आप खडे होकर पूछ्ते हैं या नही समझ आ रहा तो कोई बात नही…             देखी जाएगी..अगर नही समझे तो रट्टा लगाना पडेगा और फिर वो कभी समझ नही आएगा..

  1. जब क्लास टेस्ट होता है तो क्या पढाई करते हैं लर्न करते हैं या चीटिंग करते हो.. ये करना सबसे आसान काम लगता है..
  2. आपके स्कूल में या क्लास में किसी बच्चे का कद छोटा है कोई बहुत मोटा है या कोई बहुत पतला है तो कोई चश्मा लगाता है तो क्या आप उसका मजाक बनाते हो या अगर कोई बच्चा मजाक बनाता है तो उसे भी समझाते हो कि ऐसा नही करना चाहिए…
  3. Recess हो गई है सभी बच्चे खाना खा रहे है.. एक बच्चा चुपचाप बैठा है वो टिफिन लाना भूल गया तो क्या आप उसके साथ अपना खाना शेयर करेंगें या नही..
  4. आपके दोस्त कैसे हैं.. जो बच्चे पढते हैं अपना होमवर्क करते है, लर्न करते हैं, साफ सुथरे कपडे पहनते हैं..या जो बच्चे न होमवर्क करते न पढाई करते, क्लास में भी सबसे पीछे बैठते हैं…

तो ये था कि आप कैसे student हैं.. अब आप जितने आपके टिक मार्क हैं उसे गिनिए.. और फिर मुझे बताईए अपना नाम अपनी क्लास आप कौन से शहर में रहते हैं और आपके कितने नम्बर है.. अगर आप अपनी बात वीडियो बना कर भी बताना चाहे तो जरुर बना कर भेजिए फिर आपकी वीडियो सभी के साथ शेयर करुंगी..

और ये भी बताईए कि जिसमे टिक मार्क नही है उसे कब तक आप ठीक कर लेंगे… और जिस दिन आपके सारे टिक हो जाएगें उस दिन मैं खासतौर पर आपका नाम लूंगी… और आपके बारे में सभी बच्चों को बताऊंगी ताकि वो आपसे सीखें…

तो मुझे आपके कॉमेट्स का इंतजार रहेगा.. तब तक स्माईल भी रखिए और खुश रहिए और खुश रखिए और अगर आप ये वीडियो अपने दोस्तों के साथ शेयर करना चाहे तो जरुर कर लीजिएगा… पता तो चले कि कैसे student हैं वो ??

Good Habits for Students in School – स्कूल में कैसे रहें बच्चे – बच्चों की बातें – Monica Gupta

 

July 20, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Teach Children to Be Responsible – बच्चों को जिम्मेदार बनाएं – Raise Responsible Kids – Monica Gupta

Teach Children to Be Responsible

Teach Children to Be Responsible – बच्चों को जिम्मेदार बनाएं – Raise Responsible Kids – Monica Gupta – #ParentingVideosInHindi –  कल एक known के साथ मार्किट गई हुई थी तो उसकी बेटी का फोन आया वो 6 क्लास में है.. पूछ रही थी कब आ रहे हो घर तो मेरी known बोली कि अभी थोडी देर लग जाएगी क्या हुआ ?? तो वो बोली की भूख लगी है मेरी सहेली ने कहा कि फ्रिज  में bread butter  है ले लो.. डिब्बे में मठ्ठी है नमकीन है और आचार है ले लो..

Teach Children to Be Responsible – बच्चों को जिम्मेदार बनाएं –

तो उसने मना कर दिया बोली नही आप ही आकर देना मुझे भूख लगी है.. और मेरी सहेली मार्किट का काम बीच में छोड कर चली गई… बोली कुछ भी नही करती काम अपने आप से… वो चली गई और मैं सोचने लगी कि बच्चों को थोडा बहुत तो responsible बनाना ही चाहिए..  पर कैसे बनाएं… देखिए मैं आपको कुछ बातें बताती हूं…

सबसे पहले तो पेरेंटस को मन पक्का करना होगा.. इसके लिए पेरेंटस को पहले अपना मन मजबूत करना होगा.. खासकर मदर्स को अच्छा नही लगता कि अरे नही.. बच्चे से क्या काम करवाना.. पर आप   ये सोच कर करवाईए कि उनके अच्छे भविष्य के लिए ये जरुरी है…  घर के छोटे मोटे काम बच्चों से करवाने की आदत डालनी है.. ये बच्चे के लिए ही अच्छा होगा..

