Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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October 10, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

How to Control Overeating during Festivals – Healthy Lifestyle Tips in Hindi – त्योहार के दिनों में खाने पर कैसे कंट्रोल करें

Monica Gupta

How to Control Overeating during Festivals – Healthy Lifestyle Tips in Hindi – त्योहार के दिनों में खाने पर कैसे कंट्रोल करें- 7 Tips to Avoid Weight Gain During Festivals !! How to keep fit during festival season.. जिन्हें खाने का शौक है उनके लिए त्योहार तो मान लीजिए dream come true….. बहुत खाना हो जाता है पर जो थोड़ा सा भी थोड़ा सा भी health को लेकर conscious होते हैं .. उनके लिए बहुत टेंशन हो जाती है.. क्योकि उनके weight loss goals गोल ही हो जाते हैं…  महीनो की मेहनत होती है वजन कम करने की और कुछ दिन सब गड़बड़ कर देते है… क्योकि अगर बार बार मना करेगें तो भी बुरा लगता है… और अगर मना नही किया और खा लिया तो भी गए काम से यानि वजन बढ ही जाएगा … पेट ??

How to Control Overeating during Festivals – Healthy Lifestyle Tips in Hindi –

तो त्योहार पर कैसे करें कंट्रोल और रहें हेल्दी.. किन 7 बातों का ख्याल रखें…त्योहारों में ज्यादा खाने पर कैसे रखें नियंत्रण – How to Control Overeating during Festivals – Healthy Lifestyle Tips in Hindi –

 

 

  1. सबसे पहले तो सच्चाई का सामना कीजिए Let’s face the truth

आप मान के चलिए की हर बार आप delicious sweet या खाना  avoid  नही कर सकते या लोगो को नाराज नही कर सकते …  तो क्या करना चाहिए… कि आपके गोल भी बने रहे और आप गोल भी न हों.

2 Never Skip Your Breakfast

अपना नाश्ता नही छोडना. कई बार कुछ लोग क्या करते हैं कि भी लंच पर जाना है या डिनर पर जाना है चलो नाश्ता रहने देते हैं ये बात तो साबित भी हो चुकी है कि जो लोग नाश्ता नही लेते वो बहुत active नही रहते .. सुस्त से बने रहते हैं इसलिए नाश्ता जरुर ले और Healthy Breakfast ही लें पर जरुर लें हो.  जिसमें protein और  fibre अच्छी मात्रा में हो ताकि आप एक्टिव बनें रहें तो नाश्ता स्किप करने का सोचना भी मत…

3. अपनी आखों को खाने दें …

Feast eyes first: मान लीजिए आप किसी पार्टी में गए हैं और वहां पर बहुत सारे स्टाल्स हैं बहुत सारी चीजे हैं तो पहले हर स्टाल पर जाईए और आखों को दिखाईए observ कीजिए क्या क्या है और किसमे maximum and minimum कितना फेट और कितनी कैलोरीज हैं … फिर उस हिसाब से खाने का चयन कीजिए  कौन सा खाना कितना  हैल्दी रहेगा उस पर सोचिए..

4. Choose wisely…

जैसे आपने मटर के चावल डाले किसी ने बोला अरे छोले भठूरे ट्राई करो .. मस्त बने हैं चावल खत्म करके भागे भठ्ररे पर फिर किसी ने बोला नान दाल जरुर खाना.. अगर वो नही खाया तो बहुत कुछ मिस करोगें … तो जल्दी जल्दी खाकर वो भी अंदर … तो इस पर कंट्रोल इसलिए पहले सोच लीजिए और जो सेहत के लिए अच्छा और पौष्टिक है वही लें औ

यानि दिमाग लगा कर खाने का चुना कीजिए. अपनी प्राथमिकता निश्चित करें.. जब कही बाहर जाए तो इस विश्वास के साथ जाए कि मैंने जो खाना है वो हैल्दी खाना है और उस के सिवाय कुछ नही खाना है… और जब आप देखते हैं गाजर के हलवे में खूब देसी धी है या दाल भी धी के तडके में डुकिया लगा रही है … तो आप मुड जाईए जहां सलाद रखा है.. स्प्राऊटिड दाल होती है, अलग अलग तरह के सलाद होते हैं उन्हें खाईए और लाईट रहिए .. अगर  ऐसा नहीं किया तो दो दिन घर पर खानी पडेगी खिचडी अब बताईए त्योहार और खिचडी का कोई मेल है …

5. कंट्रोल करे quantity पर…

बहुत ज्यादा नही खाएं आमतौर पर हम कंट्रोल नही कर पाते और उसी हिसाब से प्लेट भर लेते हैं … ऐसे में क्या करें कि छोटी प्लेट ही लें क्योकि बडी प्लेट लेगें यो ज्यादा खा या जाएगा क्योकि जूठन छोडना तो हमारी संस्कृति नही … इसलिए कम  खाना डाले और पौष्टिक डाले

