Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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May 2, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

Understanding Children – बच्चों को कैसे समझें – Understand Your Child – Parenting Tips in Hindi

Understanding Children

Understanding Children – बच्चों को कैसे समझें – Understand Your Child- Parenting Tips in Hindi – बच्चों को समझाए नही समझें parents – बच्चों को समझना बहुत जरुरी है क्योकि एक बार parents अपने बच्चों के स्वभाव, उनकी भावनाओं को समझ गए तो ये रिश्ता बहुत खूबसूरत बन जाएगा… पर समझें कैसे बच्चों को.. बात बात पर वो जिद करता है, रोता है, सामान फेंकता है ,खाना नही खाता 100 तरह की बातें हैंतो चलिए…

Understanding Children – बच्चों को कैसे समझें – Parenting Tips in Hindi

जरुरी 7 बातें जानते हैं.. कि पेरेंटस बच्चों को कैसे समझे ??

1. Observe करें..

कब, क्यों, कहां .. वो क्या कर रहा है, किस तरह से कर रहा है, क्यों कर रहा है… कैसे खेल रहा है, कैसे दोस्तों से बात कर रहा है, कैसे बात करता है, गुस्सा कब आता है खुश कब होता है  हर बात Observe करें और इसका मतलब ये नही कि तुलना करें कि भाई की तरह नही करते या तुम्हारी दीदी तो ऐसे करती है तुम कैसे करते हो… नहीं… ऐसा नहीं… बल्कि ये सोच कर कि हर बच्चा unique होता है और उसकी अपनी ही  personality होती है… जज नही बनना बस Observe करना है उसे बेहतर रुप से जानने के लिए… जरुरी है कि उनके साथ समय बिताना है.. तो दूसरी बात यही है कि

2. बच्चों के साथ Quality Time बिताना है.. इसमे ध्यान देने वाली बात ये है

quantity नही हो.. आज के समय में मम्मी पापा दोनो बहुत बिजी हैं बहुत सारे काम होते हैं उनके पास करने को ऐसे में Quality Time नही निकल पाता… बात तब होती है जब बच्चे को स्टॉप पर छोडना है या जब पिक करना है… या फिर खाने के समय… जबकि इसके इलावा समय निकालना होगा. बैठ कर बात भी करनी होगी या बच्चे के साथ खेलना होगा.. अगर हमें अपने बच्चे को समझना है तो उनके लिए समय तो निकालना ही होगा.. जब आप शारीरिरिक तौर पर ही नही बल्कि मानसिक तौर पर उसके साथ ही हों..यानि Attention देनी है और अगली बात भी यही है… हर बच्चे को अलग अलग

3. Attention देनी है

एक महिला के बेबी हुआ उनका पहला बेटा 4 साल का है.. अस्पताल में कोई उससे बात ही नही कर रहा था.. सभी उसके छोटे भाई को देखने आ रहे थे… वही मम्मी पापा जिनकी Attention उसे 24 घंटे मिलती थी.. आज नही मिल रही थी तो वो नाराज और चिडचिडा हो रहा था तो उसकी भावनाओं को समझ कर उसे Attention देनी जरुरी है.. जैसा कि मान लीजिए बच्चा स्कूल से आता है बहुत सारी बातें है उसके पास बताने को पर मम्मी शॉपिंग गई है घर में आया के साथ कितनी और क्या बात करेगा वो…

4. Listen…

बोलना अच्छा है पर सुनना भी एक कला है… खासकर जब बच्चा बोले बिन उसकी बात काटे उसे बोलने दीजिए और समझिए कि क्या कहना चाह रहा है… बच्चा शब्दों के फ्रेम तो नही बना सकता जैसे हम बडे बनाते है.. इसलिए उसे बोलने दीजिए और समझिए कि क्या कहना चाह रहा है.. ऐसे नही कि हां बोल मैं सुन रहूं और ध्यान हमारा मोबाइल मैसेज मे है एक दम सही से eye contact बनाते हुए बॉडी लैंग्वेज ऐसी हो कि बच्चे को लगे कि उसकी सारी बात सुनी जा रही है..

5. फोकस रखिए

बच्चे जो बनाते है उस पर फोकस रखिए… जैसा कि मान लीजिए एक family  है मम्मी पापा और दो बच्चे एक बच्चा अभी 2 महीने का है और उसे स्कूल मे मिलता है कि ड्राईंग बनाओ My Family  तो वो मम्मी पापा और खुद को बनाता है.. छोटे भाई को नही बनाता… जैसाकि नाराज है या jealousy है… इससे पता चल जाएगा कि बच्चे के मन में क्या चल रहा है… ऐसी बहुत सारी बातें होती हैं जैसा कि जब भी बाहर धूमने की बात होती है वो हमेशा sea  बनाता है.. ऐसी बातों से हम हम जान सकते हैं.. इसलिए जरुरत है कि फोकस रखें..