फिर बात आती है कि बच्चे को बचपन से ही आदत डालिए.. और आदत बचपन से ही अब जैसे ये बिटिया 10 क्लास में हो गई और कुछ नही करती… बचपन मे तो बच्चे को जैसा मोल्ड कर लो वो वैसे ही बन जाते हैं..

फिर छोटे छोटे काम से शुरुआत करनी है.. बच्चे बहुत आना कानी करते हैं घर के काम करवाने में तो जैसे आप बच्चे का बेड ठीक कर रहे हैं तो प्लीज क्या आप मेरी हैल्प कर दोगे.. यहां से चादर ठीक कर दो… पहले उनका दायरा बहुत छोटा रखिए.. जैसे मान लीजिए आप काम कर रही है आपका फोन बजता है तो बच्चे को बोलिए आप सुनो किसका है बात करो और फिर मुझे दो… छोटी छोटी बातें है… जब लगे कि इसे अच्छा लग रहा है या ये शौक से कर रहा है फिर आप responsibility दे दीजिए..

फिर बात आती है कि जब ये काम करवा रहे हों तो प्यार और स्माईल रखनी है..  आराम से रिस्पेक्ट से बात करनी है… ऐसे नही लगे कि पेरेंटस तो order दे रहे है.. चलो ये करो चलो वो करो… नही देना… गुस्सा करने या टोकने के… आज आपने जो जो करना था कर लिया क्या ?? हो गया क्या आपका आज का काम ?? ऐसे कहिए..

Schedule बना लेना चाहिए ऐसे में बच्चे की responsibility का चार्ट बच्चे को बनाने को बोलिए.. चार्ट हो या व्हाईट बोर्ड हो.. कही लिख अहो और वो आखों के सामने भी हो ताकि याद रहे…

Irresponsible का label  कभी नही लगाना चाहिए.. अगर कभी कुछ गलत हो गया.. या टूट गया तो क्रिटिसाईज नही करना.. जैसे मेरी एक जानकार थी उसने अपने बेटे को संडे को डस्टिंग की responsibility दे रखी थी कि और एल लकडी पर एक कपडा बांध रखा था और लकडी पकड पर झाडना होता था.. कई बार जिस पर सफाई कर रहे है उस पर लकडी टच हो जाती एक आध बार वो टूट भी गई तो उसे बहुत मार पडी.. फिर उसका मन उस बात से इतना उचाट हो गया कि बस नही करनी… तो इसका भी कोई फायदा नही आपको संयम रखना पडेगा.. गलती हो गई तो समझाना चाहिए बजाय मारने के..

जो काम आपने सौंपा है उसके लिए किस चीज की जरुरत है वो Provide करवा दीजिए…

जैसे मान लीजिए आपने कहा कि आपको सुबह खुद जल्दी उठना है तो अलार्म दे दीजिए कि वो खुद लगाए.. आपने बोला है कि शाम को खेल कर 7 बजे तक घर आ जाए त्पो एक कलाई घडी दे दीजिए… आपने बोला है कि पेट्स को बिस्कुट देने है शाम को तो वो बिस्कुट उसकी पहुंच में हों ताकि वो ले ले… आप बोलते हैं कि जब कमरे से बाहर आओ तो लाईट पंखा बंद होना चाहिए पर अगर स्वीच बोर्ड थोडा उपर है कि हाथ नही पहुंचता तो एक छोटा सा स्टूल रख दीजिए…

Parents को खुद भी रोल मॉडल बनना होगा…

आपको खुद एक उदाहरण set करना होगा… आप खुद काम करते नही हमेशा maid या नौकर की इंतजार मे रहते हैं तो बच्चा भी कैसे सीखेगा.. आप खुद अपना कमरा गंदा रखते हैं और बच्चे को साफ रखने को बोलते हैं तो वो कैसे रखेगा…  तो खुद भी मिसाल कायम करनी होगी..

