Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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February 20, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

सबसे बड़ा रोग क्या कहेंगे लोग – समस्या का हल

 Art of Public Speaking in Hindi

सबसे बड़ा रोग क्या कहेंगे लोग – समस्या का हल – बहुत सारे मैसेज आते हैं कि हम कुछ करना तो करना चाह्ते हैं पर लोग क्या कहेंगें, लोग क्या सोचेगें … या लोग टोकते हैं तो मैं एक ही बात कहती हूं कि आप तो बहुत लक्की है कि आपको लोग कहते हैं … मैं तो जब कोई कार्टून या वीडियो डालती हूं तो अक्सर कमेंट और लाईक तो दूर की बात है एक चुप्पी सी हो जाती है और लोग ऐसा शो करते हैं मानो उन्होनें कुछ देखा ही नही …(हालांकि देखते सब हैं ) तो क्या मैं भी वीडियो बनाना या कार्टून बनाना छोड दूं कि कोई कुछ कहता ही नही इसलिए मुझे भी ये काम नही करना चाहिए …

सबसे बड़ा रोग क्या कहेंगे लोग – समस्या का हल

तो क्या करना चाहिए ऐसे में ?? बहुत सारे कमेंट और मैसेज मिल रहे हैं और एक कॉलम प्रोब्लम है कि लोग कहते हैं … लोग क्या कहेंगें , सबसे बड़ा रोग क्या कहेंगे लोग , लोग क्या सोचेंगे , लोग कहते हैं मैं सुंदर नही हूं लोग कहते हैं मैं आगे नही बढ सकता … उनके लिए मैं यही कहना चाहती हूं कि लोगो का काम होता है कहना …

 

 

आपने वो बात तो सुनी होगी कि एक आदमी अपने बेटे और गधे के साथ जा रहा था . वो खुद गधे पर बैठा था .. बेटा पैदल जा रहा था ..लोगो ने बोलना शुरु किया कि कैसा बाप है खुद तो आराम से बैठा है और बेटा बेचारा पैदल चल रहा है उन्होने खुद उतर कर बेटे को बैठा दिया आगे चल कर लोग बोले कैसा बेटा है खुद बैठा है और बाप पैदल चल रहा है … ये सोच कर दोनो ही बैठ गए तो लोगो ने कहा कि देखो …

कैसे लोग हैं बेचारे जानवर का तो ख्याल ही नही …

तो क्या करना चाहिए ऐसे में बहरे बन जाना चाहिए … जो ठीक लगे वही करते रहना चाहिए और आगे बढ जाना चाहिए …

एक कहानी मैं हमेशा सुनाती हूं कि कुछ लोग पहाड पर चढ रहे थे नीचे से आवाज आ रही थी कि वापिस आ जाओ तुम नही कर सकते … बहुत लोग वापिस आ गए … एक आदमी उपर तक पहुंच गया … जब वापिस आया तो उससे पूछा कि क्या आपने सुना नही था  उसने इशारा किया कि सुनाई नही दिया बस ध्यान चोटी पर था … तो अब क्या सोचा … बस सार्थक प्रयास करते रहिए … और और स्माईल .. पॉजिटिव ..
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February 19, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

रोचक हिंदी कहानी का खूबसूरत संसार – तीन सीख देती एक कहानी

Importance of Mothers in Life

रोचक हिंदी कहानी का खूबसूरत संसार – तीन सीख देती एक कहानी –   कहानियो का संसार बहुत रोचक होता है. कई बार हमारा मनोरंजन करती हैं तो कई बार सीख भी दे जाती हैं … एक ऐसी ही कहानी मैने पढी जोकि बहुत सीख दे गई …हमें किसी के, कुछ भी कहने पर हमें अपनी राय एकदम से बना लेनी चाहिए या फिर हमें अपनी बात साबित करने के लिए अडिग भी रहना चाहिए और बहस भी करनी चाहिए … ये कितना सही है जानने के लिए सुनिए बहुत ही शिक्षाप्रद और अच्छी कहानी…