6. दूसरे बच्चों को Observe करें-

अपने बच्चे को बेहतर समझने के लिए हम दूसरे बच्चों को Observe कर सकते हैं पर ये तुलना नही है आमतौर पर जब मदर्स मिलती है तो अपने बच्चों की बात बताती है… उससे बच्चों की अलग अलग abilities जानने का मौका मिलता है पर अगर पेरेंटस compare करने लगे तो सही नही है… परवरिश में कही न कही कमी रह गई तो उसे सुधारा जा सकता है

7. समाननूभूति Empathy रखिए…

बच्चे के एंगल से ही सोचें.. बच्चा से बडा बन कर बात करेंगे तो बच्चा सारी बात नही बता पाएगा.. आराम से प्यार के लहजे से बात करनी होगी… अगर उसने कुछ गलत किया तो भी.. झूठ बोला चोरी की तो कारण जानना होगा कि उसने ऐसा किया.. आराम से बच्चे से बात करेंगें तो वो सारी बात खुल कर भी बता देगा.. पर डर दिखा दिया तो… अंत होगा मार पिटाई और ये कोई हल नही है.. Empathy important quality है जिसे parents को develop करना चाहिए.

तो ये हैं कुछ बातें अगर इन बातों का हम ध्यान रखना शुरु करेंगें तो यकीनन बच्चे से हमारा रिश्ता खूबसूरत बन जाएगा..

Understanding Children – बच्चों को कैसे समझें – Parenting Tips in Hindi

November 29, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

Overcome Fear of Darkness in Kids – क्या करें जब बच्चे अंधेरे से डरें – बच्चों का डर कैसे दूर करें – Parenting Tips in Hindi

Overcome Fear of Darkness in Kids

Overcome Fear of Darkness in Kids – क्या करें जब बच्चे अंधेरे से डरें – बच्चों का डर कैसे दूर करें – Parenting Tips in Hindi – क्या करें जब बच्चा अंधेरे से डरे… जल्दी सुलाने के चक्कर में कुछ parents ये डर बैठा देते हैं कि सो जाओ नही तो हाऊ bhoot आ जाएगा… या जो बच्चे देर से सोते हैं उन्हें रात को हाऊ ले जाता है… ऐसा करके हम जाने अंजाने बच्चे के मन मे भय भर रहे हैं… इसलिए ऐसा तो कभी भी नही कहना चाहिए..

Overcome Fear of Darkness in Kids – क्या करें जब बच्चे अंधेरे से डरें – बच्चों का डर कैसे दूर करें – Parenting Tips in Hindi

कई बार कुछ parents ऐसा कहते तो नही पर फिर भी रात को बच्चे को डर लगता है.. वो अकेला कमेरे मे जाना नही चाहता.. लाईट बंद नही करना चाहता… तो ऐसे में क्या करना चाहिए…

 

सबसे पहली बात ये है कि ignore नही करें डर को डर को नजरांदाज न करें Do not ignore your child’s fear. सबसे पहले तो बच्चे की बात ध्यान से सुननी चाहिए कि वजह क्या है… वैसे अगर हम अपना बचपन भी याद करें तो डर तो किसी न किसी बात का लगता ही होगा.. तो जरुरत है वजह खोजने की…

क्या वो डरावनी सीरियल या कार्टून तो नही देखता या…

दोस्त तो ऐसी बात नही करते..

या कमरे में रात को परदे की कोई परछाई तो नही बन जाती … वजह जानने की कोशिश करनी चाहिए…

जबरदस्ती न करे..

कई बार हम बच्चे की भावना को समझते नही और जबरदस्ती करते हैं कि जाओ स्टोर में जाओ या उस कमरे में जाकर आओ… ऐसा न करके बल्कि बातो बातों में कहिए अरे मेरा पर्स कमरे में रह गया जरा ले आना प्लीज… क्योकि बोल कर भेजेगे तो सहमा हुआ जाएगा… और किसी काम मे व्यस्त है तो शायद उसे ख्याल भी नही रहेगा कि वो डरता है… और अगर वो डरता है तो उसके साथ जाईए और उसका डर दूर करवाईए..

तुलना नही करनी चाहिए अरे आपका दोस्त तो नही डरता या आपका भाई तो नही डरता ऐसा भी नही कहना चाहिए.. उसकी मासूम भावनाओ का आदर करना चाहिए..