6. Eat slowly…

आराम से चबा चबा कर खाना है. आराम से चबा चबा कर खाए.. चबा कर खाना हमारी सेहत के लिए बहुत अच्छा है .. पाचन क्रिया भी सही रहती है आराम से चबा चबा कर .. पेट भी जल्दी भर जाता है

7. Mind Your Beverages….

पेय आप क्या पी रहे हैं उस पर भी ध्यान देना बहुत जरुरी है.. जैसाकि किसी के घर गए और वो पूछ रहे हैं कि क्या लोगे.. सोफ्ट ड्रिक या कॉफी या कुछ और अगर आप्शन है तो बोल सकते हैं कि नींबू पानी ले सकता हूं या फिर ग्रीन टी ता नारियल पानी पर कई ड्रिक्स में बहुत चीनी होती है कुछ केमिक्ल्ल भी होते है जो नुकसान करते हैं तो इनसे बचा जा सकता है. और अगर सादा पानी है तो सबसे बेहतर …पानी सेहत के लिए बहुत बहुत और बहुत बेहतर है..

वैसे आप बताईए आप क्या सोचते है और अगर कोई ऐसे points  जो मैं भूल गई हूं उसे जरुर बताईएगा

October 9, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

Ahoi Ashtami Katha 2017 – अहोई अष्टमी व्रत कथा – अहोई अष्टमी व्रत विधि

Ahoi Ashtmi Katha

Ahoi Ashtami Katha 2017 – अहोई अष्टमी व्रत कथा – अहोई अष्टमी व्रत विधि. अहोई माता की जय. अपनी इस वीडियों में मैं आपको अहोई अष्टमी के व्रत, महत्व, विधि और प्रचलित दो कहानियां सुनाऊंगी. 12 अक्टूबर, बृहस्पतिवार 2017 के दिन अहोई अष्टमी का व्रत है. यह व्रत करवा चौथ के चार दिन बाद और दीपावली के ठीक एक हफ्ते  पहले मनाया जाता है.ahoi ashtami katha

Ahoi Ashtami Katha 2017 – अहोई अष्टमी व्रत कथा – अहोई अष्टमी व्रत विधि

ये व्रत कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी को किया जाता है इसलिए इसे अहोई अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है.  अहोई अष्टमी का व्रत सन्तान की उन्नति, प्रगति और दीर्घायु के लिए होता है. अहोई शब्द का अर्थ होता है अनहोनी को होनी बनाना.

 अहोई अष्टमी व्रत का महत्व

इस व्रत के पीछे परिवार कल्याण की भावना होती है। अहोई अष्टमी  व्रत करने से ना सिर्फ पारिवारिक सुख की प्राप्ति होती है बल्कि धन और ऐश्वर्य का जीवन भी मिलता है। यह व्रत केवल संतान वाली महिलाएं ही करती हैं।

अहोई अष्टमी व्रत करने से बच्चों की सुरक्षा हमेशा बनी रहती है और माता का आशीर्वाद बरसता रहता है इसलिए सभी माताएं इनकी पूजा सच्चे मन से करती हैं और इस व्रत को एक त्योहार की तरह मनाती हैं

अहोई अष्टमी व्रत विधि  कुछ इस प्रकार होती है…

माताएं सुबह जल्दी उठ कर स्नान करती हैं . पूजा वाली जगह को अच्छी तरह साफ किया जाता है , एक लोटे मे जल भरकर रखा जाता है  भगवान गणेश की स्थापना की जाती है  और साथ ही अहोई अष्टमी माता का (चित्र) रखा जाता है माता का चित्र कुछ महिलाएं अपने हाथ से बनाती है वहीं कुछ बाज़ार से लाती हैं.

व्रत को पूरे दिन रखा जाता है और शाम को सूर्य अस्त होने के बाद जब तारे निकलने लगते हैं तब अहोई माता की पूजा प्रारंभ होती है. व्रत कथा श्रद्धा भाव से सुनी जाती है और तारों को अर्ध्य देकर व्रत खोला जाता है.

Ahoi Ashtami – अहोई अष्टमी – Ahoi Ashtmi Katha – अहोई अष्टमी व्रत कथा –

अहोई अष्टमी की दो व्रत कथाएं बहुत प्रचलित हैं..

व्रत कथा …  आईए सुनते हैं पहली व्रत कथा …

प्राचीन समय की बात है.  किसी स्त्री के सात पुत्रों का भरा-पूरा परिवार था. कार्तिक मास मे दीपावली से पहले वो अपने मकान की लिपाई पुताई के लिए मिट्टी लाने जंगल मे गई.

स्त्री एक जगह से मिट्टी खोदने लगी. वहाँ सेई की मांद थी, अचानक उसकी कुदालि सेई के बच्चे को लग गई और वह तुरंत मर गया . यह देख स्त्री दया और करुणा से भर गई.  किंतु अब क्या हो सकता था, वह पश्चाताप करती हुई मिट्टी लेकर घर चली गई.

