Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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August 28, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

बच्चों की पढ़ाई का दूसरा नाम तनाव नही – बच्चों की पढ़ाई का दबाव – For Mothers Only

Life of a Teenager

बच्चों की पढ़ाई का दूसरा नाम तनाव नही – बच्चों की पढ़ाई का दबाव- For Mothers Only – कहिए कैसे हैं…… खूब टेंशन में न .. गुड़ … बहुत अच्छी बात है .. टेंशन कम नही होने देना … अब क्या कहूं यही कहना पड रहा है … आपके इतने सारे मैसेज आते हैं और उसमे सिवाय टेंशन और तनाव के कोई और बात ही नही होती कि बच्चा पढ़ता नही, बच्चा जिद्दी है … घर की चिंता परिवार की चिंता … आपके मैसेज देखने के बाद मै फेसबुक देखने लगी .

बच्चों की पढ़ाई का दूसरा नाम तनाव नही – बच्चों की पढ़ाई का दबाव

तभी एक बहुत खूबसूरत बात पढी कि एक आदमी एक महात्मा से पूछा, उत्सव यानि  त्योहार मनाने का बेहतरीन दिन कौन सा है ?

महात्मा ने प्यार से कहा – मौत से एक दिन पहले… व्यक्ति बोला मौत का तो कोई समय नहीं ………………………महात्मा ने मुस्कुराते हुए कहा…

तो ज़िंदगी का हर दिन आख़री समझो ……..और जीने का आनन्द लो .. तनाव किसलिए लेना है …

है ना खूबसूरत बात और हम हर रोज तनाव बना कर बैठ  जाते हैं छोटी छोटी बात को बहुत बडा बना लेते हैं ..

कहने का मतलब है कि खुश रहिए…

अब अगर मदर्स की बात करुं तो …बच्चों  का इशू बना कर रखते हैं ..बच्चा जिद्दी है तंग करता है कहना नही मानता …  ये बात मैं इसलिए कह रही हूं कि बहुत मैसेज आते हैं मदर्स के कि बच्चा जिद्दी है तंग करता है कहना नही मानता …

हम तनाव बनाते जाते हैं और तनाव बडा होता जाता है… क्या वाकई इतना बडा तनाव है ??  नही … !!

कहानी

मुझे लगता है अपनी बात समझाने के लिए एक बार फिर मुझे कहानी सुनानी पडेगी जो कुछ समय पहले भी सुनाई थी .एक महिला भी अपने बच्चे से बहुत परेशान थी … अपने बच्चे को लेकर ..

एक महिला महात्मा  के पास जाती है कि बोलती है कि बच्चा बहुत दुखी करता है जिद्दी है न पढता है न लिखता है  इसे सम्भाला नही जाता कोई उपाय बताईए …

महात्मा बोले कि एक उपाय है पर मुश्किल है …

वो बोली कि कोई दिक्कत नही आप बताओ  बाबा बोले सामने की खडी पहाडी की चोटी पर एक शेरनी रहती है उसकी मूंछ के तीन बाल तोड कर लाना है … बस उपाय हमारे हाथ लग जाएगा …

वो देखती है कि वो सामने वाली पहाडी पर वो तो खडी चढाई है और शेरनी की मूछ का बाल …बेशक बहुत मुश्किल थी पर उसे लग्न थी …  पर उसे बस अपने बच्चे को सुधारना था इसलिए बहुत प्रयास  के बाद वो उपर पहुंच गई …

हाथ में पैर पर चोट भी लगी …

तो वो उपर चली गई तीन चार बार तो शेरनी गुराई पर धीरे धीरे  उसने सेवा करके शेरनी का दिल जीत लिया और एक दिन मौका पाते ही उसने बाल तोड लिए और महात्मा के पास आ गई ..