मजाक नही बनाना चाहिए बच्चे के सामने उसके दोस्त को या उसके दोस्त के मम्मी पापा को हसते हुए बताना कि ये तो डरता है … ऐसा नही करना चाहिए…बच्चे की फीलिंग हर्ट होती है..  या बच्चे को जताना कि आप तो दब्बू हो डरपोक हो…ऐसे कोई डरता है क्या आप बच्चे नही हो अब बडे हो गए हो… कोई सुनेगा तो क्या कहेगा…

बच्चे से बात करें

एक दम शांत भाव से बच्चे की सारी बात सुनकर उसका डर दूर करने का प्रयास करना है… उसे समझाना है…

क्या होता है कब होता है … और सारी बात जानने समझने की कोशिश करें और आराम से सारी बात समझे और फिर कदम उठाएं..

अगर अंधेरे से डर लगता है तो बिल्कुल अंधेरा न रखे हल्की सी लाईट रह्ने दे कमरे में… \

दोस्त तो ऐसी बात नही करते.. तो उन्हें समझाईए

कई बार बच्चे परदे पर आ रही किसी परछाई को भूत समझ लेते हैं तो उन्हें साथ ले जाकर बताईए कि ये परछाई किस चीज की है…और परछाई से क्या क्या मजेदार बन सकता है वो भी कुछ करके दिखाईए.. यानि उसी बहाने डर दूर करने की कोशिश कीजिए…

Overcome Fear of Darkness in Kids

टीवी पर हॉरर सीरिल बंद कर दीजिए… जिसे देख कर मन में अजीब ख्याल आए वो न देखें और न ही देखने दें

बहादुर बनाईए सोने से पहले अच्छी और बहादुरी की कहानियां सुनाना अच्छा रहता है ताकि बच्चा बहादुर बनें.. या फिर डिटेक्टिव बन कर गोगल्स लगा कर और जैसे बहुत गहनता से बात हो वैसे करिए और जैसे 007 केस सुलझा लेते है वैसे ही सुलझाईए डर से दो दो हाथ करना सीखाईए डिशूम डिशूम करना सीखाईए जैसा फिल्म में हीरो करता है..

बच्चे के नजरिए से देखने की कोशिश करिए… और समझिए !!

उसे विश्वास दिलाईए कि जब तक आप सो नही जाओगे हम यही बैठे हैं…

बच्चे के मन मे डर है तो उसे दिखाईए कि सारा घर बंद है यहां कोई भी नही आ सकता…

कमरे में भगवान की फोटो भी रख सकते हैं.. उनहें बताईए कि भगवान जहां होते हैं वहां गंदे लोग नही आ सकते…

उन्हे समझाईए कि आप बहुत प्यार करते हैं और हमेशा उनके साथ है… बच्चों के साथ खाकर रात को समय बिताईए

Fear is a normal part of life इसलिए इसे न नजर अंदाज करें न हौव्वा बनाए … भावनाओं को समझ कर इस पर काम  करें और अगर फिर भी कोई हल नही तो जरुर डाक्तर से कनसर्न करें

Overcome Fear of Darkness in Kids – क्या करें जब बच्चे अंधेरे से डरें – बच्चों का डर कैसे दूर करें – Parenting Tips in Hindi

October 10, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

बच्चों में संस्कार – माता पिता की भूमिका – Teach Indian Culture to Children – Parenting Tips In Hindi

Monica Gupta

बच्चों में संस्कार – माता पिता की भूमिका – Teach Indian Culture to Children – Parenting Tips In Hindi – हम अक्सर कहते हैं कि बच्चों को संस्कार सिखलाने चाहिए .. क्या हम ये बात सिर्फ कहते ही हैं या कोई उदाहरण भी बनते हैं…

बच्चों में संस्कार – माता पिता की भूमिका – Teach Indian Culture to Children

मेरी एक जानकार कुछ दिनों के लिए विदेश जा रही थी जब मैं उसके घर मिलने गई तो वो पैकिंग कर रही थी और घर पर थोडा तनाव चल रहा था. उसके घर वाले नाराज हो रहे थे साड़ी मत ले कर जाओ वहां सभी जींस पहनते हैं आप भी जींस खरीद लो … पर उसने साफ साफ मना कर दिया बोली साड़ी ही पहनूंगी… ज्यादा हुआ तो चूडीदार और कुर्ता ले जाती हूं पर जींस नही ..