कभी कभी  Break भी दीजिए… आपका बच्चा हर रोज जो काम कर रहा है उसे एक दिन रेस्ट भी दीजिए उससे क्या होगा कि अगले दिन वो काम पूरे जोश के साथ करेगा.. मान लीजिए काप बोलते हैं कि संडे को आपकी छुट्टी पूरी मस्ती करो… उससे उसे अच्छा लगेगा.. हम हर रोज ही चढे रहेंगें टोकेंगे, गुस्सा करेंगें तो बात खराब ही होगी और न ही उसका मन करेगा…

फिर एक बात कभी नही भूलनी चाहिए और वो है शाबाशी… उसकी पीठ थपथपाना.. अरे वाह आपने बहुत अच्छा किया और उपहार स्वरुप उसकी पसंद का खाना बनाना और एक महीने मे अगर उसका स्कोर बहुत अच्छा है तो उसे कोई काम की चीज चाहिए तो वो दिलवानी..

बच्चों को कैसे भी करके हमें motivate करना है और उन्ही के भविष्य के लिए है.. कितनी ladies बोलती है कि हमारे पति तो घर का जरा भी काम मे हमारी मदद नही करवाते.. कुछ नही करते… ये बात न दोहराई जाए इसलिए बच्चों को जिम्मेदार बनाईए

#ParentingVideosInHindi – Monica Gupta – How to Raise Responsible Kids – How to Teach Children to Be Responsible – http://https://www.youtube.com/@MonicaGupta/ – Motivational Videos in Hindi – मोनिका गुप्ता

Teach Children to Be Responsible – बच्चों को जिम्मेदार बनाएं – Raise Responsible Kids – Monica Gupta

July 18, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Habits that Make People Dislike You – आदतें जो लोगों को नापसंद हैं – Annoying Habits – Monica Gupta

Habits that Make People Dislike You

Habits that Make People Dislike You – आदतें जो लोगों को नापसंद हैं – Annoying Habits – Monica Gupta – Irritating Habits – हमारी ऐसी आदतें जो दूसरों को irritate करती है या हमारी ऐसी आदतें जो दूसरे नापसंद करते हैं.. हमारी कुछ आदतें हमे हैल्दी बनाती है हमारी कुछ आदतें हमे   समझदार बनाती हैंं  पर कुछ आदतें ऐसी भी हैंं   दूसरो की जो  irritate करती है और बहुत ज्यादा करती है… कल कुुुुछ ऐसा हुआ इसलिए आपसे आज ये टॉपिक शेयर कर रही हूं.. मैं आपको 11 आदतें बता रही हूं…

Habits that Make People Dislike You – आदतें जो लोगों को नापसंद हैं

1. ऑफिस में लोग बैठे हैं काम कर रहे हैं कोई किसी से बात कर रहा है और नाक में उंगली डाल रहा है, नाक निकाल रहा है या दांत में कुछ फंसा हुआ निकालना, या कान का मैल निकालना और उसे चैक भी करना कि कितना निकला…  ऐसा बहुत बार होता है.. बहुत छी की फीलिंग आती है.. ऐसे करने वालो से लोग से दूर भागते हैं..

  1. हमारी कुछ नर्वस हैबिटस जैसा कि अगर हाथ में पैन है तो उसे बार बार टक टक करना, या पैर हिलाना नाखूब चबाना, उंगलिया मटकाना..

3 हमारा बात करने का तरीका.. नोर्मल पिच से तेज बोलना जैसे कि बहुत उंचा बोलना, ज्यादा बोलना. जैसा कि मान लीजिए आप कुछ लोगो के बीच मे बैठे हैं और जोर जोर से फोन पर बात कर रहे हैं… सबका ध्यान फिर आपकी ओर चला जाएगा और सब यही सोचेग़ें कि कैसा आदमी है ये..

4 बार बार मोबाइल देखना.. मैं किसी से बात कर रही हूं और उसका पूरा ध्यान मोबाइल चैक  करने में है… जब कोई बात कर रह अहै तो आई कोंटेक्ट रखना चहैए और सुननी चाहिए पर बात पर ध्यान न देकर मोबाईल पर ध्यान देना, या खाना खा रहे हैं तो भी ध्यान मोबाइल पर ही होना.. ये सही नही है.. मम्मी पूछ रही है बेता खाना लगा दू और बेटा लगा हुआ है कोई जवाब ही नही दे रहा…

5अब बात आती है पिक्चर हॉल की. अंधेरा होता है और बार बार मोबाइल देखना.. देखना भी irritate करता है और बात करना भी…

6 खाना खाते वक्त आवाज करना चप चप की , मुंह खोल कर खाना, ठूस ठूस कर खाना दूसरे को बहुत irritate करता है