बोली ये लीजिए अब बताईए… महात्मा  बोले कि तेरे लिए क्या मुश्किल है जब तूने एक शेरनी को काबू कर लिया उसकी मूंछ का बाल ले आई

तो एक छोटे से बच्चे को समझाना क्या मुश्किल है … वो समझ गई थी और घर वपिस लौट गई …

हौव्वा नही है बचपन … प्यार से सहेजिए  तनाव नही … चलिए आज आपके लिए होमवर्क है आप अपने बच्चे की एक खास बात बताईए …

तो आज से नो तनाव , नो टेंशन …

बच्चों की पढ़ाई का दूसरा नाम तनाव नही

August 27, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

How to Develop Discipline In Children – पैरेंट्स बच्चों को discipline में रखने के लिए क्या करें

बच्चों के लिए अच्छी आदतें

How to Develop Discipline In Children – पैरेंट्स बच्चों को discipline में रखने के लिए क्या करें – बच्चे discipline में रहें इसके लिए पैरेंट्स को क्या करना चाहिए देखिए हम सभी पैरेंट्स  यही चाहते हैं … बच्चा respect  करें, चिल्लाए न , कहना मानें उसके लिए बातें तो बहुत हैं पर मैं कुछ बातें बता रही हूं … जिनका पैरेंट्स को ध्यान रखना चाहिए…

How to Develop Discipline In Children – पैरेंट्स बच्चों को discipline में रखने के लिए क्या करें

Some Tips 

  1. बच्चो की सुनना – घर आने पर भी ज्यादा समय मोबाईल या काम करते रहना जब बच्चा कुछ पूछ्ने आए तो डांट देना … शट अप.. चुप करा देना या ये बोलना कि देखते नही कितना जरुरी काम कर रहा हूं इससे बच्चा बुरी तरह से चिढ जाता है और वो गुस्सैल होता जाता है..

2 धमकी न दें – कई बार बच्चे कहना नही मानते तो मम्मी के पास एक ही हथियार होता है कि आने दो तुम्हारे पापा को उन्हीं को      बताऊंगी … धमकी देना … डराना सही नही है बार बार ऐसा करने से बच्चा जिद्दी हो जाता है.

 

3 Don’t drink or smoke before kids बच्चों के सामने नशा न करना – बहुत बुरा असर डालता है … इससे बच्चे के मन पर बुरा असर पडता है और कुछ सारे नियम ताक पर रख कर बच्चे चोरी चोरी लेना शुरु कर देते है..

4   झूठ न बोलना … पेरेंटस बच्चों के रोल मॉडल होते हैं इसलिए उन्हें कोशिश यही रहना चाहिए कि वो बच्चों के सामने झूठ न बोले.. चाहे आफिस में बोलना हो या अपने दोस्त से ऐसा नही करें.

 

5 अपने आप से तुलना नही... कई बार बच्चों के सामने खुद को स्मार्ट दिखाने के चक्कर में  मैं ऐसा था … मैं ये करता था … आप तो ऐसे नही हो … ऐसा नही कहना चाहिए …

 

6 बच्चों को demoralise करना … बार बार जताना कि बच्चे ही गलत है … मान लिजिए वो कुछ काम करने की कोशिश कर रहा है तो उसे मोटिवेट करने की बजाय उसे जताना कि रहने दो तुम नही कर सकते … demoralise करना … सही नही किया  … मेरी बात नही सुनी मना किया था न मैंनें … इसलिए ऐसा हुआ

 

7 बच्चे को रिश्वत न देना – कई बार बच्चों से जासूसी करवाई जाती है और उसे रिश्वत भी दी जाती है ताकि वो बात किसी को न बताए जोकि सरासर गलत है

 

8 अपने बच्चे की दूसरे बच्चे से तुलना न करना – तुलना करना तो मानो जन्मसिद्द अधिकार ही होता है हमारा जबकि ये सही नही है. कई बार बच्चों के दोस्तों से तुलना करते हैं तो कभी अपने ही बच्चों से यानि बच्चों के भाई बहन से कि वो इतना अच्छा है .. कहना मानता है और तुम देखो नालायक हो एकदम, बुदू हो अपने भाई से बहन से सीखो..