 

 

कभी पहनी ही नही तो अब किसलिए… ये हमारा कल्चर है … यकीन मानिए … मैं अपनी सहेली के साथ थी.. उनका आठ साल का बेटा वही बैठा था और वो बोलने लगा … इंडिया इंडिया …. चेयर करने लगा और मम्मी से लिपट गया. .. सच मानिए मुझे बहुत अच्छा लगा. ये होते है प्रैक्टिकल संस्कार.. जीता जागता उदाहरण…

बच्चों को सिखाएं – Indian Culture – भारतीय संस्कृति – My Country – India

ये बातें देख कर बच्चा अपना संस्कृति, कल्चर न सीखे हो ही नही सकता… इसमे माता पिता की भूमिका अहम होती है. हमारी पहचान ही हमारे संस्कारों से है और हमें उसे नही छोडना चाहिए.. बात सिर्फ हमारे देश की नही बल्कि विदेश में भी पेरेंटस अपने बच्चों को संस्कार देते हैं. मेरे बहुत जानकार हैं जो विदेश में जाकर बस गए हैं पर बच्चों को संस्कार जरुर भारतीय दिए हुए हैं.

एक मेरी सहेली हैं पुष्प अत्री जोकि 18  साल से न्यूयार्क अपनी फैमली अपने हसबैंड और दो बच्चों नील औए सोनिका के साथ रहती हैं… घर पर हिंदी में ही बात करते हैं.. असल में, उनका इंडिया चक्कर लगता रहता है तो वो ये चाहती हैं कि बच्चे जब इंडिया आएं तो अपनी मातृभाषा न भूलें..

उन्होनें बताया कि विदेश में भी बहुत भारतीय रहते हैं और समय समय पर त्योहार सेलीब्रेट करते रहते हैं. कुछ समय पहले न्यूयार्क में जब इंडिया डे मनाया गया तो वो भी परेड का हिस्सा बनें और बहुत गर्व महसूस हो रहा था.

उन्होनें  ये भी  बताया कि घर पर रामायण, महाभारत की डीवीडी रखी हैं और समय समय पर जरुर देखते हैं हनुमान चालीसा तो बच्चों को लर्न ही है और वहां तो मंदिर या गुरुद्वारों में हिंदी क्लासेस भी लगती हैं…

उनकी देखा देखी एक सहेली निशा जोकि मिशिगन  Michigan रहती हैं वो भी अपने बच्चों को हिंदी में बोलने के लिए प्रोत्साहित कर रहीं हैं.

मुझे भी याद आई एक फिल्म कभी खुशी कभी गम जब काजोल का बेटा जन गन मन गाता है स्कूल में…. तो पूरे हॉल में कितनी तालियां बजी थी…

और ये तो खैर एक दो ही उदाहरण हैं ऐसे न जाने कितने उदाहरण हैं जो विदेश में रहते हुए भी बच्चों को भारतीय संस्कारों के साथ ही बढा कर रहे हैं…

कितने विदेशी बच्चे हैं जो संस्कृत में इतनी खूबसूरती से श्लोक बोलते हैं कि हैरानी होती है. जब विदेशी हमारे कल्चर को इतना पसंद करते हैं तो हमें तो अपना कल्चर आगे लाना ही चाहिए … और हम तो संस्कृत हो या संस्कृति सभी भूलते जा रहे हैं .. तो हमें भी बढ़ावा देना चाहिए और हमारे त्योहार एक बहुत अच्छा उदाहारण बनते हैं…

पैर छूने को ओल्ड फैशन माना जाता है और हैलो हाय का पाठ पढाना ज्यादा सही समझते हैं. इंगलिश बोलनी नही आती तो शर्म महसूस करते हैं जबकि कोई बच्चा विदेश से आए और पैर छुए तो हम कितने प्रभावित हो जाते हैं कि भई ये देखो अपना कल्चर नही भूला…

अगर मन में इच्छा है देश के प्रति प्यार है तो विदेश में भी हम अपने बच्चों को संस्कार दे सकते हैं और इच्छा नही है तो इंडिया में रहते हुए भी बहाने निकल आएगें…

वैसे आप बताईए कि आप क्या सोचते हैं ?

September 26, 2017 By Monica Gupta 1 Comment

छोटे बच्चों को जरुर सीखानी चाहिए ये Skills – Parenting Tips in Hindi – बच्चों की परवरिश के तरीके

Monica Gupta

छोटे बच्चों को जरुर सीखानी चाहिए ये Skills – Parenting Tips in Hindi – बच्चों की परवरिश के तरीके – अकसर पेरेंट्स बच्चों की पढ़ाई लिखाई के इलावा कुछ नही सोचते जबकि पढ़ाई लिखाई के साथ कुछ ऐसी Skills ऐसी हैं जिन्हें हम अगर बच्चों को बचपन से ही सीखाएगें तो जिंदगी में न सिर्फ काम आएगी बल्कि पर्सनल डेवलेमेंट में अहम रोल निभाएगीं..