कुछ दिनों बाद उसका बड़ा लड़का मर गया, फिर दूसरा लड़का भी, इसी तरह जल्दी ही उसके सातों लड़के चल बसे स्त्री बहुत दुखी रहने लगी.. एक दिन वह रोती हुई पास-पड़ोस की बड़ी – बूढ़ियों के पास गई और बोली ” मैंने जान बूझकर तो कभी कोई पाप नहीं किया..  हाँ, एक बार मिट्टी खोदते हुए अनजाने में सेई के बच्चे को कुदाली लग गई थी| तब से साल भर भी पूरा नहीं हुआ, मेरे सातो पुत्र मर गएँ ”

उन स्त्रियों ने उसे धैर्य बंधाते हुए कहा तुमने लोगों के सामने अपना अपराध स्वीकार करके जो पश्च्चाताप किया है, इससे तुम्हारा आधा पाप तो धुल गया| अब तुम उसी अष्टमी को भगवती के पास सेई और उसके बच्चों के चित्र बनाकर उनकी पूजा करो..

ईश्वर की कृपा से तुम्हारा सारा पाप धुल जायेगा और तुम्हें फिर पहले की तरह पुत्र प्राप्त होंगें ”उस स्त्री ने आगामी कार्तिक कृष्ण अष्टमी को व्रत किया और लगातार उसी भांति व्रत-पूजन  करती रही… मां की कृपा से उसे फिर सात पुत्र प्राप्त हुए.

तभी से इस व्रत की परम्परा चल पड़ी.

अहोई माता की जय

दूसरी कथा कुछ इस तरह से है

प्राचीन समय की बात है. दतिया नामक नगर में चन्द्रभान नाम का एक साहूकार रहता था. उसकी पत्नी का नाम चन्द्रिका था. चन्द्रिका बहुत गुणवान, सुंदर , चरित्रवान और पतिव्रता स्त्री थी. उनके कई संताने हुईं, लेकिन वे अल्पकाल में ही चल बसीं.  संतानों के इस प्रकार मर जाने से दोनों बहुत दुखी रहते थें.

पति – पत्नी सोचा करते थे की मरने के बाद हमारी धन संपत्ति का वारिस कौन होगा… एक दिन धन आदि का मोह – त्याग दोनों ने जंगल में वास करने का निश्चय किया…

अगले दिन घर – बार भगवान के भरोसे छोड़ के वन को चल पड़े… चलते – चलते कई दिनों के बाद दोनों एक आश्रम के समीप एक शीतल कुंड पर पहुंचे और  कुंड के पास बैठ कर  अन्न – जल त्याग करके  मरने का निश्चय किया….

इस प्रकार बैठे – बैठे उन्हें सात दिन हो गए… सातवें दिन आकाशवाणी हुई- ” तुम लोग अपने प्राण मत त्यागो … यह दुःख तुम्हे पूर्व जन्म के पापो के कारण हुआ है.. यदि चन्द्रिका अहोई अष्टमी का व्रत रखे तो अहोई देवी प्रसन्न होंगी और वरदान देने आएँगी… तब तुम उनसे अपने पुत्रो की दीर्घायु मांगना.. इसके बाद दोनों घर वापस आ गए…

अष्टमी के दिन चन्द्रिका ने विधि- विधान से श्रद्धापूर्वक व्रत किया और रात को पति पत्नी ने स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण किए.

उसी समय उन्हें अहोई देवी ने दर्शन दियें और वर माँगने को कहा… तब चन्द्रिका ने वर मांगा की मेरे बच्चे कम आयु में ही देव लोक चले जाते है. उन्हें दीर्घायु होने का वरदान दे दें .

अहोई देवी ने तथास्तु कहा और अंतरध्यान हो गई… कुछ दिनों के बाद चन्द्रिका को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई. जो बहुत विद्वान, प्रतापी और दीर्घायु हुआ.

अहोई माता बहुत दयालु हैं माता रानी सब पर कृपा दृष्टि रखे और सबका  का भला करे..

Ahoi Ashtami Katha 2017 – अहोई अष्टमी – Ahoi Ashtmi Katha – अहोई अष्टमी व्रत कथा –

October 8, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

दिवाली Special – खुशहाल दिवाली के लिए रखिए 7 बातें ध्यान – महिलाओंं के जरुरी टिप्स

diwali-festival - monica gupta

दिवाली Special – इन 7 बातों का रखेंगे ख्याल तो – दिवाली होगी खुशहाल — महिलाओं के जरुरी टिप्स – दीपावली आने वाली है… इसके स्वागत के लिए हमेंं,  खासकर महिलाओं को कुछ बातों का  ख्याल रखना बहुत जरुरी है… आईए जानें क्या हैं..