 

9 बच्चों के सामने दूसरो का मजाक न उडाना – सही नही है. कई बार माता पिता अपने रिश्तेदारों के या बच्चों के दोस्तों के या स्कूल टीचर का मजाक बनाते हैं इससे बच्चे को शय मिलती है और फिर वो भी मजाक उडाने लगता है …

 

10 बच्चे के सामने माता पिता का लडना… इससे बच्चे के मन पर बुरा असर पडता है. लडने के बाद खुद को कोसना कि कहां फंस गई , किसके पल्ले बंध गई … ये सब देख कर बच्छा भी बात बात पर लडने पर उतारु हो जाता है …

11 बच्चों से राय न लेना …  बच्चों को भी खास महसूस करवाना चाहिए पर पैरेंट्स ऐसा नही करते … जबकि बच्चों की राय बहुत अहमियत होती है उन्हें खास अहसास दिलाती है …

बच्चे वही बोलते हैं जो वे अपने से बड़ों से सुनते हैं वही सीखते हैं जो उन्हें सीखाया जाता है
बच्चे वही करते हैं जो वे अपने घर के बड़ों को करते देखते हैं यानि  बच्चे वैसे ही बन जाते हैं जैसा वे सोचते हैं
97 % से अधिक बच्चे, जिस महौल में वे पले बड़े होते है बढ़े होकर वैसे ही बन जाते हैं..

छोटे बच्चों को पेरेंट्स न डराएं – Don’t Scare the Little Ones – Parenting Tips In Hindi

How to Develop Discipline In Children – पैरेंट्स बच्चों को discipline में रखने के लिए क्या करें

August 26, 2017 By Monica Gupta 1 Comment

Willpower कैसे strong करें महिलाएं

Life of a Teenager

Willpower कैसे strong करें महिलाएं –  बहुत सारी ladies के मैसेज आते हैं हम करना तो बहुत कुछ चाहते हैं पर Willpower strong  नही है इसकी वजह से कुछ नही कर पाते …

 Willpower कैसे strong करें महिलाएं

चलिए मैं आपसे एक बात पूछ्ती हूं … मान लीजिए आप अकेली एक सडक पर जा रही हैं तो क्या आप डरी डरी सहमी सहमी जाएगी या खुद को strong बनाती हुई … भले ही आप डर रही हो पर दिखाएगी नही ..

जितना मैं आपको सुन और समझ पा रही हूं ज्यादतर का सोचना है कि strong बन कर  … और कुछ का कहना है कि डर कर .. चलिए जिनका कहना है कि डर कर उनसे मैं एक बात पूछती हूं

कि मान लीजिए आपका बच्चा किसी काम से बाहर जा रहा है उसे आप क्या कहेंगी कि डर कर जाना या strong बन कर  … हा  … ये हुई न बात .. strong बन कर  …  यानि आप strong का मतलब तो समझती हैं ..

तो strong बने रहने की importance तो आप जानती है ……पर जब अपने पर बात आती है तो Willpower strong  नही  …

mobile गेम खेलने का मन होता है तो आधा धंटा कह कर दो घंटे भी लग जाते हैं ..

डाईटिंग की बात तो जरुर करती है पर वही कंट्रोल नही …

सुबह उठ कर घूमने की बात तो करती हैं पर वही Willpower strong  नही है … तो उसे कैसे strong  बनाया जाए …

 

 

Apni Willpower Kaise Strong Karey Mahilayen

सबसे पहले तो दृढ निश्चय यानि  determination होना चाहिए.. दिखावा नही खुद से और दिल से …

अपना लक्ष्य एक ही रखें … ये नही कि एक साथ दो दो तीन तीन goal बना लें और किसी को पूरा न कर पाएं … बस एक समय में एक ही goal बना लें और उस पर जुट जाएं ..

कम से शुरुआत करें Start Small एकदम से कहना कि आज तो गेम खेलूगी ही नही …

या आज तो मैं खाना ही नही  खाऊंगी या आज में 2 किलोमीटर सैर करके आऊगी … जी नही … कम से शुरुआत करें और समय हर रोज बढाते रहें जैसाकि आज मोबाईल गेम बस आधा घंटा ही खेलूगी …

या आज एक ही चपाती लूंगी या आज मैं 10 मिनट सैर शुरु करुंगी … तो सही रहेगा … नही तो आप घबरा जाएंगें इतना बढा लक्ष्य होगा तो इसलिए छोटे से शुरुआत करें

टाले नही … सोच लिया तो सोच लिया … आज का कल पर मत  टालें…

टिके रहें … देखिए जब हम कुछ मन में सोचते हैं तो हमें  temptations  होती रहती है जैसाकि आज एक परांठी और ले लेती हूं क्या फर्क पडता है … इसे न होने दें …