छोटे बच्चों को जरुर सीखानी चाहिए ये Skills – Parenting Tips in Hindi

तो ऐसी क्या बातें हैं और ऐसी बातें हैं ये ..

 

1 Defense Skills

आत्मरक्षा की ट्रेनिंग जरुर देनी चाहिए ये बहुत ज्यादा जरुरी है अगर स्कूल में नही सीखाते तो भी कहीं बाहर से जरुर सीखवाएं … ये बहुत जरुरी है … You can’t be with your kids all the time to protect them from life’s unpleasant surprises. Survival Skills बच्चे को ये सीखना कि अगर कोई आपके साथ जबरदस्ती करे या या गलत काम करे तो खुद को कैसे बचाना है  self-confidence  होना चाहिए और किस तरह से समझदारी से काम लेना है. उसके लिए

2 First Aid Skills की पूरी जानकारी देना

जैसे मान लीजिए बच्चे को खेलते हुए चोट लग जाए तो उसे training मिली हो accidents and emergencies.पता हो कि क्या करना है कौन सी दवाई लगानी है … ये बहुत ही ज्यादा जरुरी है. फैमली डाक्टर का फोन नम्बर याद रखना आदि

3 बच्चे अपना काम करने की आदत डाले 

बच्चों को अपना काम खुद करने की आदत डालनी चाहिए कई बार क्या अक्सर मम्मी ही बच्चों का स्कूल बैग तैयार करती है और बच्चा टीवी देख रहा होता है … बच्चे को बोलिए कि आप खुद करिए बेशल वही खडे रहिए और उसे सीखाईए … बडे होकर कभी दिक्कत नही आएगी.. बडे होकर जब होस्टल  जाएगें तो उन्हें बहुत दिक्कत आ सकती है.

4 कुकिंग

बेटा हो या बेटी कुछ बातें हमें बच्चों को जरुर सीखानी चाहिए. कुकिंग यानि खाना बनाना … बचपन में हम बच्चे से छोटी मोटी मदद ले सकते हैं और कुछ आसान चीजे खुद बनाने का इंटर्स्ट बनाना चाहिए … आज वो समय तो रहा नही कि सिर्फ खाना बनाना लडकी को ही आना चाहिए अब तो लडकी भी बराबर का काम करती है नौकरी करती है इसलिए दोनो मिलकर घर की गाडी चलाते हैं इसलिए उन्हें आना भी चाहिए … बहुत सारा नही पर थोडा बहुत जैसे चाय बनाना , कॉफी बनाना, खाना गर्म करना सूप बनाना,

5 Laundry

यानि कपडे धोना .. आ सोच रहे होंगें अरे नही … मेरा बच्चा कपडा धोएगा … जी धोएगा नही पर उसे आना चाहिए … कभी उससे रुमाल धुलवा लिया तो कभी जुराबे … ताकि उसे पता हो कि कपडे कैसे धोते हैं …

6 Use of Public Transportation

आमतौर पर हम बच्चे को दिक्कत नही देन चाहते इसलिए अपनी कार से स्कूल छोडना फिर लेने जाना … शाम को टयूशन पर भी ऐसा ही करना … पर बच्चे को आदत डालिए कि कैसे लिया जाता auto, या cab  या बस … ताकि बडे होकर उसे कभी इनका सहारा लेना पडे तो उसे दिक्कत न हो असहज न हो app कैसे डाऊनलोड किया जाता है या  कैब  कैसे बुक करवाई जाती है या metro में जब जाते हैं तो कैसे टिकट ली जाती है.. एक दो बार खुद ले जा कर फिर अकेले की आदत डलवाए

7 Shopping करवाना

बच्चों को समय समय पर बाहर शापिंग के लिए भेजते रहिए उससे वो हिसाब भी रखते हैं और उनमे फीलिंग भी आती है कि उन्होनें कुछ काम किया है. कैसी लानी है पढ कर लानी एक्स्पायरी न हो … कब बनी ??

8 Money Management Skills –  पैसे की वेल्यू समझाना

ये बहुत जरुरी स्किल है जो बच्चों को समझानी चाहिए ये भी समझाना चाहिए कि पैसा की वेक्यू करना बे फालतू खर्च न करना और जमा करके रखना किसलिए जरुरी है. इसके लिए बच्चों को गुल्लक भी दे सकते हैं या बैंक में उनके नाम से एकाऊंट भी खोल कर उन्हें समझा सकते हैं

9 Time Management

समय की वेल्यू करना सीखाना भी बहुत जरुरी है ..समय पर काम न हो तो कितनी सारी प्रोब्लम आ सकती है… टाईम टेबल के हिसाब से चलना उसे जरुर सीखाईए. प्रकृति का ही उदाहरण देकर समझा सकते हैं. दिन अपने समय पर होती है रात अपने समय पर होती है ये समय से न चले तो सब ग़डबड हो जाए..  खुद समय पर उठने की आदत… Wake themselves up on time. बच्चों को अक्सर माता पिता ही उठाते है और ये नही कि बच्चे एक आवाज में उठ गए .. उन्हें उठाते ही रहते हैं इसके लिए जरुरी है बच्चे के अपस अलार्म रख दे और बताए कि आपने खुद ही उठना है..