  1. चीज लेकर देना भूल जाना… बहुत बार ऐसा होता है कि जरुरत पडने पर कोई चीज मांगी और फिर दी ही नही.. मान लीजिए पैन है आपके पास किसी ने मांगा कि प्लीज एक मिनट दीजिएगा.. और फिर उसे जेब में रख लिया… लौटाया नही… और अगर मांग लिया तो कई बार ऐसा शो करना कि मैं कौन सा ले कर भाग रहा था.. पडोसन भी बहुत बार कुछ मांगने आई और कटोरी या गिलास में कुछ गई और फिर बर्तन लौटाया ही नही…

8 बात काटना –  कई लोगो की आदत होती है.. कोई बोल रहा है और बीच में बात काट कर अपना बोलने लग जाना बहुत irritate करता है.. सुनने की आदत होनी चाहिए.. पहले बात खत्म होने दीजिए फिर बोलिए…

9 अडियल होना.. कुछ लोग बहस करते हैं और खुद को सही साबित करने में अडे रहते हैं कि मैं ही ठीक हूं मतलब अड जाते है.. सुनते ही नही… ये भी बहुत बुरी लगती है..

10 कुछ लोग बहुत impatient होते हैं.. बहुत उतावले बहुत जल्दबाज.. जैसाकि बैंक की लाईन मे लगे हैं या मूवी टिकट की लाईन में लगे हैं पर बहुत आधीर हो रहे हैं कि जल्दी आगे बढो या जैसे ग्रीन सिग्नल हुआ और हार्न बजाना शुरु कर दिया कि चलो जल्दी…

11.हमेशा दुखडा रोते रहना.. हमेशा जिंदगी से शिकायत रहना.. हमेशा क्रिटिसाईज करना कि ये सही नही ये कैसे हो गया… पॉजिटिव बात को भी नेगेटिव बना लेंगें… अब बताईए ऐसे लोगो को कोई कैसे पसंद करेगा..

Habits that Make People Dislike You -आदतें जो लोगों को नापसंद हैं – Annoying Habits – Monica Gupta –

July 16, 2018 By Monica Gupta 1 Comment

How to Be a Good Daughter In Law – एक अच्छी बहू कैसे बनें – How to Live with In Laws – Monica Gupta

How to Be a Good Daughter In Law

How to Be a Good Daughter In Law – एक अच्छी बहू कैसे बनें – How to Live with In Laws – Monica Gupta -अच्छी बहू कैसे बनें – फेवरेट या आईडियल Daughter in Law  कैसे बनें – जब घर में बेटी का जन्म होता है तभी से उसके मम्मी पापा सपने बुनने लगते हैं कि एक दिन एक खूबसूरत सा राजकुमार आएगा और ले जाएगा डोली में बैठा कर… और उसके सुनहरे भविष्य की कल्पना करने लगते हैं… वही बिटिया भी सैकड़ों अपने सजोंए नए घर जाती है और वो चाहती है कि वो सभी को खुश रखें.. सभी उससे खुश रहें.. उसके लिए देखिए ये तो हम सभी जानते हैं आदर दें, प्यार सम्मान दें, पर उसके इलावा भी कुछ ऐसी बातें हैं जिनका उसे ख्याल रखना चाहिए मैं अपने हिसाब से आपसे जरुरी  9 बातें शेयर कर रही हूं..

How to Be a Good Daughter In Law – एक अच्छी बहू कैसे बनें

1. सबसे पहले तो अपनी सोच पॉजिटिव रखे. अपनी मानसिकता ये रखे कि ये मेरा परिवार है.. मेरे पति का नही मेरा परिवार है.

 

2  समझें

नई जगह जाकर जानने समझने में समय लगता है तो एक दम शांत रहें क्योकि नयापन दोनो के लिए बराबर है जहां बहू के लिए सब नया है वही परिवार के लिए भी नया है.. इसलिए थोडा समय लीजिए और संयम रख कर समझने की कोशिश कीजिए..

3 सीखने का प्रयास करें
नई जगह पर सब कुछ नया ही होता है.. रहन सहन तौर तरीके, रीति रिवाज… तो कोई बात नही प्रयास करें सीखने का.. और उसे  खुले दिल से अपनाएं.. इससे अच्छा लगेगा और इससे ये भी महसूस होगा कि परिवार में रम रही है…

4 तुलना न करें

हमारे परिवार में तो ऐसा नही होता.. वैसा नही होता… खुद पर घमंड न करें . ये कैसा परिवार है.. हमारे यहां ये है वो है यहां तो कुछ नही.. तो तुलना कभी नही करनी… इससे रिश्ते बिगडते देर नही लगती..