Distract Yourself जब भी इस तरह के विचार आएं तो अपना ध्यान किसी और बात में लगा लें … book read or tv , movie

खुद से बात कीजिए .. जो मैं कर रही हूं इसका कितना फायदा होगा और नही किया तो क्या नुकसान हो सकता है … और फिर भी अगर विचार न जाए तो यह सोच लेना चाहिए कि ये

See Your Success

कल्पना कीजिए कि कुछ समय बाद आप जब सफल होंगें तो कितना अच्छा लगेगा आप किसी के लिए प्रेरणा भी बन सकते हैं … Willpower कैसे strong करें

इन सबमें आपकी मदद करेगी योगा, मेडीटेशन …

तो आप करिए और मुझे बताई कि ये टिप्स कितनी हैल्पफुल रहीं या इसके इलावा आपके पास कोई टिप्स हों तो जरुर बताईएगा

Willpower कैसे strong करें महिलाएं

आपके कमेंटस का इंतजार कल फिर मिलूंगी…

August 25, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

छोटे बच्चों को पेरेंट्स न डराएं – Don’t Scare the Little Ones – Parenting Tips In Hindi

बच्चों के लिए अच्छी आदतें

छोटे बच्चों को पेरेंट्स न डराएं – Don’t Scare the Little Ones –  कहीं आप अपने बच्चे को डराते तो नहीं.. is it ever ok to scare your child… Please don’t scare the little ones  बच्चों को डराना क्या सही है ?? पेरेंट्स कहीं आप अपने बच्चे को डराते तो नहीं..

 छोटे बच्चों को पेरेंट्स न डराएं – Don’t Scare the Little Ones 

हाऊ आ जा … मीकू का खाना खा जा वो खाना नही खा रहा …

या अभी ले कर जाती हूं तुझे डाक्टर अंकल के पास सूई लगाएगें तब पता चलेगा …

कहना नही मान रहा ना तू … चल तुझे स्टोर में बंद करते आती हूं तब पता चलेगा …

पडोस वाले अंकल को बोलती हूं वो अपना डॉगी लेकर आएगें … तब समझ आएगी तुझे …

Stop, Don’t Touch. रुक जाओ,  हाथ नही लगाना … ऐसे शब्द हैं  जिससे बच्चे के मन में एक अजीब सा डर घर कर जाता है …

पेरेंट्स खुश हैं कि बच्चे पर कितना रौब है पर वो भूल गए कि ये रौब नही … आपने बच्चे की ग्रोथ को ही रोक दिया … बात बात पर ये कहने से उसमे भयंकर रुप से कॉम्पलेक्स आ गया..

 

अब प्रश्न ये उठता है कि आखिर डरातें हैं पेरेंट्स  इसमे कोई शक नही कि कुछ बच्चे होते हैं बहुत जिद्दी या शरारती जिन्हें संभालना बहुत मुश्किल होता है, जो कोई भी बात जल्दी नहीं सुनते. लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं कि आप उनके मन में बेवजह के डर भर दें.

अक्सर समझदार पैरेंट्स की सोच होती है कि अगर बच्चों को डराएंगे नहीं, तो वे उनकी बात नहीं मानेंगे.

और वो अपने डर को दूर भगाने के लिए वे बच्चों के मन में डर डाल देते हैं, जो बिल्कुल ग़लत है.

एक बात बताईए … अच्छे समझदार पेरेंट्स निडर बनाते हैं या डरपोक ??

पर आप तो बच्चे को ख़ुद डरना सिखा रहे हैं इसलिए ऐसे उदाहरण देकर डराना बंद कीजिए

आप समझदार बनें क्योकि इसके रिजल्ट बहुत खराब होंगे

क्या होगा कि ऐसे डर के कारण बच्चों के मन में असुरक्षा की भावना घर कर जाती है, जो उनके व्यक्तिगत विकास में बाधा बन सकती है. ग्रोथ पर असर पडता है
आत्मविश्वास कम होता जाएगा … हर समय डरे सहमें रहेंगें दूसरे बच्चें मजाक बनाएंगें …