तो ये तो है थोडी स्किल्स … आप बताईए आप क्या सोचते हैं इस  बारे में …

August 25, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

छोटे बच्चों को पेरेंट्स न डराएं – Don’t Scare the Little Ones – Parenting Tips In Hindi

बच्चों के लिए अच्छी आदतें

छोटे बच्चों को पेरेंट्स न डराएं – Don’t Scare the Little Ones –  कहीं आप अपने बच्चे को डराते तो नहीं.. is it ever ok to scare your child… Please don’t scare the little ones  बच्चों को डराना क्या सही है ?? पेरेंट्स कहीं आप अपने बच्चे को डराते तो नहीं..

 छोटे बच्चों को पेरेंट्स न डराएं – Don’t Scare the Little Ones 

हाऊ आ जा … मीकू का खाना खा जा वो खाना नही खा रहा …

या अभी ले कर जाती हूं तुझे डाक्टर अंकल के पास सूई लगाएगें तब पता चलेगा …

कहना नही मान रहा ना तू … चल तुझे स्टोर में बंद करते आती हूं तब पता चलेगा …

पडोस वाले अंकल को बोलती हूं वो अपना डॉगी लेकर आएगें … तब समझ आएगी तुझे …

Stop, Don’t Touch. रुक जाओ,  हाथ नही लगाना … ऐसे शब्द हैं  जिससे बच्चे के मन में एक अजीब सा डर घर कर जाता है …

पेरेंट्स खुश हैं कि बच्चे पर कितना रौब है पर वो भूल गए कि ये रौब नही … आपने बच्चे की ग्रोथ को ही रोक दिया … बात बात पर ये कहने से उसमे भयंकर रुप से कॉम्पलेक्स आ गया..

 

अब प्रश्न ये उठता है कि आखिर डरातें हैं पेरेंट्स  इसमे कोई शक नही कि कुछ बच्चे होते हैं बहुत जिद्दी या शरारती जिन्हें संभालना बहुत मुश्किल होता है, जो कोई भी बात जल्दी नहीं सुनते. लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं कि आप उनके मन में बेवजह के डर भर दें.

अक्सर समझदार पैरेंट्स की सोच होती है कि अगर बच्चों को डराएंगे नहीं, तो वे उनकी बात नहीं मानेंगे.

और वो अपने डर को दूर भगाने के लिए वे बच्चों के मन में डर डाल देते हैं, जो बिल्कुल ग़लत है.

एक बात बताईए … अच्छे समझदार पेरेंट्स निडर बनाते हैं या डरपोक ??

पर आप तो बच्चे को ख़ुद डरना सिखा रहे हैं इसलिए ऐसे उदाहरण देकर डराना बंद कीजिए

आप समझदार बनें क्योकि इसके रिजल्ट बहुत खराब होंगे

क्या होगा कि ऐसे डर के कारण बच्चों के मन में असुरक्षा की भावना घर कर जाती है, जो उनके व्यक्तिगत विकास में बाधा बन सकती है. ग्रोथ पर असर पडता है
आत्मविश्वास कम होता जाएगा … हर समय डरे सहमें रहेंगें दूसरे बच्चें मजाक बनाएंगें …

हीन भावना आ जाएगी

क्लास में भी चुप चुप रहेंगें डर के कारण स्कूल की एक्टिविटीज़ में हिस्सा लेने से कतराते हैं, जिसका सीधा असर इनके व्यक्तित्व पर पड़ता है

बच्चों के मन में कई ग़लत धारणाएं बैठ जाती हैं, जिसका उनकी सोच पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है

तो क्या करना चाहिए …

पैरेंट्स को यह बात समझनी होगी कि डर दिखाकर क्या बच्चा वो काम कर रहा है अगर नही कर रहा तो डराने का भी कोई फायदा नही … इसलिए संयम से और प्यार से काम लें
प्यार से जो काम आप करवा सकते हैं, वो डर से कभी नहीं हो सकता.
डर एक बाहरी दबाव है और आप बच्चे को चाहे जितना भी डराएं, जब तक उसके मन में उस काम को करने की इच्छा नहीं होगी, वह उसे नहीं करेगा

तो डराने की बजाय प्यार से समझाएं
क्योंंकि बडे  होने पर भी बच्चों के मन से यह डर निकलेगा

प्यार से अपने बच्चे की बात सुनें और समस्या को दूर करने की कोशिश करें.