दिवाली Special – इन 7 बातों का रखेंगे ख्याल तो – दिवाली होगी खुशहाल 

      क्या सोचते हैं कि सबसे पहले होगी सफाई जी नही .. सबसे पहले है… 

 

  1. सफाई .. जी नही सफाई से पहले खुद का ख्याल … अपना ख्याल रखना है … कभी ऐसे न हो ज्यादा सफाई के चक्कर में धूल, मिट्टी सब अंदर और जुकाम छीकें बाहर … या कुछ भारी काम कर लिया तो कमर दर्द… या तनाव बना लिया तो सिर दर्द सबको गुस्सा कर रहे हैं.. ऐसे नही बिल्कुल आराम से कूल होकर रहना है…

2. अब बात आती है सफाई की

ये वाली सफाई नही कि अजले उतारने हैं झाड पूंछ करनी है वो तो आपको पता ही है .. सफाई यानि सफाई … इतने समय से घर की छत पर या स्टोर में जो डम्प करके रखा है ना वो काम आता है और ना ही उसका इस्तेमाल कर रहे हैं दीपावली के बहाने किसी को दान ही दे दीजिए… इसी बहाने नेक काम भी हो जाएगा और जगह भी खाली हो जाएगी .. मुझे पता है कि पुरानी चीजें दी नही जाती … बहुत दर्द होता है क्योकि उससे हमारी फीलिंग्स जुडी हैं पर जरुरी है…

  1. घर की सजावट

घर को सजाने के लिए हम पेंट भी करवाते हैं, महंगी महंगी चीजे भी खरीद कर लाते हैं पर किसी बजह से पेंट नही करवाया या महंगा समान नही खरीदा तो कोई बात नही वॉल पेपर लगाया जा सकता है और कमरे को न्यू लुक देने के लिए परदे हल्के रंग के और बेड शीट भी हल्के रंग की लगाई जा सकती हैं देखिए अगर पहले गहरा रंग था तो अब हल्का करा जा सकता है पर पर पर जरुरत इस बात की है कि अगर कैलेंडर लगा है तो उसका महीना सही हो या अगर घडी है तो समय सही बताती हो कई बार सजावट के चक्कर में इन बातों को भूल जाते हैं जबकि ये बहुत जरुरी होती है..

  1. स्वच्छता बाथरुम की

हम घर का कोना कोना चमकाते है पर बाथरुम उस बेचारे को ऐसे ही छोड देते है कि कौन जाएगा वहा बस ध्यान बैठक और लॉबी पर ही लगाओ पर जरुरी होता है बाथरुम भी चकाचक रखना .. बाय चांस अगर किसी मेहमान को जाना पडा तो क्या सोचेगा वो …

  1. उपहार बहुत सोच समझ कर दें

अकसर उपहारों का आदान प्रदान होता है उल्ट पुल्ट करके हम देते हैं पर देते समय चैक करना जरुरी है खासकर मिठाई और ड्राई फ्रूट का डिब्बा की वो सही हो.. कई बार कुछ मिठाई में फुई लग जाती है वही कुछ डिब्बों में लोग अपना वेजिटिंग कार्ड डलवा देते हैं और आपने किसी दूसरे को दे दिया तो किसकिसी न हो जाए इसलिए … जो भी दें एक बार चैक करके ही दें.

  1. पूजा घर

पूजा करते समय हम वहां पर दीए भी जलाते हैं और वहां पैसे भी रखते हैं… बस यही ध्यान रखना है. रात भर हम दीए जलाते हैं ना पूजा घर में बस इस बात का ध्यान रखे कि वो किसी थाली में हो और समान से दूर हों..

  1. सबसे जरुरी  शुभकामनाएं दीजिए

अरे वो तो देना ही है… जी वो तो देनी ही है पर उनको भी जिनसे कुछ समय से खटपट चल रही है… नराजगी चल रही है बोल चाल बंद है… फोन उठाईए औरशुभकामनाएं दे दीजिए … देखिए दीपावली की खूबसूरती और बढ जाएगी..

जरुर सोचिएगा और अगर और भी बातें जो बहुत जरुरी है जरुर बताईए आपके कमेंटस का मुझें इंतजार रहेगा …

दिवाली Special – इन 7 बातों का रखेंगे ख्याल तो – दिवाली होगी खुशहाल .. तो क्या सोचा ??

 

October 7, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

पति पत्नी का प्यार और करवा चौथ का त्योहार – करवा चौथ स्पेशल – पति पत्नी का रिश्ता कैसा होना चाहिए

पति पत्नी का प्यार और करवा चौथ का त्योहार – करवा चौथ स्पेशल – पति पत्नी का रिश्ता कैसा होना चाहिए.. Husband Wife Relationship Tip in Hindi … पति पत्नी के रिश्ते में प्यार – प्यार जताने का तरीका – आपने पुरुषों का वो रुप तो देखा होगा जो अपनी पत्नी से हमेशा झगड़ा करते हैं या मजाक उड़ाते हैं..  आज मैं आपको उनका दूसरा रुप दिखाती हूं जो बहुत caring है, जिसमे सिर्फ प्यार ही प्यार भरा है..