5  घर की बात घर में ही रहने दीजिए

कोई बात पसंद नही आई तो पीठ पीछे बुराई नही  कभी किसी से तो कभी किसी से.. जिसकी जो बात पसंद नही आई तो बजाय बुराइयां या चुगली-चपाटी के उसके साथ बैठ कर बात क्लीयर कर लीजिए क्योकि इधर उधर बोल कर भी रिश्ते में कडवाहट आ जाती है..

6 सलाह ले –

कोई भी बात हो तो प्राथमिकता ससुराल को दे.. कुछ बात पूछनी है तो सास या घर के बडे लोगो से सलाह ले न कि अपने मायके फोन करके कि बताओ क्या करना चाहिए. अगर आपको पता है कि आप सही हैं फिर भी सलाह लें इससे बडो की इग़ो भी संतुष्ट होती है और अपनेपन की भावना भी आती है

7  परिवार के नजरिए से सोचे..

बहुत बार मिस अंडर स्टेंडिग हो जाती है… कोई कुछ कहना चाह रहा है और हम कुछ और समझ जाते हैं.. तो उनके नजरिए से सोचे कि जैसा मान लीजिए ससुर जी ने या ननद ने कुछ कह दिया तो सोचिए कि उन्होने वैसा किसलिए कहा.. फिर ही किसी नतीजे पर पहुंचे.. उनके एंगल से सोचेंगें तो बात जल्दी साफ हो जाएगी…

8  मां बेटे के रिश्ते को बढावा दें..

मां बेटे का रिश्ता बहुत खूबसूरत होता है…पति होने के साथ साथ वो किसी के बेटे भी हैं तो उसे समझें…  सास को ये महसूस नही होना चाहिए कि बहू आ गई और अब बेटा दूर हो गया.. बल्कि आप को उन्हें ऐसे जोड कर रखना चाहिए  कि सास भी ये सोचे कि पहले से भी ज्यादा केयर करने लगा है मेरा बेटा.. बहुत बार होता है कि पति ये कहते हैं कि मां बहुत अच्छी कढी बनाती है तुम मां से जरुर सीखना तो इसमे बुरा मानने वाली बात नही होनी चाहिए.. जरुर सीखने का प्रयास करना चाहिए… और अगर बेटा आफिस से आने के बाद कुछ देर अपने पेरेंटस के साथ बिताता हो तो इसमें मुंह भी नही बनाने देना चाहिए.. बल्कि खुश होना चाहिए कि उन्हें उनकी इतनी केयर है.. बचपन से ही उनकी छाया में रह कर पले बढे हैं तो अगर बेटा केयर करता है तो वाईफ को खुश होना चाहिए.. एक तरह से परिवार में अच्छे संस्कार आएगें और जब आपका बेटा बडा होगा तो वो भी ऐसे ही केयर करेगा.. रोल मोडल बन जाएगें आप

9  DIL – MIL दिल मिल कर रहें..

देखिए English  में बहू को Daughter in Law  बोलते हैं और उसकी शोर्ट फोर्म होती है DIL  ऐसे ही English में सास को बोलते हैं Mother in Law  और उनकी शोर्ट फोर्म होती है.. MIL को बोलते हैं तो दिल तो वैसे ही मिल गए.. समय समय पर उपहार दें.. शादी की सालगिरह या जन्मदिन मनाएं तो कुल मिलाकर सभी की जरुरत बन जाएं.. खुद इतना इंवोल्व हो जाएं समर्पित कर दें कि कोई आपके बिना कुछ काम ही न कर पाए… और फिर देखिए रिश्तें वैसे ही महकने लगेग़ें..

अपना स्वभाव एक दम सरल रखें… सरल स्वभाव कोई कमजोरी नही बल्कि आपके अच्छे संस्कार दिखलातें हैं… हां ये भी है कि बहुत बार लडाई हो जाती है क्यों होती है सास बहू में लडाई इस बारे में अगली वीडियो में बताऊंगी…  वैसे आप क्या सोचते हैं… अच्छी बहू मे क्या क्या खास बातें होनी चाहिए !!

How to Be a Good Daughter In Law – एक अच्छी बहू कैसे बनें – How to Live with In Laws – Monica Gupta

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