रोचक हिंदी कहानी का खूबसूरत संसार – तीन सीख देती एक कहानी

बहुत समय पहले की बात है …  राजा था . राजा के तीन पुत्र थे, एक दिन राजा के मन में आया कि पुत्रों को को कुछ ऐसी शिक्षा दी जाये कि समय आने पर वो राज-काज सम्भाल सकें। इसी विचार के साथ राजा ने सभी पुत्रों को दरबार में बुलाया और बोला , “ पुत्रों , हमारे राज्य में नाशपाती का कोई वृक्ष नहीं है , मैं चाहता हूँ तुम सब चार-चार महीने के अंतराल पर इस वृक्ष की तलाश में जाओ और पता लगाओ कि वो कैसा होता है ?” राजा की आज्ञा पा कर तीनो पुत्र बारी-बारी से गए और वापस लौट आये। सभी पुत्रों के लौट आने पर राजा ने पुनः सभी को दरबार में बुलाया और उस पेड़ के बारे में बताने को कहा।
पहला पुत्र बोला , “ पिताजी वह पेड़ तो बिलकुल टेढ़ा – मेढ़ा , और सूखा हुआ था .”

“ नहीं -नहीं वो तो बिलकुल हरा –भरा था , लेकिन शायद उसमे कुछ कमी थी क्योंकि उसपर एक भी फल नहीं लगा था .”, दुसरे पुत्र ने पहले को बीच में ही रोकते हुए कहा।

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फिर तीसरा पुत्र बोला , “ भैया , लगता है आप भी कोई गलत पेड़ देख आये क्योंकि मैंने सचमुच नाशपाती का पेड़ देखा , वो बहुत ही शानदार था और फलों से लदा पड़ा था .”

और तीनो पुत्र अपनी -अपनी बात को लेकर आपस में विवाद करने लगे कि तभी राजा अपने सिंघासन से उठे और बोले , “ पुत्रों , तुम्हे आपस में बहस करने की कोई आवश्यकता नहीं है , दरअसल तुम तीनो ही वृक्ष का सही वर्णन कर रहे हो। मैंने जानबूझ कर तुम्हे अलग- अलग मौसम में वृक्ष खोजने भेजा था और तुमने जो देखा वो उस मौसम के अनुसार था।

मैं चाहता हूँ कि इस अनुभव के आधार पर तुम तीन बातों को गाँठ बाँध लो : पहली , किसी चीज के बारे में सही और पूर्ण जानकारी चाहिए तो तुम्हे उसे लम्बे समय तक देखना-परखना चाहिए . फिर चाहे वो कोई विषय हो ,वस्तु हो या फिर कोई व्यक्ति ही क्यों न हो।

दूसरी , हर मौसम एक सा नहीं होता , जिस प्रकार वृक्ष मौसम के अनुसार सूखता, हरा-भरा या फलों से लदा रहता है उसी प्रकार मनुषय के जीवन में भी उतार चढाव आते रहते हैं , अतः अगर तुम कभी भी बुरे दौर से गुजर रहे हो तो अपनी हिम्मत और धैर्य बनाये रखो , समय अवश्य बदलता है।

और तीसरी बात , अपनी बात को ही सही मान कर उस पर अड़े मत रहो, अपना दिमाग खोलो , और दूसरों के विचारों को भी जानो। यह संसार ज्ञान से भरा पड़ा है , चाह कर भी तुम अकेले सारा ज्ञान अर्जित नहीं कर सकते , इसलिए भ्रम की स्थिति में किसी ज्ञानी व्यक्ति से सलाह लेने में संकोच मत करो।

रोचक हिंदी कहानी का खूबसूरत संसार – तीन सीख देती एक कहानी ..

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February 18, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

आप कैसे हैं – खुद को जाने

मटके का पानी छी होता है क्या

आप कैसे हैं – खुद को जाने -कितने लापरवाह है हम , आईए खुद को जानें कि कैसे हैं हम … कई बार हम गल्तियों को खुद ही आमंत्रित करते हैं और दुखी और परेशान  रहते हैं तो चलिए जानते हैं कि किन बातों को लेकर हम सजग नही हैं…

आप कैसे हैं – खुद को जाने

घरेलू नुस्खे अक्सर कामगार होते हैं पर घरेलू सलाहे अक्सर कामगार नही होती. मेरी सहेली को कमर मे दर्द हुआ और उन्ही के खास मित्र ले आए एक झटका देने वाले को. उस व्यक्ति ने विश्वास दिलाया कि उसका झटका उनका दर्द एक झटके में दूर कर देगा.