पति पत्नी का रिश्ता कैसा होना चाहिए – पति पत्नी का प्यार और करवा चौथ का त्योहार – करवा चौथ स्पेशल

कल जब शॉपिंग के लिए एक दुकान पर गई हुई थी तो दुकान पर एक बहुत वृद्धा  आई और उन्होनें कुछ चूड़ियाँ देखी और दुकानदार को बोली कि एक मिनट अभी दिखा कर आई और स्टिक के सहारे बाहर खडी कार के पास गई और दो तीन मिनट में वापिस आ गई और बोली कि इसे पैक कर दो…

 

 

पैसे देते हुए दुकानदार को बोली कि इनकी तबियत ठीक नही चल रही.. आज ही हास्पिटल से डिस्चार्ज हुए है और कार सीधा मार्किट निकलवा ली .. असल में, हर साल करवा चौथ पर  ये ही मेरे लिए चूड़ियाँ खरीदते हैं.. कहते कहते उनका मन भर आया और बिंदी चूडी मेहंदी खरीदी और चली गई..

मैं उन्हें ही देखती रह गई… है न कितने caring..

हम चाहे कितना भी कहें पर इस रिश्ते में प्यार भी कूट कूट कर भरा है… ऐसा नही है कि पुरुष हमेशा ही लड़ाई झगड़ा या गुस्सा ही करते है…

बहुत पुरुष तो ऐसे हैं जो सारा दिन कुछ नही खाते… पत्नी जो लेती है वही लेते हैं…

कुछ जब पत्नी मेहंदी लगवाने जाती हैं तो अपनी भूमिका सहज निभाते हैं भले ही कुछ देर के लिए ही सही … यानि बच्चे छोटे हैं तो उन्हें सम्भालना फिर जब होम मिनिस्टर मेहंदी लगवा कर आएं तो  खाना भी अपने हाथ से को खिलाना.

वहीं कुछ लोग सेल्यूट करते हैं कि भई जज्बा हो तो ऐसा … बिना कुछ खाए पानी पीए… सारा दिन हमारे लिए भूखे प्यासे रहना   हमें तो भगवान ही बना देती हैं..

वही कुछ पतिदेव तो गुस्सा भी करते हैं कि खा लो ना … किसलिए दिन भर भूखे प्यासे रहना…

ये सब देखते हुए मुझे एक कहानी याद आई जो मैंनें कुछ समय पहले नेट पर पढ़ी थी… लगता है आज सुनाने का सही समय है… कहानी कुछ ऐसे हैं…

एक आदमी की जुबानी

मैं लेटा हुआ था.  मेरी पत्नी मेरा सिर सहला रही थी. मैं धीरे-धीरे सो गया.  जब मेरी आंख खुली तो उसने पूछा, कुछ आराम मिला?
मैंने हां में सिर हिलाया तो उसने पूछा कि कुछ खाओगे ?मुझे भूख लगी थी, मैंने कहा “हां”

“उसने फटाफट खाना सर्व किया और आधा लेटे- लेटे मेरे मुंह में खाना डालती रही … मैने चुपचाप खाना खाया, और लेट गया.

पत्नी ने मुझे अपने हाथों से खिलाकर खुद को खुश महसूस किया और रसोई में चली गई.

मैं चुपचाप लेटा रहा. सोचता रहा कि पुरुष भी कैसे होते हैं? कुछ दिन पहले मेरी पत्नी बीमार थी. मैंने इसके लिए कुछ नहीं किया  और तो और एक फोन करके उसका हाल भी नहीं पूछा.

उसने पूरे दिन कुछ नहीं खाया था, मैंने ये देखने की कोशिश भी नहीं की कि उसे वाकई कितना बुखार था. मैंने ऐसा कुछ नहीं किया .  लेकिन मुझे सिर्फ जरा सी सर्दी हुई थी…

और वो मेरी मां बन गई…  मै सोचता रहा हूं  क्या सचमुच महिलाओं को भगवान एक अलग दिल देते हैं?

महिलाओं में जो करुणा और ममता होती है वो पुरुषों में नहीं होती क्या?

सोचता रहा, जिस दिन मेरी पत्नी को बुखार था. उस दोपहर जब उसे भूख लगी होगी और वो बिस्तर से उठ न पाई होगी, तो उसने भी चाहा होगा कि काश उसका पति उसके पास होता?

मैं चाहे जो सोचूं, लेकिन मुझे लगता है कि हर पुरुष को एक जन्म में औरत बनकर ये समझने की कोशिश करनी ही चाहिए कि सचमुच कितना मुश्किल होता है, औरत को औरत होना, मां होना, बहन होना, पत्नी होना..!!