हीन भावना आ जाएगी

क्लास में भी चुप चुप रहेंगें डर के कारण स्कूल की एक्टिविटीज़ में हिस्सा लेने से कतराते हैं, जिसका सीधा असर इनके व्यक्तित्व पर पड़ता है

बच्चों के मन में कई ग़लत धारणाएं बैठ जाती हैं, जिसका उनकी सोच पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है

तो क्या करना चाहिए …

पैरेंट्स को यह बात समझनी होगी कि डर दिखाकर क्या बच्चा वो काम कर रहा है अगर नही कर रहा तो डराने का भी कोई फायदा नही … इसलिए संयम से और प्यार से काम लें
प्यार से जो काम आप करवा सकते हैं, वो डर से कभी नहीं हो सकता.
डर एक बाहरी दबाव है और आप बच्चे को चाहे जितना भी डराएं, जब तक उसके मन में उस काम को करने की इच्छा नहीं होगी, वह उसे नहीं करेगा

तो डराने की बजाय प्यार से समझाएं
क्योंंकि बडे  होने पर भी बच्चों के मन से यह डर निकलेगा

प्यार से अपने बच्चे की बात सुनें और समस्या को दूर करने की कोशिश करें.

बच्चे अगर कोई काम नही कर रहा आनाकानी कर रहा है तो उस के व्यवहार को समझने की कोशिश करें गहराई तक जाने की कोशिश कीजिए

बच्चे को समय दीजिए और बच्चे को प्रोत्साहित करें. पर डराना  या दूसरों के सामने  मजाक न बनाएं

तो अब हाऊ कोई नही … सूई का तो डर होता ही नही … कोई अंधेरा कमरा नही … आत्मविश्वास भरिए पर  डराना मना है

छोटे बच्चों की  पढ़ाई  को तनाव न बनाएं मदर्स – Parenting Tips in Hindi

 

August 24, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

छोटे बच्चों के लंच बॉक्स में क्या दें – Kid Lunch Box Ideas For School – बच्चों का टिफिन के हेल्दी आईडियाज –

बच्चों के लिए अच्छी आदतें

छोटे बच्चों के लंच बॉक्स में क्या दें – Kid Lunch Box Ideas For School – बच्चों का टिफिन के हेल्दी आईडियाज – छोटे बच्चे के टिफिन लंच बॉक्स में क्या दें कि वो healthy  भी हो और वो खा भी ले …यानि टिफिन का खाना खत्म कर दे… बहुत सारी मदर्स ने ये मैसेज करके  पूछा है और यकीन मानिए मुझे बहुत खुशी हुई .. खुशी इस बात की हुई कि कम से कम पढाई से हटा ध्यान और अब सेहत पर तो आया  तो .. इसके लिए आप सभी मदर्स बधाई स्वीकार करें .. तो हम आते हैं लंच बॉक्स पर …

छोटे बच्चों के लंच बॉक्स में क्या दें – Kid Lunch Box Ideas For School

मुझे याद आता है अपना जब मैं छोटी थी यानि 5 क्लास का तो याद है मम्मी टिफिन में सब्जी और  परांठा देते थे . मेरी एक सहेली गांव से आती थी और वो अचार लाती थी हर रोज .. आम का अचार और मैं उसे सब्जी देकर अचार ले लेती थी … वाकई बहुत टेस्टी होता था वो …

चलिए बात हो रही है छोटे बच्चों को क्या दें .. टिफिन देने से पहले ये सोचना ज्यादा जरुरी है कि

हमारा  लंच बॉक्स कैसा हो ? 

इसके लिए टिफिन / लंचबॉक्स बॉक्स साफ़-सुथरा आकर्षक-सा लंच बॉक्स भी अच्छा होना चाहिए ..

रंग बिरंगा स्टीकर वाला हो तो बच्चा और खुश होता है …

कई बार हम सस्ते के चक्कर में ऐसा टिफिन खरीद लेते हैं जिससे प्लास्टिक की smell  आती रहती है तो वो न हो …

और ऐसा भी न हो जिसे बच्चा खोल ही न पाए ..

ख़रीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि टिफिन ऐसा हो, जिसे बच्चे आसानी से खोल व बंद कर सकें.