दो दिन,दो दो मिनट को वो आया और तीसरे दिन उसे बाहर से ही अलविदा कर दिया गया. असल मे, कमर दर्द तो ठीक हुआ नही उपर से हाथ मे पैरो मे भयंकर दर्द और बैठ गया.

 

जब डाक्टर के लेकर गए तो डाक्टर ने गुस्सा किया कि पढे लिखे होने के बावजूद ….!!!

अभी भी वो बैड रेस्ट पर हैं. वैसे ऐसे मे बहुत जरुरी है कि सोच समझ कर ही कदम उठाए कही मामला उल्टा ही ना पड जाए ! वैसे बात सिर्फ इतनी नही कुछ बातें हैं जिनके प्रति हम सभी लापरवाह हैं और वो हमारी जिंदगी में नेगेटिव असर डालती हैं

हम technology के गुलाम बन गए हैं

sitting is injurious to health

हम तो कुछ भी खा सकते हैं

खुद से झूठ बोलते हैं

हम खुद के ही डॉक्टर हैं

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जैसाकि टेकनोलोजी के आधीन हो गए है सारा सारा दिन लैपटाप कम्प्यूटर पर लगे रहते है.. न व्यायाम न सैर … लगे भी रहते हैं बैठे भी रह्ते हैं काम के चक्कर में सोने को यानि आराम पर ध्यान ही नही देते … जिससे बहुत तकलीफे जकड लेती हैं …

खाने पीने का  ख्याल नही रखते … कुछ् भी खा लेते हैं बिना यह जाने कि ये हमे कितना फायदा या नुकसान दे सकती है …

और खुद के डाक्टर बन जाते हैं हलका सा दर्द हुआ दवाई खाली या किसी से पूछ लिया … किसी ने इलाज करवाया वो ठीक हो गया तो बिना समझे बूझे  खुद ही वही ईलाज शुरु कर देते हैं …

ये भी बिल्कुल सही नही है …

खुद से झूठ बोलते हैं मान लीजिए कोई सिग्रेट पीता है बोलेगें जरा मैं सैर करके आ रहा हूं … करते क्या है पार्क में खडे होकर सिग्रेट पीते है … इससे किसको नुकसान है …

बाकि जितना मैं आपको देख पा रही हूं आप बहुत समझदार हैं … है ना !! तो कल …

आप कैसे हैं – खुद को जाने …

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February 17, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

Appreciation is Important in Our Life – दूसरों की प्रशंसा करें

Appreciation is Important in Our Life

Appreciation is Important in Our Life – दूसरों की प्रशंसा करें – Excellent , Remarkable , GREAT, AWESOME,  SO NICE, WONDERFUL, YOU CAN DO IT अरे वाह कमाल है, बहुत खूब … You are an inspiration , You’re the best , You make me happy , You’ve been very helpful जैसे appreciation words क्या हम नियमित बोलते रहते हैं या महीने में एक आधी बार वो भी मुश्किल से … ??

Appreciation is Important in Our Life – दूसरों की प्रशंसा करें –

जिंदगी में किसी की सराहना करना बहुत जरुरी होता है. किसी की पीठ थपथपाने से न सिर्फ किसी का नजरिया बदल सकता है बल्कि उसकी जिंदगी में भी एक जबरदस्त बदलाव ले कर आ सकता है …मेरी सहेली का बेटा बहुत बीमार था पर स्कूल जाने की जिद कर रहा था … उसका कोई class test भी नही था… जब मैने पूछा कि 102 बुखार में किसलिए जाना चाह रहे हो वो बोला कि आज स्कूल में function है … तो मुझे लगा कि शायद वो किसी में participate कर रहा होगा … इसलिए जाना चाह रहा है … वो बोला कि नही … वो हिस्सा भी नही ले रहा … ??? तो क्या वजह है न क्लास टेस्ट न किसी में participation तो फिर किसलिए इतने तेज बुखार में वो स्कूल जाना चाह रहा है …???