जीवन में रिश्तें नही बल्कि रिश्तों में जीवन होना ज्यादा जरुरी है…

पति पत्नी का प्यार और करवा चौथ का त्योहार – करवा चौथ स्पेशल – Husband Wife Relationship Tip in Hindi

 

October 6, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

Teenager बच्चों से कैसे Deal करें Parents – Parenting Tips for Teenagers in Hindi

Teenager बच्चों से कैसे Deal करें

Teenager बच्चों से कैसे Deal करें Parents – Parenting Tips for Teenagers in Hindi – पेरेंट्स के लिए teens को डील करना आसान नही है… Parenting teens is not easy. छोटे बच्चों का ख्याल रखना तो मुशकिल होता ही है पर जैसे जैसे बच्चा बडा होता है टीन एज मे जाता है उसमे बदलाव आना शुरु हो जाता है ऐसे में बच्चे की अच्छी डेवलेमेंट हो और इसके लिए बहुत अच्छा वातावरण बनाना पडता है जहां पेरेंटस lenient भी न हो…  और dictator भी न लगें. इन्हे स्वतंत्रता भी दें और एक दायरे में भी रखें तो कैसे करें पैरेंटस उनके साथ डील ?? छूट भी दी हो और तानाशाह भी न बनें.. तो क्या करें.

Teenager बच्चों से कैसे Deal करें Parents

इसके लिए मैं आज लाई हूं 7 टिप्स

1.  Be patient

सबसे पहले तो धैर्य रखें. बहुत जरुरी है… ज्यादा प्यार दिखाया तो बच्चे बिगड जाएगा हर मांग पूरी करेंगें तो बच्चा बिगड जाएगा तो ऐसे में बहुत सोच समझ कर डील करना होगा.. इसके लिए Be patient होना ही पडेगा.. अगर कोई बात बच्चा मान नही रहा तो बजाय झगडा चिल्लाने के उसे समझाएं..

 

 

  1. बच्चे की भावनाओ का सम्मान करना – इस एज में बच्चों को शीशे के आगे खडा होना, फैशन के कपडे पहनना, स्टाईल के बाल बनाने का बहुत शौक होता है… वो नई नई चीजे ट्राई करता है ऐसे मे कई पैरेंटस हंसते हैं मजाक बनाते हैं कि पता नही तुम्हारी पीढी को क्या हो गया है या जोकर लग रहे हो .. ऐसा नही बोलना चाहिए… नई पीढी पुरानी पीढी का फर्क तो हम खुद ही कह कर बना रहे हैं इसलिए उनकी भावनाओ का सम्मान करना चाहिए और अगर अच्छा न लगे तो इस तरीके से कहिए कि उन्हें समझ भी आ जाए और बुरा भी न लगे…
  2. Treat them like a teen, not a child. बच्चों के साथ टीन की तरह व्यवहार करें ना कि बच्चे की तरह … आमतौर पर कई पैरेंटस खास तौर पर मदर्स बच्चे के साथ वैसा ही करती है जैसा बचपन मे किया करती थी जैसा कि गाल खींचना, बच्चों की तरह बात करना.. ऐसे में अगर बच्चा अपने दोस्तों के साथ खडा होगा तो उसे अच्छा न्ही लगता … वो जरुर कहता है क्या मम्मी मैं बच्चा नही हूं अब … तो जब बच्चा बडा हो जाए तो उससे उसी तरह से बर्ताव करें. बच्चों के निक नाम से बुलाना बच्चा पसंद नही करता इसलिए जो उसे पसंद न हो वो नही करना चाहिए… इसलिए कई बच्चे अपने पेरेंटस को फेसबुक पर फ्रेंड नही बनाते कि ना जाने क्या लिख दें.

4. बच्चों के दोस्त बहुत खास होते हैं टीन एज में बच्चों के सबसे प्रिय होते हैं उनके दोस्त … और पैरेंटस को जरा भी पसंद नही होते उनके दोस्त… अब क्या करना चाहिए दोस्तों का हमेशा वेलकम करना चाहिए… इसका एक फायदा ये होता है कि अगर दोस्त घर आते हैं तो पैरेंटस को अनके बारे में पता चल जाता है कि किस तरह के दोस्त है अगर वो अच्छे हैं तो बहुत अच्छी बात है और अगर वो अच्छे नही है तो उन्हे समझाया जा सकता है…

5. दायरे में रहना सीखाएं … टीन एजर को freedom भी चाहिए और independence बच्चे को स्वतंत्रता भी चाहिए और आजादी भी … और बेशक दोनो देनी चाहिए पर एक दायरा भी निश्चित कर देना चाहिए और ये जरुर बताना चाहिए कि क्या सही है और क्या गलत… ऐसा भी ना हो कि हम ताना शाह ही बन जाएं…