खाने की अच्छी packing भी भूख बढा देती है इसलिए आकर्षक अंदाज में पैक करे ..  छोटा towel  या पेपर नैपकिन देना न भूले

अब बात आती है कि

खाना कैसा हो

सबसे जरुरी है कि खाना बच्चे की पसंद का हो … अगर उनकी मनपसंद नही होगा तो नही खाएगा ..  या दोस्तों का खाएगा या खरीद कर कैंटीन से लेंगा  .. इसलिए पसंद का हो

ये भी जरुरी है कि हर रोज अलग अलग दें ताकि बच्चे का टेस्ट बना रहे और बोर भी न हो …

खाना टेस्टी, easy to eat  वाला होना चाहिए और हैल्दी, पौष्टिक होना तो बहुत जरुरी है..

बच्‍चों के लंच बॉक्‍स में ज्‍यादातर सूखी चीजें रखनी चाहिए, ताकि उन्‍हें खाने में  आसानी रहे। मिल्क आईटम खराब होने वाली चीज नही दें
आलू का कटलेट या टिक्की बच्चों को बहुत पसंद होती है शलो फ्राई हो.

कई बच्चे पाव भाजी भी बहुत शौक से खाते हैं …bacho ka healthy lunch box

बच्चों को इडली भी दी जा सकती है..

सैंडविच भी अलग अलग दिए जा सकते हैं पनीर का हो या पत्ता गोभी का ..

ओट्स का बेसन का या मूंग की दाल का पूडा या जिसे चिला बोलते हैं वो भी दिया जा सकता है …

भरवां परंठा भी बच्चे बहुत शौक से खाते हैं रोल मोल करके आराम से खा सकते हैं क्योकि खेलना भी होता है इसलिए

पुलाव  भी दे सकते हैं प्याज का मटर का मिक्स … या जो पसंद हो राजमा का भी बहुत शौक होता है तो राजमा वैसे देंगें तो करी बिखरने का डर रहता है तो चावल के साथ मिक्स करके दे सकते हैं …

सलाद भी देना चाहिए .. उसे अलग अलग शेप्स, डिजाईन से बिनारा हुआ हो तो और अच्छा लगता है …

अंकुरित दाल में बहुत पौष्टिक होती है और बच्चों को पसंद भी होती है …

कुछ बातें …

कभी कभी पेपर नैपकिन पर स्माईली फेस बना देना चाहिए और कई बार लव यू लिख देना चाहिए … बच्चे को बहुत अच्छा महसूस होता है … और प्यार जातने के लिए कभी कभी चाकलेट भी रख देना चाहिए और ये बोल देना चाहिए कि खाने के बाद ही लेना प्लीज …

वैसे स्कूल का भी बहुत रोल रहता है कई स्कूल्स में बच्चों के टिफिन पर भी बहुत ध्यान देते हैं और बच्चों को वैराईटी लाने का बोला जाता है … जोकि अच्छी बात है इसी बहाने बच्चे खा भी लेते हैं

तो ये हैं कुछ टिप्स … आप बताईए अगर आपके पास हैं तो … आपके कमेंटस का मुझे इंतजार रहेगा और

छोटे बच्चों के लंच बॉक्स में क्या दें – Kid Lunch Box Ideas For School

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August 23, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

Power Of Positive Thinking In Hindi – सकारात्मक सोच की शक्ति

Life of a Teenager

Power Of Positive Thinking In Hindi – सकारात्मक सोच की शक्ति – हमारी जिंदगी, हमारी  personality का अहम हिस्सा है.. हमारी सोच हमारे thoughts …  सोच positive  हो तो हमारा नजरिया बदल सकती है और negative  हो तो भी सारा नजरिया बदल सकती है…

Power Of Positive Thinking In Hindi – सकारात्मक सोच की शक्ति

मैं आपको दो बातें बताना चाहूंगी जो मैंनें देखा और महसूस किया … हुआ ये कि कल दिल्ली गए हुए थे और सडक पर भारी jam … पैदल वाला व्यक्ति भी हमसे आगे बहुत आगे निकल गया …

मैं कहने लगी कि कैसे लोग हैं कैसे रहते हैं क्या लाईफ है … तभी अचानक एक सायरन की आवाज आई .. पीछे मुड कर देखा तो लगा ambulance है … मैं सोच रही थी कि क्या इसे रास्ता मिलेगा … और देखते ही देखते ambulance हमारे आगे निकल गई …