मैं अपनी सहेली के घर गई हुई थी .. उनके बेटे को बुखार था और वो स्कूल जाने की जिद कर रहा था … मेरे पूछने पर कि आराम क्यो नही कर रहे उसने बताया कि स्कूल में फक़्शन है .. मुझे लगा कि वो भी किसी में हिस्सा ले रहा होगा … शायद इसलिए पर वो बोला कि नही … वो किसी में नही है पर अपने दोस्तों को चीयर्स अप करने जाना है … उनका उत्साह बढाने जाना है …

सच में एक बार तो मैं हैरान रह गई …क्या सिर्फ इसलिए और यकीन मानिए सुनकर अच्छा भी लगा और मुझे एक कहानी याद आ गई जो मैने कुछ समय पहले नेट पर ही पढा थी

एक प्रेरक कहानी …

एक स्कूल मे सांस्कृतिक कार्यक्रम होना था. एक बच्चे का बहुत मन था कि वो भी उसमे हिस्सा ले.उसकी मम्मी भी चाह्ती थी . टीचर ने बच्चो को ओडिशन के लिए बुलाया. बच्चे ज्यादा थे और कार्यक्रम कम थे.
खैर, वह दिन भी आ गया. सभी बच्चे अपने अभिभावकों के साथ पहुंचे. एक बंद हॉल में टीचर बच्चों का आडिशन ले रहे थे. बाहर बैठे माता पिता परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे थे.
थोडी देर बाद बच्चे कुछ बच्चे चहकते हुए और बाक़ी चेहरा लटकाए हुए, बाहर आए. वो बच्चा दौड़ता खुश होता हुआ अपनी मां के पास आया. मां बच्चे को देख कर खुश हुई और सोचा कि बच्चा खुश बाहर आया है जरुर वो भी किसी मे हिस्सा ले रहा होगा.

तभी बच्चा बोला ‘जानती हो मां, क्या हुआ?’ मां ने चेहरे पर अनजानेपन के भाव बनाए और उसी मासूमियत से बोली, ‘नही , पता नही आप बताओ क्या हुआ???
बच्चा उत्साह से बोला, ‘टीचर ने सभी से अभिनय कराया. वो जो रोल चाहता था, वह तो किसी और बच्चे को मिल गया. लेकिन जानती हो, उसकी भूमिका तो नाटक के किरदारों से भी बड़ी मजेदार है।’ मां को बड़ा आश्चर्य हआ कि ऐसा क्या रोल मिला है ।

बच्चा बेहद उत्साहित होकर बोला, ‘ अब मैं ताली बजाने और साथियों का उत्साह बढ़ाने का काम करूंगा”

हमें भी जिस किसी की कोई भी बात अच्छी लगे उसे प्रोत्साहित जरुर करना चाहिए … ना जाने हम इसमे कंजूसी क्यो कर जाते है … मुझे वाकई में उस बच्चे की बात सुनकर उसकी बीमार होने पर जाने की जिद बहुत अच्छी लगी …

WOW , GREAT, AWESOME, THANKS,  SO NICE,  WONDERFUL,  YOU CAN DO IT अरे वाह कमाल है, बहुत खूब … किसी को आपकी  appreciation  का इंतजार है …

Why Appreciation is Important in Our life – के बारे में आपके क्या विचार हैं ???

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February 16, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

Some easy tips to lose weight – 5 Tips

मटके का पानी छी होता है क्या

Some easy tips to lose weight – 5 Tips – ब्रेकफास्ट राजा की तरह, lunch राजकुमार की तरह और dinner भिखारी की तरह करना चाहिए . अगर पांच सफेद चीजे सही प्रकार से लें तो मोटे होने से, कुछ हद तक  बचा जा सकता है चीनी, नमक ,मैदा, दूध डबल टोंड ,चावल..