6 . Be a friend more than a parent
बच्चों के दोस्त बन जाईए देखिए बच्चे की हर बात जानने के लिए बहुत जरुरी है कि पैरेंटस को बच्चे का दोस्त बन जाना चाहिए ताकि वो हर बात शेयर करे और उन्हे पता चलता रहे… … reasonable बनिए.. ऐसे नही हो रात आठ बजे तक सो जाओ … ये मत करो वो करो… ज्यादा बातें मत डालिए उससे बच्चे वहां घुटन महसूस करेगें. बच्चे के लिए हमेशा मौजूद रहिए.. ये नही कि जब जरुरत हो तो मीटिंग में हूं या फोन पर ही बात कर रहे है.   Share experiences to guide them कई बार बच्चे को कुछ समझाओ तो वो समझते नही ऐसे कई बार अपना अनुभव बताईए कि जब मैं तुम्हारी एज की थी तो एक बार ऐसा हुआ था … वैसा हुआ था तो बच्चे ज्यादा ध्यान से सुनते हैं

7. बच्चों पर विश्वास रखें… बार बार शक भी न जताए .. ना ही जासूसी करें.. बच्चा अगर बोल कर जाए कि वो दोस्त के साथ पिक्चर जा रहा है तो जासूसी न करें कि उन पर विश्वास दिखाईए ..अगर बच्चों के दोस्तों से पूछ्ताछ करेंगें तो उनको पता चल ही जाएगा …

बच्चे इसे अच्छा नही मानते …  Set a good example.. उन्हें ये जताईए कि हमे आप पर विश्वास है रोल मॉडल बनें

Teenager बच्चों से कैसे Deal करें Parents – Parenting Tips for Teenagers in Hindi

October 5, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

पति पत्नी में झगड़े – Husband Wife Good Relationship Tips – अच्छे पति और पत्नी बनें

अच्छे पति और पत्नी बनें

पति पत्नी में झगड़े – Husband Wife Good Relationship Tips – अच्छे पति और पत्नी बनें- पति पत्नी के बीच झगड़े किस बात पर होते हैं.आजकल बहुत ज्यादा देखने में आ रहे हैं जब पेरेंटिंग की बात करती हूं तो भी यही बात सामने आती है कि अगर पापा मम्मी न लड़ते तो हम पढाई में ध्यान लगा सकते हैं… पर वो बहुत लड़ते हैं जब मदर्स से बात करती हूं तो वो बोलती है कि मैं तो कुछ नही कहती … और जब पापा लोग  से बात की जाए तो वो सारा दोष अपनी पत्नी का निकालते हैं कि वो तो सारा दिन घर पर ही नही रहते… वो तो देर के लिए आते हैं उसमें भी चैन नही… किन बातों पर होता है झगडा..

पति पत्नी में झगड़े – Husband Wife Good Relationship Tips – अच्छे पति और पत्नी बनें

पति पत्नी के बीच झगड़े किस बात पर होते हैं

 

 

मैंने बात की कुछ couple से और कारण जानना चाहा तो कुछ ये वजह निकल कर आई..

1. तुलना करते हैं

एक महिला ने बताया कि जब भी किसी के घर जाते हैं तो खाने की तारीफ करने लगते है तारीफ करने मे दिक्कत नही पर जब ये बोलते हैं कि इसे तो कुछ नही आता इसे भी सीखा दो तब बुरा लगता है… खासकर इतनी पतली रोटी या इतनी गोल रोटी .. तो तुलना नही करनी चाहिए..

कई बार ये भी आदत होती है कि बच्चे ने कुछ अच्छा किया तो पति कहते हैं कि मुझ पर गया है और कुछ गलत हुआ तो पत्नी पर दोष की तुमने बिगाड रखा है …

इस बात का बहुत जरुरी है ध्यान देना चाहिए तुलना नही करनी चाहिए… तारीफ कीजिए पर … तुलना नही…

2.  मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल

एक कपल ने जब बात हुई तो पति ने बताया कि पहले जब मैं आफिस जाता था तो उनकी पत्नी दूर तक जाते हुए देखती और बाय करती थी और अब हाथ में मोबाइल रहता है मानो मेरे जाने की इंतजार हो… जब मुड कर देखता हू तो वो मोबइल पर देख रही होती है …

तो ज्यादा मोबाइल का इस्तेमाल भी सही नही क्योकि कई बार ये दूरियां भी पैदा कर देता है और शक भी इसलिए … देखिए पर जो काम ज्यादा जरुरी हैं पहले वो कर लीजिए. ज्यादा करने से शक होगा … और अगर शक मन में आ गया फिर तो बहुत गडबड हो जाएगी…

 3.  ताने मारना

ताने मारना भी झग़डे की वजह बनता है.. एक कपल ने बताया कि उनकी पत्नी ताने बहुत मारती है शादी को 15 साल हो गए और अभी भी कहती है कि मुझे इतने अच्छे अमीर  रिश्ते आ रहे थे पता नही तुम्हारे पल्ले कैसे बंध गई … इस पर उसके पति भी कहते हैं चली जाओ अभी क्या बिगडा है और बात बढ जाती है … पुरानी बातों को याद करके सोच कर क्या फायदा उसे भूल जाना चाहिए और जो है उसे स्वीकार करना चाहिए..