बच्चे अगर कोई काम नही कर रहा आनाकानी कर रहा है तो उस के व्यवहार को समझने की कोशिश करें गहराई तक जाने की कोशिश कीजिए

बच्चे को समय दीजिए और बच्चे को प्रोत्साहित करें. पर डराना  या दूसरों के सामने  मजाक न बनाएं

तो अब हाऊ कोई नही … सूई का तो डर होता ही नही … कोई अंधेरा कमरा नही … आत्मविश्वास भरिए पर  डराना मना है

छोटे बच्चों की  पढ़ाई  को तनाव न बनाएं मदर्स – Parenting Tips in Hindi

 

August 21, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

छोटे बच्चों की  पढ़ाई  को तनाव न बनाएं मदर्स – Parenting Tips in Hindi

बच्चों के लिए अच्छी आदतें

छोटे बच्चों की  पढ़ाई  को तनाव न बनाएं मदर्स – Parenting Tips in Hindi – आज मैं सिर्फ मदर्स से बात करुंगी… और मेरी रिक्वेस्ट है कि छोटे छोटे बच्चों की पढ़ाई को तनाव न बनाएं … कितने मैसेज आते हैं कि बच्चा होमवर्क नही करता, बच्चा लिखता नही , बच्चे का पढाई में मन नही लगता …  इसके इलावा कुछ नही … बस पढ़ाई पढ़ाई पढ़ाई … यही चाहिए आपको …

छोटे बच्चों की  पढ़ाई  को तनाव न बनाएं मदर्स

कल वीडियो देखी वो शायद वायरल भी हो गई थी उसमें एक महिला अपनी बच्ची को मार कर गुस्से से पढा रही है और 5 या 6 साल की बच्ची होगी वो बुरी तरह घबराई हुई थी … जोर जोर से रो रही थी और बोल रही थी प्यार से पढाना प्यार से पढाना … उस बच्ची के अंदर इतना गुस्सा भरा हुआ था कि मेरे लिए बताना भी मुश्किल है … अगर वाकई मे ये सच थी तो बहुत गलत बात है और अगर वायरल करने के लिए इस खबर को बनाया गया तो और भी बुरी बात है …

 

मुद्दा सिर्फ पढाई ही है

अगर भगवान से भी मांगना हो तो यही मांगेगी कि पढ़ाई ही करे बस .. और कुछ नही … चलिए मान लीजिए भगवान आपकी इच्छा पूरी कर देते है … उसकी जिंदगी में बस पढ़ाई ही है … न खेल न कोई एक्टिविटी  न कुछ … वो बोल भी नही पाता सही से … किसी से नजर मिला कर बात भी नही कर पाता … पर आपको कुछ नही चाहिए सिर्फ पढ़ाई ही चाहिए… फिर क्या करेगी … न उसे कहीं नौकरी मिलेगी न कोई पसंद करेगा और न कोई शादी के लिए आगे आएगा … अब क्या ??

एक बहुत बडा प्रश्नवाचक होगा आपके सामने … सिर्फ पढ़ाई ही सब कुछ नही है.. अगर पढ़ाई  में चाहते हैं कि बच्चा मन लगाए तो उसे खेलने दें , शरारत करने दें …फिर देखिए उसका पढाई के प्रति उत्साह … फ्लेवर जिंदगी में नही होगा तो बहुत बोर लगती है.. आप बच्चे की जिंदगी को जायकेदार बनाईए … असल में तनाव वाली बात उतनी होती नही जितना हम बना लेते हैं …

मैं आपको एक बात बताती हूं … एक दिन एक टीचर ने बच्चों को कहा कि आज मैं एक टेस्ट ले रहा हूं , surprise test…  students  घबरा गए…  कुछ किताबों के पन्ने पलटने लगे तो कुछ सर के दिए notes जल्दी-जल्दी पढने लगे ।

कोई फायदा नही … “ये सब कुछ काम नहीं आएगा….”, और मुस्कुराते हुए बोले, “मैं Question paper आप सबके सामने रख रहा हूँ, जब सारे पेपर बट जाएं तभी आप उसे पलट कर देखिएगा”  पेपर बाँट दिए गए ।“ठीक है ! अब आप पेपर देख सकते हैं, प्रोफेसर ने निर्देश दिया ।अगले ही पल  सभी Question paper को निहार रहे थे, पर ये क्या ?  इसमें तो कोई प्रश्न ही नहीं था…  था तो सिर्फ वाइट पेपर पर एक ब्लैक स्पॉट!ये क्या सर ?  सफेद कागज पर एक ब्लैक स्पाट था … इसमें तो कोई question ही नहीं है,