 Some easy tips to lose weight – 5 Tips

मैं एक आर्टिकल पढ रही थी कि ब्रेकफास्ट ,सुबह का नाश्ता राजा की तरह, lunch राजकुमार की तरह और dinner भिखारी की तरह करना चाहिए.सुबह के समय कुछ खा लेना ही काफी नहीं है, बल्कि सेहत और दिन भर ऊर्जा से भरपूर रहने के लिए पूरी मात्रा में संतुलित भोजन करना चाहिए

तभी एक जानकार घर आई उनका 3 क्लास में पढने वाला बेटा भी था साथ में … बातो बातो में जानकार ने  बताया कि अगले महीने वो बेटे के स्कूल जाना है पेरेंट टीचर मीटिंग है … तभी बेटा चिल्लाया … बिलकुल नही आप और पापा नही आओगें बस … वो बोली एक महीने मे थोडॆ ही ना कम होगा वेट …

मैं हैरान कि अरे भई क्या हुआ … !!  …क्योकि मैं जानती थी कि उनका बेटा तो बहुत होशियार है हर साल् क्लास में फर्स्ट आता है … तो फिर क्या हुआ … इस पर बेटे ने ही बताया कि उसके सभी दोस्तो के मम्मी पापा पतले पलते और स्मार्ट है पर मेरे मम्मी और पापा दोनो मोटे हैं और मुझे शर्म आती है …

उस समय तो दोनो दस मिनट बैठ कर चले गए पर मैं यही सोच रही हूं कि वैसे ये कहानी घर घर की है … हमारा खान पान ऐसा बना हुआ है कि उसमे फास्ट फूड , बासी , तला हुआ सब होता है … वैसे अगर कुछ बातो का ख्याल रखें तो थोडा तो ठीक रहा ही जा सकता है अगर रसोई की बात करें तो पांच सफेद चीजे सही प्रकार से लें तो मोटे होने से, कुछ हद तक …  बचा जा सकता है क्या चीजे होती है …

चीनी,

नमक ,

मैदा,

दूध डबल टोंड ,

चावल …

आयुर्वेद में सेंधा नमक को सबसे उत्तम माना गया है। सेंधा नमक लाखों साल पुराना समुद्री नमक है जो पृथ्वी की गहराइयों में दबकर बनता है। यह नमक स्वास्थवर्धक और भोजन का स्वाद बढ़ाने वाला होता है। बहुत ही कम लोगों को इस बारे में पता है कि सेंधा नमक इंसान को कई रोगों से बचा सकता है।

डबल टोंड दूध  होल मिक्ल (whole milk) के साथ स्किम्ड मिल्क या स्किम्ड मिल्क पाउडर मिलाकर बनाया जाता है। परंपरागत रूप से इसे, भैंस के दूध के साथ सूखा स्किम्ड मिल्क मिलाकर बनाया जाता है। ये लो-फैट और लो-कैलोरी  वाला होता है इसलिए जो लोग वजन कम कर रहे होते हैं उनके लिए ये दूध सबसे अच्छा विकल्प होता है।

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मैदा गेहूं से बनता है. एक ओर जहां गेहूं को स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है वहीं मैदे को खतरनाक. इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि मैदा बनाते समय गेहूं के ऊपरी छिलके को हटा दिया जाता है. जिससे उसका फाइबर निकल जाता है.

ऐसे में उसमें किसी प्रकार का डाइट्री फाइबर नहीं रह जाता इसलिए जब कोई मैदे से बनी सामग्री का सेवन करता है तो ये पूरी तरह से पच नहीं पाता है. सही से पाचन न हो पाने के कारण इसका कुछ हिस्सा आंतों में ही चिपक जाता है और कई तरह की बीमारियों का कारण बन सकता है. इसके सेवन से अक्सर कब्ज की समस्या हो जाती है.

साथ ही मैदा बहुत अधिक मात्रा में तेल भी सोखता है. अधिक मात्रा में तेल के सेवन से भारीपन बना रहता है. ऐसे में कोशिश की जानी चाहिए कि मैदे से बनी चीजों का कम से कम सेवन करें.

चावल मांड निकाल कर लें,

Brown rice भी बहुत अच्छा रहता है पर अगर सफेद चावल को उबाल कर मांड निकाल कर लेंगें तो भी सही ही रहेगा …

जीवन मे सफल होना  हैं तो स्वस्थ रहें … अपने स्वास्थय  का ख्याल रखना हमारी प्रमुखता होनी चाहिए… अगर हम चाह्ते हैं तो ….