इतनी खुशी हुई देख कर और अचानक मेरी सोच बदल गई कि वाकई बहुत अच्छे लोग है … हालाकि जिन लोगो ने ambulance को रास्ता दिया इन्होनें उसके पीछे अपनी कार लगा ली कि इसी बहाने जल्दी निकल जाएगें पर बडी बात ये थी कि रास्ता दिया …

 

अचानक मेरे negative सोच पॉजिटिव हो गई …

और एक बात हुए कि कल एक हॉस्पेटिल में जाना हुआ .. वहां एक आदमी प्रसाद बांट रहा था.. और बोले जा रहे थे कि सब ठीक होगा … आप चिंता मत करो … उन्होने बताया जब वो दो दिन पहले आए थे तो उनके रिश्तेदार बहुत सीरियस थे … वो उदास बैठे थे तभी किसी ने प्रशाद दिया और बोला सब ठीक हो जाएगा … आप चिंता मत करो … उस दिन के बाद से उनके रिश्तेदार की सेहत में सुधार होना शुरु हो गया..

बस अब यही काम मैं कर रहा हूं … ना जाने किस की दुआ असर कर जाएं.. तो ये बात है सोच की जिसकी मैं बात कर रही हूं उस समय जितने भी लोग बैठे थे अपने अपने मरीज के लिए सबके मन में उसके लिए दुआए ही निकली ..

वैसे जब हम बहुत परेशानी में हो दुख में हो तो किसी का ये कहना कि चिंता मत करो मैं हूं ना … एक mental support मिलती है ना मानसिक समर्थन उसका दर्जा बहुत ज्यादा होता है जोकि हमारी सोच का नजरिया ही बदल देता है …

इसी बारे में एक कहानी भी लिखी थी और मैंने एक वीडियो में सुनाई थी ..

एक कहानी सकारात्मक सोच पर

कहानी कुछ ऐसे थी कि एक आदमी के पास उसके दोस्त की पत्नी का फोन आता है कि भाई साहब … आपके दोस्त को आपकी मदद की बहुत जरुरत है … ये फोन बहुत साल बाद आया होता है और उसके दोस्त की पत्नी की आवाज बहुत उदास लग रही थी … उसके मुंह से अचानक निकलता है कि चिंता मत करो … मैं हूं ना और बायह कह कर उसने फोन तो रख दिया पर सोचने लगा कि हमारी पैसे की तंगी चल रही है… अगर उन्हें पैसे की जरुरत हुई तो कैसे मदद कर पाएगा …क्योकि उसके परिवार का खर्चा भी बहुत था इसलिए फोन पर बात करने के बाद वो ये सोच कर परेशान हो गया कि आर्थिक तंगी के चलते वो उनकी मदद कैसे कर पाएगा.

इस बीच में वो खुद बात नही करते और कुछ समय बाद फिर फोन आता है … दोस्त की पत्नी का और वो बहुत खुश … कि भाई साहब आपका बहुत बहुत धन्यवाद … अब वो हैरान कि मैंने कुछ किया ही नही … तब वो बताती हैं कि हमें उस समय mental support चाहिए था और वो आपने दिया … फिर वो बताती है कि उन्हें नशा छुडवाना था …

हमे बस एक mental support चाहिए कि हमारे साथ हमारे अपने खडे हैं … आपका ये कहना कि चिंता मत करो … हमारे लिए यही बहुत बडी बात थी… अब इन्होनें नशा छोड दिया है और बहुत जल्दी आपसे मिलने आएगें …

एक positive सोच कितना असर डाल सकती है … अगर वो दोस्त मना कर देता … तो क्या हो सकता था … इसलिए अपनी सोच हमेशा पोजीटिव रखनी चाहिए … दूसरो पर तो फर्क पडता ही है पर हम भी अच्छे इंसान बनते हैं . जरुर सोचिएगा और अगर आपके पास भी ऐसे की कुछ positive सोच वाले उदाहरण हो तो जरुर बताईएगा …

Power Of Positive Thinking In Hindi – सकारात्मक सोच की शक्ति

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