एक छात्र खड़ा होकर बोला ।प्रोफ़ेसर बोले, “जो कुछ भी है आपके सामने है ।  आपको बस इसी को एक्सप्लेन करना है… और इस काम के लिए आपके पास सिर्फ 10 मिनट हैं…चलिए शुरू हो जाइए…”स्टूडेंट्स के पास कोई चारा नहीं था…वे अपने-अपने answer लिखने लगे समय ख़त्म हुआ, प्रोफेसर ने answer sheets collect की और बारी-बारी से उन्हें पढने लगे ।लगभग सभी ने ब्लैक स्पॉट को अपनी-अपनी तरह से समझाने की कोशिश की थी, लेकिन किसी ने भी उस स्पॉट के चारों ओर मौजूद white space के बारे में बात नहीं की थी ।प्रोफ़ेसर गंभीर होते हुए बोले, “इस टेस्ट का आपके academics से कोई लेना-देना नहीं है और ना ही मैं इसके कोई मार्क्स देने वाला हूँ….

इस टेस्ट के पीछे मेरा एक ही मकसद है ।  मैं आपको जीवन की एक अद्भुत सच्चाई बताना चाहता हूँ…देखिये… इस पूरे पेपर का 99% हिस्सा सफ़ेद है…लेकिन आप में से किसी ने भी इसके बारे में नहीं लिखा और अपना 100% answer सिर्फ उस एक चीज को explain करने में लगा दिया जो मात्र 1% है… और यही बात हमारे life में भी देखने को मिलती है… समस्याएं हमारे जीवन का एक छोटा सा हिस्सा होती हैं, लेकिन हम अपना पूरा ध्यान इन्ही पर लगा देते हैं…

होमवर्क  बच्चे की पढाई अगर टेंशन हटा कर सोचेगें तो समझ भी आ जाएगी और हल भी निकल जाएगा .. हम बच्चे की पढाई को लेकर रोते हैं ये नही सोचते हमारे पास बच्चा है बहुत लोगो के पास तो वो भी नही … हमें भगवान ने पढा लिखा बनाया है ना जाने कितने अनगिनत लोग अनपढ रह जाते हैं जरा नजर उस सफेद पेपर भी डालेंगें तो बहुत कुछ नजर आएगा … जरुरत है टेंशन से बाहर निकलने की

जरुरत है आराम से पैशेंस रख कर प्यार से पढाईए … बच्चे में इंटर्स्ट बनाईए … किसी भी तरह … आप बच्चे को बेहतर जानती हैं ... पढाना एक पेचीदा काम है। इसमें महारत हासिल करने के लिए काफी वक्‍त और मेहनत लगती है।

पर आप कर सकती हैं … वो इसलिए कि बच्चे को मार कर आप खुश नही होती … इसलिए बातईएगा कि आपने बच्चे के सथ किस तरह हैंडल किया .. असल में कई बार परेशानी या तनाव उतना बढा नही होता जितना हम बना लेते हैं

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छोटे बच्चों की सारी जिद मान लेना सही नही

Blogging Tips in Hindi

Blogging Tips in Hindi Blogging यानि आज के समय में अपनी feeling अपने experience, अपने thoughts को शेयर करने के साथ साथ Source of Income का सबसे सशक्त माध्यम है  जिसे आज लोग अपना करियर बनाने में गर्व का अनुभव करने लगे हैं कि मैं हूं ब्लागर. बहुत लोग ऐसे हैं जो लम्बें समय से […]

GST बोले तो

GST बोले तो

GST बोले तो –  चाहे मीडिया हो या समाचार पत्र जीएसटी की खबरे ही खबरें सुनाई देती हैं पर हर कोई कंफ्यूज है कि आखिर होगा क्या  ?  क्या ये सही कदम है या  देशवासी दुखी ही रहें …  GST बोले तो Goods and Service Tax.  The full form of GST is Goods and Services Tax. […]

डर के आगे ही जीत है - डर दूर करने के तरीका ये भी

सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन

सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन – Social Networking Sites aur Blog Writing –  Blog kya hai .कहां लिखें और अपना लिखा publish कैसे करे ? आप जानना चाहते हैं कि लिखने का शौक है लिखतें हैं पर पता नही उसे कहां पब्लिश करें … तो जहां तक पब्लिश करने की बात है तो सोशल मीडिया जिंदाबाद […]

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