 

खुश रहने का तरीका क्या है – Monica Gupta

खुश रहने का तरीका क्या है – जिंदगी में हमेशा हम खुश रहना चाह्ते हैं पर कोई न कोई बात ऐसी हो जाती है कि हमे दुखी कर देती है तो कैसे रहे खुश ?खुश रहने का उपाय read more at monicagupta.info

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February 15, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

कर्म ही इंसान की पहचान है – एक प्रेरक कहानी

 Art of Public Speaking in Hindi

कर्म ही इंसान की पहचान है – एक प्रेरक कहानी  – karam hi insan ki pehchan hai –
व्यक्ति की पहचान उसकी पोशाक से नही होती बल्कि उसके कर्म से होती है , जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए और जिंदगी में आगे बढने के अच्छे काम करने चाहिए…जिंदगी बेहतर होती है जब हम खुश होते है  लेकिन बेहतरीन तब होती है जब दूसरे हमारी वजह से खुश होते हैं …..

कर्म ही इंसान की पहचान है – एक प्रेरक कहानी

एक सहेली को किसी काम से फोन किया तो वो उदास सी बोल रही थी मेरे पूछ्ने पर बताया कि आज के बच्चे किसी की सुनते ही नही … मेरे पूछ्ने पर कि हुआ क्या तो बोली कल blood donate डोनेट कर के आया है … सुनकर मैने ये कहा कि अरे ये तो अच्छी बात है …

बहुत अच्छा काम किया तो इस पर वो बोली कि अच्छे काम का ठेका हमी ने ही थोडे ना लिया हुआ है इतनी बडी दुनिया है … कोई और दे आए … पर बच्चे समझते ही नही और बाद मे फोन करती हूं कह कर फोन रख दिया …

 

और मैं सोचने लगी कि न तो हम अच्छा काम करते हैं और अगर कोई और करता है तो उसे सराहते ही नही …महत्ता समझते हैं तो बस घर बंगला ,धन दौलत रुपया पैसा इसी की महत्ता समझते हैं और इसी के पीछे भागे जा रहे हैं

वैसे इसी बात पर एक कहानी याद आ रही है कि एक बहुत अमीर आदमी था. उसका बेटा बस अपने मे ही रहता था पैसे का घमंड ही करता रहता था …  किसी की कोई मदद नही कोई एप्रीशियेशन नही … कुछ नही करता था …  अमीर आदमी  जब मरने लगा  अपने बेटे को पास बुला कर बोला कि बेटा जब मैं मर जाउं तो ये फटी जुराब जरुर पहना देना …

ये कहते कहते वो मर गया… शमशान धाट ले जाने से पहले वो जब फटी जुराब पहनाने लगा तो पंडित जी ने मना किया कि ये सही नही है पर बेटा अडिग रहा कि पिता जी  ने कहा था … बहुत गहमा गहमी हो गई और पंडित जी ने और पंडितो की बैठक बुलाई … जब बैठक चल रही थी तो एक आदमी अमीर आदमी की वसीयत लेकर लडके पास आया कि आपके  पिता ने कहा था कि आप इसे जरुर पढ लें …

उस पर लिखा था … मेरे बेटे देखा तुमने … कार , बंगला हीरे जवाहारात तो दूर की बात है मैं तो फटी जुराब तक साथ लेकर नही जा सका … इस धरा पर सब धरा रह जाएगा .. जाएगा तो बस हमारे अच्छे कर्म  …

इसलिए कर्म अच्छे करो , सम्मान दो, लोगो को अच्छा बनने की शिक्षा दो अपनी शिक्षा से लोगो को जागृत करो  ताकि जाने के बाद भी लोग हमे याद करें .. जब काम ही नही करेंगें तो कौन याद रखेगा … अब उसे समझ आ गई थी … अच्छे काम करने शुरु किए सम्मान करना शुरु किया …

कहने का मतलब यही है कि हम बस धन दौलत रुपया पैसा के पीछे ही भागते रहते हैं जबकि हमें अच्छे कर्म करने चाहिए लोगो अपना पन भाई चारा , रखना चाहिए उनकी जितनी हो सके मदद करनी चाहिए … ये तो एक उदाहरण था … तो कहिए क्या सोचा आपने …

कर्म ही इंसान की पहचान है – एक प्रेरक कहानी
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