तो न पति न पत्नी को ताने मारने चाहिए और जो है उसे खुशी खुशी स्वीकार करना चाहिए..

  1. शापिंग

शापिंग भी लडाई का कारण बनता है. कई बार घर पर बहुत सामान होता है फिर भी शॉपिंग.. ये पैसा वेस्ट करना होता है इसलिए इस पर कंट्रोल करना चाहिए .. जरुरत का सामान जरुरी है पर सामान लाते जाए डम्प करते जाएं उसका भी कोई फायदा नही . पत्नी को पति की सीमित आय में रहना सीखना चाहिए और सुखमय जीवन बिताना करना चाहिए.

  1. घर में मदद

एक बात ये भी उभर कर आई कि अक्सर मेल  घर पर मदद नही करवाते. एक महिला ने बताया कि इतना काम रहता है और खासकर छुट्टी वाले दिन पर जरा भी मदद नही करवाते … चलो कोई दूसरा काम नही अपनी ही चीजे ठीक रख लें … अपने कपडे अपना सामान ..

तो छोटी मोटी मदद करवा दी जाए तो कोई बुराई नही… आजकल जहां पत्नी पत्नी दोनो वर्किंग हैं तो मिलकर ही काम करना चाहिए..

5 .खाने में क्या बनाऊं

एक कपल से जब पूछा तो मुस्कुराने लगे … उनकी लडाई इसी बात पर होती है कि अक्सर समझ नही आता कि क्या बनेगा .. पर जो बताए वही कल बनाया था परसो बनाया था .. आज वो दाल नही है आज वो सब्जी नही है तो अरे भई जो है वो बना दो … और वो फिर झग़डने लगे

6. काम से वक्त निकालकर परिवार के साथ भी वक्त बिताए

बहुत बिजी रहते हैं .. ये भी अक्सर झगडे की वजह बनती है… शाम को प्रामिस किया पर आ नही पाए तो मूड खराब होना स्वाभाविक है. अगर ऐसा हर बार होता हो फिर तो नाराज होने वाली बात है पर अगर कभी कभार हो तो जरुर विचार करना चाहिए हो सकता है कि कोई जरुरी काम आ गया हो… पर अगर आप घर आ गए और फिर भी फोन पर या लैपटॉप पर व्यस्त हैं ये भी सही नही वो आपका इंतजार कर रही हैं उन्हें भी समय दीजिए.

  1. आर्डर आर्डर – अपनी चलाते हैं एक पत्नी ने बताया कि अगर मैं टीवी देख रही हूं तो बिन अमुझसे पूछे चैनल बदल देते हैं न्यूज लगा ली या कुछ भी पर अगर पूछ ले तो अच्छा लगेगा. एक पत्नी की शिकायत थी कि अक्सर फोन कर देते हैं आज मेरे आफिस से पांच लोग घर पर आ रहे हैं डिनर पर. या किसी कोई आ रहे हैं उन्हे रेलवे स्टेशन पर चली जाना रिसीव करने मतलब आर्डर न दे आराम से कह दे.. उसका कहना था कि काम तो करना ही है पर अगर कुछ इस तरह से कहेंगें कि प्लीज आज क्या  स्टेशन जा सकती हो .. रिसीव करने मुझे आफिस मे जरुरी मीटिंग है .. दिक्कत तो नही होगी ना तो ऐसा सुनने से ही  मनोबल बढ जाएगा … पर आर्डर नही देना … तो सही बात है …
  1. शिकायतें लेकर न बैठें

एक ने बताया कि जब भी घर आता हूं शिकायत की सासू मां ने ये किया , ननद ने ये किया. आज मकान मालिक आया था.. पानी नही आता … तो जब सुबह से थके हारे घर लौटे तो ये सुनना जरा भी अच्छा नही लगता .. तो वाकई ये बात भी जरुरी है .. जब आराम से आकर बैठ कर चाय पी लें फ्रेश हो आ जाए तब एक एक करके बताईए और शिकायत के लहजे में नही … आराम से ..

9 . मायके को ज्यादा प्रमुखता

ये बात भी बहुत ज्यादा झग़डे का करण बनती है.. अकसर महिलाएं कोई भी बात हुई सारी बात अपने मम्मी के घर… छोटी से छोटी बात भी … ये भी झगडे को जन्म देती है… सारी बाते शेयर करने की कोई जरुरत नही …

घर की बात घर तक ही रहे तो ज्यादा सही रहता है… ज्यादा इधर उधर करेंगें तो मन मुटाव हो जाता है और रिश्तों में खटास आनी शुरु हो जाती है…
ये नोकझोंक को मिलकर ही निबटाना होगा तो बात बात पर गुस्सा नही कीजिए चिल्लाए नही इससे सम्बंध तो खराब होते ही बच्चों पर भी बुरा असर पडता है … वो जो देखता है बडे होकर वैसा ही बन जाता है…

पति पत्नी में झगड़े – Husband Wife Good Relationship Tips – अच्छे पति और पत्नी बनें

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